“बदलते अहसास” – 12
Badalte Ahasas – 12
आखिरकार अपनी भावनाओ के आगे पिघलकर ऋषभ ने माही को अपना ही लिया ! ऋषभ टेरेस की दिवार पर बैठकर माही के साथ बाते करने लगा ! अपनी सोच अपने बीते वक्त के बारे में उसे बताने लगा ! माही इत्मीनान से सब सुन रही थी ! ठण्ड बढ़ने लगी तो ऋषभ ने माही को निचे चलने को कहा !
“थोड़ी देर और रुकते है ना री”,माही ने सर्द आवाज में ऋषभ का हाथ थामते हुए कहा !
माही के नाजुक हाथो की गर्माहट अपने ठन्डे हाथो पर महसूस की , वो अहसास बहुत खूबसूरत था ऋषभ माही का हाथ थामे वही बैठा रहा ! माही ने अपना सर ऋषभ के कंधे पर टिका दिया और कहा,”री आर यू हैप्पी ? आई मीन तुमने तरस खाकर तो हां नहीं की ना !”
“माही मैं किसी पर तरस खाकर कोई काम नहीं करता ! तुमने कहा था ना अपनी हदो से बाहर निकलो बस वही कर रहा हु ! तुमसे मिलने के बाद जिंदगी को एक अलग नजरिये से देखने लगा हु मैं !”,ऋषभ ने कहा
“अपनी शर्तो पर जी जाये वही जिंदगी है , वरना कट तो रही ही है”,माही ने कहा
“बड़ी सुलझी हुई बातें करने लगी हो माही !”,ऋषभ ने माही की और देखकर कहा !
“तुमसे ही सीखी है !”,माही ने उसकी आँखों में झांकते हुए कहा !
ऋषभ एक पल के उन नीली आँखों में डूब सा गया ! कुछ देर बाद दोनों निचे चले आये ! सीढ़ियों से उतरते हुए माही की नजर सामने कॉरिडोर में खड़ी मिसेज शर्मा और अग्रवाल पर पड़ी जो उसे ही देख रही थी माही ने जानबूझकर उन दोनों के सामने ऋषभ का हाथ थाम लिया ! ऋषभ को इस से कोई खास फर्क नहीं पड़ा ना ही उसने उन दोनों को देखा वो बस साइड में देखते हुए वहा से निकल गया ! माही अपने फ्लेट में चली गई और ऋषभ अपने फ्लेट में चला आया !
“देखा कैसे बेशर्मी से दोनों एक दूसरे का हाथ थामकर चले जा रहे थे”,मिसेज शर्मा ने कहा
“और नहीं तो क्या ? इस लड़की को तो जरा भी लाज शर्म नहीं है !”,मिसेज अग्रवाल ने हां में हां मिलाते हुए कहा !
“आप यकींन नहीं करेगी लेकिन मैं बता रही हु इन दोनों का चक्कर चल रहा है , वरना इतनी रात को दोनों साथ साथ क्यों है ?”,मिसेज शर्मा ने कहा
“हां कुछ गड़बड़ तो है मिसेज शर्मा ! वैसे ये ऋषभ बड़ा शातिर निकला इतने सालो में इसने अपार्टमेंट की किसी भी औरत को घास तक नहीं डाली , लेकिन इसे फसा लिया !”,मिसेज अग्रवाल ने जल भूनते हुए कहा
“अरे इसने कहा फसाया होगा , उस लड़की ने ही कुछ किया होगा ! वरना ये नहीं पिघलने वाला ! कितनी बार तो मैंने डिनर पर आने को कहा लेकिन मजाल है बंदा हां कह दे ! हुंह !”,मिसेज शर्मा ने कहा
“अरे छोडो हमे क्या ? चलिए चलते है !”,मिसेज अग्रवाल ने कहा !
“हां हमारी किस्मत कोनसा ऋषभ है ? वही मिस्टर शर्मा और मिस्टर अग्रवाल है !”,मिसेज शर्मा ने बेशर्मी से कहा तो मिसेज अग्रवाल हसने लगी और वहा से चली गयी !
