Haan Ye Mohabbat Hai – 52
Haan Ye Mohabbat Hai – 52
अक्षत ने इंस्पेक्टर से जो कहा वो इंस्पेकटर की आँखों के सामने ही सच हो गया और उसने कॉन्स्टेबल से कहा,”कॉन्स्टेबल ! मैडम को छोड़ दो।”
इसंपेक्टर ने अक्षत को देखा और कहा,”आप क्या लेंगे वकील साहब चाय , कॉफी , ठंडा ?”
कॉन्स्टेबल ने मीरा को छोड़ दिया तब तक मीरा अक्षत के बगल में आकर खड़ी हो गयी। अक्षत ने एक नजर मीरा को देखा और कहा,”मैं सिर्फ घर की बनी चाय पीता हूँ।”
मीरा ने सूना तो अक्षत की तरफ देखने लगी। अक्षत ने इंस्पेक्टर की तरफ देखा और कहा,”दो दिन काफी होंगे ?”
“अह्ह्ह्ह किसलिए वकील साहब ?”,इंस्पेक्टर ने कहा
“नाम बताने के लिये , जिसके कहने पर आपने ये घटिया हरकत की है।”,अक्षत ने इंस्पेक्टर की आँखों में देखते हुए कहा
“जाने दीजिये ना सर , ऊपर से आर्डर आया था कि ड्रग्स के मामले में कुछ लोगो को गिरफ्तार करना है ये मैडम होटल में घबराई हुई मिली तो हमने इन्ही को,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी वकील साहब , आई ऍम सॉरी मैडम”,इंस्पेकटर ने मिमियाते हुए कहा
अक्षत ने देखा शाम हो चुकी है उसने अपने जेब से गाड़ी की चाबी निकाली और मीरा की तरफ बढ़ाकर कहा,”तुम गाड़ी में बैठो मैं थोड़ी देर में आया।”
मीरा को तो अपने कानो पर यकीन नहीं हुआ , अक्षत उसे अपने साथ चलने को कह रहा था। मीरा ने चाबी ली और वहा से निकल गयी।
अक्षत जिस केस के सिलसिले में पुलिस स्टेशन आया था उस से जुडी जानकारी ली और कुछ देर बाद बाहर चला आया। मीरा गाड़ी में बैठी थी। अक्षत ड्राइवर सीट पर आकर बैठा और सीट बेल्ट लगाते हुए कहा,”तुम ठीक हो ?”
मीरा ने सुना तो उसकी आँखों में आँसू भर आये उसने अक्षत की तरफ देखकर कहा,”हम सच में नहीं जानते वो हमारे बैग में कैसे आया ? हम तो वहा किसी से मिलने,,,,,,,,,,,,,,,!”
मीरा ने इतना ही कहा कि अक्षत ने मीरा की तरफ देखा और गुस्से से कहा,”तुम अकेले वहा क्यों चली गयी ? क्या तुम में इतना भी दिमाग नहीं है ? आज अगर मैं वक्त पर यहाँ नहीं आता तो जानती हो तुम्हारे साथ क्या क्या हो सकता था ? तुम बहादुर हो , इंडिपेंडेंट हो ठीक है लेकिन खुद को मुसीबत में मत डालो। तुम्हे वहा कुछ हो जाता तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सॉरी , मुझे ये सब कहने का कोई हक़ नहीं है , तुम्हारी जिंदगी है तुम जैसे चाहे जी सकती हो , जहा चाहे वहा जा सकती हो,,,,,,,,,,,,,,
और ये जो मैंने किया उसे मेरी हमदर्दी बिल्कुल मत समझना , तुम्हारी जगह कोई और भी होता तो शायद मैं यही करता , तुम इसे सिर्फ मेरा अहसान समझना,,,,,,,,,,,!!”
