“हाँ ये मोहब्बत है” – 16
Haan Ye Mohabbat Hai – 16
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Haan Ye Mohabbat Hai – 16
निधि के आने से घर में काफी चहल पहल हो गयी थी। हनी भी अपने ससुराल आया था इसलिए उसकी खूब आवभगत हो रही थी। काव्या , चीकू और अमायरा तो बस नक्ष को घेरे हुए थे। बच्चे दादी माँ के कमरे में थे और नक्ष को दुलार कर रहे थे। दादी माँ भी वही उनके पास थी ताकि छोटे नक्ष का ख्याल रख सके। विजय जी ऑफिस से आ चुके थे उन्होंने निधि और हनी को देखा तो ख़ुशी से फुले नहीं समाये। निधि अपने पापा से मिली और फिर नीता मीरा के पास किचन में चली आयी। विजय जी हॉल में बैठे हनी से बातें करने लगे। सोमित जीजू और अर्जुन अपनी किसी प्लानिंग पर बात कर रहे थे।
“अर्जुन हनी भी आ गया है और वेलेंटाइन भी ज्यादा दूर नहीं है उसे भी अपने प्लान में शामिल कर लेते है आखिर है तो वो भी अपना ही”,जीजू ने दबी आवाज में कहा
“हनी तो दो सेकेण्ड में मान जाएगा लेकिन आशु से कौन बात करेगा ? मैंने उसे कभी ये वेलेंटाइन-शाइन मनाते नहीं देखा , वो मानेगा इसके लिए ?”,अर्जुन ने पूछा
“तुम यार उसके भाई किसलिए हो ? मना लेना ना उसे वैसे भी ये चीजे हमारी हमारी वाइफ से जुडी है तो मुझे नहीं लगता आशु ना कहेगा,,,,,,,,,,,,,,,,,तो तय रहा प्लान सेम रहेगा बाकि जगह सब अपने अपने हिसाब से देख लेंगे”,सोमित जीजू ने कहा और विजय जी की तरफ चले आये। अर्जुन भी अक्षत से बात करने उसके कमरे में चला गया।
निधि किचन में आयी देखा नीता , मीरा और राधा तीनो खाना बनाने में लगी है। तनु भी वही पास खड़ी उनकी मदद कर रही है। किचन से खाने की बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी। निधि राधा की तरफ आयी और गले में अपनी बाँहे डालते हुए कहा,”माँ आज खाने में क्या बन रहा है ?”
“तुम्हारी पसंद का गाजर का हलवा”,राधा ने प्यार से उसका गाल छूकर कहा
“और भाभी आप क्या बना रही है ?”,निधि ने नीता की तरफ आकर कहा
“भई हमे तो आज स्पेशल आर्डर मिला है हमारे देवर जी की तरफ से तो बस उन्ही की फरमाईश पूरी कर रहे है”,नीता ने मुस्कुराते हुए कहा
“क्या कहा ? अक्षत भैया अब भी वैसे ही जिद करते है,,,,,,,,,,,,,,,,वो कभी नहीं सुधरेंगे है ना मीरा ?”,निधि ने मीरा को छेड़ते हुए कहा
“बिल्कुल सही कहा तुमने , वो तो हमारी मीरा है जिसने उस लड़के को थोड़ा सम्हाल रखा है”,तनु ने कहा
“वो इतने जिद्दी भी नहीं है”,मीरा ने धीरे से कहा
“आये-हाये क्या बात है मीरा शादी के इतने साल बाद भी हमारे अक्षत भैया के खिलाफ कुछ नहीं सुनना तुम्हे”,निधि ने कहा तो मीरा ने उसका कान पकड़कर खींचते हुए धीरे से कहा,”शादी के बाद कुछ ज्यादा ही शरारती हो गयी हो ननद बाई सा”
“अरे वाह मीरा आज पहली बार तुमने इस घर में अपने कल्चर के हिसाब से कुछ कहा , वैसे कुछ भी कहो तुम्हारे पापा के घर में आदर्शो की कमी नहीं है”,नीता ने खुश होकर कहा