सुबह ये खबर अपार्टमेंट में आग की तरह फ़ैल गयी की माही और ऋषभ साथ साथ एक दूसरे का हाथ पकड़ कर घूम रहे थे ! चूँकि बाते मिसेज शर्मा और मिसेज अग्रवाल ने फैलाई थी इसलिए उन्होंने इस बात को बढ़ा चढ़ाकर सबके सामने रखा ! अब सब की जुबान पर दो ही नाम थे ऋषभ और माही ! मिस्टर शर्मा , आहूजा और अग्रवाल ने जब ये सूना तो उनके सीने पर सांप लौट गए ! ऋषभ के खाते में इतनी खूबसूरत लड़की जो आ चुकी थी ! इन सब बातो से बेखबर ऋषभ तैयार होकर ऑफिस के लिए निकला तो निचे शर्मा जी और आहूजा जी मिल गए ! ऋषभ को देखते ही दोनों उसके पास आये और शर्मा जी ने कहा,”क्या बात है बहल साहब बड़ी सही लड़की फँसायी है !”
“ये क्या बदतमीजी है ?”,ऋषभ ने कठोर शब्दों में कहा
“बदतमीजी कैसी ऋषभ जी ? आप करे और हम कहे भी नहीं ये तो भैया गलत बात है ! वैसे लड़की को इम्प्रेस कैसे किया आपने ? जरा एक दो टिप्स हमे भी दीजिए”,आहूजा जी ने बेशर्मी से कहा !
आहूजा जी की बात सुनकर ऋषभ का खून खोल गया लेकिन उन्होंने अपने गुस्से को शांत रखते हुए कहा,”किसी को इम्प्रेस करने के लिए मुझे आप लोगो जितनी छोटी सोच रखने की जरूरत नहीं है !”
“जबान सम्हाल के बात करो बहल”,शर्मा जी ने आँखे तरेरते हुए कहा !
“नहीं तो क्या कर लेंगे आप ?”,ऋषभ ने भी गुस्से से घूरते हुए कहा
“एक घटिया सी लड़की के लिए तुम मुझे आँखे दिखा रहे हो ?”,शर्मा जी ने गुस्से से उफनते हुए कहा
माही के लिए घटिया शब्द का इस्तेमाल सुनकर ऋषभ ने शर्मा जी की कॉलर पकड़ ली और कहा,”एक और शब्द अपनी गन्दी जबान से निकाला तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा ! माही के लिए मैं किसी के भी मुंह से कुछ नहीं सुन सकता ! मैं उसके साथ रहु या न रहु ये मेरा निजी मामला है ! बेहतर होगा आप लोग इसमें दखलंअदाजी ना करे !”
माहौल गर्माने से वहा भीड़ इक्कठा हो गयी ! मिसेज शर्मा भी चली आयी ! ऋषभ ने भीड़ देखकर शर्मा जी की कॉलर छोड़ दी और उनका कंधा थपथपाते हुए कहा,”मुझसे 10 कदम दूर रहिएगा और माही से 100 कदम !”
शर्मा जी को समझाकर ऋषभ वहा से चला गया ! शर्मा जी खिंसियाये से वहा खड़े रहे ! ऋषभ के जाते ही आहूजा जी ने कहा,”लड़की मिल गयी ना तो बहुत हवा में उड़ रहा है ये ! सब्र रखो जल्दी ही पंख काट दिए जायेंगे !”
भीड़ में एक बार फिर खुसर फुसर होने लगी तो शर्मा जी ने खुद को सही साबित करते हुए कहा,”अरे अकड़ तो देखो इनकी जब मैंने ये कहा की ये बहु बेटियों वाली सोसायटी है यहाँ ये सब छिछोरापन नहीं चलेगा तो उलटा मेरी ही कॉलर पकड़ ली उसने ! कहने सुनने का तो अब जमाना ही नहीं रहा !”
