हाँ ये मोहब्बत है – 1
Haan Ye Mohabbat Hai – 1
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Haan Ye Mohabbat Hai – 1
व्यास हॉउस , सुबह का समय
सुबह के 6 बज रहे है। जनवरी की कड़ाकेदार सर्दी है और व्यास हॉउस धुंध में घिरा हुआ है। रघु भी अपने कमरे में बिस्तर पर पड़ा रजाई में दुबका हुआ है। दूधवाला दूध और पेपर वाला सुबह का पेपर घर के गेट की बास्केट में रखकर जा चुका है। सर्दियों के मौसम में सुबह सुबह जल्दी उठने का मन किसका करेगा ? लेकिन व्यास हॉउस में माहौल थोड़ा अलग था। हमेशा की तरह राधा उठ चुकी थी और किचन में विजय जी के लिए चाय बना रही थी। बाहर हॉल का नजारा देखने लायक था।
इन दिनों विजय जी को एक नया ही शौक चढ़ा था योगा का वे रोज सुबह 5.30 बजे सबको उठा देते और 6 बजे तक नीचे हॉल में इकट्ठा होने को कह देते थे। जो वक्त से नहीं आता था उसके लिए 15 मिनिट की पनिशमेंट एक्साइज अलग से और इन्ही 15 मिनिट से बचने के लिए सब वक्त से पहले ही आ जाते थे। विजय जी की क्लास में शामिल थे सोमित जीजू , तनु दी जो की दोनों ही हेल्थी थे , वही अर्जुन भी आजकल दिनभर ऑफिस में बैठे रहने की वजह से मोटा हो गया था इसलिए वो शामिल था।
चीकू की डिलीवरी के बाद नीता का वजन भी बढ़ गया था इसलिए उसे भी बुलाने लगे और बचे हमारे दादू तो उन्हें तो विजय जी बिल्कुल अपनी आँखों के सामने रखते थे ताकि वो आलस ना करे।
दादी माँ , राधा , मीरा और अक्षत को नहीं बुलाया जाता था क्योकि विजय जी के हिसाब से ये चार लोग घर में फिट थे। विजय जी ने अपनी योगा क्लास शुरू की। सबसे आगे दादू उनके पीछे दांयी तरफ अर्जुन और बांयी तरफ सोमित जीजू थे। उनके पीछे नीता और तनु। बेचारे सारे के सारे इस योगा क्लास से दुखी थे।
एक्सरसाइज करते हुए अर्जुन धीरे से फुसफुसाया और सोमित जीजू से कहा,”ये पापा हमसे किस बात का बदला ले रहे है जीजू ? इस सर्दी में ये सब करवा रहे है जरा याद करो वो पुराने दिन कहा मजे से हम सब अपनी अपनी कंबलों में सोये पड़े रहते थे।”
“मिस तो मैं भी कर रहा हूँ लेकिन अब तो मेरी कम्बल भी कहती है “यू डिसर्व बेटर” जैसे जैसे मौसाजी की उम्र हो रही है सठियाने लगे है”,जीजू ने भी फुसफसाते हुए कहा लेकिन उनकी आवाज विजय के कानो में जा पड़ी
“दामाद जी आगे आ जाईये”,विजय जी ने किसी टीचर की तरह सख्ती से कहा
“फंसा दिया ना मुझे”,सोमित जीजू ने अर्जुन को घूरते हुए कहा और दादू की बगल में आ गए। दादू ने सामने देखते हुए कहा,”आपको किसी ने बताया नहीं शायद विजय के कान घर में सबसे तेज है”
“मुझे तो ये भी नहीं पता था की आप मौसाजी से इतना डरते है”,सोमित जीजू भी पॉइंट मार दिया
“आज से आपका सैटरडे पैग बंद”,दादू ने घूरते हुए कहा
“अरे दादू मजाक कर रहा हूँ , आप भी ना आजकल जल्दी बुरा मान जाते है”,सोमित जीजू फुसफुसाए
“अगर आप दोनों की गुटरगूँ खत्म हो गयी हो तो जरा एक्सरसाइज पर ध्यान देंगे”,विजय जी ने कहा तो दादू और सोमित दोनों दूर दूर हो गए।
कुछ देर बाद राधा चाय ले आयी और विजय जी की तरफ बढ़ाते हुए कहा,”आपकी चाय”
“और हम सबकी चाय ?”,दादू ने कहा
“एक्सरसाइज के बाद मिलेगी , चलिए चलिए रुकना नहीं है”,विजय जी ने चाय का एक घूंठ भरते हुए कहा
दादू ने मुंह बनाया और एक्सरसाइज करने लगे। राधा ने देखा तो विजय जी से कहा,”सुबह सुबह आप इन सबको परेशान क्यों करते है ?”
