Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी-1

Love you Zindagi
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Love You Zindagi -1

सीन – 1
“करंट वेट 105kg , ओह्ह माय गॉड , ओह्ह माय गॉड ,, ये कैसे हो गया ? अह्ह्ह्हह ये कम क्यों नहीं होता ? अब मैं ऑफिस की पार्टी में वन पीस पहन के कैसे जाउंगी ?,,,,,,,, उसमे तो मैं बहुत मोटी लगने वाली हु !”, रूचि ने वेट मशीन पर अपना वजन चेक करने के बाद झल्लाते हुए कहा
“रिलेक्स दी कुछ और पहन के चली जाना वैसे भी वहा कौन नोटिस करने वाला है तुम्हे ?”,पास सोफे पर बैठी उसकी छोटी बहन कुकू ने कहा !
रूचि ने कुशन फेंक कर मारा और कहा,”जस्ट शट-अप ये सब ना तुम्हारी वजह से हुआ है !”
“मैंने क्या किया ? रोज ठूस ठूस कर खाओगी और सुबह शाम बिना हाथ पैर हिलाये बैठी रहोगी तो वजन तो बढ़ेगा न !”,कुकू ने कहा
रूचि परेशान सी आकर उसकी बगल में बैठ गयी और कहा,”तू बता न अब मैं क्या करू ? कैसे कम करू इसे ?”
“एक आइडिआ है , तुम जिम ज्वाइन कर लो चुटकियो में तुम्हारा वजन कम हो जाएगा !”,कुकू ने तरीका बताया
“गुड़ आइडिआ मैं आज ही जिम ज्वाइन कर लेती हु !”,रूचि ने उठते हुए कहा और तैयार होकर जिम के लिए निकल गयी !

(रुचिका शर्मा , उम्र 24 साल , जयपुर शहर में रहने वाली एक अच्छे घर की लड़की ,, पापा बैंक मैनेजर है और इसी वजह से रुचिका को भी प्राइवेट बैंक में जॉब मिल गयी ! घर में सब इसे प्यार से रूचि बुलाते है , माँ-बाप के अलावा घर में एक छोटी बहन है ,, रूचि खाने की बहुत शौकीन है और इसी वजह से उसने अपना वजह जरुरत से ज्यादा बढ़ा लिया इस वजह से ना उसे उसकी फिटिंग के कपडे मिलते है ना ही लड़को की अटेंशन , पर धीरे धीरे उसे अपने वजन को लेकर परवाह होने लगी थी)

” वजन काफी बढ़ा लिया है आपने , बहुत मेहनत करनी पड़ेगी ! ऑइली , फ़ास्ट फूड्स , मीठा सब बंद मैं जो डाइट दूंगा वो लेनी है ,, देखते ही देखते आप स्लिम फिट हो जाएगी ,, तो शुरू करे ?”,जिम ट्रेनरने ने कहा
“सर सर सर कल से शुरू करते है”,रूचि ने कहा
“कल से क्यों आज से क्यों नहीं ?”,ट्रेनर ने हैरानी से कहा
“आज 31st है , और महीने का लास्ट डे होता है सो कल से शुरू करते है , कल एक तारीख भी है नयी शुरुआत करेंगे , नई !”,रूचि ने कहा
“आह्ह्ह्हह्ह ओके , तो कल मॉर्निंग में मिलते है 5’o क्लॉक”,ट्रेनर ने कहा
“हां बिल्कुल !”,रुचि ने कहा फॉर्म भरा 500 रूपये एडवांस फ़ीस दी और ख़ुशी ख़ुशी वहा से बाहर निकल गयी ! स्कूटी स्टार्ट कर वह सीधा बैंक के लिए निकल गयी रास्ते में वह सोचे जा रही थी,”अब बस कुछ ही दिनों में मैं फिट हो जाउंगी , पूरी मेहनत करुँगी और उसके बाद चिंतन , लक्ष्य , इमरान , आशीष सब मेरे आगे पीछे घूमेंगे , क्या ठाठ होंगे मेरे ,, ऑफिस की लड़किया तो मुझे देखकर जल ही जाएगी !”
