“हाँ ये मोहब्बत है” – 25
Haan Ye Mohabbat Hai – 25
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Haan Ye Mohabbat Hai – 25
अमायरा कही नजर नहीं आ रही थी अक्षत के चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये। अक्षत अमायरा को ढूंढने लगा इसी बीच स्कूल की छुट्टी हो गयी। बच्चे क्लास से बाहर निकल आये और उस भीड़ में अमायरा को ढूंढना और भी मुश्किल हो गया। अक्षत के माथे पर पसीने की बुँदे उभर आयी , आँखों में अमायरा के लिए चिंता साफ नजर आ रही थी।
“चाचू आप उधर देखो मैं इधर देखता हूँ”,नन्हे चीकू ने कहा और वह भी अक्षत के साथ अमायरा को ढूंढने लगा। तनु काव्या के साथ स्टाफ रूम से बाहर आयी उसने अक्षत को परेशान देखा तो उसके पास आकर कहा,”आशु क्या हुआ तू इतना परेशान क्यों है ?”
“दी अमु नहीं मिल रही वो मेरे साथ ही थी पता नहीं अचानक कहा चली गयी ?”,अक्षत ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“तू घबरा मत हम सब मिलकर उसे ढूंढते है”,तनु ने कहा तो अक्षत ने हामी में गर्दन हिला दी और अमायरा को ढूंढने लगा। बच्चो की भीड में अमायरा को ढूंढना आसान काम नहीं था लेकिन अक्षत फिर भी पागलो की तरह यहाँ वहा उसे ढूंढ रहा था। कुछ देर बाद स्कूल के सभी बच्चे चले गए। इक्का दुक्का बच्चे और टीचर्स बचे थे। अक्षत ने स्कूल के गार्ड से कहा तो वह भी अमायरा को ढूंढने लगा।
अक्षत उसे ढूंढते हुए खेल के मैदान की तरफ आया लेकिन अमायरा वहा भी नहीं दिखी पर जैसे ही वह जाने के लिए मुड़ा अमायरा के रोने की आवाज उसके कानो में पड़ी। अक्षत उसी दिशा में दौड़ पड़ा उसने देखा बेंच पर बैठी अमायरा डरी सहमी सी वहा बैठी रो रही है। अक्षत उसके पास आया और उसे गोद में लेकर अपने सीने से लगाते हुए कहा,”अमु बेटा तुम ठीक हो ना ? तुम यहाँ कैसे आयी ? कौन लेकर आया तुम्हे ? चुप हो जाओ देखो पापा है ना तुम्हारे पास”
“मुझे मम्मा के पास जाना है”,अमायरा ने रोते हुए कहा वो बहुत ज्यादा डर गयी थी। अक्षत ने उसे रोते देखा तो उसे बहुत तकलीफ हुई उसने अमायरा को एक बार फिर अपने सीने से लगाया और कहा,”हाँ अमु हम अभी मम्मा के पास चल रहे है”
अक्षत अमायरा को लेकर वहा से चल पड़ा चलते हुए उसके जहन में 2 साल पहले की घटना घूमने लगी जब ऐसे ही मोना उसे लेकर चली गयी थी।
अक्षत का दिल धड़क उठा। उसने अमायरा को कसकर अपने सीने से लगाए रखा और तनु के पास चला आया। तनु ने अक्षत की गोद में अमायरा को देखा तो उसकी जान में जान आयी। वह अक्षत के पास आयी और अमायरा की पीठ पर हाथ घुमाते हुए कहा,”भगवान का शुक्र है की अमायरा सही सलामत है , आशु चल घर चलते है”
“हम्मम”,अक्षत ने धीरे से कहा। तनु चीकू और काव्या को लेकर गाड़ी की तरफ बढ़ गयी।
अक्षत भी अमायरा को लेकर गाड़ी की तरफ आया उसने जैसे ही अमायरा को तनु की गोद में देना चाहा वह फिर रोने लगी। अक्षत ने उसे रोते देखा तो कहा,”दी इसे मेरे पास ही रहने दीजिये”
“आशु लेकिन तू गाड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,तनु ने इतना ही कहा की अक्षत ने बोल पड़ा,”मैं चला लूंगा दी आप बैठिये”
तनु आगे बैठ गयी , काव्या और चीकू पीछे सीट पर दोनों बच्चे खामोश थे। अक्षत अमायरा के साथ ड्राइवर सीट पर आ बैठा और अमायरा वैसे ही उसके सीने रही। रोने से उसकी आँखे और गाल लाल हो चुके थे। उसने अपना सर अक्षत के सीने पर टिका रखा था और एक हाथ से उसके शर्ट को मजबूती से पकड़ रखा था। अक्षत ने गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी।
अमायरा को ऐसे देखकर तनु उसे बातो से बहलाने लगी लेकिन वो ख़ामोशी से उसे देखते रही कहा कुछ भी नहीं। अक्षत मन ही मन ये सोचकर परेशान था की आखिर अमायरा उस जगह पहुंची कैसे ? कुछ देर बाद सभी घर पहुंचे। अक्षत उसे लेकर अंदर आया मीरा को देखते ही अमायरा अक्षत की गोद से उतरकर उसके पास आयी और रोने लगी। मीरा ने अमायरा को अचानक यू रोते देखा तो घबरा गयी और उसे अपने सीने से लगाकर अक्षत से कहा,”अक्षत जी अमु को क्या हुआ ये ऐसे रो क्यों रही है ?”
