Love You जिंदगी – 60

Love You Zindagi – 60

Love You Zindagi - Season 2
Love You Zindagi – Season 2

नैना के हाथ में उसकी रिपोर्ट्स थी जो कि साफ साफ बता रही थी कि नैना को ब्लड कैंसर है। उसे यकीन नहीं हो रहा था वह बीमार है। नैना बिस्तर पर आ बैठी रिपोर्ट अभी भी उसके हाथ में थी और उसका हाथ काँप रहा था। नैना की आँखों के सामने बीते पल आने लगे। उसके बालों का टूटना , नाक से खून का आना , उसकी कमजोरी , अवि का उसकी परवाह करना और नैना का बेपरवाह होकर ये कहना कि उसे कुछ नहीं हुआ है। नैना की आँखों के सामने उसके मॉम-डेड के साथ बिताये पल आने लगे , गोआ में शीतल रुचिका के साथ की मस्ती , मोंटी को समझाना , सार्थक से बाते करना और अवि के साथ गुजारे प्यार भरे पल याद आने लगे। नैना का मन भारी होने लगा , उसका गला रुंधने लगा लेकिन आँखों में आँसू नहीं आये।
आज सुबह ही चंडीगढ़ आने के बाद नैना ने फैसला किया था कि वह अब अपना पूरा वक्त सिर्फ अवि को देखी , उसका ख्याल रखेगी , उस से प्यार करेगी , अपनी शादीशुदा लाइफ को थोड़ा बेटर बनाएगी लेकिन एकदम से सब बदल गया। नैना की नजरे रिपोर्ट्स पर जाकर ठहर गयी और वह मन ही मन खुद से कहने लगी,”पडोसी ने मुझसे झूठ क्यों कहा ? क्या वो मुझे सच नहीं बताना चाहता था ? क्या वो मेरी बीमारी के बारे में जानकर डर गया था। मैंने सोचा क्यों नहीं कि मेरे साथ ऐसा भी हो सकता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इसलिए पडोसी इतना चुप था , परेशान था , मैंने उस से रिपोर्ट्स दिखाने को क्यों नहीं कहा ? लेकिन मुझे ही क्यों ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये बीमारी मुझे ही क्यों हुई ? अभी तो मुझे और जीना था,,,,,,,,,,,,,,,,पडोसी के साथ”
सोचते हुए एकदम से नैना की आँखे भर आयी और आँख से निकलकर एक आँसू रिपोर्ट पर जा गिरा जो की नैना की तकलीफ बयां कर रहा था। नैना ख़ामोशी से बैठी अपने और अवि के बारे में सोचते रही। अवि से साथ पहली मुलाकात से लेकर अब तक का जो सफर था वो किसी फिल्म की तरह नैना की आँखों के सामने आ रहा था। नैना को ध्यान ही नहीं रहा कब अवि रूम में आया।
“ये रूम में इतना अन्धेरा क्यों है नैना ? तुमने लाइट्स ऑन क्यों नहीं की ?”,अवि ने स्विच ऑन करते हुए कहा
अवि अपनी शर्ट की बाजु चढ़ाते हुए नैना की तरफ आया और कहने लगा,”पता है आज क्या हुआ ? मृणाल ने तो कमाल ही कर दिया मेरी गैरहाजिरी में उसने एग्जीबिशन को इतने अच्छे से सम्हाला की नया प्रोजेक्ट हमे मिल गया। वैसे एक थैंक्यू तुम्हे भी क्योकि तुम्हारा गुड लक भी मेरे काम आ गया। इस एग्जीबिशन को लेकर मैं बहुत टेन्सड था यार नैना,,,,,,,,,,,,,,,अब थोड़ा ठीक लग रहा है। क्या हुआ तुम चुप क्यों हो ? तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे मुझे तुम्हे कुछ और भी बताना था नैना,,,,,,,,,,,,!!”
कहते कहते अवि एकदम से उदास हो गया नैना ने नम आँखों के साथ अवि को देखा और कहा,”तुमने मुझे बताया क्यों नहीं कि मुझे कैंसर है”
अवि ने नैना के मुंह से जैसे ही सूना उसका दिल जोरो से धड़कने लगा। अवि ने नैना की तरफ देखा उसके हाथ में रिपोर्ट्स देखकर अवि समझ गया कि नैना को अपनी बीमारी के बारे में पता चल गया है। अवि नैना के सामने आ बैठा और बुझे स्वर में कहा,”मैं तुम्हे बताने वाला था नैना पर हिम्मत नहीं हो रही थी , पर तुम टेंशन मत लो तुम्हे कुछ नहीं हुआ है। विहान ने कहा है तुम ठीक हो जाओगी,,,,,,,,,,,,!!”
“मैने कभी स्मोकिंग नहीं की , ड्रिंक नहीं किया , कभी कोई बेड हेबिट नहीं रखी,,,,,,,,,,फिर मुझे ही क्यों ? मैंने प्यार किया , शादी की , मैं चाहती थी मैं तुम्हे हर ख़ुशी दू , हमारे छोटे छोटे बच्चे हो , मैं उनके साथ खेलू , वो स्कूल जाये , दिनभर मुझे परेशान करे और मैं उन्हें बहुत प्यार करू,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं मरना नहीं चाहती पडोसी , मुझे थोड़ा और जीना है,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे लिए”,कहते हुए नैना की आँखों में भरे आँसू बहने लगे
नैना की आँखों में आँसू देखकर अवि बैचैन हो गया। वह उठा और नैना को गले लगा कर कहा,”तुम्हे कुछ नहीं हुआ है नैना , तुम ठीक हो जाओगी , मुझ पर भरोसा करो मैं सब सही कर दूंगा,,,,,,,,,,,,,,,,प्लीज मत रो , तुम्हे तकलीफ होगी और मैं तुम्हे तकलीफ में नहीं देख सकता”
