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कितनी मोहब्बत है – 36

Kitni mohabbat hai – 36

”कितनी मोहब्बत है – 36”

By – Sanjana Kirodiwal

मीरा ने निधि से वादा किया की वह उसके भाई से शादी करेगी ! अपनी दोस्त के लिए निधि बहुत खुश थी !! पुलिस अपने काम में लगी हुयी थी उन्होने मीरा की बताई जगह से उसका बैग और वो खत भी बरामद कर लिया ! अक्षत फोन लेकर बाहर आया देखा सोमित जीजू का फोन था
“हैलो
‘अक्षत ! कहा हो तुम ? कबसे फोन कर रहा हु , अच्छा ये सब छोडो ये बताओ मीरा कैसी है ? ठीक है ना वो
“हां जीजू मीरा ठीक है , अभी घर में है
‘थैंक गॉड वो ठीक है वरना तुम्हारा गुस्सा देखकर देखकर तो हम लोग डर ही गए थे !
“सॉरी जीजू !
‘अरे कोई बात नहीं , समझ सकता हु जिस से हम प्यार करते है उसे अगर जरा सी भी खरोच आये तो कितनी तकलीफ हो जाती है हमे !!
“पता नहीं जीजू लेकिन मीरा को दर्द में नहीं देख सकता !
‘वापस कब आ रहे हो ? देखो अक्षत तुम्हारी एंट्रेस की एग्जाम नजदीक है ऐसे में तुम्हारा आना बहुत जरुरी है
“जीजू मीरा के साथ जो कुछ हो रहा है एक बार उसके बारे में पता लगा लू
‘तुम पागल हो गए हो अक्षत एक हफ्ते बाद तुम्हारी एग्जाम है , तुम अपना सपना अपना करियर भूल रहे हो ,, मैं ये नहीं कह रहा की तुम मीरा के लिए फ़िक्र मत करो पर जिस तरह से मैंने यहाँ तुम्हे मेहनत करते देखा है मैं जानता हु की तुम्हे इसकी कितनी जरूरत है
“जीजू , मैं जब तक पता नहीं लगा लेता चैन से नहीं बैठूंगा
‘अक्षत
“जीजू प्लीज़ , आप नहीं जानते मीरा के साथ क्या क्या हुआ है ? यहाँ कौन है उसका ख्याल रखने वाला ? अगर उसके साथ कुछ गलत हो जाता तो मैं , मैं
कैसे समझाऊ आपको की उसे , उसे इस वक्त मेरी जरूरत है
“और तुम्हारी जरूरतों का क्या ? (पहली बार जीजू ने थोड़ा सख्त होकर कहा)
“मीरा ही मेरी पहली और आखरी जरूरत है
कहकर अक्षत ने फोन काट दिया ! सोमित के पास खड़ी तनु ने कहा,”क्या कहा उसने ? आ रहा है ना वो ?
“नहीं तनु , नामसझी कर रहा है तुम्हारा आशु , मैं मानता हु इस वक्त उसे मीरा की परवाह है पर मीरा का ध्यान रखने वाले बहुत लोग है वहा , वापस ना आकर वह ये मौका गवा देगा !
“आप चिंता मत कीजिये मैं उस से बात करती हु
“नहीं तनु , इस वक्त वो किसी की नहीं सुनेगा !
“पर क्यों ? मेरी सुनेगा मैं समझाउंगी उसे
“तुम समझ नहीं रही इस वक्त वो मीरा के प्यार में है , और प्यार में पड़े हुए इंसान को कुछ सही गलत समझ नहीं आता ,, उसके लिए मीरा से इम्पोर्टेन्ट कुछ भी नहीं है
“और अगर मीरा ही उसे यहाँ आने के लिए कहे तब
“हो सकता है वो मान जाये , लेकिन उसका आना बहुत जरुरी है ये मौका बार बार नहीं मिलता है तनु बहुत कम लोग एंट्रेस तक पहुँच पाते है और वो उल्लू का पट्ठा इसे ठोकर मार रहा है !
“आप शांत हो जाईये मैं मीरा से बात करती हु , वो इस बात को जरूर समझेगी !!
“ह्म्म्मम्म !
