Love You जिंदगी – 36
Love You Zindagi – 36
अवि नैना को सिटी हॉस्पिटल लेकर आया था और इसी बात पर नैना पिछले 10 मिनिट से उसे घूरे जा रही थी। कुछ देर बाद अवि ने नैना के मुंह से टेप हटाया और कहा,”अंदर चलोगी या मैं तुम्हे गोद में उठाकर ले जाऊ ?”
“लेकिन क्यों ? मैं बिल्कुल ठीक हूँ पडोसी मुझे क्या हुआ है ?”,नैना ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
“तुम ठीक नहीं हो नैना और जो तुम सबसे छुपाने की कोशिश कर रही हो वो मुझसे तो बिल्कुल नहीं छुपा सकती। विवान के साथ तुम्हारा अपॉइंटमेंट है अब चलो हमे देर हो रही है”,अवि ने नैना का हाथ थामकर आगे बढ़ते हुए कहा लेकिन नैना टस से मस नहीं हुई और कहा,”पडोसी तुम ऐसा क्यों कर रहे हो ? सी मैं बिल्कुल ठीक हूँ अगर मुझे कोई प्रॉब्लम होता तो मैं तुम्हे बताती ना”
“तुम्हारे साथ रहकर इतना तो जान चुका हूँ नैना कि तुम्हे सारी दुनिया की परवाह है लेकिन अपनी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,बट डोंट वरी तुम्हारी परवाह करने के लिए मैं हूँ। मैं तुम्हे यहाँ बस नार्मल चेकअप के लिए लेकर आया हूँ , वो उस दिन तुम्हारे सर में दर्द था ना बस उसी के लिए रूटीन चेकअप,,,,,,,,,,,,अब तुम कहोगी कि ये बहुत ही मामूली सी बात है सो लुक माय डिअर वाइफ मैंने अपने ससुर जी से वादा किया है कि मैं तुम्हारा ख्याल रखूंगा और मैं नहीं चाहता कोई छोटी सी बात भी तुम्हे परेशान करे”
“तुम ही सबसे बड़ा सरदर्द हो मेरी जिंदगी में”,नैना आने धीमी आवाज में कुढ़ते हुए कहा लेकिन अवि ने उसकी बात को नजरअंदाज किया और कहा,”अब ज्यादा भाव मत खाओ चलो”
“अगर मैंने बहस की तो पडोसी मुझे जबरदस्ती ले जाएगा एक काम करती हूँ अंदर चली जाती हूँ”,नैना ने मन ही मन सोचा और चुपचाप अवि के साथ चल पड़ी। दोनों अंदर आये और सीधा डॉक्टर विवान के चेंबर में चले आये जो कि अवि का बहुत अच्छा दोस्त था। नैना और अवि को साथ देखकर विवान ने ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”अवि और नैना कम सीट”
“थैंक्यू”,अवि ने नैना के लिए कुर्सी खिसकाई और फिर खुद अपने लिए कुर्सी खिसकाकर उस पर बैठ गया
“हाँ बताओ क्या प्रॉब्लम है ?”,विवान ने पूछा
“प्रॉब्लम ये है कि ये मेरा हस्बेंड है और क्या प्रॉब्लम है ? प्रॉब्लम ये है कि मैंने सोचा शादी के बाद मैं मस्त बिना किसी झंझट के अपनी जिंदगी एन्जॉय करुँगी लेकिन मैं शांति से अपनी जिंदगी इंजॉय कर लू ये कैसे हो सकता है ? इस आदमी से शादी करने के बाद मैंने सिर्फ इसके लिए कॉफी बनाई है या तो फिर इसकी मॉम के साथ सोसायटी की किटी पार्टीज में गयी हूँ जो की किटी पार्टी कम और लखनऊ का मोहल्ला ज्यादा लगता है। किसने क्या पहना है ? क्यों पहना है ? किसकी जिंदगी में क्या चल रहा है ? बला बला बला और उनसे पीछा छुड़ाने के लिए घर में रुक जाओ तो इनके रिश्तेदार मुंह उठा के चले आएंगे। एक संस्कारी बहू के जैसे मैं अगर उनसे दो मिनिट हंसकर बात भी कर लू तो ये लोग शुरू हो जायेंगे , खुशखबरी कब दोगी ? अब तो बच्चे का मुंह दिखा दो,,,,,,,,,,,,,,,,साला इतनी ही जल्दी है तो पहले बोलना था ना साथ में लेकर आती मैं और डाल देती इनकी गोद में , ख़ुशख़बरी कब दोगी ? कम्प्यूटर का मिनी फोल्डर है क्या जो पेन ड्राइव में डालकर पकड़ा दू अबे बच्चा है उसके लिए फिजिकली और मेंटली भी तो प्रिपेयर होना पड़ता है।
