Love You Zindagi – 35
Love You Zindagi – 35

शीतल आराधना के साथ नैना को लेकर उसके कमरे में आयी। शीतल ने नैना को बिस्तर पर लेटाया और खुद उसके बगल में आ बैठी। नैना ने शीतल के परेशान चेहरे को देखा और कहा,”शीतू रिलेक्स ! अब मैं ठीक हूँ”
“तुमने तो हम सब को डरा ही दिया था नैना,,,,,,,,भगवान का शुक्र है कि तुम अब ठीक हो,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने नैना के हाथ को थामकर कहा
नैना ने अपनी पलकें झपका दी और मुस्कुरा दी। नैना को मुस्कुराते देखकर शीतल के दिल को तसल्ली मिली।
सार्थक भी कमरे में चला आया और नैना के पास आकर कहा,”अब तुम्हारी तबियत कैसी है नैना ?”
“मैं ठीक हूँ,,,,,,,,सार्थक अनुराग को क्या हुआ है ? मैंने टीवी पर अनुराग के एक्सीडेंट की न्यूज देखी थी,,,,,,,,,क्या उसके साथ सच में कोई हादसा हुआ है ?”,नैना ने गंभीरता से पूछा
नैना की बात सुनकर शीतल और सार्थक एक दूसरे की तरफ देखने लगे , नैना के मुंह से अचानक अनुराग का नाम सुनकर आराधना भी नैना को देखने लगी क्योकि उन्हें भी अनुराग के यहाँ आने और निबी से शादी के बारे में कुछ नहीं पता था।
सार्थक और शीतल की ख़ामोशी ने नैना की बेचैनी को और बढ़ा दिया उसने कहा,”क्या हुआ तुम चुप क्यों हो ? क्या वो न्यूज सही थी ?”
“न्यूज ? कौनसी न्यूज नैना ? और अनुराग तो उसी रात वापस दिल्ली चला गया था जब उसका सच सबके सामने आया था। यहाँ तक के निबी ने भी अनुराग से अपने सारे रिश्ते खत्म कर दिए,,,,,,,,,,,,,,टीवी पर तुमने जिस अनुराग के एक्सीडेंट की न्यूज देखी वो अनुराग तो डेली सोप वाले एक कैरेक्टर के बारे में थी ,, तुम भी ना नैना तुम्हारी ये ज्यादा सोचने वाली आदत जाएगी नहीं,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने नैना को एक झूठी कहानी बनाकर सुना दी
नैना सोच में पड़ गयी उसने जो देखा वो सच था या जो सार्थक कर रहा है वो,,,,,,,,,,,,,नैना कुछ समझ नहीं पा रही थी एक पल में उसे अनुराग की मौत वहम लगती और अगले ही पल सच,,,,,,,,,,,,!!
नैना को सोच में डूबा देखकर शीतल ने कहा,”नैना ! तुम्हे शायद कोई ग़लतफ़हमी हुई है अनुराग सर तो दिल्ली में है , तुमने जरूर कोई गलत न्यूज देखी है। अब इतना मत सोचो और आराम करो,,,,,,,,,,,,आंटी आप भी चलकर फ्रेश हो जाईये , आई नो आपने और अंकल ने सुबह से कुछ नहीं खाया होगा,,,,,आईये”
“तुम आराम करो,,,,,,,,,!!”,आराधना ने नैना का सर सहला कर कहा और शीतल के साथ कमरे से बाहर चली गयी सार्थक वहा रखी कुर्सी पर आ बैठा और नैना से इधर उधर की बाते करने लगा। कुछ देर बाद भोला सार्थक के लिए चाय लेकर कमरे में आया साथ ही उसके हाथ में मोंटी का भेजा गिफ्ट भी था। उसने चाय सार्थक की तरफ बढ़ा दी और गिफ्ट बिस्तर पर रखते हुए कहा,”नैना मैडम ! ये आपके लिए किसी ने भेजा है।”
“और मेरी चाय ?”,नैना ने उठकर बैठते हुए कहा
“अवि बाबा ने कहा है कि चाय और किसी भी तरह का कैफीन ना दिया जाये , मैं जाता हूँ मैडम”,कहकर भोला ने सर झुकाया और वहा से चला गया
“कितना अजीब आदमी है ये पडोसी ! यहाँ नहीं है फिर भी सबको अपने कंट्रोल में कर रखा है,,,,,,,,,,हद हो गयी”,नैना ने अपने हाथो को नचाते हुए कहा
“इसे अजीब नहीं बल्कि प्रोटेक्टिव मेन कहते है नैना,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने चाय की चुस्की लेते हुए कहा
नैना ने सार्थक को देखा और कहा,”माँ की आँख ऐसे प्रोटेक्शन की जो मुझे चाय पीने से रोके,,,,,,,,,,!!”
