Sanjana Kirodiwal

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Haan Ye Mohabbat Hai – 92

Haan Ye Mohabbat Hai – 92

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

अक्षत ने छवि के के असली गुनहगार को सबके सामने लाकर खड़ा कर दिया और उसी के मुंह से सब सच भी बुलवा दिया लेकिन केस अभी जारी था शायद कुछ बातें अभी भी अदालत में कही जानी जरुरी थी इसलिए अक्षत ने कहा,”माय लार्ड ! अपने ही पिता से बदला लेने और उन्हें बर्बाद करने के इरादे से कुमार ने छवि दीक्षित का रेप किया जिस से विक्की सिंघानिया इस में फंस जाये और उसे जेल हो जाये और उसके बाद वह गौतम सिंघानिया की जायदाद का वारिस बन सके।

अदालत में मौजूद लोगो के दिमाग में एक सवाल अब भी चल रहा होगा कि मुझे ये सब कैसे पता चला ? मैं अदालत में आज कुछ कहना चाहूंगा माय लार्ड ?”
“इजाजत है,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जज साहब ने इस बार मुस्कुरा कर कहा
“थैंक्यू माय लार्ड !”,अक्षत ने सर झुकाकर कहा और फिर आगे कहने लगा,”माय लार्ड जब मैं इस केस को देख रहा था तब मैंने विक्की सिंघानिया को बार बार सिर्फ एक ही बात कहते सुना कि उसने छवि का रेप नहीं किया।

केस के खत्म होते होते विक्की तो इस केस से बच गया लेकिन सिंघानिया जी का नौकर रोबिन इस में फंस गया और मैं किसी बेकसूर को सजा होते नहीं देख सकता। इस केस के चलते मैंने लगभग अपना सब कुछ खो दिया , अपनी फॅमिली , अपनी जॉब अपनी वकालत और अपना कॉन्फिडेंस भी लेकिन एक उम्मीद फिर भी मुझमे रह गयी और वो थी छवि को इंसाफ दिलाने की उम्मीद क्योकि मैंने उस से वादा किया था। लायसेंस केंसिल होने के बाद मेरे पास काफी समय था इसलिए मैंने शुरू से इस केस को समझना शुरू किया और छानबीन करने लगा।

मैंने शुरुआत विक्की के बारे में जानने से करी ,  मैं विक्की के कॉलेज गया , उसके दोस्तों से मिला , उन लोगो से मिला जिनके साथ विक्की पार्टी किया करता था या ज्यादा समय बीताता था एक कॉमन फेक्ट जो सबसे जानने को मिला वो ये कि इतना बोल्ड और पैसेवाला होने के बाद भी विक्की लड़कियों से दूर रहना पसंद करता था उसके किसी के साथ फिजिकल रिलेशन नहीं थे बल्कि वो आज तक किसी के साथ रिलेशनशिप में भी नहीं रहा ,

उसकी माँ ने उसके  बचपन में जो उसके पिता के साथ किया विक्की नहीं चाहता था उसके साथ भी वैसा ही कुछ हो इसलिए वह अपने दोस्तों के साथ मौज मस्ती और लेट नाईट पार्टीज में समय बिताया करता था लेकिन छवि का रेप विक्की ने नहीं किया इसके लिए ये एक रीजन काफी नहीं था।  थोड़ी और छानबीन करने के बाद मुझे कुमार के बारे में चीजे पता चली। विक्की , रोबिन , किडनेपर और दिलीप चौरसिया के पास छवि का रेप करने की कोई ठोस वजह नहीं थी ,

हैरानी की बात तो ये कि रोबिन और दिलीप तो छवि को जानते तक नहीं थे इसलिए उन दोनों को रेपिस्ट मानना हमारी भूल होगी।
जब छवि दीक्षित केस फिर से रीओपन हुआ तो एक नयी चीज सामने आयी “कुमार” कोर्ट आने लगा जबकि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ बस यही से मेरा शक धीरे धीरे कुमार पर बढ़ने लगा। मैंने कुमार पर नजर रखनी शुरू की लेकिन इतनी आसानी से कुमार सच उगलने वाला नहीं था इसलिए मुझे भी थोड़ा सा लीग से हटकर काम करना पड़ा