बैंक पहुंचकर वह ख़ुशी ख़ुशी अपने केबिन में आकर बैठ गयी और काम करने लगी पर आधे घंटे बाद ही उसके पेट में चूहे कूदने लगे , उसने बैग से चॉकलेट निकाली और जैसे ही खोली ट्रेनर की बात याद आ गयी , अब रूचि बैठकर ट्रेनर की बात और अपनी भूख से जुंझ रही थी और आखिर में उसने ये बोलकर चॉकलेट खा ली – आज आज खा लेती हु डायटिंग तो कल से है न”
अगले दिन सुबह जल्दी उठाकर रूचि जिम गयी 1 घंटा खूब एक्सरसाइज की और थककर घर आ गयी ! घर में घुसते ही आलू के पराठो की खुशबु ने उसका ध्यान अपनी और खींचा लेकिन आज उसने मन बना लिया था की नहीं वो ऐसा कुछ नहीं खायेगी और अपनी डाइट डाइट फॉलो करेगी , बैंक जाने से पहले रूचि नाश्ता करने बैठी सबकी प्लेटो में पराठे थे बस उसकी प्लेट में सलाद , ओट्स और पनीर था !! रूचि नजरे बार बार पराठो पर जा रही थी और मुंह में पानी आ रहा था पर उसने बहुत कंट्रोल किया और अपना नाश्ता करके वह बैंक के लिए निकल गयी ! दिनभर उसने खुद को बहुत कंट्रोल में रखा और शाम को घर चली आयी उसका चेहरा काफी उतरा हुआ था ! 10-20 बार अपनी बॉडी को शीशे में देख चुकी थी , पर पहले दिन में भला फर्क कैसे नजर आता ! रात का खाना भी उसने डाइट के हिसाब से लिया और सिर्फ पनीर और सलाद ही खाया !!
आधी रात को कुकू किचन में पानी लेने आयी थी खटर पटर की आवाज सुनकर उसने लाइट ऑन कर दी , निचे फर्श पर रुचि बैठी थी और उसके सामने पड़ा था ढेर सारा खाना वह बिना वक्त ख़राब किये सब खाये जा रही थी ! कुकू उसके पास आयी और कहा,”दी आप तो डायटिंग पर हो न !”
“मुझसे नहीं होगा यार ये सब”,रूचि ने ठूसते हुए कहा !
कुकू ने ये सुनकर अपना सर पिट लिया और वापस अपने कमरे में चली आयी , रूचि ने सब खाया पर अपने होठो पर जीभ फिराई , हाथ पेट पर घुमाया और आकर सो गयी !!
दो दिन बाद ऑफिस की पार्टी में रूचि ने वन पीस ड्रेस पहना जो की काफी तंग था पर अच्छे दिखने के लालच में रूचि उसे पहन कर पार्टी में चली आयी , जिसमे से उसका भारी भरकम शरीर बाहर झलक रहा था , लड़कियों की बिच वह गॉसिप बनी हुई थी और लड़के उसे देखकर एक दूसरे से कमेंटस पास कर रहे थे , कुछ इसी बहाने रूचि से बात भी कर रहे थे ,, रूचि अंदर से काफी असहज महसूस कर रही थी जबकि बाहर चेहरे पर बड़ी सी स्माइल थी ! पार्टी अच्छी चल रही थी कुछ देर बाद ही रूचि कुछ उठाने के लिए जैसे ही निचे झुकी टाइट होने की वजह से ड्रेस फट गयी , रूचि शर्म से पानी पानी हो चुकी थी !
सभी रूचि पर हंस रहे थे हर कोई उसका मजाक उड़ा रहा था ये देखकर रूचि को बहुत शर्मिंदगी हुई और वह छुपते छुपाते वहा से बाहर निकल गयी , उसने अपनी स्कूटी स्टार्ट की और जल्दी से घर पहुंची ! अपने कमरे में आकर वह सीधा बाथरूम में आयी और शीशे के सामने खड़ी होकर खुद को देखने लगी , लोगो की हंसी अभी भी उसके कानो में गूंज रही थी , उसे बहुत बुरा लग रहा था उसकी आँखों में आंसू भर आये साथ ही खुद पर गुस्सा भी , उसने खुद को थप्पड़ मारा और रुंधे हुए गले से कहा,”सब तुम्हारी गलती है , तुम्हे वहा नहीं जाना चाहिए था !! कैसे हंस रहे थे सब तुम पर ?”
