Haan Ye Mohabbat Hai – 76
Haan Ye Mohabbat Hai – 76
सिंघानिया जी के चेहरे का उड़ा हुआ रंग देखकर कुमार ने कहा,”क्या हुआ अंकल आपने गाड़ी रोकने के लिये क्यों कहा ?”
“कुमार तुम नीचे उतरो और यहाँ से घर चले जाओ , मुझे किसी जरुरी काम से कही जाना है।”,सिंघानिया जी ने कहा
विक्की को वही उतरना पड़ा। वह गाड़ी से बाहर आ गया और ड्राइवर ने गाड़ी यू टर्न लेकर आगे बढ़ा दी। कुमार वही खड़े होकर गाड़ी को जाते हुए देखता रहा। गुस्सा और नफरत के भाव उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहे थे। वह गुस्से से बुदबुदाया,”आज जिस गाड़ी से तुमने मुझे नीचे उतारा है ना सिंघानिया देखना बहुत जल्द उस गाड़ी का मालिक मैं बनुगा।”
कुमार की आँखों में एक अलग ही चमक और कुछ हासिल करने के भाव थे। वह पैदल ही वहा से चल पड़ा और आगे बढ़ गया।
विक्की की गाड़ी छवि के मोहल्ले में आकर रुकी। विक्की गाड़ी से उतरा और बेझिझक छवि के घर के अंदर चला आया। आस पड़ोस के लोगो ने देखा तो तरह तरह की बातें बनाने लगे। छवि इस वक्त नहाने गयी हुई थी। माधवी किचन में नाश्ता बना रही थी। दरवाजा खुला था लेकिन विक्की एकदम से अंदर कैसे जाए सोचकर उसने दरवाजा खटखटाया। माधवी साड़ी के पल्लू से अपने हाथ पोछते हुए किचन से हॉल की तरफ आयी उन्होंने जब दरवाजे पर खड़े विक्की को देखा तो उनका खून खौल गया और उन्होंने गुस्से से कहा,”यहाँ क्यों आये हो ?”
“नमस्ते ! मुझे छवि से मिलना है”,विक्की ने धीमे स्वर में कहा
“छवि तुम से नहीं मिलना चाहती,,,,,,,,,,तुम यहाँ से जा सकते हो।”,माधवी जी ने उसी कठोरता के साथ कहा
“कौन है माँ ?”,बाथरूम से बाहर आती छवि ने पूछा लेकिन दरवाजे पर खड़े विक्की को देखकर उसके आगे के शब्द गले में ही रह गए और वह ख़ामोशी से माधवी को देखने लगी।
“छवि मुझे तुम से,,,,,,,,,,!!”,विक्की ने कहा लेकिन वह अपनी बात पूरी कर पाता इस से पहले माधवी जी ने कहा,”मैंने कहा न छवि को तुम से कोई बात नहीं करनी है , तुम यहाँ से जा सकते हो।”
“आंटी एक बार मेरी बात तो सुनिए,,,,,,,,,,,!!”,विक्की ने कहना चाहा
माधवी ने गुस्से से विक्की की तरफ देखा और कहा,”अपनी गन्दी जबान से मेरा नाम भी मत लेना , अब क्यों आये हो यहाँ और क्या बात करनी है तुम्हे छवि से ? कोर्ट ने तुम्हे क्लीन चिट दे दी है अब हम लोगो से क्या चाहिए तुम्हे ?”
माधवी जी को गुस्से में देखकर छवि ने धीरे से कहा,”माँ एक बार उसकी बात तो सुन लीजिये,,,!!”
“तुम चुप रहो छवि , आज तुम जिन हालातो में हो उसके लिए जिम्मेदार ये भी है।”,माधवी जी ने छवि की तरफ पलटकर गुस्से से कहा
“इस बात का अहसास मुझे है आंटी इसलिए मैं यहाँ आया हूँ,,,,,,,,,,,,मैं छवि से शादी करना चाहता हूँ।”,विक्की ने बिना किसी लाग लपट के अपनी बात कह दी
छवि ने सुना तो वह हैरानी से विक्की को देखने लगी , माधवी को भी अपने कानों पर यकीं नहीं हुआ उन्होंने जो सुना वो सच है या नहीं,,,,,,,,,,,!!
