कितनी मोहब्बत है – 58
Kitni mohabbat hai – 58
“कितनी मोहब्बत है”
By Sanjana Kirodiwal
Kitni mohabbat hai – 58
अक्षत पूरी तरह टूट चुका था उसने सोचा नहीं था उसकी जिंदगी में ऐसा मोड़ भी आएगा ! बिस्तर पर पड़ा वह बस मीरा के बारे में सोच रहा था ! वह जानता था मीरा जरूर किसी परेशानी में होगी वरना वह इतना बड़ा फैसला कभी नहीं लेती ! अक्षत बेसुध सा वही लेटा रहा ! निचे हॉल में सभी परेशान थे की कही अक्षत के साथ कुछ गलत ना हो जाये , राधा ने घबराकर कहा,”कही वो अपने साथ कुछ गलत ना कर ले !”
“नहीं मौसीजी आशु ऐसा कुछ नहीं करेगा वो बहुत समझदार लड़का है , उसका प्यार इतना कमजोर नहीं हो सकता !”,जीजू ने कहा !
दिनभर जीजू सबको तसल्ली देते रहे और समझाते वो जानते थे इन मुश्किल घडी में उनका वहा रुकना बहुत जरुरी है ! मीरा की शादी की खबर जब उन्होंने अख़बार में देखी तो उन्हें बहुत दुःख हुआ , वो जानते थे अक्षत और मीरा दोनों ही एक दूसरे से कितना प्यार करते है और वो नहीं चाहते थे दोनों एक दूसरे से दूर हो ! जीजू हैरान परेशान से बैठे थे ! शाम को अक्षत की नींद खुली उसने सपना देखा जैसे मीरा उस से दूर जा रही है वह जल्दी से उठा और भागते हुए निचे आया जीजू और अर्जुन उस वक्त वही थे जब उन्होंने अक्षत को जाते देखा तो अक्षत को रोकते हुए कहा,”कहा जा रहे हो तुम ?”
“मीरा को लेने !”,अक्षत ने कठोरता से कहा
“तुम जानते वहा जाना सही नहीं है , उसके पापा तुम्हे पसंद नहीं करते और तुम्हे क्या लगता है वो मीरा को तुम्हारे साथ भेज देंगे ?”,जीजू ने गुस्से से
कहा ! जीजू की बात सुनकर अक्षत को गुस्सा आ गया उसने जोर से कहा,”मेरी बंदी है वो कैसे नहीं आएगी ? मैं लेकर आऊंगा उसे !”
कहकर अक्षत वहा से बाहर निकल गया ! जीजू और अर्जुन उसके पीछे आये और उसे रोकते हुए कहा,”आशु रुको मेरी बात सुनो , ऐसे जाओगे तो प्रॉब्लम और बढ़ जाएगी ,, पहले हम लोगो को मीरा से मिलना चाहिए आखिर पता तो चले की वो ऐसा क्यों कर रही है ?”
“क्योकि वो मजबूर है , मैं जानता हु ये सब फैसले लेना उसके लिए आसान नहीं रहा होगा पर उसने लिए क्योकि वो मुझे और इस घर के लोगो को तकलीफ में देखना नहीं चाहती थी ! अगर मैं उसकी ख़ामोशी के पीछे का दर्द नहीं देख सकता तो मुझे उस से प्यार करने का भी कोई हक़ नहीं है ! वो इस वक्त मुझसे भी ज्यादा दर्द में है उसे मेरी जरूरत है , हम सबकी जरुरत है”,अक्षत ने तड़पकर कहा
“मैं समझ गया , लेकिन कुछ भी करने से पहले हमे मीरा तक पहुंचना है और उसे ये भरोसा दिलाना है की हम सब उसके साथ है”,जीजू ने कहा
“पर कैसे ? उस से मिलना इतना आसान नहीं है , उसके पापा ने वहा इतनी सिक्योरिटी लगा रखी है”,अर्जुन ने कहा
“सुनो मेरे पास एक प्लान है”,कहते हुए जीजू उन दोनों को प्लान समझाने लगे ! तीनो बिना घर पर बताये घर से निकलें।
अमर प्रताप सिंह का घर -: घर दुल्हन की भांति सजा हुआ था मेहमानो का जमघट लगा हुआ था ! बंगले के कमरे में दुल्हन के लिबास में सजी मीरा अपने घर की औरतो से घिरे बैठी थी ! उसकी आँखों में खालीपन पसरा हुआ था और चेहरे पर उदासी थी ! उसने कभी सोचा नहीं था उसे ऐसा दिन भी देखने को मिलेगा ! शाम हो चुकी थी और जैसे जैसे शादी का वक्त नजदीक आ रहा था मीरा का मन बेचैनी से घिरता जा रहा था ! अमर बाहर ही था उसे उम्मीद थी अक्षत जरूर आएगा ! कुछ ही देर बाद दो औरते आयी जिन्होंने बुरखा पहना हुआ था ! उन्होंने आकर गार्ड से कहा,”हम दोनों मीरा की सहेलिया है उसने हमे शादी में बुलाया है !”