सुबह रूचि देर तक सोती रही , उठकर बाहर आयी और घरवालों से कहा,”आज के बाद मैं बैंक नहीं जाउंगी !”
कहकर वह वापस अपने कमरे में चली आयी और सुबक पड़ी !!

सीन – 2
इंदौर – हाई स्कूल
रूम नंबर 104 में क्लास 7 के एग्जाम्स चल रहे है , क्लास टीचर शीतल मिश्रा सब पर नजर रखे हुए है , उन्होंने शांति से बच्चो को अपना अपना पेपर करने को कहा और क्लास में टहलने लगी ! कुछ ही वक्त बाद फोन घनघना उठा शीतल ने फोन उठाया स्क्रीन पर “राज” नाम देखकर उसने फोन साइलेंट मोड़ पर कर दिया ! कुछ देर बाद फोन कट गया शीतल ने फोन वापस टेबल पर रख दिया !! अगले ही पल फोन की लाइट फिर जल उठी शीतल ने उसे फिर साइलेंट कर दिया ! लेकिन फोन बार बार आते रहे , शीतल ने इस बार कॉल काट दिया लेकिन परेशानी उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी !, एग्जाम ख़त्म हुआ तो वह क्लास से बाहर आयी उसने फोन देखा राज की 10 मिस्ड कॉल थी शीतल ने उसे वापस कॉल लगाया तो फोन उठाते ही राज ने कहा,”तुम्हारी स्कूल के बाहर खड़ा हु अभी आकर मिलो !”
शीतल की बात उसने सुनी ही नहीं और फोन काट दिया ! स्कूल खत्म होने में अभी वक्त था शीतल बाहर आयी , राज अपनी बाइक पर बैठा था जैसे ही शीतल उसके पास आयी वह अपनी बाइक से उतरा और एक थप्पड़ शीतल के गाल पर जड़ते हुए कहा,”मेरा फोन काटने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ? मैं बेवकूफ हु जो पिछले आधे घंटे से यहाँ धुप में खड़ा हु , खुद को बहुत सुन्दर समझती हो ! अच्छा अच्छा तुम्हारे पीछे तो लड़को की लाइन लगी रहती है ,
अब खड़ी क्या हो ? सारा मूड ऑफ कर दिया तुमने मेरा !”
राज को गुस्से से उबलते देखकर शीतल घबरा गयी उसे थप्पड़ खाने से ज्यादा बुरा इस बात का लग रहा था की उसने राज को इंतजार करवाया , उसने लड़खड़ाती जुबान से कहा,”मुझे माफ कर दो !’
राज ने शीतल की कसकर बांह पकड़ी और उसे घूरते हुए कहा,”आइंदा से पहली रिंग में मेरा फोन उठ जाना चाहिए !”
शीतल की आँखों में आंसू उभर आये लेकिन उसने उन्हें अपनी आँखों में ही रोक लिया और हां में गर्दन हिला दी ! राज ने अपनी बाइक स्टार्ट की और बड़े ही रूखे स्वर में शीतल से कहा,”चलो बैठो !”
“लेकिन अभी स्कूल है !”,शीतल ने मिमियाते हुए कहा
“एक दिन नहीं पढ़ाओगी तो कोनसा वो बच्चे फ़ैल हो जायेंगे , अब बैठो 10 मिनिट का काम है वापस छोड़ दूंगा !”,राज ने कहा तो शीतल बिना कोई सवाल किये उसके पीछे आ बैठी , अगले ही पल बाइक हवा से बाते कर रही थी ! राज ने बाइक एक दुकान के सामने रोकी और शीतल को लेकर अंदर आया वहा से उसने शीतल के लिए एक ड्रेस खरीदा और उसे देकर कहा,”हैप्पी बर्थडे !”