अवि ने नैना को समझाते हुए कहा लेकिन नैना इस वक्त जिस तकलीफ से गुजर रही थी उस बारे में सिर्फ वही जानती थी। वह अवि के सीने में मुंह छुपाये रोते रही। अवि ने इस से पहले नैना को इस तरह रोते नहीं देखा था , नैना को देखकर उसकी भी आँखे नम होने लगी। अवि ने नैना के चेहरे को अपने हाथो में लिया तो नैना के नाक से आये खून को देखकर उसका दिल तकलीफ से भर गया और उसने तड़पते हुए कहा,”शशशशशश नैना नैना , शांत हो जाओ , मैंने कहा ना मैं सब ठीक कर दूंगा,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे कुछ नहीं होगा , तुम बहुत स्ट्रांग लड़की हो नैना तुम ऐसे अपनी लाइफ से हार नहीं मान सकती,,,,,,,,,,,,मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा”
अवि ने नैना के आँसू पोछे और उसके नाक से आये खून को भी साफ किया। रोने से नैना का चेहरा लाल होने लगा था और उसकी सिसकिया बंध गयी। अवि उसे लेकर बिस्तर के पास आया और बैठा दिया। अवि ने पास पड़े बोतल से ग्लास में पानी डाला और नैना को पिलाते हुए कहा,”नैना हिम्मत रखो , हम कल सुबह हॉस्पिटल चलेंगे , तुम्हारा ट्रीटमेंट शुरू करवाएंगे। विहान ने कहा है तुम्हारे ठीक होने के 90% चांस है”
“और मैं उन 10% में हुई तो,,,,,,,,,,,,,,!”,नैना ने तकलीफ भरे स्वर में कहा
“श्श्श्श ऐसा मत कहो , तुम्हे कुछ नहीं होगा”,अवि ने नैना के मुंह पर हाथ रखकर कहा
नैना ने अवि का हाथ हटाया और कहा,”पडोसी मेरी लाइफ इतनी आसान नहीं है , मैंने जब जब अपनी जिंदगी से कुछ बेहतर की उम्मीद की इसने हर बार मुझे अंगूठा दिखाया और इस बार तो इसने मुझे ऐसी चोट दी है जिसकी कोई दवा नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,ये जिंदगी ना बड़ी कुत्ती चीज है पडोसी जब अक्सर इसे अच्छा बनाने के पीछे भागते रहते है और हम इसे जीने का सोचते है ना तब ये हम से जीने की वजह छीन लेती है,,,,,,,,,!!”
“वो सब मैं नहीं जानता नैना मैं बस इतना जानता हूँ कि कल सुबह हम विहान के पास जा रहे है,,,,,,,,,,,,,!”,अवि ने नैना के हाथो को थामकर कहा
“मेरी एक बात मानोगे प्लीज,,,,,,,,,!”,नैना ने सुबकते हुए कहा
“हाँ,,,,,,,,,,,!”,अवि ने नैना की तरफ देखकर कहा
“मेरे डेड को मेरी बीमारी के बारे में मत बताना प्लीज,,,,,,,,,,,,,,,,वो एक्सेप्ट नहीं कर पाएंगे”,कहते हुए नैना की आँखों से फिर आँसू बहने लगे।
अवि को इस वक्त बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। उसने नैना का सुलाते हुए कहा,”तुम्हे आराम की जरूरत है मैं तुम्हारे लिए पीने को कुछ लेकर आता हूँ,,,,,,,,,,,,,,हम्म्म तुम यही रुको”
अवि नैना को रूम में छोड़कर नीचे चला आया। उसने नैना के लिए चाय बनाई और कुछ खाने को भी लेकर वह अपने कमरे में चला आया। अवि ने ट्रे बेड के पास पड़े टेबल पर रखा और नैना की तरफ पलटा तो पाया नैना सो चुकी है। अवि ने उसे उठाना सही नहीं समझा वह उसके बगल में बैठा और उसका सर सहलाते हुए मन ही मन कहने लगा,”आज पहली बार तुम्हे ऐसे रोते देखा नैना,,,,,,,,,,,,मैं सब देख सकता हूँ लेकिन तुम्हारी आँखों में आँसू नहीं। मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा,,,,,,,,,जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ तब तक तुम्हे कुछ नहीं हो सकता , बस तुम हिम्मत रखना। तुम कहती हो ना जिंदगी हर मोड़ पर इम्तिहान लेती है,,,,,,,,,,,,बस समझ लो इस बार भी जिंदगी ने तुम्हारे सब्र का इम्तिहान लिया है पर जिंदगी को ये नहीं पता जिस नैना के आस पास इतने प्यार करने वाले लोग है उस नैना को कुछ नहीं हो सकता,,,,,,,,,,,तुम्हारे लिए चाय लेकर आया था पर तुम्हे सोया देखकर उठाने का मन नहीं किया।”
कहते हुए अवि की नजर नैना के चेहरे पर चली गयी जो की उदासी और रोने से मुरझा सा गया था। अवि झुका और धीरे से नैना के सर को अपने होंठो से छूकर कहा,”आई ऍम आलवेज विथ यू”
अवि उठा। चाय का कप लिया और सोफे पर आ कर बैठ गया। उसने जेब से फोन निकाला और विहान को फोन मिलाया। एक दो रिंग जाने के बाद ही विहान ने फोन उठाया और चहकते हुए कहा,”कोन्ग्रेचुलेशन यार ! आज की एग्जीबिशन में तो तुमने कमाल कर दिया , हर तरफ तुम्हारी ही बात हो रही है मृणाल ने बताया मुझे”
“मैंने नैना को उसकी रिपोर्ट्स के बारे में बता दिया है”,अवि ने बुझे स्वर में कहा
“क्या रहा उसका रिएक्शन ? और रिएक्शन छोडो उसे कल हॉस्पिटल लेकर आओ ताकि मैं उसके कुछ टेस्ट कर सकू और जल्द से जल्द उसका ट्रीटमेंट शुरू हो”,विहान ने कहा
“वो बहुत रो रही थी यार , वो एक्सेप्ट ही नहीं कर पा रही कि उसे,,,,,,,,,,,,,,मैं नैना को इस हाल में नहीं देख सकता यार , वो हँसते मुस्कुराते अच्छी लगती है।”,अवि ने भावुक होते हुए कहा
“अवि चिंता मत कर वो बिल्कुल ठीक हो जाएगी बस फ़िलहाल उसे सही ट्रीटमेंट और केयर की जरूरत है। एक काम कर कल उसे हॉस्पिटल ले आ उसके बाद मैं डॉक्टर्स से बात करके नैना का ट्रीटमेंट शुरू करवाता हूँ”,विहान ने अवि को हिम्मत देते हुए कहा
“हम्म्म्म मैं आ जाऊंगा”,अवि ने कहा और फोन काट दिया

