Love You जिंदगी – 16
Love You Zindagi – 16
शीतल ने नैना को जब थप्पड़ मारा तो उसे बहुत बुरा लगा लेकिन वह बिना उसे कुछ कहे अपना बैग लेकर फ्लेट से निकल गयी ! बाहर आकर उसने ऑटो रुकवाया और ऑफिस के लिए निकल गयी ! रुचिका ने शीतल को समझाया और चुप कराया , ऑफीस जाने का टाइम भी हो गया था और रुचिका शीतल को अकेले छोड़ना भी नहीं चाहती थी इसलिए समझा बुझा कर उसे ऑफिस ले आयी ! दोनों ऑफिस पहुंची तो नैना पहले से वहा मौजूद अपने काम में लगी थी उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे उसकी उंगलिया कीबोर्ड के बटनों पर टकाटक चले जा रही थी और नजर स्क्रीन पर थी ! वह किसी प्रोजेक्ट को टाइप कर रही थी शायद !! रुचिका और शीतल भी आकर अपनी अपनी सीटों पर बैठ गए ! तीनो में कोई बात नहीं हुयी ! ख़ुशी और बाकि लड़के भी चुपचाप अपना काम कर रहे थे ! दोपहर का लंच नैना ने रुचिका और शीतल के साथ नहीं किया बल्कि वेज रोल लेकर अपनी केबिन में बैठकर ही खाती रही ! रुचिका चाहती थी शीतल और नैना के बिच की गलतफहमियां दूर हो जाये लेकिन इस वक्त वह दोनों से ही कुछ नहीं कह पा रही थी ! लंच के बाद एक बार फिर सभी अपने अपने कामो में लग गए ! कुछ देर बाद सचिन अपने हाथ में कुछ फाइल्स लेकर आया और रुचिका को इशारे से बाहर आने का बोलकर फाइल्स उसे थमा दी ! रुचिका उसे मना नहीं कर पायी फाइल देकर सचिन ने कहा,”रुचिका प्लीज , इनका काम कर दो मुझे थोड़ा जरुरी काम है और इन्हे दो दिन बाद ही सबमिट करना है”
“सचिन मेरे पास ऑलरेडी एक प्रोजेक्ट है , और उसे अगले हफ्ते सबमिट करना है”,रुचिका ने अपनी मज़बूरी बताई
“तुम ओवरटाइम कर लो ना रुचिका , वैसे भी तुम्हारे लिए तो ये आसान काम है”,सचिन ने रुचिका का कन्धा छूकर कहा
“ओके ! मैं कर दूंगी !”,रुचिका ने मुस्कुरा कर कहा तो सचिन वहा से चला गया ! रुचिका ने फाइल्स लाकर अंदर रख दी और उनपर काम करने लगी ! शाम को नैना अपना काम खत्म करके चली गयी ! शीतल ने रुचिका से चलने को कहा तो रुचिका ने ओवरटाइम के बारे में कहा शीतल को अकेले ही वहा से निकलना पड़ा ! ऑफिस के बाहर आकर वह ऑटो के लिए इंतजार करने लगी , काफी देर बाद एक ऑटो वाला आया शीतल ने उसे अपार्टमेंट का पता बताया और चलने को कहा ! नैना का मन थोड़ा उदास था वह घर नहीं जाना चाहती थी इसलिए वह पैदल ही सड़क किनारे चल पड़ी , शाम का वक्त था और मौसम भी अच्छा था लेकिन नैना को कुछ अच्छा नहीं लग रहा था ! रुचिका सचिन के बदले का काम करने में लगी थी और सचिन मजे से अपने केबिन में बैठकर दोस्तों से गप्पे लड़ा रहा था ! शीतल अपार्टमेंट आयी और लिफ्ट के सामने आकर खड़ी हो गयी सीढ़ियों से आते सार्थक से जब उसकी नजर मिली तो वह जल्दी से लिफ्ट के अंदर चली गयी ! सार्थक से सामना करने की हिम्मत उसमे नहीं थी शायद लेकिन सार्थक उस से बात करना चाहता था और इसलिए वह सीढ़ियों पर भागता हुआ वापस ऊपर जा पहुंचा ! लिफ्ट रुकी तो शीतल बाहर निकलकर अपने फ्लैट की और जाने लगी ! जैसे ही उसने दरवाजे पर चाबी लगायी सार्थक वहा पहुँच गया और शीतल का हाथ पकड़कर उसे साइड में लाकर कहा,”मुझसे नजरे क्यों चुरा रही हो ?”