नैना को गुस्से में देखकर बेचारे सार्थक ने अपनी जूठी चाय नैना की तरफ बढ़ा दी। नैना ने कप लिया और होंठो से लगा लिया। जैसे ही चाय का पहला घूंठ नैना के गले से नीचे उतरा एक सुकून नैना के चेहरे पर दिखाई देने लगा। एक दो घूंठ लेने के बाद नैना को अवि का ख्याल आया और उसने कप सार्थक की तरफ बढ़ा दिया और कहा,”अगर उसे पता चला तो मुझे लेक्चर सुनना पडेगा,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्हो नैना क्या बात है ? मुझे ऐसा क्यों लग रहा है तुम अवि के प्यार में थोड़ा सा पोलाइट हो गयी हो,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने नैना को छेड़ते हुए कहा
“ओह्ह्ह शट अप सार्थक ऐसा कुछ नहीं है,,,,,,,,,,,,ज़रा देखु ये किसने भेजा है ?”,कहते हुए नैना ने डिब्बा उठाया और मोंटी का नाम देखकर मुस्कुरा उठी। नैना ने गिफ्ट के साथ रखे सॉरी नोट को निकाला और पढ़ा जिसमे मोंटी ने उसे देर से बर्थडे विश करने को लेकर माफ़ी मांगी थी। नैना ने कार्ड साइड में रखा और डिब्बा खोला तो उसमे ढेर सारी चॉकलेट्स और वेफर्स थे जो बचपन में नैना और मोंटी खूब खाया करते थे। साथ में एक बहुत ही प्यारी घडी थी जिसे नैना ने अपनी कलाई पर लगाकर देखा और वह सच में नैना की कलाई पर बहुत प्यारी लग रही थी।
नैना सब देख ही रही थी कि तभी सार्थक का फोन बजा। सार्थक ने फोन निकाला स्क्रीन पर अपनी मम्मी का नाम देखकर सार्थक ने फोन उठाकर कान से लगाया और कहा,”हेलो ! हाँ माँ इस वक्त फोन किया सब ठीक है न ?”
“नहीं कुछ भी ठीक नहीं है , तुम ही बताओ सार्थक अब यहाँ मै अकेले घर देखू या फिर सोसायटी इलेक्शन का काम,,,,,,,,,,,,ऊपर से वो मिसेज आहूजा एक मौका नहीं छोड़ती मुझे नीचा दिखाने का,,,,,,,,,,,,तुम ये बताओ तुम और शीतल घर कब आ रहे हो ?”,मिसेज शर्मा ने गुस्से में चिढ़ते हुए कहा
“अरे अरे शांत हो जाईये माँ ,, आप इतना परेशान शीतल के वहा ना होने से है या मिसेज आहूजा के सुनाने से,,,,,,,,!”,सार्थक ने मजाकिया स्वर में कहा लेकिन आज सार्थक का मजाक मिसेज शर्मा को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने कहा,”तुम्हे क्या लगता है तुम्हारी बीवी यहा नहीं होगी तो मैं सब सम्हाल नहीं सकती,,,,,,,,उसे खुद सोचना चाहिए इतने दिन से तुम दोनों बाहर हो , क्या घर के लिए तुम लोगो की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती,,,,,,,!!
सार्थक ने सुना तो खामोश हो गया , सार्थक को खामोश देखकर मिसेज शर्मा ने कहा,”बस बहुत घूम लिया तुम दोनों ने अब कल घर आ जाओ ,, शीतल की भी क्लासेज शुरू होने वाली है और तुम,,,,,,,,,,,तुमने क्या नौकरी छोड़ दी है ? तुम्हे ऑफिस नहीं जाना,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ जाना है मम्मी , मैं आपको थोड़ी देर में फोन करता हूँ,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक नैना के सामने अपनी मम्मी से ज्यादा बात करना नहीं चाहता था इसलिए इतना कहकर फोन काट दिया। उसने फोन जेब में रखा और सामने देखा तो पाया नैना उसे ही देख रही थी। नैना को देखकर सार्थक फीका सा मुस्कुराया और कहा,”वो मम्मी का फोन था,,,,,,,,,,,,!!”