मेरे घरवाले कहते थे शादी के बाद जिंदगी आसान हो जाती है , लेकिन नहीं जिंदगी में असली भसड़ भी ना शादी के बाद ही शुरू होती है। सास को मनाओ तो बेटा नाराज बेटे की सुनो तो सास नाराज,,,,,,,,,,,,कुछ बोल दो तो अरे तुम तो ज्यादा बोलती हो , चुप रहो तो अरे तुम तो बिल्कुल नहीं बोलती,,,,,,,,,,,,,,नहीं मतलब तुम बताओ बंदा करे तो क्या करे ? अब इस आदमी को ही देख लो जरा से सरदर्द में ये मुझे हॉस्पिटल ले आया , ऐसे वाले सरदर्द तो दिल्ली में मैंने एक कप चाय में खत्म कर दिए है लेकिन नहीं ये ठहरे चौधरी खानदान से अजी ! पैसा ही पैसा इनके और इनके पिताजी के पास जिसे बस उड़ाना है,,,,,,,,,,,,आज इतनी सी प्रॉब्लम में मुझे ये हॉस्पिटल ले आया इसके दिमाग में जरूर कुछ प्रॉब्लम पहले इसे चेक करो तुम”
“नैना,,,,,,,,,,,,,,,नैना विवान कुछ पूछ रहा है ?”,अवि ने नैना कंधे पर हाथ रखकर कहा तो नैना की तंद्रा टूटी और वह अपने ख्यालो से बाहर आयी। अभी ऊपर आप सबने जो कुछ भी सूना वो नैना ने ही कहा था लेकिन अपने मन में , सामने बोलकर वह नयी मुसीबत नहीं चाहती थी।
“नैना मैं ये पूछ रहा था कि ये सरदर्द वाली प्रॉब्लम तुम्हे कब से है ?”,विवान ने बड़ी ही सहजता से कहा
“मुझे एकदम तो याद नहीं पर हाँ जब मैं कानपूर से दिल्ली आयी थी तभी से कभी कभी ये प्रॉब्लम होती है”,नैना ने सोचते हुए कहा
“ओके ! दिल्ली में लाइफ कैसी थी ? किसी तरह का स्ट्रेस और डिप्रेशन लाइक फॅमिली को लेकर , रिलेशनशिप को लेकर या और कुछ ?”,विवान ने फिर पूछा
“दिल्ली में लाइफ काफी अच्छी थी हाँ थोड़ी स्ट्रेसफुल रही बट ओवरऑल सब ठीक था,,,,,,,,,,,,,,,हैं ना पडोसी ?”,नैना ने एकदम से अवि की तरफ पलटकर कहा
“पडोसी,,,,,,,,,,,,,,,?”,विवान ने हैरानी से कहा
“ये सब छोडो ये बताओ नैना को हुआ क्या है ?”,अवि ने विवान से पूछा
“नैना को देखने से तो यही लग रहा है कि ये बिल्कुल ठीक है फिर भी मैं इसके कुछ टेस्ट कर लेता हूँ”,विवान ने फाइल में कुछ लिखते हुए कहा
टेस्ट का नाम सुनकर नैना बच्चो जैसा मुंह बनाकर अवि की तरफ देखने लगी।
“नैना कुछ नहीं होगा मैं हूँ न,,,,,,,,,,,,,,,,गुड गर्ल की तरह सेम्पल दो”,अवि ने कहा
विवान ने कुछ टेस्ट लिखे और पेपर अवि की तरफ बढ़ाकर कहा,”ऊपर 1st फ्लोर पर लेबोरेट्री है वहा जाकर ये टेस्ट करवा लो उसके बाद रिपोर्ट्स मुझे दिखाना”
“ओके,,,,,,,,,,,,नैना चलो”,अवि ने उठते हुए कहा और नैना को साथ लेकर चला गया।
बीकानेर , JM कम्पनी
मोंटी ऑफिस पहुंचा और सीधा बॉस के केबिन में आया लेकिन माला को वहा बैठे देखकर मोंटी के कदम ठिठक गए। बॉस ने जैसे ही मोंटी को देखा बिफरते हुए कहा,”वहा दरवाजे पर क्यों खड़े हो ? क्या तुम्हे अंदर बुलाने के लिए मुझे तुम्हारी आरती उतारनी पड़ेगी ?”
