Haan Ye Mohabbat Hai – 53
Haan Ye Mohabbat Hai – 53
अक्षत की बात सुनकर मीरा ने टेबल पर रखा कप उठाया और उसने अपने होंठो से लगा लिया। मीरा ने एक घूंठ चाय पी उसने महसूस किया चाय हमेशा की तरह फीकी थी। मीरा जब भी अक्षत के लिये चाय बनाती थी ना जाने क्यों उसमे चीनी डालना भूल जाती थी। मीरा खुश थी अक्षत घर आया उसके लिये इस से बड़ी ख़ुशी की बात और क्या हो सकती थी वह खिलखिलाकर किचन की तरफ चली गयी। अपने कमरे से आती सौंदर्या ने जब मीरा को खुश देखा तो उसे दाल में कुछ काला लगा और वह दौड़कर घर के दरवाजे की तरफ गयी तो देखा अक्षत वहा से जा रहा था।
अक्षत को वहा देखकर सौंदर्या के कलेजे पर सांप लौट गया। उसने अक्षत को आवाज दी तो अक्षत रुक गया। सौंदर्या उसके पास आयी और घमंड भरे स्वर में कहा,”यकीन नहीं होता इतनी बेइज्जती के बाद भी तुम यहाँ खड़े हो , इस घर में,,,,,,,,,मैं चाहू तो अभी इसी वक्त धक्के मारकर तुम्हे इस घर से बाहर फेंक सकती हूँ अक्षत व्यास लेकिन क्या है ना तुम अभी भी इस घर के दामाद हो,,,,,,,,,,,,बट डोंट वरी ये टैग भी जल्दी ही तुम से हट जाएगा। जब मीरा खुद अपने हाथो डिवोर्स के पेपर साइन करके तुम्हे देगी।”
अक्षत सौंदर्या की बदनियत काफी पहले ही जान गया था लेकिन सौंदर्या से कभी कुछ कहा नहीं वह बस सही वक्त का इंतजार कर रहा था , जब सौंदर्या की सच्चाई सबके सामने आएगी।
अक्षत को खामोश देखकर सौंदर्या ने कहा,”क्या हुआ ? अभी से सब आँखों के सामने घूमने लगा,,,,,,,,,,,,,सिर्फ तलाक नहीं अभी तो तुम मीरा को किसी और से शादी करते भी देखोगे और उसके बाद मै तुम्हे हमेशा हमेशा के लिए उसकी जिंदगी से निकल फेंकूँगी।”
कहते हुए सौंदर्या के चेहरे पर नफरत के भाव तैरने लगे। अक्षत सौंदर्या के थोड़ा करीब आया और उसकी आँखों में देखकर कहा,”पहले मुझे मीरा के दिल से तो निकाल कर दिखाईये फिर जिंदगी से निकालने की बात कीजियेगा रही बात मीरा की शादी की तो तैयारियां कर लीजिये मीरा को फिर से ब्याहने भी अक्षत व्यास ही आएगा और अगर कोई दूसरा आया तो उसे जमीन में ज़िंदा गाड़ दूंगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,और ये मेरा आपसे वादा है।”
कहकर अक्षत वहा से चला गया। अक्षत की बातो ने सौंदर्या के सीने में जैसे आग लगा दी।
अब तक वो समझ रही थी कि अक्षत मीरा से नफरत करता है और उसे आसानी से छोड़ देगा लेकिन आज अक्षत की बातो ने सौंदर्या को परेशानी में डाल दिया। घर के दरवाजे पर खड़ी मीरा सब देख रही थी लेकिन उन दोनों के बीच क्या बात हुयी ये मीरा नहीं सुन पाई। अक्षत के जाने के बाद सौंदर्या जैसे ही पलटी दरवाजे पर मीरा को खड़े देखकर उसके चेहरे के भाव एकदम से बदल गए और चेहरे पर चिंता की लकीरे उभर आयी।
सौंदर्या मीरा के पास आयी तो उसने पूछा,”भुआ जी ! अक्षत जी और आप क्या बात कर रहे थे ?”