“चाची अमु आज स्कूल में खो गयी थी , फिर चाचू को मिली तो बहुत रो रही थी”,चीकू ने आकर मीरा से कहा तो मीरा हैरानी से अक्षत की तरफ देखने लगी। मीरा की आँखों में चिंता के भाव उभर आये अक्षत उसके पास आया और कहा,”परेशान मत हो मीरा वो दरअसल अमु मेरे साथ ही थी मेरी लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ , मुझे माफ़ कर दो”
“आप माफ़ी क्यों मांग रहे है ? हमारी बेटी सुरक्षित है हमारे लिए यही काफी है”,मीरा ने अमायरा की पीठ सहलाते हुए कहा
“मीरा आशु की इसमें कोई गलती नहीं है वो स्कूल की छुट्टी होने की वजह से अमायरा भीड़ में गुम हो गयी लेकिन शुक्र है वो मिल गयी”,तनु ने कहा तो मीरा ने हामी में गर्दन हिला दी और अमायरा का चेहरा अपने हाथो में लेकर उसे देखते हुए प्यार से पूछा,”अमु बेटा आप रोये क्यों ?”
“मम्मा मैं डर गयी थी,,,,,,,,,,,,,,वहा कोई नहीं था , पापा भी नहीं”,कहते हुए अमायरा फिर रोने लगी। उसे रोते देखकर अक्षत को फिर दुःख होने लगा। वह घुटनो के बल अमायरा के सामने बैठा और कहा,”प्रिंसेज,,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी,,,,,,,मुझे तुम्हारा ख्याल रखना चाहिए था।”
अमायरा ने अक्षत को उदास देखा तो उसे अच्छा नहीं लगा। वह आगे बढ़कर अक्षत के सीने से आ लगी तो अक्षत ने उसका सर चूमा और कहा,”मैं तुम्हारा हमेशा ख्याल रखूंगा”
“बच्चो को ऐसे बाहर लेकर नहीं जाना चाहिए , वहा इतने सारे लोगो ने इसे देखा है जरूर इसे किसी की नजर लगी है ,, राधा तूम इसकी नजर उतार दो”,दादी माँ ने आकर कहा
“हाँ माँ आप ठीक कह रही है , मीरा तुम इसे लेकर वहा बैठो मैं इसकी नजर उतार देती हूँ”,राधा ने कहा तो मीरा अमायरा को लेकर सोफे पर आ बैठी। हर वक्त हसने मुस्कुराने वाली अमायरा का चेहरा उतरा हुआ था। राधा ने आकर उसकी नजर उतारी और मंदिर में रखा मौली का धागा उसकी कलाई पर बांध दिया। अक्षत को परेशान देखकर राधा उसके पास आयी और कहा,”आशु क्या हुआ तुझे ? कही तू ये सोचकर तो परेशान नहीं है ना की तूने अमायरा को साथ ले जाकर गलत किया ?
