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Love You Zindagi – 36

Love You Zindagi – 36

Love You Zindagi - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
अपार्टमेंट के टेरेस पर मिसेज आहूजा ने अपनी बेटी कुकू के जन्मदिन के मौके पर बड़ी पार्टी रखी थी जिसमे उन्होंने सोसायटी के अधिकांश लोगो को इन्वाइट किया था। कुकू के दोस्त भी उसकी बर्थडे पार्टी में आये थे और सब खूब इंजॉय कर रहे थे लेकिन कुकू थोड़ी हैरान परेशान थी क्योकि आज से पहले उसके जन्मदिन पर ऐसी पार्टी कभी नहीं रखी गयी बस हर जन्मदिन पर गिफ्ट में एक नया ड्रेस मिलता और शाम में केक काटा जाता।

मिसेज आहूजा कुछ ज्यादा  खुश नजर आ रही थी। कुमार नंदन और उनकी पत्नी भी इस बर्थडे पार्टी में आये थे। मिसेज आहूजा बस उनकी खातिरदारी में लगी थी।
मिस्टर आहूजा हाथ में कोल्ड ड्रिंक का गिलास पकडे एक तरफ खड़े थे। कुकू ने देखा और अपने पापा के पास आकर कहा,”ये सब क्या है पापा ? मम्मा मेरे बर्थडे पर इतना खर्चा क्यों कर रही है ? आज से पहले तो इन्होने मेरा बर्थडे ऐसे नहीं मनाया,,,,,,,,,,,,!!”


“तुम्हारी माँ पागल हो गयी है कुकू , सोसायटी के लोगो को खुश करने के चक्कर में इसने ये पार्टी रखी है,,,,,,,,,,,,,,खैर तुम्हे इन सब बातो पर ध्यान नहीं देना चाहिए , आज तुम्हारा जन्मदिन है तुम्हे एन्जॉय करना चाहिए,,,,,,,,,,,,,जाओ अपने दोस्तों के साथ बैठो और उनसे बातें करो”,मिस्टर आहूजा ने कहा
“ठीक है पापा”,कुकू ने कहा और वहा से चली गयी

मिसेज आहूजा को सबके साथ हसंते मुस्कुराते देखकर कुछ ही दूर खड़ी मिसेज गुप्ता ने अपने बगल में खड़ी मिसेज बंसल से कहा,”देख रही है आप मिसेज बंसल , मिसेज आहूजा ने तो आज की पार्टी से अपना वोट बैंक बना लिया है लगता है इस बार मिसेज आहूजा सोसायटी लीडर बनकर रहेंगी”


“हुंह ! इसे लोगो को अपने इशारो पर नचाना बेशक आता हो लेकिन सोसायटी के लोग बेवकूफ नहीं है उन्हें पता है किसे वोट देना है और किसे नहीं,,,,,,,,,खैर हमे क्या पार्टी में आये है तो इंजॉय करते है”,मिसेज बंसल ने कहा और पास टेबल पर रखे जूस के गिलास में से एक गिलास उठाया और पी लिया।
मिसेज गुप्ता ने सुना और मुस्कुरा कर इधर उधर देखने लगी। उन्होंने देखा आज की पार्टी में लगभग सब आये है लेकिन मिसेज शर्मा कही नजर नहीं आ रही।

मिसेज गुप्ता मिसेज आहूजा के पास आयी और कहा,”मिसेज आहूजा ! अजीब बात है आज की पार्टी में आपने मिसेज शर्मा को इन्वाइट नहीं किया ?”
“कैसी बात कर रही है मिसेज गुप्ता ? मैं अपने दुश्मनो को सबसे पहले इन्वाइट करती हूँ ताकि मेरी ख़ुशी के मोमेंट में वो मेरी आँखों के सामने रहे,,,,,,,,,,मैंने सबसे पहला इन्विटेशन मिसेज शर्मा को ही भेजा है,,,,,,,,,,,,,,वो शायद आज की पार्टी में आने में झिझक रही होगी ,, मेरे सामने अच्छे अच्छे खड़े होने से घबराते है मिसेज गुप्ता,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मिसेज आहूजा ठहाका मारकर हंस पड़ी।