“सार्थक मुझे इस वक्त तुमसे कोई बात नहीं करनी है !”,शीतल ने अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा
“लेकिन मुझे करनी है कल शाम से मेरे जहन में जो सवाल दौड़ रहे है उनका जवाब चाहिए मुझे !”,सार्थक ने थोड़ा गुस्से से कहा
“मेरे पास तुम्हारे किसी सवाल का जवाब नहीं है !”,शीतल ने सार्थक से नजरे हटाकर साइड में देखते हुए कहा
“तुम्हे उस से डरने की जरूरत नहीं है शीतल”,सार्थक ने कहा
“वो मेरी पर्सनल लाइफ है !”,शीतल ने कहा
“कैसी पर्सनल लाइफ तुम्हे दिखता नहीं कैसे बात कर रहा था वो तुमसे ? अगर तुम वहा नहीं होती तो उसका मुंह तोड़ देता मैं !”,सार्थक ने गुस्से से कहा
“राज के बारे में कुछ मत बोलो सार्थक !”,शीतल ने कहा
“सीरियसली शीतल , तुम इतनी बेवकूफ कैसे हो सकती हो यार ? वो लड़का तुम्हारे लिए सही नहीं है !”,सार्थक ने कहा तो शीतल ने गुस्से से उसे पीछे धक्का दिया और कहा,”मेरे लिए क्या सही है और क्या गलत ये मुझे मत समझाओ तुम सब , मैं प्यार करती हु उस से वो जैसा चाहे वैसा बिहेव तुम्हे उस से क्या फर्क पड़ता है ?”
“फर्क पड़ता है शीतल , क्योंकी प्यार करने लगा हु मैं तुमसे और मैं नहीं जानता था की तुम्हारी जिंदगी में कोई है , लेकिन जब कल देखा तो महसूस हुआ की वो इंसान सही नहीं है ,, वो तुम्हे जिस तरीके से देख रहा था नहीं अच्छा लग रहा था मुझे ,, कल शाम मैं तुम्हे यही बताने तो आया था की तुम्हे चाहने लगा हु लेकिन मेरी किस्मत देखो मेरे अलावा भी हर कोई तुम्हे ही चाहता है !”
कहकर सार्थक चुप हो गया शीतल ने सूना तो उसे एक झटका सा लगा और उसने कहा,”मैंने ज़रा सा हंस बोल क्या लिया तुमने तो उसे प्यार समझ लिया सार्थक ! तुमसे बात करना अच्छा लगता था , क्योकि तुम बाकि लड़को जैसे नहीं थे पर इसका मतलब ये नहीं की मैं तुमसे प्यार करती हु !”
“हां जानता हु तुम नहीं करती , पर मुझे हो गया तुमसे और इस फीलिंग को तो नहीं बदल सकता ना मैं , और मैं क्या किसी को भी तुमसे प्यार हो जायेगा यार ,, तुम इतनी अच्छी हो , सीधी साधी कम बोलने वाली कोई खुद को कब तक रोकेगा तुमसे प्यार ना करने के लिए !”,सार्थक ने कहा तो शीतल ख़ामोशी से उसकी और देखने लगी ! सार्थक कुछ देर खामोश रहा और फिर कहने लगा,”आज से पहले मेरी जिंदगी में कोई लड़की नहीं आयी थी पर जब तुम्हे देखा तो लगा की वो तुम ही हो जिसके साथ मैं जी सकता हु ! तुम्हे एक बार देखने के लिए घंटो में लॉन में बैठा रहता था ! तुम्हारे बारे में जिस से भी सुनता हमेशा अच्छा सुनता था ! तुम में वो हर खूबी है जो मैं अपनी हमसफ़र में चाहता था , मैं ये नहीं कह रहा की तुम्हे भी मुझसे प्यार करना होगा मत करो लेकिन मैं इस तरह तुम्हे उस लड़के के साथ अपनी जिंदगी बर्बाद होते नहीं देख सकता !”
शीतल ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप अपने फ्लैट में आकर दरवाजा बंद कर लिया ! कमरे में आकर शीतल ने बैग रखा और बाथरूम में आकर शॉवर चलाकर उसके निचे खड़े हो गयी ! पानी उसके सर से होते हुए कपडे भिगाने लगा शीतल को कुछ समझ नहीं आ रहा था की आखिर उसके साथ क्या हो रहा है ? राज से उसे ऐसे बर्ताव की उम्मीद नहीं थी , सार्थक की उसे लेकर जो फीलिंग्स थी उन्हें शीतल कभी समझ नहीं पाई थी और नैना , नैना के साथ जो उसने किया वह उसके मन को भी आहत कर रहा था ! शीतल वही खड़े भीगती रही और फिर उसकी आँखे बहने लगी !
