Haan Ye Mohabbat Hai – 75
Haan Ye Mohabbat Hai – 75
विक्की की नींद खुल चुकी थी और इसी के साथ छवि का ख्याल भी उसके जहन में घूमने लगा था। विक्की उठकर बाथरूम चला गया और जब नहाकर वापस आया तो देखा उसका दोस्त कुमार उसके कमरे में बैठा है। सुबह सुबह कुमार को अपने घर में देखकर विक्की ने कहा,”तुम यहां ?”
“हाँ इधर से गुजर रहा था तो सोचा मिलता चलू,,,,,,,,!”,कुमार ने कहा
“तुम कल कोर्ट से क्यों चले गए ? पता है उसके बाद कितना कुछ हुआ था वहा ?”,विक्की ने शर्ट पहनते हुए कहा
“वो मैं , मैं दरअसल , वो घर से फोन आ गया था तो मुझे अर्जेन्ट में जाना पड़ा,,,,,,,,,,,,,,,वैसे क्या रहा कल का फैसला क्या तुमने अपना गुनाह कबूल किया ?”,कुमार ने पूछा
“कुमार ! जब मैंने कोई गलती की ही नहीं है तो मै क्यों कुबूल करू ? वैसे भी कल कि DNA रिपोर्ट में ये साबित हो चुका है कि मैं और रॉबिन बेकसूर है”,विक्की ने कुमार की तरफ पलटकर कहा
“क्या ?”,कुमार ऐसे चौंका जैसे उसे इस जवाब की उम्मीद ना हो
“हाँ ! छवि का रेप किसी और ने किया है।”,विक्की ने कहा
“किसने ? क्या तुम जानते हो ?”,कुमार ने पूछा
“नहीं लेकिन मुझे लगता है हो ना हो ये उसी आदमी का काम है जिसने छवि को किडनेप करने में मेरी मदद की,,,,,,,,,,,,,,,,,उसी ने छवि का रेप किया है।”,विक्की ने गुस्से से कहा
“छोड़ ना विक्की ! अब क्यों लफड़ो में पड़ना तुझे कोर्ट से क्लीन चिट मिल गयी है ना तू टेंशन फ्री रह,,,,,,,,,,,,,!!”,कुमार ने बेपरवाही से कहा जबकि उसकी बातें उसके चेहरे के हाव भाव से मेल नहीं खा रही थी।
“और छवि का क्या ?”,विक्की ने एकदम से कहा
“छवि का क्या ? क्या हाँ ! विक्की मैं देख रहा हूँ तू जब से जेल से वापस आया है बस छवि छवि छवि ,, तुझे उसकी इतनी परवाह कब से होने लगी ? और तू ये क्यों भूल जाता है कि ये जो हो रहा है वो उसी छवि की वजह से है।”,कुमार ने गुस्से से कहा
“मुझे नहीं पता ऐसा क्यों है लेकिन मुझे उसकी परवाह है,,,,,,,,,,,,,!!”,विक्की ने चिल्लाकर कहा जिस से कुमार कुछ देर के लिये सहमकर खामोश हो गया
विक्की उसके पास आया और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”मुझे उसकी परवाह हैं , कल जिस तरह से वो सबके सामने कोर्ट में रो रही थी,,,,,,,,,,,,,,मैं नहीं देख सकता उसे ऐसे रोते हुए।”
कहकर विक्की जाने लगा तो कुमार ने कहा,”विक्की , विक्की तू कहा जा रहा है ?”
“कल छवि ने अदालत से एक सवाल पूछा था , उसे उसका जवाब देने”,विक्की ने कहा और दरवाजा कुमार के मुंह पर मारकर चला गया। कुमार की भँवे तन गयी और वह बड़बड़ाया,”मैं इस घर से एक एक करके सबको आउट करने की सोच रहा हूँ और ये विक्की एक के बाद एक लोगो को इस घर में बसाये जा रहा है। लगता है मुझे अपना आखरी पत्ता खोलना ही होगा,,,,,,,,,,,!!”
