Love You जिंदगी – 71
Love You Zindagi – 71

नैना के मुंह से ये शब्द सुनकर अवि की मॉम जैसे अर्श से फर्श पर आ गिरी। पहली नजर में सौंदर्या को सफेद कुर्ते में नैना सीधी साधी घरेलु लड़की लगी थी लेकिन यहाँ तो असलियत कुछ ओर ही थी। उनका मुंह खुला का खुला रह गया और वे नैना को देखते ही रह गयी। लड़का जिसने कॉफी गिरायी थी वह भड़क गया और नैना के पास आकर कहा,”क्या है गाली क्यों दे रही है ? चल सॉरी”
“तेरे सॉरी की बत्ती बनाकर ना तेरे पिछवाड़े में डाल दूंगी जिंदगी भर मुंह से हगेगा ,,, इतना बड़ा रास्ता है लेकिन तुझे तो घुसकर निकलना है”,नैना ने उसी गुस्से में कहा अपने कुर्ते की और देखकर कहा जो की चाय गिरने से ख़राब हो चुका था। लड़का भी कुछ कम नहीं था और कहा,”ओह्ह हेलो मुझे कोई शौक नहीं है तुमसे टकराने का बड़ी आयी खुद को हूर परी समझने वाली !”
“अबे ओह्ह भैरण्ड इंसान एक तो गलती कर रहा ऊपर से ऐटिटूड दिखा रहा तेरी ऐसी की तैसी मारू थकेले,,,,,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए नैना जैसे ही आगे बढ़ी सौंदर्या ने उसे रोकते हुए कहा,”अरे बेटा , जाने दो !”
“तू साइड हो आंटी,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए लड़के ने सौंदर्या को साइड किया और वह गिरते गिरते बची फिर क्या था नैना ने खींचकर एक थप्पड़ लड़के को मारा और उसकी कॉलर पकड़ के कहा,”क्या बे ? हीरो बन रहा है ,,, लेडिज की रिस्पेक्ट करना नहीं आता।”
एक थप्पड़ से ही लड़के का दिमाग झन्ना उठा और उसने कहा,”लेकिन तुमने भी तो ग गाली दी थी”
“तो साले हमसे बात करो ना उन्हें काहे धक्का दिए ,, सॉरी बोलो”,नैना ने घूरते हुए कहा।
“क्यों बोलू ?’,लड़के ने फिर से तेवर दिखाते हुए कहा
“बाबू शराफत से माफ़ी मांग लो वरना यही पेल दिए जाओगे ,, कहो तो ट्रेलर दिखाए”,नैना ने भँवे चढ़ाकर कहा लड़के ने आस पास मौजूद भीड़ को देखा और कहा,”ओके”
नैना ने लड़के का कॉलर छोड़ दिया लड़का सौंदर्या के सामने आया और कहा,”सॉरी मेम !”
“इट्स ओके !”,सौंदर्या ने कहा तो लड़का वहा से चला गया। सौंदर्या नैना के पास आयी तो नैना ने कहा,”चले आंटी
“हम्म्म्म”,सौंदर्या ने कहा और नैना के साथ चल पड़ी नैना के इस नए रूप से सौंदर्या थोड़ा सदमे में थी क्योकि जिस नैना को उन्होंने सीधा सीधा समझा था असल में वो बहुत टेढ़ी खीर निकली। चलते चलते उन्होंने नैना से पूछा,”बेटा ये सब ?”
“अरे आंटी डोंट वरी मेरा रोज का है ये ,, इन हरामियों,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा मतलब ऐसे लोगो से पाला पड़ता रहता है मेरा”,नैना ने बात सम्हालते हुए कहा
“लेकिन ये गाली वाला लॉजिक कुछ समझ नहीं आया,,,,,,,,,,,!”,सौंदर्या ने हिचकिचाते हुए कहा
“अच्छा ये , इसमें कोई लॉजिक नहीं है आंटी कुछ लोगो को सीधी बाते समझ नहीं आती इसलिए उन्हें ऐसे बात करनी पड़ती है।
असल में गाली जैसा कुछ नहीं होता है बस लोगो ने धारणा बना रखी है अपने मन में की ये गाली है !”,नैना ने कहा तो सौंदर्या उसका मुंह ताकने लगी नैना समझ गयी की आंटी को उसकी बात समझ नहीं आयी है तो उसने कहा,”आपको ऐसे समझ नहीं आएगा डेमो देती हूँ रुको !”