मिसेज शर्मा मिसेज गुप्ता की अच्छी दोस्त थी जब उन्होंने मिसेज आहूजा के मुंह से ऐसी बात सुनी तो उन्हें बुरा लगा और उन्होंने कहा,”मिसेज आहूजा आपको नहीं लगता आप मिसेज शर्मा से कुछ ज्यादा ही खुन्नस खाकर बैठी है , आखिर ऐसा क्या किया है मिसेज शर्मा ने जो आप उनसे इतनी नफरत करती है कि उन्हें अपना दुश्मन तक कह दिया”


मिसेज गुप्ता को मिसेज शर्मा की तरफदारी करते देखकर मिसेज आहूजा ने जले-कटे स्वर में कहा,”आपको बड़ी परवाह हो रही है मिसेज गुप्ता , अगर इतना  ही प्यार है आपको मिसेज शर्मा से तो उनके बिना पार्टी में क्यों चली आयी आप ? फ्री में खाने पीने को मिल रहा है कही इसलिए तो नहीं,,,,,,,,,,क्योकि मैंने तो आज की पार्टी में आपको इन्वाइट नहीं किया”
मिसेज आहूजा ने सबके सामने मिसेज गुप्ता की बेइज्जती कर दी तो आस पास खड़े लोग हंसने लगे। मिसेज गुप्ता का चेहरा गुस्से से लाल हो उठा उन्होंने हाथ में पकड़ा गिलास टेबल पर रखा और वहा से चली गयी।

मिसेज आहूजा ने मुंह बनाया और वहा से दूसरी तरफ चली आयी। मिस्टर आहूजा ने उनकी बांह पकड़ी और उन्हें साइड में लाकर दबी आवाज में कहा,”ये तुम क्या कर रही हो ? तुमने सबके सामने मिसेज शर्मा को उलटा सीधा कहा,,,,,,,,तुम होश में तो हो ,, तुम अभी सोसायटी लीडर बनी भी नहीं और उस पोजीशन का इतना घमंड,,,,,,,,,,,,,,इतना घमंड अच्छा नहीं होता”
मिसेज आहूजा ने अपना हाथ झटका और मिस्टर आहूजा को घूरते हुए कहा,”आप तो चुप ही रहिये , आपको मेरे मामले में बोलने की जरूरत बिल्कुल नहीं है”


मिस्टर आहूजा अपनी पत्नी को घूरकर रह गए और वे वहा से चली गयी।
मिसेज आहूजा टेबल के पास आयी और अपनी बेटी को आवाज दी,”कुकू बेटा ! चलो आओ केक काटते है”
कुकू ने सुना तो अपने दोस्तों के साथ अपनी मम्मी के पास चली आयी। मिसेज आहूजा ने हाथ में पकड़ा चाकू कुकू की तरफ बढ़ाकर कहा,”लो केक काटो”
कुकू ने देखा उसके पापा दूर खड़े है तो उसने उन्हें आवाज देकर अपने पास बुलाया और उनके साथ केक काटा।

मेहमानो के बीच मिसेज आहूजा अपनी बेटी को कुछ कह नहीं पायी और जबरदस्ती मुस्कुराते हुए सबके साथ मिलकर तालिया बजाने लगी। कुकू ने केक काटा और सबसे पहले अपने पापा को खिलाया। मिस्टर आहूजा ने कुकू से अपनी मम्मा को खिलाने का इशारा किया तो कुकू ने बेमन से उन्हें भी खिला दिया। मिसेज आहूजा ने भी केक का एक टुकड़ा कुकू को खिलाया। सभी एक एक करके कुकू को केक खिलाने लगे।


केक का एक टुकड़ा कुकू के मुंह की तरफ आया कुकू ने सामने देखा तो हैरान रह गयी और घबरा भी गयी क्योकि सामने वही लड़का था जो आज सुबह सोसायटी के बाहर खड़ा कुकू को घूर रहा था। कुकू को हैरान परेशान देखकर राज ने मुस्कुरा कर अपना दुसरा हाथ आगे किया और एक गिफ्ट कुकू के हाथ पर रखकर उसे केक खिलाते हुए कहा,”हैप्पी बर्थडे कनिका”
मिसेज आहूजा ने राज को वहा देखा तो गुस्से से उबलने लगी उन्होंने राज के कंधे पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ किया और दबी आवाज में लेकिन गुस्से से कहा,”तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”


“अब आपने तो मुझे आज की पार्टी में इन्वाइट नहीं किया तो सोचा क्यों ना मैं ही कुकू को बर्थडे विश करने आ जाऊ,,,,,,,,,,,,!!”,राज ने बेशर्मी से कहा
“वो मेरी बेटी है राज उसके आस पास भी मत भटकना,,,,,,,,,सोसायटी के लोगो में से कोई तुम्हे देखे इस से पहले चले जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज आहूजा ने एक बार फिर गुस्से से दबी आवाज में कहा।
“चला जाऊंगा मिसेज आहूजा लेकिन पहले आपकी फॅमिली को अच्छे से हेलो तो बोल दू,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए राज मिस्टर आहूजा की तरफ बढ़ा और उनसे हाथ मिलाते हुए कहा,”हेलो !”