रात के खाने पर नैना नहीं आयी तो सौंदर्या जी ने पूछा,”नैना आज खाना नहीं खायेगी क्या ? क्या वो सुबह वाली बातो से गुस्से में है ? मैंने और इन्होने बस इसलिए कहा ताकि नैना अपनी जिम्मेदारियों को समझे,,,,,,,,,,,,,शादी को अभी एक साल भी नहीं हुआ और उसने अपने नखरे,,,,,,,,,,,,,,!!”
“इनफ इज इनफ मॉम,,,,,,,,,,,,,,नैना किन हालातों से गुजर रही है ये पता भी है आपको,,,,,,,,,,,,,उसने एक गलती की नहीं कि आपने उसे जज करना शुरू कर दिया। आई नो वो थोड़ी अलग है , उसका रहन सहन हमारे जैसा नहीं है फिर भी वो इस घर में एडजस्ट कर रही है न मॉम,,,,,,,,,,,,,क्या आप लोग जानते भी है पिछले एक महीने से नैना बीमार है,,,,,,,,,,,,,,उसे ब्लड कैंसर है:”,अवि ने तकलीफ भरे स्वर में कहा
“व्हाट ? ये तुम क्या कह रहे हो ? लेकिन उसने किसी को बताया क्यों नहीं ?”,सौंदर्या जी के हाथ से चम्मच छूटकर प्लेट में जा गिरा और उन्होंने हैरानी से अवि की तरफ देखते हुए कहा
“यस मॉम ये सच है नैना को कैंसर है , वो किसी को क्या बताती उसे खुद आज पता चला और तब से वो बहुत टेंशन में है,,,,,,,,,,,,,,,और अगर अभी उसका ट्रीटमेंट शुरू नहीं किया तो उसे,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं नैना को ऐसे नहीं जाने दूंगा मॉम”,अवि ने भावुक होते हुए कहा
“चिंता मत करो चंडीगढ़ के बेस्ट से बेस्ट हॉस्पिटल में उसका ट्रीटमेंट होगा , नैना को कुछ नहीं होगा”,चौधरी साहब ने कहा
अवि ने चौधरी साहब और सौंदर्य जी को सब बात बताई तो उन्हें भी नैना की चिंता होने लगी
“मैं नैना को देखकर आती हूँ”,सौंदर्या जी ने कहा
“मॉम वो अभी अभी सोई है , आप उस से सुबह मिले तो बेहतर होगा”,अवि ने कहा तो सौंदर्या जी वापस कुर्सी पर आ बैठी
“अवि सही कह रहा है सौंदर्या,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन बेटा तुम्हे इस वक्त नैना के पास होना चाहिए ऐसे वक्त में उसे तुम्हारी जरूरत सबसे ज्यादा है। तुम नैना के पास रुको मैं डॉक्टर से बात करता हूँ”,चौधरी साहब ने कहा
“मेरी विहान से बात हो गयी है पापा , उसके हॉस्पिटल में बेस्ट कैंसर डॉक्टर्स है। मैं कल सुबह नैना को वहा लेकर जाऊंगा”,अवि ने कहा
“हम्म्म ठीक है”,चौधरी साहब ने कहा
“मुझे सुबह नैना पर ऐसे गुस्सा नहीं करना चाहिए था। ये लड़की दिनभर हँसते मुस्कुराते रहती है अपनी तकलीफ किसी से शेयर नहीं करती,,,,,,,,,,, सोचा नहीं था कभी ऐसा कुछ भी,,,,,,,,,,,,!”,कहते कहते सौंदर्या जी थोड़ा भावुक हो गयी
“इट्स ओके मॉम नैना को आपकी बात का बिल्कुल बुरा नहीं लगा , मैं जाता हूँ”,अवि ने कहा और जाने लगा
“नैना उठे तो उसे थोड़ा खाना खिला देना”,सौंदर्या जी ने कहा तो अवि हामी भरकर वहा से चला गया।
रातभर वह नैना के बगल में लेटा उसे अपने सीने से लगाए उसका सर सहलाते रहा और नैना भी किसी छोटे बच्चे की तरह अवि के सीने से लगी सोई रही।

