Love You जिंदगी 46
Love You Zindagi – 46

आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
मिसेज शर्मा शीतल से बहुत नाराज थी। उन्होंने शीतल को राज से दूर रहने को कहा लेकिन आज शीतल को राज के साथ देखकर उन्हें जरा भी अच्छा नहीं लगा और उन्होंने सबके सामने शीतल पर हाथ तक उठा दिया। मिसेज शर्मा शीतल को लेकर घर आयी। सार्थक और मिस्टर शर्मा भी घर में ही थे। मिसेज शर्मा ने शीतल को अपने सामने कर गुस्से से कहा,”तुम्हे मना किया था ना मैंने फिर क्यों तुम बार बार उस लड़के से मिलती हो ? क्या इस घर की इज्जत तुम्हारे लिए कोई मायने नहीं रखती है,,,,,,,,,,,,,!!”
मिसेज शर्मा को गुस्से में देखकर सार्थक और मिस्टर शर्मा दोनों वहा चले आये। उन्होंने मिसेज शर्मा को गुस्से में देखा और सार्थक ने हैरानी से कहा,”क्या हुआ मम्मी ? आप शीतल पर गुस्सा क्यों कर रही है ?’
“ये पूछो अपनी बीवी से जो शादीशुदा होकर भी अपने,,,,,,,,,,,,,,अपने आशिक़ राज से मिलती है”,मिसेज शर्मा ने गुस्से से कहा
सार्थक और मिस्टर शर्मा ने सुना तो हैरानी से एक दूसरे को देखने लगे। सार्थक को तो एक पल के लिए यकीन भी नहीं हुआ कि शीतल ऐसा कुछ कर सकती है।
वह शीतल के पास आया और उसे अपनी तरफ करके कहा,”ये सब मैं क्या सुन रहा हूँ शीतल ? इन्होने जो कहा क्या वो सच है ? क्या तुम राज से मिली थी ?”
शीतल ने आंसुओ से भरी आँखों से सार्थक को देखा और हामी में अपनी गर्दन हिला दी। सार्थक का दिल टूट गया लेकिन वह शीतल से कुछ कहता इस से पहले शीतल ने कहा,”मैं उस मिली थी लेकिन अपने लिए नहीं बल्कि मिसेज आहूजा की बेटी के लिए,,,,,,,,,,,,!!”
सार्थक शीतल की बात पर यकीन करता उस से पहले मिसेज शर्मा ने गुस्से से कहा,”अपनी गलतियों का इल्जाम उस बच्ची पर मत डालो शीतल,,,,,,,,,,,आखिर तुम्हे राज से मिलने की जरूरत क्यों पड़ी ?”
“शीतल ये सब क्या है बेटा ? सच क्या है सबको बताओ ?”,इस बार मिस्टर शर्मा ने कहा
“सच क्या है ये मैं बताती हूँ,,,,,,,,,,,,!!”,तभी मिसेज गुप्ता की आवाज उन सबके कानो में पड़ी , सबने पलटकर दरवाजे की तरफ देखा तो पाया मिसेज गुप्ता वहा खड़ी है
मिसेज गुप्ता अंदर आयी और सबके बीच आकर अपने फोन में रिकॉर्डिंग चलाकर अपना फोन मिसेज शर्मा की तरफ बढ़ा दिया। मिसेज शर्मा रिकॉर्डिंग देखने लगी , सार्थक और मिस्टर शर्मा भी उनके बगल में चले आये और तीनो उस रिकॉर्डिंग को देखने लगे जिसमे शीतल और राज के बीच हुई बाते और मिसेज आहूजा और राज के बीच हुयी बातो का पुख्ता सबूत था। एक तरफ खड़ी शीतल आँसू बहा रही थी , क्योकि अपनी सच्चाई वह जानती थी।
मिसेज गुप्ता ने देखा तो वे शीतल के पास चली आयी और कहा,”सबके साथ मिलकर मैंने भी तुम्हे बहुत गलत समझा शीतल , लेकिन तुम गलत नहीं हो असली विलीन तो वो मिसेज आहूजा है जिसने सिर्फ एक इलेक्शन जितने के लिए इतनी घिनौनी हरकत की,,,,,,,,,,,मुझे माफ़ कर दो शीतल”
शीतल ने कुछ नहीं कहा बस सिसकती रही , माँ जैसी सास ने सबने सामने उस पर हाथ उठाया वो पल शीतल को रह रह कर याद आ रहा था।
