Sanjana Kirodiwal

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कितनी मोहब्बत है – 27

Kitni Mohabbat Hai – 27 

कितनी मोहब्बत है – 27

bY- SANJANA KIRODIWAL

अक्षत और मीरा दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते रहे और फिर मीरा वहा से चली गयी ! किचन में आकर उसने बर्तन रखे उसका मन एक अजीब सी बेचैनी से घिरा था ! लग रहा था जैसे कुछ छूट रहा है , उस से दूर जा रहा है लेकिन क्या वह नहीं समझ पा रही थी ? अक्षत के साथ उसका जो रिश्ता था उसे वह कोई नाम नहीं दे सकती थी लेकिन ये रिश्ता वक्त के साथ और गहरा होता था !! मीरा किचन से बाहर आयी तो राधा मिल गयी उसे देखकर राधा ने कहा,”बेटा तुम सोई नहीं अभी तक ?”
“जी आंटी बस सोने ही जा रहे है !”,मीरा ने कहा 
“हां सो जाओ थक गयी होगी ना तुम , वैसे भी आज तुमने हमारी बहुत मदद की है !”,राधा ने प्यार से मीरा के गाल को छूकर कहा !
“अरे नहीं आंटी कैसी बात कर रही है आप ?”,मीरा ने कहा 
“अच्छा अब तुम जाओ , सुबह कॉलेज भी जाना होगा न तुम्हे !”, राधा ने कहा तो मीरा वहा से चली गयी ! सीढिया चढ़कर जब ऊपर आयी तो देखा अक्षत अभी भी हॉल में ही बैठा है और किसी गहरी सोच में डूबा है ! मीरा उसके पास आयी और कहा,”आप अभी तक यही बैठे है , सोना नहीं है आपको ?”
मीरा की आवाज से अक्षत की तंद्रा टूटी तो उसने धीरे से कहा,”बस ऐसे ही नींद नहीं आ रही थी !!”
मीरा आकर सोफे पर कुछ दूरी बनाकर उसकी बगल में बैठ गयी और कहा,”उसका इलाज भी है हमारे पास !”
“क्या ?”,अक्षत ने मीरा की और देखकर कहा ! 
“धीमी आवाज में अपना पंसदीदा म्यूजिक सुनेंगे तो नींद जरूर आएगी !”,मीरा ने कहा 
“इतनी रात में म्यूजिक ? इस वक्त तो मेरा फोन भी बंद है कैसे सुनु ?”,अक्षत ने मायूसी से कहा ! 
“कोई बात नहीं आप खुद से गुनगुना लीजिये !”,मीरा ने कहा 
“मेरी आवाज इतनी अच्छी नहीं है !”,अक्षत ने कहा 
”हां वो तो है , थोड़े खड़ूस हो ना आप इसलिए !”,कहते हुए मीरा मुस्कुरा उठी , इस बार मीरा का मजाक अक्षत को बुरा नहीं लगा वह जानता था बस कुछ वक्त और  है उसके बाद वह यहाँ से चला जाएगा ! उसने मीरा की और देखकर कहा,”अच्छा , फिर तुम ही सूना दो कुछ तुम्हारी तो आवाज भी मुझसे अच्छी है !”
“हम , हम क्या सुनाये ?”,मीरा ने हिचकिचाते हुए कहा 
“कुछ भी जो मुझे सुला सके !”,अक्षत ने उसकी आँखो में झांकते हुए कहा 
“नहीं हम नहीं गए पाएंगे ऐसे आपके सामने”,कहते हुए मीरा उठकर जैसे ही जाने लगी अक्षत ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया और कहा,”तुम चाहती हो मैं सारी रात यही बैठकर गुजार दू !”