सौंदर्या ने चेहरे पर बहुत गंभीर भावो को लाकर कहा,”मैंने अक्षत से कहा कि वो अब अपना गुस्सा थूक दे और तुम्हे घर ले जाए लेकिन उसने,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“क्या कहा उन्होंने ?”,मीरा ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
सौंदर्या एकदम से पलट गयी और कहा,”मैं तो अपने मुंह से कह भी नहीं सकती उसने कितनी घटिया बात कही है।”
“क्या कहा उन्होंने ? भुआ जी हमे बताईये अक्षत जी ने ऐसा क्या कहा आपसे ?”,मीरा ने कहा
सौंदर्या मीरा की तरफ पलटी और आँखों में झूठ मुठ के आँसू लाकर कहा,”उसने कहा तुम उस घर की उतरन हो और उतरन को कभी वापस घर में लाया नहीं जाता”
मीरा को सौंदर्या की बात पर ज़रा भी यकीन नहीं हुआ। वह मान ही नहीं सकती थी कि अक्षत उसके लिये ऐसे शब्द इस्तेमाल कर सकता है। मीरा पलटी और कहा,”नहीं अक्षत जी ऐसा नहीं कह सकते , हम मान ही नहीं सकते उन्होंने ऐसा कुछ कहा है,,,,,,,,,,,,,,,वो हम पर गुस्सा कर सकते है , हम से नाराज हो सकते है लेकिन हमारे लिये ऐसी बात कभी नहीं कहेंगे,,,,,,,,,,,,!!”
अपनी बात गलत साबित होते देखकर सौंदर्या ने कहा,”अरे तुम्हारे लिये क्या उसने तो भाईसाहब के लिए भी इतना गलत बोला है कि क्या कहुँ ?”
मीरा सौंदर्या की तरफ पलटी तो सौंदर्या ने आगे कहा,”मैंने उस से कहा कि जब घर तक आ ही गये हो तो भाईसाहब से मिलकर जाओ उन्हें अच्छा लगेगा,,,,,,,,,,,तो जानती हो उसने क्या कहा ? उसने कहा वो कल मरते आज मर उसे फर्क नहीं पड़ता।”
मीरा ने सुना तो हैरानी से सौंदर्या को देखने लगी आखिर अक्षत उसके पापा के लिये इतनी बड़ी बात कैसे बोल सकता है ? शादी से पहले से ही अक्षत और अमर जी के बीच एक दिवार हमेशा रही जो आज तक भर नहीं पायी। मीरा की आँखों में आँसू भर आये और वह बिना कुछ बोले अंदर चली गयी।
मीरा के जाने के बाद सौंदर्या मुस्कुराई और कहा,”क्या कह रहे थे तुम अक्षत व्यास तुम्हे मीरा के दिल से निकाल कर दिखाऊ , सबसे पहले तुम उसके दिल से बाहर जाओगे उसके बाद इस घर से और फिर हमेशा हमेशा के लिये मीरा की जिंदगी से भी,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी बर्बादी का ये नजारा बड़े शौक से देखने वाली हूँ मैं”
सौंदर्या कुछ देर बाहर रुकी और फिर अंदर चली आयी।
माधवी छवि को लेकर अंदर चली आयी। अंदर आकर छवि फिर रोने लगी। माधवी ने देखा तो वे छवि को चुप करवाने लगी और कहा,”मत रो छवि , जब तक मैं तुम्हारे साथ हु कोई तुम्हे हाथ नहीं लगा सकता ,, हम यही रहेंगे , इसी घर में मैं देखती हूँ कौन हमे यहाँ से जाने के लिये कहता है।”
“आपने शादी की बात क्यों कही माँ ? आप तो जानती है ना मैं शादी नहीं कर सकती , कभी नहीं कर सकती ,,,,,,,,,,मुझ पर लगा ये दाग जानने के बाद कौन करेगा करेगा मुझसे शादी ? कौन अपनाएगा मुझे ? कौन मुझे अपने घर में जगह देगा ? आपको ये बात नहीं कहने चाहिए थी माँ नहीं कहनी चाहिए थी।”,छवि ने रोते हुए कहा
