Haan Ye Mohabbat Hai – 91
Haan Ye Mohabbat Hai – 91
अक्षत ने जैसे ही इंस्पेक्टर कदम्ब का नाम लिया तो सभी पीछे देखने लगे। इंस्पेक्टर कदम्ब अपने साथ एक शख्स को लेकर अदालत में दाखिल हुए। सभी उस नए चेहरे को देखकर हैरान थे लेकिन विक्की को एक धक्का सा लगा। इंस्पेक्टर कदम्ब जैसे ही आगे आये सिंघानिया जी ने उस शख्स को देखकर कहा,”कुमार ?”
चोपड़ा जी और सूर्या भी हैरान थे कुमार का इस केस से क्या कनेक्शन हो सकता है सोचकर ही उनके दिमाग की नसें फटी जा रही। कुमार कटघरे में आकर खड़े हो गया।
जज साहब भी कुमार को पहली बार देख रहे थे हालाँकि कुमार पहले भी कई बार छवि दीक्षित केस की सुनवाई में आ चुका है लेकिन आज वह मुजरिम के रूप में कटघरे में खड़ा था।
कुमार को देखते हुए विक्की के जहाँ में उस अजनबी आदमी की आवाज आयी “तुम्हे बस एक बात अपने दोस्त तक पहुंचानी है कि तुम जानते हो असली गुनहगार कौन है और दो दिन बाद तुम उसे कोर्ट में पेश करने वाले हो,,,,,,,,,इतना काफी होगा।”
धीरे धीरे विक्की को अब सब समझ आ रहा था लेकिन अभी भी कुछ बातें थी जो उसके लिये जानना बहुत जरुरी था और इसलिए वह खामोश बैठकर अक्षत के बोलने का इंतजार करने लगा।
अक्षत जज साहब की तरफ पलटा और कहने लगा,”माय लार्ड ! कटघरे में खड़ा ये आदमी जितना मासूम दिखता है इसका दिमाग इस से भी ज्यादा शातिर है। इस शख्स का नाम है “कुमार” और पूरा नाम है “कुमार गौतम सिंघानिया”
अक्षत ने जैसे ही कहा एक बार फिर सब हैरान हो गए। सिंघानिया जी खुद हैरान थे क्योकि विक्की के अलावा उनकी कोई औलाद नहीं थी फिर कुमार उनका बेटा कैसे हो सकता है ? विक्की और ज्यादा परेशान हो गया , जो कुमार उसका दोस्त था उसके पिता का नाम गौतम सिंघानिया कैसे हो सकता है ? कोर्ट रूम में एक बार फिर अशांति फ़ैल गयी। जज साहब ने हथोड़ा टेबल पर मारते हुए कहा,”आर्डर , आर्डर,,,,,,,,,मिस्टर व्यास , क्या आपके पास इसका कोई सबूत है ? और कुमार का छवि के रेप से क्या कनेक्शन है ?”
अक्षत हल्का सा मुस्कुराया और कहा,”सबूत है माय लार्ड और कुमार का इस केस से बहुत गहरा कनेक्शन है ये बात मैं अदालत में साबित भी कर दूंगा।”
“सूर्या हमे अब इस मामले में हाथ नहीं डालना है जो हो रहा है वो ख़ामोशी से देखो,,,,,,,,,,,!!”,चोपड़ा जी ने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा
“हम्म्म,,,,,,,!!”,सूर्या ने कहा वह ख़ामोशी से अक्षत की हर बात को बड़े ध्यान से सुन रहा था
अक्षत ने फाइल में से कुछ पेपर्स निकाले और जज साहब की तरफ बढाकर कहा,”आप ये DNA रिपोर्ट्स देखे उसके बाद मैं आगे बढ़ना चाहूंगा,,,,,!!”