अगली सुबह नैना उठी तो अवि ने उसे तैयार होने को कहा और खुद नहाने बाथरूम में चला गया। अवि नहाकर आया तो देखा नैना उन्ही कपड़ो में बिस्तर पर बैठी किसी सोच में गुम है। अवि उसके पास आया कुर्सी खिसकाकर उसके सामने बैठा और उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहने लगा,”इतना मत सोचो नैना , तुम बस ये सोचो कि तुम बिल्कुल ठीक हो , पहले की तरह फिट हो”
“पर ये सच नहीं है पडोसी,,,,,,,,,,,,,,मैं सच्चाई को झुठला नहीं सकती,,,,,,,,,मुझे तो ये तक नहीं पता मेरे पास कितना वक्त और,,,,,,,,,,,,,!”,नैना ने कहा तो अवि ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा,”शशशशश कुछ नहीं होगा तुम्हे,,,,,,,,,चलो उठो और अपने कपडे बदल लो , हमे विहान से मिलने जाना है”
अवि के समझाने पर नैना उठी और कपडे लेकर बाथरूम की तरफ चली गयी। नैना ने कपडे रेंक पर टांगे और ब्रश करते हुए शीशे के सामने चली आयी। जैसे ही नैना ने शीशे में खुद को देखा उसकी नजर अपने मुरझाये हुए चेहरे पर पड़ी। कैसी भी परिस्तिथि हो नैना हमेशा हँसते मुस्कुराते रहती थी लेकिन आज उसके चेहरे पर कोई चमक नहीं थी ना ही आँखों में ख़ुशी,,,,,,,,,,,,,,,नैना ब्रश करने लगी उसकी आँखों के सामने आराधना और विपिन जी का मुस्कुराता चेहरा आने लगा , फिर रुचिका शीतल के साथ बिताया वक्त , अवि के साथ हुई शादी और खुद से जुड़े सभी लोगो की शक्लें नजर आने लगी। वो सोचते हुए नैना को अपने सर में हल्का सा दर्द महसूस हुआ और नैना ने अपना सर झटक दिया। सब चेहरे और यादें एकदम से गायब हो गयी। नैना ने अपना हाथ शीशे पर घुमाया , एक बार फिर नैना को अपना उदास चेहरा नजर आया और वह पहले से ज्यादा उदास हो गयी।
नैना नहाकर बाहर आयी। अवि नैना की रिपोर्ट्स और नैना को साथ लेकर नीचे चला आया। सौंदर्या और चौधरी साहब भी नीचे ही थे। सौंदर्या ने नैना का उदास चेहरा देखा तो उन्हें बहुत दुःख हुआ वे नैना के पास आयी और उसे गले लगाकर उसकी पीठ सहलाते हुए कहा,”तुम्हे कुछ नहीं हुआ है बेटा , तुम ठीक हो जाओगी बस हिम्मत रखना,,,,,,,,,,,,बाकि हम सब तुम्हारे साथ है”
नैना कुछ देर उनके गले लगी रही और फिर जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा,”मैं ठीक हो जाउंगी मॉम , ये बीमारी मेरी हिम्मत से ज्यादा डेंजर नहीं है”
“ये की तुमने चौधरी खानदान की बहू वाली बात,,,,,,,,,,,,,,,तुम अवि के साथ जाकर डॉक्टर से मिलो और ट्रीटमेंट शुरू करवाओ,,,,,,,,,,,,,,,मुझे अपनी बहू पर पूरा भरोसा है”,चौधरी साहब ने नैना के कंधो पर अपनी बाँह रखते हुए कहा तो नैना फीका सा मुस्कुरा दी। कुछ देर बाद अवि नैना को लेकर वहा से चला गया।