“अरे शर्मा जी आप क्यों उनके मुंह लग रहे है ! हम सीधा मैनेजर से शिकायत करते है की यहाँ ये सब नहीं चलेगा !”,अग्रवाल ने कहा !
कुछ देर तक यु ही ऋषभ और माही को लेकर बाते होती रही और फिर सभी अपने अपने कामो में लग गए ! उसी भीड़ में शामिल थे श्रेयस और रचना ! श्रेयस ने रचना से ऊपर टेरेस पर आने का इशारा किया !
टेरेस पर यहाँ वहा घूमते हुए श्रेयस रचना का इंतजार कर रहा था जैसे ही रचना आई वह उसे लेकर साइड में आया और दबी आवाज में कहा,”ये सब क्या हो रहा है रचना ? ऋषभ अंकल और माही रिलेशन शिप में है”
“श्रेयस माही लव्स हिम !”,रचना ने कहा
“व्हाट ? रचना ऋषभ अंकल उससे कितने बड़े है यार वो ऐसी बेवकूफी क्यों कर रही है ?”,श्रेयस ने परेशानी भरे भाव से कहा
“मैंने उसे बहुत समझाया श्रेयस पर वो सुनने को तैयार ही नहीं है !”,रचना ने बेबसी से कहा
“यार ! वो लड़की सच में पागल है , तुमने देखा ना निचे लोग कैसी कैसी बाते कर रहे है उनके लिए ! ऐसे तो सोसायटी वाले जीने नहीं देंगे उन्हें ?”,श्रेयस ने कहा !
“तो क्या वो लोग मार देंगे हमे ?”,कुछ ही दूर खड़ी माही ने कहा !
माही को वहा देखकर रचना और श्रेयस चौंक गए रचना ने माही को श्रेयस के बारे में नहीं बताया था इसलिए वो घबरा रही थी ! उसकी घबराहट देखकर माही ने उसके पास आकर कहा,”रिलेक्स रचना मुझे तुम्हारे और इसके बारे में सब पता है , पहले दिन से ही !”
श्रेयस और रचना ने हैरानी से माही को देखा तो माही ने कहा,”अब इतनी भी बेवकूफ नहीं हु जितना तुम लोग मुझे समझते हो ! सो क्या कह रहे थे तुम श्रेयस सोसायटी वाले जीने नहीं देंगे ! लेकिन क्यों ? हमने कोई चोरी की है , झूठ बोला है , किसी का मर्डर किया है ! नहीं ना तो फिर सोसायटी को क्या प्रॉब्लम है ?”
“माही ऋषभ अंकल तुमसे बड़े है !”,श्रेयस ने हिचकिचाते हुए कहा
“सो व्हाट ? प्यार पर क्या ऐज का लेबल लगा है या फिर वार्निंग की अपने से बड़ी उम्र के शख्स से प्यार करना गलत है ! किसने बनाया है ये नियम ?”,माही ने शांत लहजे में कहा
“ऐसा कोई नियम नहीं बना है लेकिन लोग सुनेंगे तो हसेंगे तुम दोनों पर !”,श्रेयस ने कहा
“ओह्ह रियली , तब तो बहुत मजा आएगा”,माही ने मजाक उड़ाते कहा
“तुम कभी सीरियस नहीं होती हो क्या माही ?”,रचना ने झल्लाकर कहा
“रचना सीरियस हु तभी तो री से प्यार किया ! आई डोंट केयर अबाउट दिस फकिंग सोसायटी , मैं बस इतना जानती हु की मैं री से प्यार करती हु एंड वो भी मुझसे प्यार करता है ! देट्स इट !”,माही ने थोड़ा तेज आवाज में कहा !
“लेकिन इस से चीजे और कॉम्प्लिकेटेड हो जाएगी माही , क्या तुम्हारी फॅमिली , ऋषभ अंकल की फॅमिली वो ये सब एक्सेप्ट करेगी ! आई थिंक बिल्कुल नहीं करेगी”,श्रेयस ने कहा !