कुमार उदास सा मुँह लटकाये नीचे चला आया। सिंघानिया जी ने जब कुमार को चुपचाप वहा से जाते देखा तो उन्होंने कुमार को अपने पास बुलाकर कहा,”क्या हुआ तुम कुछ परेशान दिखाई दे रहे हो ?”
“परेशान ना होऊ तो और क्या करू अंकल ? इकलौता दोस्त है मेरा विक्की और वो भी उस लड़की के चक्कर में अपनी जिंदगी खराब करना चाह रहा है।”,कुमार ने कहा
“कौन लड़की ? और तुम किस लड़की की बात कर रहे हो ?”,सिंघानिया जी ने हैरानी से पूछा
“अरे वही लड़की,,,,,,,,,,,,,,,छवि,,,,,,,,,,,,जिसकी वजह से आप बर्बाद हुए , विक्की बर्बाद हुआ पता नहीं अब और किसे बर्बाद करेगी वो लड़की ?”,कुमार ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा
“कुमार क्या तुम सच कह रहे हो ?”,सिंघानिया जी की भँवे तन गयी उन्होंने गुस्से से कहा
“अरे ! मैं क्यों झूठ कहूंगा अंकल ? विक्की अभी अभी उस लड़की से मिलने उसके घर गया है। मैंने उसे मना किया तो उसने कहा कि अगर उसका बाप , मतलब आप भी उन दोनों के बीच आये तो वह आपको भी इस घर से बाहर फेंक देगा।”,कुमार सफ़ेद झूठ बोल गया
“उसकी ये हिम्मत , मैं विक्की को उस घटिया लड़की को इस घर में बिल्कुल लाने नहीं दूंगा,,,,,,,,,,,,,,कुमार तुम मेरे साथ चलो , क्या तुम उस लड़की का घर जानते हो ?”,सिंघानिया जी ने गुस्से से उबलते हुए कहा
“हाँ मुझे पता है,,,,,,,,,,,आईये”,कुमार ने कहा और सिंघानिया जी को अपने साथ लेकर वहा से चला गया।
सुबह छवि देर तक सोते रही माधवी जी ने उसे आकर उठाया और कहा,”छवि ! उठो बेटा कितना सोते रहोगी,,,,,,,,,,,,चलो उठो तुम्हारी चाय यहाँ टेबल पर रखी है।”
माधवी की आवाज सुनकर छवि नींद में कुनमुनाई। वह उठकर बैठी और अपने बालों को बांध लिया। छवि ने चाय का कप उठाया और कमरे से बाहर चली आयी। उसे सातवा महीना चल रहा था और इसी के साथ छवि का पेट भी अब अच्छा खासा बाहर झलकने लगा था।
छवि कमर से एक हाथ लगाए दूसरे हाथ से चाय का कप उठाये हॉल में चली आयी और सोफे पर आकर बैठ गयी। छवि ने सामने टेबल पर पड़ा अखबार उठाया जिसमे छपी खबर देखकर पहली बार छवि के दिल को तसल्ली मिली। पेपर में विक्की को लेकर खबर छपी थी कि “छवि दीक्षित रेप केस में विक्की सिंघानिया बेकसूर साबित हुए , कोर्ट ने दी उन्हें क्लीन चिट”
छवि को हमेशा लगता था विक्की ने उसके साथ गलत किया है लेकिन जिस दिन विक्की छवि को हॉस्पिटल लेकर गया और उसे सच्चाई बताई उस दिन के बाद से विक्की को लेकर छवि के मन से नफरत अब कम होने लगी थी। विक्की बेकसूर है ये जानकर छवि को एक तसल्ली मिली और वह अपनी चाय खत्म करने लगी। माधवी जी छवि के लिये द्राय फ्रूट्स ले आयी और उसके सामने रखते हुए कहा,”पता नहीं 10 दिन बाद कोर्ट में फिर से क्या ड्रामा होने वाला है ?”
