Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 95

Love You Zindagi – 95

रुचिका ने पहली बार नैना को ऐसी बातें करते सूना था , उसकी आँखों में अवि के लिए प्यार साफ नजर आ रहा था। अवि गहरी नींद में सो रहा था नैना ने एक बार फिर उसके सर को छूकर देखा और कहा,”इसे बहुत तेज बुखार है , मोंटी सार्थक से पूछ के कोई डॉक्टर बुला न !”
“हम्म मैं अभी फ़ोन करता हूँ उसे कहते हुए मोंटी बाहर चला गया। रुचिका नैना के पास आयी और कहा,”कबसे मैं चाहती थी की तू भी किसी की परवाह करे , आज देख लिया अच्छा लग रहा है।”
“अरे अरे पांडा इतनी सी बात यहाँ बैठकर इसकी सेवा करो और भी अच्छा लगेगा”,नैना ने उठते हुए कहा
“तू कहा जा रही है ?”,रुचिका ने पूछा लेकिन नैना ने कुछ नहीं कहा वह किचन एरिया से एक बर्तन में पानी और एक छोटा रूमाल लेकर आयी जो की अवि का ही था। रुचिका को कुछ समझ नहीं आ रहा था वह हैरानी से नैना को देखे जा रही थी नैना ने पानी से भरा बर्तन रुचिका के सामने रखा और उसे रूमाल देकर कहा,”इसे पानी में भिगाओ और पडोसी के सर पर रखो , इस से बुखार कम हो जाएगा !”
“अच्छा और तू क्या करेगी ?”,रुचिका ने पट्टी भिगो कर अवि के सर पर रखते हुए पूछा
“मुझे सार्थक के पापा को भी तो देखना है , तुम क्या चाहती हो मैं यहाँ बैठ के बाबू शोना करू ?”,नैना ने कहा
“नहीं मेरी माँ जाकर अपना काम करो”,रुचिका ने कहा तो नैना वहा से चली गयी अपने फ्लेट में आकर उसने अपना थोड़ा काम किया और उसके बाद नीचे चली आयी। उसने देखा सार्थक के पापा सामने गार्डन में एक्सरसाइज कर रहे थे नैना भी जाकर उसने कुछ ही दूर पर एक्सरसाइज करने का नाटक करने लगी। सार्थक के पापा ने एक नजर नैना को देखा और फिर एक्सरसाइज करने लगे। नैना ने उनकी और देखा और कहा,”अरे गुड़ मॉर्निंग शर्मा जी !”
शर्मा जी ने हैरानी से नैना की और देखा लेकिन जवाब ना देकर अपना चेहरा घुमा लिया नैना थोड़ा सा उनके पास आयी और कहा,”क्या शर्मा जी अब गुड़ मॉर्निंग भी कहेंगे क्या ? पुरानी बातो को भूल जाईये”
“हम्म्म गुड़ मॉर्निंग !”,शर्मा जी ने कहा
“वैसे उस दिन आपने सही कहा था वो लड़की शीतल आपके घर के लायक नहीं है , देखा ना गरबा वाले दिन कितना तमाशा किया उसके बॉयफ्रेंड ने आकर ,,, अच्छे घर की लड़किया ये सब थोड़े करती है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,नैना ने कहा
नैना के मुंह से शीतल के बारे में गलत सुनकर शर्मा जी को थोड़ा अजीब लगा उन्होंने कहा,”लेकिन तुम तो उसके साथ ही रहती हो”
नैना ने फुसफुसाते हुए कहा,”अब क्या करे साला मज़बूरी है उसके साथ रहना”
“कैसी मज़बूरी है ?”,शर्मा जी ने पूछा
“बहुते लम्बी कहानी है कभी फुर्सत में बताएँगे , अभी चलते है !”,नैना ने कहा और वहा से खिसक गयी। शर्मा जी को कन्फ्यूज छोड़कर नैना ऊपर आयी तो देखा रुचिका बेचारी अवि के सर पर पट्टी रख रही है और मोंटी वही बैठा उसे देख रहा है नैना अंदर आयी उसने देखा अवि जागने वाला है तो उसने रुचिका के हाथ से पट्टी लेकर कहा,”अरे मेरी पांडा इतना काम करेगी तो थक जाएगी ! चल साइड हो मैं कर देती हूँ !”
