Love You Zindagi – 39
Love You Zindagi – 39

अवि सबके साथ स्टेशन चला आया। विपिन जी , आराधना , सार्थक और शीतल को दिल्ली जाना था और मोंटी रुचिका को बीकानेर,,,,,,,,,सभी प्लेटफॉर्म पर पड़ी बेंच पर आ बैठे। विपिन जी बाकि सबसे दूर पड़ी बेंच पर आ बैठे , अवि ने उन्हें अकेले बैठे देखा तो उनके पास चला आया और बगल में बैठ गया। विपिन जी काफी उदास थे और खामोश बैठे किसी सोच में डूबे थे।
अवि एकटक उन्हें देखता रहा और फिर सामने देखते हुए कहने लगा,”मैं समझ सकता हूँ नैना को इस हाल में देखकर आपको बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा,,,,,,,,,,,,नैना आपको सब बताना चाहती थी लेकिन मैंने ही उसे रोककर रखा क्योकि जितना मैंने आपको समझा है आप नैना को कभी इस हाल में एक्सेप्ट ही नहीं कर पाते। वो आपसे बहुत प्यार करती है और इसलिए वो नहीं चाहती आप इस दर्द से गुजरे,,,,,,,,,,,मैं नैना का ख्याल रखूंगा पापा,,,,,,,वो जल्दी ही ठीक हो जाएगी आप उसके बारे में सोचकर परेशान मत होईये,,,,,,,,,,!!”
विपिन जी ने सुना तो अवि की तरफ देखा और कहा,”बेटा जी ! आपके होते मुझे नैना के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है मैं जानता हूँ,,,,,,,,,लेकिन आज निबी ने नैना से जो कहा , कही नैना उस बात को अपने जहन में ना बैठा ले ,, कभी कभी वो दिखाती नहीं लेकिन उसके जहन में बहुत कुछ चलता है,,,,,,,,,,,,कही वह खुद को अनुराग की मौत का जिम्मेदार ना मानने लगे”
विपिन जी की बात सुनकर अवि ने उनके हाथ को अपने हाथो में लिया और कहने लगा,”पापा ! निबी ने जो कहा वो सब सच नहीं है , इस वक्त निबी अनुराग के चले जाने के गम में है और वह होश में नहीं है,,,,,,,,,,नैना बहुत समझदार है वो ऐसा कुछ नहीं सोचेगी और फिर मैं हूँ ना मैं पूरी कोशिश करूंगा अपने ट्रीटमेंट के दौरान नैना निबी से दूर रहे और अनुराग की मौत को भूल जाये,,,,,,,,,,,!!”
अवि की बातें सुनकर विपिन जी को राहत मिली और उन्होंने हामी में सर हिला दिया।
अवि उनसे आगे कुछ बात करता इस से पहले मोंटी अपने हाथ में दो कप चाय लेकर आया और एक कप विपिन जी की तरफ बढ़ाकर कहा,”अंकल चाय !”
विपिन जी ने कप ले लिया , मोंटी अवि की तरफ पलटा और दुसरा कप उसकी तरफ बढ़ा दिया।
“तुम्हारी ट्रेन कब है ?’,अवि ने कप लेते हुए कहा
“2 घंटे बाद,,,,,,,,लेकिन अंकल की ट्रेन बस आने ही वाली है”,मोंटी ने कहा
“हम्म्म ठीक है तुम्हारी ट्रेन आने तक मैं यहाँ रुक जाऊंगा,,,,,,,!!”,अवि ने चाय का घूंठ भरकर कहा
“अरे नहीं ! तुम परेशान मत हो , नैना को इस वक्त तुम्हारी जरुरत है इन लोगो के जाने के बाद तुम्हे घर जाना चाहिए। मैं और रुचिका ट्रेन का इंतजार कर लेंगे”,मोंटी ने कहा
“इसमें परेशानी की कोई,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहना चाहा लेकिन वह अपनी बात पूरी करता इस से पहले विपिन जी ने कहा,”मोंटी सही कह रहा है बेटा जी ! आपको घर जाना चाहिए ,
जबसे मैं यहाँ आया हूँ मैंने बस आपको यहाँ से वहा भागते देखा है,,,,,,,,,,,,नैना का ख्याल रख रहे हो अच्छी बात है लेकिन इन सब में अपनी तबियत खराब कर लेना भी सही नहीं है। आप घर जाओ और थोड़ा आराम करो,,,,,,,,,!!”