“माँ चिन्ता मत करो सब ठीक होगा,,,,,,,,,मेरा दिल कहता है इस बार कोर्ट में आखरी सुनवाई होगी”,छवि ने माधवी जी को भरोसा दिलाते हुए कहा
“ह्म्म्मम्म , अक्षत व्यास ने अपना वादा निभाया छवि उसने हमे गलत वकील के पास नहीं बल्कि सही वकील के पास भेजा क्योकि वो जानता था सूर्या इस केस को जीत लेगा,,,,,,,,,,!!”माधवी जी ने कहा
“नहीं माँ , वजह कुछ और है जिस केस को अक्षत सर आसानी से जीत सकते थे उन्होने ये केस सूर्या सर को क्यों दिया होगा ?”,छवि ने सोचते हुए कहा
“छवि ! इस बारे में ज्यादा मत सोचो इस से तुम्हारे होने वाले बच्चे पर असर पडेगा,,,,,,,,,,,,,,अक्षत ने ऐसा क्यों किया ये अक्षत खुद बताएगा”,माधवी ने कहा
“हम्म्म,,,,,,,,!!!”,छवि ने कहा और फिर उठकर नहाने चली गयी , उसे भगवान का शुक्रिया अदा करने मंदिर जो जाना था।
अक्षत सुबह उठा तो महसूस हुआ उसका बदन तप रहा था। बीती रात बारिश में भीगने की वजह से अक्षत को ठण्ड लगकर बुखार हो चुका था। उसे किसी जरुरी केस की सुनवाई के लिये कोर्ट जाना था इसलिये वह उठा और तैयार होकर कमरे से निकल गया। उसकी आँखे ठीक से ना सो पाने की वजह से भारी हो रही थी और चेहरा काफी बुझा बुझा सा लग रहा था। अक्षत नीचे आया देखा सभी नाश्ता कर रहे है। अक्षत ने नाश्ता नहीं किया और घर से निकल गया।
अक्षत कोर्ट पहुंचा जैसे ही अपने चेंबर में जाने लगा उसे बाहर कोरिडोर में खड़ी चित्रा मिल गयी। चित्रा ने अक्षत को गुड मॉर्निंग विश किया। अक्षत ने एक नजर चित्रा को देखा और बिना कुछ कहे अंदर चला गया। बीती रात के बाद चित्रा को अक्षत का ये बर्ताव खटका लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और वहा से चली गयी।
नाश्ते की टेबल के पास बैठे अर्जुन ने सोमित जीजू से फुसफुसाते हुए कहा,”जीजू आज शाम का क्या प्लान याद है ना आपको ? कुछ भी हो जाये हमे आज रात मीरा को वापस इस घर में लाना ही है।”
“हाँ अर्जुन ! और याद रहे साले साहब को इसकी खबर ना हो , वरना इस घर में आये ना आये हम दोनों इस घर से जरूर बाहर जायेंगे।”,सोमित जीजू ने भी उसी तरह फुसफुसाते हुए कहा
“हाँ आज मीरा और अक्षत फिर से एक हो जायेंगे”,अर्जुन ने कहा
“हाँ लेकिन वो सौंदर्या भुआ,,,,,,,उसका सच भी तो सबके सामने आना जरुरी है।”,सोमित जीजू ने कहा
“अरे यार ! उसे तो मैं भूल ही गया,,,,,,,,,,,उसका क्या करेंगे ?”,अर्जुन ने कहा
“वो चालाक लोमड़ी सौंदर्या भुआ बहुत शातिर है हमे सबसे पहले उसी की सच्चाई मीरा के सामने लानी होगी। आज ऑफिस ना जाकर सीधा मीरा से मिलते है और उसे सौंदर्या भुआ का सब सच बता देते है।”,सोमित जीजू ने कहा
“मीरा के पास चलते है और उसे सच बता देते है,,,,,,,,,,,,,,!!”,अर्जुन ने सोमित जीजू की नक़ल करके कहा और फिर आगे बोला,” वो चुड़ैल हमे मीरा से मिलने देगी तब ना , और आपको क्या लगता है मीरा हमारी बात जा विश्वास करेगी ? सौंदर्या भुआ के साथ साथ वो भी हमे लात मारकर घर से बाहर कर देगी ,, कुछ और सोचना पडेगा,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“भुआ को किडनेप कर ले ?”,सोमित जीजू ने कहा
अर्जुन ने सोमित जीजू की तरफ देखा और कहा,”आप रहने दो , मैं कुछ सोचता हूँ।”
अर्जुन की बात सुनकर जीजू चुपचाप अपना नाश्ता करने लगे ,,