जज साहब के हाथ में विक्की और कुमार की DNA टेस्ट रिपोर्ट थी जिस से साफ़ जाहिर हो रहा था कि दोनों एक ही पिता की संतान है। जज साहब ने अक्षत की तरफ देखा और कहा,”प्रोसीड”
“थैंक्यू ! माय लार्ड,,,,,,,,,,,,,,तो घुमा फिराकर अदालत का वक्त बर्बाद करने के बजाय मैं सीधा मुद्दे पर आता हूँ। मैं गौतम सिंघानिया को कटघरे में बुलाने की इजाजत चाहूंगा माय लार्ड,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा
“इजाजत है,,,,,,,!”,जज साहब ने कहा तो कुमार कटघरे से बाहर आ गया और उसकी जगह गौतम सिंघानिया आ खड़े हुए और अक्षत को देखकर गुस्से से कहा ,”ये सब क्या बकवास है ? तुम किसी को भी उठाकर कोर्ट में ले आओगे और उसे मेरा बेटा कहोगे,,,,,,,,,,मजाक है क्या ?”
“मैंने कब कहा ये मजाक है ? आपकी गलतफ़हमी मैं अभी दूर कर देता हूँ। हाँ तो मिस्टर सिंघानिया क्या आप अदालत को बताएँगे आपकी कितनी संतान है ?”,अक्षत ने सवाल किया
“जज साहब मेरा सिर्फ एक बेटा है , जिसका नाम विक्की सिंघानिया है और वहा मौजूद है।”,सिंघानिया जी ने विक्की की तरफ इशारा करके कहा
“हम्म्म , आप अपनी पत्नी के साथ नहीं रहते या यू कहे आपकी पत्नी आपकी पत्नी आपके साथ नहीं रहती,,,,,,,,,,,,,,,,,विक्की जब बहुत छोटा था तभी आपकी पत्नी आपको छोड़कर चली गयी,,,,,,,,,,,,,क्या आप अदालत को बताएँगे उन्होंने ऐसा क्यों किया ?”,अक्षत ने दूसरा सवाल पूछा
“मेरी पत्नी का बाहर अफेयर था , मुझे जब इसके बारे में पता चला तो मैंने उसे दोनों में से कोई एक चुनने को कहा,,,,,,,,,,,,,,उसने अपने प्रेमी को चुना और हमेशा के लिये घर छोड़कर चली गयी।”,सिंघानिया जी ने मायूस होकर कहा , अदालत में सबके सामने अपनी निजी जिंदगी के बारे में बताते हुए उन्हें बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था।
“मिस्टर सिंघानिया ! क्या आप जानते है जिस वक्त उन्होंने आपका घर छोड़ा था उस वक्त वो प्रेग्नेंट थी ?”,अक्षत ने कहा
“नहीं ऐसा कुछ नहीं था अगर वो प्रेग्नेंट थी भी तो वो बच्चा मेरा नहीं उसके आशिक़ का ही होगा,,,,,,,,,,,,!!”,सिंघानिया जी ने नफरत भरे स्वर में कहा
“जी नहीं , मिसेज अर्चना सिंघानिया के पेट में पल रहा वो बच्चा आपका ही था और वो बच्चा कोई और नहीं बल्कि “कुमार” है।”,अक्षत ने कहा
अक्षत की बात सुनकर अदालत में एक बार फिर सबके बीच खुसर फुसर होने लगी।
अक्षत ने कुछ पेपर्स जज साहब की और बढ़ा दिए जो कि अर्चना की प्रेग्नेंसी से लेकर कुमार के जन्म तक के थे।
सिंघानिया जी ने याद करने की कोशिश की और कहा,”अगर ऐसा था तो अर्चना ने मुझे क्यों नहीं बताया ?”
