Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 8

A Broken Heart – 8

A Broken Heart
A Broken Heart

माया को आपत्तिजनक हालत में देखकर जिया थोड़ा सा घबरा गयी और जल्दी से वहा से चली गयी। जिया कम्पनी से बाहर आयी और अपना स्कूटर लेकर वहा से चली गई। जिया की आँखों के सामने बार बार वही नजारा घूम रहा था। जिया रेस्त्रो पहुंची , उसने स्कूटर को साइड लगाया और रेस्त्रो की तरफ जाने लगी तो सामने से आते लड़के से टकरा गयी। जिया ने सामने देखा तो अपनी सब परेशानी भूल गयी और सामने खड़े ईशान को देखने लगी। जिया को अपनी ओर देखता पाकर ईशान ने कहा,”तुम काफ़ी अजीब हो,,,,,,,,,,,,क्या तुम देखकर नहीं चल सकती ?”
“हाँ,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे माफ़ करना मैंने तुम्हे देखा नहीं”,जिया ने कहा तो ईशान ने उसे एक नजर देखा और आगे बढ़ गया।
“वो यहाँ क्यों आया होगा ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हे हेलो मिस्टर स्ट्रेंजर”,कहते हुए जिया ईशान के पीछे चली आयी।
जिया की आवाज सुनकर ईशान रुका और पलटकर कहा,”अब तुम्हे क्या चाहिए ? देखो मैं तुम्हारे रेस्त्रो के लिए तुम्हे कोई फीडबैक नहीं देने वाला हूँ”
“ओह्ह्ह नहीं मुझे तुम्हे थेंक्यू कहना था”,जिया ने उलझनभरे स्वर में कहा
“किसलिए ?”,ईशान ने पूछा
“वो उस दिन तुमने मुझे उन स्टुपिड लड़को से बचाया था,,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हे उसी वक्त थेंक्यू बोलना चाहती थी लेकिन तुम चले गए,,,,,,,,,सो थेंक,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,यू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आह्हः ये कितना अजीब है मेरी बात भी पूरी नहीं सुनी”,कहते हुए जिया ने अपना निचला होंठ बाहर निकाल लिया।

ईशान जिया की बात पूरी सुने बिना ही वहा से चला गया। जिया वही खड़े उसे जाते हुए देखते रही। कुछ देर बार मिस्टर दयाल ने खिड़की से गर्दन बाहर निकालकर थोड़ी ऊँची आवाज में कहा,”तुम वहा खड़ी क्या कर रही हो ? अंदर आओ”
“हाँ आती हूँ मिस्टर दयाल,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए जिया अंदर चली आयी।
अंदर आकर वह सीधा सोफी के पास आयी और कहा,”वो यहाँ क्यों आया था ?”
“तुम किस की बात कर रही हो जिया ?”,सोफी ने कहा
“अरे वो लड़का जिस से मैं ऐड कम्पनी में मिली थी,,,,,,,,,,,,,बताओ ना वो यहाँ क्यों आया था ?”,जिया ने बेसब्री से पूछा
“मुझे नहीं पता जिया,,,,,,,,,,,,,और वैसे भी मैं यहाँ आने वाले हर इंसान पर नजर नहीं रखती”,सोफी ने स्लिप जिया के सामने रखते हुए कहा
“क्या मुझे फिर से आर्डर देने जाना होगा ?”,जिया ने वहा पड़े कुर्सी पर बैठते हुए कहा
“हाँ आज काम कुछ ज्यादा ही है शायद,,,,,,,,,,,,,,तुम कर लोगी ना ?”,सोफी ने ऑर्डर्स के बॉक्स काउंटर पर रखते हुए कहा
“हाँ मैं कर लुंगी”,जिया ने स्लिप को जेब में रखते हुए कहा और ऑर्डर्स लेकर चली गयी।
शाम तक जिया अपने काम में लगी रही और फिर काउंटर के पास चली आयी। सोफी अपने काम में लगी थी। जिया ने काउंटर के पास पड़ी कुर्सी पर बैठकर थके हुए कहा,”क्या तुम मुझे पीने के लिए कुछ दे सकती हो प्लीज ?”
“हाँ एक मिनिट रुको”,सोफी ने कहा और कुछ देर बाद एक कप कॉफी जिया के सामने रख दी।
जिया ने कप उठाया और कॉफी पीने लगी। कॉफी पीते हुए उसे उस पिल्ले का ख्याल आया जिस से बीती शाम जिया ने मिलने का वादा किया था। जिया ने जल्दी से अपनी कॉफी खत्म की। रेस्त्रो का जैकेट और कैप रखा और अपना बैग लेकर सोफी से कहा,”मैं घर जा रही हूँ”
“ध्यान से जाना और खबरदार जो तुमने फिर कोई उलटी सीधी हरकत करके खुद को परेशानी में डाला”,सोफी ने जिया को घूरकर देखते हुए कहा
“हाहहहह क्या तुम मुझे धमका रही हो ?”,जिया ने हैरानी से कहा
“नहीं बल्कि मुझे तुम्हारी परवाह है,,,,,,,,,,,अब जाओ और अपना ख्याल रखना”,सोफी ने अपना काम करते हुए कहा तो जिया मुस्कुरा दी और अपने हाथ की उंगलियों को अपने होंठो से लगाकर सोफी को फ्लयिंग किस देते हुए वहा से चली गयी।