माधवी जी और छवि को खामोश देखकर विक्की कहने लगा,”जी हां ! मैं छवि से शादी करना चाहता हूँ। उसके पेट में पल रहा बच्चा किसी का भी हो मैं उसे पिता का नाम देने के लिये तैयार हूँ। मेरी वजह से छवि का जो सम्मान कम हुआ मैं वादा करता हु उस से शादी करके मैं उसे वो सम्मान वापस लौटाऊंगा। मेरी एक गलती की वजह से छवि आज इन हालातो में है। इसे इस हाल में अकेला छोड़कर मैं दूसरी गलती करना नहीं चाहता , मैं छवि से आपका हाथ मांगने आया हूँ , मैं वचन देता हूँ मैं छवि को हमेशा खुश रखूंगा।”
विक्की ने अपनी बात छवि और माधवी के सामने रखी। माधवी अभी भी खामोश थी वह समझ ही नहीं पायी ये एकदम से विक्की ने क्या कहा ? वो विक्की जो छवि से नफरत करता था , जिसके खिलाफ अब तक छवि केस लड़ रही थी आज वही छवि यहाँ खड़े होकर छवि की माँ से उसका हाथ मांग रहा था। छवि ने सुना तो वह भी हैरानी से विक्की को देखने लगी और कहा,”मेरी मज़बूरी का मजाक उड़ाना बंद करो विक्की”
“मैं मजाक नहीं उड़ा रहा छवि , मैं सच में तुमसे शादी करना चाहता हूँ। मैं मानता हूँ मैंने तुम्हारे साथ बहुत गलत किया , जो किया उसके लिये तुम तो क्या कोई भी लड़की मुझे माफ़ नहीं करेगी लेकिन मुझे मेरी गलतियों का अहसास हो गया है छवि , मैं अपनी गलती सुधारना चाहता हूँ। मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ।”,विक्की ने कहा
“बस,,,,,,,,,,,बहुत हो गया , अब कौनसा नया नाटक करने आये हो यहाँ ? छवि की जिंदगी तो तुम पहले ही बर्बाद कर चुके हो अब कम से कम उसे चैन से जीने दो , चले जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,!!”,माधवी जी ने गुस्से से कहा
विक्की ने अपने कदम पीछे ले लिये और छवि की तरफ देखकर कहते हुए पीछे जाने लगा,”छवि ! मैं जानता हूँ मैंने तुम्हारे साथ बहुत गलत किया है , पर प्लीज एक बार , एक बार मुझे खुद को सही साबित करने का एक मौका दो ,, मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा , मैं तुम्हारे जवाब का इंतजार करूंगा छवि,,,,,,,,,,,,,,,!!
विक्की वहा से चला गया लेकिन माधवी जी गुस्से से हांफ रही थी। छवि उनके पास आयी और उन्हें सम्हालते हुए कहा,”माँ , माँ सम्हालिए खुद को ,, माँ”
“वो यहाँ क्यों आया था ? क्यों आया था यहाँ ? अब वो तुम से क्या चाहता है ? उसे जो चाहिए था वो कानून ने उसे दे तो दिया अब अब वो यहाँ क्यों आया है ?”,माधवी जी ने बदहवास सी हालत में कहा
“माँ शांत हो जाईये,,,,,,,,,,!!”,छवि ने उन्हें सोफे पर बैठते हुए कहा और खुद उनके बगल में आ बैठी
माधवी ने एकदम से छवि के चेहरे को अपने हाथो में थाम लिया और कहा,”तुम , तुम उस से शादी नहीं करोगी छवि , उस विक्की से शादी हरगिज नहीं करोगी तुम,,,,,,,उसने उसने तुम्हारे साथ हमेशा गलत किया है ,, तुम उस से शादी नहीं करोगी,,,,,,,,,!!”
