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Love You जिंदगी – 34

Love You Zindagi
Love You Zindagi by Sanjana Kirodiwal

Love You Zindagi – 34

अवि ने नैना से अपने दिल के जज्बात कह डाले लेकिन नैना को लेकर वह जिस ग़लतफ़हमी में था नैना ने उसे चंद मिनटों में दूर कर दिया और वहा से चली गयी ! रुचिका और शीतल अवि के प्यार को समझ रही थी और चाहती थी नैना भी समझे लेकिन नैना को समझाना इतना आसान नहीं था ! दोनों आपर्टमेंट लौट आयी ऊपर आकर बेल बजायी तो किसी ने दरवाजा नहीं खोला शीतल ने डुबलीकेट चाबी से दरवाजा खोला और अंदर आयी !

नैना का बैग और फोन सोफे के सामने टेबल पर ही रखा था लेकिन नैना वहा नहीं थी ! रुचिका और शीतल ने पुरे फ्लैट में देखा लेकिन नैना वहा नहीं दिखी !
“ये नैना कहा है ?”,रुचिका ने थोड़ा परेशानी भरे स्वर में कहा
“पता नहीं उसका फोन भी यहाँ है , वो हमसे पहले ही यहाँ आ गयी थी शायद !”,शीतल ने कहा


“हम्म्म्म , चलो बाहर देखते है ! हो सकता है वो निचे लॉन में हो !”,रुचिका ने कहा तो शीतल उसके साथ चली पड़ी ! दोनों ने नैना को नीचे सब जगह ढूंढा लेकिन नैना उन्हें कही नहीं मिली ! शीतल सोच में पड़ गयी की आखिर नैना कहा जा सकती है उसे सोच में डूबा देखकर रुचिका ने कहा,”छत पर देखे शायद वहा हो”
“हां चलो चलते है !”,कहकर शीतल और रुचिका ऊपर चली आई !


छत के आखरी छोर पर दिवार के पास खड़ी नैना सामने खाली पड़े आकाश को देख रही थी ! रुचिका और शीतल उसके पास आयी और रुचिका ने कहा,”तुम यहाँ हो ? हम दोनों ने तुम्हे सब जगह ढूंढ लिया यहाँ क्या कर रही हो तुम ऐसे अकेले ?”
“कुछ नहीं बस थोड़ा अजीब लग रहा था निचे तो ऊपर चली आयी खुली हवा में !”,नैना ने कहा


“नैना सब ठीक है ना , तुम थोड़ी अपसेट नजर आ रही हो ! अवि की बातो का बुरा लगा तुम्हे ?”,शीतल ने प्यार से पूछा
“अरे नहीं ! मैं ऐसी बातो से अपसेट नहीं होती , मेरे साथ अक्सर ऐसा होता रहता है !”,नैना ने कहा


“अवि अच्छा लड़का है नैना , मतलब एक महीने से वो हमारा पडोसी है और मैंने उसे हमेशा अच्छा बिहेव करते देखा है !”,रुचिका ने अवि की तरफदारी करते हुए कहा तो नैना की भँवे चढ़ गयी और उसने कहा,”अच्छा तो शुभ भी है तो क्या शादी कर लू उस से ? यार रूचि मैं उसकी फीलिंग्स को गलत नहीं बता रही हूँ पर मेरी जिन खूबियों की वजह से उसने मुझे पसंद किया वो तो मुझमे है ही नहीं , किसी को झूठी तसल्ली मैं नहीं दे सकती रूचि !”


“लेकिन नैना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने कहना चाहा तो नैना ने उसे रोकते हुए कहा,”
रूचि मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी है , प्लीज ! चलो चलते है”,कहकर नैना वहा से चली गयी शीतल और रुचिका भी उसके साथ निचे चली आयी जैसे ही नैना दरवाजे के सामने पहुंची अपने फ्लेट के दरवाजे के बाहर खड़ा अवि मिल गया ! अवि नैना को देखते हुए सोच रहा था,”क्यों नैना ? रहने देती ना मुझे उस भ्रम में , उस भ्रम को लेकर मैं जिंदगीभर तुम्हारे साथ रहता !”


