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“हाँ ये मोहब्बत है” – 10

Haan Ye Mohabbat Hai – 10

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Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

Haan Ye Mohabbat Hai – 10

अगली सुबह विजय जी के डर से जीजू और अर्जुन सुबह जल्दी उठकर योगा के लिए हॉल में चले आये। उन्होंने देखा उन दोनों के अलावा वहा कोई तीसरा नहीं था। अर्जुन ने घर में चारो ओर नजरे दौड़ाई और कहा,”बाकि सब कहा है ?”
“बाकि सब भी आ जायेंगे मौसाजी की नजर से आखिर कौन बचा है ? वैसे अच्छा है हम दोनों सबसे पहले आये है मौसाजी देखेंगे तो खुश हो जायेंगे , बाकि सब आये इस से पहले ही एक्सरसाइज शुरू करते है”,जीजू ने अपनी पोजीशन लेते हुए कहा


“ये पापा भी ना पता नहीं कौनसे जन्म का बदला ले रहे है हमसे”,अर्जुन ने भी अपनी जगह आकर हाथ ऊपर करते हुए कहा। दोनों मुश्किल से 20 सेकेण्ड खड़े रहे होंगे और फिर आकर सोफे पर पसर गए।
“यार अर्जुन मौसाजी नहीं आते तब तक एक छोटा सा नेप ले लेते है”,जीजू ने अपना गाल अपनी हथेली से लगाते हुए कहा
“हाँ जीजू मैं भी यही सोच रहा हूँ”,अर्जुन ने भी बगल में पसरते हुए कहा और अपना सर जीजू की गोद में रख लिया।

छोटे से नेप की बात हुई थी लेकिन दोनों को ऐसी नींद आयी की फिर आँख ही नहीं खुली। गनीमत था की आज विजय जी भी अपनी योगा क्लास के लिए नहीं आये थे और अर्जुन जीजू आराम से अपनी नींद पूरी कर रहे थे। अमायरा के जागने की वजह से मीरा की नींद खुल गयी। उसने अमायरा को थपकी देकर वापस सुलाया और खुद नीचे चली आयी।

मीरा ने जब जीजू और अर्जुन को सोफे पर सोये देखा तो मन ही मन खुद से कहा,”लगता है अर्जुन जी और जीजू बाते करते हुए यही सो गए , इतनी ठण्ड है यहाँ”
मीरा स्टोर रूम में रखी कम्बल ले आयी और दोनों को ओढ़ा दी , दोनों के चेहरे पर एक सुकून तैरने लगा। मीरा वहा से किचन में आयी और पानी लेकर वापस ऊपर चली गयी।

सुबह विजय जी उठकर बाहर आये उन्होंने जीजू और अर्जुन को सोफे पर सोते देखा तो पहले तो हैरान हुए और फिर खुश भी हुए की अर्जुन और सोमित जी आज भी उनसे डरते है। विजय जी हॉल में खड़े होकर अर्जुन और जीजू को देखने लगे। सूरज निकल आया था और सभी घरवाले भी उठ चुके थे लेकिन मजाल है जीजू और अर्जुन उठ जाए वो दोनों कुम्भकर्ण के जैसे बड़ी गहरी नींद में सो रहे थे। रोजाना की दिनचर्या फिर शुरू हो गयी।

विजय जी ने घर में सबको मना कर दिया कि आज अर्जुन और सोमित जी को कोई नहीं उठाएगा। नाश्ता करके अपना बैग लिए काव्या और चीकू स्कूल जा चुके थे। अक्षत को किसी से मिलना था इसलिए वह भी जल्दी निकल गया। मीरा अपने चाइल्ड होम के लिए निकल गयी आज वह अपने साथ अमायरा को भी ले आयी। तनु और नीता घर के कामो में एक दूसरे का हाथ बटाने लगी    