“हाँ माँ मैं नहीं करुँगी , मैं उस से शादी नहीं करुँगी आप , आप बस शांत हो जाईये”,छवि ने कहा और माधवी के सीने से आ लगी।
माधवी जी के चेहरे पर गुस्से और बेबसी के भाव झिलमिलाने लगे वे छवि को अपने सीने से लगाए उसका सर सहलाती रही।
चोपड़ा जी के चेंबर से निकलकर सूर्या अपने चेंबर में आया। कोर्ट की तरफ से उसे सिर्फ 3 दिन का समय मिला था और उसमे उसे असली गुनहगार को सबके सामने लाना था। सूर्या जानता था चोपड़ा जी ने विक्की को बचाने के लिये बहुत मेहनत की है और कही ना कही सूर्या को शक था कि चोपड़ा जी असली गुनहगार के बारे में जानते भी है बस इसलिए उन्होंने कोर्ट से ऐसे फैसले की मांग की लेकिन चोपड़ा जी कोर्ट नहीं आये।
सूर्या अपने केबिन में आया और टेबल पर रखे पानी के गिलास को उठाया तो उसे गिलास के साथ रखा एक कागज मिला। सूर्या ने उठाकर उसे पढ़ा छवि दीक्षित केस से जुड़ा क्लू उस कागज में लिखा था। सूर्या मुस्कुरा उठा वह समझ गया जिसने पहले दो कागज उसकी फाइल में रखे थे ये तिसरा भी उसी का लिखा हुआ है। कोई तो था जो चाहता था कि सूर्या मित्तल ये केस जीत जाये और छवि को इंसाफ मिले लेकिन वह सामने ना आकर छुपकर सूर्या की मदद कर रहा था। सूर्या खुश था कि उसे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ रही थी।
वह अपने स्टडी टेबल की तरफ आया और अकेले ही बैठकर छवि दीक्षित केस की कड़ियों को एक एक करके जोड़ने लगा जिस से वह असली गुनहगार तक पहुँच सके। काफी देर बाद सूर्या मित्तल के जहन में आया और उसने कुर्सी से उठते हुए कहा,”वो किडनेपर,,,,,,,,,,,,,,,जिसने विक्की के कहने पर छवि को किडनेप किया था ,, वो किडनेपर जरूर जानता होगा असली रेपिस्ट कौन है ? गॉड डेम इट मैं इतने बड़े पॉइंट को मिस कैसे कर सकता हूँ ? इसलिए ये केस तब से गोल गोल घूम रहा है क्योकि मेन आदमी वो किडनेपर है बाकि सब तो उसका बनाया जाल था।”
सूर्या मित्तल ने उस कागज को उठाया और होंठो से छूकर कहा,”थैंक्यू ! तुम जो भी हो इस केस के बाद मैं तुमसे जरूर मिलना चाहूंगा क्योकि मुझसे भी ब्रिलियंट , मेरे दिमाग को टक्कर देने वाला भी कोई है जानकर ख़ुशी हुई,,,,,,,,,!!
एक ऑटोग्राफ तो मै तुम से जरूर लूंगा,,,,,,,,,!!”,कागज के कॉर्नर में बने सिग्नेचर को देखकर सूर्या ने उसे अपने ड्रॉवर में रखते हुए कहा। सूर्या को एक क्लू मिल चुका था उसने देर ना करके सीधा विक्की सिंघानिया से मिलने का सोचा और कोर्ट से निकल गया।
सौंदर्या की बातो से परेशान मीरा अपने कमरे में बैठी थी। सौंदर्या का यू बदला व्यवहार देखकर उसे अजीब लग रहा था। अमायरा की मौत के पीछे अमर जी का हाथ है ये बात सौंदर्या कैसे जानती है सोचकर ही मीरा का दिमाग उलझा जा रहा था। उसने दिमाग पर जोर डाला और अतीत में घाटी घटनाओ को फिर से याद करने लगी। उन बातो को याद करते हुए मीरा को अहसास हुआ कि अक्षत जब उस शाम तलाक के पेपर्स लेकर घर आया था तब सौंदर्या भुआ वही मौजूद थी और उन्होंने अक्षत को नहीं रोका।
मीरा के चेहरे पर हैरानी और दर्द के भाव तैर गयी वह उठी और खुद से ही कहा,”उस शाम जब अक्षत जी घर आये थे तब उन्होंने कहा था कि हमने उन्हें तलाक के पेपर भेजे , लेकिन हमने तो सौंदर्या भुआ जी को एक खत दिया था जो हमने राधा माँ के लिये लिखा था। हमने उस खत में अपनी भावनाये लिखी थी और साथ ही ये भी लिखा था कि हम जल्दी ही अपने घर लौट आएंगे ,,, फिर वो तलाक के पेपर्स ? सौंदर्या भुआ जी ने कहा था वे अक्षत जी से मिलकर उन्हें समझाएंगी फिर उस शाम उन्होंने अक्षत जी को एक बार भी क्यों नहीं रोका ?”
