“हाँ ये मोहब्बत है” – 8
Haan Ye Mohabbat Hai – 8
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Haan Ye Mohabbat Hai – 8
अक्षत दिनभर अपने काम में लगा रहा शाम में चाय पीने वह केंटीन की तरफ चला आया उसने देखा अखिल भी वही है तो अक्षत अपनी चाय लेकर उसके सामने आ बैठा और कहा,”सो कैसी चल रही है तुम्हारी वकालत ?”
“ओह्ह्ह अक्षत तुम , वक्त मिल गया तुम्हे मुझसे बात करने का,,,,,,,,,,,,,,,,,कभी कभी मुझे हैरानी होती है एक कोर्ट में होकर भी हम एक दूसरे से नहीं मिल पाते। क्या तुम्हारे पास काम ज्यादा है ? या तुम मिलना नहीं चाहते”,अखिल ने ताना मारते हुए कहा
“माफ़ करना यार ऐसी बात नहीं है , थोड़ा बिजी था पिछले 6 महीने से जो मर्डर केस चल रहा है बस उसी में लगा हुआ हूँ और आज फिर 4 दिन बाद की डेट मिली है। अपना खाली वक्त मैं क़ानूनी किताबे पढ़ने में बिताता हूँ ताकि कुछ नया सिखने को मिले और वो इस केस में मेरे काम आ सके”,अक्षत ने अपनी चाय पीते हुए कहा
“अरे मजाक कर रहा हूँ यार मैं वैसे भी इस केस में तू बहुत मेहनत कर रहा है देखना तू जीत जायेगा”,अखिल ने मुस्कुराते हुए कहा
“जीतने से ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है जो गुनहगार है उसे उसके गुनाह की सजा मिलना और ये जितना जल्दी हो जाये उतना अच्छा है। वैसे भी लोगो को कानून पर इतना भरोसा अब रहा नहीं है”,अक्षत ने कहा
“हाँ ये तो तूने सही कहा पर याद रख हम लोगो का घर भी इसी वजह से चलता है जितनी लम्बी डेट उतनी इनकम”,अखिल ने कहा
“तू सिर्फ पैसो के लिए काम करता है और मैं पैशन के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,खैर तू मुझसे क्यों मिलना चाहता था ?”,अक्षत ने चाय का घूंठ भरते हुए कहा
“एक्चुअली मुझे ये पूछना था तू अपनी इंटर्न से मिला ?”,अखिल ने अपनी आँखों में चमक भरते हुए कहा
“हाँ वो अपनी प्रेक्टिस के लिए यहाँ आयी है”,अक्षत ने कहा
“वैसे मुझे तेरी किस्मत से जलन हो रही है यार , इतनी अच्छी इंटर्न तेरे साथ प्रेक्टिस करेगी”,अखिल ने कहा
“साले 2 बच्चो का बाप है तू और नयी इंटर्न का सीनियर भी,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने उसे घूरते हुए कहा
“हाँ तो क्या हुआ सब देख रहे है उसे तो थोड़ा मैंने भी हाय हेलो कर लिया,,,,,,,,,,,,,वैसे वो अच्छी लड़की है”,अखिल ने कहा तब तक अक्षत अपनी चाय खत्म कर चुका था वह उठा और कहा,”मेरे लिए वो सिर्फ मेरी जूनियर है”
अक्षत वहा से चला गया उसे जाते देखकर अखिल बड़बड़ाया,”उफ़ तुम्हारा ये ऐटिटूड मार डालेगा एक दिन मुझे , चलो भैया हम भी अब घर की राह लेते है”
अक्षत अपने केबिन में आया उसने देखा सचिन वहा नहीं था। अक्षत को देखते ही चित्रा की नजर उस पर चली गयी उसे लगा अक्षत उस से उसके दिनभर के काम के बारे में पूछेगा लेकिन अक्षत आया , उसने लेपटॉप बैग में रखा , जरुरी फाइल्स उठाये और घडी में टाइम देखकर चित्रा से कहा,”कोर्ट बंद होने का समय हो गया है , मैं घर जा रहा हूँ सचिन के आने के बाद तुम भी निकल जाना”
“ओके सर”,चित्रा ने कहा
अक्षत वहा से चला गया और चित्रा उसे जाते हुए देखते रही। वह अक्षत को समझ नहीं पायी उसे महसूस हुआ की पहली बार किसी लड़के ने उस पर ध्यान नहीं दिया। चित्रा ने भी अपना बैग उठाया और अक्षत के केबिन से कुछ बुक्स ले ली ताकि उसकी स्टडी में हेल्प मिल सके। वह वही बैठकर सचिन के आने का इंतजार करने लगी कुछ देर बाद सचिन आया और अक्षत को ना देखकर चित्रा से पूछा,”सर गए क्या ?”