“परेशान नहीं कर रहा बल्कि मैं इन सबको फिट बना रहा हूँ , कैसे जब मैं छोटा था तो पापा मुझे रोज 5 किलोमीटर पैदल लेकर जाते थे”,विजय जी ने कहा तो दादू बोल पड़े,”तो क्या अब तू अपने बाप से बदला लेगा ?”
“बदला नहीं ले रहा पापा , पिछले हफ्ते ही आपके डॉक्टर ने क्या कहा था आपकी शुगर रिपोर्ट्स पूअर है , बीपी हाई रहता है और कोलेस्ट्रॉल उसका तो पूछो ही मत , जब तक ये सब रिपोर्ट्स नार्मल नहीं आती मैं आपका पीछा छोड़ने वाला नहीं हु ,, मीरा को तो आप अपनी चिकनी चुपड़ी बातो में फंसा लेते थे मुझे नहीं फंसा सकते। बातो में बहुत समय खराब हो गया ,, राधा तुम जाओ यहाँ से”,विजय जी ने कहा।
सभी चुपचाप अपनी अपनी एक्सरसाइज करने लगे। कुछ देर बाद ही दादू ने अपना सीना पकड़ लिया , उन्हें देखकर सभी घबरा गए एक पल को तो विजय जी भी , सोमित जीजू ने दादू को सम्हाला और कहा,”अरे दादू सम्हालिए खुद को क्या हुआ ?”
“सीने में बहुत दर्द हो रहा है सोमित जी मुझे खुली हवा में लेकर चलिए”,दादू ने सोमित जीजू की तरफ देखकर अपनी बांयी आँख दबाते हुए कहा।
“हां हां बिल्कुल”,कहते हुए जीजू दादू को सोफे की तरफ लेकर आये उन्हें बैठा दिया और पानी का ग्लास उनकी तरफ बढ़ा दिया। अर्जुन ने देखा सब दादू को लेकर परेशान है लेकिन विजय जी नहीं तो वह उनके पास आया और कहा,”पापा कैसे बेटे है आप ? दादू कितनी परेशानी में है और आप आराम से खड़े है ?”
विजय जी दादू के पास आये और कहा,”कल से कोई अच्छा बहाना बनाइयेगा”
दादू खिंसियाकर मुस्कुराने लगे तो विजय जी वहा से चले गए। तनु और नीता समझ गयी के दादू ने एक्सरसाइज से बचने के लिए ये नाटक किया है वे दोनों भी वहा से चली गयी। सोमित जीजू दादू के बगल में आ बैठे और हाँफते हुए कहा,”आज तो आपने बचा लिया दादू , अब कल क्या ? कल फिर से ये टॉर्चर शुरू हो जायेगा”
“अरे जैसे आज बचाया वैसे कल भी बचा लूंगा , मैं भी उसका बाप हूँ”,दादू ने कहा
अर्जुन को अब जाकर समझ में आया की दादू नाटक कर रहे थे वह उनके पास आया और उनके दूसरी तरफ बैठते हुए कहा,”क्या दादू आपने तो डरा ही दिया था , मुझे लगा सच में आपको,,,,,,,,,,,,,,!!”