अक्षत ने गुस्से से कहा और गाड़ी स्टार्ट कर वहा से निकल गया। अक्षत की बात सुनकर मीरा का दिल फिर से टूट गया। वह नम आँखों के साथ खिड़की के बाहर देखने लगी
कुछ दूर जाकर अक्षत की नजर मीरा पर पड़ी उसने देखा मीरा ने सीट बेल्ट नहीं पहना है।
“सीट बेल्ट पहनो,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने सामने देखते हुए कहा।
अक्षत की आवाज से मीरा की तंद्रा टूटी। वह सीट बेल्ट लगाने लगी लेकिन घबराहट के कारण नहीं लगा पा रही थी। अक्षत ने देखा तो उसने गाड़ी को साइड में रोका और मीरा की तरफ झुककर उसका सीट बेल्ट लगाने लगा। ऐसा करते हुए अक्षत थोड़ा मीरा के करीब आ गया और जैसे ही उसकी आँखे मीरा की नम आँखों से मिली उसके सीने में एक टीस उठी।
अक्षत एकटक उसकी आँखों में देखता रहा। उसका दिल धड़क रहा था और म्यूजिक सिस्टम पर बजते गाने के शब्दों ने अक्षत की भावनाओ का पूरा साथ दिया।
“दीवाना हुआ , मस्ताना हुआ , तेरी चाहत में कितना फ़साना हुआ
तेरे आने की खुशबु , तेरे जाने का मंजर , तुझे मिलना पडेगा ज़माना हुआ
सदाए सुनो हाँ दुआए सुनो मुझे प्यार हुआ था , इकरार हुआ था,,,,,,,,,,,,,,,!!”
गाने के शब्दों ने अक्षत के दर्द को और बढ़ा दिया उसने सीट बेल्ट लगाया और मीरा से दूर हट गया। अक्षत ने म्यूजिक सिस्टम बंद कर दिया। गाड़ी स्टार्ट की पूरी स्पीड में वहा से निकल गया। कहने को अक्षत ने म्यूजिक सिस्टम बंद कर दिया लेकिन गाना अब भी उसके कानों में बज रहा था और उसकी के साथ उसकी और मीरा की शादी का वो मंजर उसकी आँखों के सामने चलने लगा। वही दूसरी तरफ मीरा की आँखों के आगे वो पल आने लगे
जब अक्षत हर बार उसकी हिफाजत के लिये उसके आगे खड़ा रहा फिर वो चाहे कॉलेज के दिनों में विनीत की पिटाई हो , शुभ से मीरा को बचाना हो , विक्की के गलत बोलने पर उसे थप्पड़ मारना हो या आज पुलिस स्टेशन में आकर उसके साथ खड़े होना हो,,,,,,,,,,,,,,,सब मीरा की आँखों के सामने किसी फिल्म की तरह चलने लगा और अक्षत के मोहब्बत उसके दिल में बढ़ने लगी। अक्षत से बात नहीं हुई लेकिन अक्षत साथ था मीरा के लिये इतना काफी था।
मीरा जब चाइल्ड होम नहीं पहुंची और अखिलेश के बार बार फोन करने पर फोन नहीं उठाया तो वह गाडी लेकर अमर जी के घर के लिये निकल गया। अखिलेश के दिल में मीरा के लिये प्यार और परवाह दोनों बढ़ चुके थे। अखिलेश अमर जी के घर पहुंचा , सौंदर्या फोन पर किसी से बात करते हुए वही घर के बगीचे में घूम रही थी। उसने अखिलेश को अंदर आते देखा तो फोन रखकर अखिलेश की तरफ आयी और कहा,”अरे अखिलेश ! तुम यहाँ लेकिन मीरा ने तो कहा वह चाइल्ड होम से तुम्हारे साथ ही दिल्ली के लिये निकल जाएगी।”
“मीरा मैडम चाइल्ड होम नहीं आयी और ना वो मेरा फोन उठा रही है , मुझे लगा वो घर होगी इसलिए मैं यहाँ चला आया।”,अखिलेश ने परेशानी भरे स्वर में कहा
सौंदर्या कुछ कहती इस से पहले ही उसका फोन बजा फोन मीरा का ही था उसने अखिलेश की तरफ देखकर कहा,”मीरा का ही फोन है।”
अखिलेश बेचैनी से सौंदर्या की तरफ देखने लगा तो सौंदर्या ने फोन उठाया और कान से लगाते हुए कहा,”हेलो ! मीरा कहा हो तुम ? अखिलेश ने बताया तुम चाइल्ड होम नहीं पहुंची और उसका फोन भी नहीं उठा रही हो ? तुम ठीक तो हो न मीरा ?”
