Love You जिंदगी – 49

Love You Zindagi – 49

Love You Zindagi Season 3 by Sanjana Kirodiwal
Love You Zindagi Season 3 by Sanjana Kirodiwal

शीतल ने देखा स्टेज के सामने नीचे सोसायटी के वे लोग खड़े थे जिन्हे शीतल रोज सुबह योगा करवाया करती थी। शीतल ये देखकर मुस्कुरा उठी , साथ ही उन बच्चो के माँ-बाप थे जिनके साथ मिलकर शीतल ने सोसायटी में पौधे लगाए थे। शीतल को समझ आ गया कि बच्चो के माँ-बाप ने शीतल को बच्चो की वजह से चुना है। शीतल का मन ख़ुशी से भर गया उसने सोसायटी लीडर के इस सम्मान को सर झुकाकर स्वीकार किया और ये देखकर मिसेज आहूजा का दिल टूट गया , वे अपनी जगह से उठी और पैर पटकते हुए वहा से चली गयी।

शीतल स्टेज से नीचे चली आयी और सब उसे बधाई देने लगे। मिसेज बंसल जो अब तक मिसेज आहूजा की साइड थी शीतल के पास चली आयी और उसे बधाई दी। मिसेज गुप्ता शीतल के पास आयी और शीतल को बधाई दी तो शीतल ने मुस्कुरा कर कहा,”थैंक्यू आंटी”
“चलो ये अच्छा हुआ मिसेज शर्मा और मिसेज आहूजा की जगह तुम सोसायटी की लीडर बन गयी अब इनके बीच का मेटर ही ख़त्म समझो,,,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज गुप्ता ने कहा


“मेटर अभी ख़त्म कहा हुआ है आंटी ? जरा अपना फोन दीजिये”,शीतल ने मिसेज गुप्ता से कहा
मिसेज गुप्ता ने अपना फोन निकाला और शीतल की तरफ बढ़ा दिया। शीतल ने मिसेज शर्मा के फोन में वो विडिओ निकाला जिसमे राज और मिसेज आहूजा के बीच की बाते थी और उसे डिलीट कर दिया।

मिसेज गुप्ता ने देखा तो कहा,”ये क्या किया शीतल , तुमने विडिओ डिलीट क्यों किया ? इस विडिओ से हम मिसेज आहूजा को अच्छा सबक सीखा सकते थे तुम्हे इसे सबूत के तौर पर अपने पास रखना चाहिए था”
शीतल मुस्कुराई और फोन मिसेज गुप्ता की तरफ बढाकर कहा,”मिसेज आहूजा को सबक सिखाने के लिए इसकी जरूरत नहीं है आंटी , सोसायटी के लोग उन्हें सबक सीखा चुके है,,,,,,,!!”


मिसेज गुप्ता को शीतल की बात समझ आ चुकी थी इसलिए उन्होंने कहा,”हाँ शीतल ये तो तुमने सही कहा , सोसयटी के लोगो ने इस बार सच का साथ दिया है। इस बार उन्होंने मिसेज आहूजा को आइना दिखाया है , उन्हें अपने किये की सजा मिल चुकी है”
“सजा मिलनी अभी बाकि है,,,,,,,!”,शीतल ने कुछ सोचते हुए कहा शीतल मिसेज गुप्ता के सामने से हटी और बाकि सबसे मिलने लगी। सभी उसके सोसायटी लीडर बनने पर ख़ुशी जाहिर कर रहे थे।

गुस्से में तिलमिलाई मिसेज आहूजा सोसायटी हॉल से निकलकर अपने फ्लेट में चली आयी और अपने हाथ में पकड़ा पर्स जोर से फर्श पर फेंककर कहा,”मेरे साथ ऐसा कैसे हो सकता है ? वो मिसेज शर्मा की बहू सोसायटी लीडर कैसे बन सकती है , मैं उस से कैसे हार सकती हूँ ?”
मिसेज आहूजा की आवाज सुनकर बिट्टू अपने कमरे से बाहर आती है , उन्हें गुस्से में देखकर बिट्टू ने कहा,”क्या हुआ मम्मा आप इतनी परेशान क्यों है ? आप तो आप तो सोसायटी मीटिंग में गयी थी न,,,,,,,,,,,,,,!!”