रुचिका ख़ुशी ख़ुशी उठाकर साइड में आ गयी अवि उठा और देखा वहा नैना , रुचिका और मोंटी बैठे है तो उसने नींद से भरी आवाज में कहा”,तुम सब सुबह सुबह यहाँ ?”
“सुबह नहीं है मिस्टर पडोसी 11 बज रहे है , तुम लेट उठे हो”,नैना ने कहा
“हम्म्म वो कल रात से तबियत कुछ ठीक नहीं है”,अवि ने कहा और फिर नैना के हाथ में रूमाल देखकर कहा,”तुम ये क्या कर रही हो ?”
“वो तुम्हे बुखार था ना तो मैं तुम्हारे सर पर ठंडी पट्टिया रख रही थी , मैंने मॉम से सीखा है ये सब !”,नैना ने कहा
“हाउ स्वीट !”,अवि ने प्यार से कहा तो रुचिका और मोंटी मुंह फाडे नैना को देख रहे थे नैना ने उनकी और देखा और अपनी बांयी आँख धीरे से दबा दी !

अवि नींद से ऊंघकर उबासियाँ ले रहा था मोंटी ने रुचिका से कॉफी बनाने को कहा , रुचिका वहा से अपने फ्लेट में चली गई नैना वही बैठकर अपने फोन में कुछ देखने में बिजी थी।
“वैसे तुम्हे सर्दी कैसे हुई ?”,मोंटी ने अवि से सवाल किया
“वो कल बारिश में भीग गए थे ना इसलिए”,अवि ने नैना की और देखकर कहा
“हम्म्म ! तुम दोनों पागल हो कैब से भी तो जा सकते थे ना वो साइकिल वाला बकवास आइडिआ किसका था वैसे ?”,मोंटी ने कहा
“तुम्हारी दोस्त का !”,अवि ने कहा तो मोंटी ने नैना की और देखा नैना उसे ही घूर रही थी जैसे अभी खा जाएगी। उसने पास पड़ा तकिया उठाया और मोंटी को मारकर कहा,”मेरे आइडिआ को बकवास बोलता है”
“अरे बाबा सॉरी मुझे नहीं पता था न तेरा आइडिआ है ,,, अच्छा वो सार्थक के डेड से मिलने गयी थी तू बात हुई उनसे ?”,मोंटी ने कहा
“हम्म्म मामला थोड़ा थोड़ा सेट है , आगे का प्लान रुचिका का है”,नैना ने कहा
“अब क्या नया ड्रामा करने वाली हो तुम ?”,अवि ने सवाल किया
“अरे पडोसी ! जस्ट रिलेक्स तुम बस तबियत पर ध्यान दो मैं सब सम्हाल लुंगी”,नैना ने कहा
“मेरे बिना ?”,अवि ने सवालिया नजरो से नैना को देखते हुए पूछा
“हां,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हां देखते है”,नैना ने कहा
“मेरी बात सुनो शीतल के भैया को सब सच बताओ और उनसे कहो की वो सार्थक के डेड से मिले , आई हॉप उनके बीच सब सुलझ जाएगा एंड वो शायद मान जाये”,अवि ने कहा
“देखो यार पडोसी जहा ये शायद वर्ड होता है ना वहा काम बनता ही नहीं है , वैसे भी शर्मा जी बड़े टेढ़े आदमी है सीधे तरीके से बात कहा समझेंगे”,नैना ने कहा
“मैं नहीं चाहता तुम किसी प्रॉब्लम में फंसो !”,अवि ने नैना की आँखों में देखते हुए कहा
“दोस्तों के लिए इतना तो बनता है यार , और तुम हो ना मेरे साथ कुछ गलत नहीं होगा !”,नैना ने कहा
कुछ देर बाद सार्थक वहा आया किसी डॉक्टर के साथ डॉक्टर ने अवि का चेकअप किया , और दवा लिखकर दे दी। अवि को बस वायरल बुखार था डॉक्टर के जाने के बाद शीतल और सार्थक भी वहा आकर बैठ गए , रुचिका सबके लिए कॉफी ले आयी बस नैना के लिए चाय थी। सब चाय कॉफी पीते हुए बातो में लगे थे की नैना ने रुचिका से जाने का इशारा किया। रुचिका को जाते देखकर मोंटी ने कहा,”तुम कहा चली ?”
“वाशरूम जा रही है जाना है तुझे”,नैना ने मोंटी को घूरते हुए कहा तो मोंटी झेप गया और रुचिका चली गयी। सार्थक के सामने नैना अपना प्लान लाना नहीं चाहती थी ना ही अवि के सामने क्योकि वह जानती थी दोनों ही उसे ऐसा करने से रोकेंगे !