“हां वो कुछ देर पहले ही निकल गए , मैं भी चलती हूँ कल मुझे किस वक्त आना होगा सर ?”,चित्रा को अक्षत की सुबह वाली बात याद आ गयी
“अरे तुम मुझे सचिन कहकर बुला सकती हो , कोर्ट सुबह 10 खुल जाता है लेकिन तुम चाहो तो 11 बजे तक आ जाना। कल मैं तुम्हे बेसिक चीजे समझा दूंगा उसके बाद बस सर के साथ रहना है और सीखते जाना है”,सचिन ने सभी फाइल्स को व्यवस्तिथ करके रखते हुए कहा। चित्रा ने हामी भरी और अपना बैग लेकर वहा से चली गयी।
अक्षत भी कोर्ट से निकल गया , उसने टाइम देखा और गाड़ी की स्पीड थोड़ी बढ़ा दी। कुछ वक्त बाद गाड़ी चाइल्ड होम के बाहर थी जहा खड़ी मीरा अक्षत का इंतजार कर रही थी। मीरा गाड़ी की तरफ चली आयी तो अक्षत ने उसके लिए दरवाजा खोल दिया। मीरा अंदर आ बैठी और अक्षत की तरफ देखकर कहा,”आज आप पुरे 7 मिनिट लेट है मिस्टर सडू”
“हाँ वो ट्रेफिक में थोड़ा टाइम लग गया”,कहते हुए अक्षत ने मीरा को सीट बेल्ट पहनाया
“अरे ये हम खुद कर लेंगे”,मीरा ने कहा तो अक्षत ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”मेरी जिंदगी में कुछ चीजे ऐसी है जो मुझे सिर्फ तुम्हारे लिए करना पसंद है , इसलिए ये मुझे करने दो”
“ओके थैंक्यू , वैसे हम आपसे एक बात पूछे ?”,मीरा ने कहा
“हाँ पूछो”,अक्षत ने गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ा दी
“आपका कोर्ट और हमारा चाइल्ड होम दोनों विपरीत दिशाओ में है फिर भी आप हर रोज हमे लेने आते है कही आप हमे लेकर कुछ ज्यादा पजेसिव तो नहीं होने लगे”,मीरा ने कहा
अक्षत ने मीरा की तरफ देखा और फिर सामने देखते हुए उसके हाथो को उठाकर गेयर पर रख लिया। अक्षत को खामोश देखकर मीरा ने कहा,”आपकी इस ख़ामोशी का हम क्या मतलब समझे ?”
“मैं तुम्हारे सवाल का जवाब पहले ही दे चुका हूँ मीरा”,अक्षत ने सामने देखते हुए कहा
“और वो क्या है ?”,मीरा ने प्यार से पूछा तो अक्षत ने मीरा की तरफ देखा और कहा,”बिल्कुल मैं तुम्हे लेकर पजेसिव हूँ , तूम सिर्फ मेरी हो और मैं तुम्हे किसी से भी बाटना पसंद नहीं करूँगा ये एक बात है और हर शाम तुम्हे लेने आता हूँ ताकि मुझे मेरी जिम्मेदारियों का अहसास रहे की अपने काम के अलावा मेरी एक प्यारी सी फॅमिली भी है ये दूसरी बात है”
“हम्म्म तो ये बात है , वैसे मिस्टर पतिदेव आप अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभा रहे है,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने अक्षत के गाल को अपने होंठो से छूकर कहा तो अक्षत मुस्कुरा उठा उसे मुस्कुराते देखकर मीरा ने पूछा,”आप मुस्कुराते हुए कितने प्यारे लगते है , वैसे इस मुस्कराहट के पीछे की वजह क्या है ?”