“भुआजी हम ठीक है और थोड़ी देर में घर आ जायेंगे आप परेशान मत होईये,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने कहा
“वो सब तो ठीक है मीरा लेकिन तुम हो कहा और तुम दिल्ली क्यों नहीं गयी ?”,सौंदर्या ने पूछा
“वो सब हम आपको घर आकर बताएँगे भुआजी , अभी हम रखते है।”,कहते हुए मीरा ने फोन रख दिया
“क्या हुआ ? मीरा मैडम कहा है वो ठीक तो है ना ?”,अखिलेश ने घबराहट भरे स्वर में कहा
“मीरा ठीक है उसने कहा वो थोड़ी देर में घर आ जाएगी,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने कहा
“भगवान् का शुक्र है वो ठीक है मैं तो घबरा ही गया था। जब तक वो नहीं आती मैं यही रूककर उनका इंतजार करता हूँ।
उन्हें सही सलामत देखे बिना मुझे चैन नहीं आएगा,,,,,,,!!”,अखिलेश खुद में बड़बड़ाया जिसे सौंदर्या ने साफ साफ सुना
सौंदर्या ने अखिलेश को आकर बगीचे में बैठने को कहा और वहा खड़े नौकर से चाय भिजवाने को कहा। कुछ देर बाद घर का नौकर दोनों के लिये चाय रखकर चला गया।
सौंदर्या ने अखिलेश को चाय पीने को कहा और दुसरा कप खुद उठाकर पीने लगी। चाय पीते हुए सौंदर्या ने देखा अखिलेश बार बार घर के दरवाजे की तरफ देख रहा है तो उसने एकदम से कहा,”तो क्या सोचा है तुमने ?”
“हाँ , हाँ क्या ?”,अखिलेश ने हड़बड़ाकर कहा
“मीरा के बारे में ? मीरा को पसंद करते हो ना तुम ?”,सौंदर्या ने कहा
“अह्ह्ह्ह नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,आप गलत समझ रही है।”,अखिलेश ने हिचकिचाते हुए कहा
“मुझसे मत छुपाओ अखिलेश , मैं इंसान की आँखे पढ़ लेती हूँ ,, तुम्हारी आँखे और चेहरे की परवाह साफ साफ बता रही है तुम हमारी मीरा को बहुत चाहते हो”,सौंदर्या ने कहा तो अखिलेश खामोश हो गया
अखिलेश को खामोश देखकर सौंदर्या ने अपना अगला पासा फेंका और कहा,”मीरा से शादी करोगे ?”
अखिलेश ने सूना तो चौंका और सौंदर्या की तरफ देखकर कहा,”ये क्या कह रही है आप ? मीरा मैडम से शादी , वो पहले शादीशुदा है।”
सौंदर्या ने एक ठंडी साँस ली और कहा,”देखो अखिलेश मुझे घुमा फिराकर बात करने की आदत नहीं है तुम भी जानते हो मीरा की शादी कोई शादी नहीं बल्कि एक समझौता है जिसे सिर्फ मीरा निभा रही है। 6 महीने हो गए लेकिन उस घमंडी अक्षत व्यास ने हमारी मीरा की एक बार भी सुध नहीं ली। वो तो अपनी तरफ से तलाक के पेपर तक भेज चुका इस रिश्ते में आख़िर अब बचा ही क्या है ? मीरा अच्छी लड़की है वह भी ख़ुशी और एक अच्छी जिंदगी डिजर्व करती है और मैं चाहती हूँ कि उसकी शादी हो जाये ,
उसका अपना घर हो , बच्चे हो और कोई ऐसा इंसान हो जो हर कदम पर उसके साथ खड़ा रहे। बाहर के लोगो पर मैं भरोसा नहीं कर सकती लेकिन तुम , तुम इतने साल से मीरा के साथ हो , उसके लिये वफादार भी हो तुमसे अच्छा जीवनसाथी उसे नहीं मिलेगा।”
अखिलेश ने सूना तो उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। मीरा की भुआ खुद ये बात कह रही थी। अखिलेश ने कप टेबल पर रखा और कहा,”लेकिन क्या मीरा मैडम इस शादी के लिये तैयार होगी ?”
“मैं मीरा की भुआ ही नहीं बल्कि उसकी माँ भी हूँ , वो थोड़ी आनाकानी करेगी लेकिन मेरी बात कभी नहीं टालेगी। उसे मनाना मेरा काम है , तब तक तुम बस मीरा का भरोसा पूरी तरह जीतने में कामयाब हो जाओ,,,,,,,,,,,,,,!!