“अंकल सही कह रहे है अवि , तुम्हे घर जाकर आराम करना चाहिए,,,,,,!!”,मोंटी ने कहा
अवि ने हामी में गर्दन हिला दी और कहा,”ठीक है आपकी ट्रेन आने के बाद मैं चला जाऊंगा,,,,,,,,,!!”
विपिन जी ने अपनी चाय खत्म की और उठते हुए कहा,”तुम दोनों बैठो मैं वाशरूम होकर आता हूँ”
विपिन जी के जाने के बाद मोंटी अवि के बगल में आ बैठा। एक नैना का बेस्ट फ्रेंड था तो दूसरा नैना का हमसफर और दोनों ही नैना से बहुत प्यार करते है। अवि को खामोश देखकर मोंटी ने कहा,”तुम बहुत लकी हो अवि,,,,,,,,!!”
मोंटी की बात सुनकर अवि ने उसकी तरफ देखा तो मोंटी ने आगे कहा,”हाँ ! आज मैंने महसूस किया कि नैना तुम से बहुत प्यार करती है। वो लड़की जो अपने डेड के अलावा किसी दूसरे मर्द को अहमियत तक नहीं देती थी आज उस लड़की से मैंने तुम्हारे लिए थप्पड़ खाया है”
“नैना ने तुम्हे थप्पड़ मारा ?”,अवि ने हैरानी से पूछा
मोंटी ने मुस्कुराते हुए हामी में गर्दन हिला दी और कहा,”लेकिन मुझे बुरा नहीं लगा क्योकि वो थप्पड़ एक बहुत ही प्यारे रीजन के लिए मारा गया था।”
“क्या रीजन था ?”,अवि ने सहजता से पूछा
“उसने मुझसे कहा कि आइंदा से मैं तुम्हे नैना के करीब जाने से ना रोकू,,,,,,,,,,,लड़की को सच में तुमसे प्यार हो गया है अवि”,मोंटी ने फिर मुस्कुरा कर कहा
अवि ने सुना तो मुस्कुराने लगा और सामने देखते हुए कहा,”प्यार तो उसे दिल्ली में ही हो गया था जब मैं उसका पडोसी था”
“वो तो तुम अब भी हो , इन्फेक्ट शादी के बाद भी नैना तुम्हे पडोसी कहकर बुलाती है,,,,,,,,,,,,तुम्हे अजीब नहीं लगता ?”,मोंटी ने पूछा
“नहीं बल्कि उसके मुंह से ये सुनना मुझे बहुत सुकून देता है , मैं पूरी जिंदगी उसके मुंह से ये सुनने के लिए तैयार हूँ,,,,,,,,,!!”,अवि ने प्यार से कहा
मोंटी ने सुना तो साइड में देखते हुए बड़बड़ाया,”सिर्फ नैना ही नहीं ये भी नैना के प्यार में पागल हो गया है,,,,,,,,,,,,!!”
“तुमने कुछ कहा ?”,अवि ने पूछा
मोंटी अवि की तरफ पलटा और कहा,”अह्ह्ह्ह नहीं कुछ नहीं,,,,,,,,,,बस ऐसे ही हमेशा नैना के साथ रहना और उसका ख्याल रखना”
“जरूर ! मैं ज़रा सार्थक से मिलकर आता हूँ,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अवि उठा और वहा से चला गया। अवि सार्थक और शीतल से मिला और उन्हें दिल्ली पहुंचकर फ़ोन करने को कहा , वह आराधना से मिला और उनके पैर छूकर अपना ख्याल रखने को कहा।
दिल्ली जाने वाली ट्रेन आ चुकी थी। विपिन जी , आराधना , सार्थक और शीतल ट्रेन में आ बैठे। ट्रेन चल पड़ी , अवि , मोंटी और रुचिका ने हाथ हिलाते हुए उन्हें अलविदा कहा और वापस बेंच की तरफ चले आये। अवि ने रुचिका और मोंटी को ध्यान से जाने को कहा और फिर खुद घर के लिए निकल गया।
आशीर्वाद अपार्टमेंट, दिल्ली