“वापस घर आने के लिए बोल रही होगी ?”,नैना ने सार्थक की बात पूरी करते हुए कहा
“हाँ,,,,,,,,,,,,बट इट्स ओके मैं उन्हें बाद में समझा दूंगा”,सार्थक ने कहा
“सार्थक तुम दोनों सच में पागल हो ,, मैं अब बिल्कुल ठीक हूँ तुम्हे और शीतल को वापस घर जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,मैं तो कहती हूँ डेड और मॉम को भी अपने
साथ ले जाओ,,,,,,,,,,मुझे ऐसे देखकर वो खामखा ज्यादा परेशान हो जायेंगे,,,,,,,,,,!!”,नैना ने सार्थक को समझाते हुए कहा
“लेकिन नैना,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहना चाहा लेकिन नैना ने उसे टोकते हुए कहा,” चुप रहो और दिल्ली के लिए 4 टिकट बुक करो , अपनी शीतल और मॉम-डेड की ,, मैं नहीं चाहती डेड मुझे इन हालातो में देखे और उन्हें ऐसे उदास देखकर मैं कमजोर पडू।”
“आर यू स्योर ? एक बार अवि से बात कर लो नैना,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा
“बिल्कुल नहीं ! उसे वैसे भी मुझसे उलटा ही करना है इसलिए मैं जो कह रही हूँ वो करो,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा
नैना के जिद करने पर सार्थक ने अगले दिन के लिए दिल्ली की चार टिकट बुक कर दी , ट्रेन शाम 7 बजे की थी और नैना के पास अपने मॉम के साथ बिताने के लिए इतना वक्त काफी था। वह सार्थक को देखकर मुस्कुरा दी,,,,,,,,,,,,,,!!
दिल्ली , अनुराग का घर
अवि निबी का हाथ पकड़कर उसे अनुराग के घर से बाहर लेकर आया और गाडी के पास लाकर उसे अपने सामने करके कहा,”आर यू मेड निबी ? ये सब क्या है ? तुम बिना किसी को बताये दिल्ली चली आयी , तुम्हे आईडीआ भी है तुम्हे लेकर सब कितना परेशान हो गए थे,,,,,,,,,,,,,रस्ते में अगर तुम्हारे साथ कुछ अनहोनी हो जाती तो कौन जिम्मेदार होता ?”
“अनुराग अब इस दुनिया में नहीं रहा भाई , वो हम सब को छोड़कर चला गया है,,,,,,,,,,,,,,मुझे अनुराग के पास जाना है , मुझे यही रहना है,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए निबी वापस अंदर जाने लगी तो अवि ने उसकी बांह पकड़कर उसे रोक लिया और अपने सामने करके कहा,”पागल मत बनो निबी ! अनुराग मर चुका है और इस घर में तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है , ये लोग तुम्हे कभी अनुराग की वाइफ के रूप में एक्सेप्ट नहीं करेंगे ,, मेरे साथ घर चलो और भूल जाओ अनुराग को ,, जो हुआ वो एक बुरा सपना था निबी,,,,,,,,,,,,,,!!”
सौंदर्या भी वहा चली आयी। निबी ने अपनी बांह झटकी और गुस्से से लेकिन दर्दभरे स्वर में कहा,”क्या आप नैना भाभी को भूल सकते है ?”
“उस घटिया आदमी को नैना से कम्पेयर मत करो निबी,,,,,,,,,,,,तुम मेरी बात समझ नहीं रही हो ,, अनुराग मर चुका है और उसके घरवाले तुम्हे कभी एक्सेप्ट नहीं करेंगे,,,,,,,,,,,,,,मॉम समझाइये इसे”,अवि ने कहा
सौंदर्या निबी के पास आयी और उसे समझाते हुए कहा,”निबी ! निबी घर चलो बेटा , हम घर चलकर इस बारे में बात करते है,,,,,,,,,,,,!!
सौंदर्या को अपने सामने देखकर निबी रो पड़ी और कहा,”इन सब में मेरी क्या गलती थी मॉम ? मैंने तो अनुराग से सच्चा प्यार किया था ना फिर मेरे साथ ही ये सब क्यों हुआ ? अनुराग क्यों चला गया मॉम ?”
