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Love You जिंदगी – 87

Love You Zindagi – 87

Love You Zindagi
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अवि के ख्यालो से परेशान नैना कुछ समझ नहीं पा रही थी की आखिर ये हो क्या रहा है ? कैसे अहसास थे जिनसे नैना अब तक अनजान थी। बरामदे में बैठी नैना खोयी हुयी विपिन जी और आराधना को देखे जा रही थी। विपिन जी ने नैना को चुप बैठे देखा तो उसे भी अपने साथ पटाखे जलाने को ले गए। रुचिका , शीतल , मोंटी और सार्थक भी अपने अपने घरो में दिवाली मना रहे थे और बहुत खुश थे। अवि का हाल बेहाल था जबसे वह जयपुर से लौटा था

नैना को पहले से भी ज्यादा मिस करने लगा था। दिनभर या तो काम में बिजी रहता या फिर अपने कमरे में पड़े पड़े नैना के बारे में सोचता रहता था। दिवाली की शाम भी वह अपने कमरे में कुर्सी पर बैठा कोई बुक पढ़ रहा था। आँखों पर नार्मल चश्मा लगाया हुआ था जिस से पढ़ने में दिक्कत ना हो। पढ़ते पढ़ते अचानक किताब में नाम आया नैना बरबस ही अवि की उंगलिया उस पर आ रुकी। अवि ने उदास आँखों से सामने देखा तो हैरान रह गया सामने नैना खड़ी थी। नैना को देखकर अवि ने किताब साइड में रख दी

नैना ने उसकी और हाथ बढ़ाया तो अवि उसका हाथ थामकर खड़ा हो गया। नैना उसकी आँखों में देखे जा रही और फिर मुस्कुराते हुए उसने अवि की आँखों पर लगा चश्मा उतार दिया। अवि की गहरी आँखों से उदासी साफ झलक रही थी। नैना ने उसके बालो में अपना हाथ घुमाया तो बाल ललाट पर आ बिखरे ,
“नैना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहना चाहा


“शशशशशशशश ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,नैना ने कहते हुए उसके होंठो पर अपनी ऊँगली रख दी और सर्द आवाज में कहा,”क्या पडोसी ? मिस कर रहे हो ना मुझे,,,,,,,,,,,,,ह्म्म्मम्म मुझे पता था तुम्हारे पास दो ही तो काम है एक फोटोग्राफी और दुसरा मेरे बारे में सोचना,,,,,,,,,,,,इतना क्यों सोचते हो ? जो दिल में है वो कह क्यों नहीं देते मुझसे ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शायद डरते हो कही मैं फिर से मना ना कर दू ,,,,,,,,,,,,,,,है ना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पर मैं भी तो कबसे वही सब दोबारा सुनना चाहती हूँ,,,,,,,,,,,,,उसी अंदाज में उसी फीलिंग्स के साथ,,,,,,,,,कह दो , अपनी आँखे बंद करो और कह दो”

अवि ने अपनी आँखे बंद की और धीरे से कहा,”आई लव यू नैना !”
“हीहीहीहीहीहीहीही”,अवि के कानो में किसी के हसने की आवाज पड़ी। अवि ने आँखे खोली तो सामने निबेदिता खड़ी थी और अवि को देखकर हंस रही थी। अवि ने इधर उधर देखा नैना वहा नहीं थी। उसके चेहरे की रंगत गुलाबी हो चुकी थी , निबेदिता के सामने उसने जो का उस से अब उसे शरम आ रही थी। निवि ने हाथ में पकडे कपडे बिस्तर पर रखे और कहा,”इन्हे पहनकर निचे आ जाओ मॉम बुला रही है पूजा के लिए”


“हम्म्म !”,अवि ने कहा तो निवि जाने लगी और फिर पलटकर कहा,”वैसे ये नैना कौन है ?”
“रुक अभी बताता हूँ”,अवि ने जैसे ही कहा निवि वहा से भाग गयी अवि ने अपना सर पिटा और कहा,”ये क्या 13-14 साल वाले लड़को जैसी हरकते कर रहा है तू , निवि के सामने भी पता नहीं क्या बोल गया ?,,,,,,,,,,,,,,,,,बस जल्द से जल्द नैना को सब बता दे इस से पहले की कोई गड़बड़ हो” कहते हुए अवि ने कपडे उठाये और बाथरूम की और बढ़ गया !