“सार्थक का फोन आया था , देर रात वो दिल्ली पहुँच जायेंगे,,,,,,,,,,खाना खा लो फिर हम उन दोनों को स्टेशन लेने चलते है”,मिस्टर शर्मा ने अपना खाना खत्म करके उठते हुए कहा
“वो दोनों बच्चे है क्या जो हम उन्हें लेने स्टेशन जायेंगे,,,,,,,,जैसे स्टेशन गए थे वैसे ही आ जायेंगे कैब बुक करके,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने खाना खाते हुए कहा
मिस्टर शर्मा ने वाशबेसिन के सामने आकर अपने हाथ धोये और अपनी पत्नी के पास आकर कहा,”तुम्हे अचानक से ये हो गया है , बेटा बहु बाहर गए तब तक तो तुम बिल्कुल ठीक थी उलटा तुमने ही खुश होकर उनसे बाहर घूमने जाने को कहा और अब अचानक से उन दोनों के लिए तुम्हारा बर्ताव बदल गया है।”
“ऐसा आपको लगता है , क्या आपको नहीं दिखता शीतल के बिना मैं अकेले घर में काम करते हुए कितना परेशान होती हूँ , मैंने घूमने जाने को कहा तो उन्हें भी जल्दी लौटने के बारे में सोचना चाहिए लेकिन नहीं उन्हें कौनसी फ़िक्र है,,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज शर्मा ने चिढ़ते हुए कहा
मिस्टर शर्मा उनके बगल में पड़ी कुर्सी पर आ बैठे और प्यार से कहा,”कमाल करती हो भाग्यवान ! क्या बहु के आने से पहले तुमने कभी घर के काम नहीं किये , सार्थक जब छोटा था तब मैं कई कई दिन घर से बाहर रहता था और तुम अकेले ही पूरा घर सम्हाल लिया करती थी , बहु के आने के बाद आज फिर तुमने कुछ दिन अकेले घर सम्हाल लिया तो कौनसी बड़ी आफत आ गयी आखिर ये घर भी तुम दोनों का ही है”
अपने पति की बात सुनकर मिसेज शर्मा को अहसास हुआ कि वे बेवजह शीतल से चिढ रही है जबकि उनकी चिढ की असली वजह तो मिसेज आहूजा है जो सबके सामने उन्हें उलटा सीधा सुनाती रहती है।
मिसेज शर्मा को खोया देखकर मिस्टर शर्मा ने उनके हाथ पर अपना हाथ रखा और कहा,”आज शीतल आ जाएगी उसके बाद तुम आराम से अपने सोसायटी लीडर के इलेक्शन पर ध्यान देना”
मिसेज शर्मा ने सुना तो हैरानी से मिस्टर शर्मा को देखा तो मिस्टर शर्मा ने उनके हाथ पर अपना हाथ रखकर प्यार से कहा,”अब इतना तो मैं तुम्हे जानता ही हूँ”
मिसेज शर्मा ने सुना तो मुस्कुरा उठी और खाना खाने लगी। मिस्टर शर्मा ने उन्हें रोका और कहा,”रुको आज मैं तुम्हे अपने हाथ से खिलाता हूँ कल तो शीतल और सार्थक होंगे घर में तो खिला नहीं पाऊंगा वरना बेटा बहू सोचेंगे मैं इस उम्र में सठिया गया हूँ !”
मिसेज शर्मा ने सुना तो हसने लगी और उसके बाद मिस्टर शर्मा उन्हें अपने हाथो से खाना खिलाने लगे।
चंडीगढ़ , अवि का घर
सबको स्टेशन छोड़ने के बाद अवि घर के लिए निकल गया। अवि ख़ामोशी से अपनी गाड़ी चला रहा था तभी उसका फोन बजा अवि ने देखा फोन विहान का था। अवि ने फोन स्पीकर पर डाल दिया और कहा,”हेलो ! हाँ विहान,,,,,,,,!!”