मैंने विक्की को निशाना बनाया उसे कुछ फेक कॉल्स किये और उसे सिंघानिया जी से जायदाद के लिये जान बूझकर झगड़ा करने को कहा और वही हुआ जो मैं चाहता था। इस बात से कुमार घबरा गया और खुद को सिंघानिया जी बेटा साबित करने में लग गया,,,,,,,,,,,,,,DNA टेस्ट रिपोर्ट से वह खुद को सही साबित सकता है ये आईडीआ भी कुमार को मैंने ही दिया था क्यों कुमार ?”
“तो क्या वो कॉल,,,,,,,,,,,,!!”,कुमार अक्षत को हैरानी से देखकर बस इतना ही कह पाया    

 कोर्ट में मौजूद सब लोग अक्षत के दिमाग की दाद रहे थे। माथुर साहब तो ने तो ख़ुशी से अपना हाथ पास बैठे सीनियर वकील पर दे मारा लेकिन आज सीनियर वकील ने बुरा नहीं माना क्योकि किसी ने नहीं सोचा था छवि दीक्षित केस ऐसा मोड़ लेगा। अक्षत से जलने वाले लोग भी वहा मौजूद थे लेकिन आज वे भी अक्षत के आगे बोलने का इंतजार कर रहे थे।


कुमार की बात सुनकर अक्षत ने उसकी तरफ देखा और कहा,”बिल्कुल तुम्हे और विक्की सिंघानिया को कॉल करने वाला मैं ही हूँ। कुमार इंसान जब कोई गुनाह करता है तो वो ये बात भूल जाता है कि पुलिस हर गुनहगार से भले दो कदम आगे रहे लेकिन एक वकील गुनहगार और वकील से 4 कदम आगे रहता है।”


अक्षत की बात सुनकर सूर्या खुद को रोक नहीं पाया और उठकर अक्षत के लिये मारे ख़ुशी के तालियां बजाने लगा। चोपड़ा जी ने देखा तो अपना सर पीटते हुए कहा,”क्या कर रहे हो सूर्या ?”
“आर्डर , आर्डर”,जज साहब ने कहा तो सूर्या झेंपते हुए नीचे बैठ गया।

अक्षत जज साहब की तरफ पलटा और कहने लगा,”कुमार पर मुझे सिर्फ शक था लेकिन छवि का का रेप उसी ने किया है इस बात को लेकर मैं कन्फर्म नहीं था ,, मैंने विक्की से ऐसे एक झूठ कुमार तक पहुँचाने को कहा और सबूत मिटाने के लिये कुमार इंस्पेक्टर कदम्ब के घर चला आया और पकड़ा गया और आप सबके सामने अदालत में कुमार ने खुद ही ये कुबूल कर लिया कि विक्की सिंघानिया को फ़साने के लिए उसी ने छवि दीक्षित का रेप किया है।”


कुमार ने जैसे ही सुना उसे अहसास हुआ कि उसने खुद ही छवि का रेप करने की बात स्वीकार की है जबकि अक्षत तो शुरू से यहाँ गौतम सिंघानिया की बर्बादी के बारे में बात कर रहा था। अफ़सोस से भरकर उसने सर झुका लिया। अक्षत ने बहुत ही चालाकी से एक तीर से दो शिकार किये थे और ये बात समझते समझते कुमार को बहुत टाइम लग गया जबकि अदालत में कुछ लोगो को अब भी समझ नहीं आया कि हुआ क्या ?’

अक्षत ने आगे कहना जारी रखा,”माय लार्ड अपने पिता गौतम सिंघानिया की जायदाद हड़पने और विक्की सिंघानिया को रास्ते से हटाने के लिये कुमार ने ये एक जाल बिछाया जिसमे वो खुद ही फंस चुका है। कुमार ने छवि दीक्षित का रेप किया और साथ ही सबूतों को मिटाने की कोशिश भी की ,, मैं अदालत से ये दरख्वास्त करूंगा कि कुमार सिंघानिया को कड़ी से कड़ी सजा दी जाये और छवि को कानून से इंसाफ मिले जो वह डिजर्व करती है,,,,,,,,,,,,,देट्स ऑल माय लार्ड,,,,,,!!”