निबी तैयार होकर नीचे आयी और जल्दी जल्दी में दरवाजे की तरफ जाने लगी। सौंदर्या ने देखा तो आवाज देकर उसे रोक लिया और कहा,”निबी इतनी जल्दी में तुम कहा जा रही हो ?”
“मॉम एक्चुली मेरी एक दोस्त का एक्सीडेंट हो गया है उसी से मिलने,,,,,,,,,,थोड़ा अर्जेन्ट है मैं आकर बताती हूँ सब”,कहते हुए निबी वहा से चली गयी
“अरे निबी,,,,,,,,,,,,,,सुनो,,,,,,,,,,,,,मैं उसी तरफ जा रही हूँ,,,,,,,,,,,,निबी,,,,,,,,,,,,,,,,लगता है चली गयी ये बच्चे भी ना आजकल मेरी बिल्कुल नहीं सुनते”,कहते हुए सौंदर्या जी अपने कमरे में चली गयी।

दिल्ली , कत्थक क्लासेज
मिसेज शर्मा ने शीतल का एडमिशन कत्थक क्लासेज में करवा दिया। शीतल का सपना पूरा होने जा रहा है ये सोचकर ही शीतल ख़ुशी से फूली नहीं समा रही थी वही शीतल के सपने की ओर पहला कदम बढाकर मिसेज शर्मा खुश थी कि अब शीतल को अपने सपने पुरे करने का मौका मिलेगा। एडमिशन के बाद दोनों ख़ुशी ख़ुशी अपार्टमेंट में चली आ रही थी। लॉन एरिया से होकर दोनों बातें करते हुए सीढ़ियों की तरफ जा रही थी कि सामने से आती मिसेज आहूजा को देखकर दोनों के कदम ठिठक गए। मिसेज आहूजा उनके सामने आकर खड़े हो गयी और मिसेज शर्मा को देखकर कहा,”मिसेज शर्मा आप अपनी बहू के साथ खुश रहने का दिखावा कर रही है या सच में खुश है ?”
“मिसेज आहूजा ! पहली बात तो ये कि शीतल सिर्फ मेरी बहू नहीं बल्कि मेरी बेटी है और दूसरी बात ये कि मुझे लगा था उस दिन पड़े थप्पड़ के बाद आप मेरे सामने तक नहीं आएगी लेकिन आप तो बेशर्मो की तरह मेरे सामने भी खड़ी है और आपकी अकड़ भी वही है। बेहतर होगा आप मुझसे और मेरी बहू से ,,,,,,,,,,,,,,,नहीं मेरी बेटी से दूर रहे”,मिसेज शर्मा ने कठोरता से कहा तो मिसेज आहूजा के कलेजे पर सांप लौट गए।
“जिस बहू पर आप इतना घमंड दिखा रही है वो इस कैसी है पूरा अपार्टमेंट जानता है और याद रखना मिसेज शर्मा बहुये कभी बेटी नहीं बन सकती,,,,,,,,,,,,,!!”,मिसेज आहूजा ने मुंह बनाते हुए कहा और वहा से चली गयी
मिसेज शर्मा ने सूना तो उन्हें बहुत गुस्सा आया और उन्होंने मिसेज आहूजा के पीछे जाते हुए कहा,”इसे तो मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
मिसेज शर्मा मिसेज आहूजा के पीछे जा पाती इस से पहले ही शीतल ने उन्हें रोका और कहा,”जाने दीजिये ना माँ , उन्हें आदत है। आईये चलते है”
“हम्म्म ठीक है”,मिसेज शर्मा ने कहा और शीतल के साथ आगे बढ़ गयी।
मिसेज आहूजा अपार्टमेंट से बाहर दुकान पर आयी और सामान देखने लगी। सामान देखते हुए मिसेज आहूजा को शीतल और मिसेज शर्मा की याद आ गयी उन्होंने सामान देखते हुए बड़बड़ाना शुरू कर दिया। मिसेज आहूजा बड़बड़ा ही रही थी कि काले कोट वाले एक लड़के ने उनके बगल में आकर कहा,”किसी को हराना है तो उसकी कमजोरी पर वार करो”
“तुम कौन हो जो मुझे बिना माँगे सलाह दे रहे हो ?”,मिसेज आहूजा ने गुस्सा होकर कहा
“आपका दोस्त”,लड़के ने बड़ी सी स्माइल के साथ कहा
मिसेज आहूजा ने लड़के को ध्यान से देखा उन्हें लगा जैसे उन्होंने उस लड़के को पहले भी देखा है लेकिन उन्हें कुछ याद नहीं आया और उन्होंने उखड़े स्वर में कहा,”तुम मेरे दोस्त कैसे हुए ?”
“दुश्मन का दुश्मन दोस्त ही होता है मिसेज आहूजा,,,,,,,,,,,ये मेरा नंबर है जब भी मेरी जरूरत पड़े फोन करना”,कहकर लड़के ने पर्ची मिसेज आहूजा को दी और वहा से चला गया। मिसेज आहूजा उसे जाते हुए देखते रही और फिर कुछ सोचकर एकदम से उनके होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी
जयपुर , रुचिका का घर