बिट्टू की बात सुनकर मिसेज आहुजा ने उसे गुस्से में देखा और उसके पास आकर उसके बालों को पकड़कर खींचते हुए कहा,”ये सब तुम्हारी और उस शीतल की वजह से हुआ है , बहुत शौक था ना तुम्हे उस से मदद लेने का ,, तुम्हारी उस प्यारी शीतल भाभी की वजह से मैं , मैं ये सोसायटी इलेक्शन हार गयी,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए उन्होंने गुस्से में बिट्टू को धक्का दे दिया और वह फ्लेट के दरवाजे की तरफ जा गिरी लेकिन बिट्टू नीचे गिरती इस से पहले अंदर आते राज ने उसे सम्हाल लिया। राज को वहा देखकर मिसेज आहूजा का गुस्सा सांतवे आसमान पर चढ़ गया और उन्होने कहा,”तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”


बिट्टू को सम्हाले राज अंदर आया और बिट्टू से कहा,”तुम अंदर जाओ,,,,,,,,!!”
पहली बार बिट्टू ने राज का ये दूसरा ही रूप देखा था , वह हैरानी से राज को देखने लगी तो राज ने कहा,”मैं जानता हूँ तुम मुझे बिल्कुल पसंद नहीं करती और मैं चाहता भी हूँ कि तुम मुझे पसंद ना करो,,,,,,,,,,,,अब तक मैंने जो किया वो बस एक नाटक था , मिसेज आहूजा को सबक सिखाने के लिए ताकि इन्हे ये अहसास दिला सकू कि एक लड़की को जज करना कितना गलत होता है लेकिन इन्हे तो अपनी सगी बेटी से भी फर्क नहीं पड़ा,,,,,,,,,,,!!”


राज की बात सुनकर मिसेज आहूजा उसे घूरने लगी और बिट्टू उसकी कही बात को समझने की कोशिश करने लगी।
राज ने आगे कहा,”मुझे माफ़ कर दो मैंने बस एक नाटक किया तुम्हारी माँ का सच सामने लाने के लिए,,,,,,,,,,,अब जाओ अपने कमरे में जाओ”
बिट्टू ने सुना तो उसका दिल टूट गया , उसकी अपनी सगी माँ उसके साथ ऐसा बर्ताव करेगी उसने कभी सोचा नहीं था। शीतल को सोसायटी में बदनाम करने के लिए उन्होंने राज से हाथ मिला लिया।


“बकवास बंद करो तुम , तुम्हे शीतल से बदला लेना था इसलिए तुम इस सोसायटी में आये थे मैंने तुम्हे नहीं बुलाया और अब तुम मेरी ही बेटी को मेरे खिलाफ भड़का रहे हो तुम्हे तो मैं,,,,,,,!!”,मिसेज आहूजा ने इतना ही कहा कि बिट्टू एकदम से उनके सामने चली आयी और कहा,”बस मम्मा ! बहुत हो गया , और कितना झूठ बोलेंगी आप , और कितनी नफरत रखेंगी दूसरे लोगो के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,शर्मा आंटी और शीतल भाभी ने कभी आपके लिए गलत नहीं कहा , कभी आपको परेशान नहीं किया फिर भी आप सबसे उनके बारे में बुरा कहती रही ,

उन्हें नीचा दिखाती रही ,, शीतल भाभी गलत नहीं है मम्मा ना ही शर्मा आंटी गलत है,,,,,,,,,,,,इन सब में गलत आप हो,,,,,,,आपकी वजह से मुझे किस डर की वजह से गुजरना पड़ा है ये जानती भी है आप,,,,,,,,,,,,,,आप दुनिया की सबसे बेकार माँ है जो अपने स्वार्थ के लिए अपनी ही बेटी का इस्तेमाल कर रही थी,,,,,,,,,,,,,,,आई हेट यू मम्मा आई हेट यू”


कहते हुए बिट्टू रोने लगी और वहा से चली गयी , वह अपने कमरे में गयी और दरवाजा बंद कर लिया। बिट्टू की बाते सुनकर मिसेज आहूजा को अपनी गलती का अहसास हुआ , उनका चेहरा उतर गया और उन्हें शर्मिंदगी महसूस होने लगी। राज ने उन्हें देखा और उनके पास आकर कहा,”तुम्हारी बेटी के करीब आया तो सोचा तुम्हे बुरा लगेगा लेकिन अपनी नफरत के चलते आप इतना गिर गयी मिसेज आहूजा कि आपको फर्क नहीं पड़ा ,, मुझे आपकी बेटी में कोई दिलचस्पी नहीं है , मुझे शीतल से भी कोई बदला नहीं लेना बल्कि मैं तो इस सोसायटी में वापस आपको सबक सिखाने के लिए आया था।