सामने खड़ी नैना अवि को देखकर मन ही मन कहने लगी,”मुझे लगता था तुम्हारी आँखे जादू करती है पर नहीं तुम्हारी आँखे धोखा भी खाती है ,, भ्रम में जिंदगी काटी जा सकती है लेकिन जीना मुश्किल है !!”
दोनों एक दूसरे को ख़ामोशी से देख रहे थे उसके बाद नैना दरवाजा खोलकर अंदर चली गयी !! अवि की आँखों में पसरी उदासी देखकर शीतल और रुचिका दोनों को ही बुरा लग रहा था ! वे दोनों भी अंदर चली आई !

आज शीतल का खाना बनाने का मूड नहीं था तो उसने बाहर से आर्डर कर दिया तीनो ने चुपचाप खाना खाया ! नैना ने खाना खाया और सोने चली गयी यहाँ आने के बाद ऐसा पहली बार हुआ था की रुचिका और शीतल के सामने कम से कम रुकना चाहती थी ! उसके जाने के बाद शीतल भी फ़ोन लेकर बालकनी में आ गयी और रुचिका सोफे पर बैठकर अपना लेपटॉप देखने लगी !! बिस्तर पर पड़ी नैना करवटे बदल रही थी !


नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी , अवि का चेहरा बार बार उसकी आँखो के आगे आ जाता , नैना उठकर बैठ गयी और ऊपर देखकर मन ही मन कोसते हुए कहा,”क्यों भगवान क्यों ? मेरे साथ ही क्यों ये सब ?”
लेकिन कोई जवाब नहीं मिला नैना ने मुंह तकिये में छुपाया और सोने की कोशिश करने लगी कुछ देर बाद उसे नींद आ ही गयी ! सुबह नैना जब उठी तो बीती शाम की बातें लगभग भूल चुकी थी और अपने पहले वाले अवतार में थी ! उसने डार्क ग्रीन रंग का चेक्स शर्ट और जींस पहना हुआ था !

आज उसने बालो की पोनी टेल बना रखी थी छोटी छोटी लटे हमेशा की तरह आज भी उसके गालों के इर्द गिर्द घूम रही थी ! उसने मुस्कुराते हुए शीतल से कहा,”आज तो सेलेरी मिलने का दिन है , फाइनली मैं अपने लिए कुछ अच्छा खरीद पाऊँगी !”
रुचिका और शीतल को याद आया उन्हें ऑफिस में आये एक महीना हो चुका था , नैना को खुश देखकर उनके चेहरे पर भी मुस्कराहट तैर गयी और रुचिका ने कहा,”फिर तो आज पक्का हम लोग शॉपिंग चलेंगे !”


“बिल्कुल मेरी पांडा मुझे मम्मी पापा के लिए भी कुछ लेना हैं , शाम को ऑफिस के बाद चलेंगे !”,नैना ने रुचिका की बगल में बैठते हुए कहा !
तीनो ने नाश्ता किया और ऑफिस के लिए निकल गयी ! फ्लैट से जैसे ही बाहर आयी नैना की नजर ना चाहते हुए भी लिफ्ट के सामने खड़े अवि पर चली गयी ! उसे देखकर नैना ने कहा,”सीढ़ियों से चलते है !”
“लेकिन लिफ्ट खाली है !”,रुचिका ने कहा तो नैना ने कहा,”ठीक है तुम दोनों लिफ्ट से आओ मैं सीढ़ियों से जा रही हूँ !”


“अजीब लड़की है क्या हो गया है इसे ?”,रुचिका को नैना का ये बर्ताव कुछ अजीब लगा !
“वो मुझसे दूर भागने की कोशिश कर रही है !”,लिफ्ट के पास खड़े अवि ने सहजता से कहा तो रुचिका और शीतल उसके पास चली आयी और रुचिका ने कहा,”ऐसा क्यों ?”
“क्योकि वो फीलिंग्स से डरती है , वो नहीं चाहती की उसके मन में किसी के लिए कोई फीलिंग्स हो !”,अवि ने कहा


“लेकिन तुम्हे ये सब कैसे पता ?”,शीतल ने कहा
“तुम दोनों ने कभी गौर से उसकी आँखों को देखा है , शायद नहीं ! उसकी आँखों में सब साफ साफ नजर आता है जो उसके मन में चलता है ! वैसे भी मैं एक फोटोग्राफर हूँ जो इमोशंस कैप्चर करता है ! नैना की तस्वीरें ऐसे ही थोड़ी कैप्चर कर ली थी !!”,अवि ने कहा
“मुझे तो लगा तुम उसे पसंद करते हो इसलिए उसकी तस्वीरें ली !”,रुचिका ने असमझ की स्तिथि में कहा