मीरा को जैसे ही ये दो बातें याद आयी वह तुरंत अपने कमरे से निकलकर सौंदर्या के कमरे में आयी उसने देखा सौंदर्या भुआ वहा नहीं है। मीरा ने उनके कमरे के सभी ड्रोवर्स खोलकर देखना शुरू कर दिया। एक बार जो मीरा के मन में सौंदर्या को लेकर शक का बीज उगा तो वह फिर उगता ही चला गया। मीरा सच जानना चाहती थी पिछले 7 महीनो से वह जिस दर्द में जी रही थी उस दर्द की वजह जानना चाहती थी।
ड्रॉवर खोलते हुए मीरा की नजर एक फाइल पर पड़ी मीरा ने उसे निकालकर देखा जैसे ही फाइल को खोला और उसमे रखे पेपर्स देखे मीरा की आँखे फटी की फटी रह गयी। सौंदर्या भुआ का असली चेहरा मीरा के सामने था। मीरा को अपनी आंखो पर विश्वास ही नहीं हो रहा था , वह सौंदर्या जिसे मीरा अपनी माँ समझने लगी थी वह उसके साथ इतना बड़ा धोखा करने जा रही थी।
मीरा ने फाइल को बंद किया और बाकि जगह देखने लगी जैसे ही उसने कबर्ड खोला कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज आयी।
मीरा ने जल्दी से कबर्ड बंद किया और परदे के पीछे आ छुपी। उसने अपनी सांसो को कुछ देर के लिये रोक लिया। सौंदर्या कमरे में आयी और कुछ सामान रखकर वापस चली गयी। उनके जाते ही मीरा परदे के पीछे से बाहर आयी। मीरा कबर्ड की तरफ ना जाकर वापस दूसरी जगह ढूंढने लगी अचानक उसकी नजर बुक रेंक में किताबो के बीच पड़े लिफाफे पर गयी।
मीरा ने वो लिफाफा उठाया और देखा ये वही लिफाफा था जो मीरा ने राधा तक पहुँचाने के लिये सौंदर्या को दिया था। मीरा ने उस लिफाफे और फाइल को लिया और लेकर अपने कमरे में चली आयी। कमरे में आकर मीरा अपना सर पकड़कर बैठ गयी। सौंदर्या भुआ पिछले 7 महीनो से उसे इतना बड़ा धोखा दे रही थी जानकर ही मीरा का दिल टूट गया।
मीरा की आँखों में आँसू भर आये एक तरफ जहा उसके पिता यानि अमर जी ने उसकी बेटी अमायरा को उस से छीन लिया वही सौंदर्या भुआ जिन पर मीरा आँख बंद करके भरोसा करती थी उन्होंने मीरा से अक्षत को दूर कर दिया। मीरा अपना चेहरा अपने हाथो में छुपाकर रोने लगी और रोते हुए कहा,”हम से इतनी बड़ी भूल कैसे हो सकती है ?
हम कैसे किसी पर इतना विश्वास कर सकते है कि हमने अक्षत जी को खुद से दूर कर दिया , उन्हें गलत समझा , उन्हें तकलीफ दी,,,,,,,,,,,,,,,,सौंदर्या भुआ जी इतना गिर जाएगी हमने कभी सोचा नहीं था। हमे माफ़ कर दीजिये अक्षत जी हम आपके गुनहगार है,,,,,,,,,,,हम आपको समझ ही नहीं पाए।”
बीते वक्त की घटनाये एक एक करके मीरा की आँखों के सामने आने लगी और धीरे धीरे मीरा को समझ आया कि उसका दुश्मन कोई और नहीं बल्कि उसके अपने ही थे।
सिंघानिया जी अपने घर पहुंचे देखा चोपड़ा जी पहले से वहा मौजूद है। सिंघानिया जी चोपड़ा जी के पास आये और कहा,”चोपड़ा ! क्या हुआ तुम इतना टेंशन में क्यों हो ? मैंने तुम से खंडर वाली प्रॉपर्टी के ओनर का पता लगाने को कहा था क्या तुम्हे कुछ पता चला ?”