“हेलो , आपकी तारीफ ?”,मिस्टर आहूजा ने कहा जो पहली बार राज से मिल रहे थे
“मेरी तारीफ तो आप मिसेज आहूजा से पूछिए , वो मुझे बहुत करीब से जानती है,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए राज कुकू के सामने आया और अपना हाथ उसकी तरफ बढाकर कहा,”हाय ब्यूटीफुल”
कुकू ने अपनी मम्मी की तरफ देखा , मिसेज आहूजा इस वक्त कोई तमाशा नहीं चाहती थी इसलिए कुकू से हाथ आगे बढ़ाने का इशारा कर दिया , कुकू ने राज से हाथ मिलाया तो राज ने उसकी आँखों में देखते हुए उसका हाथ धीरे से दबा दिया जिस से कुकू असहज होकर वहा से चली गयी।

मिसेज आहूजा राज की बांह पकड़कर उसे सीढ़ियों की तरफ लेकर आयी और कहा,”अब जाओ यहाँ से , मैंने तुम से कहा था ना मैं सोसायटी वालो से बात करके तुम्हे सोसायटी में आने की परमिशन दिला दूंगी,,,,,,,,,,,अब जाओ”
“ठीक है चला जाता हूँ लेकिन मेरी बात याद रखना मिसेज आहूजा,,,,,,,,,,,,!”,राज ने कुछ दूर खड़ी कुकू को देखते हुए कहा जो अपने दोस्तों के साथ हंस मुस्कुरा रही थी।

राज के जाने के बाद मिसेज आहूजा ने राहत की साँस ली और मेहमानो में शामिल हो गयी।

 नैना को सुलाते सुलाते विपिन जी नैना का सर अपने सीने से लगाये वही सो गए। नैना भी अपने पापा के सीने से लगी चैन की नींद सो रही थी। सुबह नैना की आँखे  खुली तो उसने देखा उसे सुलाते सुलाते विपिन जी खुद सो गए है। नैना ने धीरे से विपिन जी के हाथ को साइड किया और उनके सर के नीचे तकिया लगा दिया। वह बिस्तर से नीचे आयी और विपिन जी को चद्दर ओढ़ाकर कमरे की लाइट बंद कर बाथरूम में चली आयी।

नैना ने मुंह धोया और पोछते हुए शीशे में खुद को देखा , पहले से चेहरा कितना मुरझा गया था और नैना काफी कमजोर भी नजर आ रही थी। ठीक से ना सोने की वजह से उसकी आँखों के नीचे काले घेरे दिखने लगे थे साथ ही चेहरे पर कुछ कुछ पिम्पल भी निकल आये थे।  घने लहराते बाल अब बेजान और कमजोर नजर आने लगे थे। नैना का चेहरा उदासी से घिर गया। नैना ने जबरदस्ती मुस्कुराने की कोशिश की और एकदम से उसकी आँखों में आँसू भर आये।

नैना शीशे में खुद को देखते रही और खुद में बड़बड़ायी,”डेड मुझे ऐसे देखकर कितना कमजोर पड़ गए थे , अगर उन्हें पता चला मुझे कैंसर है तो वो टूट जायेंगे,,,,,,,,,,,,,हाह ! मैं आज तक डेड को कोई ख़ुशी नहीं दे पायी और अपने आखरी समय में भी मैं उन्हें एक बहुत बड़ा दर्द देकर जा रही हूँ,,,,,,,,,पता नहीं डेड कैसे इस दर्द से उबर पाएंगे,,,,,,,,,,मेरे साथ ये क्यों हुआ ? मैं ही क्यों ? मैंने कभी स्मोक नहीं किया , कभी ड्रिंक नहीं की , कभी कोई गलत आदत नहीं रखी फिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ ?