मीरा को अपनी बातो से उलझन में डालकर सौन्दर्या अपने कमरे में चली आयी। राजकमल जी सौंदर्या के पीछे पीछे आये और कहा,”ये सब क्या है सौंदर्या ? तुम मीरा के साथ ऐसा क्यों कर रही हो ? आखिर किस बात का बदला ले रही हो उस से ? क्यों उस बच्ची के साथ इतना बड़ा धोखा कर रही सिर्फ उस महल और इस दौलत के लिये ? तुमने अक्षत को तलाक का नोटिस भेजा मैं तब चुप रहा , तुमने अक्षत और मीरा के बीच नफरत की दिवार खड़ी कर दी मैं तब भी चुप रहा ,
अंदर ही अंदर तुमने मीरा की आधी से ज्यादा दौलत को हड़प लिया मैं तब भी चुप रहा , और आज , आज तुम क्या करने जा रही थी तुम मीरा को उसके ही पिता के खिलाफ भड़का रही हो मैं तुम्हे ये नहीं करने दूंगा सौंदर्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं मैं अभी जाकर मीरा को सब सच बता दूंगा”
राजकमल जी की बात सुनकर सौंदर्या पहले तो घबराई और फिर एकदम से जोर जोर से हंसने लगी।
सौंदर्या को हँसते देखकर राजकमल जी हैरानी से उसे देखने लगे। सौंदर्या उनके पास आयी और उनके गाल पर ऊँगली घुमाकर कहा,”जाईये बता दीजिये मीरा को , लेकिन क्या मीरा आपकी बात मानेगी ? मैं गलत हूँ ये साबित करते करते आपकी जिंदगी बीत जाएगी फिर भी आप मुझे गलत साबित नहीं कर पाएंगे क्योकि ये सौंदर्या का बनाया मायाजाल है और इसमें सौंदर्या गलत नहीं दिख सकती,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ मैंने दौलत के लिये ये सब किया है ,
दौलत किसे नहीं पसंद होती ? मेरे बाप ने अमर भाईसाहब का हिस्सा इस मीरा के नाम कर दिया और दिया भाईसाहब ने अपनी बची खुची जायदाद मीरा और उसकी बेटी के नाम कर दी,,,,,,,,,,,,,,,मैं जिसने इस घर को , भाईसाहब को सम्हालने में अपनी पूरी जिंदगी दे दी उसे क्या मिला ? सिर्फ दुआए,,,,,,,,,,,,,,,मुझे दुआए नहीं बल्कि ये सब चाहिए। सिर्फ आज की रात उसके बाद ये सब मेरा हो जाएगा और सौंदर्या सिंह राजपूत करोड़ो की मालकिन हो जाएगी,,,,!!”
राजकमल जी ने सुना तो गुस्से से कहा,”तुम पागल हो गयी हो , दौलत और पैसे के नशे में पागल,,,,,,,,,,,,,,तुम नहीं जानती तुम सबकी जिंदगी से कितना बड़ा खिलवाड़ कर रही हो लेकिन मैं तुम्हे ऐसा करने नहीं दूंगा,,,,,,,,,,,,,,,मैं दामाद जी और मीरा को सब सच बता दूंगा।”
कहकर राजकमल जी जैसे ही जाने लगे सौंदर्या ने वहा रखे फ्लॉवर पॉट को उनके सर पर दे मारा और राजकमल जी बेहोश होकर नीचे आ गिरे।
हाथ में फ्लॉवर पॉट पकडे सौंदर्या इस वक्त बहुत ही भयावह लग रही थी। उन्होंने जल्दी से राजकमल जी के मुंह पर कपड़ा बांधा और उन्हें कमरे में बने कबर्ड में बंद कर दिया। उसने अपने कपडे ठीक किये और वह कमरे से बाहर चली आयी। अखिलेश आया हुआ था सौंदर्या उसके साथ मिलकर शाम में होने वाली पार्टी के बारे में बात करने लगी।
चूँकि सूर्या और चोपड़ा जी को अब साथ में छवि दीक्षित केस साथ में लड़ने की बात कही गयी थी इसलिए सूर्या कुछ जरुरी फाइल्स लेकर स्टडी रूम में बैठा चोपड़ा जी का इंतजार कर रहा था लेकिन एक लम्बे इंतजार के बाद भी चोपड़ा जी जब नहीं आये तो वह खुद ही उनके चेंबर में चला आया लेकिन वहा भी चोपड़ा जी का असिस्टेंट था चोपड़ा जी नहीं,,,,,,,,,!!
