Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 5

Haan Ye Mohabbat Hai – 5

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

Haan Ye Mohabbat Hai – 5

लड़के ने जब मीरा से बदतमीजी से बात की तो अक्षत ने गुस्से में एक घूसा सामने वाले लड़के के मुंह पर दे मारा और वह नीचे जमीन पर जा गिरा। घूसा इतना तेज था की लड़का दोबारा उठ ही नहीं पाया। अक्षत को गुस्से में देखकर उस वक्त किसी ने कुछ नहीं कहा। उस लड़के के दोस्त भी ख़ामोशी से खड़े थे। मीरा ने कितने सालो बाद अक्षत की आँखों में वही गुस्सा देखा था जो अर्जुन की शादी के वक्त देखा था। वह थोड़ा डर भी गयी क्योकि अक्षत जब गुस्से में होता था तो उसे सम्हालना मुश्किल हो जाता था। मीरा अक्षत के पास आयी और कहा,”अक्षत जी,,,,,,,,,,!!
“एक मिनिट मीरा”,अक्षत ने मीरा की तरफ देखकर शांत भाव से कहा और उस लड़के के दोस्तो के पास आकर कहने लगा,”इस उम्र में पार्टी करना , ड्रिंक करना , देर रात बाहर घूमना , ये सब करते है लेकिन अपनी लिमिट्स में रहकर। तुम लोगो की इस हरकत की वजह से दूसरे लोगो को कितनी प्रोब्लम्स होती है इसका अंदाजा भी है तुम लोगो को ,, तुम्हारे पेरेंट्स ने तुम्हे ये आजादी इसलिए नहीं दी है की तुम ये सब करो,,,,,,,,,,,,!!”
“आई ऍम सॉरी सर”,उनमे से एक लड़के ने कहा
अक्षत ने नीचे गिरे लड़के की तरफ इशारा करके कहा,”इसे उठाओ और इसके घर छोड़ देना”
“हम ले जायेंगे सर”,लड़के ने कहा तो अक्षत मीरा की तरफ आया और उसे साथ लेकर गाड़ी की तरफ बढ़ गया। अर्जुन और जीजू भी चले आये अक्षत ने उन सबको गाड़ी में बैठने को कहा और एक बार फिर उन सब लड़को की तरफ चला आया। वह उनके सामने आया और अपना गाल सहलाते हुए कहा,”ये जब उठेगा तो तुम लोगो से सवाल जरूर करेगा की इसे किसने मारा ? तो जब ये उठे तो इसे मेरा नाम जरूर बता देना “एडवोकेट अक्षत व्यास”
कहकर अक्षत अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ गया ड्राइवर सीट पर बैठा और गाड़ी स्टार्ट कर वहा से निकल गया। गाड़ी में बैठे सभी लोग खामोश थे , अर्जुन ने जीजू को इशारा किया की अक्षत से बात करे तो जीजू ने अपना गला साफ करते हुए कहा,”आशु तुम्हे उसे मारना नहीं चाहिए था”
अक्षत ने सामने देखते हुए कहा,”जीजू ऐसे लोगो से दिन में 10 बार पाला पड़ता है मेरा अब सबकी बकवास सुनूंगा तो मेरे कान पक जायेंगे”
सोमित जीजू ने अर्जुन की ओर देखा और कंधे उचका दिए। खैर सभी शांत थे कुछ देर पहले जो कुछ हुआ उस से सबका मूड ऑफ हो चुका था। सभी घर पहुंचे तनु और सोमित जीजू अपने कमरे की तरफ बढ़ गए , अर्जुन नीता भी चुपचाप ऊपर चले गए। अक्षत गाड़ी की चाबी रखकर वाशबेसिन के सामने चला आया और मुंह धोने लगा। मीरा ने देखा राधा अभी जगी हुई थी शायद उन्ही सब के आने की राह देख रही थी मीरा उनके पास आयी और कहा,”सॉरी माँ वो आने में थोड़ी देर हो गयी , अमु कहा है ?”
“बच्चो को मैंने अपने कमरे में सुला दिया है , अमु भी चीकू और काव्या के साथ मेरे कमरे में सोई है। तुम दोनों अपने कमरे में जाओ रात बहुत हो गयी है “,राधा ने प्यार से कहा
“हम्म्म्म”,मीरा ने कहा और सीढ़ियों की तरफ बढ़ गयी। अक्षत ने देखा मीरा ने उसका इंतजार भी नहीं किया। खैर उसने मुंह धोकर वहा टंगे तौलिये से पोछा और डायनिंग की तरफ चला आया। उसने पानी पीया और फिर सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया। अक्षत अपने कमरे के सामने आया दरवाजा बंद दिखा। अक्षत दरवाजा खोलकर अंदर आया देखा मीरा कपड़े बदल चुकी है उसने सिम्पल कुर्ता और पटियाला पजामी पहनी हुई थी। वह कमरे में रखे अक्षत के कपड़ो को उठाकर कबर्ड में रख रही थी। अक्षत अंदर आया और दरवाजा बंद करते हुए कहा,”आज खाना अच्छा था ना ?”
लेकिन मीरा ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया , अक्षत समझ गया की मीरा उस से नाराज है फिर भी उसने मीरा को मनाने की कोशिश करते हुए कहा,”अच्छा मीरु तुम कह रही थी तुम्हारे चाइल्ड होम में अगले हफ्ते कोई फंकशन है ,, वैसे नवीन कह रहा था की वो भी उसमे कुछ डोनेशन देना चाहता है। तुम मिल लो ना एक बार उस से मैं कल भेज देता हूँ घर ,,,, या फिर तुम्हारे चाइल्ड होम में”