अभी अभी तो मुझे पडोसी से प्यार ,  अभी अभी तो मैंने उसके साथ जिंदगी जीने के सपने सजाने शुरू किये थे , अभी अभी तो मैंने जीना सीखा था,,,,,,,,,,,,इस कहानी का अंत इतना जल्दी कैसे हो सकता है , भगवान क्या तुम मुझे थोड़ी सी जिंदगी और नहीं दे सकते ? क्या मैं सच में मर जाउंगी ?”


भगवान से थोड़ी सी जिंदगी और मांगते हुए नैना एकदम से रो पड़ी , बाहर सोये विपिन जी नैना को रोते हुए सुन ना ले सोचकर नैना ने अपने दोनों हाथो से अपने मुँह को दबा लिया लेकिन वह अपने दुःख को नहीं रोक पा रही थी। रोते हुए अपने मुंह को दबाये वह वही  दिवार से पीठ लगाकर घुटनो के बल जमीन पर बैठ गयी। नैना सबके सामने रो नहीं सकती थी , वह सबके सामने स्ट्रांग बनने का दिखावा करती लेकिन अंदर ही अंदर वह अब सबसे दूर जाने के ख्याल से डरने लगी थी।

रोने की वजह से नैना का मन कुछ हल्का हुआ तो वह उठी और एक बार फिर अपना मुंह धोया। रोने से चेहरा और आँखे लाल हो चुकी थी। नैना ने ब्रश किया और अपना मुंह पोछकर बाहर चली आयी।  विपिन जी गहरी नींद में सो रहे थे। नैना कमरे से बाहर आयी और दरवाजा धीरे से बंद करके नीचे चली आयी। नैना ने देखा घर में कोई नहीं था। अमूमन इस समय सब घर में ही होते है लेकिन ना चौधरी साहब सुबह का अख़बार पढ़ रहे थे , ना सौंदर्या भोला को घर के काम समझा रही थी।

निबी देर से उठती थी लेकिन अवि भी नैना को नजर नहीं आया। नैना हॉल में चली आयी उसने किचन से बाहर आते भोला को देखा और कहा,”भोला भैया एक कप चा,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए नैना रुक गयी और मन ही मन खुद से कहा,”अगर मैंने इसे चाय का कहा तो ये फिर से अवि का नाम लेकर लंबा लेक्चर सुना देगा और मुझे सुबह सुबह चाय के किये ना नहीं सुनना,,,,,,,,,!!”
“मैडम आप कुछ कह रही थी , आपको कुछ चाहिए ?”,भोला ने पूछा


भोला की आवाज से नैना की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”हाँ वो मैंने ये पूछ रही थी , बाकि सब घरवाले कहा है ?”
“अवि बाबा और सौंदर्या मैडम तो कल से घर नहीं आये है , बड़े सर अपने कमरे में है और आपके दोस्त और घरवाले गेस्ट रूम में है,,,,,,,,!!”,भोला ने कहा
“अवि और मॉम कल से घर नहीं आये,,,,,,,,,दोनों कहा गए होंगे ?”,नैना फिर सोच में पड़ गयी तो भोला वहा से जाने लगा , वह जाते जाते रुका और कहा,”हाँ मैडम , कल देर रात आपके दो दोस्त आये थे ,, आप सो रही थी इसलिए उन्होंने आपको उठाया नहीं,,,,,,,,,,!”


“नैना,,,,,,,,,,!!”,नैना भोला से कुछ पूछती इस से पहले मोंटी की आवाज उसके कानों में पड़ी। नैना समझ गयी भोला किस दोस्त की बात कर रहा है। नैना पलटी तो उसने देखा सिर्फ मोंटी ही नहीं बल्कि उसके साथ रुचिका भी आयी है। अभी कुछ दिन पहले ही नैना मोंटी और रुचिका से बीकानेर में मिली थी लेकिन अब हालात कुछ और थे। नैना खुश होकर मोंटी के सामने आयी और जैसे ही उसे गले लगाना चाहा मोंटी ने उसे रोक दिया।