रुचिका निचे आयी और शर्मा के फ्लेट की बेल बजा दी ,, रुचिका की किस्मत अच्छी थी की दरवाजा मिस्टर शर्मा ने ही खोला था। रुचिका को सामने देखकर उन्होंने कहा,”हां कहो !”
“अंकल वो एक कटोरी चीनी मिलेगी , एक्चुअली मेरे यहाँ खत्म हो गयी है और मार्किट जाना नहीं हो पाया शाम तक ले आएंगे”,रुचिका ने झूठ ही कह दिया
“चीनी ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,रुको मैं लेकर आता हूँ”,कहकर शर्मा जी अंदर गये तो रुचिका उनके पीछे से अंदर चली आयी और टेबल पर रखे गिलास से पानी लेकर अपनी आँखों पर लगाकर मुंह लटकाकर खड़ी हो गयी ! शर्मा जी जैसे ही चीनी लेकर आये रुचिका को देखकर कहा,”अरे बेटा तुम रो क्यों रही हो ? क्या हुआ ?”
“अब क्या बताऊ अंकल शीतल को तो आप जानते ही है”,रुचिका ने बात को घुमाकर कहा।
“क्या हुआ शीतल को ?”,शर्मा जी ने पूछा
“वो आपके बेटे को पसंद करती है , लेकिन आपको ये रिश्ता मंजूर नहीं है , अरे कितना समझाया उसे की सार्थक को भूल जा दिल्ली में कमी थोड़ी है उसके जैसे लड़को की लेकिन नहीं वो तो जिद पर अड़ी है ,,, अरे हाथ की नस काटने वाली थी वो तो नैना ने रोक दिया एक नंबर की पागल है”,रुचिका ने कहा
“तो तुम लोगो ने उसके घर में क्यों नहीं बताया ?”,शर्मा जी ने चिंतित होकर कहा
“बताया है ना अंकल तभी तो आज शाम उसका भाई उसे लेने आ रहा है , पता नहीं क्या हालत करेगा उसकी ? लेकिन आप टेंशन मत लो सार्थक के लिए कोई अच्छी लड़की ही देखना ,, शीतल का क्या है उसे उसका भाई सम्हाल लेगा”,रुचिका ने कहा
“हालत करेगा मतलब ? उसका भाई उसे समझा भी तो सकता है”,शर्मा जी ने कहा
“अरे अंकल वो प्यार में अंधी हो चुकी है समझाने से क्या होगा ? थोड़ी पिटाई होगी , टॉर्चर होगी तभी तो भूल पायेगी ना सार्थक को”,रुचिका ने कहा
शर्मा जी सोच में पड़ गए उन्होंने कभी सोचा नहीं था की शीतल सार्थक को इतना चाहती है , वे सोच में डूबे रहे रुचिका को अपना प्लान कामयाब होता दिखा तो उसने कहा,”अच्छा ठीक है अंकल आप सार्थक को ये सब बाते मत बताना , मैं चलती हूँ !”
कहकर रुचिका बाहर आ गयी और फिर अपने फ्लेट की और चली गयी। शर्मा जी परेशान से आकर सोफे पर बैठ गए , सार्थक और सार्थक की मम्मी दोनों ही घर में नहीं थे। शर्मा जी सोचने लगे,”ये नैना और रुचिका को क्या हो गया है ? दोनों ही शीतल को गलत बता रही है ,, नैना भी सुबह यही सब बाते कर रही थी और अभी रुचिका भी कही सच में शीतल अपने साथ कुछ गलत ना कर ले। सार्थक की नयी नयी नौकरी लगी है कही ये सब बातो की वजह से उसका भविष्य बनने से पहले ही बिगड़ ना जाये। मुझे शीतल को समझाना होगा कही उसने सुसाइड कर लिया तो सार्थक जेल चला जाएगा , उसकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी , सोसायटी में बदनामी होगी सो अलग ,, आज तक कभी मैंने पुलिस स्टेशन नहीं देखा लेकिन शीतल के लिए जाना पडेगा ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा !”
“क्या हुआ है आपको इतना पसीना क्यों आ रहा है ?”,मिसेज शर्मा ने सार्थक के पापा को कंधे से हिलाकर पूछा
वे अपनी सोच से बाहर आये और कहा,”क क कुछ नहीं कुछ नहीं हुआ !”