वह खुद उलझन में थी ! बचपन से लेकर अब तक हमेशा वह ऐसे ही रही है चुप खामोश सी लेकिन आज उसकी ख़ामोशी ने उसे ऐसे चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया जहा सिर्फ वह गलत है ! शीतल को होश आया तो वह कपडे बदलकर बाहर आयी , मन उदास था इसलिए थोड़ी देर लेट गयी , लेटने के कुछ देर बाद आँख लग गयी जब उठी तब तक रात के 8 बज चुके थे ! शीतल बालो को समेटते हुए बाहर आयी उसने देखा नैना और रुचिका अभी तक नहीं आयी थी , शीतल ने रुचिका को फोन करके पूछा तो उसने बताया की ओवरटाइम कर रही है वह आ जाएगी ! नैना को फ़ोन करने की हिम्मत शीतल में नहीं थी , सुबह जो उसने किया उसके बाद नैना उस से शायद ही बात करे सोचकर शीतल तीनो के लिए रात का खाना बनाने में लग गयी ! अँधेरा होने पर नैना अपार्टमेंट में आयी , वहा ग्राउंड में बच्चे खेल रहे थे नैना उधर से गुजरी तो बॉल आकर सीधा उसके हाथ पर लगी ! बच्चो में से एक ने कहा,”दीदी बॉल दो ना !”
“बॉल चाहिए !”,नैना ने एक भौंह ऊपर चढ़ाकर कहा
“हां दीदी !”,बच्चे ने मासूमियत से कहा
नैना ने बॉल उसकी और की और उसे न देकर पैर से पंच मारते हुए कहा,”जाओ ले लो !”
नैना ने तो पंच मार दिया लेकिन उसी वक्त बॉल जाकर सीधा सार्थक को लगी जो की साइड में बैठा था ! नैना ने देखा तो निचले होंठ को दांतो तले दबाकर हाथ सर पर दे मारा ! बेचारा सार्थक जिसकी किस्मत इन दिनों सच में ख़राब थी बैठा बैठा अपना सर सहलाने लगा ! नैना उसके पास आयी और कहा,”हे सार्थक सॉरी वो गलती से बॉल तुम्हे लग गया !”
“अरे कोई बात नहीं आदत है इन सबकी !”,सार्थक ने कहा !
“क्या रोज बॉल खाते हो ?”,नैना ने हैरानी से कहा
“क्या ? अरे मैं किस्मत की बात कर रहा हु !”,सार्थक ने कहा
नैना आकर उसके बगल में बैठ गयी और कहा,”किस्मत तो सबकी ही ख़राब है , और जिंदगी वो उस से भी ज्यादा झंड”
”आपकी किस्मत तो अच्छी है यार , खूबसूरत हो , जॉब है , अच्छे दोस्त है ,,आपको क्यों जिंदगी से शिकायत है ?”,सार्थक ने कहा हालाँकि वह डर भी रहा था की कब नैना का दिमाग ख़राब हो और वह शुरू हो जाये ! नैना ने एक ठंडी आह भरी और कहा,”सही लोगो को गलत रिश्ते में देखती हु बर्दास्त नहीं होता मुझसे”
“शीतल की बात कर रही है आप ?”,सार्थक ने कहा
“ओह्ह्ह तो तुम्हे पता है !”,नैना ने थोड़ा हैरानी से कहा
“पता भी है और कल देखा भी , वो लड़का सही नहीं है उसके लिए”,सार्थक ने कहा
“अरे उस साले ने ही तो चरस बो रखी है शीतल की जिंदगी में ,, उस लड़की में लाइफ जीने के हजारो गट्स है लेकिन उस हरामी की वजह से वो उसे नहीं जी रही है ,, समझ में नहीं आता ये चार दिन के बाबू शोना में इतना क्या मिल जाता है इन लोगो को के इन्हे सही गलत में भी फर्क समझ नहीं आता !”,नैना का गुस्सा फुट पड़ा
“शीतल बहुत इमोशनल है”,सार्थक ने कहा
“हां तो इतनी ही इमोशनल है तो तुम्हारी फीलिंग्स क्यों नहीं समझती ?”,नैना ने कहा
“मेरी फीलिंग्स के बारे में आपको कैसे पता ?”,इस बार सार्थक हैरान था
नैना ने अपनी आँखों की तरफ हाथ करके कहा,”अंधी नहीं हु मैं , सब दिखता है ! शीतल इनोसेंट है उसे प्यार और सेक्रिफाइज में फर्क नहीं पता अभी ,, लेकिन तुम उसे इस से निकाल सकते हो”
“मैं , मैं कैसे ?”,सार्थक ने कहा
“तुम्हारी फीलिंग मुझे उसके लिए जेनुअन लगी , तुम उसे कभी नुकसान नहीं पहुंचाओगे इतना मैं स्योर हूँ !”,नैना ने कहा
“मुझपे इतना भरोसा क्यों ?”,सार्थक ने हिचकिचाते हुए कहा