रेस्त्रो से बाहर आकर जिया ने अपनी साईकिल निकाली और चल पड़ी। जैसा की सोफी ने कहा था जिया गुनगुनाते हुए बहुत ही सम्हलकर अपनी साईकिल चला रही थी। रास्ते में उसने एक बिस्किट का पैकेट खरीदा और उसे साईकिल की बास्केट में रख लिया। जिया चायनीज रेस्टोरेंट के पास वाले उसी फुटपाथ पर पहुंची जहा उसने उस पिल्ले को छोड़ा था। जिया ने अपना साईकिल साइड लगाया और बिस्किट लेकर गमले के पास चली आयी। पिल्ला जिया को जानने लगा था इसलिए वह उसके इर्द गिर्द चक्कर काटने लगा। जिया ने देखा तो ख़ुशी से मुस्कुरा उठी और बिस्किट को हवा में हिलाते हुए कहा,”टाडा,,,,,,,,,,,,,,ये तुम्हारे लिए मेरे प्यारे पिल्ले,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
“अह्ह्ह पिल्ला नहीं मैंने कल रात ही तुम्हारा प्यारा सा नाम रखा,,,,,,,,,,,,डेस्टिनी,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा है न,,,,,मुझे पता था तुम्हे जरूर पसंद आएगा”,जिया ने फुटपाथ पर बने डिवाइडर पर बैठते हुए कहा। पिल्ला भी उसके बगल में आकर बैठ गया और अपनी छोटी छोटी आँखों से जिया को देखने लगा। जिया ने बिस्किट का पैकेट खोला और पिल्ले को खिलाने लगी। उसने कुछ बिस्किट पिल्ले के सामने रख दिए और उसे खिलाते खिलाते खुद भी एक बिस्किट लेकर खाने लगी।
खाते खाते जिया का हाथ रुक गया और वह कहने लगी,”डेस्टिनी ! सबको लगता है मैं स्टुपिड हूँ , पागल हूँ , मैं ना चाहते हुए भी चीजों को बिगाड़ देती हूँ और सब गड़बड़ कर देती हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,और कभी कभी तो लगता है सच में ऐसा ही है पर ऐसा नहीं है,,,,,,,,,,,,,हाँ मैं थोड़ी बेपरवाह हूँ लेकिन मैं सबकी परवाह भी करती हूँ,,,,,,,,,,,,जैसे मुझे तुम्हारी परवाह है,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह तुम नहीं जानते डेस्टिनी तुम कितने प्यारे और मासूम हो,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मैं तुम्हे अपने साथ घर नहीं ले जा सकती वरना लिली आंटी मुझ पर बहुत गुस्सा करेगी”
कहते कहते जिया उदास हो गयी। पिल्ले ने जिया को चुप देखा तो वह उसके सामने आकर अपनी पूछ हिलाने लगा। उसे देखकर जिया फिर मुस्कुरा उठी।