“पसंद तो मैं उसे अब भी करता हूँ , हमेशा करता रहूंगा ! उसमे मैंने बहुत से इमोशंस देखे है जिन्हे उसके साथ रहने वाले शायद बहुत कम लोग देख पाते है !”,अवि ने कहा तो शीतल और रुचिका उसका मुंह ताकने लगी !
लिफ्ट का दरवाजा खुला तो तीनो उसके अंदर चले आये और रुचिका ने कहा,”लेकिन नैना वैसी नहीं है जैसी लड़की तुम्हे चाहिए थी मेरा मतलब कल उसने तुम्हारा प्रपोज़ल एक्सेप्ट नहीं किया था !”


“वो बदल जाएगी , मेरा प्यार उसे बदल देगा और तब तक मैं इंतजार करूंगा !”,अवि ने कहा तो रुचिका और शीतल मुस्कुरा उठी और दोनों ने एक साथ कहा,”बेस्ट ऑफ़ लक !” तीनो निचे आये नैना कुछ ही दूर खड़ी रुचिका और शीतल का इंतजार कर रही थी जैसे ही वे दोनों आयी नैना उनके साथ वहा से चली गयी !! अवि भी पार्किंग से अपनी बाइक लेकर चला गया ! रुचिका शीतल और नैना तीनो ऑफिस पहुंची , केबिन में बाकि लोग आ चुके थे और सभी अपने काम में लगे हुए थे नैना भी अपना बैग रखकर काम करने लगी !

अनुराग अपने केबिन में बैठकर सभी फाइल्स देख रहा था ! वह बहुत ही समझदार और तेज दिमाग वाला लड़का था उसने बहुत जल्दी मैनेजर की पोस्ट को हेंडल कर लिया था ! उसने सभी की सैलेरी उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जिस से किसी भी स्टाफ को कोई परेशानी ना हो ! एक महीने में ऑफिस के कुछ लड़के नैना से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश कर चुके थे लेकिन कोई सफल नहीं हुआ ! हां ख़ुशी , अमित और बाकि दोनों लड़के रूचि शीतल के अच्छे दोस्त बन चुके थे !

नैना से बात करने में वे अब भी थोड़ा डरते थे ! शीतल वैसे ही सबसे बहुत कम बात किया करती थी वो या तो अपने काम में या फिर फोन में बिजी रहती थी !! स्क्रीन पर काम करते करते नैना की आँखों में दर्द होने लगा तो वह उठकर वाशरूम चली आयी ! उसने अपनी हथेलियों में पानी लिया मुंह धोने लगी ! दो चार बार आँखों को ठन्डे पानी से धोया तो उसे थोड़ा आराम मिला ! मुंह पोछते हुए वह जैसे ही जाने लगी सामने से आते अनुराग से टकरा गयी !


“आई ऍम सो सॉरी !”,अनुराग ने सामने देखते हुए कहा उसने जैसे ही सामने खड़ी नैना को देखा बस देखता ही रह गया ! पानी की कुछ बुँदे अभी भी नैना के चेहरे पर चमचमा रही थी ! अनुराग को खोया देखकर नैना ने कहा,”सॉरी सर !”
“इट्स ओके !”,अनुराग ने नैना के चेहरे से नजरे हटाकर कहा ! नैना जाने लगी तो अनुराग ने कहा,”नैना !”
“जी सर !”,नैना ने पलटकर कहा


“सचिन ओर निरंजन जी को ऑफिस से हटा दिया गया है !”,अनुराग कहना कुछ और चाहता था पर कह कुछ और गया ! नैना मुस्कुराई और कहा,”गुड़ फॉर यू सर एंड ऑफिस !”
अनुराग कुछ और बात कर पाता इस से पहले ही नैना वहा से चली गयी ! लंच के बाद नैना फिर से अपने काम में लग गयी आज वह रोजाना से ज्यादा समय कम्प्यूटर पर बिता रही थी रुचिका और शीतल समझ नहीं पाई लेकिन नैना खुद को बिजी रख्नना चाहती थी !