पहले दिन से ही आप शीतल और उसकी दोस्तों से नफरत करती थी , उनके लिए बुरा बोलना , बुरा सोचना आपकी आदत बन चुकी थी ,, जब सार्थक से शादी करके शीतल इस सोसायटी में हमेशा के लिए आ गयी तो आपने उसका जीना हराम कर दिया। कितनी ही बार उसे सबके सामने नीचा दिखाया , बेइज्जत किया और तो और आपने मुझसे हाथ तक मिला लिया क्योकि आप जानती थी मैं शीतल का पास्ट हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,मिसेज आहूजा , हाँ मैंने शीतल के साथ गलत किया उसे बहुत तकलीफ दी , बहुत परेशान किया ,

शादी के बाद भी उस से बदला लेने के ख्याल से उसकी जिंदगी में वापस भी आया लेकिन इस बार जब उसे सच में सार्थक के साथ खुश देखा तो अहसास हुआ कि हमारे रिश्ते में गलत शीतल नहीं बल्कि मैं था और मैंने हमेशा हमेशा के लिए उसकी जिंदगी से जाने का फैसला कर लिया लेकिन जब मैंने देखा कि आप उस से नफरत करती है तब मैं एक बार फिर इस सोसायटी में वापस आया ताकि आपको आईना दिखा सकू।

शीतल गलत नहीं है मिसेज आहूजा गलत आप है , मैं हूँ , ये सोसायटी है , ये समाज है जो कदम कदम पर शीतल जैसी लड़कियों को जज करता है , उन्हें डराता धमकाता है , उनसे उनकी आजादी उनकी खुशिया छीन लेता है”
राज की बाते सुनकर मिसेज आहूजा का सर शर्म से झुक गया उन्हें अब अहसास हो रहा था कि वे कितना गिर चुकी थी।

राज ने मिसेज आहूजा को देखा और गहरी साँस लेकर आगे कहा,”सोसायटी इलेक्शन में शीतल का नाम मैंने दिलवाया है , सोसायटी के सब लोगो से शीतल के लिए वोट देने को कहा क्योकि इस सोसायटी में सिर्फ वही है जो लीडर बनना डिजर्व करती है। मैं चाहता तो सोसायटी वालो के सामने आपकी धज्जिया उड़ा सकता था लेकिन आपके साथ आपकी बेटी की इज्जत भी जुडी है और मैं नहीं चाहता आपकी गलती की वजह से भविष्य में उसे ऐसी चीजों का सामना करना पड़े जैसे आज शीतल कर रही है,,,,,,,,,,,,,,शीतल जिंदगीभर भी मुझे माफ़ नहीं करेगी तो चलेगा लेकिन मैं फिर से एक लड़की की जिंदगी बर्बाद नहीं कर सकता,,,,!!”


राज ने कहा और जाने के लिए जैसे ही पलटा मिसेज आहूजा के दरवाजे पर खड़ी शीतल को देखकर उसके कदम वही ठहर गए। शीतल के चेहरे से पर कोई भाव नहीं थे बल्कि आँखों में आँसू भरे थे। राज ने जो कुछ भी कहा वह सुन चुकी थी। शीतल को वहा देखकर राज खामोश हो गया। शीतल अंदर आयी और मिसेज आहूजा से कहा,”मिसेज आहूजा ! मै जानती हूँ सोसायटी लीडर ना बनने की वजह से आप बहुत अपसेट है लेकिन मैंने कभी नहीं चाहा मैं इस सोसायटी में लीडर बनू , मैं ऐसी सोसायटी में लीडर बनने का ख्वाब कैसे देख सकती हूँ जिसने आज तक मुझे अपनाया नहीं