“नहीं !”,मीरा ने कहा 
“तो फिर सूना दो ना कुछ !”,अक्षत ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा !  मीरा वापस बैठ गयी कुछ देर खामोश रही और फिर धीरे धीरे गाने लगी 
– लग जा गले के फिर ये हंसी रात हो ना हो 
शायद फिर इस जन्म में मुलाकात हो ना हो 
लग जा गले के फिर ये हंसी रात हो ना हो 
शायद फिर इस जन्म में मुलाकात हो ना हो 
लग जा गले के के !!!
मीरा ने जब गाना शुरू किया तो अक्षत बस उसकी आवाज में खोकर रह गया ! वह ख़ामोशी से मीरा का गाना सुनता रहा और मीरा भी आँखे मूंदे गाती रही ! हॉल की सभी लाइट जल रही थी अक्षत उठा और सभी लाईटस बंद कर दी बस एक छोटी लाइट जलती छोड़ दी जो बिल्कुल सोफे के बगल में ऊपर थी जिसकी मध्यम रौशनी में मीरा साफ़ नजर आ रही थी ! अक्षत वापस  मीरा के पास आया और उसके पूछने से पहले ही बोल पड़ा,”रौशनी रहेगी तो माँ को लगेगा मैं जाग रहा हु !”
“हम्म्म , कोई बात नहीं !”,मीरा ने धीरे से कहा 
अक्षत सोफे पर आकर बैठ गया और मीरा से कहा,”हम्म्म अब गाओ !”
मीरा मुस्कुराते हुए गाने लगी,”हमको मिली है आज ये घडिया नसीब से ,
 जी भर के देख लीजिये हमको करीब से !
फिर आपके नसीब में ये रात हो ना हो 
शायद फिर इस जन्म में मुलाकात हो ना हो ! 
लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो ना 
शायद फिर इस जन्म में मुलाकात हो ना हो !
मीरा गाते हुए इतना खो गयी की उसके अंदर का दर्द उसके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था ! अक्षत बड़े प्यार से मीरा को देख रहा था ! तभी उसने अपना सर मीरा की गोद में रखा और वही  सोफे पर लेट गया ! मीरा उसे ना भी ना कह पाई शायद ये हक़ वह उसे बहुत पहले दे चुकी थी ! अक्षत ने अपनी आँखे मूंद ली ! मीरा अक्षत को देखते हुए आगे गाने लगी – पास आईये के हम नहीं आएंगे बार बार 
बांहे गले में डाल के , हम रो ले जार जार 
आँखों से फिर ये प्यार की बरसात हो ना हो !
शायद फिर इस जन्म में मुलाकात हो न हो !
लग जा गले के फिर ये हंसी रात हो ना हो !
शायद फिर इस जन्म में मुलाकात हो ना हो ! 
लग जा गले !! 
गाते हुए मीरा का हाथ अक्षत के सर से जा लगा ! वो सो चुका था उसका सर मीरा की गोद में था और सोते हुए वह किसी मासूम बच्चे सा दिखाई दे रहा था ! उसके बाल बिखर कर आँखों पर आ रहे थे ! जिन्हे मीरा ने बड़े प्यार से अपनी उंगलियों से साइड में कर दिया ! वह एकटक उसके चेहरे को देखती रही !!