दोपहर तक मोंटी और रुचिका जयपुर पहुंचे। चूँकि मोंटी रुचिका से नाराज था इसलिए जरुरी बातों के अलावा उसने रुचिका से कोई बात नहीं की। वह रुचिका को लेकर घर पहुंचा और बेल बजा दी। दरवाजा रुचिका की छोटी बहन कुकू ने खोला उसने जैसे ही सामने खड़े मोंटी और रुचिका को देखा ख़ुशी से उछल पड़ी और उन दोनों का हाथ पकड़कर अंदर लाते हुए जोर से कहा,”मम्मी पापा जल्दी बाहर आईये देखिये कौन आया है ?”
रुचिका के मम्मी पापा बाहर आये उन्होंने रूचि और मोंटी को देखा तो दोनों के चेहरे ख़ुशी से खिल उठे। रुचिका मोंटी ने दोनों के पैर छूए। कुकू तो आते ही रुचिका से चिपक गयी और उसे बीकानेर के बारे में पूछने लगी। वही रुचिका की मम्मी मोंटी का हाल चाल लेने लगी।
“अरे दामाद जी आप खड़े क्यों है ? आईये बैठिये ना,,,,,,,,,,,,,,,,रूचि की मम्मी क्या कर रही हो बच्चो को साँस तो लेने दो आते ही सवाल जवाब शुरू कर दिए तुमने , अंदर जाकर दामाद जी और रूचि के लिए चाय नाश्ते का इंतजाम करो”,रुचिका के पापा ने कहा
मोंटी हॉल में पड़े सोफे पर आकर बैठ गया और रुचिका अपनी मम्मी के साथ किचन में चली गयी। कुकू मोंटी के लिए पानी ले आयी और फिर वापस किचन में चली गयी। मोंटी हॉल में बैठकर रुचिका के पापा से बाते करने लगा उसने बहुत सहजता से उनसे बात की लेकिन अपने हालातों के बारे में बिल्कुल नहीं बताया। कुछ देर बाद चाय आयी मोंटी ने चाय पी और फिर इधर उधर की बातो के बाद मोंटी के पापा ने कहा,”दामाद जी आप जाकर फ्रेश हो जाईये तब तक खाना लगवा देते है। कुकू बेटा दामाद जी को कमरे तक छोड़कर आओ”
“आईये जीजू”,कुकू ने कहा तो मोंटी उसके साथ चला गया। मोंटी के जाने के बाद रुचिका अपने पापा के पास आकर बैठ गयी और दोनों बाप बेटी आपस में बात करने लगे। कुछ देर बाद रुचिका की मम्मी ने रुचिका को आवाज दी तो वह चली गयी तब तक मोंटी भी हाथ मुंह धोकर आ चुका था। खाना लगने में अभी थोड़ा टाइम था इसलिए मोंटी रुचिका के पापा के पास आकर ही बैठ गया। रुचिका जब से अपने पापा से बात करके गयी थी तब से ही वो थोड़ा परेशान दिखाई दे रहे थे। मोंटी ने देखा तो कहा,”क्या हुआ पापा आप थोड़े परेशान लग रहे है ?”
रुचिका के पापा ने एक ठंडी साँस ली और कहने लगे,”बुरा मत मानना बेटा लेकिन पिछले कुछ दिनों से आप परेशानी में है और आपने बताना भी जरुरी नहीं समझा। हम लोग सिर्फ रूचि के माँ बाप नहीं है आपके भी है आप अपनी परेशानी हम से शेयर कर सकते है। आपकी जॉब चली गयी है और बीकानेर में कुछ काम भी सेट नहीं हो रहा है ऐसे में आप वापस चित्रकूट क्यों नहीं चले जाते ? आपके पापा का फॅमिली बिजनेस है वो सम्हाल सकते है”
मोंटी ने ये सब सूना तो उसे हैरानी हुई कि उन्हें इस बारे में किसने बताया ? मोंटी ने गर्दन घुमाकर साइड में देखा तो रुचिका किचन के दरवाजे पर खड़ी उसे ही देख रही थी। मोंटी से नजरे मिलते ही रुचिका ने अपनी गर्दन झुका ली मोंटी समझ गया रुचिका ने ही अपने पापा को ये सब बताया है। उसे बहुत बुरा लगा और दुःख भी हुआ। वह ख़ामोशी से अपने ससुर की सारी बाते सुनता रहा। कुछ देर बाद रुचिका के पापा ने उठते हुए कहा,”आईये खाना लग गया है चलकर खाना खा लीजिये और मैंने जो कहा उस बारे में सोचियेगा जरुर ऐसे हालातों में चित्रकूट जाना ही सही रहेगा”
रुचिका के पापा डायनिंग की तरफ चले गए लेकिन मोंटी सोच में डूबा वही बैठा रहा। रुचिका के पापा ने कुर्सी खिसकाई और बैठ गये। रुचिका और कुकू भी आकर बैठ गयी। रुचिका के पापा ने देखा मोंटी अभी तक नहीं आया है तो कुकू से कहा,”कुकू जाओ अपने जीजाजी को बुलाकर लाओ”
“हाँ पापा”,कुकू ने उठते हुए कहा और वहा से चली गयी। कुछ देर बाद कुकू मुंह लटकाये हुए आयी तो उसके पापा ने पूछा”,क्या हुआ दामाद जी खाना नहीं खाएंगे ?”
“जीजू तो चले गए”,कुकू ने उदासी भरे स्वर में कहा। रुचिका के पापा ने सूना तो निराश होकर अपनी बगल में बैठी रुचिका को देखने लगे।