“पता है इस वक्त तुम्हारे साथ बैठकर ऐसा लग रहा है जैसे हम लवर्स हो और ड्राइव पर आये हो”,अक्षत ने कहा
मीरा मुस्कुराने लगी और कहा,”फॉर योर काइंड इन्फॉर्मेशन अब आपकी शादी हो चुकी है और आप एक बेटी के पिता है।”
“हाँ जानता हूँ लेकिन वाइफ के साथ हमेशा लवर बनकर रहो तो लाइफ ज्यादा अच्छी गुजरती है”,अक्षत ने कहा तो मीरा उसे प्यार से देखने लगी। कुछ देर बाद अक्षत और मीरा घर पहुंचे। अक्षत ने गाड़ी साइड में लगाई मीरा अक्षत की फाइल और बैग उठाने लगी तो अक्षत ने कहा,”ये मैं ले आऊंगा तूम चलो”
मीरा अपना बैग लिए अंदर चली आयी। अक्षत ने भी अपनी फाइल्स और बैग लिया और अंदर चला आया। काव्या और चीकू हॉल में बैठकर अपना होमवर्क कर रहे थे। अमायरा अपनी गुड़िया के साथ खेल रही थी। नीता किचन में थी , राधा मंदिर की तरफ थी। मीरा अमायरा की तरफ आयी और कहा,”अमु क्या कर रही हो आप ?”
“मम्मा डोल को भी स्कूल जाना है , भैया के साथ”,अमायरा ने अपनी प्यारी सी आवाज में अटकते हुए कहा
मीरा उसके सामने बैठी और कहा,”जब आप और आपकी डॉल बड़े हो जाओगे तब हम आपको भी स्कूल भेजेंगे , अच्छा ये बताओ आपने दादी माँ को ज्यादा परेशान तो नहीं किया ना ?”,मीरा ने अमायरा के माथे पर आये बालो को साइड करते हुए कहा
“नहीं , मैं गुड़ गल हूँ न आपकी तरह”,अमायरा ने ना में गर्दन हिलाते हुए कहा
“हमारी प्यारी गुड़िया , हम चेंज करके आते है”,मीरा ने अमायरा का सर चूमते हुए कहा और चली गयी।
अक्षत आकर सोफे पर बैठ गया और कहा,”हे अमु यहाँ आना”
अमायरा ने अक्षत को देखा तो अपनी गुड़िया को छोड़कर सीधा उसके पास चली आयी अक्षत ने उसे उठाया और अपने सामने पड़ी टेबल पर बैठाकर कहा,”आज अमु ने अपने पापा को कितना मिस किया ?”
अमायरा ने मुंह बनाकर अपने नन्हे नन्हे हाथो को फैला दिया और बताया की उसने अक्षत को बहुत मिस किया। अक्षत ने देखा तो उसने अपने हाथ फैलाते हुए कहा,”पापा ने भी अमु को बहुत मिस किया”
अमायरा ने सूना तो एकटक अक्षत को देखने लगी। अक्षत ने उसे अपने पास आने का इशारा किया और उसे अपने सीने से लगाते हुए कहा,”मेरा बच्चा”
“मेरे पापा”,अमायरा ने अक्षत के सीने से चिपके हुए कहा
“भई वाह क्या प्यार है ? थोड़ा प्यारा हमारे लिए भी छोड़ दो हाँ साले साहब”,सोमित जीजू ने अर्जुन के साथ अंदर आते हुए कहा
“ये बाप बेटी का प्यार है जीजू इसमें कोई बटवारा नहीं होगा”,अर्जुन ने सोफे पर बैठते हुए कहा
“अरे अरे बेचारे उन दो बच्चो को देखो जबसे इनके स्कूल शुरू हुए है इन्हे दिन दुनिया की खबर नहीं है”,जीजू ने भी अर्जुन के बगल में बैठते हुए कहा। मीरा निचे चली आयी और किचन में आकर सबके लिए चाय चढ़ा दी
“पापा मेरी टीचर ने बोला है इस फ्राइडे आपको पेरेंट्स मीटिंग में आना है”,चीकू ने आकर कहा
“हाँ पापा आपको भी”,काव्या ने आकर कहा
“हम्म्म्म आशु,,,,,,,,,,,,!!”,जीजू और अर्जुन ने एक साथ अक्षत की तरफ देखकर कहा तो अक्षत ने कहा,”हम्म समझ गया , मैं चला जाऊंगा”
“पापा मैं भी”,अमायरा ने अक्षत की तरफ देखकर कहा
“ठीक है अमु हम सब चलेंगे,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा तो अमायरा ख़ुशी से उसकी गोद से नीचे उतरी और कूदते हुए कहा,”येह भैया के स्कूल जाना है”