नैना ने हैरानी से मोंटी को देखा तो मोंटी ने कहा,”बस यही थी तुम्हारी दोस्ती नैना , इतना सब हो रहा है तुम्हारी जिंदगी में और तुमने मुझे बताया तक नहीं ,, खुद समझती क्या हो तुम हाँ ? अकेले दर्द सहती रही और किसी को बताया तक नहीं,,,,,,,,!!”
मोंटी आगे कुछ कह ही नहीं पाया और रोने लगा , नैना ने उसे रोते देखा तो पलट गयी उसकी आँखों से भी आँसू बहने लगे। रुचिका ने देखा तो उसे पीछे से हग किया और कहा,”तुम्हे कुछ नहीं होगा नैना , तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगी,,,,,,,,,,,,,हम सब तुम्हारे साथ है और तुम मेरी स्ट्रांग नैना हो”


सार्थक ने सबको इमोशनल देखा तो माहौल को थोड़ा हल्का करते हुए मोंटी से कहा,”ए मोंटी ! भाग जाओ यहाँ से , इतने दिनो में नैना ने एक आँसू नहीं बहाया और तुमने आते ही उसे रुला दिया। मैं नैना की आँखों में आँसू नहीं देख सकता,,,,,,,,,,,,!!”
सार्थक की आखरी लाइन सुनकर सबने हैरानी से उसे देखा तो सार्थक ने कहा,”ये आखिरी शब्द अवि भाई के है , अब वो यहाँ नहीं है मैंने सोचा क्यों ना मैं ही ये बोल दू,,,,,,,,,,!!”


आराधना सबके साथ हॉल में चली आयी। मोंटी नैना का हाथ अपने हाथो में पकड़कर बैठा था। कुछ देर बाद चौधरी साहब भी बाहर चले आये और मोंटी रुचिका से मिले। उन्होंने भोला से सबके लिए चाय कॉफी लाने को कहा। कुछ देर बाद ही भोला सबके लिए चाय-कॉफी ले आया बस नैना के लिए जूस था। नैना समझ गयी कि अवि के ना होने पर भी भोला उसके ऑर्डर्स फॉलो कर रहा है खैर अवि का गुस्सा वह भोला पर नहीं उतार सकती इसलिए उनसे चुपचाप अपना गिलास उठाया और पीने लगी।

सभी बाते कर ही रहे थे कि तभी बाहर गाड़ी आकर रुकी। नैना , मोंटी और रुचिका को छोड़कर बाकि सब जानते थे कि बाहर कौन आया है ? नैना की नजरे दरवाजे की तरफ ही थी। कुछ देर बाद सौंदर्या , अवि और निबी तीनो अंदर आये। उन्हें साथ देखकर नैना को और ज्यादा हैरानी हुई लेकिन निबी को देखते ही उसे एकदम से फिर अनुराग की याद आ गयी साथ ही उसे याद आयी अनुराग की मौत,,,,,,,,,,,,!!


वह उठी और निबी के सामने आकर उसके हाथो को थामकर कहा,”निबी ! निबी तुम ठीक हो ना ? और इतनी सुबह सुबह तुम कहा से आ रही हो ?”
निबी ने गुस्से से नैना के हाथो को झटका और तेज स्वर में कहा,”दूर हट जाईये मुझसे,,,,,,,,,,,,,!!”
“निबी,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने फटी आँखों से निबी को देखते हुए कहा , उसे निबी से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं थी। बाकि सब भी नैना के पास चले आये।


निबी नफरत से नैना को देखे जा रही थी और गुस्से से कहा,”मुझसे मेरा प्यार छीनकर आप मुझे पूछ रही है मैं कैसी हूँ ? आपकी वजह से अनुराग की जान चली गयी,,,,,,,,, बहुत शौक था ना आपको अनुराग का सच सबके सामने लाने का लेकिन आपके इस शौक ने अनुराग की जान ले ली , मुझे मेरा सुहाग छीन लिया ,,,,,,,,,!!”
अवि और सौंदर्या ने निबी को बोलने से रोकना चाहा लेकिन निबी इस वक्त बहुत गुस्से में थी। वे निबी से कुछ कहते इस से पहले नैना ने कहा,”निबी मेरी वजह से,,,,,,,,,,,,ये तुम क्या कह रही हो ?”


निबी ने जलती आँखों से नैना को देखा और कहा,”अनुराग अब इस दुनिया में नहीं रहा और उसकी मौत की जिम्मेदार सिर्फ तुम “नैना बजाज”
नैना ने सुना तो उसका दिल टूट गया और उसकी आँख में भरे आँसू उसके गालो पर बह गए  

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संजना किरोड़ीवाल  

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