दो दिन बाद , नैना का घर –
सुबह सुबह नैना गहरी नींद में सोई हुई थी। तभी उसके कानो में सबकी एक साथ आवाज पड़ी – हैप्पी बर्थडे टू यू , हैप्पी बर्थडे टू यू , हैप्पी बर्थडे डियर नैना , हैप्पी बर्थडे टू यू”
नैना ने जैसे ही आँखे खोली ख़ुशी और हैरानी के मिले जुले भाव उसे चेहरे पर आये सामने विपिन जी , आराधना , दयाल काका , मोंटी रुचिका शीतल , सार्थक खड़ा था नैना उठकर बैठ गयी और कहा,”तुम सब लोग कब आये ?”


“अंकल ने तुम्हे सरप्राइज देने के लिए हम सबको कल रात में ही बुला लिया था”,रुचिका ने नैना के पास बैठते हुए कहा
“कैसा लगा ?”,विपिन जी ने खुश होकर पूछा तो नैना ख़ुशी से उठी और उनके गले लगते हुए कहा,”ओह्ह्ह डेड थैंक्यू थैंक्यू सो मच ,, आई लव यू !”
“मुझे पता था तुम्हे ये अच्छा लगेगा , अच्छा आराधना जल्दी से केक लेकर आओ”,विपिन जी ने आराधना से कहा तो आराधना किचन से नैना के लिए केक ले आयी जो की उन्होंने अपने हाथो से बनाया था।

नैना ने सबके साथ वह केक कट किया और सबको खिलाया। मोंटी , रुचिका , शीतल , सार्थक को नैना के पास छोड़कर विपिन जिन दयाल काका और आराधना जी के साथ वहा से निचे चले गए। रुचिका और शीतल नैना के बेड पर आ बैठी और मोंटी बीन बैग पर बैठ गया , मोंटी भी टेबल के पास पड़ी कुर्सी खिसकाकर बैठ गया ! नैना को अभी भी अपनी आँखों पर यकीन नहीं हो रहा था की सब सामने बैठे है !
उसने कहा,”बस तुम लोग ही आये हो ?”


“क्यों कोई और भी आने वाला था ?”,रुचिका ने शरारत से पूछा तो नैना झेंप गयी और कहा,”नहीं मेरा मतलब अंकल आंटी कोई नहीं आया”
“अंकल ने शाम को एक छोटी सी पार्टी रखी है और वो चाहते थे की उसमे सिर्फ तुम्हारे दोस्त और बाकि कुछ खास लोग ही शामिल हो”,मोंटी ने कहा
शीतल – हो सकता है तुम्हारे लिए आज शाम सरप्राइज हो
सार्थक – वैसे एक सरप्राइज मैं तुम्हे अभी दे सकता हूँ
“जल्दी दो !”,नैना ने चहकते हुए कहा


सार्थक ने शीतल की और देखा और कहा,”मैं शीतल के घरवालों से मिलने वाला हूँ , हमारी शादी के लिए”
“व्हाट ?”,नैना ने ख़ुशी से शीतल की और कहा और फिर सार्थक से बोली,”मतलब तुम दोनों ने एक दूसरे को हां बोल दिया , एहहहह मैंने तो पहले ही कहा था वो हरामी राज शीतल के लायक नहीं है।”
“तुम अभी तक उस बेचारे के पीछे क्यों पड़ी हो ?”,रुचिका ने कहा
“अरे छोडो उसे आज तो डबल सेलेब्रेशन का दिन है”,नैना ने कहा