“हट बे ! भरोसा तो एक परसेंट नहीं है तुझपे , लेकिन तू आँखों के सामने रहेगा तो श्याणपती नहीं करेगा !”,नैना ने सार्थक को अर्श से फर्श पर ला पटका
“हम्म्म्म , मैं उसे बहुत चाहता हु हर्ट करने का तो सोच भी नहीं सकता !”,सार्थक ने कहा
“जिंदगी में सही इंसान आये तो जिंदगी संवर जाती है , शीतल की जिंदगी से मुझे वो चरस हटानी है बस , उसके बाद चाहे गाली खानी पड़े या थप्पड़ कोई टेंशन नहीं !”,नैना ने उठते हुए कहा
“मुझे क्या करना होगा ?”,सार्थक भी उठ खड़ा हुआ
नैना उसके थोड़ा करीब आयी और कहा,”ये भी मैं बताऊ , अबे रोमांटिक फिल्मे नहीं देखते क्या ? कसम से यार बौड़म इंसान हो तुम , प्यार करते हो उस से तो अहसास दिलाओ उसे अपने प्यार का , समझे के नहीं समझे !”
“समझ गए !”,सार्थक ने कहा तभी सामने से आते शुभ ने कहा,”अरे नैना जी नहीं समझा तो मैं समझा दूंगा इसे”
नैना जिसे आजकल शुभ को देखते ही चिढ होने लगती थी उसने कहा,”हिया आब (यहाँ आओ)
शुभ नैना के सामने आया तो नैना ने उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”देखो दूसरे के काम में ज्यादा चौघराहट बनने की जरूरत ना है , अबहु एक कंटाप धर दिए न तो कंडम माल की तरह यही पसर जाओगे ,, का समझे ?”
शुभ जिसे कुछ समझ नहीं आया उसने कहा,”कुछ समझ में नहीं आया !”
नैना ने मुंह बनाया और सार्थक की और देखकर कहा,”ए कैसे लुल्ल इंसान को अपना दोस्त रखे हो तुम , इस से दूर ही रहो तुम निपट बैल है ये लौंडा !”
बेचारा शुभ अपनी ही बेइज्जती पर मुस्कुरा रहा था क्योकि नैना की कही सारी बाते उसके ऊपर से जा रही थी !
नैना वहा से चली गयी तो शुभ ने सार्थक से कहा,”यार ये मुझसे इतना चिढ़ती क्यों है ?”
“तुझसे नहीं भाई ये हर लड़के से ही चिढ़ती है , जिगर वाला ही होगा वो लड़का जो इसे समझ पायेगा !”,सार्थक ने कहा और फिर शुभ के साथ वहा से चला गया !
“लेकिन मैं तो उसे इम्प्रेस करना चाहता था !”,शुभ ने मासूमियत से कहा
“रहने दो भाई तुमसे नहीं हो पायेगा !”,कहकर सार्थक आगे बढ़ गया ! सार्थक खुश था की नैना अब उसके साथ थी वह मन ही मन शीतल को राज की जिंदगी से निकालने के बारे में सोचने लगा !
नैना ने बेल बजायी तो शीतल ने दरवाजा खोला , नैना ने उस से कोई बात नहीं की और सीधा अंदर चली गयी कपडे बदलकर नैना ने मम्मी को फोन लगाया और उनसे बात करने लगी ! जब भी नैना का मन उदास होता था वह अपनी मम्मी से बात कर लिया करती थी ! शीतल ने देखा वह फोन पर बिजी है तो उसने नैना के लिए खाना टेबल पर लगा दिया ! कुछ देर बाद नैना आयी उसने चुपचाप खाना खाया और वही सोफे पर लेटकर फोन में कोई मूवी देखने लगी ! उसे जल्दी सोने की आदत थी इसलिए नींद कब आयी उसे पता ही नहीं चला ! रात के 10 बज रहे थे लेकिन रुचिका अभी तक घर नहीं आयी थी , शीतल को चिंता होने लगी उसने फ़ोन मिलाया तो नोट रिचेबल आ रहा था ! शीतल कमरे से बाहर आयी तो देखा नैना सोफे पर ही सो गयी है वह अंदर से चददर ले आयी और नैना को अच्छे से ओढ़ा दिया , उसकी नींद में कोई खलल ना पड़े सोचकर शीतल ने हॉल की लाइट भी बंद कर दी ! शीतल बालकनी में आकर अपार्टमेंट के गेट की और देखने लगी ,, दूर दूर तक उसे रुचिका आती दिखाई नहीं दी वह बड़बड़ाने लगी,”आज रुचिका से कह दूंगी की ओवरटाइम करने की कोई जरूरत नहीं है , कितनी रात हो गयी है अभी तक नहीं लौटी ये लड़की ऊपर से फोन भी नहीं मिल रहा है !”