कहकर नैना ने सामने देखा और जोर से कहा,”अबे ओह्ह्ह चूतिये !”
बोलकर नैना एकदम से अनजान बनकर खड़ी हो गयी लेकिन सौंदर्या ने देखा नैना के ऐसे कहने के बाद 7-8 लोगो ने पलटकर देखा।
सौंदर्या ने फिर नैना की और देखा तो नैना ने कहा,”देखा इनमे से कोई भी वो नहीं है जो मैंने बोला लेकिन इन लोगो ने पलटकर देखा ,, इसका मतलब सिर्फ ये है की 10 में से 8 लोगो को जबरदस्ती दुसरो के मामले में पड़ने की चूल मची रहती है।”
“हम्म्म समझ गयी !”,सौंदर्या ने कहा
“ओके आंटी आप दो मिनिट यही रुको मैं चेंज करके आती हूँ !”,कहते हुए नैना पास ही के शॉप पर गयी और अपने लिए कपडे खरीदे।
कुछ देर बाद नैना बाहर आयी तो सौंदर्या तो नैना को देखते ही रह गयी , घुटनो से कटी फ़टी जींस , लूज टीशर्ट , बाल जो कुछ देर पहले खुले थे अब समेटे जा चुके थे और जुड़ा बन चुके थे जिसमे से एक दो बाल झूल रहे थे। हाथ में एक पेपर बैग था जिसमे शायद पहले वाले कपडे थे। नैना का बदला अवतार देखकर सौंदर्या को दूसरा धक्का लगा वो उनकी सोच से बिल्कुल अलग थी। नैना उनके पास आयी तो सौंदर्या ने कहा,”जो कपडे ख़राब हो गए उन्हें वापस क्यों ले आयी ? यही छोड़ देती !”
“अरे ऐसे कैसे ? पुरे 670 रूपये का कुर्ता है और 1200 की जींस है।”,नैना ने कहा तो सौंदर्या ने मन ही मन कहा,”1200 की जींस से इतना प्यार इतनी तो मेरी फीस है चंडीगढ़ में”
“आंटी मुझे थोड़ा काम है सो अभी निकलना होगा , इफ यू डोंट माइंड मैं जा सकती हूँ। घर पर मिलते है ना पडोसी सामने ही रहता है मेरे”,नैना ने अपना फोन देखते हुए कहा
“पडोसी ?”,सौंदर्या ने कहा
“आपका लौंडा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा मतलब आपका बेटा,,,,,,,,,,,,,,अवि , अवि हमारे सामने वाले फ्लेट में ही रहता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,सो वहा मिलते है !”,नैना ने कहा तो सौंदर्या ने उसे जाने की इजाजत दे दी। नैना जल्दी से वहा से निकली और मॉल के बाहर आकर खुद से कहा,”ओह्ह्ह गॉड ये पडोसी भी ना कैसी कैसी हेल्प मांगता है मुझसे ? आई हॉप उसकी मॉम उस से अब मुझे लेकर कोई सवाल ना करे “
नैना की बातो की वजह से सौंदर्या अभी तक सदमे में थी। वह वापस कैफे में आयी उन्हें देखते ही अवि उनके पास आया और पूछा,”कैसी लगी नैना आपको ?”
“अवि मुझे चक्कर आ रहे है , घर चलकर बात करे”,सौंदर्या ने कहा
“क्या हुआ मॉम आप ठीक तो है ना !”,अवि को चिंता होने लगी
“अरे हां मैं ठीक हूँ , घर चलते है ना”,सौंदर्या ने कहा तो अवि उन्हें और अपने पापा को लेकर घर चला आया।
फ्रेश होने के बाद सौंदर्या और नकुल जी (अवि के पापा) आकर सोफे पर बैठे अवि भी उनके सामने आ बैठा और कुछ देर बाद कहा,”मैं आप लोगो के लिए कॉफी बना देता हूँ !”