गार्ड ने कुछ खास ध्यान नहीं दिया और दोनों को अंदर जाने दिया दोनों जल्दी जल्दी चल रही थी की सामने से आते अमर से टकरा गयी और हड़बड़ी में हैट जोड़ते हुए कहा,”नमस्ते अंकल !”
अमर फोन पर था इसलिए उन दोनों की और ध्यान नहीं दिया ! दोनों जल्दी से वहा से निकल गए ! अंदर आये तो घर देखकर उन दोनों की आँखे चुंधिया गयी , इतना आलिशान घर पहली बार देख रहे थे दोनों , उनमे से एक शरीर से थोड़ा भारी थी उसने दूसरी वाली को कंधे से मारकर कहा,”चलो भी !”
दोनों पूछते पाछते मीरा के कमरे में आ पहुंचे ! उनमे से एक ने सबसे झूठ ही कह दिया की बारात आ गयी है , सारी लड़किया और औरते दूल्हे को देखने कमरे से बाहर निकल गयी , बुरखे वाली ने जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया उन्हें दरवाजा बंद करते देखकर मीरा ने कुर्सी से उठते हुए कहा,”दरवाजा बंद क्यों किया ? और कौन है आप लोग ?”!
दोनों ने मीरा की बात सुनकर अपने चेहरे से बुरखा हटा दिया उन्हें देखकर मीरा हैरान रह गयी क्योकि एक बुर्के में था अर्जुन और दूसरे में थे जीजू ! मीरा ने उनके पास आकर कहा,”आप लोग यहाँ और वो भी ऐसे ?”
जीजू ने मीरा को कंधे से पकड़ा और कहने लगे,”मेरी बात ध्यान से सुनो मीरा , हम लोग तुम्हे लेने आये है ,, मैं नहीं जानता तुम ये शादी क्यों कर रही हो ? लेकिन तुम ये सही नहीं कर रही हो , अक्षत बहुत प्यार करता है तुमसे और तुम जितना प्यार उस से करती हो वो मुझे बताने की जरूरत नहीं ,, इसलिए उतारो ये दुल्हन के कपडे और मेरे साथ चलो मैंने सब इंतजाम कर दिया है निचे अक्षत गाड़ी में बैठा तुम्हारा इंतजार कर रहा है ,, तुम दोनों यहाँ से बहुत दूर चले जाना !”
“ये आप क्या कह रहे है जीजू ?”,मीरा ने कहा
“और कोई रास्ता नहीं है मीरा , तुम्हारे पापा इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं होंगे और ये शादी करके ना तुम खुश रहोगी ना ही अक्षत !”,जीजू ने कहा
“उनकी ख़ुशी के लिए ही तो हम ये शादी कर रहे है !”,मीरा ने आँखों में आंसू भरके कहा !