शीतल को याद ही नहीं था की आज उसका बर्थडे था उसने चुपचाप वह ड्रेस ले ली और राज के साथ बाहर आ गयी ! उसका मन काफी उदास था राज ने उसे स्कूल के सामने छोड़ा और शीतल के ना चाहते हुए भी उसने उसे गले लगाया और फिर उसके होंठो को चूमकर वहा से चला गया ! शीतल हाथ में बैग पकडे वापस स्कूल के अंदर चली आयी ,, स्टाफ रूम में आकर उसने वो बैग अपने नाम की दराज में रखा और बाथरूम में चली आयी ! बाथरूम में पहले से उसके बेच की टीचर अमिता वहा मौजूद थी , शीतल और अमिता अच्छे दोस्त भी थे लेकिन शीतल खोयी हुई सी आकर वाशबेसिन के सामने खड़ी होकर मुंह धोने लगी , अमिता को बाद अजीब लगा की शीतल ने उस पर धयान नहीं दिया , शीतल वापस स्टाफ रूम में आकर बैठ गयी , अमिता भी आकर उसके सामने बैठ गयी उसने शीतल को उदास देखकर कहा”,क्या हुआ इतनी उदास क्यों है ?”
“वो राज”,शीतल बस इतना ही बोल पाई पर शायद अमिता समझ गयी थी तो उसने कहा,”तेरा और उसका फिर से झगड़ा हुआ ?”
शीतल ने हां में गर्दन हिला दी तो अमिता ने अफ़सोस से भरकर कहा,”यार तू उसे छोड़ क्यों नहीं देती है ? वो तेरे साथ इतना बुरा बिहेव करता है फिर भी तू उसके साथ क्यों है ?”
अमिता की बाते सुनकर शीतल की आँखों में आंसू भर आये और बहने लगे पर वह कुछ बोल नहीं पाई ! अमिता ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और और उसे समझाने लगी , बातो बातो में उसकी नजर शीतल के गाल पर गयी जो की थप्पड़ मारने से लाल हो चुका था , अमिता ने कहा,”ये क्या हुआ ?”
“क क कुछ नहीं !”,शीतल ने नजरे चुराते हुए कहा लेकिन शीतल समझ गयी और कहा,”देख मैं अभी भी बोल रही हु इस रिलेशनशिप को थोड़ा ब्रेक दे , अगर उसके बाद भी चीजे ऐसी ही रहे तो प्लीज प्लीज फॉर गॉड सेक छोड़ दो उसे , मैं रोज रोज तुम्हे इस हाल में नहीं देखना चाहती यार !”
अमिता शीतल को समझाती रही और फिर दोनों अपने अपने घर चली गयी !
(शीतल मिश्रा – उम्र 24 साल , बचपन में शीतल ने अपने माँ बाप को एक हादसे में खो दिया तबसे वह अपने भाई और भाभी के साथ रह रही है , पढाई कम्प्लीट होने के बाद वह एक प्राइवेट स्कूल में बच्चो को पढ़ाती है पिछले 5 सालो से वह ‘राज’ नाम के लड़के के साथ रिलेशनशिप में है , शीतल एक गंभीर और डरी सहमी रहने वाली लड़की है , उसकी एकमात्र दोस्त अमिता उसके साथ ही स्कूल में पढ़ाती है )

“शीतल दिल्ली में एक नौकरी है , मैंने तुम्हारे लिए अपने दोस्त से बात कर ली है तुम्हे वहा जाना चाहिए”,शीतल की भाभी ने शीतल को कॉफी का कप देते हुए कहा
“लेकिन राज ?”,शीतल ने कहा
शीतल की भाभी राज के बारे में जानती थी इसलिए उन्होंने शीतल को समझाते हुए कहा,”देखो शीतू तुम्हारे और राज का रिलेशन कुछ खास ठीक नहीं है , वो तुम्हे इतना टॉर्चर करता है , तुम यहाँ उसके सामने हो इसलिए वो तुम्हे लेकर बहुत ज्यादा पजेसिव भी है ,, कुछ दिन दूर रहकर काम करोगी तो उसे तुम्हारी अहमियत समझ आएगी , मैं तुम्हे उसे छोड़ने के लिए नहीं कह रही लेकिन एक ब्रेक तुम अपने और उसके रिश्ते को दे सकती हो !”
