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बेपनाह इश्क़ – 10

Bepanah Ishq – 10

Bepanah Ishq

Bepanah Ishq by Sanjana Kirodiwal

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Bepanah Ishq – 10

अगले दिन आकाश सुबह जल्दी उठ गया , जब उस से रहा नहीं गया तो उसने भूमि को फोन लगा ही दिया रिंग जा रही थी उधर से किसी ने फोन रिसीव नहीं किया , आकाश उदास हो गया और स्क्रीन पर देखने लगा , कुछ देर बाद भूमि का फोन आया आकाश ने जल्दी से फोन उठाया उधर से आवाज आयी शायद वो अभी भी नींद में थी पूरे तीन दिन बाद आकाश भूमि की आवाज सुन रहा था ये तीन दिन उसके लिए तीन साल से कम नहीं थे , खैर उसने खुद को सम्हाला और भूमि से कहा

– कैसी हो ?

“मैं ठीक हु ,आप बताओ आप कैसे हो ? सॉरी वो शादी में बिजी थी न तो आपके मेसेज देख नहीं पायी

– कोई बात नहीं , शादी कैसी रही ?

“अच्छी थी , बहुत मजा आया ,, काश आप भी यहाँ होते

– मेरा आने का बहुत मन था पर कम्बख्त ये पांव ….. खैर जल्दी ही तुमसे मिलने आऊंगा

“बिल्कुल आईये , पर पहले अच्छे से ठीक हो जाओ उसके बाद

– हां उसके बाद ही

दोनों ने कुछ देर बात की और फिर फ़ोन कट गया , आकाश के चेहरे पर पहले वाली स्माइल वापस लौट आयी … उधर भूमि इस इन्तजार में थी की कार्तिक का फोन आएगा पर ना कार्तिक का फोन आया ना कार्तिक खुद !! महीना बीत गया भूमि की आकाश से बात हो जाया करती थी पर उसने अभी तक उसे आकाश के बारे में कुछ नहीं बताया था ,, भूमि के आने से आकाश पूरी तरह बदल चूका था , सबसे बड़ी चीज तो अब खुश रहने लगा था ,, वंदना इस गलतफहमी में थी की नेहा की वजह से आकाश इतना खुश है !!

एक शाम भूमि उदास सी कार्तिक की यादो के साथ ऊपर छत पर टहल रही थी तभी उसका फोन बजा अनजान नंबर देखकर भूमि ने फ़ोन नहीं उठाया , कॉल कट गयी एक बार फिर रिंग बजी तो भूमि ने फोन उठाया दूसरी तरफ से जानी पहचानी सी आवाज आयी वो आवाज कार्तिक की थी

– हेलो , क्या ये भूमि का नंबर है ?

भूमि की आँखों में नमी तैर गयी , गला रुंध गया वो कुछ बोल ही नहीं पायी ख़ुशी और आंसू का अद्भुत अहसास हो रहा था उस वक्त वो सिर्फ उस आवाज को महसूस करना चाहती थी दूसरी तरफ से उसने फिर वही बात दोहराई तो भूमि ने धीरे से कहा – जी मैं भूमि ही बात कर रही हु

“थैंक गॉड तुम्हारा नंबर मिल गया , एक महीने से मैं किसी और नंबर पर ही तुम्हे फोन किये जा रहा था जो की हमेशा बंद आता है ,, ये सब छोडो ये बताओ कैसी हो तुम ?

– अब ठीक हु .. आप कैसे है ?

“मैं ठीक नहीं हु ,, , काम का प्रेशर बहुत है इसलिए बिजी था पर मन एक अजीब बेचैनी से हमेशा घिरा रहा लखनऊ से आने के बाद कुछ अच्छा नहीं लग रहा

– मुझे भी

“हर वक्त तुम्हारे ही बारे में सोचता रहता हु ,

– मैं भी

“मैं तुमसे मिलना चाहता हु भूमि

– मैं भी

“बहुत कुछ कहना है तुमसे

– मुझे भी

भूमि इस से ज्यादा कुछ बोल ही नहीं पा रही थी ,, बस वो तो कार्तिक को सुनना चाहती थी कार्तिक ने कहा – तुम कुछ बोल क्यों नहीं रही ?