तनु ने सोमित के कंधे पर हाथ रखकर उसे हिम्मत दी !!
निधि और मीरा बैठकर बाते कर ही रहे थे की तभी रघु कमरे में आया और कहा,”मीरा दीदी आपके नाम से ये खत आया है !”
रघु के हाथ में खत देखकर मीरा और निधि दोनो ही हैरान थी , रघु ने खत मीरा को दिया और चला गया मीरा ने खत देखा ये कॉलेज में मिलने वाले खतों जैसा ही था बिना नाम पते का ! मीरा ने खोला और पढ़ने लगी

प्रिय मीरा ,
बहुत दिनों बाद तुम्हे शायद मेरा ये खत मिला होगा ! उम्मीद है तुम्हे उन सब सवालों के जवाब मिल चुके जो तुम जानना चाहती थी , वो हर सच जिस से मैंने तुम्हे दूर रखा वो तुम्हारे सामने आया होगा !! तुम्हारी दादाजी की लिखी वसीयत का तुम्हे सही इस्तेमाल करना है मीरा , वो सब तुम्हारा है और तुम जैसे चाहो वैसे उन पैसो को खर्च कर सकती हो पर मैं चाहती हु उस वसीयत का कुछ हिस्सा तुम अपने जैसे बच्चो के लिए खर्च करो अच्छी परवरिश नहीं
मिली है इस से मुझे ख़ुशी होगी !! अजमेर में जो हवेली है वो भी तुम्हारी वसीयत में है और तुम्हारी है तुम जब चाहो वहा जाकर रह सकती हो ,, तुम्हारे भाई बहन , रिश्तेदार और परिवार को लोग इस वक्त कहा होंगे ये तो मैं नहीं जानती पर हां जब भी वो आये तो उन्हें अपना लेना !!!
ये सब करने से पहले तुम्हे अपने लिए एक सहारा ढूंढना होगा , तुम समझ रही हो मैं क्या कहना चाह रही हु ,, हां मीरा मैं तुम्हारी शादी के बारे में बात कर रही हु , मेरे जाने के बाद तुम्हारे लिए ये फैसला लेना थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए ये फैसला लेना भी जरुरी होगा !! चाहती थी ये सब काम अपने हाथो से करू अपनी आँखों के सामने पर ईश्वर को ये मंजूर नहीं था !! मीरा तुम नहीं जानती कितने दुश्मन है तुम्हारे आस पास और मैं नहीं चाहती की तुम उनकी नजरो में आओ ,, एक बार तुम्हारी शादी हो जाये उसके बाद कोई तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता ! मेरी बात पर गौर करना और अपने लिए एक अच्छा जीवन साथी चुनना !! तुम्हारे पिता ने जाने से पहले तुम्हारे लिए इतनी सम्पति छोड़ी है की तुम्हे जिंदगीभर काम नहीं करना पड़ेगा मीरा ! लेकिन मैं चाहती हूँ फिर भी समाज में तुम्हारी एक अलग पहचान हो जो तुमने अपने पिता के नहीं बल्कि अपने दम पर कमाई हो !!
एक आखरी सच और है जो मैं तुम्हे बताना चाहती हु पर वो अगले खत में और वो खत तुम्हारे लिए मेरा आखरी खत होगा मीरा !! अपना ख्याल रखना

तुम्हारी माँ – सावित्री शर्मा !!

खत पढ़कर मीरा मुस्कुराने लगी , निधि ने देखा तो हैरानी से कहा,”क्या हुआ ? किसका खत है ? और मुस्कुरा क्यों रही हो तुम ?
मीरा ने खत समेटते हुए कहा,”माँ का खत है , पता है निधि पहले जब उनके लिखे ३ खत हमने पढ़े तब उलझन में थे आज ये पढ़कर पता नहीं क्यों उन्हें जवाब लिखने का मन कर रहा है ? ये खत पढ़कर एक सुकून मिल रहा है !
“मीरा क्या तुम्हे लगता है ये खत सच में आंटी ने ही लिखे होंगे ?”,निधि ने शक भरे अंदाज में कहा !