अक्षत मुस्कुराया और कहा,”आपकी वाइफ तो आज भी नहीं चाहती थी कि ये सब सामने आये ,, शादीशुदा जीवन में विक्की के जन्म के बाद अपने काम और पैसे कमाने में इतना व्यस्त हो गए कि आपने कभी अपनी पत्नी को समय नहीं दिया , जो प्यार , परवाह और समय उन्हें आपसे चाहिए था वो उन्हें कही और से मिला लेकिन वो आपसे इतना प्यार करती थी कि उन्होंने उस रिश्ते को सिर्फ एक अच्छी दोस्ती तक सिमित रखा।
जिस दिन आपने अपनी पत्नी को एक पराये मर्द के साथ अपने घर में देखा आपने बिना सच जाने विक्की की माँ को घर से निकाल दिया ,, उस दिन वो आदमी आपके घर आपको समझाने और आपकी पत्नी से रिश्ता खत्म करने आया था लेकिन आपने उन्हें गलत समझकर हमेशा के लिये अपने घर और जिंदगी से निकाल दिया। तब आपकी पत्नी और विक्की का माँ प्रेग्नेंट थी और वो आपका बच्चा था। उसके बाद आपकी पत्नी ने बहुत बुरे हालातो में रहकर आपके दूसरे बच्चे कुमार को जन्म दिया और उसे पाला पोसा।
वक्त के साथ आपकी पत्नी आपके द्वारा किये बुरे बर्ताव को भूल गयी लेकिन कुमार नहीं भुला ,, वक्त के साथ आपके लिये उसकी नफरत बढ़ती गयी जो आगे जाकर आपकी बर्बादी का कारण बनी।”
अक्षत ने अपनी बात खत्म की जिसके साथ ही सिंघानिया जी का सर झुक गया उन्हें अपना अतीत याद आने लगा
सिंघानिया जी को खामोश देखकर अक्षत ने कहा,”आप जाकर अपनी जगह बैठ सकते है।”
थके कदमो से सिंघानिया जी कठघरे से बाहर निकल आये।
“मैं कुमार को एक बार कटघरे में बुलाने की इजाजत चाहता हूँ ?”,अक्षत ने कहा
“इजाजत है,,,,!!”,जज साहब ने कहा
“थैंक्यू माय लार्ड,,,,,!!”,अक्षत ने कहा और कटघरे की तरफ पलट गया। वह कुमार के सामने आया और कहा,”कुमार , तुम विक्की सिंघानिया को कब से जानते हो ?”
“बचपन से लेकिन विक्की से मेरी दोस्ती और उसके घर आना जाना कॉलेज में आने के बाद शुरू हुआ”,कुमार ने बिना किसी भाव के कहा
“तुम छवि को कब से जानते हो ?”,अक्षत ने दूसरा सवाल पूछा
“मैं उसे नहीं जानता था , इन्फेक्ट मैं उस से कभी मिला भी नहीं था विक्की ने ही एक दिन नशे में मुझे उसके बारे में बताया ,, उस वक्त वो छवि से नफरत करता था”,कुमार ने छवि की तरफ देखकर कहा और ये सच भी था क्योकि छवि कभी कुमार से मिली ही नहीं थी वह आज पहली बार कुमार को यहाँ देख रही थी और कुमार ने उसके साथ गलत किया है सोचकर ही उसे हैरानी हो रही थी।
अक्षत कुछ देर खामोश रहा और जज साहब की तरफ पलटकर कहा,”माय लार्ड जिस लड़की से कुमार पहले कभी मिला नहीं उस लड़की के साथ उसने गलत किया,,,,,,,,,,,दरअसल ये खेल छवि के रेप से नहीं जुड़ा है बल्कि गौतम सिंघानिया की बर्बादी और उनसे बदला लेने के लिये खेला गया है जिसका मेन प्लेयर है कुमार,,,,,कुमार का असली मकसद गौतम सिंघानिया की बर्बादी थी और इसके लिये कुमार ने छवि दीक्षित को अपना शिकार बनाया। क्या मैं सही हूँ मिस्टर कुमार ?’