”मतलब ?”,अर्जुन ने आगे आकर कहा
“हमारे पापा ने हमसे वादा लिया की अक्षत जी को बचने बचाने के लिए हमे उनकी बात माननी पड़ेगी , हम नहीं जानते राधा आंटी और उनके बिच कैसी दुश्मनी है लेकिन उसी के चलते वो अक्षत जी को कभी स्वीकार नहीं करेंगे , अगर उनके खिलाफ जाकर हमने कुछ किया तो वो अक्षत जी को बर्बाद कर देंगे !! हम नहीं चाहते हमारी वजह से उन्हें किसी भी तरह की तकलीफ हो ,, आज जो हो रहा है वो देखकर उन्हें कुछ वक्त के लिए तकलीफ होगी लेकिन हम उनके साथ रहे तो उन्हें जिंदगीभर उन तकलीफो का सामना करना पड़ेगा ! उनकी नफरत हम बर्दास्त कर लेंगे पर उन्हें तकलीफ में नहीं देख सकते !!”,मीरा कहते हुए रो पड़ी ! जीजू ने उसे सम्हाला और कहा,”ये कैसी मोहबब्त है तुम दोनों की जिसमे इतना दर्द है , मीरा तुम अक्षत का भला चाहती हो उसकी अच्छी जिंदगी चाहती हो पर वो तुम्हे ही अपनी जिंदगी मान बैठा है !”
जीजू मीरा से ज्यादा बात कर पाते इस से पहले की बाहर से किसी ने दरवाजा खटखटाया जीजू मीरा और अर्जुन तीनो घबरा गए जीजू और अर्जुन ने जल्दी से बुरखे से चेहरा ढका और मीरा ने दरवाजा खोला सामने सौंदर्या भुआ खड़ी थी , उन्होंने जीजू और अर्जुन को देखा भी नहीं और मीरा को अपने साथ ले गयी !
“अब क्या करे जीजू ?”,अर्जुन ने कहा
“कुछ भी करके ये शादी रोकनी होगी !”,जीजू ने सोचते हुए कहा
“दूल्हे को किडनेप कर लेते है , दूल्हा ही नहीं होगा तो शादी कैसे होगी ?”,अर्जुन ने कहा
“हां हां सब्जी के ठेले से आलू गोभी उठाना है , दूल्हा उठाने की बात कर रहे हो साले साहब “,जीजू ने अर्जुन को ताना मारते हुए कहा तो अर्जुन झेंप गया ! जीजू ने कुछ सोचा और कहा,”चलो बाहर देखते है क्या हो रहा है ? फिर कोई डिसीजन लेते है !”
अर्जुन जीजू कमरे से बाहर आये गैलरी से होकर जैसे ही जाने लगे अर्जुन ने जीजू को रोकते हुए कहा,”जीजू जीजू जीजू वाशरूम जाना है !”
“थोड़ी देर रोक के रखो ना , यहा टेंशन का माहौल है और आपको वाशरूम जाना है”,जीजू ने झुंझलाकर कहा !
“अरे जीजू इट्स नेचुरल इस पर भला कोई कंट्रोल है क्या ?”,अर्जुन भी चिढ गया
“अच्छा अच्छा ठीक है जल्दी जाकर आओ !”,जीजू ने कहा
अर्जुन सामने बने वाशरूम की और जाने लगा जैसे ही वह जेंट्स टॉयलेट की और बढ़ा
उसे जेंट्स टॉयलेट की और जाते देखकर जीजू रोका और कहा,”इधर कहा जा रहे हो ?”
“जेंट्स टॉयलेट में और कहा ?”,अर्जुन ने कहा
“अरे मंदबुद्धि , ये कपडे पहनकर जेंट्स टॉयलेट में गए तो सबको हम पर शक हो जाएगा !”,जीजू ने उसके पीठ पर मुक्का जड़ते हुए कहा !