“हां ! तू जल्दी से तैयार होकर आजा फिर सब घूमने चलते है”,मोंटी ने कहा
“ठीक है , शीतल सार्थक पहली बार आया है तो तू इसको घर दिखा और रूचि तुम तोता मैना कही जाकर गुटर गू करो ,,, मैं यु गयी और यु आयी”,नैना ने बाथरूम की और जाते हुए कहा
“पागल है ये लड़की सच में”,सार्थक ने कहा
“हे हाय ब्रो , सगाई में तुम सबसे ठीक से से बात ही नहीं हो पाई थी”,मोंटी ने सार्थक की और हाथ बढाकर कहा तो सार्थक ने भी मुस्कुराकर कहा,”इट्स ओके ,,, वैसे भी तुम्हारी सगाई थी इतने लोगो से मिलना जुलना होता है”


मोंटी को सार्थक अच्छा लगा तो वह उसके बगल में ही बैठ गया और कहा,”अच्छा अगर तुम दोनों के घरवाले नहीं माने ना तो नैना से बात करना वो कोई ना कोई आईडिया दे ही देगी !”
“उसके आइडिआ से तो भगवान ही बचाये ! वो करने अच्छा जाती है उसके साथ होता उलटा है !”,सार्थक ने हँसते हुए कहा
“हां हां हां राईट और ऐसा आज से नहीं है बल्कि बचपन से ही है ,, शी इज डिफरेंट !”,मोंटी ने कहा
“चलो ना निचे चलते है अंकल आंटी की कुछ हेल्प ही कर देते है !”,रुचिका ने उठते हुए कहा


“अरे मैडम ससुराल के दर्शन करना चाहेगी आप ?”,मोंटी ने शरारत से कहा
“जी नहीं शादी के बाद परमानेंट ही आ जाउंगी !”,,रुचिका ने कहा तो सब हंस पड़े
“सार्थक एंड शीतल अभी से सुन लो मेरी शादी में एक हफ्ते पहले आना है , कोई बहाना नहीं !”,मोंटी ने कहा तो सार्थक ने हामी भर दी ! रुचिका ने सूना तो उसने कहा,”ये मेरे दोस्त है मेरी शादी में आएंगे”
“अरे तो शादी हम दोनों की ही तो है , वैसे भी जो तुम्हारा है वो मेरा है और जो मेरा है वो तेरा है”,मोंटी ने रूचि का गाल खींचते हुए कहा !


सार्थक और शीतल दोनों उन्हें देखकर मुस्कुरा रहे थे। रुचिका को उसके जैसा लड़का मिल चुका था ! चारो नीचे चले आये देखा आराधना ने सबके लिए नाश्ता लगा दिया था और विपिन जी फोन पर किसी से बात कर रहे थे !
“अरे बेटा ! आओ सब नाश्ता कर लो !”,आराधना ने कहा तो सभी डायनिंग पर आकर बैठ गए। कुछ देर बाद नैना भी चली आई सबने मिलकर नाश्ता किया और फिर विपिन जी की गाड़ी लेकर घूमने निकल पड़े। सार्थक शीतल और नैना पीछे बैठे थे मोंटी ड्राइव कर रहा था और रुचिका उसकी बगल में ! बातें करते हुए पांचो एक दूसरे के किस्से सूना रहे थे।

चारो के साथ होकर भी नैना को खालीपन सा महसूस हो रहा था उसे लगा था शायद अवि भी उसके बर्थडे पर आएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ ना ही अवि ने उसे आज बर्थडे विश किया था। शायद भूल गया हो या उसे पता ही ना हो आज नैना का बर्थडे है ! नैना खिड़की के बाहर देखने लगी रुचिका तो मोंटी में बिजी थी लेकिन शीतल का ध्यान पूरा पूरा नैना पर ही था ! कुछ घंटो बाद सभी “आंबेडकर मेमोरियल पार्क” पहुंचे। सभी निचे उतरे तो नैना ने कहा,”ए मोंटी तुझे ऐसी जगह ही क्यों आना होता है हमेशा ?”