“भाभी सौंदर्या भुआजी की बड़ी बेटी की शादी है तब आप सब अजमेर चलिएगा।”,मीरा ने कहा। राधा किसी काम से बाहर चली गयी। तनु , नीता , निधि और मीरा चारो वही किचन में काम करते हुए बातें करने लगी। निधि के पास बहुत सारी बाते थी आखिर वो सबसे इतने दिनों बाद जो मिल रही थी।
रात के खाने पर सभी डायनिंग के इर्द गिर्द जमा थे। दादू , दादी , विजय जी , अर्जुन , सोमित जीजू , अक्षत , निधि , हनी और बच्चे। नक्ष मीरा के पास था और सो चुका था मीरा उसे कमरे में सुलाने चली गयी। राधा ने सबके लिए खाना परोसना चाहा तो नीता ने कहा,”अरे माँ मैं और तनु दी है ना आप बैठिये मैं खाना परोस देती हु,,,,,,,,,,,,तनु दी आप भी बैठिये”
“अरे नीता मैं तुम्हारी हेल्प कर देती हूँ”,तनु ने कहा
“भाभी की मदद हम कर देंगे आप बैठिये”,मीरा ने तनु को जीजू के बगल में बैठाते हुए कहा
“मीरा बेटा नक्ष को अकेला छोड़ आयी हो तूम ?”,राधा ने चिंता जताई
“माँ चिंता मत कीजिये नक्ष सो रहा है और काव्या है उसके पास , आप सब खाना खाइये,,,,,,,,,भाभी शुरू करते है”,मीरा ने हलवे का बर्तन उठाते हुए कहा
सबको परोसते हुए मीरा अक्षत के पास आयी लेकिन उसकी प्लेट में हलवा नहीं परोसा तो अक्षत ने उसकी तरफ देखा और कहा,”मुझे क्यों नहीं ?”
“आपकी तबियत खराब है और अभी आप पूरी तरह से ठीक नहीं हुए है , इसलिए आप सादा खाना खाएंगे”,मीरा ने कहा और आगे बढ़ गयी। अर्जुन और सोमित जीजू जो की अक्षत के पास ही बैठे थे दोनों ने सूना तो दबी आवाज में खी खी करके हसने लगे।
सबकी प्लेटो में अच्छा लजीज खाना परोसा गया था और बेचारे अक्षत की प्लेट में सिर्फ भिंडी , सिंपल चावल , दाल और चपाती। अक्षत ने देखा तो उसका मुंह बन गया लेकिन उसे खाना पड़ा क्योकि उसकी तबियत के चलते वो ज्यादा चिकनाई और चटपटा खाना नहीं खा सकता था।
खाना खाने के बाद दादू अपने कमरे में चले गए। विजय जी अपने कमरे में चले गए। अर्जुन ने जीजू को इशारा किया तो जीजू अर्जुन और हनी के साथ ऊपर चले आये और उस से वेलेंटाइन डे के बारे में बात करने लगे। नक्ष नींद से जाग गया था इसलिए निधि उसे सम्हालने चली गयी। नीता ने मीरा से खाना खाने को कहा तो मीरा हाथ धोकर डायनिंग की तरफ चली आयी। नीता ने दोनों के लिए एक ही प्लेट में खाना लगा लिया। तनु किचन में राधा की मदद करने चली गयी। अक्षत अभी भी वही बैठा था। मीरा ने देखा उसने प्लेट में रखी एक चपाती भी पूरी नहीं खाई है तो उसने कहा,”अगर आपका मन नहीं है तो इसे छोड़ दीजिये हम कुछ और बना देते है”
अक्षत ने सूना तो प्लेट खिसकाई और उठकर बिना कुछ कहे वहा से चला गया। मीरा समझ गयी की अक्षत उस से नाराज है , अक्षत के ऐसे चले जाने से मीरा का चेहरा उतर गया। नीता ने देखा तो प्यार से कहा,”मीरा तुम देवर जी को मना नहीं करना चाहिए था , सबने खाया बस वही नहीं खा पाये शायद उन्हें इस बात का बुरा लग गया”