“तो आप क्या चाहते हो मैं लेडीज टॉयलेट यूज करू ?”,अर्जुन ने कहा
“हां , और जल्दी जाओ मेरे पास टाइम नहीं है !”,जीजू ने उसे लगभग धकियाते हुए कहा ! अर्जुन पहली बार लेडीज बाथ्रोमं में आया उसे बड़ा अजीब लग रहा था , कुछ देर बाद अर्जुन वापस आया तो जीजू उसे अपने साथ लेकर निचे आये जहा शादी होने वाली थी ! अक्षत बाहर गाड़ी में था उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था ! वह गाड़ी से बाहर निकल आया और पीठ लगाकर खड़ा हो गया कुछ देर बाद ही एक सजी धजी औरत उसके पास आयी और कहा,”तुम अक्षत हो ?”
“जी !”,अक्षत ने हैरानी से कहा
“तो फिर यहाँ क्या कर रहे हो ? वहा मीरा की शादी हो रही है और तुम यहाँ आराम से खड़े हो !”,औरत ने कहा
“मीरा की शादी नहीं होगी आज रात ही मैं उसे यहाँ से ले जाऊंगा !”,अक्षत ने विश्वास से भरकर कहा
“ऐसे चोरो की तरह ?”,औरत ने तीखी मुस्कान के साथ कहा
“मतलब ?”,अक्षत ने कहा !
“मतलब ऐसे चोरी छिपे लेकर जाओगे उसे , प्यार करते हो उस से तो सबके सामने स्वीकार करो उसे ,, ऐसे लेकर गयी तो लोग पीठ पीछे गलत बोलेंगे तुम दोनों के रिश्ते को !”,औरत ने कहा
अक्षत को अपनी गलती महसूस हुई अर्जुन और जीजू के कहने पर उसने मीरा को भगाने का प्लान बना लिया उसे सोच में डूबा देखकर औरत ने कहा,”अक्सर ऐसा ही होता है प्यार करना आसान और उसे निभाना मुश्किल होता है , आज तुम मीरा को यहाँ से इस तरह ले भी जाते हो तो उसमे तुम्हारे प्यार की जीत नहीं होगी , हां मीरा तुम्हे मिल जाएगी पर बात तुम दोनों को खलती रहेगी की हमने इस तरह भागकर शादी क्यों की ? ये समाज है ये किसी को इतनी आसानी से नहीं अपनाता है लेकिन अगर प्यार सच्चा हो और तुम्हारा एक दूसरे पर भरोसा हो तो दिलो को पिघलते देर नहीं लगती है !!”
“थैंक्यू आपने मेरी बहुत बड़ी परेशानी को हल कर दिया , मैंने मीरा से प्यार किया है कोई गुनाह नहीं जो मैं उसे ऐसे सबसे छुपाकर ले जाऊ ,, मैं उसे सबके सामने लेकर जाऊंगा ,, मैं उसके पापा को ये अहसास दिलाऊंगा की मैं उस से कितना चाहता हु !”,अक्षत ने खुश होकर कहा
“तो फिर जाओ और मर्द की तरह उसके पिता से उसका हाथ मांगो , वो ना नहीं करेंगे !”,औरत ने कहा और जाने लगी
“सुनिए !”,अक्षत ने आवाज देकर उन्हें रोका वह पलटी तो अक्षत ने कहा,”आप मुझे और मीरा को कैसे जानती है ?”
“हम मीरा की भुआ है , सौंदर्या सिंह राजपूत !”,औरत ने मुस्कुरा कर कहा
“पर आपने हमारी मदद क्यों की ?”,अक्षत ने हैरानी से कहा
“हमने दो प्यार करने वालो की मदद की है ! अब देर मत करो और बचा लो अपनी मोहब्बत को इस से पहले देर हो जाये”,सौंदर्या ने कहा और वहा से चली गयी ! अक्षत को उम्मीद की एक किरण नजर आयी और वह मीरा को लेने चल पड़ा ! जैसे गेट के पास आया गार्ड्स ने उसे अंदर जाने नहीं दिया पर आज अक्षत को किसी भी हालत में अपने प्यार को बचाना था उसने दोनों को दो चार घुसे मारे और दनदनाते हुए अंदर चला आया जो भी उसे रोकने उसके सामने आया उसने किसी को नहीं छोड़ा और सबको पीटते हुए अंदर दाखिल हुआ ! घर मेहमानो से भरा हुआ था अक्षत अंदर आकर जोर से चिल्लाया – मिराआआआआ !