“मुझे भी यही लगता है भाभी , पहले सब अच्छा था अब पता नहीं क्यों राज पहले जैसा नहीं रहा ? वो हर वक्त चिड़चिड़ाता है , गुस्सा होता है , मैं उस से बहुत प्यार करती हु उसे छोड़ नहीं सकती , लेकिन मैं हमारे रिश्ते को ऐसे हालात में भी नहीं देख सकती !”,शीतल ने कहा
“फिर तो तुम्हे इस जॉब के बारे में जरूर सोचना चाहिए , एक बार कुछ दिनों के लिए दूर रहोगी तो सब सही हो जायेगा , इसे रिलेशनशिप स्पेस कहते है जिस से हम अपनी गलतियाे या कमियों पर ध्यान दे सके !”,भाभी ने हाथ में पकड़ा अख़बार जिसमे जॉब का विज्ञापन था शीतल को दिया और चली गयी ! शीतल की नजर अख़बार पर जम गयी !

सीन – 3

कानपूर की तंग गलियों से अपनी बाइक पर सवार नैना बिजली की स्पीड सी चली जा रही थी लेकिन जैसे ही ट्रैफिक एरिया में लाल लाइट जली उसे अपनी बाइक रोकनी पड़ी ! जींस , उस पर डेनिम शर्ट पहने उसने सर पर हेलमेट लगाया हुआ था , उसने हाथ पर बंधी घडी में देखा आज फिर वह लेट हो गयी थी , वह मन ही मन ट्रैफिक के क्लियर होने का इंतजार कर रही थी की तभी एक और बाइक आकर उसकी बगल में रुकी जिस पर दो लड़के सवार थे पीछे बैठा लड़का थोड़ा सा झुका और मुंह में भरी गुटखे की पीक दिवार पर थूक दी , नैना ने देखा तो उसने हेलमेट उतार कर गुस्से से कहा,”अबे ! ओये
अक्ल वक्ल है की नहीं तुम में , साले दिवार पर पेंटिंग बना रहे हो !”
“जबान सम्हाल कर बात करो मैडम मेरी मर्जी मैं कही भी थुकु”,लड़के ने गुस्से से कहा
“हां तो फिर अपने थोबड़े पर थूक ले ये भी किसी डस्टबिन से कम थोड़े है , सालो तुम जैसो की वजह से ना कानपूर बदनाम है , अब घूर क्या रहे हो निकलो यहाँ से ?”,नैना ने उबलते हुए कहा और वापस हेलमेट सर पर लगाकर बाइक आगे बढ़ा दी !

(नैना बजाज – उम्र 25 साल , नैना के माँ पापा लखनऊ में रहते है और नैना उनकी इकलौती बेटी है इसलिए बचपन से उसकी हर ख्वाहिश पूरी की गयी पिछले 3 सालो में वह 12 नौकरी बदल चुकी थी अपने गुस्से और स्ट्रेट फॉरवर्ड जवाब की वजह से वह हमेशा नौकरी से निकाली जाती या फिर खुद छोड़कर आ जाती , कानपूर में अभी एक महीने पहले ही उसकी एक कॉल सेण्टर में जॉब लगी है , उसी के लिए वह जल्दी जल्दी में ऑफिस जा रही थी लेकिन रस्ते में सुबह सुबह ही उसकी झड़प हो गयी )

नैना ऑफिस पहुंची उसने बाइक को पार्किंग में लगाया लेकिन बिच में लगाने की वजह से पार्किंग में खड़े गार्ड ने कहा,”अरे नैना मैडम ,आज फिर आपने अपनी बाइक बिच में लगा दी !’
“ये लो चाभी साइड कर देना , तुम्हे यहाँ किसलिए रखा है ?”,नैना ने बाइक की चाबी गार्ड को देकर कहा और ऑफिस की और बढ़ गयी रास्ते भर वह बड़बड़ाते हुए चली जा रही थी,”फिर से देर हो गयी , अब बॉस लेट होने पर फिर से बोरिंग लेक्चर देगा ,, लेक्चर नहीं टॉर्चर है वो !”