“जिसने भी लिखे हो पर कुछ पल के लिए हमे माँ के आस पास होने का अहसास दिला जाते है !!”,मीरा ने कहा
“मीरा तुम अपनी माँ को बहुत मिस करती हो ना ?”,निधि ने उसका हाथ पर अपना हाथ रखते हुए कहा
“हम्म्म , लेकिन एक बात बताऊ “,मीरा ने कहा
“हां !”,निधि ने कहा
“यहाँ आने के बाद हमे कभी नहीं लगा हम अनाथ है , राधा आंटी ने और बाकि सबने हमे इतना प्यार दिया है की हमे कभी माँ के ना होने का अहसास नहीं हुआ !”,मीरा ने प्यार से कहा
“आंटी नहीं स्टुपिड मम्मा कहो , वैसे भी जल्दी ही वो तुम्हारी सासुमा बनने वाली है !”,निधि ने मीरा को छेड़ते हुए कहा !
मीरा शरमा गयी और कहा,”अच्छा तुम जाओ यहाँ से , हमे पढ़ने दो तुम्हारे पेपर तो हो गए हमारा कल का पेपर बाकि है !”
“ऐसी हालत में पढ़ोगी , पेपर अगले साल फिर से दे देना ना !”,निधि ने कहा
“नहीं निधि , एक साल बर्बाद हो जाएगा”,मीरा ने कहा
“अच्छा ठीक है !”,निधि ने उठते हुए कहा
“निधि कमरे से हमारी बुक्स ला दोगी प्लीज़ !”,मीरा ने कहा
“जी मैडम जी , आप कहे तो आपके मास्टर जी को ही भेज देते है साथ में पढ़ा भी देंगे आपको !”,निधि ने छेड़ते हुए कहा तो मीरा मुस्कुरा उठी !
कुछ देर बाद निधि मीरा की किताबे लेकर उसके पास आयी और कमरे में रखकर चली गयी ! अक्षत अपने कमरे में सो रहा था सोते सोते उसने कोई सपना देखा जिसमे कोई उसे मीरा से छीनकर ले जा रहा है ! अक्षत झटके से उठ बैठा उसकी सांसे बहुत तेज चल रही थी अक्षत उठा और कमरे से बाहर आकर बालकनी में खड़ा हो गया हलकी सुहावनी धुप थी ! अक्षत वहा खड़े होकर सोचने लगा,”आखिर कौन हो सकता है जो मीरा का दुश्मन बना हुआ है ? क्यों वो मीरा को नुकसान पहुंचाना चाहता है ? लेकिन अक्षत कोई हल नहीं निकाल पाया !! अर्जुन अपने कमरे से बाहर आया तो अक्षत को बालकनी में खड़ा देखकर दूर से ही पूछा,”तुम्हारी साइड आ सकता हु क्या ?”
“क्या भाई आप भी ? ये क्यों पूछ रहे है आ सकते हो ?”,अक्षत ने बिना पलटे ही कहा
अर्जुन उसके पास आया और कहा,”मुझे लगा अब भी तुझमे पहले वाला ऐटिटूड होगा मेरी साइड मत आओ वाला सो पूछ लिया , क्या हुआ ? परेशान दिख रहा है तू कुछ ?”
“हम्म्म , समझ नहीं आ रहा कौन है जो मीरा के साथ इतनी घटिया हरकत कर रहा है ?”,अक्षत ने कहा
“तू टेंशन मत ले मेरी कुछ देर पहले ही इंस्पेक्टर से बात हुयी है , उन्हें मीरा का बैग मिल गया है जल्दी ही वो उसे भी ढूंढ लेंगे !”,अर्जुन ने अक्षत के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा !
“माँ ने बताया आपकी शादी की डेट फिक्स हो गयी है !”,अक्षत ने पूछा
“दो हफ्ते बाद की डेट फिक्स हुई है ! नीता के पापा चाहते है की शादी जल्दी हो जाये ताकि वो अपनी फॅमिली के साथ इंदौर छोड़कर अपने गांव जा सके !”,अर्जुन ने कहा
“ये तो अच्छी खबर है न भाई , भाभी जल्दी से इस घर में आ जाएगी ताकि आपको और घर को सम्हाल सके !”,अक्षत ने कहा
“तेरे बिना मैं ये शादी नहीं करूंगा , तेरा एंट्रेस कब है ?”,अर्जुन ने कहा
“डोंट वरी भाई मैं वापस दिल्ली नहीं जा रहा !”,अक्षत ने कहा !