“हम अभी आते है”,मीरा ने जैसे ही उठना चाहा राधा ने उसके कंधो पर हाथ रखकर उसे बैठाते हुए कहा,”बैठो और चुपचाप खाना खाओ , मना किया तो क्या गलत किया ? वो थोड़ी देर नाराज रहेगा फिर भूल जाएगा,,,,,,,,,,,,,,इतना बड़ा हो गया ये लड़का लेकिन इसका बचपना नहीं जाता”
राधा की बात सुनकर मीरा वापस बैठ गयी और खाना खाने लगी। खाना मुश्किल से उसके गले से नीचे उतरा। खाना खाने के बाद नीता , तनु और निधि भी ऊपर चली आयी। ऊपर हॉल में जीजू , अर्जुन और हनी सोफे पर बैठे बाते कर रहे थे। निधि , तनु और नीता के आने की वजह से तीनो ने तुरंत बात बदल दी। अर्जुन ने तीनो को आते देखा तो उठा और अपने कमरे से गद्दे ले आया और टेबल साइड कर उन्हें सोफे के सामने लगाते हुए कहा,”आज कोई नहीं सोयेगा आज बस बातें होगी”
“बढ़िया प्रोग्राम है”,सोमित जीजू ने गद्दे पर बैठकर कम्बल लेते हुए कहा।
“हाँ लेकिन अक्षत भैया और मीरा जी कहा है ? वो दोनों भी यहाँ होते तो कितना अच्छा होता”,हनी ने कहा
“मीरा नीचे है , अभी आ जाएगी”,निधि ने हनी के बगल में बैठते हुए कहा
राधा भी अपने कमरे में चली गयी। मीरा किचन में आयी और अपना काम करने लगी। अक्षत बाहर लॉन में था कुछ देर बाद अंदर आया और सीधा ऊपर चला आया। सबको साथ बैठे देखकर भी अक्षत उनके पास नहीं आया और बालकनी की तरफ चला गया। अर्जुन ने देखा तो कहा,”अरे आशु वहा क्या कर रहा है यहा आ ना”
अक्षत ने कोई जवाब नहीं दिया बस बालकनी की दिवार पर बैठ गया और दूसरी तरफ देखने लगा। अक्षत खुद नहीं समझ पा रहा था की वो इतना अजीब बिहेव क्यों कर रहा है ? मीरा ने उसकी तबियत को देखते हुए उसे खाने से मना किया था लेकिन अक्षत को ये बात खल गयी। कभी कभी वह सच में बच्चा बन जाता था। सोमित जीजू ने देखा तो कहा,”अरे साले साहब आ जाईये , किस बात पर मुंह फुलाया है आपने ?”
“जाकर अपनी मीरा से पूछिए”,अक्षत ने गुस्से से पलटकर कहा और फिर दूसरी ओर देखने लगा।
अक्षत के इतना कहते ही सब समझ गए की अक्षत मीरा से नाराज है। कुछ देर बाद मीरा वहा आयी उसके हाथ में एक प्लेट थी जिसमे एक कटोरी रखी थी। मीरा उसे लेकर सबके पास चली आयी तो जीजू ने इशारो में पूछा। मीरा ने कहा कुछ नहीं बस अक्षत की तरफ इशारा करके अपनी ऊँगली अपने दिमाग के पास घुमा दी। जीजू मुस्कुरा उठे। मीरा आगे बढ़ गयी वह अक्षत के पास आयी और प्लेट उसके सामने करके कहा,”गुस्सा छोड़िये और ये खा लीजिये , हमे पता है आपको भूख लगी है”
अक्षत मीरा को देखने लगा कुछ देर एकटक उसे देखता रहा और फिर गर्दन घुमा ली। उसका बचपना मीरा अच्छे से जानती थी इसलिए कहा,”ठीक है मत खाइये रहिये नाराज , हम ये ले जाकर हनी जी को दे देते है वैसे भी उन्हें हमारे हाथ का खाना बहुत पसंद है”
कहकर मीरा जैसे ही जाने को हुई अक्षत ने उसे रोक लिया और कहा धीरे से मुंह बनाते हुए कहा,”मेरे हिस्से का वो क्यों खायेगा ?”
