Haan Ye Mohabbat Hai – 54
Haan Ye Mohabbat Hai – 54
मीरा के घर से निकलकर अक्षत अपनी गाड़ी में आ बैठा और वहा से निकल गया। उसी रस्ते से होकर अर्जुन और सोमित जीजू घर आ रहे थे। सोमित जीजू ने जब अक्षत की गाड़ी को वहा से निकलते देखा तो कहा,”अर्जुन ! ये साले साहब इस वक्त मीरा के घर से कैसे आ रहे है ?”
“जीजू इसका भी कुछ समझ नहीं आता , घरवालों के सामने तो मीरा के नाम से भी उछल जाता है और यहाँ छुप छुपकर उस से मिलने आ रहा है। जरूर कुछ गड़बड़ है जीजू ?”,अर्जुन ने कहा
अर्जुन की बात पर सोमित जीजू ने मन ही मन अफ़सोस जताया और कहा,”हाँ गड़बड़ तो है , लेकिन तुम्हारे दिमाग में,,,,,,,,,,,,,,अरे मीरा उसकी पत्नी है वो जब चाहे तब उस से मिल सकता है और हम भी तो यही चाहते थे ना कि दोनों एक हो जाये।”
“हाँ जीजू वैसे अच्छा है लेकीन ये भी तो हो सकता है वो मीरा से फिर कोई झगड़ा या बहस करने आया हो,,,,,,,,,,,!!”,अर्जुन ने कहा
“जब भी बोलोगे बकैती ही करोगे,,,,,,,,,,अरे अच्छा नहीं सोच सकते तुम ? चलो यार घर चलो वही चलकर बात करते है।”,सोमित जीजू ने झुंझलाते हुए कहा और अर्जुन ने गाडी आगे बढ़ा दी।
घर आकर अक्षत सीधा अपने कमरे में चला आया। उसने कपडे बदले और अपना लेपटॉप लेकर हॉल में चला आया। अर्जुन और सोमित जीजू भी अक्षत के बाद ही घर आ चुके थे और सीधा ऊपर चले आये। अक्षत को काम में बिजी देखकर सोमित जीजू ने अर्जुन से कहा,”तू जाके पूछ ?”
“मैं नहीं जा रहा , आप जाकर पूछिए”,अर्जुन ने सोमित जीजू को आगे करते हुए कहा
“तू चाहता है मैं एक शांत बैठे शेर के मुंह में हाथ डालू,,,,,,,,,,,,,वो बस शक्ल से मासूम दिखता है भाई,,,,,,,,,!!”,सोमित जीजू ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा
“मुझे भी अपनी जान प्यारी है,,,,,,,,,,आईडिया आपका था अब आप ही जाईये”,अर्जुन ने सोमित जीजू को फिर आगे करते हुए कहा
अक्षत काफी देर से उन दोनों की इस नौटंकी को देख रहा था। उसने लेपटॉप पर उंगलिया चलाते हुए कहा,”आप दोनों को जो कुछ कहना है वो यहाँ आकर कह सकते हो।”
“मर गए ! देख लिया उसने,,,,,,,,,,,,,तुम कहा भाग रहे हो तुम भी चलो”,सोमित जीजू ने अर्जुन का हाथ पकड़कर उसे ले जाते हुए कहा।
दोनों अक्षत के पास चले आये और एक दूसरे की तरफ देखने लगे। आँखों ही आँखों में दोनों फिर वही इशारे कर रहे कि तू बोल आप बोलो
“आप दोनों में से कोई कुछ बोलेंगा ?”,अक्षत ने कहा
“आशु ये घर है तेरा कोर्ट नहीं सोचने तो दे हमे क्या बोलना है ?”,अर्जुन ने थोड़ा गुस्से से कहा
“हम्म्म ठीक है सोच लीजिये,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा और उन दोनों पर अपनी नजरे गड़ा ली
अर्जुन कुछ देर चुप रहा और फिर सोमित जीजू को फंसाते हुए एकदम से कहा,”वो जीजू पूछ रहे थे आज शाम तुम मीरा के घर के बाहर क्या कर रहे थे ?”
