Haan Ye Mohabbat Hai – 62
Haan Ye Mohabbat Hai – 62
छवि एकदम से बेहोश होकर नीचे आ गिरी। माधवी ने छवि को सम्हाला। उन्होंने छवि के मुंह पानी के छींटे मारे तो छवि कोई होश आया। माधवी छवि को इस हाल में देखकर घबरा गयी थी इसलिए कहा,”छवि ! क्या हुआ तुम्हे तुम ठीक हो ना ? तुम अचानक से बेहोश कैसे हो गयीं ?”
“मुझे चक्कर आ गया था माँ , मैं ठीक हूँ।”,छवि ने कहा
माधवी ने छवि को सोफे पर बैठाया और उसके लिये पानी का गिलास ले आयी।
उन्होंने छवि को पानी दिया और कहा,”अब से तुम ऑफिस नहीं जाओगी छवि , हालत देखो अपनी,,,,,,तुम अब घर में रहकर आराम करोगी बस।”
“लेकिन माँ घर का राशन और दूसरी चीजे”,छवि ने कहना चाहा लेकिन माधवी ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा,”वो सब मैं मैनेज कर लुंगी , बहुत कर लिया तुमने काम अब तुम सिर्फ अपने केस और इस बच्चे पर ध्यान दोगी।”
छवि खामोश हो गयी। छवि की बिगड़ती तबियत देखकर माधवी जी ने उस से इस वक्त विक्की के बारे में कोई बात नहीं की। वे छवि के लिये नाश्ता बनाने किचन की ओर चली गयी।
अखिलेश मीरा को लेकर उसके घर आया। गार्ड ने मीरा की गाड़ी देखकर दरवाजा खोल दिया और गाड़ी गेट के अंदर चली आयी। मीरा गाड़ी से नीचे उतरी और सीधा अंदर चली आयी। अखिलेश ने कुछ कहना चाहा लेकिन तब तक मीरा वहा से जा चुकी थी। अपने कमरे की खिड़की के पास खड़ी सौंदर्या सब देख रही थी।
अखिलेश मीरा के पीछे अंदर आया लेकिन मीरा के पास ना जाकर वह सीधा सौंदर्या के पास चला आया और उनकी बांह पकड़कर उन्हें अपनी ओर करके कहा,”आखिर आप चाहती क्या है ?”
एक मामूली से मैनेजर को खुद को छूते पाकर सौंदर्या की त्योरिया चढ़ गयी और उसने कहा,”तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझसे इस तरह पेश आने की ?”
“मैडम आप जो कर रही है वो ठीक नहीं कर रही है। आप जानती है अमायरा का कातिल कौन है ? और आपने ही मीरा मैडम से फोन करके उन्हें बुलाया,,,,,,,,,,आप उन्हें परेशान क्यों कर रही है ? उन्हें सच क्यों नहीं बता देती ?”
“मैं कुछ नहीं जानती,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने अपनी साड़ी का पल्लू लहरा कर बिस्तर पर बैठते हुए कहा
“अगर आप नहीं जानती तो फिर आपको कैसे पता मीरा मैडम सिरपुर झील गयी है ?”,अखिलेश ने गुस्से से लेकिन दबी आवाज में कहा
“रिलेक्स अखिलेश तुम तो ऐसे परेशान हो रहे हो जैसे अमायरा के कत्ल का इल्जाम तुम पर आने वाला है।”,सौंदर्या ने हँसते हुए कहा
“मैं ? मैंने मैंने अमायरा को नहीं मारा है , मैं उसे क्यों मारूंगा ?”,अखिलेश ने घबरा कर कहा
“वही तो मैं कह रही हूँ मुझे कैसे पता होगा अमायरा का कातिल कौन है ? अगर पता होता तो क्या मैं उसे ज़िंदा छोड़ती”, सौंदर्या ने नफरत और गुस्से भरे भाव के साथ कहा।
सौंदर्या की बात सुनकर अखिलेश और परेशान हो गया। उसे परेशान देखकर सौंदर्या उसके पास आयी और कहा,”सुबह मैंने मीरा को फोन पर किसी से बात करते देखा था तब उसने सिरपुर झील का नाम लिया।
कही मीरा किसी मुसीबत में ना फंस जाये सोचकर मैंने तुम्हे वहा जाने को कहा। तुम जितना सोचते हो मैं उतनी बुरी भी नहीं हूँ अखिलेश,,,,,,,,,,,,मीरा की परवाह है मुझे,,,,!!”