“अवि मैंने तुम्हे याद दिलाने के लिए फोन किया है कि कल सुबह तुम्हे नैना की कीमो के लिए हॉस्पिटल आना है। मेरी सिनियर डॉक्टर से भी बात हो गयी है तुम्हारे डेड ने उन्हें नैना के लिए हायर किया है”,विहान ने कहा
“हाँ मुझे याद है , मैं उसे आज ही लेकर आने वाला था लेकिन,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा
“आई अंडरस्टेंड ! तुम्हारे लिए सिचुएशन अभी थोड़ी टफ है , सब ठीक हो जायेगा। नैना कैसी है ?”,विहान ने पूछा
“वो ठीक है और घर पर है,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा
“तुम बाहर आये हो क्या ?’,विहान ने पूछा
“हाँ नैना के मॉम डेड और फ्रेंड्स को स्टेशन छोड़कर आया हूँ , नैना नहीं चाहिए वे लोग उसके आस पास रहे और वह कमजोर पड़े,,,,,,,,,,मैं भी घर ही जा रहा हूँ”,अवि ने कहा
“हम्म्म ठीक है तो कल सुबह मिलते है , गुड नाईट”,विहान ने कहा
“गुड नाईट,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा और फोन काट दिया
विहान का कॉल काटते ही अवि का फोन फिर बजा और इस बार फोन उसके दोस्त मृणाल का था। अवि ने फोन स्पीकर पर डाला और कहा,”हाँ मृणाल”
“अवि ! कहा हो तुम ? नैना ने कहा था तुम दो दिन बाद ऑफिस ज्वाइन कर लोगे लेकिन पिछले 3 दिन से तुम्हारा कोई अता पता नहीं,,,,,,,,,,तुम जानते भी हो कितने ही प्रोजेक्ट हमारे हाथ से जा चुके है क्योकि क्लाइंट को तुम्हारे हाथ से बने प्रोजेक्ट चाहिए। एक एक करके सारे प्रोजेक्ट्स हमारे हाथ से जा रहे है ऐसा ही रहा तो ये कम्पनी जल्दी ही बंद हो जाएगी और तुम्हारा स्टूडियो भी,,,,,,,,,,,,!!”,मृणाल ने परेशानी भरे स्वर में कहा
अवि जानता था इन दिनों जो हो रहा था उसमे बिजी होने के कारण वह अपने काम से बहुत दूर हो चुका था जिसका असर उसे अपने स्टूडियो और कपंनी पर साफ देखने को मिल रहा था। उसने एक ठंडी आह भरी और कहा,”मृणाल ये बताओ सबसे इम्पोर्टेन्ट कौनसा प्रोजेक्ट है ?”
“अग्रवाल प्राइवेट लिमिटेड और उसे कल शाम डेमो के साथ अग्रीमेंट भेजना है”,मृणाल ने कहा
“ठीक है तुम एग्रीमेंट तैयार करो और अग्रवाल की फाइल और डिटेल्स मुझे मेल करो,,,,,,,,,,,,मैं आज रात तुम्हे प्रोजेक्ट शीट कम्प्लीट करके भेजता हूँ”,अवि ने कहा।
“आर यू स्योर ? देखो अवि ये सबसे बड़ा प्रोजक्ट है,,,,,,,,,आज रात तुम इसे पूरा कर लोगे ना ?”,मृणाल ने कहा
“हाँ , मुझे डिटेल्स भेजो”, अवि ने कहा
“हम्म्म ठीक है , मैं कल सुबह घर आता हूँ,,,,,,,,,,,,!!”,मृणाल ने कहा और फोन काट दिया
अवि ने एक गहरी साँस ली और अपने काम के बारे में सोचने लगा। वह तरफ से खुद को फंसा हुआ महसूस कर रहा था लेकिन उसके लिए नैना अब भी सबसे ऊपर थी।
अवि घर पहुंचा सौंदर्या निबी के साथ उसके कमरे में थी और चौधरी साहब हॉल में बैठे थे। अवि उनके सामने आया और कहा,”थैंक्यू डेड”
“थैंक्यू किसलिए अवि ?”,चौधरी साहब ने कहा
“विहान का फोन आया था उसने बताया आपने नैना के लिए सीनियर डॉक्टर हॉयर किया है। थैंक्यू सो मच,,,,,,,,,मुझे लगा आज सुबह जो हुआ उसके बाद आप निबी और मॉम निबी को लेकर नैना से नाराज होंगे लेकिन,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते अवि रुक गया
चौधरी साहब उठे और अवि के कंधे पर हाथ रखकर कहा,”लेकिन तुम सोचते बहुत हो , नैना और निबी दोनों इस घर की बेटिया है मुझे नहीं लगता उन दोनों में किसी तरह का भेदभाव होना चाहिए। इस वक्त दोनों ही तकलीफ से गुजर रही है और मैं नहीं चाहता उन्हें और दर्द झेलना पड़े इसलिए मैंने ऐसा किया। निबी ठीक है तुम्हारी मॉम है उसके पास और नैना ने खाना खा लिया है वो ऊपर अपने कमरे में है ! तुम भी थक गए होंगे फ्रेश होकर खाना खा लो और आराम करो”
