Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 60

Love You Zindagi – 60

Love you Zindagi
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सार्थक एक एक करके शीतल को चुड़िया पहनाता जा रहा था। और फिर शीतल से कहा,”अच्छी लग रही है तुम्हारे हाथो में।”
“पता है बचपन से ना मुझे कांच की चुड़िया पहनने का बहुत शौक रहा है लेकिन बचपन में पापा ने नहीं पहनने दी , फिर जब वो नहीं रहे तो भैया को पसंद नहीं आयी , उसके बाद कोई न कोई मना ही करता रहा और वक्त के साथ मेरा ये शौक छूट गया। मुझे इनकी आवाज बहुत पंसद है एक अलग सा सुकून मिलता है”,शीतल ने कहा तो सार्थक उसके चेहरे की और देखने लगा और कहा,”पता है शौक कभी नहीं छुट्ते है वक्त के साथ हम उन्हें अहमियत देना भूल जाते है। लड़कियों के लिए तो ये सब और भी मुश्किल हो जाता है किसी ना किसी के लिए वो अपने शौक अपनी इच्छाएं मन में ही मार लेती है , अपने अरमानो को दिल के किसी कोने में दबा लेती है। लेकिन आज तुम्हे कोई नहीं रोकेगा , तुम इन्हे पहनकर पुरे अपार्टमेंट में घूमो , पूरा दिल्ली घूमो किसी को परेशानी नहीं होगी ,, कभी कभी इंसान को खुद के लिए भी जी लेना चाहिए।”
“तुमने सही कहा , तुम हर बात कितनी आसानी से कह देते हो न सार्थक , कल जब तुमने कहा की तोहफे इस्तेमाल करने के लिए दिए जाते है तो मुझे बुरा लगा की अब तक मैंने इन्हे क्यों नहीं पहना ? थैंक्स फॉर दिस , मेरे लिए ये सबसे खूबसूरत तोहफा है”,शीतल ने मुस्कुरा कर कहा
“अब चले वरना नैना सबको लेकर ऊपर आ जाएगी।”,सार्थक ने हँसते हुए कहा और शीतल को लेकर निचे चला आया।
दोनों आकर बाकि लोगो के साथ खड़े हो गए। सभी धूमधाम से मातारानी की प्रतिमा लेने चले गए। नाचते गाते सभी मातारानी की प्रतिमा लेकर अपार्टमेंट चले आये। अपार्टमेंट में ही कोई पंडित फैमिली रहती थी नैना ने उन्हें ही दुर्गा पूजा के सभी शुभ कार्य करने को कहा। अपार्टमेंट में 40-50 लोग थे सभी दरबार में खड़े माता रानी की आरती में शामिल थे लेकिन इन सबमें एक खूबसूरत नजारा और भी देखने को मिला वो था अपार्टमेंट के लोगो के अलावा नैना पूजा में अपार्टमेंट के गार्ड्स , केयरटेकर , लिफ्टमेन , माली और बाकि सबको भी वहा ले आयी। माँ के दरबार में कोई छोटा बड़ा , अमीर गरीब नहीं था सब भक्त थे। आज नैना का नया रूप देखकर उस से जलने वाले भी उसे प्यार से देख रहे थे। पूजा के बाद वह सार्थक को अपने साथ ले गयी और दोनों मिलकर सबको प्रशाद देने लगे। प्रशाद देते हुए नैना मिसेज मेहता और मिसेज गुप्ता के सामने पहुंची नैना को देखकर उन दोनों ने मुंह बना लिया तो नैना ने मुस्कुरा कर कहा,”अब मेरा गुस्सा प्रशाद पर तो मत निकालिये ,, वैसे मातारानी से मेरी शिकायत भी कर सकती है वे सबकी सुनती है आपकी भी सुनेगी”
नैना जबरदस्ती उनके हाथो में प्रशाद रखकर आगे बढ़ गयी सबको बांटते हुए सबसे आखिर में पहुंची अवि के सामने अवि ने अपने दोनों हाथ एक के ऊपर एक रखकर नैना के सामने कर दिए नैना ने लड्डू उठाकर उसकी हथेली में रख दिया और कहा,”तुम भी मांग लो माता रानी से कुछ , शायद सुन ले तुम्हारी”
“तुम्हारे डेड से मांगू तो ज्यादा बेहतर होगा नई”,अवि ने नैना की आँखों में देखते हुए कहा
“क्या क्या क्या ?”,नैना को कुछ समझ नहीं आया
“कुछ नहीं जय माता दी”,कहकर अवि वहा से चला गया।
“क्रेज़ी !”,बोलकर नैना आगे बढ़ गयी। कुछ देर बाद अपार्टमेंट के लोग अपने अपने घरो में चले गए , बच्चे पंडाल में खेल कूद रहे थे।