अगले दो दिन वीकेंड की वजह से ऑफिस की छुट्टियां थी नैना ने अगली सुबह की दिल्ली से लखनऊ जाने वाली 3 टिकट्स बुक करवा दी ! शाम को तीनो शॉपिंग के लिए निकले , मॉल में आकर नैना अपने लिए कपडे देखने लगी उसे हमेशा कम्फर्टेबल कपडे ही ज्यादा पसंद आते थे ! रुचिका ने अपने लिए जींस कुर्ती लिया एक लॉन्ग सूट भी लिया जो की उस पर बहुत प्यारा लग रहा था ! शीतल ने अपने लिए सूट लिया और राज के लिए एक शर्ट खरीदी राज के बर्थडे पर उसे गिफ्ट देने के लिए !

कुछ देर बाद नैना ब्लैक बॉर्डर वाली लाल साड़ी लेकर शीतल के पास आयी और कहा,”शीतू तुम ये क्यों नहीं लेती ? आई ऍम डेम स्योर की तुम इसमें बहुत हॉट लगोगी !”
“यार ये सच में बहुत यूनिक है , अगले महीने दुर्गा पूजा भी है उसमे पहनना !”,रुचिका ने साड़ी देखते हुए कहा !
“अच्छा बाबा ठीक है , ले लो !”,शीतल ने कहा तो नैना ने उसे भी पैक करने को बोल दिया ! रुचिका और शीतल कुछ और देखने लगी तो नैना अपने मम्मी पापा के लिए तोहफा देखने लगी !

उसने उनके लिए दो गिफ्ट्स लिए और उसके बाद तीनो अपने अपने बैग्स उठाये दुकान से बाहर निकल आयी ! मॉल में घूमते हुए नैना और रुचिका मस्ती कर रही थी ! तीनो ने ढेर सारी तस्वीरें निकाली थी तीनो बहुत खुश थी ! निचे आकर उन्होंने हल्का फुल्का कुछ खाया और फिर मॉल से बाहर आ गयी !
“आहहह आज तो मजा आ गया ! दो दिन की छुट्टी है मैं तो बस सोऊंगी !”,रुचिका ने कहा


“उम्म्म्म पॉसीबल नहीं है , क्योकि तुम दोनों के लिए मेरे पास सरप्राइज है !”,नैना ने कहा
“क्या ?”,शीतल ने कहा
“कल सुबह बताउंगी अभी चलो !”,नैना ने कहा तो तीनो घर के लिए निकल गयी ! घर आकर नैना फ्रेश होने चली गयी शीतल फोन पर बात करने लगी और रुचिका अपने खरीदे हुए कपडे पहन पहन कर देखने लगी ! रात के 8 बज रहे थे तीनो आराम से सोफे पर बैठकर गप्पे लड़ा रही थी की तभी बेल बजी शीतल ने उठकर दरवाजा खोला तो सामने पुलिस की वर्दी में खड़े दो आदमियों को देखकर शीतल के चेहरे का रंग उड़ गया !

नैना ने देखा शीतल दरवाजे पर ही रुक गयी है तो उसने आकर कहा,”कौन है शीतू ?”
पुलिस वालो के पीछे से निकलकर निरंजन सामने आया और बेशर्मी से मुस्कुराते हुए कहा,”नमस्ते नैना जी !”
“तुम ? यहां क्यों आये हो ?”,नैना ने गुस्से को काबू रखते हुए कहा लेकिन निरंजन के बजाय पुलिस वाले ने कहा,”आपके खिलाफ इन्होने कंप्लेंट की है की आप इल-लीगल तरीके से इनके फ्लैट में रह रही है !”
“इल-लीगल ? लेकिन ये तो कम्पनी का फ्लैट है !”,नैना ने हैरानी से कहा


“नैना बजाज तुम इतनी बेवकूफ कैसे हो सकती हो ? कोई भी कम्पनी जिसमे तुम्हारी सेलेरी 20000-25000 हो वो तुम्हे लाखो का फ्लैट रहने के लिए क्यों देगी ? ये मेरा पर्सनल फ्लैट है मैंने कुछ दिन तुम तीनो को रहने के लिए दिया और तुम लोगो ने इस पर कब्जा ही जमा लिया ! पता नहीं यहाँ क्या क्या होता होगा ?”,मैनेजर ने कहा तो नैना को गुस्सा आ गया लेकिन शीतल ने उसका हाथ पकड़ लिया और ना में अपनी गर्दन हिला दी !


“आपको ये फ्लैट खाली करना होगा , वरना हमे जबरदस्ती खाली करवाना पडेगा !”,पुलिस वाले ने कहा
सबकी बाते सुनकर रुचिका भी वहा आ गयी , वह तो पुलिस को देखते ही घबरा गयी पुलिस वाले की बात सुनकर शीतल ने कहा,”देखिये सर हमे एक दो दिन का वक्त दीजिये , हम कही और बंदोबस्त कर लेंगे !”