ये प्यार ही था जो मीरा को वह बैठने के लिए मजबूर कर रहा था ! अक्षत गहरी नींद में था मीरा उसके साथ वही बैठी रही हल्की ठंड बढ़ने लगी तो उसने वही पास लगा हीटर चला दिया !! कुछ देर बाद मीरा की भी आँखे मूंदने लगी और वह अपना सर सोफे से लगाकर सो गयी ! देर रात अर्जुन उठा कमरे में देखा कही पानी नहीं है , पानी लेने जैसे ही वह अपने कमरे से बाहर आया उसकी नजर हॉल में सोये अक्षत और मीरा पर गई ! अर्जुन उनकी तरफ आया दोनों को साथ देखकर मुस्कुरा उठा ! दोनों साथ में इतने प्यारे दिख रहे थे की अर्जुन से रहा नहीं गया और वह अंदर जाकर अपना फोन ले आया उसने दोनों की एक तस्वीर ली और उसे नीता को भेज दिया साथ में निचे लिख दिया “मेरे घर के दो लव बर्ड्स”
अर्जुन ने देखा हॉल में थोड़ी ठण्ड थी और दोनों ऐसे ही लेटे है तो वह अक्षत के कमरे में गया और उसका कम्बल उठा लाया ! कम्बल लेकर जैसे ही वह पलटा उसकी नजर सामने की दिवार पर गयी जिसे देखने के बाद उसके आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा ! उसके मुंह से निकला,”अच्छा बेटा जी इसलिए किसी को तुम्हारे कमरे में आने की परमिशन नहीं मिलती थी !” अर्जुन मुस्कुराने लगा क्योकि उसने जो देखा वो अक्षत की लाइफ का सबसे खूबसूरत हिस्सा था ! अर्जुन ने कमरे की लाइट ऑफ की और कम्बल लेकर बाहर चला आया उसने कम्बल अक्षत और मीरा को ओढ़ाया और मन ही मन कहा,”मै जानता था तुम दोनों की जिंदगी में एक दिन ऐसा दिन जरूर आएगा ! बस तुम दोनों हमेशा ऐसे ही खुश रो , साथ रहो !”
अर्जुन वहा से निचे चला गया ! उसने पानी पीया तब तक नीता का कॉल आ गया अर्जुन ने कहा – हेलो !!
– मुझे लगा ही था इन दोनों के बिच कुछ तो है (खुश होकर)
“अच्छा , आखिर भाई किसका है ? मेरा ! तो पीछे कैसे रह सकता था ?”
– हां हां मालूम है तुम्हारा भाई है , लेकिन वो दोनों सच में साथ साथ बहुत प्यारे लग रहे है !
“अरे मैं तो कबसे कह रहा हु अक्षत को , लेकिन वो है की भाव खाने में लगा हुआ है , पर आज बच्चू फंस गया अब देखना कैसे चिढ़ाता हु उसे मैं इस तस्वीर के जरिये ,, उसके मुंह से सच्चाई सुनकर रहूंगा !”
– सुनना क्या है ? साफ साफ दिख रहा है दोनों एक दूसरे से कितना प्यार करते है , मुझे तो वैसे भी मीरा बहुत पसंद है अब वो मेरी देवरानी बन जाएगी इस से अच्छा और क्या हो सकता है भला ?
“हां वो तो है ही , मीरा मेरी पहली दोस्त है !”
– अच्छा तो फिर मैं क्या हु ? (झूठी नाराजगी दिखाकर)
“अरे तुम तो मेरी जान हो !” 
– अच्छा जी , वैसे अक्षत भैया और मीरा कब बता रहे है अपने बारे में घरवालों को ?
“वो कभी नहीं कहेगा , कहना तो दूर वो मानेगा ही नहीं की वो मीरा से प्यार करता है”
– तो फिर ? (चिंता जताती है)
“पहले हमारी हो जाये उसके बाद पापा से बात करूंगा , रही अक्षत की बात तो उसे आकर तुम मना लेना ! मैंने सूना है देवर भाभियो की बाते जल्दी सुनते है ( शरारत से छेड़ते हुए)
– धत बेशर्म , अच्छा सुनो पापा कह रहे थे अगले महीने शादी की डेट फिक्स करवा देते है ! तुम बताओ ?
“इतनी जल्दी !”
– हां वो उसके बाद बड़े पापा चाहते है की पापा और माँ अपने गांव जाकर रहे !
“अरे इट्स ओके जैसा उनको ठीक लगे वो कर सकते है , पापा से बात कर लेंगे मैं कहूंगा तो अच्छा नहीं लगेगा 
– हम्म्म ओके , तैयारी कर लो अर्जुन जी आ रहे है जल्दी ही 
“मैं तो कबसे तैयार हु तुम ही देर कर रही हो ! ( हसने लगता है !)