“इतनी जल्दी मरने वाला नहीं हूँ मैं , मुझसे पहले हमारा वो फॅमिली डॉक्टर मरेगा जो इतनी घटिया रिपोर्ट बनाता है”,दादू ने गुस्सा होकर कहा
“अरे दादू सुबह सुबह किसी का बुरा नहीं सोचते”,सोमित जीजू ने कहा
“सही कह रहे है दामाद जी , और पापा आप आजकल अपनी हेल्थ को लेकर बहुत लापरवाह हो गए है”,राधा ने चाय का कप दादू की ओर बढ़ाते हुए कहा
अर्जुन ने खुद ही अपना कप ले लिया और सोमित को भी दे दिया।
“राधा अब तुम भी विजय की तरह बात करने लगी , इस उम्र में ये सब बीमारिया होना तो जायज है ना”,दादू ने चाय पीते हुए कहा
“अच्छा ठीक है फिर मैं मीरा से कह देती हूँ , आप ये सब बाते उस से कह दीजियेगा”,राधा ने कहा
“अरे अरे राधा सुनो मैं तो बस ये कह रहा हूँ की मैं ध्यान रखूंगा”,दादू ने कहा तो राधा मुस्कुरा कर वहा से चली गयी। मीरा के नाम से दादू को डरते देखकर सोमित जीजू ने अर्जुन से कहा,”देखा अर्जुन मीरा के नाम से कैसे डरते है दादू ?”
“हां यार जीजू दादू भी ना पहले पापा से डरते है , फिर मीरा से मुझे तो लगता है थोड़े दिन बाद चीकू भी इन्हे डराने लगेगा”,अर्जुन ने हँसते हुए कहा
“नालायको निकलो यहाँ से , तुम दोनों से अच्छा मेरा “आशु” है , कितनी इज्जत करता है अपने दादा की और तुम दोनों मेरा मजाक उड़ा रहे हो।”,दादू ने चिढ़ते हुए कहा
“अच्छा सॉरी ये तो बताओ मीरा से इतना क्यों डरते हो आप ?”,अर्जुन ने पूछा
“पहले मीरा बहुत अच्छी थी लेकिन अब इस घर में रहकर वो भी इस घर की भाषा सिख गयी है , जब देखो तब मुझे रूटीन चेकअप के नाम पर बाहर ले जाती है। मीठा , तीखा , चटपटा कुछ खाने नहीं देती , ये दवा खाओ ये परहेज रखो , इन सब से बचने के लिए तो मैंने तेरे बाप की ये योगा क्लास ज्वाइन की”,दादू ने कहा
“बहुत दुःख है आपकी जिंदगी में दादू”,सोमित जीजू ने कहा
“जीजू चलकर ऑफिस के लिए तैयार होते है वरना देर हो जाएगी और बिना नाश्ता किये भागना पडेगा , तब वो दुःख दादू के दुःख से भी बड़ा दुःख होगा हमारे लिए”,अर्जुन ने कहा तो सोमित जीजू उठे और अपने कमरे की तरफ चले गए। अर्जुन भी ऊपर अपने कमरे में चला गया और दादू आराम से बैठकर अपनी चाय का लुफ्त उठाने लगे
ऊपर पहली मंजिल पर अर्जुन अक्षत का कमरा था , जो निधि का कमरा था उसे अब बच्चो का कमरा बना दिया जिसमे चीकू और काव्या रहते थे। उन दोनों के खिलोने और सामान से पूरा कमरा भरा रहता था। अक्षत का कमरा , अक्षत की बालकनी और अक्षत के कमरे के सामने वाला हॉल पहले जैसा ही था कुछ भी नहीं बदला था। वैसे ये अक्षत की छोटी सी दुनिया ही तो थी लेकिन इस बार एक चीज थी जो बदल चुकी थी और वो थी कमरे के दरवाजे पर लिखा “द कॉम्प्लिकेटेड बॉय अक्षत व्यास” के निचे अब एक नाम और जुड़ चुका था और वो था “मीरा राजपुत सिंह”