राधा ने अर्जुन और सोमित जी को सोते देखा तो विजय जी से कहा,”क्या मैं इन्हे उठा दू , इन्हे ऑफिस भी तो जाना होगा ना”
“नहीं राधा इन्हे सोने दो , मैंने इनके कंधो पर इतनी जिम्मेदारियां डाल दी है की ये दोनों अपनी नींद भी पूरी नहीं कर पाते। सुकून से भरे इन दोनों के चेहरे बता रहे है की इन्हे इस नींद की कितनी जरूरत थी। कल से इन सबकी योगा क्लास बंद,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,विजय जी ने प्यार से कहा
“आपको समझना भी कभी कभी मुश्किल हो जाता है”;राधा ने हैरानी से कहा


“मैं ऑफिस जा रहा हूँ ये दोनों उठे तो इनसे कहना आराम से ऑफिस आ जाये”,कहकर विजय जी अपना बैग उठाये ऑफिस के लिए निकल गए। विजय जी के जाने के बाद सोमित जीजू उठे उन्होंने जमकर अंगड़ाई ली और देखा सामने राधा खड़ी है तो झेंपते हुए कहा,”अरे मौसीजी आपने भी योगा क्लास आना शुरू कर दिया क्या ?”
“सोमित जी सुबह के 10 बज रहे है मुझे नहीं लगता इस वक्त मुझे योगा करना चाहिए”,राधा ने उनकी टांग खींचते हुए कहा


“क्या 10 बज गए,,,,,,,,,,,,,,हे भगवान इस अर्जुन की वजह से मैं देर हो गया “,सोमित जीजू ने अर्जुन को अपनी गोद से उठाते हुए कहा लेकिन अर्जुन कुनमुनाते हुए वापस सो गया। सोमित जीजू ने उसे झिंझोड़ा और उठाते हुए कहा,”अरे क्या घर बसा लोगे अब यही , उठो सुबह हो चुकी है”
“हहहहहहह गुड मॉर्निंग जीजू”,अर्जुन ने अंगड़ाई लेते हुए कहा


“अरे गुड मॉर्निंग छोडो और ऑफिस की तैयारी करो , पता नहीं अब कौनसी सजा सोच रखी होगी मौसाजी ने हम दोनों के लिए”,सोमित जीजू ने उठते हुए कहा तो अर्जुन को समझ आया की एक छोटे से स्नेप के बाद दोनों सो गए थे। वह भी उठकर अपने कमरे की ओर जाने लगा। राधा ने दोनों को परेशान होते देखा तो कहा,”अर्जुन , सोमित जी उन्होंने कहा है की आप दोनों आराम से ऑफिस आ जाये”


“यकीन नहीं हो रहा उन्होंने ऐसा कहा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कही वो मुझे अपने ऑफिस से निकालने का तो नहीं सोच रहे ?”,सोमित जीजू ने अपनी परेशानी बढ़ाते हुए कहा
“ऐसा कुछ नहीं है सोमित जी बल्कि उन्होंने तो ये तक कहा है की कल से आप सबकी योगा क्लास बंद”,राधा ने कहा तो डायनिंग के पास खड़ी नीता और तनु का चेहरा भी खिल उठा। सोमित जीजू और अर्जुन ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा उठे।

मीरा अमायरा के साथ अपने चाइल्ड होम आयी। मीरा को देखते ही कुछ बच्चे उसकी तरफ चले आये और अमायरा के साथ खेलने की जिद करने लगे। अमायरा भी उनके साथ जाना चाहती थी इसलिए मीरा ने उसे जाने दिया साथ ही चाइल्ड होम की बड़ी लड़की से अमायरा का ख्याल रखने को कहा और ऑफिस रूम की तरफ चली गयी। मीरा जैसे ही अपने ऑफिस रूम में आयी थोड़ी हैरान हुई आज ऑफिस रूम रोजाना से कुछ ज्यादा चमक रहा था।