“छवि तेरी शादी होगी ,, और ये कोई दाग नहीं है छवि ये एक हादसा है जो किसी के साथ भी हो सकता है। इस दुनिया में आज भी ऐसे कई लड़के है जो तुम्हारा जिस नहीं तुम्हारा मन देखकर तुम्हे अपनाएंगे,,,,,,,,,,,,,,,तुम अभी इन सब के बारे में मत सोचो छवि , सब ठीक हो जाएगा”,माधवी ने छवि का चेहरा अपने हाथो में लेकर कहा
“इस से अच्छा तो आप गला घोटकर मुझे मार देती माँ,,,,,,,,,,,,,,,कम से कम मेरी वजह से आज आपको इन लोगो की बाते नहीं सुननी पड़ती”,छवि ने रोते हुए कहा
छवि के मुंह से ऐसी बात सुनकर माधवी को गुस्सा आ गया और उन्होंने खींचकर एक तमाचा छवि के गाल पर रसीद करते हुए कहा,”खबरदार जो तुमने दोबारा ऐसी बात कही ,, क्या समझती हो तुम कि ऐसी गिरी हुई सोच वाले लोगो की घटिया बातें सुनकर मैं तुम्हे खुद से अलग कर दूंगी। अरे मैं तुम्हारी माँ भी हूँ तो तुम्हारा पिता भी मैं ही हूँ ,, अगर आज ऐसे हालातो में मैं तुम्हारे साथ खड़ी नहीं रही तो धिक्कार है मेरे माँ होने पर,,,,,,,,,,,,,,,,,जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ तुम्हे किसी से डरने की जरूरत नहीं है छवि ,
अरे बेटियां तो ईश्वर का दिया नायब तोहफा है बोझ नहीं,,,,,,,,,,,,मैं बनूँगी तुम्हारी ताकत बस तुम हिम्मत नहीं हारना और लड़ना अपने हक़ के लिये”
माधवी की बात सुनकर छवि को थोड़ी हिम्मत मिली और वह माधवी के सीने में से लगकर रो पड़ी। माधवी ने छवि को रोने से नहीं रोका और कहा,”रो ले छवि , आज की रात जितना रोना है उतना रो ले क्यों कि आज के बाद वो लोग रोयेंगे जिन्होंने तुम्हारे साथ गलत किया। आज की रात तेरे दर्द की आखरी रात होनी चाहिए जितना रोना है रो ले”
कहते कहते माधवी की आँखों में गुस्से और तकलीफ के आँसू भर आये
छवि काफी देर तक रोते रही उसके बाद माधवी ने उसे हाथ मुंह धोकर आने को कहा और खुद उसके लिये खाना ले आयी। माधवी ने छवि को अपने हाथ से दो निवाले खिलाये। माधवी को मजबूत देखकर छवि ने एक निवाला तोड़ा और उनकी तरफ बढ़ा दिया। माधवी ने छवि के हाथ से निवाला खाया और मुस्कुरा दी।
सिंघानिया हॉउस के पोर्च एरिया में विक्की की गाड़ी तेजी से आकर रुकी। विक्की गाड़ी से नीचे उतरा और सीधा अंदर चला आया। सिंघानिया जी ने विक्की को खाने के लिये बुलाया लेकिन विक्की ने कोई जवाब नहीं दिया और सीढिया चढ़ता हुआ अपने कमरे में चला गया और दरवाजा बंद कर लिया। सिंघानिया जी ने काफी देर तक बंद दरवाजे को देखते रहे और फिर खाना खाने लगे। विक्की अपने कमरे में आया गुस्से से उसका चेहरा लाल हो रहा था और उसकी धड़कने भी काफी तेज चल रही थी।
विक्की ने गुस्से से अपना जैकेट निकालकर फेंका और उसके बाद अपने शर्ट को भी निकालकर फेंक दिया। विक्की इस वक्त इतना गुस्से में था कि अपना गुस्सा उसे कही ना कही तो निकालना ही था इसलिए उसने अपने हाथ का एक घुसा कमरे की दिवार पर दे मारा। दिवार पर बने डिजायन का नुकीला हिस्सा विक्की के हाथ में लग गया और खून बहने लगा लेकिन विक्की को इसकी परवाह नहीं थी। उसकी आँखों के सामने बस छवि का चेहरा आ रहा था जब सबके सामने उसे जलील किया जा रहा था।
कानों में गूंज रही थी लोगो की वो कड़वाहट और नफरत भरी बातें,,,,,,,,,,,!!