रिकॉर्डिंग देखने के बाद मिसेज शर्मा का सर शर्म से झुक गया , उन्होंने शीतल की बात का विश्वास ना करके जो देखा बस उसे सच मान लिया। उन्होंने फोन मिसेज गुप्ता की तरफ बढ़ा दिया तो मिसेज गुप्ता ने कहा,”मिसेज आहूजा शीतल से नफरत करती है ये तो मैं जानती थी लेकिन इसे सबके बीच बदनाम करने के लिए वे इतना गिर जाएँगी मैंने कभी सोचा नहीं था,,,,,,,,,शीतल सच कह रही थी मिसेज शर्मा वह राज से मिलने नहीं बल्कि मिसेज आहूजा की बेटी की मदद करने गयी थी
मैंने खुद अपने कानों से सुना है ये सब मिसेज आहूजा का बिछाया जाल था सोसायटी लीडर बनने के लिए और बेचारी शीतल इसमें फंस गयी,,,,,,,,,,,,और वो लड़का राज , वो यहाँ शीतल के लिए नहीं आया था,,,,,,,,,,,,,,,आपने अपनी बहू को समझने में गलती कर दी मिसेज शर्मा”
मिसेज गुप्ता की बातें सुनकर मिसेज शर्मा को अपनी गलती का अहसास हुआ वे जैसे ही शीतल से बात करने के लिए आगे बढ़ी , शीतल वहा से चली गयी और मिसेज शर्मा का चेहरा उदासी से घिर गया
दोपहर बाद नैना की आँखे खुली वह काफी थका हुआ और बीमार महसूस कर रही थी। नैना ने देखा अवि कमरे में नहीं था। नैना वाशरूम जाने के लिए उठी और धीरे धीरे बाथरूम की तरफ बढ़ गयी। उसके पैरो में बिल्कुल भी जान नहीं थी। वह धीरे धीरे आगे बढ़ी कि अगली ही पल धड़ाम से नीचे आ गिरी। नैना का सर टेबल के किनारे से जा टकराया और ललाट पर हलकी चोट लग गयी जिस से खून निकल आया। कमरे में आते हुए अवि ने नैना को गिरते देखा तो भागकर उसके पास आया।
“नैना , तुम तुम ठीक तो हो ना ? तुम बिस्तर से अकेले क्यों उठी ?”,अवि ने नैना को सम्हाला और उठाते हुए कहा
“मुझे वाशरूम जाना था , तुम यहाँ नहीं थे”,नैना ने कहा
“मैं लेकर चलता हूँ,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा और नैना को अपने साथ लेकर वाशरूम चला आया। अवि वाशबेसिन के पास रुक गया और नैना साइड में चली गई। उसका सर घूम रहा था। नैना बाहर आयी तो अवि उसे लेकर वाशबेसिन के पास आया। नैना ने अपने हाथ धोये और मुंह धोना चाहा तो अवि ने कहा,”रुको मैं करता हूँ,,,,,,,,,,,!!”
अवि ने नैना के बालो को समेटकर वहा रखा क्लेचर डाला और फिर धीरे धीरे उसका मुंह धोने लगा। उसने नैना का मुंह धोया और फिर वहा रखा तौलिया उठाकर नैना के मुंह को साफ करने लगा। अवि की नजर नैना के ललाट पर लगी चोट पर पड़ी तो उसने परेशानी भरे स्वर में कहा,”ये कैसे लगी ?”
“गिरने की वजह से टेबल लग गया,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा
“तुम्हे अकेले नहीं जाना चाहिए था ना नैना , अभी तुम पूरी तरह ठीक नहीं हुई हो,,,,,,,,,,!”,अवि ने धीरे धीरे नैना की चोट को फूंक मारते हुए कहा
नैना बस ख़ामोशी से अवि को देख रही थी उसने देखा नैना के लिए ये सब करते हुए अवि के चेहरे पर शिकायत या परेशानी का एक भी भाव नहीं था उलटा अवि एक बच्चे की तरह नैना का खेल रख रहा था।
अवि नैना को लेकर बाहर आया और उसे बिस्तर पर बैठाकर खुद उसके सामने आ बैठा। उसने साइड टेबल में रखा किट निकाला और उसने से बैंडेज निकालकर नैना के ललाट पर लगाने लगा। ऐसा करते हुए अवि नैना के काफी करीब था। आज से पहले बहुत बार ऐसा हुआ जब अवि नैना के यू करीब आया था लेकिन आज नैना को उस पर बहुत प्यार आ रहा था।
उसने धीरे से अपने होंठो से अवि के गाल को छू लिया और कहा,”थैंक्यू !”