नैना शीतल और रुचिका तीनो वहा खड़ी थी कुछ देर बाद शुभ और सार्थक भी वहा आकर बैठ गए और हाथ जोड़कर आंखे बंद कर प्रार्थना करने लगे। शुभ आँखे बंद किये प्रार्थना कर रहा था – हे दुर्गा माँ मैं रोज आपके मंदिर आऊंगा बस मुझे अच्छी सी गर्लफ्रेंड दिला दो , और प्लीज मेरी मम्मी को समझाओ की वो रोज रोज टिंडे ना बनाये ,मुझे टिंडे बिल्कुल पसंद नहीं है। प्लीज बस इतनी सी सुन लेना”
बगल में ही बैठा सार्थक आँखे बंद किये हाथ जोड़े सच्चे दिल से कहने लगा,”हे माँ इतने सालो में पहली बार आप हमारे घर आयी है। आप तो जानती ही है मैं एक लड़की को बहुत पसंद करता हूँ , बस आपके आशीर्वाद से इतना काबिल बनना चाहता हूँ की जिस लड़की से मैं प्यार करता हूँ उसे अच्छी जिंदगी दे सकू , उसे हमेशा खुश रख सकू और उसकी हर ख्वाहिश पूरी कर सकू। मुझे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए बस आप उसे हमेशा खुश रखना मैं उसे देखकर ही खुश रहूंगा”
उन दोनो को प्रार्थना करते देखकर शीतल भी उनके बगल में आकर बैठ गयी और आँखे बंद कर हाथ जोड़े कहने लगी,”सूना है आप भटके हुए को रास्ता दिखाती है मुझे भी दिखाईये माँ , मुझे अपनी जिंदगी में ज्यादा कुछ नहीं चाहिए बस एक प्यार करने वाला , मुझे समझने वाला बन्दा भेज दो , प्लीज माँ प्लीज”
शीतल को खामोश खड़े देखकर नैना ने कहा,”तुम कुछ नहीं मांगोगी , जाओ जाओ माँ सबकी सुनती है और तुम तो फिर इतनी बड़ी भक्त हो इनकी”
नैना की बात सुनकर शीतल भी आँखे बंद करके कहने लगी,”मेरी जिंदगी काफी उलझ गयी है माँ , कभी कभी कुछ समझ नहीं आता क्या सही है और क्या गलत ? राज के साथ मेरा रिश्ता आज तक कोई नहीं समझ पाया है शायद मैं भी नहीं और सार्थक से एक अनजाना सा रिश्ता बन चुका है जिस से मैं चाहकर भी दूर नहीं जा पा रही हूँ। ये सब कैसी उलझने है मुझे समझ नहीं आ रहा है अब आप ही कोई रास्ता दिखाईये माँ।”
चारो अभी भी आँखे बंद किये बैठे थे की तभी नैना की आवाज उनके कानो में पड़ी – तुम सबका कल्याण हो बच्चा !
सबने एक साथ आँखे खोली तो देखा नैना उनके सामने ही बैठी है हंस रही है। चारो मुस्कुराने लगे नैना ने अपने कान पकडे और पलटकर माता रानी से मन ही मन सॉरी कहा और फिर शीतल रुचिका से चलने को कहा। पांडाल से बाहर आकर नैना ने कहा,”रुको मैं अभी आती हूँ” कहकर नैना वापस माता की मूर्ति की सामने आयी और हाथ जोड़कर कहा,”इस बार मैं बहुत बड़ी गड़बड़ करने जा रही हूँ माँ इसलिए एडवांस में सॉरी बस आप सम्हाल लेना , कुछ लोगो की जिंदगी बर्बाद होने से बचाने के लिए करना जरुरी है।”
नैना से कुछ ही दूर अवि खड़ा था और वह मन ही मन कह रहा था,”इस पागल लड़की को छोड़कर मेरे पास सब है , इस बार आप इसकी मनोकामना पूरी कर देना और हां इसके दिल में ज्यादा ना सही थोड़ा सा प्यार जगा देना।”
नैना पलटी और शीतल रुचिका के पास चली आयी और उन्हें लेकर ऊपर चली आयी। कुछ देर बाद शीतल ने कहा,”मैं खाना बना लेती हूँ” शीतल जब उठकर जाने लगी तो दरवाजे की बेल बजी नैना ने दरवाजा खोला सामने करीम चचा खड़े थे हाथ में बड़ा सा टिफिन लेकर। उन्हें वह देखकर नैना ने कहा,”अरे आप अंदर आईये ना !”
करीम चाचा अंदर आये और टिफिन नैना की और बढाकर कहा,”आज नवरात्री स्थापना है तो ये खाना मेरी बीवी ने बनाया है आप सबके लिए।”
