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Love You जिंदगी – 47

Love You Zindagi – 47

Love You Zindagi Season 3 by Sanjana Kirodiwal
Love You Zindagi Season 3 by Sanjana Kirodiwal

आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
मिसेज शर्मा की बातों से आहत होकर शीतल दिनभर अपने कमरे में ही रही। शाम में उसने चुपचाप सबके लिए खाना बनाया और बिना खाये वापस अपने कमरे में चली गयी। डायनिंग टेबल पर खाना खाने बैठे सार्थक , मिसेज शर्मा और मिस्टर शर्मा ने देखा शीतल आज खाने पर नहीं आयी है तो है तो उन्होंने सार्थक से शीतल को बुलाकर लाने को कहा। सार्थक उठा और अपने कमरे में चला आया उसने देखा शीतल उदास सी बिस्तर पर बैठी है। सार्थक उसके बगल में आकर बैठा और कहा”,क्या हुआ ? तुम खाना खाने क्यों नहीं आयी ?”


शीतल ने सार्थक को देखा और बुझे स्वर में कहा,”सार्थक क्या तुम्हे भी लगता आज जो हुआ उसमे मेरी गलती थी ? मैंने मम्मी से कितनी बार कहा लेकिन उन्होंने मेरी बात तक नहीं सुनी और सबके सामने मुझे गलत समझ लिया,,,,,,,,,,राज मेरा पास्ट था उसे अपने वर्तमान में शामिल करने की गलती मैं क्यों करुँगी ? इतने दिनों बाद राज वापस क्यों आया है मैं नहीं जानती सार्थक और मेरा उस से कोई कॉन्टेक्ट भी नहीं है,,,,,,,,,,,मिसेज आहूजा की बेटी कुकू ही मुझसे मिलना चाहती थी , जब उसने मुझे राज के बारे में बताया तब मैं बस उसकी मदद करने,,,,,,,,,,मैं सच में नहीं जानती राज यहाँ क्यों आया था ?”


शीतल को दुखी देखकर सार्थक ने अपना हाथ शीतल के हाथ पर रखा और कहा,”शीतल मै जानता हूँ तुम सच कह रही हो , मुझे तुम पर पूरा भरोसा है,,,,,,,,तुम्हारे साथ रहते हुए मुझे कभी ये महसूस नहीं हुआ कि तुमने कभी राज की कमी को अपनी जिंदगी में महसूस किया है,,,,,,,,,,,मम्मी ने तुम से जो कुछ भी कहा वो सब बस एक गलतफहमी की वजह से वरना तुम जानती हो शीतल कि वो तुम से कितना प्यार करती है,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ ! बहुत प्यार करती है इसलिए तो आज सुबह सबके सामने उन्होंने मुझे थप्पड़ तक मार दिया,,,,,,,,,,,उन्होंने मेरी बात तक नहीं सुनी”,शीतल ने आँखों में आँसू भरकर गुस्से से कहा


सार्थक शीतल की बात का कोई जवाब देता इस से पहले दरवाजे पर खड़ी मिसेज शर्मा ने कहा,”मैं शर्मिन्दा हूँ शीतल,,,,,,,,,,मुझे बिना सच्चाई जाने तुम पर हाथ नहीं उठाना चाहिए था,,,,,,,,!!
मिसेज शर्मा की बात सुनकर सार्थक और शीतल ने उन्हें देखा और शीतल बिस्तर से उठ खड़ी हुई। मिसेज शर्मा शीतल के सामने आयी और कहने लगी,”मुझे माफ़ कर दो शीतल , बिना ये जाने कि सच क्या है मैंने तुम्हे गलत समझा,,,,,,,,,उस वक्त मुझे नहीं समझ आया क्या सही है और क्या गलत पर जब मिसेज आहूजा ने तुम्हे और राज को लेकर गलत बातें कही तो मुझसे बर्दास्त नहीं हुआ और गुस्से में आकर मैंने,,,,,,,,,,,,मैं बहुत शर्मिन्दा हूँ शीतल , मुझे माफ़ कर दो,,,,,,,,!!”