– अच्छा अब तुम जाओ सोने रात बहुत हो गयी है मैं भी जा रही हो ! 
“अच्छा सुनो जाने से पहले एक 
– एक क्या ?
“वही हो देना चाहिए , एक किस्स्स
– वो सब शादी के बाद , गुड़ नाईट 
“अरे सुनो ! सुनो तो सही 

फोन कट जाता है तो अर्जुन खुद से ही कहता है,”आओ तुम घर में बताता हु तुम्हे !” अर्जुन ऊपर चला आता है सीधा अपने कमरे में आकर लेट जाता है ! सुबह अक्षत की आँख खुलती है तो वो खुद को सोफे पर पाता है मीरा की गोद में ! जैसे ही उसकी नजर मीरा के सोये हुए चेहरे पर पड़ती है वह बस उसमें ही खो जाता है ! जब उसने देखा उसका सर मीरा की गोद में है तो वह मुस्कुरा उठा और उठकर बैठ गया ! अभी सूरज नहीं निकला था हल्का अँधेरा था उसने मीरा के चेहरे पर बिखरी बालो की लटो को साइड किया और उसके कान के पास अपने होंठो को लाकर धीरे से कहा,”गुड़ मॉर्निंग !”
अक्षत के सांसो की गर्माहट ने जब मीरा के कानो को छुआ तो वह नींद से जाग गयी ! उसने देखा अक्षत उसके बहुत करीब है तो वह पीछे हटी और कहा,”आप यहाँ ?”
“हम्म्म शायद मैं रात में यही सो गया था , तुमने मुझे उठाया क्यों नहीं ?”,अक्षत ने अपने बालो को सही करते हुए कहा 
“वो आप सोते हुए अच्छे लग रहे थे !”,मीरा नींद में ये कह गयी तो अक्षत हसने लगा और कहा,”पागल हो तुम सच में ! उठा देना था मेरी वजह से तुम भी यही सो गयी ! वो तो अच्छा है किसी ने देखा नहीं !”
“हम जाते है !”,कहते हुए मीरा जैसे ही उठी उसका पैर कम्बल में उलझ गया और वह सीधा आकर अक्षत पर गिरी ! अक्षत ने उसे तो सम्हाल लिया लेकिन खुद को नहीं सम्हाल पाया वह मीरा को देखता रहा ! बाहर सुबह सुबह ठंडी हवा चल रही थी जो की मीरा और अक्षत को छूकर गुजर रही थी ! मीरा उठी और खुद को सम्हालते हुए कहा,”आज का दिन ही ख़राब है !”
मीरा जल्दी जल्दी अपना दुपट्टा सम्हाले अपने कमरे में चली गयी पीछे बैठा अक्षत उसे देखकर मुस्कुराते हुए बोला,”आज की सुबह बहुत खूबसूरत है !”

मीरा के जाने के बाद अक्षत कंबल ओढ़कर फिर से सो गया l मीरा अपने कमरे में आयी उसका दिल तेजी से धड़क रहा था अक्षत के कहे दो शब्द उसके कानों में अभी भी गूंज रहे थे ! मीरा ने अलमारी से कपडे निकाले और नहाने चली गयी वापस आकर उसने निधि को उठाया और कॉलेज के लिए तैयार होने का बोलकर खुद नीचे चली आयी l निधि उठी और नहाने चली गयी l नीचे आकर मीरा ने मंदिर में बैठी दादी की मदद की , दादाजी को अख़बार और चाय दिया , विजय के कपडे प्रेस करके रख दिए और इसके बाद वह राधा की मदद के लिए किचन में चली आयी उसे देखते ही राधा ने कहा,”अरे मीरा तुम्हारे बाल गीले है , पानी झर रहा है फर्श पर”
मीरा को याद आया जल्दी जल्दी में वह बालो को सुखाना तो भूल ही गयी उसने बालो को समेटते हुए कहा,”माफ़ करना आंटी हम अभी आते है”
राधा मुस्कुरा दी और एक बार फिर अपने काम में लग गयी l मीरा बाहर बालकनी में आयी और बालों को झटकने लगी , उसके बाल बहुत लंबे थे और सूखने में वक्त भी लगता था मीरा को आज इन बालो से झुंझलाहट हो रही थी l उसने जैसे ही बालो को पीछे की और झटका बालों का पानी पीछे खड़े अक्षत को जाकर लगा जो की अभी अभी नीचे आया था l मीरा की शक्ल देखने लायक थी वो सोररी बोलने ही वाली थी की अक्षत ने कहा,”क्या कर रही हो यहाँ ?”