“अरे बहुत अच्छी जगह है यार , तुम चलो तो बहुत मजा आने वाला है !”,मोंटी ने नैना से कहा
सभी अंदर चले आये सार्थक पहली बार लखनऊ आया था उसे ये जगह बहुत पसंद आयी वह शीतल का हाथ पकड़कर घूमने लगा , दूसरी और रुचिका भी मोंटी के हाथ में हाथ डाले घूम रही थी। नैना ने देखा तो खुद से कहा,”ये साले मेरा बर्थडे सेलेब्रेट करने आये है या अपनी सेटिंग करने आये है !”


नैना उन चारो को छोड़कर अकेले ही पानी के पास आकर बैठ गयी और सोचने लगी,”हम्म्म्म आज समझ आ रहा है की लोग बाबू शोना के पीछे पागल क्यों रहते है ? मेरे सारे दोस्त दोस्त कही ना कही सेट है ! इनसे तो अच्छा पडोसी था कम से कम मेरी बात ही सुन लेता था ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पर उसे भी अब कहा फुर्सत है ,,,जल्दी से ये छुट्टियां खत्म हो और मैं ऑफिस जाऊ तो इन सब झंझटो से पीछा छुड़े,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन पडोसी तो अब दिल्ली भी नहीं आएगा।”
कहते हुए नैना ने जैसे ही अपनी बगल में देखा तो पाया अवि बैठा है

नैना ने अपनी आँखे मसली वो अभी भी वही था उसकी बगल में और सामने पानी को देखते हुए मुस्कुरा रहा था। नैना आँखे फाड़े उसे देख रही थी तो अवि ने कहा,”मिस कर रही हो ना मुझे ? हां जब सामने होता हूँ तो तुम्हे झगड़ा करने से फुर्सत नहीं मिलती और जब दूर रहू तो तुम्हारा ये बार बार मुझे सोचना , मुझे तुम्हारे और करीब ले आता है। बहुत कुछ है ना तुम्हारे पास कहने को पर जबान साथ नहीं देती,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वो शब्द ही नहीं बने जो मेरे लिए तुम्हारी फीलिंग्स को बया कर पाए।

तुम्हारे सब दोस्त तुम्हारे साथ है फिर भी तुम मुझे मिस कर रही हो अब तो मान लो नैना की यू आर फॉल इन लव,,,,,,,,,,,,,,,पर तुम नहीं मानोगी थोड़ी सख्ती तो अभी भी बाकि है ना तुम में !” कहकर अवि ने नैना की और देखा नैना एकटक बस उसे देखे जा रही थी। हवा से उड़कर बाल जब गालो को छूने लगे तो अवि ने अपनी उंगलियों से उन्हें साइड कर दिया जैसे ही उसने छुआ नैना की आँखे बंद हो गयी और जब खुली तो सामने कोई नहीं था। नैना ने इधर उधर देखा लेकिन ना वहा अवि था ना ही कोई और अब तो नैना पागल होने लगी थी।

दिन में सपने देखना उसने सूना था पर आजकल वह खुद देख रही थी ! वह उठी और रुचिका के पास आयी और उसे साइड में लेजाकर कहा,”तू मोंटी को पसंद करती है ना ?”
“हां बहुत , ये भी कोई पूछने वाली बात है !”,रुचिका ने कहा
“तो कभी ऐसा हुआ है की तेरे सामने ना हो लेकिन फिर भी हो !”,नैना ने कहा
“मतलब ?”,रुचिका को नैना की बात समझ नहीं आयी तो उसने कहा


“अरे मतलब जैसे वो नहीं हो तेरे सामने दूर हो तुझसे पर तुझे लगे जैसे वो तेरे सामने ही है , तुझसे बात कर रहा है , हंस रहा है मुस्कुरा रहा है”,नैना ने कहा
“पागल है क्या ? ऐसा थोड़ी ना होता है कभी ,,,, ऐसा कुछ नहीं हुआ मेरे साथ !”,रुचिका ने कहा
“माँ की आँख मेरे साथ फिर ये सब क्यों हो रहा है ? कही उसने काला जादू तो नहीं करवा दिया !”,नैना बड़बड़ायी
“क्या बड़बड़ कर रही है तू ? हुआ क्या बता ना ?”,रुचिका ने कहा