विक्की गुस्से से भरा हांफ रहा था वह आकर बिस्तर पर बैठ गया और हाथ की बाजु घुटने पर रख ली। टप टप करके खून की बुँदे नीचे गिरने लगी।
विक्की का दोस्त कुमार उस से मिलने घर आया और सिंघानिया जी से पूछा,”अंकल विक्की कहा है ?”
“ऊपर अपने कमरे में है।”,सिंघानिया जी ने बुझे मन से कहा। इन दिनों विक्की के व्यवहार में आये बदलाव से सिंघानिया जी चिंता में थे। जब से विक्की जेल से आया था खोया खोया सा रहने लगा था।
कुमार विक्की के कमरे के सामने आया और दरवाजा खोलकर अंदर आते हुए कहा,”यार विक्की कहा गायब है तू ? ना फोन उठाता है , ना मिलने आया,,,,,,,,,,,
आज रात क्लब में हार्डकोर पार्टी है , मैं तुझे लेने आया हूँ चल फटाफट तैयार हो जा,,,,,,,,,,,कितने दिन बाद तेरे साथ पार्टी जाने को मिलेगा यार”
“मुझे ये शोर शराबा पसंद नहीं है कुमार तुम जाओ”,विक्की ने कहा
कुमार ने सूना तो हैरानी से विक्की की तरफ आकर कहा,”हे विक्की ये तू क्या कह रहा है ? तू कबसे क्लब और पार्टी को शोर शराबा समझने लगा,,,,,,,,,,,और ये तेरे हाथ में क्या हुआ ? शीट तुझे तो चोट लगी है खून बह रहा है,,,,,,,,,,,,,,फर्स्ट ऐड बॉक्स कहा है ?”
विक्की ने आँखों से ड्रेसिंग टेबल की तरफ इशारा कर दिया। कुमार ड्रावर से फर्स्ट ऐड बॉक्स ले आया और विक्की के हाथ पर मरहम पट्टी करते हुए कहा,”तुझे ये चोट कैसे लगी ?”
“कैसी कैसी बातें कर रहे थे वो लोग उसके बारे में , दिल तो किया एक एक की जान ले लू ,, उसके साथ जो हुआ उसमे उसकी क्या गलती है ? गलती तो सब मेरी थी मेरी वजह से उसके साथ ये सब हुआ इन सब के लिये मैं जिम्मेदार हूँ,,,,,,,,!”,कुमार के सवाल को नजरअंदाज कर विक्की बड़बड़ाया
“किसकी बात कर रहा है ?”,कुमार ने हैरानी से विक्की की तरफ देखकर पूछा
विक्की ने कुमार की तरफ देखा और कहा,”मैं छवि की बात कर रहा हूँ , मैंने उसके साथ बहुत गलत किया है ,,, आज वो जिन हालातो में है मेरी वजह से है। मैं मैं कोर्ट में ये एक्सेपट कर लूंगा कि असली गुनहगार मैं हूँ।”
“ए विक्की ! तू पागल हो गया है क्या ? ये मत भूल तेरे डेड ने कितनी मुश्किल से निकाला है तुझे इन सब से,,,,,,,,,,,,,और मुझे एक बात बता तुझे कब से उस लड़की की इतनी फ़िक्र होने लगी ?”,कुमार ने विक्की की आँखों में देखते हुए कहा
विक्की उठा और कमरे की खिड़की के पास आकर कहने लगा,”जब से ये सब हुआ है एक गिल्ट में जी रहा हूँ मैं , जब भी सोने की कोशिश करता हूँ उस छवि का चेहरा मेरी आँखों के सामने आता है। मैं उसे ऐसे रोते हुए नहीं देख पा रहा हूँ। मेरी वजह से उसे लोगो के ताने सुनने को मिल रहे है। मेरी वजह से कितना कुछ झेल रही है वो बस यही बात मुझे अंदर ही अंदर खाये जा रही है।”
कुमार ने सूना और कहा,”देख विक्की , गलती तो तुझसे हुई है यार लेकिन उस गलती के चलते अब तू खुद का फ्यूचर बर्बाद मत कर,,,,,,,,,,,,,छवि के साथ जो हुआ भूल जा उसे,,,,!!”