“तो फिर आप खा लीजिये , आप भी जानते है की आप ज्यादा देर तक गुस्सा नहीं कर सकते , लीजिये खाइये”,मीरा ने प्लेट फिर अक्षत की तरफ करके कहा
अक्षत नीचे उतरा और मीरा के सामने खड़े होकर कहा,”खिलाओ”
“सब के सामने ? आप खुद खा लीजिये”,मीरा ने धीमी आवाज में कहा
“अगर मीरा मुझे अपने हाथ से खिलाये तो आप लोगो को कोई दिक्कत है ?”,अक्षत ने ऊँची आवाज में वहा बैठे बाकी लोगो से कहा
“नहीं साले साहब यू केरी ऑन”,सोमित जीजू ने कहा तो बाकी सब हंस पड़े
“सूना तुमने , अब खिलाओ”,अक्षत ने जिद करते हुए कहा
मीरा ने एक चम्मच हलवा उठाया और अक्षत को खिलाते हुए कहा,”कभी कभी ना आप सच में बच्चे बन जाते है”
“बाकि मैं खुद खा लूंगा और मैंने अभी तुम्हे माफ़ नहीं किया है”,कहते हुए अक्षत ने कटोरी उठाई और सबके बीच चला आया। मीरा भी मुस्कुराते हुए सब के पास चली आयी और सोफे के पास खड़ी हो गयी। अक्षत निधि और हनी एक सोफे पर बैठे थे। अर्जुन दूसरे सोफे पर , नीता , तनु और जीजू नीचे गद्दे पर।
“अरे मीरा खड़ी क्यों हो बैठो ?”,तनु ने कहा तो मीरा भी उनके बगल में आ बैठी। अक्षत ने देखा तो मीरा के बिल्कुल सामने जीजू के बगल में आ बैठा और पैरो पर कम्बल डाल ली।
अक्षत को गाजर का हलवा मिल चुका था और अब तक उसका गुस्सा भी शांत हो चुका था। निधि और हनी साथ साथ सोफे पर एक ही कंबल में एक दूसरे का हाथ थामे बैठे थे और अर्जुन अपनी कंबल में अकेला बैठा था। नीता तनु ने एक कम्बल ले रखी थी। बातो बातो में कोई पुरानी बात निकलकर आती और फिर उस पर लम्बी चौड़ी बहस हो जाती है। अक्षत ने मीरा की तरफ देखा और उसे आँखों से अपनी कंबल ओढ़ने का इशारा किया। मीरा ने कम्बल का एक कोना उठाया और अपने पैरो पर डाल लिया।
8 लोग जो की आपस में कपल थे बैठकर अपने बीते दिनों को याद कर रहे थे। इस वक्त वहा बैठा अक्षत वकील ना होकर घर का छोटा बेटा था , अर्जुन कम्पनी का डायरेक्टर ना होकर घर का बड़ा बेटा था , सोमित जीजू और हनी घर के दामाद थे , निधि , तनु घर की बेटी और मीरा नीता घर की बहू। काफी खुशनुमा माहौल था उनकी बातो के बीच उनका रिश्ता , उनका सस्टेटस कुछ नहीं था बस एक दोस्ताना माहौल था।
बातो बातो में अक्षत को शरारत सूझी , बाकि सब बातो में लगे थे उसने धीरे से अपने पैर पसारे और अपने अंगूठे से मीरा के पैर को छू लिया। जैसे ही अक्षत के पैर ने मीरा के पैर को छुआ मीरा को एक सिहरन सी हुई उसने सामने देखा तो पाया अक्षत उसे ही देख रहा है। मीरा ने अपना पैर पीछे कर लिया लेकिन अक्षत मानने वाला थोड़े था उसने फिर वही हरकत की , मीरा ने अक्षत को देखा और थोड़ा गुस्से वाला लुक दिया तो अक्षत ने अर्जुन की बातो में ध्यान लगा लिया और गर्दन घुमा ली।
“मीरा मुझे थोड़ा पानी चाहिए”,निधि ने कहा तो मीरा उठकर चली गयी। अक्षत को ध्यान नहीं रहा उसे लगा मीरा वही है उसने अर्जुन की बात सुनते हुए फिर से अपने पैर को साइड किया , इस बार जिस पैर को अक्षत ने छुआ वो मीरा के पैर से अलग लगा लेकिन अर्जुन की बातें इतनी इंट्रेस्टिंग थी की अक्षत ध्यान नहीं हटा पाया उसने एक बार फिर जैसे ही पैर को छुआ जीजू ने धीमी आवाज में कहा,”हरकतों में सुधार नहीं है आपके साले साहब”
“मतलब ?”,अक्षत ने पूछा
“मतलब ये की कम्बल में जिस पैर को सहलाया जा रहा है वो पैर मेरा है”,जीजू ने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा तो अक्षत ने एकदम से अपने पैर पीछे खींच लिए। वह उठा और कहा,”मैं अभी आया”
मीरा पानी लेकर आयी और निधि को दे दिया , अक्षत को वहा ना देखकर मीरा ने पूछा,”अक्षत जी कहा गए ?”