“हाँ,,,,,,,,,,,!”,कुमार ने जैसे ही कहा विक्की का खून खौल गया वह उठने को हुआ लेकिन सिंघानिया जी ने विक्की के हाथ पर अपना हाथ रखा और ना में गर्दन हिला दी वे पूरा सच जानना चाहते थे। वही छवि को जब पता चला असली गुनहगार कुमार है तो उसकी आँखों में आँसू भर आये ये जानकर की किसी और से बदला लेने के लिये कुमार ने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी।
अक्षत वही अदालत में घूमते हुए शुरू से सब बताने लगा,”माय लार्ड कुमार गौतम सिंघानिया और अपने बड़े भाई विक्की सिंघानिया से नफरत करता था। गौतम सिंघानिया ने जो कुमार की माँ के साथ किया कुमार उसका बदला लेंना चाहता था। एक करोड़पति पिता की संतान होने के बाद भी कुमार ने अपनी जिंदगी गरीबी में गुजारी और इस बात के लिये वह अपने पिता को जिम्मेदार मानता था। जैसे जैसे कुमार बड़ा हुआ अपने पिता के लिये उसकी नफरत बढ़ते गयी और वह उनसे बदला लेने का इंतजार करने लगा।
कुमार जानता था कि उसके पिता इस शहर के बड़े बिजनेसमैन है और वह उन तक आसानी से नहीं पहुँच पायेगा इसलिए उसने अपने बड़े भाई विक्की सिंघानिया से दोस्ती बढ़ानी शुरू की ,, कुछ ही वक्त में कुमार ने विक्की का भरोसा जीत लिया और उसका खास दोस्त बन गया जिस से कुमार का विक्की के घर आना जाना शुरू हो गया।
यहां आकर कुमार को समझ आया कि अपने पिता से बदला लेने के साथ वह अपने पिता की जायदाद भी हासिल कर सकता है और अकेला इन सब का मालिक बन सकता है लेकिन यहाँ एक समस्या थी “विक्की सिंघानिया” , सिंघानिया जी की जायदाद का इकलौता मालिक बनने के लिये विक्की का रास्ते से हटना जरुरी था। कुमार बस सही मोके का इंतजार कर रहा था और इसी बीच “छवि दीक्षित” ने VS ग्रुप एंड कम्पनी को ज्वाइन किया और वहा विक्की और छवि के बीच झगड़ा हुआ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
एक वक्त ऐसा आया जब छवि ने विक्की को थप्पड़ मारा और अपना आत्मसम्मान बचाने के लिये कम्पनी छोड़ दी लेकिन विक्की बदले की आग में जल रहा था और उस आगे बढ़ाया कुमार ने,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,कुमार विक्की के सामने उसका अच्छा दोस्त बनने का सिर्फ दिखावा करता था जबकि असल में वह भी विक्की से नफ़रत ही करता था।
एक शाम विक्की किडनेपर से मिला और उसने विक्की के लिये छवि को किडनेप कर उसे फार्म हॉउस तक पहुंचा दिया।
कुमार को इस बात की खबर थी और विक्की को मारने के इरादे से वह फार्म हॉउस पहुंचा तब तक किडनेपर अपना काम खत्म करके वहा से जा चुका था। अब आगे की कहानी कुमार खुद बताएगा,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहकर अक्षत शांत हो गया। कुमार ने एक नजर जज साहब को देखा और कहने लगा,”वो होली का दिन था और मैं जानता था विक्की फार्म हॉउस गया है लेकिन मुझे नहीं पता था छवि भी वहा है। मैं उस जगह विक्की को मारने के इरादे से गया था लेकिन जब मैं वहा पहुंचा तो देखा विक्की नशे में धुत्त है और कुछ बड़बड़ा रहा है।
मैंने ध्यान से सुना तो समझ आया कि विक्की छवि के बारे में बात कर रहा था उसने नशे की हालत में कहा कि वो छवि को किडनेप करके ये तकलीफ नहीं देना चाहता था , वह पहले दिन से छवि को पसंद करता था लेकिन छवि के नजरअंदाज करने की वजह से वह उस से चिढ़ने लगा और जब छवि ने उसे सबके सामने थप्पड़ मारा तो उसका ईगो हर्ट हो गया और सिर्फ छवि को सबक सिखाने के लिये फार्म हॉउस लेकर आया लेकिन ये सब करके उसे अब अच्छा नहीं लग रहा था ,
जिस लड़की को वो पसंद करता था जिस से शादी करना चाहता था उसे तकलीफ देकर उसने अच्छा नहीं किया,,,,,,,,,,,,,,,,वह नशे में बार बार छवि से माफ़ी मांग रहा था।”