मीरा ने देखा ऑफिस रूम में आज नए परदे लगाए गए है। कार्पेट भी चेंज हुआ है। फ्लावर पॉट में ताजा फूल रखे गए है  मीरा अपनी टेबल की तरफ आयी जहा फूलो का एक गुलदस्ता रखा हुआ था। मीरा ने गुलदस्ते के साथ रखी चिट उठायी और देखा जिस पर लिखा था “चाइल्ड होम में 5 वर्ष पुरे होने की बधाई”
मीरा ने पढ़ा तो मुस्कुरा उठी और जैसे ही पलटी अखिलेश खड़ा था। वह मीरा के सामने आकर खड़ा हो गया तो मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा,”हमे तो याद ही नहीं रहा”


“आपको बहुत बहुत शुभकामनाये मैडम , अनाथ बच्चो के लिए आपने जो किया उसे देखकर मुझे हमेशा आप पर गर्व महसूस होता है। इस चाइल्ड होम की शुरुआत हुए आज 5 साल पुरे हो चुके है और यकीनन आपने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया है। अगर आपके पास 10 मिनिट हो तो क्या आप बाहर आएँगी ?”,अखिलेश ने उम्मीदभरे स्वर में कहा
“चलिए”,मीरा ने हाथ में पकड़ी चिट टेबल पर रखते हुए कहा और अखिलेश के साथ बाहर चली आयी


बाहर हाल में चाइल्ड होम के सभी बच्चे और स्टाफ मौजूद थे। एक सेंटर टेबल पर बड़ा सा केक रखा हुआ था जिसे 5 साल पुरे होने की ख़ुशी में लाया गया था। मीरा को देखते ही अमायरा उसकी तरफ चली आयी और कहा,”मम्मा केक केक”
“हाँ अमु , आपको केक खाना है ?”,मीरा ने प्यार से अमायरा के गाल को छूकर पूछा तो उसने मासूमियत से हाँ में गर्दन हिला दी।

मीरा अमायरा का हाथ पकडे उसके साथ सब बच्चो के बीच चली आयी। उसने केक काटा और सब बच्चो को खिलाया। मीरा को देखकर अमायरा भी अपने हाथ से केक का टुकड़ा उठाकर साथ वाले बच्चो को खिला रही थी। मीरा ने उसे देखा तो मुस्कुराने लगी , मीरा ने बाकि केक स्टाफ के लोगो को परोसने को कहा। बच्चो को केक खिलाते हुए मीरा की नजर कोने में खड़े अखिलेश पर चली गयी जो की हाथ बांधे खड़ा सबको देख रहा था। मीरा ने अपने हाथ पोछे और अखिलेश की तरफ चली आयी।
“अखिलेश जी आप यहाँ अकेले क्यों खड़े है ? सबके साथ वहा आईये”,मीरा ने कहा


“मैडम आपको इन बच्चो के साथ देखकर बहुत अच्छा लगता है। कभी कभी सोचता हूँ कोई इंसान इतना अच्छा कैसे हो सकता है आपका दिल कितना बड़ा है मैडम जो कभी किसी में भेदभाव नहीं करता , सबको अपना समझता है। कभी कभी तो लगता है ये चाइल्ड होम मेरा घर है और ये सब मेरा परिवार”,अखिलेश ने भावुक होकर कहा


“ह्म्म्मम्म तो ये बात है,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे आपसे एक बात कहे अखिलेश जी आपको ना अब शादी कर लेनी चाहिए। आपका अपना घर होगा , आपकी परवाह करने वाली कोई होगी तो जिंदगी खूबसूरत लगने लगेगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक काम करते है क्यों ना हम ही आपके लिए लड़की ढूंढ दे”,मीरा ने कहा
“क्या मैडम आप फिर मेरी शादी की बातें करने लगी”,अखिलेश ने नजरे चुराते हुए कहा
“क्यों नहीं कर सकते ? आप इतने साल से हम सबके साथ है , हम सबका इतना ख्याल रखते है हमारा भी तो कुछ फर्ज बनता है ना ,, बताईये कैसी लड़की पसंद है आपको ?”,मीरा ने पूछा