उसी शाम
ईशान ऐड कम्पनी के बाहर खड़ा माया के आने का इंतजार कर रहा था। कुछ देर बाद माया अपना बैग सम्हाले कम्पनी से बाहर चली आयी। ईशान ने देखा तो वह माया के पास चला आया और कहा,”तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही हो ?”
“मेरा फोन साइलेंट पर है शायद,,,,,,,,,,,,,,तुम यहाँ कब से हो ?”,माया ने पूछा
“पिछले 2 घंटे से मैं यही हूँ माया,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने माया की आँखों में देखते हुए कहा
“तुम अंदर क्यों नहीं आये ?”,माया ने हैरानी से पूछा क्योकि आज से पहले ईशान जब भी उस से मिलने यहाँ आता था तो सीधा अंदर चला आता था।
“मैं तुम्हे परेशान करना नहीं चाहता था,,,,,,,,,,,,अगर तुम्हारा ऑफिस खत्म हो गया हो तो चले ?”,ईशान ने पूछा
माया कुछ कहती इस से पहले ही कम्पनी से बाहर आते देवांश ने कहा,”हे माया आज शाम तुम श्रेया की पार्टी में आ रही हो न ?”
“अह्ह्ह्ह नहीं आज शाम मुझे कुछ जरुरी काम है,,,,,,,,,!!”,माया ने कहा
“बाय द वे दिनभर काम करने के बाद भी तुम काफी फ्रेश लग रही हो”, देवांश ने कहा वहा से चला गया  
देवांश की बात सुनकर माया खिलखिलाकर हंस पड़ी। ईशान ने एक नजर देवांश को देखा और फिर माया से कहा,”मुझे ये बिल्कुल पसंद नहीं है”
“ओह्ह कम ऑन ईशान,,,,,,,,,,,,,,देवांश मेरा सीनियर है एंड तुम तो जानते ही हो कॉरपरेट कम्पनीज में सीनियर्स को खुश रखना कितना जरुरी होता है। इन दिनों तुम मुझे लेकर कुछ ज्यादा ही पजेसिव हो रहे हो,,,,,,,,,,,,,,,,क्या इतना प्यार हो गया है मुझसे ?”,माया ने शरारती नजरो से ईशान को देखते हुए कहा
“मैं तुम्हे किसी और के करीब जाते नहीं देख सकता”,ईशान ने गंभीरता से कहा
“तुम्हे पता है तुम्हारी इन्ही बातो ने मुझे तुम्हारा दीवाना बना रखा है।”,माया ने ईशान का हाथ थामकर उसके साथ चलते हुए कहा
“कल रात मैं तुम्हारा इंतजार कर रहा था,,,,,,,,,,,,तुम्हारे पसंदीदा रेस्टोरेंट में”,ईशान ने साथ चलते हुए कहा
“आई ऍम सॉरी मैं अपने मॉम डेड के साथ थी”,माया ने कहा  
 “तुमने अपने डेड से ये क्यों कहा कि मैं तुम्हारा दोस्त हूँ ? तुम उन्हें हमारे रिश्ते के बारे में सच भी बता सकती थी”,ईशान ने कहा
माया एकदम से ईशान के सामने चली आयी और कहने लगी,”ईशान !! बेबी तुम तो जानते हो ना मेरे डेड कितने सख्त है उन्हें मैं डायरेक्ट अपने बारे में कैसे बता देती ? वो तुम्हे ठीक से जानते तक नहीं है,,,,,,,,,,,,,,पहले वो तुम्हे अच्छे से जान ले उसके बाद मैं खुद उनसे हमारे बारे में बात करुँगी। अच्छा छोडो ये सब कल तुम्हारा इंटरव्यू था न कैसा हुआ ?”
“मैं रिजेक्ट हो गया,,,,,,,,,,,,,अच्छा माया सुनो ना मुझे तुमसे कुछ शेयर करना है”,ईशान ने माया के दोनों हाथो को थामते हुए कहा
“क्या ?”,माया ने कहा
“मैं जॉब करना नहीं चाहता,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं अपना ड्रीम पूरा करना चाहता हूँ 2 महीने बाद बैंगलोर में मेरा ऑडिशन है। मैं तुम्हे अपना लक मानता हूँ तो क्या तुम मेरे साथ चलोगी ?”,ईशान ने प्यार से माया की आँखों में देखते हुए कहा
“ईशान,,,,,,,,,,,,आई रिस्पेक्ट योर ड्रीम्स बट तुम जो करना चाहते हो उसमे कोई फ्यूचर नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,ना ही कोई लाइफ है। तुम्हे ये सब भूलकर अपने जॉब और करियर पर देना चाहिए”,माया ने कहा
“पर इसमें क्या बुराई है ?”,ईशान ने कहा
“बुराई नहीं है बेबी बट तुम ही सोचो कल को अगर मैं तुम्हे डेड से मिलवाउंगी तो क्या सोचकर,,,,,,,,,,,? इसमें तुम सिर्फ अपना वक्त बर्बाद कर रहे हो”,माया ने ईशान के सपनो को अहमियत ना देते हुए कहा
माया की बात सुनकर ईशान ने उसके हाथो को छोड़ दिया और अपने कदम पीछे लेकर ख़ामोशी से वहा से चला गया। माया उसे जाते हुए देखते रही उसे रोका भी नहीं। ईशान माया से इतना प्यार करता था कि वह कभी भी माया की किसी भी बात का बुरा नहीं मानता था लेकिन माया हमेशा उसे किसी न किसी बात से हर्ट कर दिया करती।