– क्या कहु कुछ समझ नहीं आ रहा ,,बस मैं बहुत खुश हु

“भूमि अगले हफ्ते मैं लखनऊ आ रहा हु मुझसे मिलोगी न तुम ?

– हां , मुझे भी आपसे बहुत कुछ कहना है , मैं आपका इन्तजार करुँगी

“ठीक है भूमि मैं जल्दी आऊंगा … अभी फ़ोन रखता हु मुझे किसी जरुरी काम से बाहर जाना है !!

कार्तिक ने फोन काट दिया भूमि के चेहरे पर उदासी की जगह अब प्यारी सी मुस्कान आ गयी ,, वो निचे अपने कमरे में आ गयी , आरफा से बात की कुछ देर आकाश से बात की ,, एक सप्ताह भूमि के लिए बहुत मुश्किल से गुजरा इस बिच कार्तिक से उसकी बात कभी कभी हो जाया करती , अपने काम में कार्तिक को इतना वक्त नहीं मिल पाता था , पर भूमि खुश थी कार्तिक के 5 मिनिट काफी थे उसका दिन सवारने के लिए !!

और फिर वो शाम भी आ गयी जिसका भूमि और कार्तिक को बेसब्री से इन्तजार था , कार्तिक सुबह सुबह ही लखनऊ आ चूका था लेकिन उसने भूमि को नहीं बताया पूरा दिन वो भूमि के लिए अरेंजमेंट करने में लगा रहा और शाम को उसे फोन करके आने को कहा ,,, भूमि तैयार होकर कार्तिक के बतायी जगह पर पहुंची कार्तिक उसे रेस्टोरेंट की छत पर लेकर गया जहा उसने भूमि के लिए सरप्राइज़ प्लान किया था ,,,

कार्तिक ने भूमि ने दरवाजा खोलने को कहा भूमि जैसे ही आगे उस पर फूल गिरने लगे , चारो तरफ रौशनी ही रौशनी जगमगा रही थी भूमि और कार्तिक के अलावा वहा कोई नहीं था ,, तभी बैकग्रॉउंड में प्यारा सा म्यूजिक बजने लगा ,, हार्ट शेप बैलून आकर भूमि के आस पास गिरने लगे ,, कार्तिक ने भूमि की तरफ अपना हाथ बढ़ाया और उसे डांस के लिए इन्वाइट किया , भूमि ने मुस्कुराते हुए अपना हाथ कार्तिक की तरफ बढ़ा दिया ,

दोनों ने एक दूसरे की आँखो में देखते हुए खूबसूरत डांस किया और उसके बाद कार्तिक अपने घुटनो पर बैठ गया भूमि तो जैसे बस खवाबो में थी , आज से पहले उसे इतना स्पेशल कभी नहीं लगा , भूमि प्यार से कार्तिक की तरफ देख रही थी कार्तिक ने जेब से एक रिंग निकालकर भूमि की तरफ बढ़ाते हुए कहा

– भूमि विल यू मैरी मी ?

भूमि की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था , उसकी आँखों में आंसू आ गए पर ये आंसू ख़ुशी के थे उसने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया और कहा – यस आई डू

कार्तिक ने रिंग भूमि की ऊँगली में पहनाई और उसे गले लगा लिया ,, भूमि बहुत खुश थी और सोचने लगी “सही तो कहती है आरफा जिसने सच्ची मोहब्बत हो वो एक दिन मिल ही जाता है”

पर क्या ये इतना आसान था ,, पर भूमि बहुत खुश थी कार्तिक को पाकर …

वो शाम भूमि की जिंदगी की सबसे हसीं शाम थी ,, उस शाम दोनों ने अपने दिल का हाल एक दूसरे को सुनाया कुछ देर बाद कार्तिक भूमि को घर छोड़ने आया विक्रम बाहर ही खड़े थे , कार्तिक से उनकी मुलाकात आरफा की शादी में हो चूकी थी , उन्होंने कार्तिक से अंदर आने को कहा और सबके साथ डिनर करने को कहा , कार्तिक ने उनके साथ खाना खाया और फिर वहा से वापस मुंबई के लिए निकल गया … विक्रम और जया को कार्तिक अच्छा लगा ,

कार्तिक के बाद भूमि अपने कमरे मे चली गयी उसने देखा आकाश के मेसेज आये हुए है तो उसने उसे मेसेज किया

– सॉरी आकाश थोड़ा बिजी थी इसलिए रिप्लाई नही कर पायी

“सॉरी की जरुरत नहीं है भूमि , वैसे कहा बिजी थी ?