बेटा कभी कभी ऐसा हो जाता है और फिर आज वो पहली बार बाहर गयी थी तू ज्यादा सोच मत देखना थोड़ी देर मे वो फिर से पहले की तरह खिलखिलाएगी,,,,,,,,,,,,,,हम्म्म चल आ”
राधा की बात सुनकर अक्षत का मन थोड़ा हल्का हुआ उसने शाम की चाय पी और फिर वही हॉल में बैठकर काम करने लगा। अमायरा सो चुकी थी मीरा ने उसे नीचे तनु दी के रूम में ही सुला दिया और खुद भी उसके बगल में लेटकर धीरे धीरे उसकी पीठ थपथपाने लगी।
आज जो हुआ उसे जानकर मीरा को भी दो साल पहले की वो घटना याद आ गयी जब मोना ने अमायरा को नुकसान पहुँचाने का सोचा था। उस हादसे को याद कर मीरा का दिल धड़कने लगा। अमायरा घर में सबसे ज्यादा भले अक्षत के करीब थी लेकिन मीरा एक माँ थी और एक माँ होने के नाते वह अमायरा का हमेशा खुद से भी ज्यादा ख्याल रखती थी।कुछ देर बाद मीरा अमायरा को अच्छे से सुलाकर कमरे से बाहर चली आयी।
शाम में अर्जुन , सोमित जीजू और विजय जी घर आये। सोमित जीजू के हाथ में एक बड़ा सा फ्रेम था। अक्षत को हॉल में देखकर जीजू ने कहा,”अरे वाह साले साहब आज आप बाकि सब से पहले आ गए”
“जीजू दो दिन के लिए कोर्ट बंद है तो मैं घर पर ही था , ये आपके हाथ में क्या है ?”,अक्षत ने लेपटॉप बंद करके रखते हुए कहा
“खोलकर देखिये साले साहब , आपकी तबियत खुश हो जाएगी”,सोमित जीजू ने फ्रेम अक्षत के सामने टेबल पर रखते हुए कहा। अमायरा आँखे मसलते हुए कमरे से बाहर आयी , उसके माथे पर बाल बिखरे हुए थे। अब वह पहले से ठीक नजर आ रही थी। उसने सबको हॉल में जमा देखा तो उधर ही चली आयी और विजय जी के पैर से लिपटते हुए कहा,”दुड मॉर्निंग दादाजी”
अमायरा के मुंह से गुड़ मॉर्निंग सुनकर सभी हंस पड़े क्योकि शाम में सोकर उठने की वजह से अमायरा को समझ नहीं आ रहा था की सुबह है या शाम,,,,,,,,,,,,,,सबको हँसता देखकर वह भी मुस्कुराने लगी तो विजय ही ने उसके गाल को थपथपाकर कहा,”गुड मॉर्निंग नहीं गुड इवनिंग”
“ओह्ह्ह्हह”,अमायरा ने हैरानी से मुंह बनाकर कहा तो सभी फिर हंस पड़े। अमायरा अक्षत के पास उसकी गोद में चली आयी और सामने पड़े फ्रेम को देखकर कहा,”पापा ये क्या है ?”
“चलो खोलकर देखते है”,अक्षत ने कहा तो अमायरा अपने ललाट पर बिखरे बालो को सही करने लगी। अक्षत ने देखा तो उसने धीरे से उसके बालो को साइड कर दिया और एकदम से मुस्कुरा उठा। जीजू की ने देखा तो धीरे से कहा,”क्या हुआ साले साहब कुछ याद आ गया क्या ?”
जीजू की बात सुनकर अक्षत को याद आया ऐसा अक्सर वह मीरा के लिए भी किया करता था। अक्षत ने सूना तो जीजू की तरफ देखा और फिर फ्रेम पर लगा कागज हटाने लगा।
कागज हटाने के बाद अक्षत ने जो देखा उसके होंठो पर मुस्कान तैर गयी। कुछ महीनो पहले जीजू ने अक्षत मीरा और अमायरा की साथ में एक तस्वीर खींची थी उसी तस्वीर की आयल पेंटिंग बनवाई थी।
“अरे वाह ये तो बहुत बढ़िया दिख रही है सोमित जी”,विजय जी ने कहा
“हाँ जीजू कहा से बनवाई ? मुझे भी बताओ मैं भी बनवाऊंगा”,अर्जुन ने कहा
“उसकी जरूरत नहीं है मैंने तुम्हारी और नीता की भी ऐसी ही सेम तस्वीर बनवा दी है तुम्हारी शादी के टाइम की”,सोमित जीजू ने कहा
“आई लव यू यार जीजू आप कितने अच्छे है”,अर्जुन ने जीजू को हग करते हुए कहा।