जिस सोसायटी ने हमेशा मुझे नीची नजरो से देखा क्योकि शादी से पहले मेरा किसी लड़के से रिश्ता था , जो सोसायटी हमेशा मुझसे बेहतर की उम्मीद करती रही,,,,,,,,,,,,,मैं कभी नहीं चाहती थी मिसेज आहूजा पर आपने मेरे साथ ऐसा क्यों किया ? आप मुझे हराना चाहती थी लेकिन मैं तो कभी इसमें शामिल ही नहीं थी , मुझे आपसे या इस सोसायटी के लोगो से  कभी कोई शिकायत थी ही नहीं फिर आपने मेरे कैरेक्टर पर कीचड़ क्यों उछाला ? मुझे नीचा दिखाने के लिए आपने मेरा अतीत मेरे सामने लाकर खड़ा कर दिया ,,

अपनी ही बेटी को परेशानी में डाल दिया उसके साथ कुछ भी हो सकता था,,,,,,,,,,,,मेरा नहीं कम से कम उसके बारे में,,,,,,,,,,,,,आपने ऐसा क्यों किया मिसेज आहूजा,,,,,,,,,,,,!!”
मिसेज आहूजा खामोश खड़ी शीतल की बातें सुनती रही लेकिन कुछ कहा नहीं , मिसेज आहूजा को खामोश देखकर शीतल का दिल टूट गया वह मिसेज आहूजा से आगे कुछ कह नहीं पायी और राज की तरफ पलटकर कहा,”और तुम राज , क्या तुम्हे भी मुझ पर दया नहीं आयी ,

तुमने भी इनके साथ मिलकर इन सब में इनका साथ दिया,,,,,,,,,चाहे वो साथ इन्हे सबक सिखाने के लिए था लेकिन एक बार फिर सबके सामने तुमने मुझ गलत साबित कर दिया,,,,,,,!!
राज शीतल के सामने आया और कहा,”मुझे माफ़ कर दो शीतल पर इस बार मैं तुम्हारी जिंदगी से हमेशा के लिए जाने के लिए आया था पर जाने से पहले मिसेज आहूजा जैसे लोगो को भी तुम्हारी हंसती खेलती जिंदगी से दूर ले जाना चाहता था।

अगर मैं आकर तुम्हे सच बताता तो तुम कभी मेरी बात का यकीन नहीं करती इसलिए मुझे ये सब करना पड़ा,,,,,,,,,सच क्या है ये पूरी सोसायटी जानती है। मैं हमेशा के लिए तुम्हारी जिंदगी से जा रहा हूँ शीतल और आज के बाद फिर से कोई राज तुम्हारी जिंदगी में नहीं आएगा,,,,,,,,,,,,,एक देवी जैसी लड़की को मैंने इतनी तकलीफ दी , उसका दिल दुखाया , अपने गुस्से और बुरी आदतों के चलते मैंने तुम्हे खो दिया शीतल लेकिन तुम्हारी नयी दुनिया में तुम्हे खुश देखकर मैं खुश हूँ , सार्थक बहुत अच्छा लड़का है उसे खोना मत,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए राज की आँखों में आँसू झिलमिलाने लगे।

पहली बार राज की बातो में सच्चाई और आँखों में पश्चाताप के भाव दिखाई दे रहे थे। राज वहा से बाहर चला गया , शीतल ने एक नजर मिसेज आहूजा को देखा और राज के पीछे चली आयी। फ्लेट से बाहर आकर शीतल ने देखा राज सीढ़ियों से होकर नीचे जा रहा है तो उसने राज को आवाज दी,”राज,,,,,,,,,,,,!!”
शीतल की आवाज सुनकर राज रुक गया। शीतल उसके सामने आयी और कहा,”थैंक्यू,,,,,,,,,,,,!!”


राज फीका सा मुस्कुराया और अपना हाथ शीतल के सर रखकर कहा,”अपना ख्याल रखना और कभी हार नहीं मानना , हमेशा अपने हक़ के लिए लड़ना”
नम आँखों के साथ मुस्कुराते हुए शीतल ने हामी में गर्दन हिला दी। राज वहा से चला गया। शीतल ने भी अपनी आँखों में आये आंसुओ को पोछा और अपने फ्लेट की तरफ चली गई , आज उसका मन राज को लेकर हल्का हो चुका था,,,,,,,,,,,,,,,!!