– बस ऐसे ही , आप बताओ आपका पैर कैसा है ?

“एकदम ठीक है , अभी दो दी पहले ही प्लास्टर खुला है अब मैं आराम से घूम सकता हु , चल सकता हु , दौड़ सकता हु

– अरे वाह ये तो अच्छी बात बताई आपने , अच्छा सुनो

“हां कहो न

– मुझे आपसे कुछ कहना है , बहुत दिनों से बताना चाह रही थी आपको पर समझ नहीं आ रहा था कैसे बताऊ

“मैं भी तुमसे कुछ कहना चाहता हु भूमि , पर पहले तुम बताओ

– अरे आप बताओ ना आपको क्या कहना है

“जब मिलूंगा न तब कहूंगा

– तो ठीक है हम भी जब मिलेंगे तब ही कहेंगे ,

“ठीक है जल्दी ही आऊंगा , 2 दिन बाद जय की एग्जाम है वहा तो उसके साथ

– ठीक है , जब भी आना हो बता देना आप

कुछ देर बाद दोनों ऑफलाइन हो गए , भूमि तो सोने चली गयी पर आकाश उसकी आँखों में अब नींद नहीं थी उसे बस जल्दी से भूमि से मिलकर उसे अपने दिल की बात बतानी थी ,, अगली सुबह आकाश सुबह सुबह ही जिया और नेहा के साथ शॉपिंग करने निकल गया नेहा और जिया ने शोपिंग की आकाश ने सबसे नजरे बचाकर भूमि के लिए एक तोहफा खरीदा और जेब में रख लिया ,,

नेहा ने एक ड्रेस पसंद की लेकिन प्राइस टैग देखकर उसे छोड़ दिया , दूर खड़े आकाश ने देखा और नेहा और जिया से जाकर गाड़ी में बैठने को कहा , उसने दुकान वाले से वो ड्रेस पैक करवाई और आकर गाड़ी में बैठ गया ,, घर आकर नेहा जब जिया से उस ड्रेस के बारे में बात कर रही थी तभी आकाश ने नेहा को वो ड्रेस वाला पैकेट थमा दिया नेहा ने देखा तो ख़ुशी से आकाश के गले लग गयी , वो बहुत खुश थी की आकाश उसके लिए वो ड्रेस लेकर आया था , उसका प्यारा आकाश के लिए और बढ़ता गया ..

दूसरे दिन शाम को आकाश तैयार होकर जय के पास पहुंचा और फिर दोनों रात में ही वहा से लखनऊ के लिए रवाना हो गए भूमि से मिलने की ख़ुशी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी , और जय पुरे रास्ते उसके मजे ले रहा था , कभी ना गाने वाला आकाश पुरे रास्ते गुनगुनाता हुआ जा रहा था , बार बार जेब से वह तोहफा निकालकर देखता और मुस्कुरा कर वापस रख लेता , अगली सुबह दोनों लखनऊ पहुंचे जय का पेपर शाम 3 बजे से था ,

दोनों वही एक होटल में रुके और फिर वहा से तैयार होकर एग्जाम सेंटर पर पहुंचे जय को वहा छोड़कर आकाश ने भूमि को फोन किया भूमि ने उस से गौतम बुद्ध पार्क में मिलने को कहा ,, आकाश वहा पहुंचकर भूमि का इन्तजार करने लगा उसका दिल तेजी से धड़क रहा था और बेचैनी चेहरे पर साफ झलक रही थी , कुछ देर बाद भूमि वहा आयी हलके गुलाबी रंग का सूट पहने खुले बालो में वह बहुत खूबसूरत ला रही थी आकाश तो बस उसे देखते ही रह गया , भूमि उसके पास आयी और मुस्कुराकर उसे हेलो कहा ,,