“तो आपको इतना पसीना क्यों आया हुआ है ? तबियत तो ठीक है ना आपकी चलिए डॉक्टर के पास चलते है”,मिसेज शर्मा ने कहा
“अरे मैं ठीक हूँ , वो बस ऐसे ही थोड़ा सा घबराहट के चलते ,, तुम एक अच्छी सी चाय बना दो ना”,मिस्टर शर्मा ने कहा तो मिसेज शर्मा चाय बनाने चली गयी

ऊपर फ्लैट में रुचिका शीतल को अपने पीछे पीछे दौड़ा रही थी।
“यार रूचि दे ना मेरा दुपट्टा , अरे सुन ना बहन क्यों दौड़ा रही है,,,,,,,,,,,,,,,,रूचि !”,शीतल उसके पीछे पीछे भागते हुए चिल्लाई
“लेना है तो पकड़ मुझे और ले ले !”,रुचिका ने कहा
“क्या यार रूचि क्यों बच्ची बनी हुई है तू ?”,शीतल ने उसके सामने एकदम से आकर कहा तो रुचिका ने हाथ में पकड़ा उसका दुपट्टा ऊपर की और उछाल दिया। दुपट्टा जाकर ऊपर पंखे पर लटक गया जो की शीतल की हाइट से ऊपर था। शीतल ने रुचिका को घुरा तो वह वहा से भाग गयी।
“रूचि रूचि रुक मेरा दुपट्टा उतार कर दे,,,,,,,,,,,,,,,,रूचि !”,शीतल चिल्लाई लेकिन रुचिका कहा सुनने वाली थी वह बाहर भाग गयी। शीतल ने जो पहना हुआ था ये उसी सूट का दुपट्टा था , रुचिका के जाने के शीतल अंदर से कुर्सी लेकर आयी उस पर चढ़ी और दुप्पटे को उतारने लगी उसने हल्का सा खिंचा तो दुप्पटा पंखे में अटक गया , शीतल उसे निकालने की कोशिश कर रही थी , तभी पंखे पर जमी धूल उसकी आँख में आ गिरी और वह अपनी आँखे मसलने लगी
आँखों में आंसू भर आये , उसे रुचिका पर गुस्सा भी आ रहा था।
“ये लीजिये आपकी चा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अरे ! ये कहा चले गए”,सार्थक की मम्मी ने किचन से बाहर आते हुए कहा लेकिन शर्मा जी वहा नहीं थे।
शर्मा जी 3rd फ्लोर आये और सीधा उस फ्लेट में घुस गए जहा शीतल रहती है। जैसे ही उन्होंने शीतल को कुर्सी पर चढ़े दुपट्टा खींचते देखा वे दौड़कर उसके पास आये और कहने लगे,”नहीं नहीं बेटा ऐसा मत करना तुम्हे भगवान की कसम है , ये पाप है बेटा जिंदगी एक बार मिलती है इसे ऐसे खत्म नहीं करना चाहिए। ऊपर जाकर भगवान को क्या मुंह दिखाओगी ?”
शीतल को कुछ समझ नहीं आया की सार्थक के पापा ये सब क्यों कह रहे है ? उन्होंने शीतल का हाथ पकड़ा और उसे नीचे उतरने की रिक्वेस्ट की शीतल दुपट्टे को छोड़कर नीचे उतर आयी तो सार्थक के पापा उसके दोनों हाथो को पकड़कर कहने लगे,”मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गयी बेटा मुझे नहीं पता था तुम दोनों एक दूसरे से इतना प्यार करते हो , तुम्हारे प्यार के लिए तुम्हे जान देने की कोई जरूरत नहीं है। आज अगर मैं वक्त पर नहीं आता तो कितना बडा अनर्थ हो जाता। इतनी सी बात के लिए आत्महत्या करना कायरता है , तुम्हे अपने प्यार के लिए लड़ना चाहिए बेटा ऐसे मरना नहीं। मै बात करूंगा तुम्हारे भाई से समझाऊंगा उन्हें की तुम्हारे साथ गलत ना करे ,, बस तुम ये सुसाइड मत करो वरना हमारी बहुत बदनामी हो जाएगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम समझ रही हो ना बेटा मैं क्या कह रहा हूँ ?”