अखिलेश ने सूना तो उसकी आँखे ख़ुशी से चमक उठी। अखिलेश मीरा को पसंद करता था और उसे पाने के ख्याल से ही अखिलेश का रोम रोम खिल उठा।
अखिलेश को खुश देखकर सौंदर्या ने अपना दुसरा पासा फेंकते हुए कहा,”लेकिन उस से पहले मेरी एक शर्त है।”
“मैं आपकी हर शर्त मानने को तैयार हूँ , मुझे बस मीरा चाहिए,,,,,,,,,,,और मैं वादा करता हूँ मैं उन्हें हमेशा खुश रखूंगा।”,अखिलेश ने ख़ुशी ख़ुशी में कहा
“अखिलेश तुम जो मेरे पीछे ये बंगला देख रहे हो , ये बँगला , चाइल्ड होम , भाईसाहब का बिजनेस और अजमेर में भाईसाहब की हवेली , भाईसाहब ने ये सब मीरा के नाम कर दिया और मीरा की शादी के बाद ये सब उसके पति के नाम हो जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं एक सौदा करना चाहती हूँ। मीरा तुम्हे मिल जाएगी लेकिन ये बँगला और बाकि की जायदाद मुझे अपने नाम चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ चाइल्ड होम मैं मीरा के लिये छोड़ दूंगी ताकि उसे अपनी मरी हुई बेटी की कमी महसूस ना हो और तुम दोनों को रहने के लिये भी घर मिल जाएगा,,,,,,,,,,,क्या तुम्हे मेरी ये शर्त मंजूर है ?”,सौंदर्या ने अपना आखरी पासा फेंकते हुए कहा
सौंदर्या की बात सुनकर अखिलेश हैरान रह गया , सौंदर्या इतनी मास्टर माइंड निकलेगी उसने कभी नहीं सोचा था।
अखिलेश को मीरा चाहिए थी इसलिए उसने कहा,”मुझे सिर्फ मीरा चाहिए बाकि सब आप रख लीजिये,,,,,,,,,,,,,,चाइल्ड होम भी”
सौंदर्या ने सूना तो मुस्कुराई और कहा,”इतने बड़े दिल वाला आदमी इस घर का दामाद बनने जा रहा था सोचकर ही अच्छा लग रहा है।”
अखिलेश वही बैठकर मीरा का इंतजार करने लगा लेकिन मीरा नहीं आयी और कुछ देर बाद अखिलेश का फोन बजा। चाइल्ड होम में उसे किसी जरुरी काम से बुलाया गया और अखिलेश को वहा से जाना पड़ा।
अखिलेश के जाने के बाद सौंदर्या भी अंदर चली गयी। सूरज ढल चुका था और रात होने लगी थी। अक्षत की गाड़ी मीरा के घर के सामने आकर रुकी लेकिन मीरा गाड़ी में ही बैठी रही। अक्षत ने मीरा की तरफ देखा तो मीरा ने कहा,”आप अंदर नहीं आएंगे,,,,,,,,!!”
“इस घर और घर के लोगो से मेरा अब कोई रिश्ता नहीं है,,,,,,,,तुम जा सकती हो।”,अक्षत ने सामने देखते हुए कठोरता से कहा
अक्षत के साथ रहते रहते मीरा इतना तो समझने लगी थी कि अक्षत का सिर्फ उसके चेहरे से झलकता है उसकी आँखों से नहीं उसने एक बार फिर अक्षत से कहा,”हमे बचाकर आपने हम पर जो अहसान किया है , हम वो अहसान चुकाना चाहते है,,,,,,,,,,,,,आप चाहे तो अंदर आकर आप एक कप चाय पी सकते है।”
कहकर मीरा गाड़ी से नीचे उतरी और वहा से चली गयी। अक्षत मीरा को ना बोलना चाहता था लेकिन चाहकर भी ना बोल नहीं पाया और गाड़ी साइड में लगाकर मीरा के पीछे चल पड़ा।
अक्षत एक तरफ जहा मीरा के लिये नफरत दिखाना चाहता था वही दूसरी तरफ वह मीरा के फिर करीब जाने लगा था।
अंदर आकर मीरा अक्षत के लिये चाय बनाने किचन में चली गयी और अक्षत अमर जी से मिलने उनके कमरे में चला आया। सौंदर्या अपने कमरे में आराम कर रही थी इसलिये उसे मीरा के आने का ध्यान नहीं रहा। अक्षत ने देखा अमर जी अब पहले से काफी ठीक थे। अक्षत कुछ देर उनके साथ बैठा और जैसे ही उठकर आने लगा अमर जी ने अक्षत का हाथ पकड़ लिया। अक्षत ने अमर जी की तरफ देखा तो अमर जी पास ही टेबल पर रखी मीरा की तस्वीर की तरफ देखने लगे।
अमर जी जो कहना चाह रहे थे अक्षत समझ गया इसलिए घुटनो के बल बैठकर उसने अमर जी के हाथ को अपने दोनों हाथो में लिया और कहा,”मैं
उसका साथ कभी नहीं छोडूंगा।”
“सर ! मीरा दीदी बाहर आपका इंतजार कर रही है।”,मंजू ने आकर कहा तो अक्षत अमर जी के पैर छूकर वहा से बाहर चला आया।
बाहर आकर अक्षत ने देखा मीरा चाय का कप हाथ में पकडे हॉल में सोफे के पास खड़ी थी। उसने सूती साड़ी पहनी थी , चेहरे पर कोई मेकअप नहीं , बालो की दो लटे उसके गालो पर झूल रही थी , मीरा आज भी उतनी ही खूबसूरत और मासूम नजर आ रही थी जितना वह शादी से पहले लगा करती थी। अक्षत हॉल में आया और चाय का कप लेकर सोफे पर आ बैठा। अक्षत ने चाय का एक घूंठ भरा और हल्का सा मुस्कुराया , मीरा जैसे ही वहा से जाने लगी अक्षत ने कहा,”मीरा ,,,,,,,,,,,!!”