अखिलेश ने सुना तो सौंदर्या की तरफ देखा और कहा,”मुझे माफ़ कर दीजिये मैडम मैंने आपको गलत समझा , जब भी उन्हें परेशान देखता हूँ कुछ समझ नहीं आता है मैं बस हर हाल में उन्हें खुश देखना चाहता हूँ। अमायरा के जाने का दुःख वे धीरे धीरे भूलने लगी थी कि आज उनके जख्म फिर हरे हो गए। मैं उन्हें ऐसे दर्द में नहीं देख सकता”
सौंदर्या ने सुना तो अखिलेश के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”यही तो प्यार है अखिलेश , तुम्हे मीरा से प्यार हो गया है तभी तो तुम उसका दर्द महसूस कर पा रहे हो , मीरा इस वक्त अकेली है और टूट चुकी है यही मौका है मीरा को ये अहसास दिलाने का कि तुम उसके साथ हो। वो इस वक्त अपने कमरे में होगी तुम्हे उसके पास जाना चाहिए उसे अच्छा लगेगा , मैं मंजू से कहकर दोनों के लिये चाय भिजवाती हूँ।”
“आप बहुत अच्छी है मैडम,,,,,,,!”,कहकर अखिलेश वहा से चला गया
सौंदर्या एक बार फिर अपनी साड़ी का पल्लू लहराते हुए बिस्तर पर आ बैठी और कहा,”अच्छी तो मैं हूँ अखिलेश , नो डाउट,,,,,,,,,,तभी तो मुझे मीरा की इतनी परवाह है,,,,,,,,,आखिर वो मेरी सोने का अंडा देने वाली मुर्गी जो है।”
सौंदर्या अकेले में ही खिलखिलाकर हंस पड़ी।
अमर जी के ऑफिस से मैनेजर मीरा से मिलने घर आया था उसने सौंदर्या को जब ऐसे हँसते देखा तो मन ही मन कहा,” इस औरत के साथ कुछ तो गड़बड़ है , भगवान् मीरा मैडम और अमर सर की रक्षा करे।”
मैनेजर अंदर आया और अमर जी से मिलने उनके कमरे में चला आया। मैनेजर ने अमर जी को इस हफ्ते होने वाले सेलेब्रेशन के बारे में बताया।
अमर जी बोल नहीं पा रहे थे लेकिन समझ सब रहे थे और मैनेजर की बात सुनकर हैरान भी थी। अमर जी इतना तो समझ चुके थे कि कोई बड़ी साजिश रची जा रही है लेकिन इसके पीछे मकसद क्या है ये वो भी नहीं जानते थे। उनका दाहिना हाथ धीरे धीरे ठीक हो रहा था और इतना ठीक हो चुका था कि वे किसी भी हलकी चीज को थोड़ी मेहनत के बाद उठा पाए।
मैनेजर की बात सुनकर अमर जी ने हाथ से टेबल पर रखे पेन की तरफ इशारा किया। मैनेजर को कुछ देर तो समझ नहीं आया अमर जी क्या कहना चाहते है। कुछ देर बाद उसे समझ आया अमर जी पेन और पेपर मांग रहे है शायद वो कुछ लिखना चाहते थे। मैनेजर ने पेन अमर जी के हाथ में थमा दिया। अमर जी ने काँपते हाथो से पेन को पेपर पर चलाना शुरू किया। ऐसा करते हुए उन्हें बहुत तकलीफ भी हो रही थी लेकिन इस वक्त उनका ये सब लिखना जरुरी था।
अमर जी ने कागज पर कुछ लिखा और पेन वही छोड़ दिया। मैनेजर ने कागज उठाकर देखा जिस पर टेढ़ी मेढ़ी भाषा में लिखा था “21 साल”
मैनेजर ने अमर जी की तरफ देखा वह समझ गया अमर जी क्या कहना चाहते थे ?
“सर मैं जानता हूँ आपकी कम्पनी को अभी 21 साल पुरे हुए है लेकिन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मैनेजर ने इतना ही कहा कि सौंदर्या की आवाज उसके कानो में पड़ी,”तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”
सौंदर्या को वहा देखकर अमर जी के चेहरे पर गुस्से के भाव आ गए और मैनेजर घबरा गया। वह सौंदर्या की तरफ पलटा लेकिन हाथ में पकड़ा कागज पीछे छुपा लिया। मैनेजर ने सौंदर्या को देखा और कहा,”वो मैं , मैं अमर सर से मिलने आया था। इस हफ्ते जो कम्पनी की तरफ से पार्टी है उसी के लिए इन्वाइट करने,,,,,,,,,,!!”