“हां बेटा स्योर एंड थोड़ी स्ट्रांग”,सौंदर्या ने कहा
“मैं चाय पियूँगा”,नकुल जी ने कहा तो अवि उठकर किचन की और चला आया उसने पहले नकुल जी के लिए चाय बनाई नकुल जी चाय पीने लगे उसके बाद अवि अपने और सौंदर्या के लिए कॉफी बनाने लगा
सौंदर्या कॉफी लेकर अवि के रूम में चली आयी अवि को अपनी मॉम का रिएक्शन जानना था नैना को लेकर इसलिए उनके पास चला आया। सौंदर्या बेड पर आ बैठी और कॉफी पीने लगी अवि उनके सामने जमीन पर ही बैठ गया काफी देर दोनों के बिच ख़ामोशी रही और फिर अवि ने ही कहा,”मॉम कुछ तो कहिये , आई मीन आप नैना से मिले कैसी लगी वो ?”
“तुमने उस लड़की के साथ जिंदगी बिताने का सोचा है ?”,सौंदर्या ने पूछा
“हां मॉम !”,अवि ने गंभीर होकर कहा
“बेटा वो कोई आम लड़की नहीं है , जितनी गालियाँ तुमने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं सुनी होगी उतनी तो वो आधे घंटे में दे देती है वो भी ऐसी ऐसी की सुनने वाला कन्फ्यूज हो जाये। हाथ उसके सीधे गाल पर चलते है और बड़े ही अजीब लॉजिक बताती है वो अपनी बातों से। मैंने जो सब देखा सूना वो अगर तेरे डेड ने सूना होता तो अब तक हार्ट अटैक आ चुका होता उनको !”,सौंदर्या ने कहा तो अवि ने अपना सर पीट लिया वही हुआ जिसका अवि को डर था पर इसमें नैना की भी कोई गलती नहीं थी , वो तो सौंदर्या के सामने वैसी ही थी जैसी सबके सामने है।
अवि चेहरा उतर गया और उसने धीरे से कहा,”मतलब नैना आपको पसंद नहीं आयी ?”
“अरे बहुत ज्यादा ! मुझे तेरे लिए ऐसी ही लड़की चाहिए थी बोल्ड , स्ट्रेट फॉरवर्ड , ब्रेव हां जबान थोड़ी ख़राब है लेकिन मुझे भरोसा है तुम्हारे साथ रहकर वो भी साफ़ हो जाएगी ,,, अब बताउंगी मैं मिसेज अरोरा को बहुत फुदकती है ना वो अपनी बहु को लेकर नैना तो उन सबकी बोलती बंद कर देगी बाय गॉड !”,सौंदर्या ने खुश होकर कहा
“हैं,,,,,,,,,,,,,,मतलब आपको नैना में कोई कमी नजर नहीं आयी ?”,अवि सौंदर्या के मुंह से ऐसी बाते सुनकर हैरान था
“अरे बिल्कुल नहीं आई लाइक हर ,,,सौंदर्या चौधरी की बहू है आखिर थोड़ा बद्तमीज होना तो बनता है।”,सौंदर्या ने मुस्कुरा कर कहा
“ओह्ह्ह मॉम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आपने तो मुझे डरा ही दिया था !”,अवि ने चैन की साँस लेकर कहा
“बेटा तुमने पसंद किया है तो उसमे कुछ तो अच्छा होगा न,,,,,वैसे भी किसी की एक कमी के सामने उसकी सेंकडो खूबियों को ठुकराना बेवकूफी है। तुम उसे दो महीने से जानते हो तो मैं उसे एक दिन में कैसे जज कर सकती हूँ ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे भी जिंदगी तुम्हे गुजारनी है मुझे नहीं। तुम शांत नेचर के हो और नैना तुमसे बिल्कुल उलट एंड दिस कॉम्बिनेशन इस बेस्ट फॉर रिलेशनशिप ,, एक अगर गुस्सा करेगा तो दूसरा शांत रहकर उसे सम्हाल लेगा”,सौंदर्या ने कहा
अवि का मन खुश हो गया और चेहरा खिल उठा उसने कॉफी पीते हुए कहा,”मॉम आपने उस से कुछ कहा तो नहीं ना आई मीन आप उस से क्यों मिली ?”