“अरे सुनो ! ये चोपड़ा जी कहा है ?”,सूर्या ने पूछा
“सर तो आज कोर्ट आये ही नहीं,,,,,,,!!”असिस्टेंट ने कहा
“कोर्ट नहीं आये लेकिन क्यों ? क्या उन्हें पता नहीं है 3 दिन बाद छवि दीक्षित केस की सुनवाई है और सुनवाई से पहले पहले हमे असली गुनहगार का पता लगाना है। चोपड़ा जी खुद भी मरेंगे मुझे भी मरवाएँगे,,,,,,,,,,,,,उन्हें फोन करो और कहो उनसे कि कोर्ट आकर मुझसे मिले।”,सूर्या ने गुस्से से कहा और वहा से चला गया
नेशनल कॉलेज के पीछे वाले में खड़े चोपड़ा जी हैरानी से सामने लगे बोर्ड पर लिखे नाम को देख रहे थे। दरअसल ये वही जगह थी जो डील के दौरान सिंघानिया जी ने उस किडनेपर को दी थी जिसने अमायरा का किडनेप किया था और उसी का पता लगाने चोपड़ा जी यहाँ आये थे क्योकि सिर्फ आदमी था जो इस केस को सुलझा सकता था लेकिन बोर्ड पर लिखा नाम देखकर चोपड़ा जी खुद सकते में आ गए।
वे जल्दी से आकर अपनी गाड़ी में बैठे और ड्राइवर से चलने को कहा। उसने सिंघानिया जी को फोन लगाया दूसरी तरफ से आवाज आयी,”हाँ चोपड़ा बोलो”
चोपड़ा जी ने एक गहरी साँस ली और घबराहट भरे स्वर में कहा,”हम सब फसने वाले है सिंघानिया जी,,,,,,,,,,,,,,,!!”
सिंघानिया जी ने अपनी चलती गाड़ी रुकवाई और वापस घर चलने को कहा। कुमार ने पलटकर देखा डर से सिंघानिया जी का चेहरा पीला पड़ चुका था।
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संजना किरोड़ीवाल
In sab me kumar kaise involve hai akhir voh hai kaun aur voh kyu Singhaniya ko baarbaat karna chahata hai…Kya Vicky Chavi ko apnana chahata hai..Chavi ke man me Vicky ko lekar jo nafrat thi ab voh kaam hone lagi hai…Yeah soundarya sachme bahut lalchi hai voh Daulat panene ke liye apne pati ko bi nahi baksha…Arjun aur Somit ji Meera ke samne Soundarya ki sachaai kaise layenge jabki Soundarya undono ko aaj kidnap karna ki plan banaya hai…Chopra ji ne uss godown ne aisa kya dekha ki gabra gaye aur Singhaniya ji ko bi bataya voh jo Chavi ke ghar ja rahe the phir se apne ghar chale kyu gaye…Chavi ko bi janna hai ki Akshat usse jab insaaf dilasakta tha toh usne yeah case Surya ko kyu diya…Surya pareshan hai Chopra ji ke na ane se…Meera ulaj gayi hai Soudarya ki batao se…interesting part Maam♥♥♥♥♥♥♥
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Very nice part