सौंदर्या ने अमर जी को एक नजर देखा और कहा,”जो इंसान खुद से उठ नहीं सकता तुम उसे इन्वाइट करने आये हो , वाओ,,,,,,,,,,कर दिया इन्वाइट ?”
“जी जी मैडम,,,,,,,,,!!”,मैनेजर ने कहा
“तो फिर यहाँ क्यों खड़े हो ? जाओ कम्पनी में बहुत काम है यहाँ रूककर अपना वक्त बर्बाद मत करो”,सौंदर्या ने बेरुखी से कहा
मैनेजर वहा से जाने लगा तो सौंदर्या ने उसे रोका और पीछे छुपाया गया कागज लेकर उसे देखते हुए कहा,”21 साल ? इसका क्या मतलब है ?”
“इसका मतलब ? इसका मतलब शायद सर ये कहना चाहते हो कि अभी ये 21 साल और जियेंगे,,,,,,,,,,,हेहेहे”,मैनेजर ने बहुत ही अजीब हंसी हँसते हुए कहा
“ठीक है जाओ यहाँ से”,सौंदर्या ने चिढ़ते हुए कहा और मैनेजर वहा से चला गया
बिस्तर पर लेटे अमर जी ने जब अपने ही मैनेजर के मुंह से ये सुना तो मन ही मन अफ़सोस जताया। सौंदर्या वो कागज मोड़कर जैसे ही फेंकने लगी एकदम से उसका दिमाग चला और उन्होंने वो कागज अपने पास रख लिया और अमर जी के पास आकर ड्रॉवर से दवा निकालकर अमर जी को दिखाते हुए कहा,”जानते है ये क्या है ? ये वो दवा है जिसे खाकर आप 21 साल नहीं बल्कि 21 हफ्तों में भगवान को प्यारे हो जायेंगे,,,,,,,,,,,
ये दवा धीरे धीरे आपको अंदर से इतना बीमार कर देगी कि आपके जीने की इच्छा ही खत्म हो जाएगी।”
अमर जी ने सुना तो दर्द और तकलीफ के भाव से सौंदर्या को देखने लगे। सौंदर्या मुस्कुराई और कहा,”अब मैं क्या करू ? मुझे ये करना ही पडेगा वरना किसी दिन आप मीरा को सच बता देंगे और मेरा सारा प्लान मिटटी में मिल जाएगा। वैसे भी ऐसे जीने से अच्छा है आप इस दुनिया को अलविदा कह दे,,,,,,,,,,,,,,!!”
अपनी ही सगी बहन के मुंह से ऐसी बाते सुनकर अमर की आँखों में आँसू भर आये। सौंदर्या ने दवा निकाली और टेबल पर रखे दूध के गिलास में डाल दी। अमर जी खुली आँखों से सब देख रहे थे लेकिन इतने बेबस थे कि कुछ कर नहीं पाये। सौंदर्या वहा से चली गयी।
अक्षत अपने कमरे में बैठा लेपटॉप पर कुछ जरूरी काम कर रहा था। पिछले कुछ दिन से अक्षत किसी जरुरी काम में उलझा था। अक्षत कुछ तो ऐसा कर रहा था जिसकी भनक किसी को नहीं थी सिवाय उसके,,,,,,,,,,,,वह अपने काम में इतना बिजी था कि उसे याद ही नहीं रहा आज उसे कोर्ट भी जाना है। अक्षत का फोन बजा जिस से अक्षत की तंद्रा टूटी , उसने देखा फोन सचिन का है। अक्षत ने फोन उठाया और कहा,”हाँ सचिन बोलो”
“सर आज आप जल्दी आने वाले थे , आपने कहा था एक केस के सिलसिले में आपको बाहर जाना है। मैं फाइल लेकर कोर्ट आ चुका हूँ लेकिन आप तो यहाँ नहीं है।”,सचिन ने कहा
अक्षत को याद आया उनसे ही आज सचिन को जल्दी बुलाया था क्योकि एक केस के सिलसिले में उसे शहर से बाहर जाना था लेकिन वह भूल गया।
“आई ऍम सो सॉरी सचिन , तुम वही रुको मैं थोड़ी देर में आता हूँ।”,अक्षत ने अपना लेपटॉप बंद करते हुए कहा