“आई लव यू टू”,जीजू ने भी जवाब में कहा। विजय जी कपडे बदलने चले गए। चीकू और काव्या भी वही बैठे थे। अक्षत तो बस ख़ामोशी से एकटक उस तस्वीर को देखे जा रहा था
जिसमे वो था , मीरा थी और उन दोनों की जान अमायरा थी जिसे दोनों साथ साथ किस कर रहे थे। यही तो थी अक्षत की असली दुनिया जिसमे ढेर सारा प्यार और सुकून था।
“पसंद आया ?”,जीजू ने खोये हुए अक्षत से पूछा
“बहुत अच्छा है , और इसके लिए मैं आपको थैंक्यू नहीं बोलूंगा”,अक्षत ने जीजू की तरफ पलटकर कहा
“उसकी जरूरत भी नहीं है तेरे चेहरे की ख़ुशी काफी है”,जीजू ने कहा तो अक्षत मुस्कुरा उठा।
“जीजू , अर्जुन भैया आपकी चाय”,मीरा ने आकर कहा
“थैंक्यू मीरा , ये देखो कैसा है ?”,जीजू ने चाय का कप लेते हुए कहा
“बहुत सुन्दर है इसे हम अपने कमरे में लगाएंगे , हैं ना अक्षत जी ?”,मीरा ने अक्षत की तरफ देखकर कहा तो अक्षत ख़ामोशी से उसे देखने लगा। उसे लगा की अमायरा को लेकर मीरा उस से नाराज होगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं था अक्षत को खामोश देखकर मीरा ने अपनी भँवे उचकाई तो अक्षत ने ना में गर्दन हिला दी और कहा,”हाँ इसे हम अपने कमरे में लगाएंगे”
“अच्छा आप लोग कुछ खाएंगे ? हम बना देते है”,मीरा ने पूछा
“नहीं फ़िलहाल के लिए चाय ठीक है”,अर्जुन ने कहा तो मीरा ट्रे लेकर चली गयी जाते जाते उसने पलटकर अक्षत को देखा और अपने अंगूठे और ऊँगली से स्माइल का साइन बनाकर अक्षत की तरफ मुस्कुराने का इशारा किया। मीरा को खुश देखकर अक्षत मुस्कुरा उठा और चाय पीने लगा।
एक हफ्ता गुजर गया लेकिन छवि को कही कोई नौकरी नहीं मिली। वह इंटरव्यू के लिए बुलाई जाती और सेलेक्ट भी होती लेकिन बाद में कॉल करके उसे आने से मना कर दिया जाता। छवि बहुत परेशान थी लेकिन माधवी जी के सामने कभी इसका जिक्र नहीं करती। एक सुबह छवि को एक इंटरव्यू के लिए फोन आया। छवि तैयार होकर इंटरव्यू के लिए निकल गयी। ये जगह भी पिछले ऑफिस की तरह थोड़ी दूर थी लेकिन छवि को जॉब की सख्त जरूरत थी इसलिए उसने जाना सही समझा।
वह ऑफिस पहुंची और वेटिंग एरिया मैं बैठकर इंतजार करने लगी। एक घंटा गुजरा , दो घण्टे गुजरे , चार घंटे इंतजार करने के बाद भी जब छवि का इंटरव्यू नहीं लिया गया तो वह उठी और रिसेप्शन पर बैठी लड़की से कहा,”एक्सक्यूज मी मेम , मैं सुबह से यहाँ इंटरव्यू के लिए बैठी हूँ क्या मेरा इंटरव्यू होगा या नहीं ?”
“एक मिनिट”,कहकर लड़की ने लेडलाइन से नंबर डायल किया और कहा,”सर कोई लड़की है जिसे आज आपने इंटरव्यू के लिए बुलाया था , वो काफी देर से इंतजार कर रही है सर,,,,,,,,,,,,,,,ओके सर”
“आप अंदर जा सकती है”,लड़की ने फोन रखकर छवि से कहा
“थैंक्यू”,कहकर छवि वहा से केबिन की तरफ बढ़ गयी। छवि ने दरवाजा नॉक किया तो अंदर से आवाज आयी,”प्लीज कम इन”
छवि अंदर चली आयी और सामने बैठे शख्स से कहा,”हेलो सर”
“हेलो , प्लीज सीट”,लड़के ने कहा जिसकी उम्र यही कोई 27-28 होगी।
कुछ औपचारिक बातों के बाद छवि ने अपना रिज्यूम लड़के की तरफ बढ़ा दिया। लड़के ने छवि का का रिज्यूम और पेपर्स देखे , उस दौरान छवि बस उसके चेहरे पर आये भावो को देखते रही। कुछ देर बाद लड़के ने फाइल बंद की और छवि की तरफ मुखातिब कहा,”मैंने आपका रिज्यूम देखा और ये काफी इम्प्रेसिव है इसके अलावा आपकी प्रोफेशनल स्किल्स क्या है ?”