विक्की कुमार की तरफ पलटा और गुस्से से कहा,”कुमार सच सच बताना क्या तुझे लगता है मैं छवि का रेप कर सकता हूँ ? छवि क्या , क्या तुझे ये लगता है मैं किसी भी लड़की के इतना करीब जा सकता हूँ कि उसके साथ ये सब,,,,,,,,,,,,?”
कुमार ने विक्की की आँखों में देखते हुए अपनी गर्दन ना में हिला दी।
अखिलेश सौंदर्या के जाल में फंस चुका था। मीरा के लिये वह इतना पागल हो चुका था कि ना उसे मीरा की शादीशुदा जिंदगी दिखाई दे रही थी ना ही मीरा के साथ अपना अच्छा रिश्ता उसे बस किसी भी हाल में मीरा को पाना था। अखिलेश ख़ुशी ख़ुशी चाइल्ड होम आया। आज अखिलेश रोजाना से ज्यादा खुश था और सब उसे देखकर हैरान थे कि वह इतना कैसे बदल गया ? उसने बहुत ही खुशमिजाज तरीके से मीटिंग अटेंड की , बच्चो से भी आज वह खुद मिलने गया और उनकी पसंद का खाना बनवाया।
स्टाफ के साथ भी बहुत अच्छे से पेश आया और आखिर में अपने केबिन में चला आया। अखिलेश अपनी कुर्सी पर आकर बैठा और ड्रावर खोलकर उसमे रखी मीरा की तस्वीर निकालकर उसे देखते हुए कहने लगा,”बस कुछ वक्त और मीरा उसके बाद मुझे ये तस्वीर देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि तुम खुद मेरे सामने बैठी रहोगी और मैं प्यार से , जी भरके तुम्हे देखा करूंगा,,,,,,,,,,,,,
हाँ मीरा तुम मेरे रोम रोम में बस चुकी हो तुम्हे पाना ही अब मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा मकसद है। बहुत जल्द मैं तुम्हे अपना बना लूंगा उसके बाद कोई अक्षत व्यास हमारे बीच में नहीं आएगा।”
अखिलेश ने कहा और फिर अपने होंठो से मीरा की तस्वीर को चुम लिया।
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संजना किरोड़ीवाल
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मैं कोई Writer नहीं , बल्कि एक चोर हु जो लोगो का समय चुराती है !
😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕😕
Mujhe iss baat ka andaza tha ki Akshat ko iss baat ka andaza tha ki Saundarya bua glt hai ab mai sirf umeed kar skti hu aur aapse request krr skti hu Meera ka jo Akshat pe bharosa hai vo iss baat se kamzor na ho aur Amar ji bhi jald hi theek ho jaein please sanjana dii 😭😭😭😭
Nice part. Sauderya ko axat ne sahi javab diya
Yeh Akhilesh bawla ho gaya hai kya…jo usse yeh nhi dikhayi deta hai ki Meera Akshat k saath khuh hai…chahe fir dono ladai he kyu na ho…lakin yeh to Meera k sath shadi k sapne dekh rha hai…jaldi hee Akshat iski Lanka lagaye aur soundrya bua ka the end karenge…
Very nice part
Akshat ko Soundarya ki sachai kab pata chali aur Akshat bi baate sunkar Soundarya gabra gayi aur Meera ko yakin nahi horaha hai ki Akshat ne aisa kuch kaha hoga…Madhavi ne Chavi ko himmat di ki voh uska saath hai…Vicky ko bahut bura lag raha Chavi ke liye voh uska dard mehsus kar pa raha hai aur uske dost bi hairan ka Vicky ka badla roop dekh kar…Akhilesh Meera ko pane ke liye kushiya mana raha hai…interesting part Maam♥♥♥♥