चंडीगढ़ , अवि का घर
अवि नैना को लेकर हॉस्पिटल पहुंचा जहा विहान ने नैना के कुछ टेस्ट और करवाए और उसका ट्रीटमेंट शुरू करवाया। विहान एक बड़ा डॉक्टर था और उसकी जान पहचान भी काफी अच्छी थी एक अकेली नैना के लिए उसने शहर के सबसे बड़े कैंसर के डॉक्टर को अपने हॉस्पिटल बुला लिया था। नैना को ये बीमारी शुरूआती थी इसलिए डॉक्टर को उम्मीद थी कि नैना ठीक हो सकती है। डॉक्टर ने अच्छे से नैना का चेकअप किया और कुछ दवाईयों के साथ उसे ढेर सारी नसीहते भी दे डाली। साथ ही अवि को नैना का खास ख्याल रखने को कहा।
दोपहर बाद अवि नैना को लेकर घर चला आया। नैना अब थोड़ा नार्मल थी लेकिन मन ही मन उसे ये सब परेशान भी किये हुए था। उसने बीती शाम से एक बार भी अवि को मुस्कुराते हुए नहीं देखा था इसलिए घर आते ही कहा,”पडोसी मुझे सेंडविच खाना है भोला भैया से कहो ना मेरे लिए सेंडविच बनाये”
“नहीं नैना डॉक्टर ने तुम्हे ये सब खाने से मना किया है,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने नैना के साथ हॉल में आते हुए कहा
“तो फिर मैं क्या खाऊ मैंने कल से कुछ नहीं खाया है और अब मेरे पेट में चूहे कूद रहे है , मुझे सेंडविच ही खाना है”,नैना ने सोफे पर आलथी पालथी मारकर बच्चो के जैसे बैठते हुए कहा
“ठीक है मैं तुम्हारे लिए हेल्थी सेंडविच बनाता हूँ , खुद अपने हाथो से”,अवि ने अपनी शर्ट के बाजुओं को मोड़ते हुए कहा
नैना ने सूना तो मुस्कुराने लगी। अवि जैसे ही किचन की तरफ जाने को हुआ डोरबेल बजी। नैना उठने को हुयी तो अवि ने कहा,”तुम रुको मैं देखता हूँ”
अवि ने ख़ुशी ख़ुशी दरवाजा खोला लेकिन सामने खड़ी निबेदिता को देखकर उसके होश उड़ गए। दुल्हन के जोड़े में निबेदिता खड़ी थी , उसके गले में पड़ा मंगलसूत्र और माँग में भरा सिंदूर देखकर अवि को समझते देर नहीं लगी कि निबेदिता ने शादी कर ली है।
“ये सब क्या है निबी ?”,अवि ने हैरानी से पूछा तब तक नैना भी वहा चली आयी। निबेदिता को ऐसे देखकर नैना को भी झटका लगा वह कुछ कहती इस से पहले ही अवि ने गुस्से से कहा,”ये सब क्या है ? तुम ऐसी स्टुपिड हरकत कैसे कर सकती हो निबी ? मैंने कहा था ना मैं मॉम डेड से इस बारे में बात करूंगा फिर तुमने इतनी जल्दी ये सब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं सोच भी नहीं सकता तुम ऐसा बचकाना फैसला करोगी”
अवि का गुस्सा देखकर निबेदिता सहम गयी और कहा,”आई ऍम सॉरी भाई पर हालात ऐसे थे कि मुझे ये सब,,,,,,,,,,,,,,,,,एनी बाहर ही खड़ा है”
अवि निबेदिता से आगे कुछ कहती इस से पहले ही नैना ने अवि और निबेदिता को साइड किया और बाहर चली आयी। बाहर शेरवानी पहने , सेहरा लगाए एक लड़का नैना की तरफ पीठ किये खड़ा था। नैना इस वक्त गुस्से में थी इसलिए कहने लगी,”अबे पगला गए हो दोनों , ऐसे कौन शादी करता है ? अगर निबी से प्यार था तो घर आकर उसके मॉम-डेड से उसका हाथ मांगते ऐसे चोरी छुपे शादी करके यहाँ आये हो। पडोसी का तो पता नहीं लेकिन पापा इतने गुस्से वाले है कि दोनों को,,,,,,,,,,,,,,,ये सब क्यों किया तुम दोनों ने ? निबी बच्ची है एटलीस्ट तुम्हे उसे समझाना चाहिए था,,,,,,,,,,,,असल जिंदगी और फिल्मो वाली जिंदगी में फर्क होता है समझो इस बात को,,,,,,,,,,,,,,,,अब मुंह फेरकर क्या खड़े हो ? नजर मिलाते शर्म आती है , शादी की तब तो नहीं आयी शर्म,,,,,,,,,,,,,अबे पलटो इधर”
“नमस्ते नैना जी,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,लड़के ने पलटकर हाथ जोड़ते हुए बड़ी सी स्माइल के साथ कहा
इस बार होश उड़ने की बारी नैना की थी उसके सामने खड़ा लड़का कोई और नहीं बल्कि “अनुराग मित्तल” था , नैना का पास्ट,,,,,,,,,,,,,,,,नैना फ़टी आँखों से अनुराग को देखने लगी। बीते दिनों की यादें एकदम से उसकी आँखों के सामने घूमने लगी। नैना ने कभी सोचा नहीं था अनुराग उसकी जिंदगी में इस तरह लौटकर वापस आएगा। शब्द नैना के गले में अटक गए उस से कुछ बोला नहीं गया।
अनुराग ने नैना को खामोश देखा तो उसके सामने आया और कहने लगा,”सूना है तुम दोस्ती कमाल की निभाती हो अब देखना ये है की दुश्मनी निभाने के बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है। दोस्त बनाना जितना आसान है , दुश्मन को मिटाना उतना ही मुश्किल क्योकि कब जिंदगी एक नया मोड़ ले और तुम्हारा कोई दुश्मन दोस्त के रूप में तुम्हारे सामने आ जाए,,,,,,,,,,,जस्ट इमेजिन”
नैना ने सूना तो उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। उसे महसूस हुआ अनुराग के रूप में नया तूफान उसकी जिंदगी में आ चुका है जो कि सब कुछ तबाह करने के लिए काफी है। उसने कुछ नहीं कहा बस खामोश रही।
सौंदर्या जी को पता चला तो वे भी दरवाजे पर चली आयी उन्हें देखकर अनुराग निबेदिता के बगल में आकर खड़े हो गया। अवि ने अनुराग को वहा देखा तो उसका खून खौल गया लेकिन सौंदर्या जी के सामने वह किसी तरह का सीन क्रिएट करना नहीं चाहता था। सौंदर्या जी अनुराग और नैना के अतीत के बारे में कुछ नहीं जानती थी और अवि भी ऐसी स्तिथि में उनके सामने अनुराग के बारे में कुछ बात करना नहीं चाहता था। अवि वहा से निकलकर नैना के पास आया और कहा,”निबेदिता ने जिस लड़के से शादी की है वो लड़का अनुराग मित्तल है”
“जानती हूँ”,नैना ने बिना किसी भाव के कहा
“अब क्या होगा ?”,अवि ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
नैना ने एक नजर अवि को देखा और फिर सामने देखते हुए कहा,”होना क्या है “L” लगेंगे”
अवि ने सूना तो बेचारगी से नैना को देखने लगा।