“मैडम आपके ,,,,,,,,,,,,,,,,!”,अखिलेश ने जैसे ही कहना चाहा अमायरा वहा चली आयी। उसने केक से अपने कपडे खराब कर लिए थे। उसने देखते ही मीरा ने कहा,”अमु ये क्या बेटा आपने अपने सारे कपडे खराब कर लिए , आईये हम आपके कपडे साफ कर देते है”
मीरा अमायरा को वहा से लेकर चली गयी। अखिलेश उसे जाते हुए देखता रहा और मन ही मन कहा,”काश मैं आपसे कह पाता मैडम की मुझे आप जैसी लड़की चाहिए”

अर्जुन और जीजू नाश्ता करने के बाद अपने अपने ऑफिस निकल गए। आज फिर अर्जुन लेट आया था और आते ही सीधा अपने केबिन में चला आया। उसके ऑफिस में आते ही बाकि सब चुपचाप अपना काम करने लगे। चूँकि अक्षत ने अर्जुन से एक हफ्ते अपने ऑफिस में फ्रेंडली रहने को कहा था इसलिए वह वैसे ही रहने की कोशिश कर रहा था। उसने अपने पुराने मैनेजर को बुलाया और लिस्ट मांगी।

मेहता जी ने ऑफिस में काम करने वाले तीन नौजवानो का नाम लिस्ट में रखा जो उनके हिसाब से नए मैनेजर की पोस्ट के लिए काबिल थे। अर्जुन ने लिस्ट देखी और कहा,”हां तो मेहता जी आपको क्या लगता है किसे मौका देना चाहिए ? मैं सोच रहा हूँ तीनो को ही मौका दे दू,,,,,,,,,,,,, कैसा रहेगा ?”
“लगता है छोटे मालिक होश में नहीं है तीन तीन मैनेजर वो भी एक ऑफिस में क्या जरूरत है ?”,मेहता जी ने मन ही मन अर्जुन के बारे में सोचते हुए कहा


“क्या हुआ मेहता जी कहा खो गए ? जल्दी बताईये मुझे मीटिंग के लिए भी जाना है”,अर्जुन ने अपने लेपटॉप पर मेल देखते हुए कहा
“अर्जुन बाबू छोटा मुंह बड़ी बात लेकिन एक ऑफिस में तीन मैनेजर,,,,,,,,,,,,,,,,आपको नहीं लगता ये थोड़ा बचकाना फैसला है”,मेहता जी ने झिझकते हुए अपनी बात अर्जुन के सामने रखी तो अर्जुन अपनी कुर्सी से उठा और सामने ड्रॉवर से

मीटिंग के लिए फाइल निकालते हुए कहने लगा,”मेहता जी तीन मैनेजर ऑफिस के लिए नहीं है , एक ऑफिस में आपके अंडर में काम करेगा , दुसरा बाहर की मार्केटिंग देखेगा और तीसरा बाहर काम कर रहे स्टाफ का काम आसान करने के लिए,,,,,,,,,,,,,,,हाँ थोड़ी सैलरी बढ़ जाएगी उनकी लेकिन इस से आपका और बाकी लोगो का काम आसान हो जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,तो अब मैं मीटिंग के लिए चलू , आप दीपा से कहकर इनके प्रमोशन लेटर बनवाइए”
“जी ठीक है”,मेहता जी ने कहा और वहा से चले गए


“मुझे लगता है मैं आजकल कुछ ज्यादा ही समझदार हो गया हूँ,,,,,,,,,,,,वेल डन अर्जुन,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह मीटिंग के लिए देर हो रही है मुझे निकलना चाहिए”,अर्जुन ने अपने केबिन में लगे शीशे में देखते हुए कहा और वहा से चला गया