मिसेज शर्मा का उतरा हुआ चेहरा देखकर शीतल अपना गुस्सा भूल गयी और रोते हुए उनके गले आ लगी। उसने रोते हुए कहा,”मैंने कुछ गलत नहीं किया है मम्मी , मेरा राज से अब कोई रिश्ता नहीं है,,,,,,,,,,,,मिसेज आहूजा ने आपको सबसे सामने नीचा दिखाने के लिए ये सब किया,,,,,,,,,,,!!”
“मैं जानती हूँ बेटा ! जो हुआ उसे भूल जाओ,,,,,,, हम ये सोसायटी छोड़ देंगे और हमेशा के लिए यहाँ से चले जायेंगे”,मिसेज शर्मा ने कहा


शीतल मिसेज शर्मा से दूर हटी और अपने आंसुओ को पोछकर कहा,”नहीं माँ इस सोसायटी से अब हम नहीं मिसेज आहूजा जाएँगी,,,,,,,,,,बहुत अपमान कर लिया उन्होंने आपका अब मैं उन्हें बताउंगी शरीफ लोगो के बीच कैसे रहा जाता है ?”
मिसेज आहूजा ने शीतल का हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”नहीं शीतल ! मिसेज आहूजा ने जो किया उसकी सजा उन्हें पहले ही मिल चुकी है राज के रूप में,,,,,,,,हमे इन सब में नहीं पड़ना चाहिए बेटा और रही बात राज की तो,,,,,,,,,,,,वो तुम्हारा अतीत है और अतीत ही रहेगा,,,,,,,,,!!”


शीतल ने सुना तो आँखों में नमी तैर गयी , मिसेज शर्मा इतनी आसानी से ये सब समझ जाएगी उसने सोचा नहीं था। शीतल को खामोश देखकर मिसेज शर्मा ने कहा,”आज का खाना बहुत अच्छा बना है लेकिन तुम्हारे बिना वो खाना हम सब के हलक से नीचे नहीं उतर रहा , अब चलकर सबके साथ खाना खाओ वरना मुझे लगेगा तुमने मुझे माफ़ नहीं किया”


“कैसी बाते कर रही है मम्मी ? मैं भला कभी आपसे नाराज हो सकती हूँ,,,,,,,,,,चलिए खाना खाते है”,शीतल ने मुस्कुरा कर कहा और मिसेज शर्मा और सार्थक के साथ कमरे से बाहर चली आयी।
शीतल और अपनी मम्मी के बीच मिटती दूरियों को देखकर सार्थक का मन हल्का हो गया लेकिन राज का ख्याल उसके जहन में अभी भी घूम रहा था।

चंडीगढ़ , अवि का घर
रात हो चुकी थी और शाम से ही नैना गहरी नींद में सो रही थी। नैना ने महसूस किया जैसे कमरे में कोई आया है , एक परछाई जो धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ रही है। नैना इतनी गहरी नींद में थी कि चाह कर भी अपनी आँखे नहीं खोल पा रही थी वह बस बंद आँखों से महसूस कर रही थी कि कोई तो उसके आस पास है। नैना की धड़कने बढ़ने लगी जब उसने देखा परछाई ने उसके पास पड़ा तकिया हाथो में उठाया और धीरे धीरे नैना के मुँह की तरफ बढ़ने लगी। धीरे धीरे नैना को घुटन महसूस हो रही थी , उसने चीखते हुए बहुत हिम्मत करके अपनी आँखे खोली और उठ बैठी।

बदहवास सी हालत में नैना ने कमरे में इधर उधर देखा लेकिन वहा उसके अलावा और कोई नहीं था। नैना ने अपना सर पकड़ लिया और अपने बालों में से हाथ घुमाया वह समझ नहीं पा रही थी कुछ देर पहले उसने जो महसूस किया वो सच था या उसका वहम
नैना के चिल्लाने की आवाज सुनकर सौंदर्या , चौधरी साहब , अवि और भोला भैया भागकर ऊपर चले आये। अवि भागकर कमरे में आया और नैना को सम्हालकर कहा,”नैना ! क्या हुआ तुम्हे ? तुम , तुम ऐसे चिल्लाई क्यों ? क्या तुमने कोई बुरा सपना देखा,,,,,,,,,,,,बताओ मुझे क्या तुम ठीक हो ?”