“चलो अमु हम सबको बताकर आते है”,चीकू ने नन्ही अमायरा का हाथ पकड़कर कहा और उसे लेकर चला गया। काव्या भी अपनी बुक्स समेटकर उन्हें रखने ऊपर चली गयी।
मीरा चाय ले आयी और तीनो के सामने रखकर वापस चली गयी।
अर्जुन और जीजू ने अपनी चाय ली और पीने लगे , लेकिन अक्षत ने अपना सर पीछे लगा लिया और सोच में डूब गया जीजू ने देखा तो कहा,”क्या हुआ आशु आज काम ज्यादा था क्या ? काफी थके हुए लग रहे हो”
“हाँ जीजू वो एक केस है काफी टाइम से पेंडिंग चल रहा है उसी में लगा हूँ , थोड़ी स्टडी करनी होगी उसे लेकर”,अक्षत ने अपनी चाय उठाते हुए कहा
“मुझे तुम पर भरोसा है तुम कर लोगे,,,,,,,,,,,,,और अर्जुन तुम बताओ कैसा रहा तुम्हारा आज का दिन ?”,सोमित जीजू ने पूछा
“रोजाना से बहुत अच्छा था जीजू,,,,,,,,,,,,,,आज मैंने ज्यादा काम भी नहीं किया और काम भी कम्प्लीट हो गया,,,,,,,,,,,,,,,कितने सालो बाद थोड़ा अच्छा लगा ऑफिस जाकर,,,,,,,,!!”,अर्जुन ने खुश होकर कहा तो जीजू अक्षत की तरफ देखने लगे जैसे उन्हें पता हो की इन सबके पीछे की वजह अक्षत हो।
अक्षत ने अपनी भँवे उचकाई तो जीजू ने ना में गर्दन हिला दी और अपनी चाय खत्म करने लगे। चाय पीकर अर्जुन और जीजू वहा से चले गए। अक्षत को अब थोड़ा रिलेक्स महसूस हो रहा था , उसने कमरे में जाने का सोचा और फिर उसे याद आया उसे एक इम्पोर्टेन्ट पेपर पर कुछ वर्क करना है। वह हॉल में ही बैठकर अपना काम करने लगा।
विजय जी बाहर से आये अक्षत को डिस्टर्ब ना हो इसलिए राधा को चाय के लिए इशारा करके अपने कमरे की ओर चले गए। फोन आने की वजह से अक्षत उन पेपर्स को वही छोड़कर फोन पर बात करते हुए दूसरी तरफ चला गया। चीकू और अमायरा खेलते हुए वहा आये। चीकू अपनी बुक्स की तरफ चला गया और अपनी बुक्स और सामान बैग में रखने लगा। किताबे देखकर नन्ही अमायरा को मन जिज्ञासा होने लगी अब चुकी तो उसे अपनी किताबे देने से रहा इसलिए वह टेबल पर पड़ी अक्षत की फाइल्स के पास चली आयी।
टेबल पर रखी फाइल्स और पन्नो ने अमायरा का ध्यान अपनी ओर खींचा , वह नहीं जानती थी की ये इम्पोर्टेन्ट पेपर्स है उसने वहा पड़ा पेन पकड़ा और वहा रखे एक पन्ने पर चला दिया। टेढ़ी मेढ़ी लाइन देखकर अमायरा मुस्कुरा उठी और उसके बाद उसने ना जाने कितनी ही उलटी सीधी लाइन्स उस पन्ने पर खींच दी। चीकू तो अपना बैग लेकर कब का जा चुका था अमायरा अकेले ही हॉल में थी , जैसे ही उसने अक्षत को आते देखा सोफे के पीछे जाकर छुप गयी।
अक्षत ने फोन रखा और जैसे ही टेबल पर पड़ा पेपर देखा उसके चेहरे के भाव बदल गए उसने थोड़ी तेज आवाज में कहा,”चीकू , काव्या यहाँ आना”
“क्या हुआ मामू ?”,काव्या ने डरते हुए पूछा
“ये तुमने किया ?”,अक्षत ने पेपर उठाकर काव्या को दिखाते हुए कहा
“नहीं मामू मैं तो अंदर थी नानी माँ के साथ”,काव्या ने डरते डरते कहा
“चीकू तुमने किया ?”,अक्षत ने पूछा तो चीकू ने भी ना में गर्दन हिला दी। सोमित जीजू और अर्जुन भी चले आये , उन्होंने अक्षत के चेहरे पर आये गुस्से के भाव भांप लिए और जीजू ने कहा,”ये किसने किया ?”