अर्जुन मीटिंग रूम में आया स्टाफ के लोग वहा पहले से मौजूद थे अर्जुन ने मीटिंग शुरू की आज वह रोजाना के बजाय थोड़ा कूल होकर बात कर रहा था। सभी उसके बदले बर्ताव से हैरान भी थे और खुश भी। मीटिंग खत्म होने के बाद सभी जैसे ही उठकर जाने लगे अर्जुन ने कहा,”गाईज आप सभी के लिए कॉफी आ रही है , तब तक थोड़ा रिलेक्स हो जाईये”


सभी वापस अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठ गए। अर्जुन ने भी अपने गले में बंधी टाई को थोड़ा लूज किया और कहा,”वैसे आज की मीटिंग काफी अच्छी रही , क्या हम लोग किसी नए आइडिआ पर काम कर सकते है ?”
“सर नए आईडिया के लिए हमे नए इन्वेस्टर की जरूरत होगी , और पिछले हफ्ते ही हमने नए शेयर्स खरीदे है,,,,,,,,,,,,,,,,ये थोड़ा रिस्की होगा”,दीपा ने कहा जो की कम्पनी में HR थी साथ ही लीगल एडवाइजर भी थी।


“हम्म्म पर मुझे लगता है की हमारी कम्पनी को रिस्क लेना चाहिए अगर ज्यादा कुछ भी नहीं तो कुछ ना कुछ सिखने को मिलेगा,,,,,,,,,बाकि सबको क्या लगता है ?”,अर्जुन ने कहा तो सब आपस में डिस्कस करने लगे। इतने में कॉफी आ गयी तो अर्जुन ने कहा,”रिलेक्स गाईज मैं बस थोड़ा मजाक कर रहा था  फ़िलहाल के लिए कोई नया प्रोजेक्ट नहीं है”


सबने सूना तो हैरानी से अर्जुन की ओर देखने लगे सबको अपनी ओर देखता पाकर अर्जुन हंस पड़ा तो बाकी सब भी मुस्कुराने लगे और फिर कॉफी पीते हुए हलकी फुलकी बाते करने लगे। इतने सालो में ये पहली मीटिंग थी जिसमे मीटिंग के अलावा बाकि सब बातें हो रही थी। अर्जुन को भी काफी अच्छा महसूस हो रहा था। कॉफी पीकर सभी मीटिंग रूम से बाहर निकल गए दीपा भी सब फाइल्स और पेपर्स लेकर जाने लगी तो अर्जुन ने कहा,”मिस दीपा”


“यस सर”,दीपा ने पलटकर अपनी आँखों पर लगे चश्मे को ठीक करते हुए कहा
“क्या मैं तुम्हे बदला हुआ नजर आ रहा हूँ ?”,अर्जुन ने एकदम से पूछा
“मुझे ऐसा नहीं लगता सर आप हमेशा ऐसे ही थे बस काम के प्रेशर से थोड़े बोरिंग हो गए थे पर आज आप पहले से बेहतर दिखाई पड़ रहे है,,,,,,,,,,,,,,!!”,दीपा ने कहा तो अर्जुन मुस्कुरा उठा और दीपा को जाने का इशारा किया।

एक लम्बी बहस के बाद आखिर कर जज साहब ने फैसला अक्षत के हक़ में सूना दिया। सामने वाला वकील अक्षत से उम्र में बड़ा था और काफी अनुभवी भी था लेकिन आज अक्षत को देखकर वह भी उस से प्रभावित हुए बिना ना रह सकता। कोर्ट रूम से बाहर आकर उसने अक्षत से हाथ मिलाया और उसे कोन्ग्रेचुलेशन कहकर वहा से निकल गया। अक्षत ने केस की फाइल सचिन को दी और कुछ काम समझाकर उसे वहा से भेजकर खुद भी नीचे चला आया। अक्षत अपने चेंबर में आया।