“बिल्कुल नहीं मुझे अभी के अभी अपना फ्लेट खाली चाहिए समझी तुम लोग !”,मैनेजर ने ऊँची आवाज में कहा तो नैना ने अपने दोनों हाथो से उसकी कोलर पकड़ ली और कहा,”तेरे जैसा घटिया आदमी मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखा”


“ए छोडो इन्हे , पुलिस के सामने गुंडागर्दी कर रही हो ,, ज्यादा तेवर दिखाए ना तो ऐसे केस में फसाऊँगा की जिंदगी भर घर जाने को तरसोगी !”,पुलिस वाले ने नैना से कहा तो निरंजन बोल पड़ा,”देखा इंस्पेक्टर कैसे मेरा गला पकड़ लिया इसने ? ये ऐसी ही है इसलिए मैं रिक्वेस्ट कर रहा हूँ की अभी के अभी इन्हे यहाँ से निलकने को कहो !”
नैना ने निरंजन की कोलर छोड़ दी उसे निरंजन पर इतना गुस्सा आ रहा था की अभी के अभी दो तीन घुसे उसके मुंह पर मार दे लेकिन वह नहीं कर पाई !

वक्त की नजाकर को देखते हुए शीतल ने रुचिका से कहा,”रुचि नैना को अंदर लेकर जाओ !” रुचिका नैना को अंदर ले गयी शीतल ने हाथ जोड़ते हुए निरंजन से कहा,”देखिये सर इतनी रात में हम लोग कहा जायेगे , प्लीज आप हमे सुबह तक का टाइम दे दीजिये कल सुबह तक हम लोग आपका फ्लेट खाली कर देंगे !”
शीतल की बात सुनकर निरंजन ने कहा,”जरूर दे देता लेकिन तुम्हारी उस दोस्त ने मेरे साथ जो किया है उसे मैं कभी नहीं भूल सकता , मेरी नौकरी मेरी इज्जत सब उसकी वजह से मिटटी में मिल गयी ,

उसे नहीं छोडूंगा मैं मेरा फ्लैट आज ही खाली करोगी तुम लोग , सिर्फ एक घंटे का वक्त है तुम तीनो के पास वरना उसके बाद मैं तुम्हारे सामान के साथ साथ तुम्हे भी यहाँ से बाहर फिंकवा दूंगा ! सिर्फ एक घंटा , चलिए इंस्पेक्टर !”
निरंजन इसंपेक्टर के साथ वहा से चला गया शीतल अंदर आ गयी उसके चेहरे पर छायी निराशा उसके दर्द को बयां कर रही थी !

शीतल के लिए दिल्ली आने के बाद ये दूसरा सबक था की किसी पर आँख बंद करके भरोसा मत करो ! नैना गुस्से में उठी और शीतल के पास आकर कहा,”क्या कहा उसने ? तुम लोग डरो मत कुछ नहीं होगा !”
“नैना चलो पैकिंग करते है !”,शीतल ने डरे हुए स्वर में कहा
“क्या ? ये बोल रही हो तुम ? मैंने कहा ना कोई कही नहीं जाएगा ,,, उस मैनेजर की ऐसी की तैसी उसे तो मैं,,,,,,,,,,,,,!”,नैना कहते हुए जैसे ही दरवाजे की और जाने लगी शीतल ने उसका हाथ पकड़कर रोक लिया और गुस्से से कहा,”गलती हमारी है नैना !”


“हमारी गलती ?”,नैना ने हैरानी से कहा
“हां हमारी गलती , मैनेजर के कहने पर यहाँ नहीं आते तो ये सब नहीं होता ! उसने हमे यहाँ रहने की परमिशन दी लेकिन हमने उसे सबने सामने एक्सपोज कर दिया , इसके बाद वो हमे यहाँ रहने कैसे देगा ? सब हमारी गलती है हमे यहाँ रहना ही नहीं चाहिए था ,, तुम दोनों अपनी पैकिंग कर लो हम यहाँ से चले जायेंगे !”