चंडीगढ़ , अवि का घर
निबी का सच जानने के बाद अवि नैना को लेकर और चिंतित हो गया। वह नैना का पहले से ज्यादा ख्याल रखने लगा। निबी का सच वह नैना और सौंदर्या को बता नहीं सकता था और ना ही नैना को अकेला छोड़ सकता था। नैना को रूटीन चेकअप के लिए विहान के क्लिनिक जाना था और उसके अगले दिन नैना की कीमोथेरपी का दूसरा डोज शुरू होना था। नैना धीरे धीरे कमजोर होती जा रही थी , अब उसे चलने के लिए भी किसी के सहारे की जरूरत थी पर नैना खुशनसीब थी कि अवि उसके साथ था।


नैना के रूटीन चेकअप के बाद विहान ने उसे अगली कीमो के लिए एडमिट कर लिया। नैना को आराम करने के लिए छोड़कर अवि विहान के चैंबर में चला आया। विहान ने अवि को बैठने को कहा। अवि कुर्सी पर आ बैठा तो विहान ने उसे देखा और कहने लगा,”कल नैना की कीमो का दूसरा हफ्ता है और पहली कीमो के बाद से रिजल्ट काफी पॉजिटिव है , लेकिन 2nd कीमो के बाद तुम्हे नैना का और ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत होगी क्योकि इसके बाद नैना को मूड स्विंग्स , डिप्रेशन , हेयर लॉस , वेट लॉस और एंजायटी से गुजरना पडेगा,,,,,,,,,,,,

अगर नैना ने इस समय खुद को पॉजिटिव और मजबूत रख लिया तो हम इस बीमारी से लड़ लेंगे,,,,,,,,,,,!!”
अवि ने सुना तो परेशानी के भाव उसके चेहरे पर उभर आये , उसकी आँखों के सामने नैना का मासूम चेहरा आने लगा और उसने महसूस किया कि नैना से ज्यादा उसे मजबूत होना पड़ेगा,,,,,,,,,,!!”

दोपहर बाद मोंटी और रुचिका अपनी वडा-पाव कार्ट के साथ मोंटी के पुराने ऑफिस के सामने पहुंचे और वहा पहुँचने के बाद दोनों हैरान थे। वहा पहले से काफी भीड़ जमा थी। कुछ स्कूल के बच्चे थे जो पहले दिन मोंटी से वडापाव खाकर गए थे। ये वही बच्चे थे जिन्हे मोंटी ने पहले दिन कम पैसे में वडा पाव खिलाया था। उन्हें देखकर मोंटी खुश हो गया और वड़ा पाव तैयार करने लगा। देखते ही देखते भीड़ बढ़ने लगी मोंटी के हाथ का स्वाद इतना लाजवाब था कि लोग खाने के साथ साथ अब वडा पाव पैक भी करवाने लगे थे।

मोंटी अपने फैसले से बहुत खुश था और साथ ही रुचिका भी उसके इस काम में उसका बराबर हाथ बटा रही थी। देखते ही देखते कुछ घंटो में सेंकडो वडा पाव बिक गए और सारा सामान भी खत्म हो गया।
मोंटी ने कार्ट को साफ किया उसमे सामान जमाकर रुचिका के साथ घर के लिए निकल गया। रात का वक्त था और मौसम काफी सुहावना हो चुका था , ठंडी हवाएं चल रही थी और रुचिका मोंटी के पीछे बाइक पर बैठी हवा के झोंके अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी।

इस नए काम के बाद मोंटी और रुचिका के पास एक दूसरे को देने के लिए वक्त ही वक्त था क्योकि दोनों घर में साथ होते , फिर साथ साथ कार्ट पर काम करते,,,,,,,,,,,,,,,आज कितने दिनों बाद रुचिका और मोंटी बाइक पर ऐसे साथ घूम रहे थे। मोंटी का मूड भी काफी अच्छा था इसलिए उसने गाना शुरू कर दिया
“क्यों आजकल नींद कम ख्वाब ज्यादा है
लगता खुदा का कोई नेक इरादा है
कल का फ़क़ीर आज दिल शहजादा है
लगता खुदा का कोई नेक इरादा है”


मोंटी को गाते देखकर रुचिका ने भी गाना शुरू कर दिया,”क्या मुझे प्यार है , हे या , कैसा खुमार है है या,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह हो”
मोंटी ने सुना तो एक हाथ से बाइक चलाते हुए दूसरे हाथ से उसने रुचिका के हाथ को थामा और अपने होंठो से छूकर सीने से लगा लिया।

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संजना किरोड़ीवाल  

Love You Zindagi Season 3 by Sanjana Kirodiwal
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