मीरा ने इस बात का भी कोई जवाब नहीं दिया वह बस कपडे उठाकर रखे जा रही थी। कपडे रखकर मीरा बिस्तर के दूसरी तरफ चली आयी और बेडशीट ठीक करने लगी , और कुशन जमाने लगी। अक्षत ने मीरा को खामोश देखा तो बड़बड़ाया और कहा,”लगता है कुछ ज्यादा ही नाराज है”
उसने मीरा की तरफ देखा और किसी छोटे बच्चे की तरह मचलते हुए उसके हाथ से कुशन लेकर कहा,”मीरु सुनो ना यार”
“हम्म्म्म कहिये”,मीरा ने अपने दोनों हाथ बांधकर अक्षत की तरफ देखते हुए कहा
मीरा को ऐसे अपनी ओर देखता पाकर अक्षत ने कहा,”ऐसे देखोगी तो मैं बोल नहीं पाऊंगा प्लीज थोड़ा साइड में देखो ना”
मीरा अक्षत की ये वाली नौटंकिया अच्छे से जानती थी , जब भी अक्षत कुछ ऐसा करता जो मीरा को पसंद नहीं होता था और वह अक्षत से नाराज हो जाती थी तो वह मीरा के सामने ऐसी ही बातें करता था। मीरा ने अपनी नजरे हटा ली तो अक्षत ने बड़े ही प्यार से कहा,”आई लव यू”
मीरा अक्षत की तरफ पलटी और कहा,”क्या आप सच में हम से प्यार करते है ?”
“ए मीरा ऐसे क्यों बोल रही हो ? मैं तुम्हे खुद से भी ज्यादा प्यार करता हूँ”,अक्षत ने थोड़ा सीरियस होकर कहा
“फिर कुछ देर पहले आपने जो किया वो क्या था ?”,मीरा ने पूछा
“मीरु तुम मेरी wife हो अगर कोई तुमसे ऐसे बात करेगा तो मैं चुप बैठूंगा क्या ? मैं बहुत कोशिश करता हूँ की गुस्सा ना करू पर कभी कभी हो जाता है।  आई ऍम सॉरी लेकिन कोई मेरी फॅमिली और मेरी मीरा के लिए कुछ बोलेगा तो वो मैं बर्दास्त नहीं करूंगा”,अक्षत ने कहा तो मीरा का चेहरा उदासी से घिर गया।
 मीरा का उदास चेहरा देखकर अक्षत को अच्छा नहीं लगा तो उसने कहा,”आई ऍम सॉरी”
अक्षत के मुंह से बार बार सॉरी सुनकर मीरा को अच्छा नहीं लग रहा था , क्या गलत किया अक्षत ने कुछ भी तो नहीं। उसकी जगह कोई और होता तो शायद वो भी यही करता सोचकर मीरा अक्षत के थोड़ा करीब आयी और उसकी शर्ट को सही करते हुए कहने लगी,”अक्षत जी जानते है हमे इस दुनिया में सिर्फ एक चीज से डर लगता है और वो है आपका गुस्सा , आपके गुस्से की वजह से सामने वाले से ज्यादा तकलीफ आपको होती है। हम आपको फिर से तकलीफ में देखना नहीं चाहते”
अक्षत ने सूना तो उसने मीरा के चेहरे को अपने दोनों हाथो में लिया और उसके ललाट को अपने होंठो से छूकर कहा,”जब तक तुम मेरे साथ हो मुझे कुछ नहीं होगा मीरा। अगर मैं ये कहू की मैं तुम्हे देखकर जीता हूँ तो इसमें कोई दोराय नहीं होगी।”
मीरा ने अक्षत के हाथ को अपने दोनों हाथ में लिया तो महसूस हुआ की अक्षत के हाथ ठन्डे है। वह उसके दोनों हाथो को सहलाने लगी और कहा,”इतने बड़े हो चुके है आप फिर भी अपना ख्याल नहीं रखते , देखिए हाथ कितने ठन्डे है”
“मेरा ध्यान रखने के लिए तुम हो ना मीरा,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने प्यार से मीरा के बालों की लट साइड करते हुए कहा
“और अगर कभी हम ना हुए तो,,!!”,मीरा ने जैसे ही कहा अक्षत ने उसके होंठो पर अपना हाथ रखते हुए कहा,”मुझसे दूर जाने की बातें मत किया करो मीरा”
“ह्म्म्मम्”,मीरा ने कहते हुए अक्षत का हाथ अपने होंठो से हटा दिया तो अक्षत उसकी आँखों में देखते हुए कहने लगा,”पता है मेरी जिंदगी में सबसे खूबसूरत बात क्या है ? तुम्हारा मेरी जिंदगी में होना और जानती हो सबसे बुरी बात क्या है ?”
मीरा ने ना में गर्दन हिला दी तो अक्षत ने अपनी सर्द आवाज में कहा,”तुम्हारे बिना जीने की कल्पना करना”
मीरा मुस्कुरा उठी आज उसे अक्षत की आँखों में अपने लिए बेइंतहा प्यार जो नजर आ रहा था। मीरा ने कबर्ड की तरफ आकर अक्षत के लिए ट्राउजर और टीशर्ट निकाला और अक्षत की तरफ बढाकर कहा,”चेंज कर लीजिये”
अक्षत ने उन्हें साइड कुर्सी पर फेंका और मीरा का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया।  

