हाँ ये मोहब्बत है – 27
Haan Ye Mohabbat Hai – 27
विजय जी अर्जुन को नए ऑफिस जाने का बोलकर वहा से चले गए। नीता की एक छोटी सी गलती की वजह से परिवार में तनाव का माहौल था। अर्जुन से खाया ही नहीं गया वह बीच में उठ गया और वाशबेसिन की और चला गया। मन ही मन अर्जुन सोचने लगा,”आज पहली बार पापा को मेरी वजह से हर्ट हुआ , मैं कभी नहीं चाहता इस घर का बटवारा हो। आशु को इस बात का पता चला तो उसे कितना बुरा लगेगा ? हम दोनों भाईयो ने कभी ऐसा नहीं सोचा की हम दोनों माँ पापा से दूर रहे , इस घर से दूर रहे लेकिन आज नीता की बातो ने इस घर में वो दरार डाल दी”
गुस्से में अर्जुन बिना नाश्ता किये ही वहा से चला गया। दादू-दादी बेचारे क्या कहते उन्होंने चुपचाप नाश्ता किया और वहा से उठकर चले गए। तनु और सोमित एक दूसरे की और देख रहे थे ऐसे माहौल में वे दोनों क्या कहते ? नीता वहा से चली गयी। राधा का उतरा हुआ चेहरा देखकर तनु ने कहा,”मौसी ये सब कैसे ? नीता तो ऐसी बिल्कुल नहीं है फिर वो ऐसी बातें कैसे कर सकती है ?”
“वही तो मुझे नहीं समझ आ रहा है तनु , मैंने कभी भी मीरा और नीता में फर्क नहीं किया है हमेशा उन दोनों को एक जैसा ही समझा फिर नीता की बातो में इतना फर्क कैसे आ गया ?”,राधा ने उदास होकर कहा
“आप चिंता मत कीजिये मौसीजी आप कहे तो मैं नीता और अर्जुन से बात करता हूँ हो सकता है वो दोनों मुझे कुछ बता दे”,सोमित ने कहा
“नीता का इस घर के लोगो पर विश्वास नहीं रहा है सोमित जी , मुझे नहीं लगता वो आपकी बात सुनेगी”,राधा ने कहा तनु ने आकर राधा के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”चिंता मत कीजिये मौसी सब ठीक हो जाएगा”
“हम्म्म , तुम नाश्ता करो मैं आती हूँ”,कहकर राधा वहा से चली गयी। नाश्ता करने के बाद सोमित भी ऑफिस चला गया और तनु काव्या को स्कूल भेज अपने कमरे की सफाई करने लगी। अक्षत तैयार होकर नीचे आया उस वक्त किचन में खड़ी नीता कुछ काम कर रही थी। अक्षत ने सोफे पर बैठते हुए कहा,”भाभी एक कप चाय”
नीता ने कोई जवाब नहीं दिया अक्षत अपने फोन में कोई मेल्स देख रहा था की कुछ देर बाद आकर तनु ने कहा,”आशु तेरी चाय”
“अरे दी आप लेकर आये हो मैंने भाभी को कहा था”,अक्षत ने कहा
“वो थोड़ी बिजी थी तो मैने बना दी , वैसे तुम कही जा रहे हो ?”,तनु ने बैठते हुए पूछा
“हाँ वो किसी काम से कोर्ट जाना है”,कहते हुए अक्षत चाय पीने लगा , तनु नीता और अर्जुन के बारे में सोच रही थी उनका उदास चेहरा देखकर अक्षत ने कहा,”क्या हुआ दी सब ठीक है ना ?”
“हाँ,,,,,,,,हाँ हाँ आशु सब सब ठीक है , वैसे तुम्हारा सपना पूरा हो चुका अब तुम्हे इसमें खूब कामयाबी मिले”,तनु ने कहा तो अक्षत उठा और अपनी फाइल उठाते हुए कहा,”थैंक्यू दी मैं चलता हूँ माँ से कहियेगा शाम को आऊंगा”
अक्षत वहा से चला गया , बाहर आकर गाड़ी स्टार्ट की और चला गया। कुछ देर बाद अक्षत कोर्ट पहुंचा। कोर्ट में उसे पुरुषोत्तम माथुर मिल गए जो की उसी कोर्ट में सीनियर लॉयर थे। अक्षत से वे मिले माथुर जी की इशिका के पापा से अच्छी जान पहचान थी और उन्होंने ही माथुर जी को अक्षत के बारे में बताया था। अक्षत का चेंबर तैयार हो चुका था बस दो दिन बाद से उसे कोर्ट आना था। माथुर साहब से मिलकर अक्षत उनके ऑफिस से बाहर निकल गया , कॉरिडोर में चलते हुए अक्षत सामने से आते वकील से टकरा गया। उसके हाथ में पकड़ी किताबे और फाइल नीचे आ गिरी अक्षत ने उन्हें उठाकर उस वकील की और बढ़ाते हुए कहा,”आई ऍम सॉरी वो मैंने,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अखिल तू , तू यहाँ कैसे ?”