शीतल कुछ कहती इस से पहले ही सार्थक , नैना , अवि , मोंटी और रुचिका वहा चले आये। उन्हें देखकर शर्मा जी ने शीतल के हाथ छोड़े और उन पांचो की और आते हुए कहा,”देखो ना शीतल क्या करने का रही थी ? सार्थक से प्यार करती है मैंने शादी के लिए मना किया तो खुदखुशी कर रही है , तुम लोग इसे समझाओ ये सब ये सब करना पाप है , गलत है !”

“क्या खुदखुशी ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,शीतल तू खुदखुशी कर रही है लेकिन क्यों बहन ?”,रुचिका ने ड्रामा करते हुए कहा
“मै,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,शीतल कुछ कहती इस से पहले ही रुचिका में उसे आँखे दिखाते हुए कहा,”प्लान सही जा रहा है कुछ मत बोलना बस मुंह लटका के रख”
शीतल ने वैसा ही किया तो रुचिका ने पलटकर कहा,”खुदखुशी नहीं करेगी तो और क्या करेगी बेचारी पहले जिस लड़के से शादी होने वाली थी वो छोड़कर चला गया , फिर सार्थक और इसकी शादी के लिए भी आपने ना कह दिया और अब अब इसका भाई इसे यहाँ से ले जाना चाहता है किसी अधेड़ उम्र के आदमी से शादी करवाने के लिए , ऐसे में बेचारी और क्या करेगी ?”
शीतल ने सूना तो सार्थक की और देखा नैना ख़ामोशी से रुचिका को देखे जा रही थी और फिर धीरे से फुसफुसा कर कहा,”ये तो मुझसे भी बड़ी नौटंकी है !”
रुचिका को ये सब देखकर मोंटी ने कहा,”अरे रूचि सारी गलती इसकी ही है इसे सार्थक से प्यार करना ही नहीं चाहिए था , इसको पता था इसके पापा नहीं मानेंगे”
“क्यों नाह मानेंगे ? आखिर लड़की में क्या कमी है ? आप ही बताओ अंकल क्या कमी है शीतल में ?”,रुचिका ने शर्मा जी के सामने आकर कहा
“मैं मैं क्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,शर्मा जी ने कहना चाहा लेकिन रुचिका ने बीच में बोलते हुए कहा,”यही न की वो आपकी जात की नहीं है , अरे जात पात कौन देखता है आजकल,,,,,,,,,,,,और पुलिस कहा जात देखकर डंडे मारती है”
“पुलिस पुलिस कहा से आयी बीच में ?”,मोंटी ने कहा
“हां बेटा पुलिस कहा से आयी ?”,शर्मा जी ने भी घबराकर कहा तो रुचिका ने कहा,”ये सुसाइड करेगी तो पुलिस तो आएगी ना और जब छानबीन करेगी तो प्यार का मेटर आएगा सामने तो सार्थक भी जाएगा ही अंदर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अपार्टमेंट में भी सबको ख़बर है इस बारे में ! बचने का तो कोई चांस ही नहीं”
“अरे जिओ पंडा”,नैना ख़ुशी से फिर बड़बड़ाई। शर्मा जी टेंशन में आ गए तो नैना उनके पास आयी और कहा,”देखो शर्मा जी जे बात तो पक्की है की इन दोनो के बारे में पूरा अपार्टमेंट जानता है , अब अगर ऐसी वैसी कोई बात हुई तो बदनामी आपकी भी होगी और शीतल की तो खैर होगी ही होगी ,,, जब दोनों एक दूसरे से प्यार करते ही है तो शादी काहे नहीं करवा देते ?”
“लेकिन रिश्तेदारों को क्या जवाब दूंगा ?”,शर्मा जी ने कहा
“अरे रिश्तेदारों की ऐसी की तैसी वे साले कब अच्छा बोलते है जो अब बोलेंगे वैसे भी उनको बुलाना जरुरी थोड़ी है ,,, वे सिर्फ मटर पनीर ठूसने आएंगे दूल्हा दुल्हन से किसको मतलब है ? मैं सिर्फ सलाह दे सकती हूँ अमल करना आपके हाथ है ,,सार्थक के लिए बहु चाहिए या रिश्तेदारों में अपनी नाक ऊँची रखनी है।”,नैना ने सपाट कहा तो शर्मा जी सोच में पड़ गए नैना सार्थक के पास आयी और कहा,”अब तेरी बारी है जाकर समझा उनको कुछ ऐसा बोल की वो हां कह दे”
सार्थक अपने पापा के पास आया और कहा,”पापा टेंशन मत लीजिये आप जा कहेंगे मैं वही शादी करूंगा”
नैना ने सूना तो अपनी कोहनी अवि के कंधे पर रखकर कहा,”ये साले को एक्टिंग करने को कहा है ये ओवर एक्टिंग कर रहा है , पुरे प्लान की माँ बहन,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,नैना ने कहते हुए अवि की और देखा वह उसे ही घूर रहा था। नैना झेंप गयी और अपनी कोहनी हटाकर कहा,”सॉरी !”