“लेकिन आपने तकलीफ क्यों की ?”,शीतल ने प्यार से कहा
“अरे बिटिया कोई बात नहीं पहली बार तुम सबकी वजह से अपार्टमेंट के लोगो का इतना प्यार मिला , सबने इज्जत दी दिल भर आया ,, मैंने अपने घर पर साफ सुथरा खाना बनवाया है आप लोगो के लिए आप सब खाएंगी तो मुझे ख़ुशी होगी”,करीम चच्चा ने कहा
“का चच्चा तुम भी इमोशनल हो जाते हो , लाओ खा लेंगे।”,नैना ने टिफिन लेकर कहा
करीम चाचा उन्हें टिफिन देकर चले गए। नैना ने शीतल की और बढ़ा दिया और कहा,”यार लोग इतना इमोशनल क्यों हो जाते है ?”
“क्योकि उनमे इमोशंस होते है और इस बार तुमने ये जो सब किया है न नैना मेक स्योर सबको तुमसे प्यार होने वाला है। तुम्हारा बदला हुआ अवतार देखकर सब हैरान है”,रुचिका ने कहा
“हैरान तो मैं भी हु खैर छोडो खाना लगाओ यार बहुत भूख लगी है”,नैना ने सोफे पर बैठते हुए कहा
“नैना इसमें बहुत ज्यादा खाना है इतना नहीं खा पाएंगे हम लोग ,, क्या करे ?”,शीतल ने कहा
“अरे पडोसी को दे देना , पडोसी और किस काम आते है ?”,नैना ने कहा
“तुझे आजकल बड़ी परवाह होने लगी है पडोसी की क्या बात है मिस नैना समथिंग समथिंग ?”,रुचिका ने उसे छेड़ते हुए कहा
“नथिंग बेबी ! वैसे मैंने उसे बहुत परेशान किया है इसलिए थोड़ा सा नार्मल हूँ उसे लेकर।”,नैना ने कहा और खुद ही उठकर किचन एरिया में चली आयी। नैना ने अपने लिए खाना लिया और खाने लगी। शीतल ने रुचिका और अपने लिए खाना लगाया और खाकर तीनो आराम करने लगी। दिनभर नैना सोती रही। शीतल ऑफिस का काम कर रही थी और रुचिका बैठे बैठे बोर हो रही थी। उसने अपना फोन उठाया और फेसबुक ऑन किया कुछ देर स्क्रॉल करने के बाद उसके सामने एक तस्वीर आयी जिसमे मोंटी और कोई लड़की बहुत क्लोज खड़े थे और कैप्शन में लिखा हुआ था लॉट्स ऑफ़ लव। ये देखकर रुचिका को एक अजीब सी जलन की भावना महसूस हुई। उसने लड़की की को गौर से देखा दुबली पतली अच्छा फिगर लिए , बालो को निचे से गोल्डन करवा रखा था और टाइट जींस और शर्ट पहने वह मोंटी से चिपककर खड़ी थी। रुचिका ने खुद को देखा पेट देखकर ही उसका कॉन्फिडेंस डाउन हो गया। उसने फेसबुक बंद किया और फोन साइड में रख दिया लेकिन दिमाग में बार बार वही तस्वीर आ रही थी तो रुचिका ने फोन उठाया और गूगल पर बेस्ट जिम इन दिल्ली सर्च करने लगी।
शाम को दुर्गा पूजा के वक्त सभी जमा हो गए नैना रुचिका शीतल भी चली आयी सबने धूमधाम से संध्या आरती की उसके बाद पहला दिन और शुरुआत भजनो से करनी थी इसलिए अपार्टमेंट के लोगो ने तय किया की आज रात माँ के दरबार में भजन होंगे। एक भजन सुनते ही नैना को बोरियत महसूस होने लगी उसने उठते हुए कहा,”मैं जा रही हूँ तुम लोग सुनो।”
“नैना मैं भी चलती हूँ।”,रुचिका ने उठते हुए कहा
शीतल कुछ देर वही रुक गयी फिर सार्थक की मम्मी भी आकर उसकी बगल में बैठ गयी तो नैना और रुचिका ऊपर चली आयी। ऊपर आकर नैना ने कपडे बदले शार्ट ट्राउजर और टीशर्ट पहना और कमरे से बाहर चली आयी तो उसकी नजर रुचिका पर पड़ी वह हाथ में मग लिए फू फू करके कुछ पीने की कोशिश कर रही थी उसे देखकर नैना ने कहा,”ये क्या कर रही है पांडा ?”
“हर्बल वाटर है इसे पीने से चर्बी जल्दी कम होती है”,रुचिका ने कहा
“व्हाटएवर , सुनो मैं ऊपर जा रही हु थोड़ी देर”,नैना ने बाहर जाते हुए कहा