और ये दो नाम उस पुरे दरवाजे को एक अलग ही लुक दे रहे थे। कमरे का दरवाजा बंद था कुछ देर बाद खुला और मीरा कमरे से बाहर आयी। हल्के गुलाबी रंग का अनारकली सूट , गले में दुपट्टा , कानो में झुमके , आँखों में काजल , होंठो पर हल्की लिपस्टिक , हाथो में सोने के कंगन जो पिछले ही साल अमर जी ने उसे तोहफे में दिए थे। बालो को गूंथकर चोटी बनायीं हुई थी , सीधी मांग में भरा लाल रंग का सिंदूर और ललाट पर लगी छोटी सी बिंदी , गले में मंगलसूत्र और होंठो पर वही प्यारी सी मुस्कान संजोये मीरा सीढ़ियों की तरफ बढ़ गयी।
घर के बाहर सर्दी थी लेकिन घर के अंदर विजय जी ने हीटर का बंदोबस्त करवा रखा था जिस से अंदर ज्यादा ठण्ड का अहसास ना हो।
अक्षत अपने कमरे में गहरी नींद में सोया हुआ था। सुबह की नींद किसे प्यारी नहीं होती और अक्षत तो इस मामले में हमेशा लकी रहा है उसके देर तक सोने की आदत के लिए उसे कभी किसी ने कुछ नहीं कहा बल्कि मीरा भी उसकी इस आदत को बदलना नहीं चाहती थी। अक्षत के बगल में ही उसकी 3 साल की बेटी अमायरा सो रही थी।
अमायरा और अक्षत में यू तो बहुत सी बातें कॉमन थी लेकिन उनके सोने का तरिका बिल्कुल सेम था , अक्षत हमेशा करवट लेकर अपना एक हाथ गाल के नीचे लगाकर सोता था और अमायरा भी बिल्कुल वैसे ही सोया करती थी। दोनों साथ साथ सोये हुए बहुत ही प्यारे लग रहे थे। कुछ देर बाद अमायरा उठ गयी उसने अपने बगल में अक्षत को सोये हुए देखा तो मुस्कुराने लगी।
वह उठकर अक्षत के बगल में ही बैठ गयी और अपनी नन्ही नन्ही उंगलियों से उसके बालो से खेलने लगी। गहरी नींद में सोया अक्षत हल्का सा कुनमुनाया और करवट छोड़कर पीठ के बल सीधा लेट गया। अमायरा ने देखा तो आकर उसके सीने से अपना सर लगा लिया। जैसे जैसे अक्षत की धड़कनो का शोर उसके कानो में पड़ता उसके होंठ बरबस ही मुस्कुरा जाते।
नीदं में अक्षत को अमायरा की मौजूदगी अपने सीने पर मौजूद हुयी तो उसने अपना एक हाथ उसके सर से लगा लिया और दूसरे से कम्बल उठाकर ओढ़ ली। वह धीरे धीरे अमायरा के सर को सहलाता रहा और थोड़ी देर बाद वह वापस सो गयी। ये कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी की अक्षत की बेटी बिल्कुल उस पर गयी थी। अक्षत के बाल एक बार फिर उसके ललाट पर आ गए और इस बार अमायरा के बाल भी उसके ललाट पर बिखर गए।
मीरा निचे आयी , कुछ देर बाद तनु और नीता भी चली आयी। तीनो मिलकर किचन में सबके लिए नाश्ता बनाने लगी। नाश्ते की तैयारी के बाद मीरा अक्षत के लिए चाय बना रही थी नीता ने देखा तो कहा,”मीरा एक कप मेरे लिए भी बहुत दिन हो गए तुम्हारे हाथ की चाय पिए”
“जी भाभी बिल्कुल , तनु दी आप भी लेंगी ?”,मीरा ने बड़े प्यार से पूछा