दोनों साथ साथ टहलते हुए बात करने लगे , आकाश तो बस भूमि को सुनना चाहता था जितना उसने फोटो में देखा था भूमि उस से भी कई ज्यादा सुन्दर थी ,, आकाश ने अपने साथ लाया तोहफा भूमि की तरफ बढ़ा दिया , भूमि ने तोहफा खोलना चाहा तो आकाश ने कहा घर जाकर देखना ,, भूमि ने हां में गर्दन हिला दी ,, कुछ देर बाद आकाश ने भूमि से अपने साथ कॉफी पिने को कहा तो भूमि मना नहीं कर पायी ,, दोनों पार्क से बाहर आ गए भूमि ने स्कूटी स्टार्ट की तो आकाश ने कहा उसकी गाड़ी तो एग्जाम सेण्टर पर ही है भूमि ने उसे अपने साथ बैठने को कहा ,,

आकाश भी तो यह चाहता था की वो भूमि के साथ जाये इसलिए उसने गाड़ी के लिए झूठ बोल दिया ,, आकाश थोड़ी दूरी बनाकर भूमि के पीछे आ बैठा ,, स्कूटी के शीशे में भूमि का चेहरा उसे साफ नजर आ रहा था ,, और भूमि दिन दुनिया की बाते उसे बताती जा रही थी , उसके खुले बाल उड़कर आकाश के चेहरे पर आ रहे थे , दोनों कॉफी कैफ़े पहुंचे और अंदर जाकर बैठ गए , आकाश की किस्मत अच्छी थी वहा एक दो लो लोग थे और वो भी खुद में बिजी , आकाश ने दो कॉफी आर्डर की और कनखियों से भूमि को देखने लगा ,,

कॉफी आ गयी भूमि और आकाश कॉफी पिने लगे पिते हुए कॉफी आकाश के मुंह पर लग गयी तो भूमि ने आगे बढ़कर अपनी उंगलियों से साफ कर दी , एक खूबसूरत अहसास आकाश को हुआ वो भूमि की आँखों में देखता ही रह गया , कॉफी ख़त्म करने के बाद आकाश ने कहा – भूमि तुम मुझसे कुछ कहँने वाली थी ?

भूमि – अरे हां हम तो भूल ही गए थे अच्छा हुआ आपने याद दिला दिया ,,,यहाँ से कही और चले

ठीक है – कहकर आकाश ने बिल भरा और दोनों वहा से बाहर आ गए , भूमि आकाश के साथ शहर से बाहर अपनी एक पसंदीदा जगह गयी जहा वह हमेशा जाया करती थी , आकाश ने देखा वो जगह बहुत खूबसूरत थी , उस जगह को कदमगिरि के नाम से जाना जाता है वो हिल स्टेशन भी थी ,, भूमि ने आकाश की तरफ देखा और फिर उस से मुंह फेरकर कहा –

“आकाश जी बहुत दिनों से हम आपको कुछ बताना चाहते थे पर बता नहीं पाए , क्योंकी पहले हम खुद ही बहुत कन्फ्यूज थे उस बात को लेकर ,, हमने तो कभी सोचा भी नहीं था की हमे प्यार हो जाएगा , हाँ आकाश जी हमे भी प्यार हो गया , कब हुआ कैसे हुआ कुछ समझ ही नहीं आया”

आकाश दिल थामे भूमि की बातें सुने जा रहा था , अपने दिल की बात भूमि के मुंह से सुनकर आकाश को बहुत अच्छा लग रहा था भूमि ने आगे कहा – आरफा के बाद आप हमारे बहुत अच्छे दोस्त हो , इसलिए हम आपको बताना चाहते थे जैसा लड़का हमने सोचा था वैसा लड़का भगवान ने हमारे लिए भेज दिया ,

उसका नाम “कार्तिक” है – भूमि ने पलटकर कहा आकाश के पेरो तले जमीन खिसक गयी जब उसने भूमि के मुंह से कार्तिक का नाम सूना , उसका दिल टूटकर अंदर ही अंदर बिखर चूका था ,, उसे सब सपने जैसा लग रहा था आकाश को खोया हुआ देखकर भूमि ने कहा – क्या हुआ ?