शर्मा जी ने सार्थक को एक थप्पड़ मारा और कहा,”अभी भी तेरे बाप के सामने सच बोलने की तुझमे हिम्मत नहीं है , आज तेरी वजह से एक लड़की अपनी जान देने जा रही है। जब साथ निभा नहीं सकते तो क्यों करते हो प्यार ?”
सार्थक को थप्पड़ पड़ते ही सब शांत हो गए लेकिन अवि आगे आया और शर्मा जी से कहा,”सर , हाथ मत उठाईये सर ! इसमें इन दोनों की कोई गलती नहीं है , किसी को पसंद करना किसी से प्यार करना गलत थोड़ी है ,, मानता हूँ की मुझे इन सब में बोलने का हक़ नहीं है लेकिन सर जो जेनेरेशन गेप आपके और इनके बीच है उसकी वजह से आप उनकी फीलिंग समझ नहीं पा रहे है। हर लड़के-लड़की को अपना जीवनसाथी चुनने का हक़ है ऐसे में अगर सार्थक ने शीतल को चुना है तो उसमे कुछ अच्छा देखा होगा ना सर ,, और दोनों खुश रहेंगे साथ में तो आप पेरेंट्स को भी ख़ुशी होगी। इनके प्यार को समझने की कोशिश कीजिये सर और अगर कुछ बिगड़ता भी है तो सुधारने के लिए तो आप लोग है ना ! आज अगर इन्हे अलग करके इनकी कही और शादी हो भी जाती है तो क्या गारंटी है सर की ये दोनों खुश रहेंगे , इनके साथ साथ दो जिंदगी और ख़राब होगी क्योकि अगर ये अलग होते है तो जिंदगीभर एक दूसरे के बारे में सोचकर परेशान रहेंगे ,,,,,,,,,,,,,, उन लोगो के साथ भी ये खुश नहीं रह पाएंगे। हर लव स्टोरी ख़राब नहीं होती है सर कुछ में सच्चे अहसास भी जुड़े होते है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आपको भी तो कभी किसी से प्यार हुआ होगा फिर चाहे शादी के बाद सार्थक की मम्मी से हो क्यों ना हो ? मैं बस इतना कहूंगा सर की बच्चे हमेशा अपने माँ बाप के हिसाब से जीते है , एक बार उन्हें अपने हिसाब से जीने देना चाहिए ,, एक बार अपने बच्चो की ख़ुशी के बारे में सोचना चाहिए !”
इतना कहकर अवि चुप हो गया ! शर्मा जी ने सार्थक को देखा और फिर शीतल के पास आकर कहा,”कब आएंगे तुम्हारे घरवाले ?”
शीतल ने सूना तो उसकी आँखों में आंसू आ गए उसने शर्माजी की तरफ देखा वह कुछ नहीं पाई तो शर्मा जी ने उसके सर पर हाथ रखा और कहा,”ये सब उम्र में मुझसे छोटे है लेकिन इनकी बाते मुझसे भी ज्यादा सही है , जिंदगी सबको एक बार मिलती है फिर मैं कौन होता हूँ तुमसे तुम्हारी जिंदगी की खुशिया छीनने वाला ,, तुम्हारी शादी सार्थक से ही होगी मैं वादा करता हूँ !”
जैसे ही सबने सूना सबके चेहरे ख़ुशी से चमक उठे नैना ने तो ख़ुशी से अवि को गले ही लगा लिया और उसके गाल पर किस करके कहा,”थैंक्यू पडोसी !”
शर्मा जी ने देखा तो नैना को घूरते हुए कहा,”क्यों बेटा तुम कहो तो तुम्हारे पापा से भी बात कर लू ?”
नैना अवि से दूर हुई और कहा,”अरे नहीं शर्मा जी हमाये पापा आप जितने टेढ़े नहीं है !”

क्रमश – Love You जिंदगी – 96

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संजना किरोड़ीवाल !

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By Sanjana Kirodiwal

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