Sanjana Kirodiwal

Category: Shah Umair Ki Pari

शाह उमैर की परी – 44

Shah Umair Ki Pari – 44 Shah Umair Ki Pari – 44 शहर धनबाद में :-   ‘’हसन भाई अस्सलामो अलैकुम। कैसे हो और उदास इस तरह क्यों खड़े हो? अरे भाई अब आप मेरे समधी हो। चले घर मेरे बहु के...

शाह उमैर की परी – 43

Shah Umair Ki Pari – 43 Shah Umair Ki Pari – 43 दूसरी दुनिया ”ज़ाफ़रान क़बीला ” :- ”बेटा ज़ैद काफी दिन होगये है यही महल में हमेशा रहने का इरादा है या अपने घर भी चलोगे इस बड़े से महल...

शाह उमैर की परी – 42

Shah Umair Ki Pari – 42 Shah Umair Ki Pari-42 शहर धनबाद में :- अपने उजड़े हुए सपनो का बोझ लिए परी बोझल क़दमों के साथ उदास मायूस चेहरा आँसुओ से डबडबाये हुई सूजी आँखे लिए अपने मम्मी पापा के पास...
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