अवि ने नैना की तरफ देखा , नैना की इस हरकत से उसका दिल धड़कने लगा। वह नैना कुछ बोल नहीं पाया और बस नैना की आँखों में देखता रहा जो कि काफी खाली और उदासीन नजर आ रही थी। भोला नैना के लिए खाना लेकर आया था उसने अवि और नैना को साथ बैठे देखा तो अंदर आने से पहले दरवाजा खटखटाया। अवि नैना से दूर हटा और भोला के पास आते हुए कहा,”थैंक्यू भोला ! ये शायद मॉम ने भिजवाया है,,,,,,,,,,,!!”
“जी अवि बाबा,,,,,,,,,,,,नैना मैडम के खाने के बाद उन्होंने आपको को भी खाना खाने के लिए नीचे बुलाया है”,भोला ने हाथ बांधकर कहा
“मैं नैना को खिलाकर आता हूँ,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा और प्लेट लेकर नैना की तरफ चला आया। भोला ने नैना को देखा तो नैना धीरे से मुस्कुरा दी , जवाब में भी भोला मुस्कुराया वह नैना से उसकी तबियत के बारे में पूछना चाहता था लेकिन निबी के किये बर्ताव के बाद से वह थोड़ा अपसेट हो गया। भोला वहा से चला गया।
अवि ने खाना टेबल पर रखा और हाथ धोकर आया। उसने प्लेट उठाई और नैना के सामने आ बैठा। अवि ने एक निवाला तोडा और नैना की तरफ बढ़ा दिया। नैना ने निवाला खाया और कहा,”भोला भैया मुझसे बात करना चाहते थे , शायद वो मेरी तबियत के बारे में पूछना चाहते थे लेकिन वो ऐसे ही चले गए ,, आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ”
“वो निबी के बिहेव की वजह से थोड़ा अपसेट है,,,,,,,,,,,,!”,अवि ने नैना को दूसरा निवाला खिलाते हुए कहा
“निबी की वजह से ? क्या उसने भोला भैया के साथ मिसबिहेव किया ? ओह्ह पडोसी ! आखिर ये निबी को हो क्या गया है ? वो ऐसे बिहेव क्यों कर रही है ?”,नैना ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
“वो अनुराग की मौत की वजह से हर्ट है नैना,,,,,तुम ये सब मत सोचो”,अवि ने कहा
तभी नैना ने मुंह बनाया उसे उलटी जैसा महसूस होने लगा। मुंह में रखा निवाला उस से खाया नहीं गया तो अवि ने प्लेट साइड में रखी और अपना हाथ नैना के मुंह के सामने कर दिया।
नैना ने अवि को अपनी परवाह करते देखा तो सहसा ही वो पल याद आ गया जब दिल्ली में नैना ने अवि को मिर्च से भरा पराठा खिलाया था। नैना की आँखों में आँसू भर आये। नैना को ऐसे देखकर अवि ने कहा,”नैना क्या हुआ थूको”
नैना ने नम आँखों से अवि को देखा और वह निवाला निगलकर कहा,”मैं और नहीं खा पाऊँगी,,,,,,,,,,,मुझे अजीब लग रहा है”
अवि ने हामी में सर हिलाया और कहा,”अगर तुम्हारा मन नहीं है तो मैं फ़ोर्स नहीं करूंगा”
अवि ने प्लेट को साइड टेबल पर रखा और पानी का गिलास नैना की तरफ बढ़ा दिया। नैना ने गिलास को हाथो में थाम लिया बस पिया नहीं और नजरे झुकाकर कहा,”आई ऍम सॉरी,,,,,,,,,,,,!!”
“सॉरी किसलिए नैना ?”,अवि ने प्यार से पूछा
नैना ने नम आँखों से अवि को देखा और कहा,”तुम कितने अच्छे हो , दिल्ली में मैंने कितनी ही बार तुम्हे हर्ट किया लेकिन तुमने हमेशा मुझे प्रायोरिटी दी,,,,,,,मैं मुंह का निवाला थूक सकू इसके लिए तुमने अपना हाथ आगे कर दिया,,,,,,,,,कोई ऐसा कैसे कर सकता है ? और उस दिन मैंने तुम्हे जान बूझकर मिर्च से भरा पराठा खिला दिया,,,,,,,,,,!!”