“उसने इतनी बातें कहा की वो तो बस कुछ देर रुकी और चली गयी , लेकिन सच में मुझे वो बहुत अच्छी लगी जानते हो क्यों ?”,सौंदर्या ने अवि की आँखों में देखते हुए कहा
“क्यों ?”,अवि ने कहा
“उसकी किसी लड़के से बहस हो गयी थी एंड सडनली जब लड़के ने मुझे धक्का मारा तो उसने उस लड़के को एक थप्पड़ जड़ दिया , सॉरी भी बुलवाया उस से। हां थोड़ी मूडी है लेकिन अच्छी है उसे लोगो की रिस्पेक्ट करना आता है बस कोई उसे छेड़े नहीं (हंस पड़ती है),”सौंदर्या ने कहा
“हम्म्म्म या मूडी तो है वो , अभी तक मेरा प्यार एक्सेप्ट नहीं किया है उसने”,अवि ने कहा
“सेड ,,,,,,,,, लड़किया ऐसे मामलो में देर करती ही है और बात तुम्हारी नैना की हो तो कहना मुश्किल है,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम कहो तो मैं उसके पेरेंट्स से बात कर सकती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे पसंद तो वो तो तुम्हे करती है , तुम्हारे कहने पर मुझसे मिलने चली आयी”,सौंदर्या ने खाली कप अवि की और बढाकर कहा
“आपको क्या पता मॉम उसे वहा बुलाने के लिए मुझे कितने पापड़ बेलने पड़े है ?”,अवि ने मन ही मन कहा और फिर उठते हुए कहा,”,मैं ज़रा डेड से बात कर लेता हूँ।”
सौंदर्या को काफी थकान महसूस हो रही थी इसलिए वह लेट गयी और उन्हें नींद आ गयी। अवि अपने पापा से बात करने लगा।
शाम को 7 बजे नैना घर जाने के लिए सुटकेस लेकर जाने लगी। अवि को इस बारे में कुछ पता नहीं था ना ही नैना ने बताया था वह बालकनी में खड़ा सौंदर्या से कुछ बात कर रहा था तभी सौंदर्या की नजर निचे गेट से बाहर जाती नैना पर पड़ी। उन्होंने अवि से कहा,”ये नैना कहा जा रही है ?”
“शायद घर जा रही हो दिवाली पर !”,अवि ने कहा
“कैसे लड़के हो तुम अवि ? वो इस टाइम अकेले घर जा रही है और तुम यहाँ खड़े हो”,सौंदर्या ने नाराज होकर कहा
“तो इसमें मैं क्या करू ?”,अवि ने कहा
“हे भगवान् ! कितना पागल है ये लड़का जाओ और जाकर उसे उसके घर तक छोड़कर आओ , सेफ्ली ! इतनी रात में अकेले जाएगी वो तुम्हे अच्छा लगेगा”,सौंदर्या ने अवि को डांट लगाई
“अगर मैं उसके साथ गया तो भी उसको अच्छा नहीं लगेगा”,अवि मन ही मन बुदबुदाया उसे सोच में डूबा देखकर कहा,”अवि अब जाओ भी देर हो रही है , और हां तुम्हारे डेड को कल वर्मा अंकल के घर जाना है तो उनसे मिलकर शाम की फ्लाइट से वापस चंडीगढ़ निकल जायेंगे , तुम भी वही आजाना”,सौंदर्या ने उसे आश्वासन देकर कहा
“ओके मॉम !”,कहकर अवि वहा से चला गया। उसने कपडे बदले और अपना फोन और पर्स जींस की पॉकेट में रखा और वहा से चला गया। सौंदर्या ने नकुल को नैना के बारे में नहीं बताया था।
नैना अपना सामान लेकर बस स्टैण्ड पहुंची और लखनऊ का टिकिट लिया बस निकलने में अभी 1 घंटा बचा था बेंच पर बैठकर वह इंतजार करने लगी। नैना थोड़ी उदास थी भले सबके सामने वह खुश दिखने का नाटक करे लेकिन अंदर ही अंदर वह रुचिका और शीतल को बहुत मिस कर रही थी। बेंच पर बैठी नैना उनके साथ बिताये पलो के बारे में सोचने लगी। यादो में डूबे कब एक घंटा निकल गया पता ही नहीं चला तभी एक जानी पहचानी आवाज उसके कानो में पड़ी,”चाय !”