“यार रूचि मुझे ना हर जगह पडोसी दिखाई दे रहा है , कभी भी अचानक से सामने आ जाता है और फिर गायब हो जाता है ,,, बातें भी करता है लेकिन मेरी नहीं सुनता ,,,,,,,,,,,,,,,,,,, पता नहीं क्या हुआ है ?”,नैना ने उलझन भरे स्वर में कहा
रुचिका ख़ुशी से मुस्कुरा उठी और कहा,”फाइनली तुम्हे प्यार हो गया !”
“व्हाट ? व्हाट ? व्हाट ? , क्या कुछ भी बोल रही है तू , ऐसा कुछ भी नहीं है !”,नैना ने रुचिका से नजर चुराते हुए कहा


“मेरी प्यारी नैना तुम मानो या ना मानो लेकिन हो गया है तुझको तो प्यार सजना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने नैना को छेड़ते हुए कहा तो कुछ ही दूर खड़े मोंटी ने कहा,”किसको हो गया ?”
“चुप कर पांडा”,नैना ने रुचिका का मुंह बंद करते हुए कहा और मोंटी से कहा,”मोंटी तेरी बीवी फनी है बे ,, कुछ भी बोलती है !”
“मैं तो सबको बताने वाली हूँ प्यार के नाम पर सबको बड़ा लेक्चर देती थी ना तुम अब बताती हु मैं,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने नैना का हाथ अपने मुंह से हटाते हुए कहा


“तुझे मेरी कसम अगर किसी से कुछ भी कहा तो , मैं ऑलरेडी इतना परेशान हूँ यार डेड लड़का देख रहे है और तू है के ये सब”,नैना ने उदास होकर कहा
“आई विश की तेरे डेड ने तेरे लिए अवि को ही पसंद किया हो , उनकी कितनी अच्छी बॉन्डिंग है उस से और अंकल तो अवि से काफी इम्प्रेस भी है !”,रुचिका ने कहा
“मुझे यहाँ अच्छा नहीं लग रहा चलो चलते है !”,नैना ने कहा और फिर सभी वहा से निकल गए। गाड़ी में बैठने के बाद मोंटी ने कहा,”हे नैना क्या हो गया मेरे बच्चे ? आज के दिन इतना अपसेट क्यों है तू ?”


“नथिंग यार बस थोड़ा सा सरदर्द है !”,नैना ने कहा
“तुमने डॉक्टर को क्यों नहीं दिखाया ?”,शीतल ने कहा
“अरे नार्मल है ! मोंटी इस बार कोई ढंग की जगह चलना ओके !”,नैना ने कहा
“जो हुकुम !”,कहकर मोंटी ने गाड़ी आगे बढ़ा दी नैना ने अपना सर शीतल के कंधे पर टिका दिया और सोचने लगी,”रुचिका ने जो कहा क्या वो सच हो सकता है ? नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है। हो सकता है इन दिनों कुछ ज्यादा ही सोच रही हु मैं पडोसी के बारे में !”


कुछ देर बाद सभी एक बहुत ही शानदार रेस्त्रो में पहुंचे। ये जगह नैना को पसंद आयी और वह कुछ देर के लिए अवि को भूल गयी। सबने मिलकर एक बार फिर नैना का बर्थडे मनाया , मोंटी और सार्थक दोनों ने नैना के साथ डांस किया। शाम होते ही सभी घर लौट आये जैसे ही घर में दाखिल हुए सबकी आँखे चमक उठी , पूरा गार्डन लाइटिंग से सजा हुआ था और वहा विपिन जी के कुछ दोस्त और नैना के कॉलेज के दोस्त मौजूद थे। नैना ने उन सबको देखा तो ख़ुशी से झूम उठी और आकर सबसे गले मिली ! विपिन जी से उसे आज बहुत खूबसूरत तोहफा मिला था।