“कुछ नहीं तुम कुछ कह रही थी – आकाश ने आँखों की नमी भूमि से छुपाते हुए कहा

भूमि – हम आपसे ये कह रहे थे की हम कार्तिक जी से बहुत प्यार करते है , और वो भी हमसे बहुत प्यार करते है पहली बार हम उनसे एक कवी सम्मेलन में मिले थे , और वही उन्हें अपना दिल दे बैठे , उसके बाद उनसे दोबारा मुलाकात आरफा की शादी में हुयी और कब हम एक दूसरे के इतना करीब आ गए पता ही नहीं चला ,

और अभी दो दिन पहले ही उन्होने हमे शादी के लिए परपोज़ किया वो पल हमारी जिंदगी का सबसे खूबसूरत पल था ,, और हम उन्हें ना नहीं कर पाए ‘कार्तिक जी बहुत अच्छे इंसान है आकाश उनकी बातें उनका व्यवहार बहुत अच्छा है , और जानते हो वो एक शायर भी है”

” हाँ जैसा की तुम्हे चाहिए था – आकाश ने भूमि की बात बिच में काटकर जरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा

भूमि हंसने लगी और कहा – हाँ लेकिन जबसे आप हमारी जिंदगी में आये हो ना तबसे सब अच्छा ही हो रहा है हमारे साथ

आकाश – तुम खुश हो ?

भूमि – हाँ हम बहुत खुश है , कार्तिक जी के घरवाले जल्दी ही पापा से मिलने वाले है उसके बाद शादी तय होगी , और इस बार आपको आना ही पड़ेगा

आकाश – जरूर आऊंगा

भूमि – अच्छा आप भी तो कुछ बताने वाले थे न हमे

आकाश – वो बात इतनी इम्पोर्टेन्ट भी नहीं है

भूमि – अरे !! बताओ ना क्या बात है , क्या आपको भी कोई पसंद आ गयी है

आकाश – हम्म्म पर अब इसका कोई मतलब नहीं है

भूमि – आप भी न कभी कभी बहुत सीरियस हो जाते हो , हम आपके लिए दुआ करेंगे जिस भी लड़की को आप चाहते हो वो आपको जल्दी से मिल जाये

आकाश – वो अब मुझे कभी नहीं मिलेगी

“अगर आपका प्यार सच्चा है तो दुनिया की कोई भी ताकत उसको आपका होंने से नहीं रोक सकती – भूमि ने आकाश की आँखों में देखते हुए कहा

आकाश एक पल को उसकी आँखों में खो गया और फिर नजर दूसरी तरफ घुमा ली आज पहली बार उसकी आँखे उसका साथ नहीं दे रही थी , पाने से पहले ही उसने भूमि को खो दिया आकाश ने अपना दिल मजबूत करके कहा – तुम बहुत खुशनसीब हो भूमि जो तुम्हे तुम्हारा प्यार इतनी आसानी से मिल गया .. और फिर झूठी मुस्कराहट के साथ आकाश ने भूमि से जाने की इजाजत मांगी …

शाम के 6 बज रहे थे भूमि ने आकाश को एग्जाम सेंटर के बाहर छोड़ा जय भी आ चूका था , जय भूमि से मिला तब उसने जाना की क्यों आकाश भूमि को इतना चाहता है , भूमि ने आकाश और जय से घर चलने को कहा लेकिन आकाश ने फिर कभी कहकर बात टाल दी , भूमि वहा से चली गयी , आकाश वही पास रखी बेंच पर बैठ गया जय भी आकर उसके पास बैठा ,,