“हाय मीरा !! इतने प्यार से पूछोगी तो कौन कमबख्त मना करेगा ? बिल्कुल मुझे भी एक कप चाहिए”,तनु ने कहा
“और हमे भी”,किचन के बाहर खड़े सोमित जीजू और अर्जुन ने कहा
“ठीक है हम सबके लिए ही बना देते है”,मीरा ने मुस्कुरा कर कहा तो अर्जुन और सोमित अपनी टाई सही करते हुए वहा से हॉल में चले गए। अक्षत उठ चुका था लेकिन अमायरा सो रही थी अक्षत ने उसे अच्छे से सुलाया और खुद बाथरूम की और चला गया।
अक्षत नहाकर आया , टेबल पर रखा अपना ट्राउजर और टीशर्ट उठाया और पहनकर शीशे के सामने चला आया। उसने शीशे में खुद को देखा दाढ़ी मुछे काफी बढ़ चुकी थी , अक्षत ने अपना हाथ अपनी दाढ़ी पर घुमाया और बड़बड़ाया,”तीन बच्चो का बाप लग रहा है तू”
अक्षत ने बाल बनाये और बिस्तर की तरफ आकर अमायरा को उठाया। वह उठकर बैठ गयी तो अक्षत ने उसके गाल पर किस किया और कहा,”गुड मॉर्निंग प्रिंसेज”
अमायरा अपनी नन्ही नन्ही आँखों से अक्षत को देखते रही तो अक्षत ने अपनी ऊँगली अपने गाल पर रखी और कहा,”और पापा की गुड मॉर्निंग ?”
अमायरा ने आगे बढ़कर अक्षत के गाल पर किस कर दिया तो अक्षत के होंठो पर एक प्यारी सी मुस्कान तैर गयी उसने अमायरा को गोद में उठाया और निचे चला आया , सीढिया उतरते हुए अक्षत ने देखा अर्जुन और सोमित जीजू दोनों तैयार होकर हॉल में बैठे है।
उसने अमायरा को नीचे उतारा और उन दोनों की तरफ आते हुए कहा,”ये तैयार होकर कहा जा रहे है आप दोनों ?”
“ऑफिस ? तुम्हारी तरह नहीं साले साहब की 9 बजे तक सोते रहे , जिम्मेदारी नाम की भी कोई चीज होती है”,सोमित जीजू ने कहा
“हां लेकिन संडे के दिन ऑफिस जाकर कौनसी जिम्मेदारी निभा लेंगे आप दोनों”,अक्षत ने सोफे पर बैठते हुए कहा।
अर्जुन और सोमित जीजू ने सूना तो दोनों एक दूसरे की तरफ देखकर पहले तो मुस्कुराये फिर दोनों ने रोने वाली शक्ल बना ली क्योकि इन दिनों विजय जी जो टॉर्चर उन पर कर रहे थे बेचारो को ना संडे याद था ना ही मंडे !
दोनों उठे और कपडे चेंज करने अपने अपने कमरों की ओर भागे
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क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 2
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संजना किरोड़ीवाल
अमायरा अपनी नन्ही नन्ही आँखों से अक्षत को देखते रही तो अक्षत ने अपनी ऊँगली अपने गाल पर रखी और कहा,”और पापा की गुड मॉर्निंग ?”
अमायरा ने आगे बढ़कर अक्षत के गाल पर किस कर दिया तो अक्षत के होंठो पर एक प्यारी सी मुस्कान तैर गयी उसने अमायरा को गोद में उठाया और निचे चला आया , सीढिया उतरते हुए अक्षत ने देखा अर्जुन और सोमित जीजू दोनों तैयार होकर हॉल में बैठे है।
अमायरा अपनी नन्ही नन्ही आँखों से अक्षत को देखते रही तो अक्षत ने अपनी ऊँगली अपने गाल पर रखी और कहा,”और पापा की गुड मॉर्निंग ?”