“मैं बस आ ही रहा था , आपने मुझे ऑफिस क्यों बुलाया वो भी इतनी जल्दी में ? वीकेंड की परमिशन आपने खुद मुझे दी थी और जाने से पहले मैंने ऑफिस में अपने सभी जरुरी काम भी कम्प्लीट किये फिर आप इस तरह से पेश क्यों आ रहे है ?”,मोंटी ने सहजता से कहा
“क्योकि तुम्हारी वजह से मेरा पूरा प्लान चौपट हो गया है”,बॉस ने गुस्से से लेकिन धीमी आवाज में कहा
“कैसा प्लान ?”,मोंटी ने हैरानी से पूछा
“वो मेरी कम्पनी के साथ हुई डील के प्लान की बात कर रहे है”,माला ने अपनी कुर्सी से उठकर मोंटी की तरफ आते हुए कहा
“हाँ और वो डील अब केंसल हो चुकी है तुम्हारी वजह से”,बॉस ने इस बार थोड़ा तेज स्वर में कहा
“मेरी वजह से लेकिन मैंने क्या किया ? और मिस माला मेरे ट्रिप पर जाने से पहले आपने खुद वो डील फाइनल की थी फिर एकदम से केंसल क्यों ?”,मोंटी अब भी कुछ समझ नहीं पा रहा था
“गोआ में मालाजी के साथ तुम्हारा जो बिहेव रहा उसके बाद भी तुम्हे लगता है वो हमारी कम्पनी के साथ कोई प्रोजेक्ट साईन करेगी ?”,बॉस ने मोंटी की बाँह पकड़कर उसे अपनी तरफ करके कहा
“लेकिन कम्पनी की डील का मेरी पर्सनल लाइफ से क्या लेना देना ? और मैंने इनके साथ कोई मिसबिहेव नहीं किया उलटा इन्होने मेरी पर्सनल लाइफ में,,,,,,,,,,,,,छोड़िये मुझे इस बारे में बात ही नहीं करनी है। मैं आपकी कम्पनी में सिर्फ एक एम्प्लॉय हूँ और मैंने हमेशा अपना 100% दिया है अब अगर कोई कम्पनी पर्सनल रीजन की वजह से ये डील कैंसल करती है तो वो उस कम्पनी की बेवकूफी है”,मोंटी ने आखरी शब्द कठोरता से कहे।
“मानव तुम मिस माला की इंसल्ट कर रहे हो”,बॉस ने मोंटी को गुस्से से देखकर कहा
“नो सर मैं बस फेक्ट बता रहा हूँ , अगर ये कहेंगी प्रोजेक्ट में कोई दिक्कत है तो मै उसे 100 बार ठीक करने के लिए तैयार हूँ लेकिन ऐसे एकदम से डील केंसल करना सही है या गलत ये इनसे पूछे”,मोंटी ने एक नजर माला को देखकर कहा
“मैंने ये डील इस लिए कैंसल की क्योकि इस से कम पैसे में मुझे दूसरी कम्पनी से बेहतर प्रोजेक्ट मिल रहा है तो क्यों ना मैं उस में इंट्रेस्ट दिखाऊ”,माला ने इतराते हुए कहा
“अगर ऐसा है आपको अपना रीजन पहले ही क्लियर कर देना चाहिए था खामखा अपना और मेरा वक्त बर्बाद नहीं करना था”,मोंटी ने थोड़ा गुस्से से कहा
“तुम तो गुस्सा हो गए यार मोंटी”,माला ने कहा
“ना तो मैं आपका दोस्त हूँ ना ही आपका रिश्तेदार सो प्लीज डोंट कॉल मी यार,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और सर आप आपको ऐसा क्यों लगता है कि एक डील कैंसल होने से आपकी कम्पनी बंद हो जाएगी”,मोंटी ने पहले माला से कहा और फिर अपने बॉस की तरफ पलट गया
“वो तो हो ही जाएगी अगर तुम मेरी कम्पनी में रहे,,,,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी लेकिन कल से तुम्हे ऑफिस आने की कोई जरूरत नहीं है”,बॉस ने साफ साफ कहा लेकिन पहली बार मोंटी को ये सुनकर ना तो दुःख हुआ ना ही गुस्सा आया।
“थैंक्यू सर”,मोंटी ने कहा और वहा से चला गया।
“आपने उसे नौकरी से क्यों निकाला ?”,माला ने परेशान होकर कहा