“ओके जस्ट टेल मी ! तुम रचना से कितना प्यार करते हो ?”,माही ने श्रेयस से कहा
“व्हाट ?”,श्रेयस ने हैरानी से कहा
“या टेल कितना ?”,माही ने अपने दोनों हाथो को आपस में बांधकर कहा
“आई लव हेर सो मच !”,श्रेयस ने रचना की और देखकर कहा !
“तुम्हारे घरवालों को पता है इस बारे में ?”,माही ने अगला सवाल किया !
“नहीं !”,इस बार जवाब रचना ने दिया
“तुम्हारे घर में किसी को नहीं पता एंड आई नो जिस दिन पता चला वो इसे कभी एक्सेप्ट नहीं करेंगे ! ये जानते हुए भी तुम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हो , तो फिर मैं कैसे ऋषभ को छोड़ सकती हु ! आई डोंट केयर लोग क्या कहेंगे ? मैंने लोगो की कभी परवाह नहीं की है मैं वही करती हु जो मुझे सही लगता है ! री परफेक्ट फॉर मी और मेरा लिया फैसला गलत नहीं है !”,माही ने कहा
कुछ पल के लिए श्रेयस बस उसे देखता ही रह गया ! माही कुछ देर रुकी और कहने लगी,”प्यार कोई खेल नहीं है जो जगह , वक्त और स्टेटस देखकर खेला जाये , इट्स जस्ट अ फीलिंग जो कब किसके लिए आ जाये , कोई नहीं जानता ! तुम्हे भी तो ऐसे ही प्यार हुआ होगा ना रचना से ! श्रेयस प्यार करना गलत नहीं है लोगो का नजरिया इसे गलत बनाता है ! मेरी नजर से देखोगे तो कुछ गलत नहीं लगेगा !”
“लेकिन सोसायटी के लोग ?”श्रेयस कहते कहते रुक गया !
“आई नो अबाउट देट , सोसायटी की औरतो को ये इसलिए गलत लग रहा है क्योकि री ने कभी उनमे दिलचस्पी नहीं दिखाई , और रही सोसायटी के मर्दो की बात तो मैंने भी उन्हें कभी भाव नहीं दिया ! बस इस वजह से उनकी जली पड़ी है ! और बाय द वे जब अंगूर हाथ नहीं आते ना तो लोग उन्हें खट्टा ही बताते है”,माही ने बेपरवाह होकर कहा
माही की बाते सुनकर श्रेयस हसने लगा ! माहि ने जो कहा वो सच ही तो था श्रेयस ने माही के सामने आकर कहा,”यू आर टू गुड़ माही , आई लाइक योर ऐटिटूड ! कोई तुम्हारे साथ हो ना हो मैं और रचना हमेशा तुम्हारे और ऋषभ अंकल के साथ है !”
माही ने सूना तो एक्साइटमेंट में श्रेयस को गले लगा लिया ! रचना भी आकर उनके गले लग गयी !
” ओके गाईज अभी मुझे निकलना है ! एंड बेस्ट ऑफ़ लक माही !”,कहकर श्रेयस वहा से चला गया !
माही खुश थी की श्रेयस और रचना उसके साथ थे ! एक हफ्ता गुजर गया माही अब बिल्कुल ठीक हो चुकी थी ! ऋषभ उसका ख्याल रखता था उसका हर छोटे से छोटा काम वह खुद ही किया करता था ! माही का साथ पाकर ऋषभ भी अपनी दर्दभरी जिंदगी और अकेलेपन को भूल चुका था ! सोसायटी में दोनों को लेकर बाते यु ही चलती रही लेकिन माही और ऋषभ को कोई खास फर्क नहीं पड़ा ! माही ऋषभ के साथ ही रहती थी लेकिन ऋषभ ने कभी अपनी हद पार नहीं की वह हमेशा माही से एक दूरी बनाकर रखता था ! वह माही की भावनाओ को ठेस पहुंचाना नहीं चाहता था ! माही के साथ रहकर ऋषभ हसने लगा था , मुस्कुराने लगा था , जिंदगी को खुलकर जीने लगा था ! आज से पहले उसे जिंदगी इतनी खूबसूरत पहले कभी ना लगी थी जितनी आज माही के साथ लग रही थी !