“गुड़ मॉर्निंग मैडम”,गेट पर खड़े दरबान ने नैना से कहा
नैना जो किसी को सीधा जवाब देना नहीं जानती थी चलते चलते वह रुकी और दरबान से कहा,”क्या गुड़ है आज की मॉर्निंग में ? वही रोजाना जैसा दिन है , वही ऑफिस , वही काम , वही घिसी पीटी जिंदगी ,, गुड़ कहा है इसमें ?”
“सॉरी मैडम !”,बेचारे दरबान ने मिमियाते हुए कहा नैना थोड़ा शांत हुई दरबान से कहा,”देखो जब तक हमारे जीने का का तरिका नहीं बदलेगा हर मॉर्निंग ऐसे ही रहेगी !”
दरबान मुस्कुरा दिया नैना अंदर चली आयी और आते ही छोटू से कहा,”छोटू भैया दो कप चाय !”
“ठीक है दीदी !”,छोटू ने कहा और केंटीन की और चला गया ! नैना अपने छोटे से केबिन में आकर बैठ गयी , छोटू चाय ले आया नैना ने दोनों कप की चाय एक में की और पिने लगी ! छोटू ने डरते डरते पूछा,”दीदी गुस्सा न करो तो एक बात पूछे”
“अरे हां पूछो पूछो”,नैना ने चाय की चुस्किया लेते हुए कहा
“आप रोज दो कप चाय एक साथ क्यों पीती हो ?”,छोटू ने कहा
नैना मुस्कुराई और कहा,”साला ये एक ही तो चीज है जिंदगी में जिस पर कभी हमे गुस्सा नहीं आता”
छोटू वहा से चला गया , चाय ख़त्म कर नैना काम में लग गयी उसने डे शेड्यूल चेक किया तभी कस्टमर कॉल आया , नैना ने हेडफोन लगाया और कॉल पिक किया
1st कॉल -:

  • हेलो मैं नैना बजाज #### सर्विस से आपकी क्या सहायता कर सकती हु ?”,नैना ने बड़ी ही सधी हुई आवाज में कहा
    कस्टमर – मेडम मेरे फोन में नेट नहीं चल रहा है
  • ओके , मैं अभी चेक करके बताती हु (चेक करने के बाद) मैंने चेक किया नेट बेलेन्स नहीं है
    कस्टमर – ऐसी कैसी कम्पनी है आपकी जिसमे नेट बेलेंस ही नहीं है , जब बेलेंस ही नहीं रखते तो लोगो को क्यों कहते फिरते हो सिम खरीदो सिम खरीदो ? (कस्टमर नैना की पूरी बात सुने बिना ही भड़क उठा !)
    नैना ने एक गहरी साँस ली और कहा – सर आपके अकाउंट में बेलेन्स नहीं है , कृपया रिचार्ज कराये
    कस्टमर – हीहीहीहीही अच्छा अच्छा सॉरी सॉरी मैडम , वैसे क्या नाम बताया आपने अपना ?”
  • फोन रख ! (गुस्से में नैना ने भड़क कर कहा और कॉल काट दिया !)
    पहली कॉल से ही उसका दिमाग ख़राब होना शुरू हो चूका था उसने हेडफोन निकालकर रखा और खुद को शांत करने लगी ! कुछ देर बाद अगला कॉल आया नैना ने हेड फोन फिर से लगा लिया
    2nd कॉल -:
  • हेलो मैडम मैं नैना बजाज ##### सर्विस से आपकी क्या सहायता कर सकती हु ?”
    कस्टमर – मैम मेरे फोन में नेट नहीं चल रहा है
  • कबसे ? (नैना ने खुद को शांत करके कहा)
    कस्टमर – जी पिछले 4 घंटे से बताईये मैं क्या करू ?
  • तो मैडम घर का काम कर लीजिये घरवाले खुश हो जायेंगे
    कस्टमर – हैं
  • हैं , किसी वजह से आपके नेटवर्क में प्रॉब्लम आ रही है कुछ देर बाद चलने लगेगा !