सचिन ने फोन रख दिया और अक्षत जल्दी से बाथरूम की तरफ भागा। नहाकर उसने जल्दी जल्दी में कपडे पहने। कपडे बदलकर अक्षत जैसे ही शीशे के सामने आया उसकी नजर अपने सफ़ेद शर्ट पर पड़ी जिसका बटन टूट चुका था। अक्षत इतनी जल्दी में था कि उसने शर्ट का लटका हुआ बटन हाथ में लिया और एकदम से पलटकर कहा,”मीरा ये बटन टूट गया है लगा दो ना प्ली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ज”
अक्षत ने देखा कमरे में सिर्फ वो है मीरा वहा नहीं है। एकदम से उसकी आँखों में नमी तैर गयी उसने बटन को ड्रेसिंग टेबल पर रखा और बाल बनाकर वहा से निकल गया।
अक्षत आज भी बिना नाश्ता किये घर से निकल गया और घर में किसी ने उसे टोका भी नहीं क्योकि अब सबको उसके इस व्यवहार की आदत हो चुकी थी सिवाय राधा के,,,,,,,वह हर सुबह इस इंतजार में डायनिंग टेबल पर एक प्लेट एक्स्ट्रा लगाती कि आज अक्षत नाश्ते के लिये आएगा लेकिन अक्षत नहीं आता और राधा सबके खाने के बाद मायूसी से उस खाली प्लेट को उठाकर वापस किचन में रख देती। विजय जी सब जानते थे लेकिन कुछ कहते नहीं थे।
घर के सभी लोग नाश्ता करने के लिये टेबल के इर्द गिर्द बैठे थे। आज नाश्ते में इडली सांभर बना था और खुशबु भी काफी अच्छी आ रही थी। साथ में नारियल की चटनी भी थी जो कि अक्षत की फेवरट थी। राधा से रहा नहीं गया तो वह किचन में गयी एक डिब्बे में 4 इडली के साथ थोड़ी नारियल की चटनी रखी और बाहर आकर बिना कुछ कहे दरवाजे की तरफ चली आयी।
अक्षत अपनी गाड़ी के पास खड़ा फोन पर किसी से बात कर रहा था। राधा उसके पास आयी और डिब्बा उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा,”तुम नाश्ता करने नहीं आये , इसमें इडली और चटनी रखा है तुम रास्ते में खा लेना”
“माँ इसकी जरूरत नहीं थी मैं बाहर खा लेता,,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने डिब्बा लेते हुए कहा
“बाहर माँ के हाथ से बना नहीं मिलेगा,,,,खुद को सब से इतना भी दूर मत कर आशु कि तुझसे मिलने के लिये इंतजार करना पड़े।”,राधा ने आँखों में नमी लाकर कहा।
“मैं आज भी आपके उतना ही करीब हूँ माँ , अगर नहीं होता तो आप मेरे लिए ये डिब्बा लेकर नहीं आती,,,,,,,,,,,घर में सिर्फ आपको और मी को,,,,,,,,,सिर्फ आपको पता है मुझे इडली के साथ नारियल की चटनी पसंद है। मैं चलता हूँ माँ ,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा और वहा से चला गया।
एक बार फिर अक्षत के होंठो पर मीरा का नाम आते आते रुक गया।
राधा वापस अंदर चली आयी तब तक नीत सबके लिए नाश्ता परोस चुकी थी। राधा ने नीता से भी बैठने को कहा और सभी साथ बैठकर नाश्ता करने लगे। अर्जुन और सोमित जीजू साथ साथ बैठे थे। अर्जुन नाश्ता कर रहा था कि सोमित जीजू ने अपना फोन अर्जुन की तरफ खिसका दिया। अर्जुन को लगा कोई न्यूज़ होगी तो उसने फोन देखा लेकिन फोन में तस्वीर देखते ही अर्जुन के गले में खाना अटक गया और वह खाँसने लगा।
उसे खाँसते देखकर पास बैठी दादी माँ ने पानी का गिलास उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा,”अरे अर्जुन ! आराम से खा बेटा”
अर्जुन ने पानी पीया और सोमित जीजू की तरफ झुककर फुसफुसाते हुए कहा,”जीजू ये सब क्या है ? आपके पास ये तस्वीर कहा से आयी ?”