एक शाम माही अपने किसी प्रोजेक्ट को बनाने में लगी हुई थी तभी ऋषभ आया ! ऋषभ को देखते ही माही उसके गले लग गयी और फिर उसका हाथ पकड़कर उसे प्रोजेक्ट टेबल के पास ले आयी और कहा,”री सी , ये मैं तुम्हारे लिए बना रही हु ! कैसा है ?”
“अच्छा है , माही मुझे तुमसे कुछ बात करनी है !”,ऋषभ ने माही से कहा
“हम्म्म से !”,माही ने कहा
“कल सुबह हम दिल्ली जा रहे है ! तुम अपना सामान पैक कर लो”,ऋषभ ने बिना किसी भाव के कहा !
“मुझे कही नहीं जाना !”,माही ने बेरुखी से कहा
“माही , तुमने कहा था तुम मेरी बात मानोगी !”,ऋषभ ने कहा
“ओहके !”,माही का मन उखड़ चुका था ऋषभ उसे टिकट थमाकर अपने फ्लेट में चला गया ! अगली सुबह ऋषभ माही के साथ स्टेशन आया ! ट्रेन आधे घंटे देरी से थी ऋषभ वही प्लेटफॉर्म पर पड़ी बेंच पर बैठा उदास नजरो से पटरियों को देखने लगा ! उसके मन में एक उथल पुथल मची थी जो सिर्फ वही जानता था ! ऋषभ ने सामने देखा माही पटरियों के बीचो बिच चल रही थी ! ऋषभ उठा और किनारे आकर कहा,”माही , माही क्या कर रही हो ? ट्रेन किसी भी वक्त आ सकती है ! यहाँ ऊपर आओ”
माही ने ऋषभ की बात को नजरअंदाज कर दिया ऋषभ ने फिर कहा,”माही , माही ये कैसा बचपना है आई से जस्ट कम हियर”
माही ने सुना तो ऋषभ की और देखकर कहा,” रिलेक्स ! री , मैं मरने से डरती हु क्या ? आई लव डेयर , मैं लाइफ में वो सब करना चाहती हु जो मुझे पसंद है”
“माही ऊपर आओ प्लीज़”,इस बार ऋषभ का स्वर थोड़ा नम पड़ चुका था !
माही ने ऋषभ की और देखा और कहा,”ओह ओहके आई विल कम ! “
ऋषभ ने माही की और अपना हाथ बढ़ाया तो माही उसका हाथ थामकर ऊपर आ गयी ! ऋषभ अभी भी गुस्से में था तो माही उसके बिल्कुल सामने आयी और कहा,”गुस्सा कितना सूट करता है तुम्हारी आँखों में ! , ओहके जस्ट टेल मी अगर मैं मर जाऊ तो क्या तुम मुझे कभी याद करोगे !!”
“ये कैसा सवाल है माही ?”,ऋषभ ने नाराज होकर कहा
“रिलेक्स मजाक कर रही हु !”,माही ने कहा लेकिन ऋषभ खामोश था माही को अच्छा नहीं लगा तो उसने ऋषभ को गुदगुदी करते हुए कहा,”हसो , हसो हसो ना !” ऋषभ मुस्कुराने लगा और माही को खींचकर गले लगा लिया ! ऋषभ के सीने से लगे लगे माही ने कहा,”मैं तुम्हे छोड़कर कभी नहीं जाउंगी री !”
ट्रेन आने पर माही और ऋषभ ट्रेन में सवार हो गए ! उनके सामने वाली सीट पर ऋषभ का हमउम्र एक आदमी बैठा था ! माही और ऋषभ भी आकर बैठ गए ! ट्रेन चल पड़ी माही ने ऋषभ के हाथ को अपने दोनों हाथो में पकड़ लिया और सर कंधे से लगा लिया ! सामने बैठे आदमी ने देखा तो कहा,”आप की बेटी आपसे बहुत प्यार करती है शायद !”