अवि , सौंदर्या और चौधरी साहब को वहा देखकर नैना को थोड़ी राहत मिली लेकिन वह इतना घबराई और डरी हुई थी कि कुछ बोल नहीं पायी , सौंदर्य नैना के पास आयी और कहा,”नैना ! क्या हुआ बेटा तुम ठीक हो ना ?”
नैना ने सौंदर्या को देखा और उनके सीने से लगकर रो पड़ी , कोई भी समझ नहीं पाया कि नैना को अचानक से ये क्या हुआ ? सौंदर्या ने नैना का सर सहलाते हुए पूछा,”नैना क्या हुआ है बेटा तुम इतना परेशान क्यों हो ?”
“मुझे ऐसा लगा जैसे वो मुझे मार देगा,,,,,,,कोई था मॉम जो मुझे मारना चाहता है,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने रोते हुए कहा और सौंदर्या के सीने में खुद को छुपाये रखा।  


नैना की बात सुनकर अवि और चौधरी साहब ने हैरानी से एक दूसरे को देखा। अवि ने कमरे में चारो तरफ देखा लेकिन उसे कमरे में ऐसा कुछ गलत दिखाई नहीं दिया। चौधरी साहब ने नैना का सर सहलाया और कहा,”नैना हो सकता है तुमने कोई बुरा सपना देखा हो,,,,,,,,,,,देखो यहाँ कोई नहीं है ,, शांत हो जाओ नैना हम सब तुम्हारे साथ है ना बेटा”
“मॉम ! क्या कुछ दिन नैना आपके कमरे में रह सकती है , मुझे लगता है इस वक्त नैना का आपके साथ रहना ज्यादा सही रहेगा”,अवि ने अपनी चुप्पी तोड़ी


“हाँ क्यों नहीं ? नैना चलो उठो और मेरे साथ नीचे चलो,,,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने नैना को बिस्तर से उठाते हुए कहा
नैना सौंदर्या के साथ कमरे से बाहर चली गयी। भोला भी नैना की कुछ दवाईया और पानी का बोतल लेकर वहा से चला गया , चौधरी साहब कमरे से जाने लगे और पलटकर अवि से कहा,”चलो !”
“आप चलिए मैं आता हूँ,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा
“हम्म्म ठीक है,,,,,,,,,,,!!”,कहकर चौधरी साहब वहा से चले गए

अवि ने एक बार फिर अपनी पैनी नजरो से कमरे को देखा और दरवाजे की तरफ बढ़ गया लेकिन चलते चलते वह वापस पलटा और कमरे में लगे परदे के पीछे
हाथ डालकर वहा छुपे शख्स को बाहर निकालकर अपने सामने किया। सामने कोई और नहीं बल्कि निबी खड़ी थी और ये देखकर अवि का दिल टूट गया। निबी का हाथ अवि के हाथ में था और पकड़ इतनी मजबूत थी कि निबी चाहकर भी अपना हाथ उस से नहीं छुड़ा पायी। अवि ने निबी की तरफ देखा और गुस्से से कहा,”नैना को क्यों मारना चाहती हो तुम ?”


“लगता है आपका दिमाग खराब हो गया है मैं नैना को क्यों मारूंगी ?”,निबी ने रूखेपन से कहा
“तो फिर तुम यहाँ क्या कर रही हो ? और अपने ही घर में तुम्हे ऐसे चोरो की तरह छुपने की जरूरत क्यों पड़ी ?”,अवि ने कठोरता से कहा
“अह्ह्ह मैं तो बस यहाँ,,,,,,,,,,,मैं किसी काम से आयी थी लेकिन नैना के चिल्लाने की वजह से मुझे छुपना पड़ा वरना वो बेवकूफ कहती मैंने उसे मारने की कोशिश की,,,,,,,,,,,!!”,निबी ने कहा


नैना के लिए बेवकूफ शब्द सुनकर अवि को गुस्सा आया और उसने कहा,”शट अप निबी ! मैं देख रहा हूँ अनुराग की मौत के बाद तुम कुछ ज्यादा ही बद्तमीज  हो गयी हो , तुम नैना के लिए ऐसा कैसे कह सकती हो ?”
“क्योकि वो है बेवकूफ , अनुराग को मारकर उसने अपने ही पैरो पर खुद कुल्हाड़ी मार ली,,,,,,,,,!!”,निबी ने गुस्से से कहा  