अवि ने सुना तो मुस्कुराने लगा। नैना ने देखा तो रोते हुए कहा,”देखा मै ये सब कह रही हूँ और मुझ पर गुस्सा करने के बजाय तुम मुस्कुरा रहे हो,,,,,!!”
अवि नैना के पास आया और उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर अपने होंठो से उसके ललाट को छूकर कहा,”मुझे तुम पर कभी गुस्सा नहीं आता,,,,,,,,!!”
“तुम इतने अच्छे कैसे हो सकते हो ?”,नैना ने कहा
अवि ने उसके आँसू पोछे और कहा,”हो सकता है मेरी ये अच्छाई तुम से मिलने के बाद बाहर आयी हो,,,,,,,,,,,!!”
नैना ने सुना तो मुस्कुरा दी और कहा,”पागल हो तुम,,,,,,,,!!”
“हाँ मेरे दोस्त भी कहते है कि शादी के बाद में थोड़ा “जोरू का गुलाम” हो गया हूँ”,अवि ने नैना से दूर होकर कहा
“ए मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है तुम्हारे साथ,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा
“मजाक कर रहा हूँ , अच्छा मैं खाना खाने नीचे जाऊ ?”,अवि ने कहा
“हाँ,,,,,,,,,,जाने से पहले वो किताब मुझे पकड़ा दोगे?”,नैना ने कहा
“जी मैडम बिल्कुल,,,,,,,,,,!!”,अवि ने थोड़ा इतरा कर कहा तो नैना फिर मुस्कुरा उठी।
नैना को मुस्कुराते देखकर अवि को एक सुकून महसूस हुआ। उसने किताब नैना की तरफ बढाकर कहा,”मैं थोड़ी देर में आया,,,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म आराम से आना और हो सके तो नीचे ही रुक जाना,,,,,,,,,,पिछली कुछ रातो से तुम ठीक से सोये नहीं हो , थोड़ी देर सो जाना”, नैना ने कहा तो अवि ने हामी में गर्दन हिला दी और वहा से चला गया
नैना भी पीठ बिस्तर से लगाकर किताब के पन्ने पलटने लगी लेकिन अगले ही पल निबी का ख्याल उसके जहन में आया और वह बड़बड़ाई,”निबी ऐसा क्यों कर रही है ? वो तो अनुराग का सच जानती है फिर ये सब क्यों ?”
वड़ा पाव खाकर रुचिका ने अपने पर्स से पैसे निकाले और मोंटी की तरफ बढ़ाये तो मोंटी ने हैरानी से कहा,”ये क्या कर रही हो रूचि ? मैं तुम से पैसे क्यों लूंगा ? रखो इन्हे अपने पास,,,,,,,,,,,,!!”
“सो क्यूट रूचि , मानव तो कुछ ज्यादा ही अच्छा है”,रुचिका की दोस्त ने कहा
“क्यों नहीं ले सकते और ये सिर्फ तुम्हारी मेहनत के लिए मोंटी और तुम चाहो तो इसे मेरा गुड लक भी मान सकते हो अपने नए बिजनेस के लिए,,,,,,,,,,,अब ज्यादा मत सोचो और रखो इसे,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने पैसे मोंटी को थमाकर कहा
उसे वापस ऑफिस जाना था इसलिए वह मोंटी से शाम में मिलने का कहकर , अपनी सहेलियों के साथ वहा से चली गयी।
रुचिका से गुड लक पाकर मोंटी का कॉन्फिडेंस थोड़ा बढ़ गया। उसने उन पैसो को अपनी शर्ट के ऊपरी जेब में रख लिया। जैसे जैसे शाम होने लगी मोंटी के कार्ट पर कस्टमर बढ़ने लगे और मोंटी को समझ आया कि उसे पुरे दिन के बजाय शाम में अपनी कार्ट पर काम करना है। मोंटी के हाथ का टेस्ट सबको बहुत पसंद आया , जिसने भी खाया मोंटी की तारीफ की और मोंटी ख़ुशी से बस मुस्कुराते हुए अपना काम करता रहा। यही तो थी उसकी असली कमाई,,,,,,,,,,,,!!