“ही इज माय बॉयफ्रेंड !”,माही ने आदमी को घूरते हुए कहा !
“क्या ?”,आदमी एकदम से चौंक गया !
ऋषभ ने सूना तो एक बार माही की और देखा और फिर आदमी की और देखकर कहा,”जी हा , और ये मोहतरमा कभी झूठ नहीं बोलती है !”
आदमी हैरानी से दोनों को देखने लगा और उसके बाद पुरे रास्ते उसने ऋषभ और माही से कोई बात नहीं की ! दिल्ली पहुंचकर ऋषभ माही को लेकर उसके घर पहुंचा ! इंद्राज जी और अमिता ने जैसे ही माही को देखा दोनों ख़ुशी से भर गए ! माही पहले इंद्राज जी से मिली और फिर अमिता से लिपट गयी !
इंद्राज जी ऋषभ की और बढ़े और उस से हाथ मिलाते हुए कहा,”थैंक्यू सो मच फॉर कमिंग ! प्लीज़ अंदर आईये !”
अमिता माही के साथ ऊपर चली गयी और ऋषभ इंद्राज जी के साथ हॉल में बैठकर बाते करने लगा ! अमिता और इंद्राज जी के बार बार कहने पर ऋषभ उस शाम वहा रुकने को तैयार हो गया ! रात में डिनर के समय सभी साथ थे ! अमिता ने बहुत ही लजीज खाना बनाया था जिसकी ऋषभ ने तारीफ की !
“री और लो ना , तुम तो कुछ खा ही नहीं रहे हो !”,माही ने प्लेट ऋषभ की और बढ़ाते हुए कहा !
“माही ये क्या तरिका है मेहमान से बात करने का ? वो तुमसे बड़े है बेटा आप कहकर बुलाओ ये तुम तुम क्या लगा रखा है ?”,अमिता ने कहा
“इट्स ओके , वो मुझसे ऐसे ही बात करती है !”,ऋषभ ने कहा !
खाना खाने के बाद ऋषभ ऊपर छत पर चला आया ! कुछ देर बाद माही आयी और कहा,”कैसा लगा मेरा घर ?”
“अच्छा है !”,ऋषभ ने कहा
“और मॉम डेड ?”,माही ने पूछा
“वो भी बहुत अच्छे है !”,ऋषभ ने खोये हुए स्वर में कहा
“री आर यू ओके ?”,माही ने ऋषभ को देखकर कहा !
“माही क्या हम सही कर रहे है ? आई मीन हमारा रिश्ता ?”,ऋषभ ने कहा
माही ऋषभ के करीब आयी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”प्यार में कुछ सही गलत नहीं होता री !” कहकर माही ने अपने होंठो से ऋषभ के होंठो को छुआ और पीछे हटकर कहा,”आई लव यू री , डू यू लव मी ?!” पहली बार माही ने ऋषभ के होंठो को छुआ था और ये अहसास ऋषभ को अंदर तक छू गया ! वह वही खड़ा माही को देखता रहा और धीरे से कहा,”या आई लव यू !” माहि मुस्कुराते हुए ऋषभ के गले लग गयी !
सीढ़ियों के पास खड़ी अमिता ने जब देखा तो उसकी सांसे रुक गयी ! माही ऋषभ से प्यार करती है ये जब उसने सूना तो उसका दिल टूटकर बिखर गया ! वह बदहवास सी निचे चली आई ! उसे परेशान सा देखकर इंद्राज जी ने जब पूछा तो अमिता उनके सीने से लगकर रो पड़ी और सारी बात बना दी ! इंद्राज जी को इतना गुस्सा आया की वो उसी वक्त ऋषभ के पास जाने लगे लेकिन अमिता ने रोक लिया और सुबह बात करने के लिए कहा ! सारी रात इंद्राज जी और अमिता ने आँखों में निकाल दी ! माही ऐसा कुछ करेगी उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था ! अगली सुबह अमिता और इंद्राज जी हॉल में बैठकर ऋषभ के आने का इंतजार कर रहे थे !