आराधना के कहने पर मोंटी , सार्थक , नैना , रुचिका और शीतल तैयार होने चली चली। कुछ देर बाद सभी वापस चले आये नैना ने वही सूट पहना था जो विपिन जी ने खरीदा था। रेड दुप्पटा और ब्लैक रंग का सूट ! नैना उस ड्रेस में बहुत प्यारी लग रही थी सब बहुत खुश थे। सभी मौजूद थे लेकिन नैना की नजरे ना जाने किसकी तलाश में थी। सभी नैना को बर्थडे विश कर रहे थे और तोहफे दे रहे थे। नैना खुश थी की वहा सिर्फ उसके दोस्त और विपिन जी , आराधना के कुछ दोस्त थे ,, वे रिश्तेदार नहीं थे जो नैना को सुनाने से पीछे नहीं हटते थे।

नैना सबके साथ बातें कर ही रही थी की तभी उसकी नजर दरवाजे पर चली गयी , सफेद शर्ट जींस और ब्लेजर पहने हाथ में कोई तोहफा लिए अवि चला आ रहा था। नैना की आँखों में चमक आ गयी ! वह सबको एक्सक्यूज मी बोलकर अवि की और आयी तो अवि ने मुस्कुराते
हुए कहा,”हैप्पी बर्थडे नैना !”
“मैंने सोचा नहीं था तुम आओगे”,नैना ने कहा
“जबकि सच ये है की तुम मेरे बारे में ही सोच रही थी !”,अवि ने थोड़ा पास आते हुए कहा


“मुझे तुमसे कुछ बात करनी है”,नैना ने कहा
“मुझे भी !”,अवि ने कहा नैना ने उसके हाथ से तोहफा लेकर साइड टेबल पर रखा और जैसे ही जाने लगी। विपिन जी आये और नैना से कहा,”नैना मेरे साथ चलो !”
“डेड मैं दो मिनिट में आयी”,नैना ने कहा
“बाकि सब बाद में , पहले मेरे साथ चलो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अवि बेटा तुम भी आओ !”,कहकर विपिन जी चले गए

नैना को लेकर फ्लोर पर आये और कहा,”लेडीज एंड जेंटलमेन , आज मेरी बेटी नैना का बर्थडे है सो मैं इसे एक बहुत ही अनमोल तोहफा देने जा रहा हूँ ,, एक ऐसा तोहफा जो जिंदगीभर इसके साथ रहेगा , इसका ख्याल रखेगा और इसे मुझसे भी ज्यादा प्यार करेगा।”
अवि आगे आकर रुचिका मोंटी सार्थक ओर शीतल के साथ खड़ा हो गया। रुचिका ने देखा तो अवि को साइड हग किया और कहा,”मुझे तुम्हे बहुत जरुरी बात बतानी है लेकिन बाद में”


अवि मुस्कुरा दिया और फिर सब शांति से विपिन जी को सुनने लगे विपिन जी ने आगे कहा,”मैंने नैना के लिए हमसफ़र चुना है !
नैना जानती थी की ऐसा कुछ घटने वाला है इसलिए वह हल्का सा मुस्कुरा दी , उसे मुस्कुराते देख विपिन जी ने आगे कहा,”वो लड़का है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”


“अवि अवि अवि”,धीरे से कहते हुए रुचिका ने फिंगर क्रॉस कर ली !
विपिन जी ने सामने खड़े लोगो को देखा और कहा,”वो लड़का है “अनुराग”
नैना ने जैसे ही सूना उसके चेहरे का रंग उड़ गया उसने सपने में भी नहीं सोचा था की विपिन जी के दिमाग में अनुराग चल रहा है। सहसा ही उसकी नजर सामने खड़े अवि पर चली गयी !!!

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