“पता नहीं जीजू , ये बहुत इम्पोर्टेन्ट था और कल सुबह मुझे सब्मिट करना था”,अक्षत ने उदासी भरे स्वर में कहा। सोफे के पीछे से अमायरा ने झांककर अक्षत को देखा तो अक्षत की नजर उस पर चली गयी और उसने कहा,”अमु यहाँ आओ”
अमायरा धीरे से निकलकर बाहर आयी उसके मुंह पर लगी स्याही देखकर सब समझ गए की ये उसने किया।
“अमु बेटा ये क्या किया तुमने पापा के इम्पोर्टेन्ट पेपर खराब कर दिए”,अर्जुन ने अमायरा को प्यार से समझाते हुए कहा
अमायरा डर गयी उसने सहमी हुई आँखों से अक्षत को देखा और फिर नजरें झुका ली
“अमु ये तुमने किया ?”,अक्षत ने पूछा तो अमायरा ने चुपचाप अपने हाथ उठाये और अपने दोनों कान पकड़ लिये। अक्षत ने देखा तो गुस्से में भी मुस्कुरा उठा और अमायरा के पास आकर उसे गोद में उठाकर कहा,”अब पापा को फिर से ये सब लिखना पडेगा”
जवाब में अमु ने अपना निचला होंठ निकालकर मुंह बना दिया। अक्षत ने देखा तो उसने गाल पर किस कर दिया। उसने अपनी फाइल समेटी और रघु से सब ऊपर रखकर आने को कहा। जो पेपर अमायरा ने खराब किया था वो अक्षत के हाथ में ही था उसे देखकर जीजू ने कहा,”साले साहब ये तो खराब हो गया अब इसका क्या करोगे आप ?”
“इसे मैं फ्रेम करवाऊंगा और याद के तौर पर अपने पास रखूंगा”,कहते हुए अक्षत मुस्कुराया और अमायरा को लेकर चला गया।
“कभी कभी लगता है जैसे आशु की पूरी दुनिया इस नन्ही सी बच्ची में सिमटी हुई है”,जीजू ने जाते हुए अक्षत को देखकर मुस्कुराते हुए कहा
“हां जीजू अमु उसकी जान है”,अर्जुन ने जीजू के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
“हाँ और हमारे बच्चे जानवर , देखो उन्हें”,जीजू ने कहा तो अर्जुन की नजर सामने चली गयी जहा काव्या और चीकू एक दूसरे पर कुशन फेंक रहे थे
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Bhut hi pyaari story h ma’am jse jse akshat ko janne lgte h woh aur bhi dil m uttar jaata h
Very nice part
😂😂😂😂😂😂 Amazing….❤️❤️
Amu ka pyar Akshat k gusse ko choomantar Kar deta h
Akshat Meera ko lekar bahut possessive hai, Akshat ne sabit kar diya ki uske liye Amaira kitni maine rakh ti hai…Usse dekhte ki Akshat kitne hi gusse me kyu na rahe usse dekhte ki shant ho jata hai..
Sadu ki Apni meera k liye possesive h . or sahi bhi apni zimmedari nibhani bhi chahiye…amu aashu ki jaan h…
Jiju is just epic 🤣🤣🤣