    कस्टमर – हुंह बड़ी आयी मुझे काम सिखाने वाली
    कॉल कट हो गया नैना ने हेड फोन निकाल कर रख दिया , ऐसे ही 10-12 कॉल उसने उटपटांग सवालो के साथ अटेंड किये दिनभर नैना को लंच करने का मौका नहीं मिला बस हर एक कॉल के बाद चाय पर चाय पीती रही ! शाम 4 बजे उसके पास एक और कॉल आया नैना अब तक फ्रस्ट्रेड हो चुकी थी , आज का उसका दिन ही ख़राब है सोचकर उसने कॉल अटेंड किया
    लास्ट कॉल (लास्ट क्यों है ये आगे पता चलेगा !)
  • हेलो सर मैं नैना बजाज #### सर्विस से आपकी क्या सहायता कर सकती हु ?
    कस्टमर – हेललललललो मेडम ( ठरक उसकी आवाज से साफ साफ झलक रही थी )
  • हेलो बताईये मैं आपकी क्या सहायता कर सकती हु ?
    कस्टमर – कैसी है आप ?
  • मैं ठीक हु सर , कृपया बताईये सर्विस से जुडी मैं आपकी क्या सहायता कर सकती हु ? (नैना ने अपने गुस्से को काबू में करके नरमी से कहा )
    कस्टमर – ओह्ह अच्छा आप ठीक है , लेकिन मैं बिल्कुल ठीक नहीं हु
  • सॉरी सर यहाँ सर्विस संबंधित परेशानियो का इलाज होता है , गधो का नहीं , नाऊ यू प्लीज टेल ? (नैना ने खुद को बमुश्किल रोकते हुए कहा)
    कस्टमर – मुझे अपने फोन की कॉलर ट्यून में “मैं किसी और का हु फ़िलहाल” ट्यून लगवाना है , लगा दो !
  • तो जिसके हो उसके रहो ना , दुसरो को ऊँगली क्यों कर रहे हो ?
    कस्टमर – क्या करू मैडम मेरा दिल है ना हर किसी पर आ जाता है , वैसे आप क्या कर रही है ?
  • अबे साले अपना काम कर ना (नैना के सब्र का बांध अब टूट चूका था !)
    कस्टमर – देखो मैडम अब आप बदतमीजी कर रही हो
    नैना गुस्से से कुर्सी से उठ खड़ी हुयी और कहा – बदतमीजी तो तेरे बाप ने की है जो तुझे #### सर्विस की सिम खरीद के दी , ताकि तू वक्त बेवक्त यहाँ फोन करके ये चूतियापे करे ! दोबारा फोन किया ना तो तेरे घर पे आके ऐसा कॉलर ट्यून सेट करुँगी जिंदगी भर बजेगा !! चल फोन रख
    कस्टमर – अरे में सो मेडम (नैना की बात सुनकर हकलाने लगा बेचारा)
    नैना ने फोन काट दिया और हेडफोन उठा के जोर से टेबल पर पटक दिया ऑफिस में सबकी नजर उस पर ही थी , बॉस की भी उन्होंने नैना से सख्त स्वर में कहा,”नैना बजाज मेरे केबिन में आओ !”
    नैना ने देखा सब उसे ही देख रहे है तो उसने कहा,”क्या ? मिस वर्ल्ड हु क्या मैं ? देख क्या रहे हो काम करो ना अपना ?”