“इनकी प्रोफेशनल स्किल्स है अपने सीनियर्स से जबान लड़ाना और अपना रिजाइन लेटर उनके मुंह पर मारना”,एक जानी पहचानी आवाज छवि के कानो में पड़ी। उसने पलटकर देखा तो उसका दिल धड़क उठा , उसके पीछे कुछ दूर पड़ी घूमने वाली कुर्सी पर विक्की बैठा था। विक्की उठा और आकर छवि के सामने टेबल पर बैठ गया और लड़के से कहा,”वैसे तूने बताया नहीं यार तू ऐसी लड़कियों को भी जॉब देने लगा है”
“एक्सक्यूज मी सर , अगर मेरा इंटरव्यू हो गया है तो मैं यहाँ से जाना चाहूंगी”,छवि ने खुद को काबू में रखते हुए सहजता से कहा
“इतनी भी क्या जल्दी है , वैसे भी मुझे लगता नहीं है तुम्हे ये जॉब मिलेगी क्योकि ये मेरा दोस्त है और ये वही करेगा जो मैं कहूंगा,,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ वैसे तुम चाहो तो मैं तुम्हे एक मौका दे सकता हूँ,,,,,,,,,,,,!!”,विक्की ने घमंड भरे स्वर में कहा तो छवि ने तीखी नजरो से उसकी तरफ देखा
“अगर तुम मेरे पैर पकड़कर मुझसे माफ़ी मांग लो तो हो सकता है मुझे तुम पर तरस आ जाए और मैं तुम्हे माफ़ कर दू।”,विक्की ने इतराते हुए कहा।
छवि ने सूना तो उसका खून जल गया और वह खून के घूंठ पीकर रह गयी। उसने अपनी फाइल उठायी और जैसे ही जाने लगी विक्की ने टेबल से नीचे उतरते हुए कहा,”तुम्हे लगता है इस ऐटिटूड के साथ तुम ये नौकरी हासिल कर लोगी ?”
छवि से अब रहा नहीं गया वह पलटी और विक्की के सामने आकर कहा,”ये नौकरी पाने का ख्याल मैंने अपने दिमाग से उसी वक्त निकाल दिया जब तुमने इन्हे अपना दोस्त बताया।
तुम्हे लगता है इस नौकरी के लिए मैं तुम्हारे पैर पकड़ूँगी और तुमसे माफ़ी मांगूंगी तो तुम गलत हो। तुम जैसे घटिया आदमी के पैर पकड़ने से बेहतर मैं कोई और काम देख लू”
छवि के मुंह से ऐसी कड़वी बातें सुनकर विक्की का खून जल गया उसने छवि की कलाई पकड़ी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”बहुत घमंड है ना तुम में , एक दिन तुम्हारा ये घमंड चूर चूर हो जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,विक्की सिंघानिया कौन है ये तुम अभी जानती नहीं हो ? इस ऑफिस में तो क्या पुरे इंदौर में तुम्हे कोई भी कम्पनी नौकरी नहीं देगी”
“तुम सिर्फ एक अमीर बाप की बिगड़ी हुई औलाद के सिवा कुछ नहीं हो”,कहते हुए छवि ने एक झटके से अपना हाथ छुड़ाया और केबिन के दरवाजे की तरफ बढ़ गयी। छवि की कही बात विक्की के दिमाग में जा लगी और एकदम से उसे याद आया की एक बार किसी और ने भी उस से यही बात कही थी।
विक्की गुस्से से उबल पड़ा और अपना हाथ टेबल पर दे मारा जिस पर रखा शीशा टूट गया और कुछ विक्की के हाथ में लग गया जिस से उसका हाथ जख्मी भी हो गया। उसके दोस्त ने देखा तो उसे सम्हाला लेकिन विक्की गुस्से से बस केबिन से बाहर जाती छवि को देखता रहा
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संजना किरोड़ीवाल
Very nice part 👌
Bhut hi khoobsurt part
Bhut hi khoobsurat part tha ma’am
Wo toh Akshat tha…Aage kya ho skta h….🤔🤔
Lagta hai Chavi ki batao seVicky ko Akshat yaad agaya kyu ki Akshat ne bi aisa hi kuch kaha tha usse, Meera ko normal dekh kar akshat ko tikh laga
Ye har baar chavi se takra rha h kuch to bada hone wala h…
Ye amir baap k iklote bete hmesha bigde kyu hote hh kyu pesa kamane k sath sath bcho pe dhyan jo nhi dete… Vyas family nd each and every member is just loveable ❤️🧿