सारे लोगो का ध्यान अक्षत की और चला गया अमर ने देखा तो गुस्से से कहा,”रोको इसे !”
अमर के सारे रिश्तेदार अक्षत की और आये और उसे आगे बढ़ने से रोक लिया अक्षत एक जगह खड़ा हो गया ! अक्षत के सामने ही कुछ 10 मीटर दूर मीरा दुल्हन के जोड़े में खड़ी थी , उसकी आँखे नम थी पर दिल खुश था वहा अक्षत को देखकर लेकिन मीरा के पीछे उसका पूरा परिवार खड़ा था दोनों खड़े एक दूसरे को देख रहे थे ! अक्षत ने अमर को देखा और कहने लगा,”इस तरह से मीरा की शादी किसी और से करके क्या आप जीत जायेंगे ? आप जीत भी गए तो क्या मीरा खुश रह पायेगी ? बदले की आग में उसकी खुशियों का खून क्यों कर रहे है आप ? आपको बदला लेना है ना तो मुझसे लीजिये मीरा को तकलीफ क्यों दे रहे है ?”
“वो हमारी बेटी है !”,अमर ने गुस्से से अक्षत को घूरते हुए कहा
“वो आपकी बेटी है तो फिर क्यों आप उसकी बात नहीं सुन रहे , ये शादी करने से पहले आपने एक बार भी जानने की कोशिश की उसके मन में क्या है ? देखिये सर मैं मीरा से बहुत प्यार करता हु , उसे हमेशा खुश रखूंगा , उसे कभी किसी भी चीज की कमी नहीं होने दूंगा , दुनिया की सारी खुशिया उसके कदमो में लाकर दूंगा ,, ये शादी मत कीजिये !”,अक्षत ने कहा
अक्षत की बात सुनकर अमर को और गुस्सा आ गया वे अक्षत के पास आये और उसकी कॉलर पकडकर कहा,”तुम्हारी औकात क्या है मीरा से शादी करने की हां ? वो हमारी बेटी है और उसके लिए हमसे बेहतर फैसला कोई नहीं ले सकता ,, पहले भी तुम्हारी माँ की वजह से हम अपनी पत्नी से दूर हो चुके है अब तुम्हारी वजह से अपनी बेटी से दूर होना नहीं चाहते !! हो कौन तुम ये सब कहने वाले की वो खुश नहीं रहेगी इस शादी से ?”
“मोहब्बत हु उसकी “,अक्षत ने अमर की आँखों में देखते हुए कहा दोनों एक दूसरे की आँखों में देखने लगे जीजू और अर्जुन भी वही थे लेकिन इस वक्त उनका बोलना शायद बात को और बिगाड़ देता ! अमर ने अक्षत की कॉलर छोड़ दी तो अक्षत कहने लगा,”आप उसके पिता है लेकिन अभी भी आप उसे समझ नहीं पाए है जो लड़की एक परिवार की सुरक्षा के लिए अपने प्यार तक को कुर्बान कर सकती है उसकी महानता को क्या समझेंगे आप ? वो चुप है , आपकी हर बात मान रही है , जिसने शादी के सपने किसी और लिए देखे पर वहा मंडप में किसी और साथ खड़ी है तो इसमें आपकी जीत या आपका प्यार नहीं बल्कि उसका त्याग है जो उसने अपने प्यार के लिए किया है !! वो चाहती तो मेरे साथ जा सकती थी , या आपके साथ आने से मना भी कर सकती थी लेकिन उसने नहीं किया क्योकि उसमे एक बुरी आदत है और वो है सबका अच्छा सोचना , वो सबको खुश देखना चाहती है भले वो खुद कितने भी दर्द में हो ,, और यही उसने किया !!!”