मीरा ने अपनी भँवे उचकाई तो अक्षत ने उसे अपनी बांहो में लिए रूम का म्यूजिक सिस्टम ऑन कर दिया और धीमी आवाज में उस पर कोई बहुत ही खूबसूरत सा गाना चला दिया। मीरा बस समझने की कोशिश कर रही थी की आखिर अक्षत करना क्या चाहता है। म्यूजिक सिस्टम पर गाना बजने लगा। अक्षत ने अपने पैरो को आगे किया और मीरा से उसके पैर अपने पैरो पर रखने को कहा। मीरा ने वैसे ही किया और इसी बहाने अक्षत के थोड़ा और करीब भी आ गयी। अक्षत की बांहे मीरा की कमर पर थी तो मीरा की बांहे अक्षत के गले में और मीरा बड़े ही प्यार से अक्षत की आँखों में देख रही थी।
अक्षत को आज इतने अच्छे मूड में देखकर मीरा ने कहा,”क्या बात है मिस्टर सडु आज आप कुछ ज्यादा ही रोमांटिक हो रहे है”
“अब जिसके पास इतनी खूबसूरत बीवी हो वो थोड़ा तो रोमांटिक होगा ना”,अक्षत ने गाने की धुन पर थिरकते हुए कहा
“हम नहीं बल्कि हमे देखने वाली आपकी ये आँखे ज्यादा खूबसूरत है”,मीरा ने कहा और दोनों साथ साथ उन पलो को जीने लगे।