अक्षत ने देखा सामने उसका सीनियर अखिल खड़ा था , अखिल और अक्षत दोनों एक ही कॉलेज से पास आउट थे। अखिल अक्षत का सीनियर था और दोनों में काफी अच्छी बॉन्डिंग भी थी। अक्षत को अपने सामने देखकर अखिल का चेहरा भी खिल उठा और उसने कहा,”अरे अक्षत तू और यहाँ ? कॉलेज के बाद तो तू जैसे गायब हो गया था कितने सालो बाद आज मिल रहा है तू,,,,,,,,,,,,,,,,कैसा है भाई ?”
“मैं ठीक हूँ तू कैसा है ? और यहाँ कैसे ?”,अक्षत ने अखिल से कहा
“आई ऍम अ फॅमिली लॉयर , चल आजा बैठकर बात करते है”,कहते हुए अखिल अक्षत को लेकर अपने केबिन में चला आया। अंदर आकर अखिल ने अक्षत को बैठने को कहा और खुद अपनी कुर्सी पर आ बैठा और कहा,”चल अब बता क्या लेगा ? चाय , कॉफी , ठंडा क्या मँगवाऊ ?”
“अरे नहीं बस ठीक है , तू ये बता की तू यहाँ कैसे तुझे तो लॉ पढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं थी ?”,अक्षत ने टेबल पर पड़ी नेम प्लेट देखते हुए कहा जिस पर लिखा हुआ था “एडवोकेट अखिल वर्मा”
“बस यार मत पूछ मैं तो सिविल में जाना चाहता था पर पापा नहीं चाहते थे मैं ये शहर छोड़कर जाऊ इसलिए इसमें आ गया , अब बस बैठकर लोगो के फॅमिली मेटर सॉल्व करता हूँ , तू बता तू यहाँ कैसे ?”,अखिल ने मुस्कुराते हुए कहा
“दिल्ली से यहाँ ट्रांसफर करवा लिया है , फॅमिली के साथ रहना चाहता था”,अक्षत ने कहा
“कमाल है मतलब यहाँ भी मैं तुम्हारा सीनियर”,कहते हुए अखिल हंस पड़ा
“मैं एक क्रिमिनल लॉयर हूँ”,अक्षत ने कहा
“तेरा इन सब में इंट्रेस्ट कैसे मुझे लगा तू अपने डेड का बिजनेस सम्हालेगा लेकिन तूने तो एक दम से यूटर्न ले लिया,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अखिल कह ही रहा था की तभी वहा एक लड़का और लड़की आये और लड़के ने अखिल से कहा,”सर हमारे डाइवोर्स पेपर्स का क्या हुआ ? पिछले 2 हफ्ते से मैं चक्कर काट रहा हूँ मैं इस लड़की के साथ एक पल भी नहीं रह सकता , मुझे इस से तलाख चाहिए”
“हां तो मुझे भी तुम्हारे साथ रहने का कोई शौक नहीं है मैं तो खुद चाहती हूँ की तुम मेरा पीछा छोड़ दो”,लड़की ने भी तेश में आकर कहा
अक्षत खामोश बैठा उन दोनों को देखता रहा। अखिल उठा और कहा,”अरे तुम दोनों झगड़ना बंद करो , कोर्ट के कामो में थोड़ा वक्त तो लगता ही है ,, एक काम करो दोनों यही बैठो मैं अभी तुम्हारी फाइल लेकर आता हूँ”
कहते हुए अखिल चला गया , लड़का और लड़की दो केबिन के अलग अलग कोनो में पडी कुर्सियों पर जाकर बैठ गए। अक्षत ने नोटिस किया की दोनों उम्र में ज्यादा बड़े नहीं थे यही कोई 20-22 साल उम्र होगी उन दोनों की। लड़के के चेहरे पर बेबसी के भाव थे और लड़की के चेहरे पर दर्द के। दोनों एक दूसरे को देखते और फिर दूसरी और देखने लगते। कुछ देर बाद लड़की खांसने लगी , उसकी खासी सुनकर पहले तो लड़का शांत बैठा रहा और फिर उठकर उसके पास आते हुए कहा,”कितनी बार कहा है अपना इनहीलर अपने पास रखा करो , हमेशा ऐसे ही लापरवाही करती हो”
कहते हुए लड़के ने टेबल पर पड़ा पानी का ग्लास उसकी और बढ़ा दिया। लड़की ने पानी पीया तो उसे खासी में कुछ आराम मिला और कहा,”तुमने नौकरी क्यों छोड़ दी ?”