“वो हम , हम अपने बाल सूखा रहे थे”,मीरा ने डरते डरते कहा उसे लगा अक्षत उसे अब कुछ ना कुछ सुना देगा पर ऐसा नही हुआ बल्कि उसने उसके पास आकर प्यार से कहा,”ऐसे बाल सुखाते है”
“वो , गीले है तो ऐसे ही सुखाना पडेगा”,मीरा ने धीरे से कहा
अक्षत ने मीरा का हाथ पकड़ा और कहा,”चलो मेरे साथ !”
“कहा ?”,मीरा ने कहा
“चलो !”,कहते हुए अक्षत मीरा को वहा से ले गया और अंदर राधा के कमरे में लेकर आया उसने मीरा को ड्रेसिंग के सामने बैठने को कहा और खुद कुछ ढूंढने लगा ! उसने कोने में रखा हेयर ड्रेसर उठाया और उसे प्लग में लगाकर मीरा के सामने खड़ा हो गया l मीरा समझ नही पा रही थी की आखिर अक्षत करना क्या चाहता है वह बस ख़ामोशी से उसे देखते रही ! अक्षत ने ड्रेसर ऑन किया और मीरा के बालो को सुखाने लगा l उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे वह बस अपना पूरा ध्यान मीरा के गीले बालों में लगाये हुए था ll मीरा प्यार से एकटक अक्षत को देख रही थी उसका ये रूप तो मीरा ने कभी नही देखा था l वो किसी की इतनी परवाह भी कर सकता है ये मीरा ने आज पहली बार देखा था l मीरा के बाल सूखे तो अक्षत ने कहा,”हो गया , अब इन्हें समेट लो”
अक्षत वहा से जाने लगा तो मीरा ने कहा,”सुनिए !”
“कहिये”,अक्षत ने पलटकर कहा
“आप तो हमारी तरह बात कर रहे है”,मीरा ने हैरान होकर कहा
“संगत का असर है जी , आप कुछ कह रही थी”,अक्षत ने कहा
“हां वो थैंक्यू कहना था आपने मेरी हेल्प की”,मीरा ने कहा अक्षत मुस्कुराया और मीरा के पास आकर कहा,”मैं फ्री में कुछ नही करता , ऊपर तुम्हारे कमरे में मेरे कपडे रखे है रघु है नही तो उन्हें तुम प्रेस करना”
“क्या ?”,मीरा ने हैरानी से कहा
“और हां एक भी सलवट नही होनी चाहिए , ब्रांडेड शर्ट है”,कहते हुए अक्षत वहा से चला गया
मीरा भौचक्की सी खड़ी रही और कहा,”कितने खड़ूस है ये , हेल्प के बदले काम करवाएंगे हमसे ! सड़ू कही के”

मीरा पैर पटकते हुए बाहर चली आयी l नाश्ता लग चुका था सभी नाश्ते के लिए आकर बैठ गए मीरा को अक्षत के पास बैठना पड़ा l राधा ने सबके लिए नाश्ता लगाया और खुद भी खाने बैठ गई l अक्षत ने देखा सब खाने में बिजी है तो उसने थोड़ा सा मीरा की और झुकते हुए कहा,”4 ड्रेसेज है तुम कर लोगी न प्रेस ?”