निबी को रोते देखकर सौंदर्या का दिल भर आया उसने निबी को सीने से लगाया और उसका सर सहलाते हुए उसे गाडी की तरफ ले आयी। सौंदर्या निबी के साथ गाडी की पिछली सीट पर आ बैठी।
रोते हुए निबी ने अपना सर सौंदर्या की गोद में रख दिया और सिसकने लगी। अवि ड्राइवर सीट पर आकर बैठा और पलटकर एक नजर निबी को देखा। उसने गाड़ी स्टार्ट की और वहा से निकल गया।
मोंटी और रुचिका देर रात बस से चंडीगढ़ पहुंचे। अवि के घर का पता दोनों ही नहीं जानते थे इसलिए मोंटी ने सार्थक को फोन लगाया। सार्थक मोंटी और रुचिका को लेने घर से जाने लगा तो चौधरी साहब ने उसे गाड़ी ले जाने को कहा और खुद अपने कमरे में चले गए। शीतल आराधना और विपिन जी नैना के साथ उसके कमरे में थे। उनसे बातें करते और हँसते मुस्कुराते हुए नैना थोड़ी देर के लिए अपनी बीमारी के बारे में भूल गयी। आराधना ने नैना को अपने हाथो से खाना खिलाया और दवा दे दी।
नैना को सर में हल्का हल्का दर्द महसूस हो रहा था सबसे बात करते हुए उसने एक दो बार अपने सर को सहलाया तो विपिन जी की नजर उस पर जा पड़ी। विपिन जी अपनी जगह से उठे और नैना के सिरहाने आ बैठे उन्होंने सामने बैठी आराधना को देखा और कहा,”आरु वो तेल की बॉटल देना”
नैना समझ पाती इस से पहले विपिन जी ने अपने हाथो में थोड़ा सा मसाज ऑइल लिया और नैना के बालों में लगाकर धीरे धीरे उसका सर सहलाने लगे। नैना को बहुत अच्छा लग रहा था।
नैना उठकर बैठ गयी और विपिन जी उसके सिरहाने बैठकर धीरे धीरे अपने हाथो से नैना के सर की मसाज करने लगे। बचपन में विपिन ऐसा रोज किया करते थे आज नैना को फिर से वही दिन याद आ गए। विपिन जी के हाथो का जादू था या फिर दवाओं का असर नैना की आँखे मूंदने लगी और वह विपिन जी के सीने पर सर रखकर सो गयी। आराधना ने देखा तो वह नैना को सही सुलाने के लिए उसके पास आयी लेकिन विपिन जी ने उसे रोक दिया और धीरे से कहा,”इसे यही सोने दो आराधना,,,,,,,,तुम और शीतल चलो मैं थोड़ी देर में आता हूँ”
“हम्म्म ठीक है,,,,,,,,,आप परेशान हो जायेंगे , मैं नैना के पास रुक जाती हूँ,,,,,,!!”,आराधना ने कहा
विपिन जी ने अपने सीने पर रखे नैना के चेहरे को देखा और आराधना से कहा,”तुम्हे याद है जब नैना 1 साल की थी तब कैसे रात में उठकर एकदम रोने लग जाती थी ,, दिनभर के कामो में थकने की वजह से मैं तुम्हे नहीं उठाता और नैना को अपने सीने पर लेटा लेता था और मेरे सीने पर सर रखने के कुछ मिनिट बाद ही ये सुकून से सो जाया करती थी,,,,,,,,,,,,,,आज भी वैसा ही है आरु और मैंने नैना का ये सुकून छीनना नहीं चाहता,,,,,,,,,,,,,
हमारी बेटी जिस बीमारी से लड़ रही है उसमे इसका सुकून में रहना बहुत जरुरी है मैं नैना को सुलाकर आता हूँ!!”
विपिन जी की इमोशनल बातें सुनकर आराधना की आँखों में नमी उभर आयी शीतल ने देखा तो उन्हें साइड हग करते हुए कहा,”नैना ठीक हो जाएगी आंटी,,,,,,,,,,आईये चलते है।”
सार्थक मोंटी और रुचिका को लेकर घर आया तब तक बहुत रात हो चुकी थी। मोंटी नैना से मिलना चाहता था लेकिन शीतल ने मना कर दिया क्योकि नैना सो चुकी थी। सार्थक , शीतल , मोंटी , रुचिका और आराधना गेस्ट रूम में आ बैठे। सौंदर्या और निबी की चिंता में चौधरी साहब अपने कमरे में उदास बैठे थे। देर रात उनके पास अवि का फोन आया और जब उसने बताया की निबी सही सलामत है और उसके साथ है तब जाकर उनकी चिंता थोड़ी कम हुई और वे सोने चले गए।
दूसरी तरफ अपने पापा से बात करने के बाद अवि ने फोन रखा और जैसे ही पलटा अपने पीछे खड़ी सौंदर्या को देखकर कहा,”क्या हुआ ?”