अक्षत की बाते सुनकर मीरा रोने लगी थी , अक्षत जो कह रहा था वो एक हद तक सच भी था अमर ख़ामोशी से सब सुन रहा था अक्षत ने मीरा को देखा और फिर अमर से कहने लगा,”नहीं अच्छा लगता जब उसकी आँखों में आंसू देखता हु , नहीं अच्छा लगता जब वो परेशान होती है , उसे खुश रखने के मैं कुछ भी कर सकता हु”
अमर वापस मीरा की और आया उसे रोता हुआ देखकर एक पल को उनका दिल पसीजा लेकिन अगले ही पल बीते यादो की कड़वाहट उसके जहन में आयी और उसने अक्षत से कहा,”मीरा तुमसे कोई रिश्ता रखना नहीं चाहती !”
“ये फैसला आप मीरा को करने दीजिये अगर उसने कहा तो मैं हमेशा के लिए उसकी जिंदगी से चला जाऊंगा !”, अक्षत ने कहा
अमर ने मीरा की और देखा वो अभी भी रोये जा रही थी उसे रोता देखकर अक्षत ने दूर से ही कहना शुरू किया,”मीरा मीरा , मीरा मेरी तरफ देखो (मीरा ने भीगी पलकों से अक्षत की और देखा तो अक्षत आगे बोलने लगा) मीरा मैं जानता हु ये सब तुम जो कर रही हो वो सिर्फ मुझे बचाने के लिए कर रही लेकिन मैं नहीं चाहता तुम ये सब करो ! मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु मीरा और अगर तूम भी करती हो तो तुम्हे किसी से डरने की जरूरत नहीं है ,, तुम साथ रहोगी तो मैं सबसे लड़ लूंगा मीरा , किसी के बारे में मत सोचो मीरा सिर्फ एक बार एक बार अपने दिल की सुनो ,, याद करो तुमने कहा था हम हमेशा साथ रहेंगे , तुमने कहा था प्रार्थनाये सच होती है , तुमने कहा था तुम हमेशा मेरा ख्याल रखोगी !! इस कहानी को ऐसे खत्म मत करो मीरा ,, आज अगर तुम खामोश रही तो जिंदगी भर तुम्हे ये मलाल रहेगा की मैं तुम्हारे सामने था और तुमने मुझे जाने दिया !”
अक्षत की बाते सुनकर मीरा की आँखों से आंसू बहने लगे उसकी आँखों के सामने वो सारे पल आने लगे जब जब अक्षत ने उसका साथ दिया , वो सारे पल जब अक्षत ने उसके आंसू पोछे वो सारे पल जब अक्षत ने उसे अपने सीने से लगाया था और वो सारे पल जब उसने मीरा के माथे को चूमा था ! मीरा ने अमर की और देखा उसकी आँखों में अभी भी डर कही ना कही मौजूद था अक्षत ने जब महसूस किया तो उसने जोर से कहा,”तुम्हे यहाँ किसी से डरने की जरूरत नहीं है मीरा , इस भीड़ में कोई तुम्हारा अपना नहीं है तुम्हारी दुनिया जो भी हो पर मेरी सारी दुनिया तुम ही हो !”
अक्षत की बात सुनकर मीरा दौड़ते हुए उसके पास आयी और उसके सीने से लग गयी , जो सुकून अक्षत को मिला उसे शब्दों में बया करना मुश्किल है ! मीरा उसके गले लगी रही वहा मौजूद भीड़ में कुछ लोग हैरान थे तो कुछ प्यार को जीतते देखकर खुश थे ! अर्जुन ने ये देखा तो ख़ुशी के मारे जीजू को गले लगा लिया तभी उसके बुरखे से संतरा निकलकर दूर जा गिरा ! जीजू ने देखा तो अर्जुन से कहा,”अरे शांत हो जाओ साले साहब , आपका सामान इधर उधर जा रहा है !”