“आपको क्या लगता है मिस माला बाहर उसे कोई नौकरी देगा ? 10 जगह ठोकरे खाकर वो इसी ऑफिस में वापस आएगा उसके बाद हम आसानी से उस से अपनी बात मनवा सकते है”,बॉस ने कहा तो माला मुस्कुरा उठी और वहा से चली गयी।
बाहर आकर मोंटी अपने डेस्क पर रखे सामान को एक बॉक्स में रखने लगा। उसके कलीग्स ने देखा तो आपस में खुसर फुसर करने लगे। सचिन ने भी मोंटी से बात करनी चाही लेकिन मोंटी ने कोई जवाब नहीं दिया और बॉक्स लेकर वहा से चला गया। मोंटी जैसे ही ऑफिस से बाहर आया बाहर अपनी गाड़ी के खड़ी
पास खड़ी माला उसे मिल गयी। मोंटी को उसी गाड़ी के पास से ही गुजरना था इसलिए जैसे ही वह माला के करीब से जाने लगा माला ने कहा,”वैसे तुम चाहो तो मैं तुम्हारी हेल्प कर सकती हूँ”
मोंटी ने थोड़ा हैरानी से माला को देखा तो माला ने उसकी तरफ देखते हुए कहा,”मेरे साथ मेरी कम्पनी ज्वाइन कर लो , उसके बाद तुम्हे ऐसी छोटी मोटी डील करने की जरूरत नहीं पड़ेगी”
“नो थैंक्यू आप पहले ही मेरी काफी हेल्प कर चुकी है इसलिए मुझे मेरे हाल पर छोड़ दे”,मोंटी ने सहजता से कहा और वहा से चला गया। माला एक बार फिर पैर पटक कर रह गयी मोंटी उस में और उसकी कम्पनी में जरा भी इंट्रेस्ट नहीं दिखा रहा था। माला गाड़ी में आ बैठी और ड्राइवर से चलने को कहा।
दोपहर हो चुकी थी , उदास चेहरा लिए मोंटी घर चला आया। रुचिका उसी के आने का वेट कर रही थी जब उसने मोंटी को देखा तो डायनिंग पर खाना लगाते हुए कहा,”हे मोंटी मैं तुम्हारा ही वेट कर रही थी खाना तैयार है आ जाओ , तुम अपना फोन भी नहीं उठा रहे थे। मोंटी क्या हुआ आओ न ?”
रुचिका अपनी ही धुन में बोलते गयी लेकिन मोंटी का दिमाग तो अभी भी माला और बॉस में उलझा हुआ था। रुचिका ने मोंटी को खामोश और उदास देखा तो उसके पास आयी और उसके हाथ से बॉक्स लेकर टेबल पर रख मोंटी के चेहरे को अपने हाथो में थामकर कहाम,”क्या हुआ बेबी तुम इतना अपसेट क्यों हो ? तुम ऑफिस गए थे ना वहा कुछ हुआ क्या ?”
“अगर मैं रुचिका को सब बताऊंगा तो वो खामखा परेशान हो जाएगी , नहीं मैं रूचि को इन सब में इन्वॉल्व नहीं कर सकता”,मोंटी ने मन ही मन खुद से कहा
“मोंटी क्या हुआ ? तुम चुप क्यों हो ?”,रुचिका के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये
“मैंने जॉब छोड़ दी है रूचि”,मोंटी ने बिना किसी भाव के कहा जिसे सुनकर रुचिका को न तो ज्यादा हैरानी हुई ना ही दुःख क्योकि वह जानती थी मोंटी काफी टाइम से ये जॉब छोड़ने की बात कर रहा था।
“इट्स ओके इसमें इतना परेशान होने वाली कौनसी बात है ? वैसे भी तुम ये जॉब छोड़ने वाले थे मोंटी डोंट वरी तुम बहुत काबिल हो देखना तुम्हे दुसरा जॉब मिल जाएगा”,रुचिका ने मोंटी को समझाते हुए कहा
“हाँ लेकिन तब तक हम सरवाइव कैसे करेंगे यही सोचकर,,,,,,,,,,,,,,!”,मोंटी ने बात अधूरी छोड़ दी
“मोंटी क्या हम दोनों अलग है ? जब तक तुम्हे दूसरी जॉब नहीं मिलती तब हम लोग मेरी सैलेरी से काम चला लेंगे,,,,,,,,,,,,,,,आखरी पति के बुरे वक्त में पत्नी इतना तो कर सकती है ना,,,,,,,,,,,,अब चलो चलकर खाना खाओ”,रुचिका ने जाते हुए कहा तो मोंटी ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और उसके गले लगकर कहा,”थैंक्यू रूचि मुझे समझने के लिए,,,,,,,,,,!!”