    नैना बॉस के केबिन में आयी तो वह चिल्ला पड़ा,”मेरे ऑफिस में ये हो क्या रहा है ? ऐसे बात करते है कस्टमर से ? नैना तुम नहीं जानती कस्टमर भगवान है हमारे लिए , दे आर गॉड ,,”
    भगवान है बैठाकर पूजा करो ना उनकी , फोन पर फ्लर्ट करेगा तो सुनेगा ना मुझसे !”,नैना ने कहा
    “इसमें बुरा क्या है ? तुम जवान हो खूबसूरत हो लड़के तो फ्लर्ट करेंगे ही करने दो , तुम्हारा काम है अपनी सर्विस को बेस्ट बनाना उस पर ध्यान दो !”,बॉस ने कहा
    “तो क्या आपकी सर्विस के लिए उनसे गुलु गुलु करू , ये सब चूतियापे मुझसे नहीं होंगे”,नैना ने कहा
    “ये कैसी लेंग्वेज है नैना , लिस्टन मेरे ऑफिस में ये सब नहीं चलेगा , ऐसे तो तुम अपनी नौकरी खो दोगी”,बॉस ने कहा
    “अरे भाड़ में गयी आपकी नौकरी , एक महीने से और कर क्या रही हु मैं यहाँ ? हेलो सर , हां जी सर ,, छतरी जैसे मुंह वाले लोगो को भी सर सर कहके बुलाना पड़ता है , और कस्टमर्स , सबसे ज्यादा इस कम्पनी की इन कॉलर्स ने मार रखी है ,, हर दो मिनिट में फोन करके कहेंगे नेट नहीं चल रहा , नेट नहीं चल रहा ,, जाहिल साले नेट नहीं चल रहा तो अपना फोन चेक करो , बेलेंस चेक करो , नेटवर्क चेक करो लेकिन नहीं इन्हे तो सर्विस वालो को ऊँगली करनी है !! नाउ यू लिस्टन तो मी नहीं चाहिए आपकी नौकरी खुद बैठकर लोगो के कॉलर ट्यून लगाओ अब , बाय !”,नैना के गुस्से का गुब्बार फूटा और वह दनदनाते हुए वहा से बाहर निकल गयी , बॉस हैरान सा खड़ा रहा तभी ऑफिस के आदमी ने आकर कहा,”सर नेट नहीं चल रहा है , मेल कैसे करू ?”
    बॉस को ये सुनकर गुस्सा आ गया और उन्होंने कहा,”तो घर जाकर दे आओ , नेट नहीं चल रहा तो मैं क्या करू ? उफ्फ्फ , प्लीज गेट आउट”
    बेचारा आदमी बॉस का गुस्सा देखकर ही वहा से भाग गया !
    नैना अपने रूम पर पहुंची , मूड ऑफ हो चुका था अपने लिए चाय बनायीं और लेकर बेड पर आ बैठी उसने चाय पीते हुए अपनी मॉम को फोन लगाया
  • हेलो
    माँ – हेलो बेटा कैसी हो ?
  • आई ऍम फाइन मॉम , आप कैसी है ?
    माँ – मैं ठीक हु , थोड़ी अपसेट लग रही हो कुछ हुआ क्या ? (नैना की आवाज से उसकी स्तिथि का अंदाजा लगा चुकी थी वे)
  • नो मॉम मैं ठीक हु
    माँ – फिर से जॉब छोड़ दी ?
  • हम्म्म
    माँ – तो फिर घर आ जाओ , सब कुछ है यहाँ मैं हु पापा है तुम्हारे सारे फ्रेंड्स है
  • हम्म्म्म , नो
    माँ – क्यों ? वहा रहकर क्या करोगी जॉब तो छोड़ चुकी हो और तुम्हारा गुस्सा इतना है की दूसरी जॉब तुम्हे आसानी से मिलेगी नहीं !
    नैना अपनी माँ की बात चुपचाप सुन रही थी की उसकी नजर बेड पर पड़े पेपर पर पड़ी , नैना ने उसे उठाया उसकी नजर दिल्ली वाली जॉब के ऐड पर पड़ी और नैना ने कहा,”मैं वापस नहीं आ रही मॉम बाय , बाद में बात करते है !”
    नैना ने फोन काट दिया और उस जॉब के बारे में पढ़ने लगी !!

रुचिका दिनभर अपने कमरे में ही रही , शाम को मम्मी के कहने पर वह रूम से बाहर आयी और हॉल में आकर बैठ गयी वहा उसने टेबल पर रखे पेपर को उठाया और उलटने पलटने लगी , दिल्ली की एक मल्टीनेशनल कम्पनी की वेकेंसी का ऐड देखकर रुचिका उसे पढ़ने लगी ! वैसे भी जयपुर में रहकर जॉब करने से वह ऊब चुकी थी !!
रुचिका , शीतल और नैना तीनो के हाथो में वो अख़बार था और नजर थी उस वेकेंसी पर ! तीनो इस वक्त एक ही रास्ते पर थी और उनकी मंजिल थी दिल्ली क्या होगा जब तीनो का आमना सामना होगा ? इनकी किस्मत इन्हे कहा ले जाती है ये तो आना वाला वक्त ही तय करेगा !!

क्रमश :- love-you-zindagi-2

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