शाम में अपना ऑफिस ख़त्म करके रुचिका भी वहा चली आयी। मोंटी ने रुचिका को वहा देखा और कहा,”अरे तुम यहाँ , तुम ऑफिस के बाद घर नहीं गयी,,,,,,,,,,,!!”
“मैं तुम्हारी हेल्प करने यहाँ चली आयी,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने कहा
मोंटी रुचिका के पास आया और कहा,”रूचि ! ये सब के लिए मैं तुम्हे परेशान नहीं कर सकता,,,,,,,,,,,प्लीज , तुमने मुझे समझा और इसमें मेरा साथ दिया वही बहुत बड़ी बात है लेकिन मैं नहीं चाहता तुम्हे ये सब करना पड़े,,,,,,,,,मैं सब मैनेज कर लूंगा और तुमने मुझे जो गुड लक दिया वो सच में मेरे लिए गुड लक साबित हुआ,,,,,,,,!!”
“मोंटी,,,,,,,,,,मैंने जॉब छोड़ दिया है , अब से मैं भी तुम्हारे साथ काम करुँगी,,,,,,,तुम्हारी हेल्प करुँगी और तुम्हे सपोर्ट करुँगी , अभी तुमने कहा ना मेरा दिया गुड लक तुम्हारे लिए अच्छा साबित हुआ तो मैं इस गुड लक को बरक़रार रखना चाहती हूँ,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने मोंटी के हाथो को थामकर प्यार से कहा
“लेकिन रूचि,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने कहा लेकिन वह आगे कुछ कह पाता इस से पहले एक कस्टमर की आवाज उसके कानों में पड़ी,”भैया 4 प्लेट वड़ा पाव लगाना,,,,,!!”
“जी भैया बस 5 मिनिट,,,,,,,,,,मोंटी से पहले रुचिका ने कहा और कार्ट की तरफ चली आयी। मोंटी ने देखा तो मुस्कुरा उठा और रुचिका के बगल में खड़े होकर अपना काम करने लगा। दोनों हँसते मुस्कुराते लोगो को वड़ा पाव खिला रहे थे। पहले दिन ही मोंटी मोंटी की अच्छी कमाई हुई उसने सारे पैसे रुचिका की तरफ बढ़ा दिए तो रुचिका ने हैरानी से कहा,”अरे मैं इनका क्या करू ? ये तुम्हारी मेहनत है मोंटी इन्हे तुम रखो,,,,,,,,,,!!”
मोंटी ने रुचिका को देखा और कहा,”वही तो कर रहा हूँ , मैं ये पैसे अपने घर की लक्ष्मी को दे रहा हूँ , तुमने मुझे सम्हाल लिया मुझे पूरा विश्वास है इन्हे भी सम्हाल लोगी”
रुचिका ने सुना तो उसकी आँखों में ख़ुशी के आँसू झिलमिलाने लगे , आज मोंटी में उसे एक मेहनती और जिम्मेदार पति नजर आ रहा था। रुचिका ने पैसे लिए और उन्हें अपने बैग में रखकर मोंटी से कहा,”मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ मोंटी , तुम्हे सम्हालने के लिए,,,,,,,,,,,,,!!”
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संजना किरोड़ीवाल


Ohhh….to Mrs Gupta ne dekha tha Mrs Ahuja aur Raj ka sach…sath hee unhone ane pho m recording bhi ki thi…lakin yeh Mrs Sharma ghar aakar bhi Sheetal pe baras rhi thi…maan lo agar Mrs Gupta Sharma family ko Mrs Ahuja aur Raj ka sach nhi btati to sab sheetal ko galat samjhte…yeh bahut galat baat hai ki Sharma family ne sheetal pe visvas nhi kiya…khar ab dekhte hai ki Mrs Ahuja society ki ledar kaise banti hai… udhar Naina k liye bahut dukh ho rha hai…itni kamzor ho gai hamari Naina ki thik se chal bhi nhi pa rhi hai… thank god ki chaudhary family Naina k sath hai.. but mujhe nibi ko lekar tension hai…wo zarur Naina ko preshan karengi…bas Avi hamesha Naina k sath rhe.. jaise iss waqt Ruchika ne Monti ka sath dene k liye job chod dee hai…aur ab dono milkar vafa pav k cart chalenge… that’s great