मीरा ने अक्षत के मुंह से अपना नाम सुना तो उसकी आँखे भर आयी। वह खुश होकर पलटी तो अक्षत चाय का कप टेबल पर रखते हुए उठा और मीरा की तरफ देखकर कहा,”तुम आज भी इसमें चीनी डालना भूल गयी”
इतना कहकर अक्षत वहा से चला गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और मीरा उसे जाते हुए देखते रही।
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Sanjana Kirodiwal
मैं कोई Writer नहीं , बल्कि एक चोर हु जो लोगो का समय चुराती है !
ओह , कितनी खूबसूरत कहानी है . सच में रुला दिया आपने या यों कहें आपकी कहानी ने .
Wha….aaj ka part padh kar mazaa aa gaya… phele to Akshat ne uss inspector ki class laga dee aur fir sach btane ka time bhi de diya… Aur Akshat Meera ko ghar bhi chodne gaya ..itna hee nhi usne Meera k haath ki bani chai bhi pee… wha… bahot badhiya part…kuch time k liye hee sahi dono sath to the yahi hai aur waise bhi Akshat ne bola na Amar ji ki wo uska sath kabhi nhi chodega…to bas fir chinta ki koi baat nhi
Aaj aise laga jaise sukhi jameen pe pani pada ho nafrat ki mitti me pyaar ke beejon ko ankurit hone ka mauka mila hai Akshat jo bolta hai vo krta hai usne kaha hai vo Meera ko kabhi nahi chodega to nahi chodega lekin mujhe shak hai Akshat ko kuch aur bhi pata hai Akshat itna shant nhi rehta vo Meera ko kisi se bachaa raha hai kuch to hai jo sab se chupa hai aur Akshat ko iss baat ka andaza hai par jo bhi hai Akshat ko jaldi Krna padega vrna mujhe nhi lagta Meera jada time surakshit rahegi Saundarya bua ne nayi chaal chali hai aur doori ab inn dono ki bardasht nhi hogi Meera ko uss adami ki baat manani chahiye apne ghar me Nazar rakhni chahiye aur ho sake to Akshat ko bata
Wao wao 💘💘💘❣️ lovely…
Sabse khubsurat baat hai in dono ke rishte ki wo kuch Bolte ni hai bas mahsus karte hai , bina bole hi sab kah dete hai.. …
Ji bhar k aaj dono ne ek dusre ko dekh liya.. or amar ji se vada bhi kiya wo meera ko ni chodeg 👍💕💕💕
👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
Ab kuch achaa achaa sa lgaa 😍😍
Very nice part
Akshat ne Meera ko Police station chudkar uske ghar drop karne aya aur kaha ki voh sirf usper ehsaan kar raha hai aur Meera ne bi kaha ki voh Ehsaan ke badle ek cup chai pikar jaye aur Akshat mana nahi kar paya aur andar chale aya aur Amar ji se mila aur usne Meera ke haath ki chai bi jisme Meera ne aaj bi Chini balni bhul gayi…Akhilesh Soundarya ki baad manne ko taiyar ho gaya kyu ki usse Sirf Meera chahiye uski property nahi…interesting part Maam♥♥♥♥