“वो पैर धोने मेरा मतलब पानी लेने गया है”,जीजू ने जैसे ही कहा अर्जुन उनकी बात समझ गया और दोनों एक दूसरे को देखकर हंस पड़े।
देर रात बातें चलती रही और फिर सब सोने चले गए। सोमित जीजू का तो वहा से उठने का मन नहीं था इसलिए वे वही दो कम्बल लेकर सो गए। बाकी सब भी अपने अपने कमरों में सोने चले गए।
मीरा ने देखा ठण्ड ज्यादा है इसलिए उसने जीजू के पास हीटर ऑन कर दिया और अपने कमरे में चली गई।
अगली सुबह सबसे लेट उठे अर्जुन और सोमित जीजू और उठने के साथ ही दोनों ने विजय जी से डांट भी खा ली। नाश्ता कर दोनों अपने अपने ऑफिस चले गए। अक्षत को भी कोर्ट जाना था लेकिन राधा ने उसे आज आज घर में ही रुकने को कहा ताकि वह आराम कर सके। अक्षत की रिपोर्ट्स भी नार्मल थी बस जैसा की डॉक्टर ने कहा था उसे वायरल बुखार हुआ था।
अक्षत ने सचिन से कहकर जरुरी फाइल्स घर पर ही भेजने को कहा। चीकू काव्या स्कूल चले गए और अमायरा के लिए घर में नक्ष आ ही चुका था वह निधि के साथ बैठी उस से सवाल कर रही थी। हनी नाश्ते के बाद अपने घर चला गया वह कुछ दिन अपने मम्मी पापा के साथ रहना चाहता था। निधि नक्ष के साथ रूक गयी ताकि कुछ वक्त अपने परिवार के साथ बिता सके बाद में तो उसे हनी के साथ ससुराल में ही शिफ्ट होना था।
शाम में मीरा अपने कमरे में खिड़की के पास लगे टेबल पर डायरी लेकर बैठी थी और उसमे कुछ लिख रही थी। खिड़की से आती हवा से उसके बालो की लट गाल पर झूल रही थी। मीरा बड़े इत्मीनान से बस कुछ लिखने में लगी थी। अक्षत किसी काम से ऊपर अपने कमरे में आया। उसने मीरा को लिखते देखा तो उसके बगल में चला आया और उसके बालों की लट को साइड करते हुए पूछा,”क्या लिख रही हो मीरा ?”
अक्षत को वहा पाकर मीरा ने जल्दी से डायरी बंद कर दी और पलटकर कहा,”आप कब आये ?”
“अरे तुम तो ऐसे रही हो जैसे मैंने तुम्हारी चोरी पकड़ ली हो , रिलेक्स मैंने कुछ नहीं पढ़ा है”,अक्षत ने साइड होकर कहा
“हम्म्म”,मीरा ने कहा और डायरी ड्रावर में रख दी
“वैसे मुझे पूछना तो नहीं चाहिए लेकिन तुम लिख क्या रही थी ?”,अक्षत ने पूछा
“हम , हम लेटर लिख रहे थे”,मीरा ने कहा
“अच्छा किसे ?”,अक्षत ने मुस्कुरा कर कहा
“वो हम आपको क्यों बताये ? थोड़ा पर्सनल है आपको बुरा तो नहीं लगेगा ना ?”,मीरा ने शरारत से पूछा
“अरे नहीं नहीं मुझे बुरा क्यों लगेगा ? इट्स योर चॉइस तुम लेटर लिखो चाहे लव लेटर,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा तो मीरा प्यार से उसका चेहरा देखने लगी। अक्षत का चेहरा देखकर ही वह समझ गयी की अक्षत को थोड़ी थोड़ी जलन हो रही है लेकिन ये जलन प्यार भरी थी।
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क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 17 ( 3rd May 2023 )
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संजना किरोड़ीवाल
Mem me terii heer aagla season kab tak aayega
Wahhh….✨✨✨✨
Very nice part
Akshat to abhi bhi ase jealous hota h jse in dono ki abhi shaadi Hui h
Such a lovely family bond😍😍😍
Akshat aur Meera ko dekhar lagta hi nahi hai unki shaadi ko teen saal hogaye,sab ne saath accha kwality time spend kiya…
Family m jb sab saath hote h to waqt ka pata hi nhi chalta h ..aaj Vyas house ka mahol bhi waise hi h… aashu saj bhi ghr ka chota beta h jo zid krta h Meera or Radha se…
Akshat the chota bchaa 🤣🤣