बडबडाते हुए शीतल की नजर निचे चबूतरे पर बैठे सार्थक पर गयी वह आज भी अपनी हमेशा वाली जगह पर बैठा शीतल को ही देख रहा था ! शीतल की नजरे उस से मिली तो शीतल वहा से अंदर चली गयी ! सार्थक को देखते ही उसके मन में ये भावनाये अचानक क्यों उमड़ने लगी शीतल नहीं समझ पा रही थी !
क्रमश :- love-you-zindagi-17
Previous Part :- love-you-zindagi-15
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संजना किरोड़ीवाल !!
Awesome….chalo sarthak ab Sheetal k smne apni express kr dega..bas ye raj ka chapter close ho jaye
Naina k dialogues to awsm hai..😘😘
Woww interesting part tha Ab naina aur sarthak milkr raj ko sheetal ki life s bhar ka rasta dikhayge sheetal bhi sarthak ki feelings ko ignore Nhi kr skti
Aur ye sachin , Ruchika k feelings k sath game khel raha hai….bs apna kaam nikal raha hai..ab dekhna ye hai ki ruchika ko ye kab pata chlta hai.
LOVELY PART
NICE PART
Nice
Nice part
Nice part
Hmmm acha part h… changes aynge ab
Beautiful part 👌 👌
मैम ये तो पता चला कि नैना अब शीतल की जिन्दगी से राज को बाहर करके ही छोड़ेगी… सच्ची दोस्ती यहीं होती हैं जो इनतीनों में हो गई हैं..शीतल को रुचिका की फिक्र हैं जिसे सचिन अपना मतलब साध रहा हैं…एकबात और नैना पहली बार किसी लड़के सार्थक से अच्छी तरह बात की क्योंकि वो चाहती हैं कि शीतल को राज की जगह सार्थक मिलें😊 superb part👌👌👌👌
Nice part👏👌
Beautiful part 👌
Nice and interesting parf
Nice
Lovely part👌👌👌👌👌⭐⭐⭐⭐⭐
Good One 👌👌👌
Lovely but ruchika ka sochlar thoda dr lg rha h
एक दम चौचक भाग है
Hamesha k tarah bahut hi pyari ja rahi h apki story😍
Superb interesting
Naina tej h pr smjhdar bhi bahut h
Awsm👌🏻👌🏻👌🏻
बस रुचिका सही हो…और शीतल राज की चुंगल से निकल जाए !
Gud….
Mam apki story ne to hila diya puri tarah se…. Aisa twist kr k aap mod lati he ki story k intjar besabri se bad jata he…gajab likhti he aap
Yh sachin sirf ruchika ko use kr rha h apne office ka kaam krwane k liye pta nhi ruchika ko kb samajh ayega nd nainand sarthak milkr hi raj ko out krenge sheetal ki life se
Aj ke part se to ye sabit ho gya ki naina ko insano ki parakh karna ache se aata hai warna wo sarthak ko support na karti or sachin bhi use acha nhi lgta jo baat kisi had tak sahi bhi h kyuki sachin ruchika ka use kar rha hai raj or sachin ka relation sheetal or ruchi ke prati dekh kar pta nhi naina kabhi avi ko accept karegi ki nhi
Waise aj ka part bhot hi acha tha ab naina or sarthak sath hai to sheetal jald hi raj se picha chudaye to mja aa jaye
Ek taraf shital jo pyar? Mein andhi hai aur dusri taraf ruchika hai jiska sachin fayda utha raha hai..ab dekhate hai kab ye dono is zuthe pyar ke bavandar se bahar aate hai
Fabulous part.. notification to mil gya tha pr socha chai k sath hi apki story pdhne m maza ayega.. aur sach m maza aa gya..
Raj ka to patta saaf ho jayega ab…..ab sachin ko bhi ruchika ki life se nikal fekna hoga naina ko….naina ki bhi love story dekhni hai ma’m….
Good one… Naina … Sab samjhti hai …. 😊😊😊😊😊😊
Bhoat Wadia