समाप्त

With Lots Of Love Sanjana Kirodiwal

एकदम से समाप्त पढ़कर थोड़ा अजीब लग रहा होगा आप पाठको को लेकिन “Love You जिंदगी सीजन 2” तक सफर यही तक था। सीजन 2 एक ऐसे मोड़ पर आकर खत्म हुआ है जहा से पाठको की जिज्ञासा और अधिक बढ़ जाती है साथ ही सीजन 2 ने रुचिका , शीतल और नैना की जिंदगी से जुड़े कई सवाल पैदा कर दिए है। उन सभी सवालो का जवाब मिलेगा आपको “Love You जिंदगी” सीजन 3 में और ये आएगा सीधा 2023 में,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
ये कहानी मेरे दिल के बहुत करीब है और इसे मैं जल्दबाजी में खत्म करना नहीं चाहती इसलिए इसे एक बेहतर अंत के साथ सीजन 3 में खत्म करने का सोचा है। जुलाई के बाद से मै अपनी रायटिंग से एक लंबा ब्रेक लेना चाहूंगी इसलिए इस साल कुछ भी लिखना पॉसिबल नहीं होगा। मेरी आने वाली सभी कहानिया और किस्से इस साल स्तगित कर दिए गए है 2023 से एक नयी शुरुआत के साथ मैं वापस वापसी करुँगी। निजी जीवन में आने वाले बदलावो के लिए मुझे ऐसा करना पडेगा उम्मीद है पाठक इसे समझेंगे और मुझे एक बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाये देंगे।
अपना प्यार और साथ यू ही बनाये रखे , Love You जिंदगी को इतना प्यार देने के लिए आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया,,,,,,,,,,,,,,,,,खुश रहिये अपना ख्याल रखिये और पढ़ते रहिये कहानिया क्योकि हर कहानी कुछ कहती है।

Read More – Love You जिंदगी – 59

Follow Me On – instagram | facebook | youtube

Love You Zindagi - Season 2
Love You Zindagi – Season 2
Love You Zindagi - Season 2
Love You Zindagi – Season 2

Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60

Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60Love You Zindagi – 60

23 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!