“रोज रोज कोर्ट के चक्कर काटने की वजह से मेरे मालिक ने निकाल दिया”,कहते हुए लड़के के चेहरे पर उदासी झलक आयी अक्षत बड़े गौर से उन् दोनों के चेहरे देख रहा था और फिर कहा,”जब इतनी ही परवाह है एक दूसरे की तो डिवोर्स क्यों ले रहे हो ?”
अक्षत के सवाल से दोनों उसकी और देखने लगे लेकिन कुछ कहा नहीं। उन्हें खामोश देखकर अक्षत उठा और उनके पास चला आया। अक्षत ने दोनों को देखा लगा,”मैं नहीं जानता तुम दोनों की क्या मज़बूरी है ? लेकिन इतना जरूर जानता हु की तुम दोनों जो कर रहे हो बहुत गलत कर रहे हो। शादी का बंधन एक बहुत ही पवित्रा बंधन होता है। दो अलग सोच के लोग जब साथ रहते है तो उनमे कई बार चीजे बिगड़ती है पर इसका मतलब ये नहीं की रिश्ता ही तोड़ दिया जाये , उन्हें सुधारा भी जा सकता है , बदला भी जा सकता है और अगर फिर भी कोई हल ना निकले तो उन्हें अपनाया भी जा सकता है। अरेंज हो लव मैरिज शादी से पहले तुम दोनों ने एक दूसरे को देखा होगा , पसंद किया होगा , शादी के बाद कुछ वक्त के लिए ही सही एक दूसरे के साथ में अच्छा वक्त बिताया है तुम दोनों ने। आज तुम दोनों जवान हो एक दूसरे को डिवोर्स देकर कही और घर बसा लोगो पर क्या गारंटी है वो दोनों तुम्हे खुश रखेंगे हो सकता है उस नए रिश्ते में आज से ज्यादा परेशानिया हो और तुम दोनों को पछताना पड़े। हर रिश्ते में परेशानिया आती है और हर परेशानी का हल भी होता है पर आज की जेनेरेशन में वो पेशेंस नहीं है और वो चले आते है कोर्ट,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कोर्ट आकर भी तुम दोनों को एक दूसरे की परवाह हो रही है मतलब साफ है की तुम दोनों के मन में एक दूसरे के लिए फीलिंग्स अभी भी है , अपने अहम् को साइड में रखो और ठन्डे दिमाग से सोचो इस डिवोर्स के बाद क्या तुम दोनों खुश रह पाओगे ? अगर खुश रह सकते हो तो आज ही डिवोर्स लेकर अपने अपने घर चले जाओ लेकिन इस तरह सबके सामने अपने रिश्ते का मजाक मत बनाओ , रिश्ते जब दिल से जुड़े हो तो झुकने में कोई बुराई नहीं है बाकि तुम्हारी मर्जी”
कहकर अक्षत कुर्सी की और जाने लगा तो लड़के ने कहा,”सर”
उसकी आवाज पर अक्षत पलटा तो लड़का कहने लगा,”आपने सही कहा सर हम यूथ की यही सबसे बड़ी समस्या है एक पल में प्यार किया , एक पल में रिश्ता बनाया और अगले ही पल उसे तोड़ भी देते है। रिश्तें की अहमियत को समझ ही नहीं पाते है। हमारी लव मैरिज थी सर और घरवालों से लड़कर हम दोनों ने एक दूसरे से शादी की थी लेकिन आज कुछ गलतफमियों की वजह से बात डिवोर्स तक पहुँच गयी। मैं इसे बहुत चाहता हूँ सर और इसकी ख़ुशी के लिए ही इसे छोड़ रहा था पर आज आपने मेरी आँखे खोल दी , अनजाने में मैं बहुत बड़ी गलती करने जा रहा था।”
“मैंने सिर्फ वही कहा है जो तुम लोगो की आँखों में देखा है , एक दूसरे के लिए परवाह और प्यार साफ नजर आ रहा है ,, हो सके तो अपने रिश्ते को एक मौका और दो क्या पता दोबारा यहाँ आने की जरूरत ही न पड़े”,अक्षत ने लड़के के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
लड़की उठी और अक्षत के सामने आकर कहा,”आप बहुत अच्छे इंसान है सर जो हम दोनों को गलत करने से बचा लिया , यहाँ आने के बाद हर कोई रिश्ते तोड़ने के नए नए तरीके ही बताता है आप पहले इंसान है जो ये सब कह रहे है ,, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी जिस लड़के से मैंने प्यार किया , जिसके लिए अपने घरवालों को छोड़ा आज मैं उसे ही छोड़ने जा रही थी पर सही वक्त पर आपने मेरी आँखे खोल दी , मैं बहुत शर्मिन्दा हूँ सर”