“नैना ने अनुराग को नहीं मारा,,,,,,,,,,,बार बार ये बोलना बंद करो तुम,,,,,,,,!!”,अवि ने गुस्से से कहा हालाँकि उसकी आवाज धीमी थी
“आपके ये बोलने से नैना का घिनोना सच छुप नहीं जायेगा भाई,,,,,,,,,!”, कहकर निबी वहा से जाने लगी तो अवि ने उसका हाथ पकड़कर उसे वापस अपने सामने किया और थोड़ा सामान्य होकर कहा,”तुम्हे क्या हो गया है निबी ? तुम , तुम तो अनुराग की सच्चाई जानती थी न फिर तुम ये सब कैसे कह सकती हो ?  तुम देख सकती हो नैना बीमार है तुम उस से नफरत कैसे कर सकती हो निबी ?

मेरा यकीन करो नैना ने अनुराग को नहीं मारा है निबी और नैना तुम्हे कभी भी हर्ट करने के बारे में नहीं सोच सकती वो तुमसे बहुत प्यार करती है,,,,,,,,,,,,,,!!”
“ऐसा होता तो वो कभी मुझसे मेरा प्यार नहीं छिनती भाई,,,,,,!!”,निबी ने नफरत से कहा और वहा से चली गयी
“निबी ! मेरी बात सुनो,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा लेकिन निबी वहा से चली गयी और अवि में अफ़सोस से भरकर अपना सर झुका लिया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह निबी को ये यकीन कैसे दिलाये कि नैना ने अनुराग को नहीं मारा है।

अवि वही खड़ा इस बारे में सोचता रहा और कुछ देर बाद जैसे ही जाने के लिए मुड़ा उसकी नजर नीचे जमीन पर गिरे ब्रासलेट पर पड़ी। अवि ने उसे उठाया और देखकर बड़बड़ाया,”ये तो निबी का है , शायद यहाँ गिर गया”
अवि उस ब्रासलेट को लेकर कमरे से बाहर चला आया , नैना के पास जाने से पहले वह निबी के कमरे की तरफ आया ताकि उसका ब्रासलेट उसे लौटा सके।

 अवि जैसे ही निबी के कमरे में जाने लगा निबी को फोन पर बाते करते देखकर अवि के कदम दरवाजे पर ही रुक गए। वह वही रुककर निबी की बाते सुनने लगा।  खिड़की के पास खड़ी निबी ने फोन कान से लगाए कहा,”मैंने वैसा ही किया भाभी जैसा आपने मुझसे कहा था , नैना को डराकर भाई के सामने आकर उनका शक पक्का कर दिया ,, मुझे नहीं लगता अब वो नैना के साथ इस घर में रहेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,आज जैसे नैना को उसी के कमरे से बाहर निकाला है , एक दिन मैं उसे इस घर से भी बाहर निकाल दूंगी,,,,,,,,,,,,,,,उस दिन मेरा बदला पूरा,,,,,,,,,,!!”


निबी अपनी बात पूरी कर पाती इस से पहले अवि ने वहा आकर उसके हाथ से फोन लिया और स्क्रीन पर नंबर देखा , भाभी के नाम से कोई नंबर सेव था जिस पर निबी बात कर रही थी। अवि को वहा देखकर निबी के चेहरे का रंग उड़ गया वह कुछ बोल नहीं पायी

अवि ने फोन कान से लगाया तो दूसरी तरफ से किसी महिला की आवाज आयी,”बहुत सही निबेदिता ! अगर तुम ऐसे ही मेरे कहे चलती रही तो तुम एक दिन अनुराग की मौत का बदला जरूर ले लोगी,,,,,,,,उस नैना बजाज ने अनुराग को बहुत परेशान किया है लेकिन अब तुम्हारी बारी है,,,,,,,,,,तुम्हे अपना बदला लेना ही है निबेदिता,,,,,,,,!!”
“उसकी जरूरत नहीं पड़ेगी,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा तो दूसरी तरफ बात कर रही महिला खामोश हो गयी