“ये ठीक नही कर रहे आप”,मीरा ने अक्षत को घूरते हुए कहा
“बिल्कुल ठीक कर रहा हु , हेल्प के बदले हेल्प और तुम्हे तो वैसे भी इतना शौक है सबकी मदद करने का , मेरी भी कर दो”,अक्षत ने कहा
“लेकिन हमारा कॉलेज ?”,मीरा ने फुसफुसाते हुए कहा
“एक दिन कॉलेज जाकर कौनसा कुछ उखाड लोगी तुम ?चुपचाप घर में रहो , मैंने जो कहा वो करो”,अक्षत ने सामने देखते हुए कहा
“और अगर हम ना कह दे तो “,मीरा ने कहा
“आज तक तो किसी ने किया नही और तुम भी नही कर पाओगी”,अक्षत ने मीरा की और देखकर कहा
मीरा ने कुछ नही कहा बस चुपचाप अपना नाश्ता करने लगी उसे जल्दी से जल्दी वहा से उठकर जाना था l अक्षत ने जब देखा मीरा उठने की तैयारी में है तो उसने टेबल के नीचे से उसका हाथ कसकर पकड़ लिया l
“ये क्या कर रहे है आप ? हमारा हाथ छोड़िये”,मीरा ने अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा लेकिन अक्षत तो जैसे कुछ सुन नहीं रहा था बस सामने देखते हुए दूसरे हाथ से नाश्ता कर रहा था l मीरा को फिर से बोलता पाकर अक्षत ने कहा,”माँ मीरा को और उपमा दीजिये !”
हां कहते हुए राधा ने मीरा की प्लेट में और उपमा रख दिया बेचारी मीरा ना तक नही बोल पाई उसका पूरा ध्यान तो अक्षत से अपना हाथ छुड़ाने में था लेकिन अक्षत ने इतना कसकर पकड़ा हुआ था कि मीरा की हर कोशिश बेकार थी , मुंह लटकाकर वह वापस बैठ गयी लेकिन खाये कैसे हाथ तो अक्षत ने पकड़ा हुआ था l उलटे हाथ से खाना उसे आता नही था उसने रोनी सी सूरत बनाकर अक्षत की और देखा तो अक्षत ने कहा,”तुम्हारी इन नोटनकियो से मुझे कोई फर्क नही पड़ता नाश्ता करके तुरन्त ऊपर आओ”

अक्षत उठा और चला गया l मीरा ने नाश्ता किया और वाशबेसिन के पास आकर हाथ धोने लगी l ऊपर तो उसे जाना ही था अपनी बुक्स और बैग लेने जैसे ही ऊपर आयी अक्षत ने उसे साइड में लाकर कहा,”हाथ दिखाना अपना”
मीरा ने हाथ आगे बढ़ा दिया जो की अक्षत की पकड़ से हल्का सा रंगत ले चुका था l अक्षत को बुरा लग रहा था उसने धीरे से कहा,”सोररी !”
“कोई बात नही , कभी कभी आपको समझना बहुत मुश्किल हो जाता है”,मीरा ने धीरे से कहां
“ऐसा ही हु मैं , कॉम्प्लिकेटेड सबको समझ नही आता”,अक्षत ने दूसरी और घूमकर कहा
“पर हम समझते है , आप कॉम्प्लिकेटेड नही है बस चीजो को अपने हिसाब से चाहते है और ये हमेशा सही नही होता”,मीरा ने शांत स्वर में कहा
अक्षत ने कुछ नही कहा तो मीरा वहा से चली गयी l उसने निधि से कॉलेज जाने को कहा और खुद अक्षत के कपडे प्रेस करने लगी !! अक्षत के कपडे प्रेस करके मीरा ने उन्हें अक्षत को सौंप दिया लेकिन अक्षत उसे कुछ कहता इस से पहले ही मीरा नीचे चली गयी l नीचे मीरा दादी के पास आयी तो दादी ने कहा,”मीरा आज कॉलेज नही गयी बेटा ?”