“मुझे माफ़ कर दो शिखा मैंने तुम्हे बहुत दुःख दिए , परेशान किया आज के बाद मैं कभी ऐसा नहीं करूंगा”,लड़के ने आँखों में आंसू भरकर लड़की की तरफ पलटते हुए कहा
“नहीं तरुण गलती सिर्फ तुम्हारी नहीं मेरी भी है , मैंने भी तुम्हे बहुत हर्ट किया है मुझे माफ़ कर दो”,लड़की ने कहा तो लड़के ने उसके आंसू पोछे और कहा,”चलो तुम्हे तुम्हारी फेवरेट आइसक्रीम खिलाता हूँ”
“लेकिन तुम्हारी तो नौकरी जा चुकी है , पैसे ?”,लड़की ने कहा
“ये लो आईस क्रीम तुम दोनों मेरी तरफ से खा लेना”,अक्षत ने अपने पर्स से 100 रूपये का नोट निकालकर लड़के की और बढ़ाते हुए कहा
“अरे नहीं सर इसकी जरूरत नहीं है”,लड़के ने मना किया अक्षत ने कहा,”शगुन समझ कर रख लो”
लड़के ने अक्षत के पैसे लिए और ख़ुशी ख़ुशी लड़की के साथ वहा से चला गया। जैसे ही वह दोनों दरवाजे से निकले अखिल ने अंदर आते हुए कहा,”ये दोनों कहा जा रहे है ?”
“अपना घर बसाने”,अक्षत ने उन्हें जाते हुए देखकर कहा
“और इनका डिवोर्स ?”,अखिल ने हैरानी से कहा
“वो तो इस जन्म में नहीं होगा”,अक्षत ने मुस्कुराते हुए कहा
“मतलब तुमने उन्हें भगा दिया , बेटा अगर ऐसे काम करेगा ना तो दो दिन नहीं टिकेगा यहाँ , इन्ही लोगो की वजह से हमारी रोजी रोटी चलती है”,अखिल ने कहा। अक्षत ने सूना तो कहने लगा,”देख भाई जहा उम्मीद की एक किरण नजर आये ना तो वहा कोशिश कर लेनी चाहिए”,अक्षत ने कहा
अक्षत की बात सुनकर अखिल को कॉलेज वाला अक्षत याद आ गया और उसने मुस्कुराते हुए कहा,”तू कभी नहीं सुधरेगा , चल आजा”
क्रमश – हाँ ये मोहब्बत है – 28
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संजना किरोड़ीवाल
Akshit ne bilkul sahi kaha,aaj ku generation mein patience bilkul nhi hai 😘😘😘
Send episode 28
Neeta ka behaviour bahut jyda bura lag raha hai i hope use jaldi akal aa jaye jaha pyar ho vaha par adjust kar lena chahiye bahut acha likhe ho mam aap
Nice part ♥️♥️
Beautiful part…. akshat ko abhi Ghar p hui baat pata nhi use jb pata chalega to kya hoga…wo apni ma se bahut pyar karta h wo bardasht nhi kr sakta uski ma pareshan rhe…. akshat ne accha kiya ek ghar tutne se bacha liya… love marriage ho ya arrange igo bahut badi cheez h..koi jukna nhi chahta.. bache hue rishtedar kaan bhar dete or wo rishta kbhi nhi sudharta…
Awesome part dear really ese रिश्ते nhi tode jate kbhi kbhi jhukna b shi hota h
Bhut hi pyara part tha akshat ne jis samajhdari se un dono ko samjhaya wo bhut acha laga
Akshat ne do pyar karne vale pyare Jodi ko alg hone se bacha liya beautiful part that🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰
अक्षत समझदार हो गया है…
Apne rishte ko sambhal le log vo bht h but aj ek alag hi jagah bna di h akshat ne I proud of you sanjna mam jo apne aise shaks ke bare me likha h ye soch jo apki h god bless you mam
Nice part aage ka episode 28