अक्षत ने सुना तो लेपटॉप पर काम करते करते उसकी उंगलिया रुक गयी। उसकी आँखों के सामने वो पुलिस स्टेशन वाला सीन आ गया और वह खामोश हो गया।
सोमित जीजू ने देखा अर्जुन ने उन्हें फंसाया है तो उन्होंने एक मोटा मुक्का अर्जुन की पीठ पर जड़ दिया लेकिन अर्जुन की आवाज बाहर नहीं निकली हाँ चेहरे पर दर्द बखूबी दिख रहा था। अर्जुन ने सोमित जीजू की तरफ देखा तो पाया सोमित जीजू खा जाने वाली नजरो से उसे ही देख रहे है। अर्जुन खिंसियकार मुस्कुराने लगा।
“हाँ साले साहब ! क्या कर रहे थे आप वहा ? घर में कोई मीरा का नाम ले तो आपका खून खोलने लगता है और खुद उनकी गली के चक्कर काट रहे है।”,अक्षत को खामोश देखकर सोमित जीजू ने थोड़ा इतरा कर कहा
अक्षत की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”उस गली में सिर्फ मीरा का ही घर नहीं है वहाँ 160 लोग और भी रहते है और उन्ही में से मेरा एक क्लाइंट है जिस से मिलने मैं गया था,,,,,,,,,,,और कुछ जानना है आप लोगो ?”,अक्षत ने कठोरता से कहा
“नहीं कुछ नहीं , लेकिन रात में क्लाइंट से मिलने जा रहे हो,,,,,,,,,,,,,,लक्षण कुछ ठीक नहीं है आपके वकील साहब”,जीजू ने भँवे चढ़ाकर कहा। अक्षत समझ गया कि ये दोनों उसे काम नहीं करने देंगे इसलिए उसने लैपटॉप बंद किया और वहा से अपने कमरे की तरफ बढ़ गया।
अक्षत को सोमित जीजू की बात पर खामोश देखकर अर्जुन को मौका मिल गया और वह अक्षत को चिढ़ाने के लिये जोर जोर से गाने लगा
“तुम आये तो आया मुझे याद , गली में आज चाँद निकला
जाने कितने दिनों के बाद , गली में आज चाँद निकला”
अर्जुन और सोमित जीजू जानते थे उस गली में अक्षत का कोई क्लाइंट नहीं है वह मीरा के घर से होकर ही आया था। इसलिए जैसे ही अर्जुन ने गाना गया अक्षत ने पलटकर देखा तो सोमित जीजू और अर्जुन मुस्कुरा उठे। अक्षत ने कुछ नहीं कहा और अपने कमरे में चला गया।
अर्जुन कपडे बदलने चला गया और सोमित जीजू भी अपने कमरे में चले आये और कपडे बदलकर खाना खाने डायनिंग टेबल की तरफ चले आये। दादू , दादी माँ , विजय जी , चीकू और काव्या वहा पहले से मौजूद थे। तनु नीता किचन में थी और राधा सबके साथ वही खड़ी थी। आज दादी माँ ने राधा को भी सबके साथ बैठकर खाने को कहा।
“मैं बाद में खा लुंगी माँ , वो ज़रा गर्म पुरिया बन रही है बस वो आ जाये।”,राधा ने आना कानी की
“अरे बहु नीता और तनु है ना वो परोस देगी तुम बैठो और तुम चाहो तो यहां बैठकर भी सबको परोस सकती हो।”,दादू ने कहा तो राधा विजय जी के ठीक सामने बैठ गयी
सोमित जीजू और अर्जुन भी आमने सामने आ बैठे। खाना तैयार था बस पुरिया तली जा रही थी और उसी में थोड़ा वक्त लग रहा था।
अर्जुन और सोमित जीजू को खुश देखकर दादू ने कहा,”क्या बात है भई आज दोनों के चेहरे बहुत चमक रहे है।”
“दादू पता नहीं ऐसा क्यों लग रहा है जैसे इस घर में फिर से कोई दुल्हन आने वाली है,,!”,सोमित जीजू ने ख़ुशी से भरकर कहा
“क्यों दामाद जी दूसरी शादी करने का विचार है क्या आपका ?”,विजय जी ने सोमित जीजू की तरफ देखकर पूछा
“अरे नहीं नहीं मौसाजी कैसी बातें कर रहे है आप ? मैं इस उम्र में कहा शादी करूँगा,,,,,,,,,,,,!!”, सोमित जीजू ने झेंपते हुए कहा
“तो फिर किस दुल्हन की बात कर रहे है आप ? इस घर में चीकू को छोड़कर सब मर्दो की शादी हो चुकी है , अब बचा चीकू तो उसकी कहा अभी शादी की उम्र है ?”,दादू ने कहा तो चीकू मुस्कुराने लगा
“शादी के नाम से तुम इतना क्यों मुस्कुरा रहे हो ?”,अर्जुन ने पूछा
“बड़े दादू ने कहा ना घर में सबकी शादी हो गयी बस मेरी शादी बची है , इसलिए मैं थोड़ा शरमाने की एक्टिंग कर रहा हूँ।”,चीकू ने कहा
“बेटा पहले ठीक से बड़े हो जाओ पता चले शादी के नाम पर अपनी दुल्हन के आधे से ज्यादा कुरकुरे चिप्स तुम ही खा जाओ”,सोमित जीजू ने कहा तो सब हंस पड़े और चीकू ने काव्या की तरफ झुककर कहा,”लेकिन देवांशी ने कहा हैं अगर बड़ा होकर मैं उस से शादी करूंगा तो वो अपने आधे चिप्स मुझे दे देगी”