“पागल हो गया है तू , तेरी एग्जाम का क्या हां ?”,अर्जुन ने चिंतित होकर कहा
“मैं मीरा को छोड़कर कही नहीं जाऊंगा !”,अक्षत ने कहा
“अक्षत पागल मत बनो , मीरा अब ठीक है और घर में है ,, तुम उसके परेशान मत हो हम सब है ना यहाँ , और फिर एक हफ्ते की तो बात है उसके बाद तो तुझे यही आना है !”,अर्जुन ने समझाते हुए कहा
“क्या उखाड लिया आप सबने यहाँ होकर ? अगर उसने हिम्मत नहीं दिखाई होती तो आज वो हम सबके बिच नहीं होती , और होती भी तो ना जाने किस हाल में होती ! उसके साथ कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता उसका ? अब मैं एक मिनिट भी उसे अपनी नजरो से दूर नहीं होने दूंगा !”,अक्षत ने गुस्से से कहा ! अर्जुन भी एक पल को सहम गया वह जानता था अक्षत का गुस्सा गलत नहीं था लेकिन बात अक्षत के करियर की थी इसलिए उसने प्यार से कहा,”हां मानता हु ये मेरी लापरवाही की वजह से हुआ लेकिन मुझे एक मौका तो दे अपनी गलती सुधारने का !”
“आप शादी पर ध्यान दो ? मीरा का ख्याल मैं रख लूंगा !”,कहकर अक्षत वहा से चला गया और निचे चला आया ! दादी माँ बाहर गार्डन में बैठी धुप सेक रही थी , पास ही दादाजी बैठे थे ! राधा हॉल में बैठकर कपडे समेट रही थी और निधि टीवी देख रही थी अक्षत चुपचाप मीरा के कमरे की और चला आया धीरे से दरवाजा खोलकर अंदर आया देखा तो मीरा सो रही थी किताब उसके सीने पर थी हाथो में शायद पढ़ते पढ़ते सो गयी थी वो !! अक्षत उसके पास आया किताब उसके हाथ से ली और साइड में रख दी ! बेड पर रखी कम्बल उसे ओढ़ाई और उसका सर सहला कर बाहर चला गया ! शाम को अक्षत किसी काम से शुभ से मिलने चला गया ! निधि के फोन पर सोमित जीजू का फोन आया उन्होंने निधि को मीरा से बात कराने को कहा ! निधि ने फोन लाकर मीरा को थमा दिया !
“नमस्ते जीजू , कैसे है आप ?
“मैं ठीक हु तुम बताओ तुम कैसी हो ?
“हम ठीक है , तनु दी और काव्या कैसी है ?
“वो दोनों भी अच्छी है , अच्छा मीरा सुनो
“जी कहिये
“तुम्हे मेरा एक काम करना होगा , करोगी
“हां जीजू बताईये
“देखो मीरा तुम तो जानती ही हो अक्षत कितना गुस्सैल और जिद्दी है , एक बार वो फैसला ले लेता है तो किसी की नहीं सुनता है ! अगले हफ्ते अक्षत का एंट्रेस का एग्जाम है और वो इंदौर है ऐसे में उसकी पढाई को बहुत नुकसान हो रहा है ! तुम ही हो जिसकी बात वो सुनेगा प्लीज़ तुम उसे एंट्रेस के लिए मनाओ !! “
“ठीक है हम कोशिश करेंगे की वो मान जाये
“प्लीज़ मीरा , ये उसका सपना है और तुमसे बेहतर उसे कोई जान नहीं सकता !
“जीजू हम पूरी कोशिश करेंगे की वो मान जाये !
“अच्छा , अर्जुन की शादी की में एक हफ्ते पहले आ रहे है हम लोग !”
“हां जीजू बिल्कुल आ जाईये आप लोगो के बिना यहाँ अच्छा नहीं लगेगा !