“गुड़ मॉर्निंग डेड , गुड़ मॉर्निंग ममा”,माही ने आकर कहा लेकिन उन दोनों ने ही कोई जवाब नहीं दिया और नफरत और गुस्से भरी नजरो से माही को देख रहे थे ! कुछ देर बाद ऋषभ आया उसने देखा माहौल अलग है तो उसने माही से कहा,”कुछ हुआ है क्या माही ?”
इंद्राज जी ऋषभ के सामने आये और एक तमांचा उसके गाल पर मारते हुए कहा,”ये तुम पूछ रहे हो !”
“डेड हाउ डेयर यू ? आपने री पर हाथ उठाया !”,माही ने चीखकर कहा
ऋषभ को भी समझ नहीं आया की इंद्राज जी ने ऐसा क्यों किया ? उसने कहा,”मुझसे कोई भूल हुयी ?”
“अपनी गलती को भूल का नाम मत दो तुम ! तुम्हे शर्म नहीं आयी मेरी बेटी के साथ रिश्ता रखते हुए , कम से कम अपनी उम्र का तो ख्याल किया होता ! मैंने तुम पर भरोसा किया था और तुमने उस भरोसे का ये सिला दिया ! क्यों किया ऐसा ?”,इंद्राज जी ने चिल्लाकर कहा !
अमिता ऋषभ के पास आयी और उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ करके कहा,”तुम्हारी बेटी की उम्र की है वो , उसके साथ तुम आखिर ऐसा कैसे कर सकते हो ?”
“माही मुझसे प्यार करती है और मैं भी माही से,,,,”,कहते कहते ऋषभ रुक गया
अमिता पास रखे सोफे पर धड़ाम से आ गिरी ! इंद्राज जी ने गुस्से से ऋषभ की कॉलर पकड़ ली और कहा,”अगर दोबारा ऐसा कहा तो मैं तेरी जबान खिंच लूंगा ! वो मेरी बेटी है समझे तुम ऐसा कैसे कर सकते हो ? बच्ची है वो !”
“डेड आई लव हिम , आपको कोई हक़ नहीं है री से इस तरह बात करने का !”,माही ने बिच में आकर कहा !
इंद्राज जी ने माही की आँखों में बगावत के आंसू देखे तो उनके कदम अपने आप पीछे हट गए ! ऋषभ ख़ामोशी से खड़ा था वह जानता था ऐसा जरूर होगा लेकिन माही को ये सच दिखाना भी जरुरी था ! दुनिया का कोई भी बाप ये बर्दास्त नहीं करेगा की उसकी बेटी उसकी उम्र के आदमी से प्यार करे या उसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाये !
इंद्राज ऋषभ के सामने आया और कहा,”तुम माही की जिद को प्यार समझ रहे हो ऋषभ !”
ऋषभ ने देखा इंद्राज जी की आँखो में आंसू थे ! इंद्राज जी ने अपनी आँखों से आंसू पोछे और वहा से चले गए ! माही भी उन्हें अपने और ऋषभ के रिश्ते को समझाने के लिए उनके पीछे चली गयी ! ऋषभ के कानो में इंद्राज जी के कहे शब्द गूंजते रहे ! उसने एक बार अमिता की और देखा जो बेसुध सी सोफे पर बैठी थी ! ऋषभ को आज पहली बार बहुत हीनता का अहसास हो रहा था ! उसे कोई हक़ नहीं था ऐसे माँ बाप का दिल तोड़ने का ! सोचते हुए ऋषभ वहा से बाहर निकल गया ! माही जब तक वापस आयी ऋषभ वहा से जा चुका था !
माही की आँखों में आंसुओ की बुँदे उभर आयी !
Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12 Badalte Ahasas – 12
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संजना किरोड़ीवाल