कहकर कुमार कुछ देर के लिये शांत हो गया। छवि ने सुना तो भीगी आँखों से विक्की की तरफ देखा लेकिन विक्की किसी अपराधी की तरह सर झुकाये बैठा था। छवि के लिये विक्की के दिल में भावनाये जेल में सजा काटने के बाद पैदा नहीं हुई बल्कि पहले से थी लेकिन गुस्से और छवि से बदला लेने के भाव ने वह सब भूल गया।
“आगे क्या हुआ ?”,अक्षत ने कुमार को खामोश देखकर पूछा
कुमार ने एक नजर अक्षत को देखा और आगे कहने लगा,”मैं विक्की को मारने आया था लेकिन उसे मारकर मैं फंस जाता। विक्की और छवि का आपस में झगड़ा था और इसका फायदा उठाया मैंने , मैंने छवि का रेप किया और उसे बुरी हालत में हाई-वे के पास छोड़कर इस शहर से बाहर चला गया। मैं जानता था विक्की आसानी से इसमें फंस जाएगा और छवि भी विक्की को ही दोषी मानेगी,,,,,,,,,,,,जैसा मैंने सोचा था वैसा ही हुआ ,,
सब प्लान के मुताबिक हो रहा था लेकिन आखिरी वक्त में रोबिन ने झूठा बयान देकर विक्की को बचा लिया और इसे 6 महीने की सजा हो गयी। छवि का रेप विक्की या रोबिन ने नहीं बल्कि मैंने किया है।”
कहकर कुमार चुप हो गया अदालत में सबके होश उड़े हुए थे अब तक जिन लोगो को गुनहगार समझा जा रहा था असल में वो लोग गुनहगार थे ही नहीं। सूर्या ने सुना तो हैरानी से अपना हाथ अपने मुंह पर रखा और कहा,”यार ! क्या दिमाग है इस अक्षत व्यास का,,,,,,,,,,,,,,?”
इस पल सूर्या भी अक्षत की तारीफ करने से खुद को नहीं रोक पाया।
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Continue With Haan Ye Mohabbat Hai – 92
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संजना किरोड़ीवाल
Amayra ko akhilesh ne mara hai shayad akshat se badla and meera ko pane ke liye.
Nice part
BTW mere bete ka nam bhi akshat hi hai
Maan Gaya na Surya mittal ki asli Hero Akshat hai aur usne hee Chavi ko insaaf bhi dila diya tha…kitna shatir hai Kumar… Gautam singhania ne gusse m aakar kitna galat kadam uthaya….jiska results sabke samne hai…khar ant bhala to sab bhala…ab bas amarya k kital ko dhonde aur usse insaaf dilaye
😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕
Finally Akshat ne Chavi ko insaf dila diya aur asli guneghar ko sabke samne le aya..Kumar Gautam Singhaniya aur Vicky se badla lene ke chakkar ne Chavi ki life kharab kar di aur usne Vicky ka accha dost hone ka role nibha kar uske pit per chura chalana chaha…aur Vicky shuru se Chavi ko pasand karta hai per Chavi ne uska ego hurt karne se voh gusse me usse kidnap karke usse dara na chaha aur issi ka fayda Kumar se utaya..ab Akshat Amaira ke asli khatil ko bi saza dilva de…interesting part Maam♥♥♥♥♥♥
Chalo kahani me sahi ek ladki ko insaaf to Mila aaj ki duniya mein Akshat jaise advocate ki jarurat hai vrna kumar jaise kai rapist reality me bina saja pae ghum rahe hai. Khair kahani me akhir Surya bhi man gaya ki Akshat ek achaa advocate hai vo usse jada intelligent aur shatir hai jaisa Advocate Mathur ne kaha Akshat ki soch vaha se shuru hoti hai jaha baki vakil sochna chod dete hai. Akshat chavi ko insaaf dila chuka hai ab Amaira ki baari hai apne dil ko Akshat ka insaaf dilana baki hai aur Meera ko vapas lana. Intezaar worth it tha di shukriya ☺️
O admi jo Meera akhyat bikki sabko phone kar kar ke ulha Raha tha o kon tha….Mera Shaq to ek bar akhyat ka dost subh par gya tha lekin o subh kaha gya jo akhyat se badla lena chahta tha
Very very nice👍👍👍👏😊👏👏
Badla baap se lena tha to saza kisi nirdosh ko dena kaha se jaayaz hai.. In kumar jaise logo ko badtar se badtar saza honi chahiye
Very nice part