चित्रा वही थी और आँखों पर चश्मा लगाए किसी क़ानूनी किताब को बड़े ध्यान से पढ़ रही थी। अक्षत आकर अपनी कुर्सी पर बैठ गया और दूसरी फाइल्स देखने लगा। चित्रा की नजर अक्षत पर पड़ी तो वह चेंबर से बाहर निकल गयी।
“क्या बात है मेरे जूनियर आज कोर्ट रूम के बाहर बस तुम्हारी ही चर्चा हो रही थी”,अखिल ने अंदर आते हुए कहा साथ ही पुरे चेंबर में नजर दौड़ाई लेकिन अक्षत के अलावा वहा कोई नहीं था


“मुझे इस से फर्क नहीं पड़ता की चर्चा हो रही है हाँ इस बात से जरूर पड़ता है की वो चर्चा किस बात को लेकर है”,अक्षत ने बिना अखिल की तरफ देखे अपनी फाइल के पन्ने पलटते हुए कहा
अखिल ने टेबल के सामने पड़ी कुर्सी खिसकाई और बैठते हुए कहा,”चर्चे आपकी जीत के है वकील साहब,,,,,,,,,,,,,,वैसे मैंने सूना तुम्हारे सामने अरविन्द चौधरी थे मतलब हमारे सीनियर और काफी अनुभवी लॉयर फिर भी तुम जीत गए,,,,,,,,,,,!!”


अखिल की बात सुनकर अक्षत ने उसे देखा और कहा,”यहाँ जीत सच्चाई की हुई है किसी सीनियर या जूनियर की नहीं , अगर मेरा क्लाइंट गलत होता तो मैं सामने से केस हार जाता भले उसमे मेरे जीतने के पुरे चांस ही क्यों ना हो ?”
“उफ्फ्फ तुम्हारी ये बातें , तुम्हारी नजरो से कोई बच नहीं सकता ये बीते 3 सालों में मैं जान चुका हूँ”,अखिल ने कहा तो अक्षत मुस्कुरा कर वापस अपने हाथ में पकड़ी फाइल को देखने लगा।
“सर आपके लिए कॉफी”,चित्रा ने अक्षत के सामने कप रखते हुए कहा


 “मैं कॉफी नहीं पीता”,अक्षत ने फाइल में नजरे गड़ाए हुए कहा। जिस ख़ुशी के साथ चित्रा कॉफी लेकर आयी थी वो एकदम से गायब हो गयी। चित्रा ने सूना तो जाने लगी। अक्षत ने देखा कप अभी भी टेबल पर रखा है तो उसने कहा,”मिस चित्रा”
अक्षत के मुंह से अपना नाम सुनकर चित्रा ख़ुशी से पलटी लेकिन अक्षत की नजरे अभी भी फाइल पर ही थी और उसने कहा,”इसे यहाँ से लेकर जाओ”


चित्रा का दिल टूट गया उसने चुपचाप कप उठाया और केबिन से बाहर निकल गयी सामने से आते सचिन ने चित्रा के हाथ से कप लिया और घुठ भरते हुए कहा,”ओह्ह्ह थैंक्स मुझे इसकी बहुत जरूरत थी”
चित्रा ने कुछ नहीं कहा बस वहा से चली गयी। अंदर बैठे अखिल को अक्षत का ये बर्ताव पसंद नहीं आया तो उसने कहा,”यार तुझे इतना भी सख्त नहीं होना चाहिए वो इतने प्यार से कॉफी लेकर आयी थी तुझे नहीं पीनी थी तो प्यार से मना कर देता। अपने जूनियर्स के साथ तुम्हे दोस्त की पेश की तरह पेश आना चाहिए उसे कितना बुरा लगा होगा”


अक्षत ने सूना तो फाइल बंद करके टेबल पर रखी और अखिल की आँखों में देखते हुए कहा,”अक्षत व्यास अपने पर्सनल और प्रोफेशनल रिश्ते मिक्स नहीं करता”
अखिल उसकी बात सुनकर खामोश हो गया और फिर कुछ देर बाद वहा से चला गया।

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