नैना ऊपर टेरेस पर चली आयी खुली हवा में उसे काफी अच्छा महसूस हो रहा था। दोनों हाथ फैलाकर वह ठंडी हवा को महसूस कर रही थी और फिर आकर दिवार पर बैठ गयी। नैना के दिमाग में खिचड़ी पकने लगी। कुछ देर बाद ही अवि वहा आया उसे नहीं पता था नैना वहा है लेकिन नैना को वहा देखकर खुश हो गया। नैना ने उसे देखा तो कहा,”हे पडोसी ! तुम निचे नहीं गए कीर्तन चल रहा है”
“मुझे इन सब में कोई इंट्रेस्ट नहीं है”,अवि ने कहा
“चलो कोई तो अच्छी आदत है तुम में , वैसे भी तुम्हारी उम्र इन सबकी नहीं है”,नैना ने कहा
नैना का मूड अच्छा देखकर अवि उसके पास आया और कहा,”थोड़ी देर के लिए मैं भी यहाँ बैठ जाऊ”
नैना ने अवि की और देखा और कहा,”अब ये दिवार मेरे पिताजी की तो है नहीं , बैठ जाओ”
अवि नैना से थोड़ा दूरी बनाकर बैठ गया। दोनों खामोश बैठे थे कुछ देर बाद नैना ने कहा,”यार पडोसी एक बात समझ में नहीं आ रही है।”
“कौनसी बात ?”,अवि ने कहा
“एक लड़का लड़की गलत रिलेशन में है उन दोनों में से किसी एक को निकालकर तीसरे को फिट करना है लेकिन कैसे ?”,नैना ने सोचते हुए कहा
“तुम चाहो तो मैं हेल्प कर सकता हूँ”,अवि ने कहा
“बताओ !”,नैना ने उसकी और पलटकर कहा
“लेकिन बदले में तुम्हे भी मेरी एक छोटी सी हेल्प करनी होगी !”,अवि ने कहा
“अरे डन !”,नैना ने ओवरकॉन्फिडेंस में बोल दिया और अवि की और हाथ बढ़ा दिया ,अवि उसकी इस जल्दबाजी पर मुस्कुराया और कहा,”ठीक है मैं हेल्प करूंगा”
मुस्कुराते हुए दोनों सामने खाली पड़े आसमान को देखने लगे।

क्रमश – love-you-zindagi-61

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संजना किरोड़ीवाल !

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