“मामू को बताऊ ये बात ?”,काव्या ने चीकू को आँखे दिखाते हुए कहा
“नहीं नहीं मैं आपको भी उनमे से थोड़े चिप्स दे दूंगा,,,,,,,,,,,प्रॉमिस”,चीकू ने फुसफसाते हुए कहा
“क्या फुसफुसा रहे हो तुम दोनों ?”,अर्जुन ने पूछा
“कुछ नहीं मामू”,काव्या ने हड़बड़ाकर कहा तो चीकू भी अपनी जगह पर सही बैठ गया।
नीता पुरिया ले आयी और फिर राधा ने सबकी प्लेटो में खाना परोसना शुरू कर दिया। सबको खाना परोसकर राधा की नजरे सीढ़ियों की तरफ चली गयी। अक्षत अभी तक खाना खाने नहीं आया था। विजय जी ने देखा तो कहा,”उसे जब भूख लगेगी वो खुद खा लेगा , तुम खाना शुरू करो।”
कुमार कई सालो से विक्की का अच्छा दोस्त था और उसके बहुत करीब भी था उसे पूरा यक़ीन था कि विक्की ने छवि का रेप नहीं किया है। उसने विक्की की बात पर ना में गर्दन हिला दी तो विक्की उसके पास आया और कहने लगा,”मैं मानता हूँ मुझसे गलती हुई है लेकिन अपनी गलती की वजह से मैं रॉबिन को जिंदगीभर जेल में सजा काटते नहीं देख सकता। सिर्फ छवि से बदला लेने के लिये मैंने उसे इतनी बड़ी मुसीबत में डाल दिया,,,,,,,,,,,,,,,,
वो आदमी , अगर वो आदमी मुझे मिल जाये तो सच का पता चल सकता है लेकिन मैं उसे कैसे तलाश करू ? मैं तो उसका नाम तक नहीं जानता,,,,,,,,,,,,,,ना मुझे उसकी शक्ल याद है। सिर्फ वही आदमी जानता है उस शाम मेरे बेहोश होने के बाद फार्म हॉउस पर क्या हुआ था ? कुमार तुम्हे तो याद होगा वो आदमी , वो जो उस दिन मुझे पब में मिला था और जिसने मुझे अपना कार्ड दिया था,,,,,,,,,,,,क्या तुम उस आदमी को जानते हो ?”
विक्की की बातें सुनकर कुमार के चेहरे पर कई भाव आये और गए। उसने उस आदमी को याद करने की कोशिश करते हुए कहा,”हाँ तुझसे एक आदमी मिला तो था लेकिन मैं उसके बारे में कुछ नहीं जानता,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे भी उन बातों को 6 महीने बीत चुके है वो आदमी अब तुम्हे कहा मिलेगा ?”
“उसका मिलना बहुत जरुरी है कुमार,,,,,,,,,,मैं उसे ढूंढकर रहूंगा।”,विक्की ने कहा और खिड़की के बाहर देखने लगा
विक्की की बात सुनकर कुमार का दिमाग चला और उसने कहा,”विक्की कही उस आदमी ने तो छवि का रेप नहीं किया और तुम्हे फंसा दिया हो ?”
विक्की ने कुमार की ओर देखा और कहा,”लेकिन वो मुझे क्यों फँसायेगा ? उसे जो चाहिए था वो मैंने उसे दिया और बदले में उसने छवि को किडनेप करके मुझे सौंप दिया फिर वो छवि के साथ ऐसा क्यों करेगा ?”
“वही तो मैं कहना चाह रहा ,, उसने तुमसे मदद क्यों मांगी क्यों तुम दोनों एक दूसरे को जानते थे नहीं ? उसे पता था तुम छवि से नफरत करते हो और उसे सबक सीखाने के लिये तुमने उसे फार्म हॉउस बुलाया है बस इसी बात का फायदा उस आदमी ने उठाया ताकि बाद में तुम्हे फंसा सके,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कुमार ने कहा लेकिन विक्की को उसकी बातो में कोई दम नहीं लगा और उसने कहा,”लेकिन वो ऐसा क्यों करेगा ?”
“हो सकता है ऐसा करके वो अंकल से कोई डिमांड करे ?”,कुमार ने कहा
“लेकिन वो पापा से कभी नहीं मिला ना उसने कभी ऐसी डिमांड की , करता तो क्या मैं 6 महीने जेल रहकर आता ?”,विक्की का दिमाग अब घूमने लगा था
“क्यों न तुम अंकल से बात करो एक बार शायद उन्हें कुछ पता हो इस बारे में,,,,,,,,,,,,,,,,,,देख विक्की छवि से ज्यादा ये केस अब तेरे लिए सुलझना जरुरी हो गया है। असली गुनहगार कोई और है और सजा किसी निर्दोष को मिल रही है।”,कुमार ने कहा
कुमार की बात सुनकर विक्की कमरे से बाहर निकल गया
विक्की नीचे आया और सीधा आकर सिंघानिया जी से सवाल किया,”डेड ! मुझे बचाने के लिये क्या आपने किसी के साथ डील की थी ?”