“फोन पर तुम्हारे डेड थे ?”,सौंदर्या ने पूछा
“हाँ मैंने उन्हें बता दिया है कि निबी हमारे साथ है और कल सुबह तक हम घर पहुँच जायेंगे ,, अगर गाड़ी ख़राब नहीं होती तो हम आज रात ही घर पहुँच जाते,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा
अवि का उदास और थका हुआ चेहरा देखकर सौंदर्या ने कहा,”ऐसे हाल में तुम गाड़ी चलाने का सोच रहे हो अवि , ज़रा देखो खुद को कितने थके हुए लग रहे हो। तुमने दोपहर से कुछ खाया नहीं है , जाकर मुंह धो लो मैं कुछ खाने का आर्डर कर देती हु ,, गाड़ी ठीक होने में एक डेढ़ घंटा लग जायेगा”
“और निबी ?”,अवि ने पूछा
“वो सो रही है , मेरे ख्याल से उसे सोने देना चाहिए ,, फ़िलहाल उसके दिमाग के लिए उसका सोना बहुत जरुरी है,,,,,,,,,,तुमने नैना से बात की ?”,सौंदर्या ने पूछा
“अह्ह्ह नहीं मॉम ! डेड ने बताया नैना घर पर है और सब उसके साथ है,,,,,,,,,,,, मैंने उस से बात की तो वो 10 सवाल करेगी और मैं नैना से झूठ नहीं बोल सकता मॉम , आप चलकर बैठिये मैं आता हूँ,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा और मुंह धोने चला गया
विपिन जी के सीने से लगी नैना सुकून की नींद सो रही थी और विपिन जी उसकी बीमारी के बारे ने सोचते हुए धीरे धीरे उसका सर सहला रहे थे। आने वाले दिनों में नैना जिस तकलीफ से गुजरने वाली थी उसका अहसास विपिन जी को भी था , सहसा ही उनकी आँखों में नमी उभर आयी और उनकी आँखों से बहकर आँसू की एक बूंद नैना के हाथ पर जा गिरी। नैना नींद में थी पर उसे अहसास था कि वह विपिन जी के साथ है इसलिए उसने नींद में ही बड़बड़ाना शुरू कर दिया,”डेड,,,,,,,,,,!!”
नैना की आवाज से विपिन जी की तंद्रा टूटी और उन्होंने अपने आँसू पोछकर कहा,”हाँ बेटा जी”
विपिन जी ने देखा नैना नींद में है तो उन्होंने नैना का सर सहलाना जारी रखा और नैना नींद से भरे स्वर में कहने लगी,”आई ऍम सॉरी डेड ! मैंने आपसे सच छुपाया,,,,,,,,,,,लेकिन आपको अपनी बीमारी के बारे में बताकर मैं आपको तकलीफ में नहीं देखना चाहती,,,,,,,,,,,,,,,मैं नहीं चाहती डेड आपको मेरी बीमारी के बारे में पता चले और आप टूट जाये पडोसी मेरा बहुत ख्याल रखता है डेड,,,,,,,,,,,वो बहुत अच्छा है ,
मैं उसे बहुत परेशान करती हूँ फिर भी वो मुझसे उतनी ही मोहब्बत करता है,,,,,,,,आप हमेशा कहते थे ना डेड कि मुझे आप जैसा लड़का नहीं मिलेगा , पडोसी आप से भी अच्छा है डेड,,,,,,,,मेरे मुश्किल वक्त में उसने कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा , पूरी दुनिया भी मेरे खिलाफ खडी हो तो अवि मेरी साइड रहेगा,,,,,,,,,वो बहुत अच्छा है डेड,,,,,,,,,,,,!!!”
नैना के मुंह से अवि की तारीफ सुनकर विपिन जी की आँखों से फिर आँसू बहने लगे। उन्होंने काँपते होंठो से नैना के सर को छुआ और धीरे से कहा,”हाँ वो बहुत अच्छा है बेटा जी,,,,,,,,,,,,बहुत अच्छा है”
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संजना किरोड़ीवाल