अगली सुबह विजय जी अपनी योगा क्लास के लिए आये लेकिन सारे नरारद , उन्होंने जैसे ही अर्जुन को आवाज लगाने के लिए मुंह खोला राधा ने आकर उनके मुंह पर हाथ रखते हुए कहा,”सोने दीजिये ना बच्चो को , वैसे भी कल देर रात घर आये है सारे”
“देर रात घर क्यों ? तुमने मुझे बताया क्यों नहीं ?”,विजय जी ने राधा का हाथ हटाते हुए कहा
“इसमें बताने जैसा क्या है बच्चे बाहर जाना चाहते थे इसलिए मैंने ही कह दिया”,राधा ने कहा
“राधा तुम्हारे इन बच्चो के पास रात भर घूमने का वक्त है लेकिन मेरी योगा क्लास में आने का नहीं ,,  मुझे लगता है ये सब अर्जुन की प्लानिंग है आजकल वही ऑफिस में बैठे बैठे ये सब प्लान बनाता है। आने दो उसे खबर लेता हूँ मैं उसकी”,विजय जी ने कहा  
राधा ने सूना तो कहा,”मीरा बाहर जाना चाहती थी फिर आशु सोमित तनु अर्जुन और नीता को भी साथ ले गया”
“अच्छा मीरा को जाना था फिर कोई बात नहीं , वैसे भी मीरा कहा इतना बाहर आती जाती है। कभी कभी तो उसे मौका मिलता है।”,विजय जी ने कहा
“मीरा के नाम से इस घर में सब सीधे हो जाते है”,राधा विजय जी के पीछे से बड़बड़ाई
“तुमने कुछ कहा क्या राधा ?”,विजय जी ने पलटकर कहा
“नहीं मैं बस पूछ रही थी आपके लिए चाय बना दू ?”,राधा ने तुरंत बात बदलते हुए कहा
“हम्म्म ठीक है बना दो मैं तब तक एक चक्कर बाहर कर आता हूँ”,विजय जी ने कहा और बाहर चले गए। राधा मुस्कुराते हुए किचन की तरफ चली गयी।

 सुबह सभी नाश्ते के लिए डायनिंग टेबल के इर्द गिर्द मौजूद थे। चीकू , काव्या और अमायरा के लिए तनु ने लाइट सैंडविच और दूध बनाया था और बाकि सबके लिए आलू पूरी और खीरे का रायता। सब मौजूद थे सिवाय अक्षत और अर्जुन के। विजय जी ने देखा तो नीता से कहा,”बेटा अर्जुन कहा है ? आज ऑफिस नहीं जाएगा वो ?”
“पापा जी वो कह रहे थे की आज वो देर से ऑफिस जायेंगे”,नीता ने कहा
“देर से ? तबियत तो ठीक ना उसकी ?”,विजय जी ने चिंता करते हुए कहा
“हाँ पापा जी वो ठीक है”,नीता ने कहा
“हम्म्म्म , और ये आशु कहा है मीरा ?”,विजय जी पूछा
“मैं यहाँ हूँ”,अक्षत ने सीढ़ियों से जल्दी जल्दी में उतरते हुए कहा। सफ़ेद शर्ट , ब्लैक पेंट , हाथ में घडी , सलीके से बने बाल और क्लीन शेव के साथ मुछे अक्षत पर खूब जच रही थी। उसने एक हाथ में अपना काला कोट पकड़ा हुआ था साथ ही फोन और एक फाइल तो दूसरे हाथ में अपने लेपटॉप का बैग और गाड़ी की चाबियां। उसे देखकर ही लग रहा था की वह काफी जल्दी में है। वह डायनिंग के पास आया तो विजय जी ने कहा,”क्यों वकील साहब इतनी सुबह सुबह ?”
“हाँ पापा वो एक केस के सिलसिले में थोड़ा जल्दी निकलना है”,अक्षत ने कहा
“नाश्ता तो करते जाओ”,राधा ने कहा
“माँ डोंट वरी मैं ऑफिस में कर लूंगा”,कहते हुए अक्षत बच्चो की तरफ आया उसने काव्या का सर सहलाया , चीकू का गाल खींचा और अमायरा को गाल पर किस करते हुए कहा,”अमु आपके पापा बहुत जरुरी काम से बाहर जा रहे है तो आपसे ना शाम को आकर मिलेंगे , ओके”
“ओके”,अमायरा ने खुश होकर कहा
अक्षत ने एक नजर मीरा को देखा तो मीरा के होंठ धीरे से बुदबुदाए,”बेस्ट ऑफ़ लक”
अक्षत वहा से चला गया। घर के बाहर आकर उसने रघु को सामान के साथ गाड़ी की चाबी दी और सब अंदर रखने को कहा और खुद एक बार फिर वापस चला आया राधा ने देखा तो कहा,”क्या हुआ बेटा ?”
“जल्दी से थोड़ा सा अपने हाथ से खिला दीजिये वरना दिनभर आप परेशान रहेगी ये सोचकर की मैंने कुछ खाया या नहीं”,अक्षत ने राधा की बगल में आकर कहा तो राधा मुस्कुरा उठी। उसने अक्षत की प्लेट मे एक पूरी और थोड़ी सी सुखी सब्जी रख दी जो की उसे हमेशा से पसंद था उसने जल्दी जल्दी खाया और फिर राधा से कहा,”अच्छा माँ मैं चलता हूँ”

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