“मैं जो आपको बताने जा रहा हूँ उसे सुनकर आप भी टेंशन में आ जायेंगे सिंघानिया जी,,,,,!!”,चोपड़ा जी ने अपने माथे पर आये पसीने को पोंछते हुए कहा
“क्या हुआ है चोपड़ा वो बताओ,,,,,!”,सिंघानिया जी ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
“वो जगह जो आपने उस किडनेपर को दी थी उस जगह “एडवोकेट अक्षत व्यास” के नाम का बोर्ड लगा है। अक्षत खेल गया हमारे साथ,,,,,,,,,,,,,,,,वो हम से किसी को नहीं छोड़ेगा , सबको मार देगा वो,,,,,,,,,,,,!!”,चोपड़ा जी ने बौखलाते हुए कहा
“क्या ? चोपड़ा उस जगह पर अक्षत का नाम कैसे हो सकता है ? कुछ करो चोपड़ा उस अक्षत व्यास को ये पता नहीं चलना चाहिए कि हम सब उस किडनेपर को जानते है।”,सिंघानिया जी ने भी घबराकर कहा
“मैं नहीं बताऊंगा वो खुद पता लगा लेगा , अरे उस किडनेपर ने उसकी बेटी को जान से मारा है और वो बौखलाया हुआ है इस बात से,,,,,,,,,,,,,,,,वो किसी को नहीं छोड़ेगा , किसी को नहीं छोड़ेगा वो”,कहते हुए चोपड़ा जी की आँखों में डर के भाव दिखाई देने लगे।
Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76 Haan Ye Mohabbat Hai – 76
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संजना किरोड़ीवाल
Meera n aaj sahi dimag lagya … jab itan soch hi liya to ye soch leti Amar ji kaise galat ho sakte hai wo to yaha the hi ni?? ab ek bar ja kar Akshata ko bua ke bare m batao tum dono hi mil kar sab theek kar sake ho… Or arjun or Jiju to lage hi hai.. 🙂
Surya ko sare clue Akshata hi de raha hai wo property Akshata n le li hai means kidnapper ke bare m sab pata chal gaya hai kya?
Meera ke samne Soundarya BHuva ki sachaai agayi jankar accha laga per voh ab bhi Amar ji ko galat samajh rahi hai usse lagta hai Amar ji ne Amaira ne mara hai jabki yeah sab bi Soundarya ki chal hai Meera ko apne batao me lane ke liye unhone aisa kiya…Madhvai nahi chahati ki Chavi Vicky se shaadi karre kyu ki Chavi aaj is halat me uska jimendhar Vicky hai per Vicky chahata hai ki Chavi usse ek mauka de…Surya ko Chavi ke case ke related clue bejne wala Akshat hi lag raha haiSurya usse clue ko dekh kar ab Vicky se milna chahata hai….Chopra ji Singhaniya ko bataya ki Akshat ko pata chal gaya ki usse kidnapper ki madat hamne ki hai isliye ab Akshat kisiko nahi chodega…interesting part Maam♥♥♥♥♥♥♥
OMG…story kitni interesting ho gai hai… ekdam jabardust….mere hisab se story m 3 villain hai…phela Kumar…wo Vicky se kisi baat ka badla lena chahata hai aur isliye usne Chavi ka rape kiya…dusra wo kidnaper…jisne Amayra ko kidnep kiya aur uski jaan Lee ..last aur tired hai jisko sab jante the aur ab Meera bhi jaan gai hai…. Soundrya bua…unka khel jaan chuki hai Meera…lakin ab bhi bahut se log parde k peeche se Khel ko khel rhe hai… Akhilesh to hai hee …but mujhe lagta hai ki Vivan chacha ji ne bhi Meera aur Akshat k sath galat kiya hai…dekhte hai ab story kaha jati hai
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KAHANI BAHUT HI ACHHE MOD PE HAI
AGALA MOD DECIDE KAREGA KAHANI KIS OR JAYEGI
AKSHAT AUR NEERA KO KOI ALAG NAHI KAR SAKTA
AB DONO KE EK HONE KA WAQT AA GAYA HAI
Very nice part