“हां दादी माँ एग्जाम्स शुरू हो रहे है ना तो पढाई के लिए रुक गए , वहा इतनी पढाई नही होती अब “,मीरा झूठ बोल गयी
“अच्छा आओ बैठो , जरा एक काम करोगी मेरा”,दादी ने कहा
“हां दादी कहिये ना”,मीरा ने पास बैठते हुए कहा
“जरा ये तेल मल दो मेरे बालो में दो दिन से काफी खुश्की लग रही”,दादी ने कटोरी मीरा की और बढाकर कहा l मीरा ने तेल की कटोरी ली और ख़ुशी ख़ुशी दादी के बालो में तेल लगाने लगी मीरा को ढूंढते ढांढते अक्षत भी वहा आ पहुंचा और दादी के पास बैठते हुए कहा,”क्या बात है दादीमाँ बुढ़ापे में ये सब”
“बूढी होगी तेरी माँ अभी तो मेरे सजने सवरने के दिन है”,दादी ने अक्षत के सर पर चपत लगाते हुए कहा
“अरे हां हां मेरी बेबी डॉल , वैसे ये लगा क्या रही है आप ?”,अक्षत ने कहा
“तेल है इस से बाल अच्छे होते है , तुम आजकल के लड़के लडकिया तो वो शेम्पू , कंडीशनर लगाते हो उस से बालो की जान निकल जाती है”,दादी ने कहा
“पर अच्छे लगते है”,अक्षत ने मीरा की और देखकर कहा
“तू यहाँ क्या कर रहा है ? चल जा जाकर पेकिंग कर अपनी “,दादी ने कहा
“कर लूंगा दादी , सुबह निकलना है अभी तो बहुत टाइम है”,अक्षत ने उनकी गोद में सर रखते हुए कहा
अक्षत के जाने की बात सुनकर मीरा के हाथ रुक गए तो दादी ने कहा,”बस कर मीरा , इतना काफी है !”
“जी दादी माँ”,कहते हुए मीरा जैसे ही उठने लगी अक्षत बोल पड़ा,”दादी सोच रहां हु मै भी अपने बालो में तेल लगवा लू”
“हां हां लगवा ले मीरा लगा देगी इसके हाथो में तो जादू है”,दादी ने मीरा की और देखकर कहा
“लगा दोगी ना मीरा”,अक्षत ने कहा
“हम्म्म्म आईये !”,मीरा ने अक्षत को आने का इशारा किया l अक्षत उठकर बैठ गया और मीरा के पास खिसक गया मीरा अपने दोनों पांव ऊपर करके बैठ गयी उसने हाथो में तेल लिया और अक्षत के बालो में भी लगा दिया l मीरा के हाथो की छुअन अक्षत को एक खूबसूरत अहसास दिला रही थी l

मीरा वहा से चली गयी l उसे परेशान करने में अक्षत को बड़ा मजा आता था , अपने कमरे में आकर मीरा पढाई करने लगी पढ़ते पढ़ते ही वह सो गई l निधि कॉलेज से सीधा अपनी दोस्तों के साथ मार्किट चली गयी शाम को मीरा उठी और कमरे से बाहर आई तो अर्जुन से टकरा गई l
“माफ़ करना वो हमने देखा नही था”,मीरा ने कहा
“कोई बात नही मीरा”,अर्जुन ने मुस्कुरा कर कहा
मीरा जाने लगी तो अर्जुन ने कहा,”अक्षत को कही देखा तुमने”
“जी नहीं !”,मीरा ने कहा तो अर्जुन वहा से चला गया l अक्षत अपने कमरे में बंद अपनी पेकिंग करने में लगा हुआ था उसने सारा सामान जमाया और फिर बन्द करके साइड में रख दिया l कमरे में बिस्तर के सामने लगी दिवार को देखते हुए सोचने लगा l “बस कुछ वक्त और फिर मेरे ये सारे सपने पूरे होने , वो सब मिलेगा जो मेरा दिल चाहता है , और वो भी जिसे मेरा दिल चाहता है”
अँधेरा होने लगा था l मीरा दादा दादी के साथ मंदिर गयी हुई थी वहां उसने अक्षत की कामयाबी के लिए दुआ मांगी और मन्नत का धागा भी लिया l घर लौटी तो अक्षत कही दिखाई नही दिया वह ऊपर चली आयी अक्षत बालकनी में खड़ा था मीरा उसके पास आई और कहा,”अपना हाथ दीजिये !”