चौधरी साहब वहा से चले गए अवि के दिल को थोड़ी राहत मिली। उसने हाथ मुंह धोया और खाना खाने डायनिंग की तरफ चला आया। भोला ने उसके लिए खाना लगा दिया और खाना खाकर अवि ऊपर अपने कमरे में चला आया।
अवि ने देखा नैना सो चुकी है उसकी नजर दिवार पर लगी घडी पर पड़ी जो कि रात के 11 बजा रही थी। अवि सोई हुई नैना के पास आया और साइड में पड़ी
चद्दर उसे ओढ़ाकर उसका सर सहला दिया। नैना गहरी नींद में सोई हुई थी उसे अवि के आने का अहसास भी नहीं हुआ। अवि उसी कमरे में बने अपने स्टडी एरिया में आया और लेपटॉप खोलकर मृणाल की भेजी डिटेल्स पर काम करना शुरू कर दिया।
अवि अपने काम में इतना बिजी हो गया कि उसे वक्त का पता ही नहीं चला। रात के 2 बज रहे थे , अवि अपने काम में बिजी था। गहरी नींद में सोई नैना ने सपने में देखा जैसे वह एक गहरी खाई में गिरती जा रही है और खुद को बचाने के लिए हवा में हाथ पैर मार रही है। एक झटके में नैना की आँख खुल गयी , उसकी धड़कने तेज हो गयी उसने अपने बगल में देखा तो पाया अवि वहा नहीं है।
स्टडी की साइड रौशनी देखकर नैना उठी और उस तरफ चली आयी उसने देखा अवि लेपटॉप पर अपना काम कर रहा है तो नैना ने धीरे से कहा,”पडोसी”
नैना की आवाज से अवि की तंद्रा टूटी और उसने नैना की तरफ देखकर कहा,”हां नैना”
नैना ने कुछ नहीं कहा वह अवि के पास आयी और उसकी गोद में बैठकर अपना सर उसके सीने पर रखकर कहा,”मुझे वहा अकेले अच्छा नहीं लग रहा”
“कोई बात नहीं यहा ठीक हो ?”,अवि ने नैना के बालों को समेटकर इधर उधर देखा , टेबल के हेंडल पर लगा रबड़ निकाला और उसके बालों में डाल दिया
“हम्म्म !”,नैना ने अपनी आँखे मूंदकर कहा।
नैना को अपनी गोद में सुलाए अवि थोड़ा आगे खिसका। वह एक हाथ से अपना काम कर रहा था और दूसरे हाथ से नैना का सर सहला रहा था। अवि को खामोश पाकर नैना ने कहा,”पडोसी ! क्या मैं सच में मर जाउंगी ?”
“शशशशश , तुम्हे कुछ नहीं होगा,,,,,,,,!!”,अवि ने उसका सर अपने सीने से चिपकाकर कहा
अवि के कपड़ो से आती खुशबु इस वक्त नैना को बहुत अच्छी लग रही थी। कुछ देर बाद उसने कहा,”इस कमरे की ख़ामोशी मुझे डरा रही है,,,,,,,,,,!!”
“एक मिनिट,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा और लेपटॉप पर गाना चला दिया। धीमी आवाज में गाना चलने लगा और अवि का हाथ नैना के सर को सहलाता रहा जिस से नैना एक बार फिर नींद के आगोश में चली गयी। गाने की कुछ लाइनस अवि के कानों में पड़ी
“किस तरह छिनेगा , मुझसे ये जहा तुम्हे ,
तुम ही हो मैं , क्या फ़िक्र अब हमे,,,,,,,,,,,,,!
तुम हो मेरे लिए , मेरे लिए हो तुम यू
खुद मैं भूल गया तुमको , तुमको मैं जीता हूँ,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्हह !!”
अवि को वह शाम याद आ गयी जब वह पहली बार नैना के साथ उसके घर जा रहा था। उसने सोई हुई नैना के ललाट को अपने होंठो से छुआ और अपनी बांहो में उसे समेटकर आँखे मूँद ली।
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संजना किरोड़ीवाल


Sab Naina ko lekar preshan hai aur hona bhi chahiye…usko Cancer hai…inn sab m Avi ki halat thik nhi hai…wo jitn mentally disturbed hai…utna hee physically bhi…usko Naina ka bhi dhyan rakhna hai, office bhi dekhna hai aur apni family ka bhi dhyan rakhna hai…lakin wo khud ka bhi dhyan rakhe