कहते हुए अक्षत ने जज साहब के सामने सर झुकाया और पीछे हट गया। जज साहब ने भी अपना पेन उठाया और फैसला लिखने लगे। छवि अपना चेहरा अपने हाथो में छुपाकर रोने लगी। अक्षत दूर खड़ा उसे देख रहा था , आज उसने छवि से किया वादा पूरा किया। सभी अक्षत की तारीफ कर रहे थे और कुमार कटघरे में सर झुकाये खड़ा था।  

जज साहब ने अपना फैसला लिखा और सुनाने लगे,”दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद भी ये अदालत छवि दीक्षित केस में कोई सटीक फैसला नहीं कर पा रही थी लेकिन एडवोकेट अक्षत व्यास की निष्पक्ष दलील सुनने के बाद इस अदालत में ये साबित हो चुका है कि “कुमार” ने ही छवि दीक्षित का रेप किया और साथ ही केस से जुड़े सबूत मिटाने की कोशिश की। सारे गवाहों और सबूतों को मध्य नजर रखते हुए लिहाजा ये अदालत “कुमार” को छवि का मुजरिम मानते हुए IPC की धारा 376 व धारा 201 के तहत उम्र कैद की कड़ी सजा सुनाती है।

विक्की सिंघानिया और रॉबिन पहले ही अपनी सजा काट चुके है और अदालत में निर्दोष साबित हो चुके है इसलिए ये अदालत उन्हें बाइज्जत बरी करती है। डॉक्टर मेहता ने मेडिकल रिपोर्ट्स में बदलाव कर अदालत को गुमराह करने की कोशिश की , जो की शर्मनाक है इसलिये ये अदालत डॉक्टर मेहता का लायसेंस केंसल कर IPC की धारा 197 के तहत उन्हें एक साल की सजा सुनाती है। अदालत में झूठे सबूत पेश करने और केस को उलझाए रखने के जुर्म में बार काउन्सिल को ये आदेश दिया जाता है कि “एडवोकेट चोपड़ा” और “एडवोकेट सूर्या” के खिलाफ शिकायत दर्ज कर बार काउन्सिल की तरफ से मीटिंग रखी जाए।

छवि दीक्षित ने शारीरिक और मानसिक जो कष्ट झेला है उसके लिये ये अदालत छवि दीक्षित से पुरे सम्मान के साथ माफ़ी चाहती है। एडवोकेट अक्षत व्यास द्वारा इस केस की निष्पक्ष रूप से जाँच कर असली मुजरिम को कानून के सामने लेकर आने के लिये ये अदालत एडवोकेट अक्षत व्यास की सराहना करती है साथ ही इंस्पेकटर कदम्ब की भी सराहना करती है जिन्होंने इस केस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। the court is adjourned”
कहकर जज साहब ने फाइल में लिखे फैसले पर साइन किये और पेन की निब को तोड़ दिया।

अक्षत ने सुना तो घुटनो के बल आ गिरा उसने जज साहब के सामने हाथ जोड़कर अपने हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाया और होंठो से लगा लिया। उसकी आँखों में आँसू भर आये और एकदम से अमायरा का चेहरा उसकी आँखों के सामने आ गया। छवि को इंसाफ दिलाने के लिये उसने कितनी मेहनत की थी ये बात सिर्फ अक्षत जानता था। कोर्ट का फैसला सुनकर इंस्पेक्टर कदम्ब ने कुमार और डॉक्टर मेहता को गिरफ्तार कर लिया और वहा से लेकर चले गए।

पहली बार जज साहब अपनी जगह से उतरकर अक्षत के सामने आये और उसे उठाते हुए कहा,”योद्धा हार नहीं मानते अक्षत व्यास और आज तुमने ये साबित कर दिया कि तुम पैसे के लिये नहीं बल्कि अपने पैशन के लिये काम करते हो। आई ऍम प्राउड ऑफ़ यू माय सन”
अक्षत ने सुना तो नम आँखों के साथ हामी में गर्दन हिला दी। जज साहब वहा से चले गए। विक्की सिंघानिया जी को अपने साथ लेकर वहा से चला गया। धीरे धीरे सब वहा से जाने लगे।

कोर्ट में मौजूद वकील अक्षत के पास आये और उसे बधाई देने लगे। अक्षत उन सबके बीच से निकलकर छवि के सामने आया। छवि अपनी जगह से उठकर अक्षत के सामने आयी तो अक्षत ने कहा,”मैंने अपना वादा पूरा किया छवि , मुझे उम्मीद है अब तुम मुझे माफ़ कर दोगी,,,,,,,,,,,,!!”
छवि ने सूना तो कुछ नहीं कहा बल्कि रोते हुए अक्षत के गले आ लगी। अक्षत हल्का सा मुस्कुराया और छवि का सर सहलाने लगा।


माधवी जी अक्षत के सामने चली आयी और हाथ जोड़कर कहा,”मुझे माफ़ कर देना अक्षत उस दिन गुस्से में आकर मैंने तुमसे बहुत कठोर शब्द कहे , मुझे माफ़ कर देना,,,,,,,,,,,,,,!!”