अमायरा ने आगे बढ़कर अक्षत के गाल पर किस कर दिया तो अक्षत के होंठो पर एक प्यारी सी मुस्कान तैर गयी उसने अमायरा को गोद में उठाया और निचे चला आया , सीढिया उतरते हुए अक्षत ने देखा अर्जुन और सोमित जीजू दोनों तैयार होकर हॉल में बैठे है।
अमायरा अपनी नन्ही नन्ही आँखों से अक्षत को देखते रही तो अक्षत ने अपनी ऊँगली अपने गाल पर रखी और कहा,”और पापा की गुड मॉर्निंग ?”
अमायरा ने आगे बढ़कर अक्षत के गाल पर किस कर दिया तो अक्षत के होंठो पर एक प्यारी सी मुस्कान तैर गयी उसने अमायरा को गोद में उठाया और निचे चला आया , सीढिया उतरते हुए अक्षत ने देखा अर्जुन और सोमित जीजू दोनों तैयार होकर हॉल में बैठे है।
Aj to din bna Diya aapne ma’am
बहुत इंतजार करना पड़ा, but finally इंतजार खत्म हुआ और एक बार फिर से ये प्यारी स्टोरी पढ़ने को मिलेंगी।
💖🙏☺️😊
Bechare somit jiju aur Arjun ko yaad hi ni rha ki Aaj Sunday hai😂 itna torcher🤣
Shi kha apne Preeti agh mam ne din bna dia
Thank you mam for starting this wonderful story
Superb… Awesome…. 😘😘😘😘😘
Superb
Bahut dino se wait kr rhi thi finally intezaar khatam huaa… I love this story… 🫶❤️
Thank you maam story ke liye
Are are😍🤗🤗meri fav kahani fir se suru….maza aa gaya aaj toh….Haan yeh mohabbat hai season 2 kab se intezar tha iska….. starting bhi kitni mast ki hai apne….,🙈🙈🙈
Kitne dino se intezar tha dii aj suna to bahot hi maja aya aur koi apna bichad gya ho wo mil gya esa lagta hai aaj☺☺
आखिर आ ही गया आज
Miss this story thanks dear
Aaj to meera aur Akshat ki wapsi ko padhkar maza aa gya 😍 💖 😍😍😍❤️❤️❤️😍😍 love you mam😘😘😘😘😘😘 din bna diya apne
Awesome
Very nice part
Wow meera aur Akshat vapas aa gaye sach bahut hi khubsurat ahsaas hai ye💕💕💕💕💕
Finally intzaar khtm hua akshat Vyas Meera rajput Singh wapas aa gya. Mera favourite couple wapas aa gaya. Aaj ka part padha kar mein tho Bhaut khush hoon akshat Meera ki wapsi se . Arjun aur Sumit Jiju ko yaad he nhi tha ki Sunday hai 😆😆♥️♥️♥️♥️♥️♥️
Aanand aa gya…bahut sara…..starting lakvaab h….bahut bahut bahut pyari….❣️✨💝
एक बार फिर हमारी प्यारी सी जोड़ी साथ है…और अब तो इन नन्हीं परी की भी शरारतें देखने को मिलेंगी…. बहुत अच्छे
Somit Jiju aur Arjun jaldi utne ke chakar me yeah tak bhul gaye ki aaj sunday hai ,Jiju Kaha Akshay ko tana mar rahe the per yaha Akshat unka hi majaz uda diya yeah kehkar ki Sunday din kaun office jata hai…
Beautiful part… Vijay ji ne sahi class laga rakhi h… hamari meera to evergreen h… amayara bilkul akshat ki chavi h…
Ab m kya hi btau muje to pta hi nhi tha is season ka 😫😫😫 ab padh rhi hu m btao… Kher 1 sal waste kra h life ka bhut uthal puthal thi nhi pta chlaa 😞😞
kher… Bhut mjaa aaya vyas family se fr se mil k