“शीतल सही कह रही है नैना , मैनेजर तक ठीक था लेकिन पुलिस , हम लोगो को इस लफड़े में नहीं पड़ना चाहिए !”,रुचिका ने कहा नैना झुंझला गयी ! उसे परेशान देखकर शीतल ने उसे कंधे से पकड़ते हुए कहा,”नैना , मैंने और रूचि ने हमेशा तेरी बात मानी है , कभी किसी चीज के लिए तुझे नहीं रोका है प्लीज आज एक बार तू मेरी बात मान ले ,, हर प्रॉब्लम का सोल्यूशन गुस्सा या लड़ाई झगड़ा नहीं होता है ! हम चलते है यहाँ से !”
“लेकिन जायेंगे कहा ?”,नैना ने सवाल किया


“आज रात कही बाहर रुक जायेंगे और कल सुबह होते ही हम रहने के लिए दूसरी जगह ढूंढ लेंगे ! मैनेजर से लड़ने झगड़ने का कोई फायदा नहीं उल्टा बात घर वालो तक पहुँच गयी तो हम सबके लिए परेशानी हो जाएँगी !”,रुचिका ने कहा !
“ओके , मैं तुम दोनों को किसी प्रॉब्लम में डालना नहीं चाहती ,, अगर तुम दोनों को यही सही लगता है तो ठीक है हम लोग चलेंगे यहाँ से !”,नैना ने कहा तो शीतल ने उसे गले लगा लिया और रुचिका भी आकर उनसे लिपट गयी !

तीनो ने अपना अपना सामान पैक किया शीतल ने सारा सामान रख लिया तभी नजर कागज के डिब्बे पर गई उसने उसे उठाया और खोलकर देखा तो उसमे कांच की वो चुड़िया थी जो सार्थक ने उसे दिलाई थी शीतल ने उन्हें भी अपने बैग में रख रख लिया ! तीनो अपना सामान लेकर फ्लैट से बाहर चली आयी ! तीनो के चेहरे उदासी से घिरे हुए थे इस फ्लैट से उन तीनो की दोस्ती , झगड़ा , प्यार और बहुत सी यादें जुडी थी !

तीनो निचे चली आयी फ्लैट वहा खड़े निरंजन को दे दी ! कुछ लोगो को उन्हें जाते देखकर ख़ुशी हो रही थी तो कुछ खमोश खड़े तमाशा देख रहे थे ! सार्थक ने देखा तो उसने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन सार्थक की मम्मी ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”क्या कर रहा है ? मैं इन्हे अपने घर में नहीं रख सकती पता नहीं क्या किया होगा इन्होने जो पुलिस यहाँ चली आयी ,, तू चुपचाप अंदर चल !”


सार्थक चाहकर भी उनके लिए कुछ नहीं कर पाया ! सब आपस में खुसर पुसर करने लगे ! नैना ने सबको वहां खड़े देखा तो खुद को रोक नहीं पाई और कहा,”क्या तमाशा चल रहा है यहाँ ?”
सभी इधर उधर चले गए नैना भी शीतल और रुचिका के साथ वहा से निकल गयी ! नैना ने ऑटो रुकवाया और तीनो उसमे बैठ गयी बेबस खड़ा सार्थक भी उनके लिए कुछ नहीं कर पाया ! निरंजन चाबी लेकर वहा से चला गया !!

नैना शीतल और रुचिका तीनो खामोश थी लेकिन अंदर बहुत शोर था उन्हें बुरा भी लग रहा था , रोना भी आ रहा था और तकलीफ भी हो रही थी पर तीनो चुप थी ! थोड़ी दूर चलकर एक सुनसान जगह पर ऑटो रुक गया ! ऑटोवाला निचे उतरा और कहा,”मैडम बैटरी गर्म हो गयी है आप यहाँ से दुसरा ऑटो ले लीजिये !”
“किस्मत ही ख़राब है !”,नैना ने कहा और निचे उतरी ,,

आज पहली बार नैना ने किसी पर गुस्सा नहीं किया उसने बैग्स उतारने में शीतल और रुचिका की मदद की और सामने पड़े पत्थर पर बैठ गयी ! रुचिका और शीतल भी पास ही खड़ी दूसरे ऑटो की राह देखने लगी ! ऑटोवाले भला आदमी था इसलिए उन तीनो को वहा अकेले देखकर कहा,”मैडम दूसरा ऑटो नहीं आता तब तक मैं यहाँ रुक जाता हूँ !”
नैना खामोश थी लेकिन ये ख़ामोशी आने वाले तूफ़ान का संकेत थी !!

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संजना किरोड़ीवाल

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