आकाश को परेशान देखकर जय ने उसके कंधे पर हाथ रखा आकाश जिसने अब तक खुद को रोक रखा था उसकी आँखे बरसने लगी वो हाथो में अपना मुंह छुपाये फूटफूटकर रोने लगा ,, जय को कुछ समझ नहीं आया तो उसने आकाश को कसकर अपने गले लगा लिया आकाश सुबकता रहा और फिर कहा – मैंने बहुत देर कर दी जय ,

जय – क्या हुआ मुझे बता

जय के पूछने पर आकाश ने उसे सारी बात बता दी , जय को भी बहुत दुःख हुआ और फिर उसने कहा – देख वो सिर्फ कुछ दिनों से उसे जानती और क्या पता वो लड़का अच्छा है भी या नहीं ,, वैसे भी अभी शादी हुई नहीं है भूमि को मैं मना लूंगा , सब बता दूंगा उसे यहाँ तक के उसके पैर भी पकड़ लूंगा बस तू दिल छोटा मत कर , तेरे लिए जो करना पड़े करूँगा

जय की बात सुनकर आकाश ने उसे फिर गले लगाते हुए कहा – तू ऐसा कुछ भी नहीं करेगा , भूमि उस से बहुत प्यार करती है वो उसके साथ बहुत खुश रहेगी ,

जय – तो अब तू क्या चाहता है ?

आकाश – मैं बस उसे खुश देखना चाहता हु , और सच ये है की उसकी ख़ुशी कार्तिक के साथ है

जय – भूल पायेग उसे

आकाश – नहीं ,

जय – तो फिर बता दे उसे अपने दिल की बात , वरना खो देगा उसे

आकाश – सिर्फ पाने का नाम ही प्यार नहीं है , उसका होना भी मेरे लिए प्यार से बढ़कर है …………….

जय ने कुछ कहना चाहा तो आकाश ने उसे चुप करते हुए कहा – अब इस बारे में कोई बहस नहीं करनी चल घर चलते है कहकर आकाश आगे बढ़ गया पीछे पीछे जय ,, दोनों गाड़ी में आकर बैठे और आकाश ने गाड़ी शहर से बाहर जाने वाले रस्ते की तरफ मोड़ दी ,,, रास्ते भर आकाश जय से इधर उधर की बाते कर जबरदस्ती मुस्कुराने की कोशिश करता रहा लेकिन जय जानता था उसके अंदर मची उथल पुथल को ,,

अगली दिन दोनों घर पहुंच चुके थे जय बाहर से ही वापस अपने रूम पर चला गया और आकाश उदास सा घर में गया जिया ने आकाश को देखा तो दौड़कर उसके पास आयी और आते ही आकाश पर सवालों की बौछार कर दी – मिले भूमि से ? कैसी है वो ? वैसी ही जैसी फोटो में दिखती है या उस से सुन्दर ? उसे बताया आप उसे कितना पसंद करते हो ?

जिया के सवालों से ना जाने क्यों आकाश को गुस्सा आ गया और उसने चिल्लाकर कहा – क्या है ये सब ? जाकर अपनी पढ़ाई में ध्यान दो …

कहकर आकाश अपने कमरे में चला गया और दरवाजा बंद कर लिया जिया को कुछ समझ नहीं आया आज पहली बार आकाश ने उस पर गुस्सा किया था , जिया अपने कमरे में चली गयी ,, आकाश शाम तक अपने रूम में बंद रहा ना उसने कीसी से बात की ,, दुःख और गुस्से की जिस आग में आकाश जल रहा था वो सिर्फ आकाश ही समझ सकता था या फिर जय जिसे सच्चाई पता थी ,,

उस रात आकाश सो नहीं पाया बार बार भूमि के वो शब्द उसके कानो में गूंजते रहे की वो किसी और से प्यार करती है ,,, दूसरी तरफ भूमि ने घर आकर आकाश का दिया तोहफा देखा उसमे बहुत खूबसूरत झुमके थे , भूमि को वो बहुत पसंद आये उसने उन सम्हाल कर अपनी अलमारी में रख दिया !! भूमि आकाश की फीलिंग्स से पूरी तरह अनजान , कार्तिक के साथ अपनी आने वाली नयी जिंदगी के बारे में सोच रही थी

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