“बेटा मैं भी तेरा जीजा हूँ ,, एक फोटो डिलीट करने के 5 हजार मांगे ना तुमने मुझसे अब देख मैं क्या करता हूँ ,, नाश्ते के बाद ये फोटो सीधा जाएगा नीता के पास उसके बाद तू सोच ले तेरा क्या होगा ?”,सोमित जीजू ने भी फुसफुसाते हुए कहा
“जीजू ! ऐसा करेंगे आप ?”,अर्जुन ने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा
“नहीं नहीं नहीं ये फरीदा जलाल वाली मासूम शक्ल यहाँ नहीं चलेगी , रोकड़ा लगेगा”,जीजू ने तनते हुए कहा
“ये कैसी गुंडों वाली बाते कर रहे है आप ?”,अर्जुन ने कहा
“ठीक है मैं ये फोटो अब नीता को भेज ही देता हूँ”,कहते हुए सोमित जीजू ने जैसे ही अपना फोन हाथ में उठाया अर्जुन ने कहा,”जीजू जीजू जीजू मैं तो बस मजाक कर रहा था , मैं देता हूँ ना आपको पैसे ,, बताईये कितना ?”
“6 हजार,,,,,,,!”,जीजू ने कहा
“क्या ? पागल हो गए है क्या ?”,अर्जुन ने चौंकते हुए कहा
“8 हजार,,,!!”,सोमित जीजू ने भी अर्जुन की तरह उसे परेशान करते हुए कहा
“जीजू,,,,,!!”,अर्जुन ने मिमियाते हुए कहा
“9 हजार,,,,!!”,सोमित जीजू ने बिना किसी भाव के कहा।
“जीजू यार,,,,,,,,!!”,अर्जुन ने रोआँसा होकर कहा
“10,,,,,,,,,,!!”,जीजू ने जैसे ही कहा अर्जुन ने तेज आवाज में कहा,”बस,,,,,,,,,,,!!”
“अर्जुन क्या हुआ है तुम्हे ?”,विजय जी ने पूछा
“अह्ह्ह्ह बस,,,,,,,मैं कह रहा था कि बस मेरा हो गया , आप लोग खाइये”,कहते हुए अर्जुन वहा से चला गया
“मौसीजी थोड़ी चटनी और दीजिये न,,,,,,,,,,,,बहुत टेस्टी बनी है”,सोमित जीजू ने कहा
“और बहुत महंगी भी,,,,,,,,,!!”,नीता ने धीरे से कहा और सोमित जीजू की तरफ देखकर मुस्कुरा दी।
Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62 Haan Ye Mohabbat Hai – 62
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संजना किरोड़ीवाल
Matlab kabhi na kabhi Akhilesh bhi Ammu ki mout ka jidar hai..
kuch to hua hai ….
OR ye jiju koinsi photo dikha kar 10 K le gaye hai Arjun se ??
sath to neeta ne bhi diya usse sab pata hai … lakin neeta ke naame par jiju ne 10 K le liye hahahah
Itna to pakka hai ki Akhilesh aur shayad Soundrya bua jante hai ki Amayra ka katil kon hai…but abhi ek dusre ko sirf shak ki nazar se dekh rhe hai…yeh Soundrya bua ko main cousin bua samjti thi, lakin yeh to sagi hokar apno k sath kitna Ganda khel yeh khel rhi hai…apne sage Bhai ko Roz mout k muh m bhej rhi hai…pta nhi kab pol khelegi iss nagin bua ki… umeed hai ki jaldi ho
Very nice part
Jiju Neeta ki help ki wajahse hi Arjun ko pareshan kar pa raha hai…Akshat kaunse kaam ne busy hai abhi…Amar ji khud ko bebas mehsus kar rahe hai aur unko lagta hai unki manager unki baat nahi samajha jabki Manager unki baat samajh gaye unhe kuch keh pata tab tak Soundarya waha agaye…Soundarya ab kya nahi chal khel rahi hai aur Akhilesh kaise jhuda hua hai Amaira ke maut ke piche…Chavi ki halat bigad rahi hai Pregnant hone ke karan…Akshat Meera ko yaad karke emotional hogaya…interesting part Maam♥♥♥♥♥
Akhilesh saundarya kumar … Bhut logo ne ek sath dushmani nikali hh
👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