“उस वक्त आपकी जगह मैं होता तो शायद मैं भी वही करता , आप उम्र में मुझसे बड़ी है माफ़ी मांगकर मुझे शर्मिन्दा ना करे,,,,,,सब भूलकर आगे बढे”,अक्षत ने दार्शनिक अंदाज में कहा
छवि के मामा ने अक्षत को नमस्ते किया और माधवी छवि के साथ वहा से निकल गया। सचिन टेबल पर रखी सभी फाइल्स समेटने लगा। सूर्या और चोपड़ा जी अभी भी वही बैठे थे। अक्षत माथुर साहब के सामने आया और कहा,”मैंने अपना बेस्ट दिया सर”


“तुमने सिर्फ बेस्ट नहीं दिया बल्कि बहुत से सीनियर वकीलों को तमाचा मारा है जिन्हे अपनी झूठी वकालत पर घमंड था। आई ऍम प्राउड ऑफ़ यू,,,,,,,,!!”,माथुर साहब ने अक्षत का कंधा थपथपाते हुए कहा
“जब ये केस लड़ना ही था तो फिर जो हम सब को दिखाया वो क्या था ?”,चित्रा ने अक्षत से कहा
“तुमने भी तो इसमें मेरा साथ निभाया है,,,,,,,,,,,,एक थैंक्यू तुम्हे भी बनता है मिस चित्रा,,,,,,,,,,थैंक्यू सो मच”,अक्षत ने चित्रा की उलझन को बढ़ाते हुए कहा  


 माथुर साहब के साथ अक्षत कोर्ट रूम से बाहर निकल गया। सचिन चित्रा के पास आया और कहा,”चले ?”
“हम्म्म , अक्षत सर ने ये क्यों कहा कि मैंने उनकी मदद की,,,,,,,,,,,जबकि मैंने इस केस में,,,,,,,,,!!”,चित्रा कहते सचिन के साथ आगे बढ़ गयी।

इतनी मेहनत के बाद भी चोपड़ा जी ये केस हार चुके थे वे उठे और कोर्ट रूम से बाहर निकल गए। सूर्या अभी भी वही बैठा था। आज अक्षत ने जो किया उसके बाद सूर्या अपनी सोच पर शर्मिन्दा था। अब तक वह अक्षत को लेकर गलत सोच रहा था लेकिन आज अक्षत ने सूर्या को गलत साबित कर दिया। सूर्या ने देखा कोर्ट रूम खाली है तो वह उठा और बाहर आया। बाहर आकर सूर्या ने सबसे पहले अक्षत को ढूंढा कुछ ही दूर मिडिया वालो के सामने खड़ा अक्षत उसे दिखाई दिया। सूर्या उसके पास आया।

अक्षत ने जब उसे देखा तो मिडिया वालो को साइड कर सूर्या के पास आया और कहा,”मुझे गलत मत समझना , अंदर जो कुछ भी हुआ वो सिर्फ छवि दीक्षित को इंसाफ दिलाने के लिये था आपको या चोपड़ा जी को नीचा दिखाने के लिये,,,,,,,,,,,आप मेरे सीनियर है और मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूँ लेकिन आज मैं आपसे एक बात कहना चाहूंगा , बेईमानी और झूठ का हाथ पकड़कर आप अपने लिये महल तो खड़ा कर सकते है लेकिन उसमे कभी सुकून से रह नहीं पाएंगे क्योकि वो महल कभी भी धराशायी हो सकता है।”


कहकर अक्षत जाने लगा तो सूर्या ने कहा,”मिस्टर व्यास,,,,,,,,,,!!”
अक्षत पलटा तो सूर्या ने अपने कोट से डायरी निकालकर अक्षत की तरफ बढाकर कहा,”क्या मुझे आपका ऑटोग्राफ मिल सकता है ?”
अक्षत ने डायरी ली और जेब से पेन निकालकर उस पर साइन किया और वहा से चला गया। सूर्या ने मुस्कुराते हुए डायरी में किये अक्षत के साईन को जैसे ही देखा उसके होंठो की मुस्कराहट एकदम से गायब हो गयी और निगाहे जाते हुए अक्षत पर ठहर गयी।

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