“अच्छा लो तनु बात करना चाहती है (सोमित फोन तनु को पकड़ा देता है)
“हेलो दी ,
‘हेलो मीरा , अब तबियत कैसी है तुम्हारी ?
“हम बिल्कुल ठीक है दी , आप बताईये
‘मैं ठीक हु मीरा , तुम बिल्कुल भी परेशान मत होना हम सब तुम्हारे साथ है !
“जब आप सब है तो कैसी परेशानी (मीरा हंस पड़ी)
‘मीरा अक्षत के साथ तुम भी दिल्ली आ जाओ , क्या पता इसका मन लग जाये फिर ?
“हम कैसे आ सकते है ? हम फिर कभी आएंगे दी (मीरा ने झिझकते हुए कहा)
‘कोई बात नहीं मजाक कर रही हु , मैं तो अभी से अर्जुन की शादी के लिए पेकिंग कर रही हु !
“जल्दी आईयेगा ,
‘हां , और तुम अपना ख्याल रखना , जब भी मन करे फोन कर लेना !
“जी दी , अभी हम रखते है !
‘हां ठीक है , बाय
रात के खाने के बाद मीरा अपने कमरे में बैठकर पढ़ रही थी तो अक्षत उसके पास आया और उसके हाथ से किताब लेकर कहा,”हालत देखो अपनी , पढ़ना जरुरी है इस वक्त !”
मीरा ने अक्षत की और देखा तो उसे जीजू की बात याद आ गयी लेकिन अंदर से वह भी थोड़ा डर रही थी क्योकि अक्षत के गुस्से से वह वाकिफ थी ! मीरा ने धीरे से कहा,”कल हमारा लास्ट पेपर है !”
“अच्छा , लेकिन सुबह ही तुम हॉस्पिटल से आई हो , ऐसे जागोगी तो ज्यादा बीमार हो जाओगी”,अक्षत ने कहा
“बैठिये , कुछ बात करनी है आपसे !”,मीरा ने कहा तो अक्षत उसके पास कुछ ही दूर बैठ गया और मीरा को देखने लगा उसका इस तरह देखना मीरा की बेचैनी बढ़ा देता था !! उसने कहा,”आप ऐसे देखेंगे तो हम बोल नहीं पाएंगे “
अक्षत मुस्कुरा उठा और साइड में देखते हुए कहा,”हम्म कहो क्या बात करनी है ?”
“आप दिल्ली वापस नहीं जा रहे !”,मीरा ने कहा
“हां
‘जान सकते हो क्यों ?
“तुम्हारे साथ जो हादसा हुआ है उसके बाद मैं तुम्हे अकेला छोड़ना नहीं चाहता
‘वो सिर्फ एक हादसा था अक्षत जी , अब ठीक है सब पर आप दिल्ली नहीं जायेंगे तो आपकी पढाई को नुकसान होगा
“मुझे उस से कोई फर्क नहीं पड़ता
‘पर हमे पड़ता है , हम नहीं चाहते किसी भी वजह से आपका सपना पूरा होने में परेशानी आये
“और तुम्हारा क्या ? (अक्षत ने गुस्से से मीरा को देखकर कहा)
‘हम ठीक है , और कमजोर नहीं है हम हर परेशानी का सामना कर सकते है
“हां देख रहा हु वो तो मैं , तुम सबके सामने स्ट्रांग बन सकती हो पर मेरे सामने नहीं
‘आपको जाना चाहिए
“नहीं मैं नहीं जाऊंगा
‘अक्षत जी , आपको जाना चाहिए जब आप एंट्रेस पास करेंगे तो आपसे भी ज्यादा ख़ुशी हमे होगी !
“अच्छा वो क्यों ?
‘फिर आप तीन साल के लिए दिल्ली चले जायेंगे , और हम सुकून से यहाँ रह सकेंगे ! कोई बार बार गुस्सा करने वाला , परेशान करने वाला नहीं होगा ना फिर
“अच्छा ठीक है ,
”बुरा लगा आपको ?
“नहीं मुझे क्यों बुरा लगेगा ? (अपने आपको कंट्रोल करके कहा)
‘तो फिर एक बार हमारी बात मान लीजिये ना , उसके बाद हम आपसे कभी कुछ नहीं कहेंगे ,, प्रॉमिस !