अक्षत और मीरा एक दूसरे को गले लगाए खड़े रहे , अमर ख़ामोशी से दोनों को देख रहा था अक्षत ने एक नजर उनको देखा तो उन्हें खुद को हारा हुआ देखकर बहुत बुरा लगा , मीरा अक्षत का हाथ थामे उस के साइड खड़ी हो गयी और कहा,”हम इनसे बहुत प्यार करते है , इनके बिना नहीं जी सकते आज अगर आपकी ख़ुशी के लिए शादी करते भी है तो जिंदगीभर खुश रहने का नाटक करना पडेगा हमे ! ये जैसे भी है जो भी है हम इनके साथ खुश रहेंगे पापा , हमे आपकी ये दौलत , ये ऐशो आराम की जिंदगी नहीं चाहिए हमे बस इनका साथ चाहिए !! जब आप नहीं थे तो माँ के जाने के बाद इन्होने हमे सम्हाला था , हमे मुस्कुराने की खुश रहने की वजह दी , हमारे लिए कितनी ही बार इन्होने लोगो की कड़वी बाते सुनी , हमारे लिए इतनी बार पीटे है , लेकिन इन्होने कभी हमारा साथ नहीं छोड़ा !! इनसे अच्छा इंसान हमारी जिंदगी में नहीं हो सकता !”
अक्षत ने मीरा के मुंह से सूना तो उसे वापस अपने सीने से लगा लिया और कहा,”आई विल ऑलवेज लव यू !!”
अमर हार चुके थे लेकिन उनका अहम् अभी बाकि था तो उन्होंने कहा,”ये लड़का आपको जिंदगी में क्या दे पायेगा मीरा ? क्या औकात है इसकी ? वो आपके साथ इसलिए है क्योकि आप करोडो की मालकिन है जो मेरे पास है उसका 10 प्रतिशत भी इसके पास नहीं है , यहाँ तक के ये अपने पैरो पर खड़ा तक नहीं है , आपकी क्या जिम्मेदारी उठा पायेगा ये ? !”
“वो सब दूंगा इसे अपनी मेहनत से जो आपके पास है , मुझे ना इसकी दौलत चाहिए ना आपकी , मुझे सिर्फ मीरा चाहिए और ये साथ रही तो एक दिन आपसे भी बेहतर इंसान बनकर दिखाऊंगा !”,अक्षत ने कहा
“जब इतना ही घमंड है तुम्हे खुद पर तो पहले ये सब हासिल करके दिखाओ , मैं खुद मीरा की शादी तुमसे कर दूंगा !! ये एक राजपूत का वादा है !”,अमर ने कठोरता से कहा
उनकी बात सुनकर जीजू और अर्जुन भी अपना अपना बुरखा उतारकर अक्षत की और चले आये
अक्षत ने सूना तो मीरा की और देखा और मुस्कुराते हुए कहा,”मंजूर है !” मीरा ने अक्षत की और देखा तो उसने कहा,”भरोसा है ना अपने प्यार पर मीरा ?”
“हमे आप पर पूरा भरोसा है , हमारा प्यार गलत नहीं है इसे अपनाने के रस्ते भी गलत नहीं होने चाहिए अक्षत जी !”,मीरा ने आँखों में आंसू भरकर कहा
“लेकिन मेरी एक शर्त है !”,अमर ने बम फोड़ते हुए कहा
“क्या ?”,अक्षत ने कहा
“जब तक तुम वो मुकाम हासिल नहीं कर लेते मीरा तुमसे नहीं मिलेगी , ना ही तुम उस से मिलोगे ! अपने आपको मेरे बराबर लाने में तुम किसी का सहारा नहीं लोगे , न अपने घरवालों की ना अपने बाहरवालों की अपनी मेहनत से तुम्हे मेरे बराबर आना है ! कर पाओगे !”,अमर ने अक्षत का मजाक उड़ाते हुए कहा
अक्षत ने मीरा की और देखा और अमर से कहा,”मीरा के लिए अगर जान भी देनी पड़ती तो मैं एक बार भी नहीं सोचता , ये तो बहुत छोटी चीज है सर कर लूंगा”
“ये सब पाने में लोगो की जिंदगी बीत जाती है !”,अमर ने कहा
“मैं इसी जिंदगी में ये करके दिखाऊंगा”,अक्षत ने कहा
“इतना विश्वास है खुद पर ?”,अमर ने कहा
“अपने प्यार पर है सर और उस लड़की पर है जिसने मेरे लिए इतनी तकलीफे सही है !”,अक्षत ने कहा
अमर वहा से चला गया अक्षत मीरा के पास आया मीरा की आँखों में फिर से आंसू थे उसने अक्षत से कहा,”क्यों ? ये सब क्यों ?”