“तुम्हे इन सब बातों से दूर रहना चाहिए विक्की,,,,,,,,,,,,!!”,सिंघानिया जी ने सधे हुए स्वर में कहा
“नहीं डेड ! मुझे जानना है , मुझे जानना है आखिर ये सब हो क्या रहा है ? मैंने छवि का रेप नहीं किया लेकिन छवि की नजरो में मैं आज भी गुनहगार हूँ। रॉबिन जिसका इस केस से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं था आज वो मेरे हिस्से की सजा काट रहा है सिर्फ आपके कहने पर ,
आपका पैसा , आपकी शोहरत , आपका काम सब मिटटी में मिल गया सिर्फ इस एक केस की वजह से , मुझे पता है डेड कोई तो है जिसके साथ आपने डील की और अक्षत व्यास जीतते जीतते जानबूझकर ये केस हार गया,,,,,,,,,,,,,,,बताईये आखिर वो कौन है जो सबको बर्बाद करना चाहता है ?”,कहते हुए आखिर में विक्की चिल्ला उठा
“हाँ की थी मैंने डील लेकिन सिर्फ और सिर्फ तुम्हे बचाने के लिये,,,,,,,,,,,,,
वो अक्षत व्यास से बदला लेना चाहता था और मैं तुम्हे बचाना चाहता था बस यही डील हुई थी हमारी और बदले में उसने सिर्फ एक खंडर मुझसे लिया। इस से ज्यादा मैं कुछ नहीं जानता,,,,,,,,,,,,,,!!”,सिंघानिया जी ने कहा
विक्की ने सुना तो वहा पड़े सोफे पर आ बैठा उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। सिंघानिया जी ने जिस से मदद ली उसे सिंघानिया जी नहीं जानते थे और विक्की ने जिसकी मदद की उसे विक्की नहीं जानता था। क्या ये दो अलग आदमी थे या फिर एक ही आदमी मिलकर सबको भर्मित कर रहा था ?
विक्की ने आँखे मुंदी और सर पीछे झुकाकर सोफे से लगा लिया। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा उसकी आँखों के सामने सारी घटनाये एक के बाद एक चलने लगी और सबसे आखिर में आया छवि का मासूम चेहरा,,,,,,,,,,,,,,,,वो चेहरा जिस से विक्की को अब हमदर्दी होने लगी थी।
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संजना किरोड़ीवाल
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Sanjana Kirodiwal
मैं कोई Writer नहीं , बल्कि एक चोर हु जो लोगो का समय चुराती है !
Vicky thoda sa aur dimag lagao to tumko yaad aa sakta hai kuch…jo uss aadmi se related ho… Vicky Jail m rahkar ek imandar insaan ban chuka hai… Wo khud ko begunah sabit karega…lakin yeh Soundrya bua ka bhi kuch hona chahiye… bahot hawa m udd rhi hai aur Akshat Meera ko preshan kar rhi hai
Very nice part
Shyad ab Meera ko samjh aaye ki bua hi kuch gadbad ka rahi hai..
kyoki Meera ko pata hai Akshata amar ji mila kar aaya..
or Akshata ne meera ko jail se baccha kar laya hai ye baat to bua ko pata hi ni hai.. meera sab kuch relate kar sakte to accha hoga…
I think manager ne jo bhi akshata se kaha tha ho sakta hai akshata ne bahut kuch pata lagya ho or usse pata chal gaya hoga bua kuch gadbad kar rahi.. or aaj jis tarah se baat ki to wo sure hi ho hi gaya ….
bua ji bag pack kar lo ho sakta hai jaldi jaldi m bag pack ka time na mile …
waise to aapko jail jana fir bhi aap ka samne aapke hi ghar bhej denge..
I wish amar ji bhi jaldi theek ho jaye
Singhaniya ji aur Vicky ne jiss aadmi ki madat ki lagata hai voh ek aadmi hi hai..Kya Vicky apni is uljan ko sulja payega kya voh khud bekasoor hai aur robin ko bekasoor prove kar payega aur iske piche asli gunneghar ko pakad kar Chavi ko insaf duilayega.. Arjun aur JIju Akshat ko Meera ke ghar ke raste se ate dekh samajh gaye ki voh Meera se mila…interesting part Maam♥♥♥♥♥
Dii chavi k gunhegar vinit toh ni … kya pta vinit or shubh mile hue hoo…
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