अक्षत ने अपने हाथ आगे बढ़ा दिया मीरा ने मन्नत का धागा अक्षत के हाथ पर बांधते हुए कहा,”ये मन्नत का धागा है , इस से आपके सारे सपने पूरे हो जायेंगे”
“तुम इन सब में विश्वास रखती हो”,अक्षत ने पूछा
“कुछ चीजो में होता है , अगर आप दिल से किसी की ख़ुशी मांगते है तो वो जरूर मिलती है”,मीरा ने कहा
“इस धागे पर तो नही पर हां तुम्हारी प्रार्थना पर विश्वास है”,अक्षत ने प्यार से कहा
मीरा उसकी बगल में खडी हो गयी और कहा,”आप हमेशा आकर यहाँ खड़े होते है ऐसा क्यों ?”
“क्योंकि यहाँ एक सुकून है , बिल्कुल शांत इतना की तुम अपनी ही धड़कने सुन सकती हो”,अक्षत ने कहा
“अच्छा आपसे एक बात पूछे”,मीरा ने कहां
“हां पूछो”,अक्षत ने कहा
“आप हमें इतना परेशान क्यों करते है ?”,मीरा ने कहा
अक्षत मुस्कुराने लगा और फिर कहा,”अच्छा लगता है , वैसे भी अब मैं तो कल जा रहा हु तो कोई परेशान नही करेगा तुम्हे”
मीरा उदास हो गयी दोनों कुछ देर खामोश खड़े रहे और फिर मीरा वहा से चली गयी l अक्षत को वह अब भी समझ नही पा रही थी वह चाहती थी अक्षत उस से ढेर सारी बाते करे लेकिन अक्षत सिर्फ गिनी चुनी बातें ही बोलता था l अपने कमरे में आकर मीरा ने अपना ध्यान पढाई में लगाने की कोशिश की लेकिन नहीं लगा पाई l निधि नीचे थी मीरा कमरे में यहाँ से वहा घूमने लगी वक्त तेजी से गुजर रहा था l
अक्षत अभी भी बालकनी में खड़ा था तभी उसका फोन बजा मोना नीचे कॉरिडोर में खड़ी थी उसने अक्षत को नीचे आने को कहा ! अक्षत को याद आया आज उसने मोना से मिलने का वादा किया था और वह वक्त पर नही गया l अक्षत नीचे आया कुछ देर बहस के बाद उसने मोना को समझाया कि वह बिजी था l
कमरे में मन ना लगने की वजह से मीरा बालकनी में चली आयी संयोग से अक्षत और मोना भी उसी बालकनी के नीचे खड़े थे ! अक्षत की मोना की और पीठ थी इसलिए वह उसे देख नहीं पाया लेकिन मोना ने देख लिया और जैसे ही मीरा ने उन दोनों को देखा मोना ने आगे बढकर अक्षत को गले लगा लिया और अपने होंठ उसके गाल से लगा दिए  l मीरा ने देखा तो उसका दिल टूट गया वह तुरन्त वहा से चली गयी l कमरे में आकर वह बिस्तर पर बैठ गयी उसकी आँखों में ना चाहते हुए भी आंसू भर आये l l
मीरा ने अपनी आंखो के किनारे पोंछे और शीशे में खुद को देखते हुए कहा,”हमे उन दोनों के बिच नही आना चाहिए !!

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