अक्षत ने कुछ नहीं कहा और उठकर कमरे से बाहर चला गया ! मीरा उदास हो गयी सोमित का कहा वो पूरा नहीं कर पाई ! अक्षत वहा से ऊपर कमरे में आया और अक्सर आईने के सामने खड़ा होकर सोचने लगा,”क्यों चला आया ऐसे उठकर ? क्या गलत कहा उसने ? तुझसे कुछ मांगा , पैसा , वक्त , तोहफे कुछ भी नहीं ,, है ना ,, सिर्फ तेरा फ्यूचर मांगा , तू दिल्ली जाता है तो इसमें मीरा का कोई फायदा नहीं है बल्कि उसे तुझसे दूर होना पडेगा ये जानते हुए भी वो तुझसे दिल्ली जाने की रिक्वेस्ट कर रही है !! तेरा अच्छा सोचकर उसने ये कहा है अक्षत , शी इज वन जो तुझे समझती है और जरूरत पड़ने पर तुझे समझाती भी है !
अक्षत वापस मीरा के कमरे में आया और कहा,”कल जिसका एग्जाम है वो बुक्स कोनसी है ?”
मीरा ने किताबे उठाकर अक्षत को दे दी ! अक्षत ने किताबे ली और कमरे से बाहर चला गया मीरा हैरानी से उसे देखती रही और मन ही मन कहा,”क्या अजीब इंसान है , कैसे झेलेंगे हम इनको ?”
अक्षत अपने कमरे चला आया सारी रात बैठकर वो उन किताबो को पढता रहा ! सुबह देर से उठा नहाधोकर निचे आया नाश्ता किया और वापस अपने कमरे में ! मीरा के एग्जाम सेंटर जाने का वक्त हुआ लेकिन इस बार अर्जुन के साथ साथ सिविल ड्रेस में पुलिस भी उसके साथ थी ! उन्हें देखकर मीरा ने विजय से कहा,”अंकल ये सब !”
“डरो मर बेटा ये सब तुम्हारी सेफ्टी के लिए ही है !”,विजय ने मीरा का गाल छुकर कहा
“अर्जुन मुझे पूरा यकीं है मीरा पर हमला करने वाला आज जरूर कोई बड़ी साजिश रचा होगा ! तुम्हारी गाड़ी आगे चलेगी और हम लोग दूसरी गाड़ी से सब पर नजर रखेंगे ! एंड डोंट वरी वो जो भी है पुलिस की नजरो से बच नहीं पायेगा !”,इंस्पेक्टर ने कहा ! इंस्पेक्टर को जो बैग बरामद हुआ था वो इंस्पेक्टर ने मीरा को दे दिया !
अर्जुन मीरा को लेकर कॉलेज के लिए निकल गया पीछे कुछ ही दूरी पर दूसरी गाड़ी थी जिसमे पुलिस थी !! अर्जुन की गाड़ी कॉलेज के सामने आकर रुकी मीरा और अर्जुन गाड़ी से उतरे पुलिस की गाड़ी कुछ दूर पहले ही झाड़ियों में रुक गयी ताकि नजर रख सके ! मीरा अंदर चली गयी अर्जुन ने उसे अपना ध्यान रखने को कहा और वापस आकर गाड़ी के पास खड़ा हो गया !! चलते चलते मीरा ने महसूस किया की उसकी बगल में कोई चल रहा है जैसे ही उसने देखा उसकी आँखे हैरानी से बड़ी हो गयी उसकी साइड में अक्षत चल रहा था ! मीरा कुछ पूछ पाती इस से पहले ही अक्षत ने उसका हाथ पकड़ा और आगे बढ़ गया ! क्लास में आकर उसने टीचर से कोई बात की और उसे एक कागज पकड़ा दिया ! टीचर ने परमिशन दे दी ! मीरा की कुर्सी के पास एक कुर्सी और जिस पर अक्षत आकर बैठ गया ! टीचर ने कॉपी और पेपर्स दिए मीरा के हाथ में चोट लगी थी इसलिए उसका पेपर अक्षत लिख रहा था !