अक्षत ने प्यार से मीरा का चेहरा अपने हाथ में लिया और उसके करीब आकर कहा,”क्योकि ये सडु अपनी मीरा से बहुत प्यार करता है !! अपना ख्याल रखना मैं वापस आऊंगा और पुरे हक़ के साथ तुम्हे यहाँ से लेकर जाऊंगा मीरा !! तुम मेरा इन्तजार करोगी ना ?”
मीरा रो पड़ी अक्षत से दूर होना उसे गवारा नहीं था उसने रोते हुए हां में गर्दन हिला दी !
“ऐसे रो के भेजेगी मुझे यहाँ से ? मुस्कुरा दो ना मीरा वरना मैं जा नहीं पाऊंगा ,, चाहता तो सबके बिच से तुम्हे ले जा सकता था ये सब नहीं रोक पाते लेकिन मेरे लिए तुम्हारा सम्मान जरुरी है , अब तुम इस घर से इस अक्षत व्यास की दुल्हन बनकर जाओगी !”,अक्षत ने कहा
वहा खड़े लोग उन दोनों के प्यार को देखकर मुस्कुरा रहे थे और कुछ की आँखे नम थी , जीजू ने अक्षत के कंधे पर हाथ रखा उसे हिम्मत दी तो अक्षत ने मीरा का हाथ अपने हाथो में लेकर कहा,”और एक वादा करो मुझसे कभी खुद को कमजोर पड़ने नहीं दोगी , तुम मेरी ताकत हो मीरा , तुम यहाँ खुश रहोगी तो मैं वहा खुश रहूंगा !! मैं वापस आऊंगा मीरा अपने प्यार के लिए तुम्हारे लिए , उन सबके लिए जिन्हे हमारे मोहब्बत से मोहब्बत है !!”
मीरा बस रोती रही उस से कुछ बोला नहीं जा रहा था , कुछ समझ नहीं आ रहा था बस वह भीगी आँखों से अक्षत को देखे जा रही थी ! मीरा का परिवार उसके पास चला आया , सौंदर्या ने उसे सम्हाला अक्षत ने मीरा को देखा और फिर जीजू और अर्जुन के साथ वहा से चला गया ! मीरा उसे देखने के लिए खिड़की के पास आयी वो अभी भी रो रही थी , एक दूसरे के इतना पास आकर भी दोनों बिछड़ गए लेकिन दूरिया उनके लिए ही थी !! अक्षत ने पलटकर मीरा को देखा और मुस्कुरा दिया जाते जाते वह रुका और गाने लगा –
तुमसे मिलके है जाना जिंदगी है क्या ?
तू मेरी मन्नत तू ही है दुआ
सीने में चलती है साँस बनके तू
कैसे रहूंगा मैं होक जुदा ?
आंखे मेरी सपने तेरे , हो जायेंगे सब वो पुरे
कुछ ऐसे मिलेंगे फिर से हम , मर के भी ना होगी ये चाहते ख़त्म
कैसे कहे ? हमे कितनी मोहब्बत है , कितनी मोहब्बत है
कैसे कहे ? हमे कितनी मोहब्बत है , कितनी मोहब्बत है
मीरा ने सूना तो आंसू और ज्यादा बहने लगे , चेहरे से उदासी हटने का नाम नहीं ले रही थी उसने चेहरा घुमा लिया ! अक्षत मुस्कुराते हुए वहा से चला गया ,क्योकि वो जानता था ये उसके प्यार की जीत थी !
क्रमश – kitni-mohabbat-hai-59
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संजना किरोड़ीवाल