रुचिका ने कुछ नहीं कहा बस मोंटी की पीठ सहलाते हुए मुस्कुरा दी।
दिल्ली , आशीर्वाद अपार्टमेंट
अगली सुबह सार्थक और शीतल की जिंदगी फिर से शुरू हो गयी लेकिन इस बार दोनों में एक दूसरे के लिए प्यार और परवाह ज्यादा थे। शर्मा जी और सार्थक दोनों अपने अपने ऑफिस के लिए निकल गए। शीतल भी नाश्ता करने के बाद किचन में चली आयी और बर्तन धोने लगी। शीतल ने घर का सब काम निपटाया और आराम करने अपने कमरे में चली आयी। मिसेज शर्मा बाहर गयी हुई थी जब वे वापस अपार्टमेंट की तरफ लौट रही थी मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता उन्हें मिल गयी। जैसे ही मिसेज शर्मा उनके पास रुकी मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता ने उन्हें शीतल की बदतमीजी के बारे में बढ़ चढ़ कर बताया जो कि बीती रात उसने की थी लेकिन अपनी बात को छुपा लिया।
मिसेज शर्मा ने सूना तो उन्हें थोड़ी हैरानी हुई कि शीतल ने इन दोनों से ऐसे बात की साथ ही थोड़ा गुस्सा भी आया क्योकि पिछले कई सालो से मिसेज शर्मा आशीर्वाद अपार्टमेंट में रहती आ रही है और आज तक किसी ने उनके बारे में ऐसी वैसी बात नहीं की लेकिन आज शीतल की वजह से मिसेज आहूजा और मिसेज गुप्ता ने उन्हें इतना सब सूना दिया। मिसेज शर्मा ख़ामोशी से सब सुनकर अपने फ्लेट में चली आयी। चलते चलते उनके कानो में मिसेज आहूजा के शब्द गूंजने लगे,”घर की बहू को इतनी छूट दोगी तो कल वो आपके सर पर ही नाचेगी मिसेज शर्मा , अभी से लगाम कसकर रखिये वरना सोसायटी में बाते तो बनेगी ही”
उनका कहा एक एक शब्द मिसेज शर्मा को चुभन का अहसास करवा रहा था। अंदर आकर उन्होंने देखा शीतल हॉल में नहीं है ना ही किचन में है उन्होंने शीतल को आवाज दी,”शीतल शीतल”
सफर की थकान कहे या गहरी नींद शीतल को मिसेज शर्मा की आवाज सुनाई नहीं दी और वह सोती रही। मिसेज शर्मा कोई जवाब ना पाकर और गुस्सा हो गयी वे गुस्से में अपने कमरे में चली गयी और सार्थक को फोन लगाने लगी
Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36Love You Zindagi – 36
क्रमश – Love You Zindagi – 37
Read More – Love You जिंदगी – 35
Follow Me On – instagram | facebook | youtube
संजना किरोड़ीवाल
MONTI KI TO WAT LAG GAYI
Monti ki life Mala nam ki Nagina aa gai use dasne
Mala ki Wajase Monti ki Job chal gayi per Ruchika ne kahan hum manage kar lenge, Ashirvad Apartment me Mrs Gupta aur Mrs Ahooja ne Sheetal ke kilab unke kan bar diye..
अब मोंटी का क्या होगा… और शीतल…लगता है कि नैना को कोई बड़ी बीमारी है।
Very beautiful
Interesting
Ab kya krega monti hr jagah politics chlti h
Nice story
Behtrarin part. .. naina ko koi serious bimari na ho… Monti ne sahi decision liya… lekin mala jaise logo se ye hajam nhi hoga…ab ye naya syapa sheetal ki life m