नैना ने देखा बगल में अवि बैठा हुआ था चाय का कप हाथो में लिए उसे देखकर नैना ने कहा,”तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”
“बस ऐसे ही , चाय !”,अवि ने कप की और इशारा करके कहा तो नैना ने चाय ली और पीने लगी
“घर जा रही हो ?”,अवि ने सवाल किया
“हम्म !”,नैना ने चाय पीते हुए कहा
“ऐसे रात में अकेले जाओगी , इफ यू डोंट माइंड तुम कहो तो मैं साथ चल सकता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी सेफ्टी के लिए”,अवि ने डरते डरते कहा
नैना ने कोई जवाब नहीं दिया वह पहले से ही बहुत अपसेट थी वह खामोशी से चाय पीने लगी। नैना का जवाब ना पाकर अवि ने सोचा शायद नैना नहीं चाहती वह उसके साथ जाये।
बस के निकलने का समय हुआ तो नैना उठी और जाने लगी कुछ कदम चलकर रुकी और पलटकर कहा,”साथ आने को नहीं कहूँगी लेकिन अगर आना चाहोगे तो ना भी नहीं कहूँगी !”
अवि मुस्कुरा उठा और नैना के पीछे चल पड़ा और मन ही मन कहा,”सही का था मॉम ने मूडी है ये लड़की !”
बस में आकर नैना अपनी खिड़की वाली सीट पर बैठी , किस्मत से अवि को भी उसकी बगल वाली सीट मिल गयी और वह नैना के पास आ बैठा। कुछ देर बाद ही बस चल पड़ी अवि खुश था आज पहली बार वह नैना के साथ था और आज उसके पास नैना से बात करने के लिए बहुत सारा वक्त था। जैसे ही उसने नैना से बात करने के लिए मुंह खोलना चाहा नैना ने उसके अरमानो पर पानी फेर दिया। उसने अपने दोनों कानो में ईयर फोन डाल लिए और फूल वॉल्यूम में गाने लगाकर हाथो को आपस में समेटा और खिड़की से सर लगाकर आँखे मूँद ली !
बेचारा अवि मुंह बनाकर रह गया , नैना को उठाने की उसमे हिम्मत नहीं थी उसने जैसा सोचा था वैसा कुछ भी नहीं हुआ लगभग दो घंटे का सफर बस में बैठे अजीबो गरीब लोगो की शक्ल देखकर गुजरा l रात के 11 बज रहे थे , अवि को भी उबासियाँ आने लगी थी नैना वैसे ही कानों में ईयर फोन लगाये हुए थे। उसे शायद नींद आ चुकी थी बस को एक हल्का सा झटका लगा नैना ने करवट ली और अवि के बांये हाथ को दोनों हाथो में समेट लिया ,
नैना का सर आकर अवि के कंधे से लगा और अवि की धड़कने सामान्य से तेज ,, नैना की तपती सांसे उसे अपनी गर्दन पर साफ महसूस हो रही थी। नैना नींद में थी और ऐसे में उसे जगाना अवि को सही नहीं लगा , पहली बार नैना उसके इतना करीब थी और ये कब तक रहने वाली थी अवि भी नहीं जानता था। अवि के हाथ को थामे , उसके कंधे पर सर रखे सोती हुयी नैना उस वक्त किसी मासूम बच्चे सी लग रही थी।
अवि ने उसे नहीं जगाया नैना के कान में लगे ईयर फोन का एक सिरा निकल गया अवि ने उठाया और अपने कान में लगाते हुए कहा,”जरा मैं भी तो सुनु क्या सुनती रहती है ये लड़की !”
अवि ने जैसे ही ईयर फोन कान में लगाया उसके दिल की धड़कने और तेज हो गयी जो की नैना के कानो तक पहुँच रही थी। एक खूबूसरत गाना उस वक्त अवि और नैना दोनों के कानो बज रहा था –
तुम हो पास मेरे , साथ मेरे हो तुम यू
जितना महसूस करू तुमको उतना ही पा भी लू
तुम हो मेरे लिए,,,,,,,,,,,,,,,मेरे लिए हो तुम यू
खुद को मैं हार गया तुमको,,,,,,,,,,,,तुमको मैं जीता हूँ !!
ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह ओहो ओह्ह्हो हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम हो !!
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संजना किरोड़ीवाल