अवि ने आगे कहा,”अनुराग के साथ जो हुआ वो उसकी किस्मत थी लेकिन नैना के साथ जो तुम लोग करना चाह रहे हो वो मैं होने नहीं दूंगा,,,,,,,,,,,और मोहतरमा आपसे , आपसे मैं जल्दी ही मुलाकात करूंगा ये सब ड्रामा खत्म करने के लिए,,,,,,,,,!!”
अवि के इतना कहते ही महिला ने फोन काट दिया।

अवि निबी की तरफ पलटा और कहा,”शर्म आ रही है मुझे तुम्हे अपनी बहन कहते हुए,,,,,,,,,मुझे लगा तुम अनुराग के प्यार में ये सब कर रही हो लेकिन तुम तो , तुम इतना कैसे गिर सकती हो निबी ? क्या चाहिए तुम्हे ये घर ? डेड की कम्पनी ? उनके पैसे ? तो तुम सब रख लो निबी मुझे इनमे से कुछ भी नहीं चाहिए,,,,,,,,,,,,लेकिन अपने दिल में नैना के लिए इतनी नफरत मत रखो,,,,,,,,,,,उसने तुम्हारा कभी बुरा नहीं चाहा है वो हमेशा तुम्हे अपनी दोस्त मानते हुए आयी है,,,,,तुम नैना को इस घर से निकालना चाहती हो न बस कुछ दिन ,

मुझे कुछ दिन की मौहलत दो , नैना के ट्रीटमेंट तक उसे यहाँ रहने दो उसके मैं उसे लेकर हमेशा हमेशा के लिए इस घर से चला जाऊंगा,,,,,,,,,,,,!!”
अवि की बातें सुनकर निबी ख़ामोशी हो गयी , उसने पलके झुका ली और जमीन को देखने लगी। उसने अवि से अपनी सफाई में कुछ नहीं कहा और अवि आहत होकर वहा से चला गया।

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संजना किरोड़ीवाल

Love You Zindagi Season 3 by Sanjana Kirodiwal
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सार्थक शीतल की बात का कोई जवाब देता इस से पहले दरवाजे पर खड़ी मिसेज शर्मा ने कहा,”मैं शर्मिन्दा हूँ शीतल,,,,,,,,,,मुझे बिना सच्चाई जाने तुम पर हाथ नहीं उठाना चाहिए था,,,,,,,,!!
मिसेज शर्मा की बात सुनकर सार्थक और शीतल ने उन्हें देखा और शीतल बिस्तर से उठ खड़ी हुई। मिसेज शर्मा शीतल के सामने आयी और कहने लगी,”मुझे माफ़ कर दो शीतल , बिना ये जाने कि सच क्या है मैंने तुम्हे गलत समझा,,,,,,,,,उस वक्त मुझे नहीं समझ आया क्या सही है और क्या गलत पर जब मिसेज आहूजा ने तुम्हे और राज को लेकर गलत बातें कही तो मुझसे बर्दास्त नहीं हुआ और गुस्से में आकर मैंने,,,,,,,,,,,,मैं बहुत शर्मिन्दा हूँ शीतल , मुझे माफ़ कर दो,,,,,,,,!!”

सार्थक शीतल की बात का कोई जवाब देता इस से पहले दरवाजे पर खड़ी मिसेज शर्मा ने कहा,”मैं शर्मिन्दा हूँ शीतल,,,,,,,,,,मुझे बिना सच्चाई जाने तुम पर हाथ नहीं उठाना चाहिए था,,,,,,,,!!
मिसेज शर्मा की बात सुनकर सार्थक और शीतल ने उन्हें देखा और शीतल बिस्तर से उठ खड़ी हुई। मिसेज शर्मा शीतल के सामने आयी और कहने लगी,”मुझे माफ़ कर दो शीतल , बिना ये जाने कि सच क्या है मैंने तुम्हे गलत समझा,,,,,,,,,उस वक्त मुझे नहीं समझ आया क्या सही है और क्या गलत पर जब मिसेज आहूजा ने तुम्हे और राज को लेकर गलत बातें कही तो मुझसे बर्दास्त नहीं हुआ और गुस्से में आकर मैंने,,,,,,,,,,,,मैं बहुत शर्मिन्दा हूँ शीतल , मुझे माफ़ कर दो,,,,,,,,!!”

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