मीरा हैरानी से बस उसे देखे जा रही थी ! मीरा के अलावा क्लास में मौजूद बाकि लड़किया भी अक्षत को देख रही थी और मन ही मन सोच रही थी काश इतना प्यार करने वाला इंसान हमे भी मिल जाये !! टीचर आराम से बैठा था अक्षत ने एक कागज निकाला और चीटिंग करने लगा मीरा ने देखा तो फुसफुसाते हुए कहा,”ये क्या कर रहे है आप ?
“शट अप , तुम्हे पास होना है ना मिस मीरा , तो चुपचाप बैठो ,,!”,अक्षत ने बिना किसी भाव के कहा और लिखता रहा ! मीरा को हार्ट अटेक आते आते बचा ये जानकर की अक्षत जैसा कॉलेज का टॉपर चीटिंग कर रहा है ! उसने फिर बोलना चाहा तो अक्षत ने अपने दूसरे हाथ से उसका हाथ पकड़कर चुप रहने का इशारा कर दिया !! मीरा खामोश हो गई लेकिन साइड में बैठी लड़की को दोनों का हाथ दिखाई दे रहा था और वह मुस्कुरा रही थी !! मीरा जितना अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती अक्षत की पकड़ उसके हाथ पर उतनी ही मजबूत होती जाती ! अक्षत ने पेपर ख़त्म किया और मीरा का हाथ पकडे पकडे उठकर कहा,”सर डन !”
टीचर ने अक्षत के हाथ में मीरा का हाथ देखा तो मुस्कुराने लगा अक्षत ने देखा सब उसकी तरफ ही देख रहे है तो उसे हाथ का ध्यान आया और उसने मीरा का हाथ छोड़ते हुए कहा,”सॉरी सर , केन वी जो सर ?”
“हां आप दोनों जा सकते है !”,टीचर ने कहा !
अक्षत और मीरा उठाकर क्लास के बाहर चले गए !
बाहर आकर मीरा ने अक्षत से कहा,”ये सब क्या था ? और टीचर ने आपको पेपर करने की परमिशन कैसे दे दी ?”
“इस कॉलेज के प्रिंसिपल मेरे दोस्त के डेड है , उन्हें बताया की तुम लिखने की हालत में नहीं हो तो उन्होंने मुझे लिखने की परमिशन दे दी ! पहले तो वो नहीं मान रहे थे फिर थोड़ा झूठ बोलना पड़ा !”,अक्षत ने चलते हुए कहा
मीरा तेज चलकर उसके सामने आयी और कहा,”क्या झूठ कहा आपने ?”
“मैंने उनसे कहा सर वो मेरी वाइफ है दिमाग से थोड़ी बीमार है , उसे पास होना है लेकिन फ़ैल होने के डर से उसने टेंशन ले ली और टेंशन में चक्कर आकर गिर गयी तो चोट लग गयी , उन्हें मेरी स्टोरी सच लगी तो मिल गयी परमिशन !”, अक्षत ने कहा
“आपने झूठ कहा ?”,मीरा अक्षत का ये रूप देखकर हैरान थी !!
“सो व्हाट ? तुम्हारे लिए ऐसे सो झूठ बोल सकता हु मैं”,अक्षत ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा !!
तभी दूर से चपरासी से आते हुए कहा,”आपका नाम मीरा राजपुत है ?”
“जी !”,मीरा ने हैरानी से कहा
“आपके लिए फोन है , सामने ऑफिस में”,कहकर चपरासी वहा से चला गया !!
मीरा ने घबराई हुई नजर से अक्षत की और देखा तो अक्षत ने पलके झपकाकर उसे आश्वस्त किया और उसके साथ चल पड़ा ! ऑफिस में आकर मीरा ने फोन उठाया तो अक्षत ने उसके हाथ से फोन लेकर अपने कान से लगा लिया ! दूसरी तरफ से आवाज आयी,”सूना है तुम बच गयी हो , लेकिन कब तक ? मेरी नजर हर वक्त तुम पर है मीरा ,, इतनी आसानी से नहीं मरने दूंगा तुम्हे !!!”

क्रमश -: kitni-mohabbat-hai-37

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