ईशान वहा से पैदल ही चल पड़ा। चलते चलते उसके जहन में माया के शब्द घूमने लगे “ईशान,,,,,,,,,,,,आई रिस्पेक्ट योर ड्रीम्स बट तुम जो करना चाहते हो उसमे कोई फ्यूचर नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,ना ही कोई लाइफ है। तुम्हे ये सब भूलकर अपने जॉब और करियर पर देना चाहिए”
ईशान का चेहरा उदासी से घिर गया। ईशान के दोस्त , उसके माँ-बाप , उसके रिश्तेदार और यहाँ तक के माया भी उसके सपनो को बेकार और वक्त की बर्बादी समझते थे और हमेशा उसे सलाह देते कि वह सब भूलकर अपनी जॉब और अपने करियर पर ध्यान दे। चलते चलते ईशान उसी फुटपाथ की तरफ चला आया जहा जिया अपने पिल्ले के साथ बैठी थी।
 हल्का अन्धेरा हो चुका था। चलते चलते ईशान की नजर डिवाइडर के पास फुटपाथ पर चलते उस नन्हे पिल्ले पर पड़ी जिस से बीती रात ईशान मिला था। पिल्ले के साथ एक लड़की भी थी जिसकी पीठ ईशान की तरफ थी और वह उसका चेहरा नहीं देख पाया। वह लड़की पिल्ले के साथ मस्ती कर रही थी और पिल्ला भी खुश होकर उसके आस पास घूम रहा था। ईशान कुछ दूर खड़े होकर उन दोनों को देखने लगा। गाड़ियों के लाइट और आसपास की रौशनी में वह लड़की का चेहरा ठीक से देख भी नहीं पा रहा था और आख़िरकार उस लड़की की नौटंकिया देखकर ईशान के होंठ मुस्कुरा उठे,,,,,,,,,,,!!

A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8 A Broken Heart – 8

क्रमश -A Broken Heart – 9

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संजना किरोड़ीवाल

A Broken Heart
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ईशान वहा से पैदल ही चल पड़ा। चलते चलते उसके जहन में माया के शब्द घूमने लगे “ईशान,,,,,,,,,,,,आई रिस्पेक्ट योर ड्रीम्स बट तुम जो करना चाहते हो उसमे कोई फ्यूचर नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,ना ही कोई लाइफ है। तुम्हे ये सब भूलकर अपने जॉब और करियर पर देना चाहिए”
ईशान का चेहरा उदासी से घिर गया। ईशान के दोस्त , उसके माँ-बाप , उसके रिश्तेदार और यहाँ तक के माया भी उसके सपनो को बेकार और वक्त की बर्बादी समझते थे और हमेशा उसे सलाह देते कि वह सब भूलकर अपनी जॉब और अपने करियर पर ध्यान दे। चलते चलते ईशान उसी फुटपाथ की तरफ चला आया जहा जिया अपने पिल्ले के साथ बैठी थी।
 हल्का अन्धेरा हो चुका था। चलते चलते ईशान की नजर डिवाइडर के पास फुटपाथ पर चलते उस नन्हे पिल्ले पर पड़ी जिस से बीती रात ईशान मिला था। पिल्ले के साथ एक लड़की भी थी जिसकी पीठ ईशान की तरफ थी और वह उसका चेहरा नहीं देख पाया। वह लड़की पिल्ले के साथ मस्ती कर रही थी और पिल्ला भी खुश होकर उसके आस पास घूम रहा था। ईशान कुछ दूर खड़े होकर उन दोनों को देखने लगा। गाड़ियों के लाइट और आसपास की रौशनी में वह लड़की का चेहरा ठीक से देख भी नहीं पा रहा था और आख़िरकार उस लड़की की नौटंकिया देखकर ईशान के होंठ मुस्कुरा उठे,,,,,,,,,,,!!ईशान वहा से पैदल ही चल पड़ा। चलते चलते उसके जहन में माया के शब्द घूमने लगे “ईशान,,,,,,,,,,,,आई रिस्पेक्ट योर ड्रीम्स बट तुम जो करना चाहते हो उसमे कोई फ्यूचर नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,ना ही कोई लाइफ है। तुम्हे ये सब भूलकर अपने जॉब और करियर पर देना चाहिए”
ईशान का चेहरा उदासी से घिर गया। ईशान के दोस्त , उसके माँ-बाप , उसके रिश्तेदार और यहाँ तक के माया भी उसके सपनो को बेकार और वक्त की बर्बादी समझते थे और हमेशा उसे सलाह देते कि वह सब भूलकर अपनी जॉब और अपने करियर पर ध्यान दे। चलते चलते ईशान उसी फुटपाथ की तरफ चला आया जहा जिया अपने पिल्ले के साथ बैठी थी।
 हल्का अन्धेरा हो चुका था। चलते चलते ईशान की नजर डिवाइडर के पास फुटपाथ पर चलते उस नन्हे पिल्ले पर पड़ी जिस से बीती रात ईशान मिला था। पिल्ले के साथ एक लड़की भी थी जिसकी पीठ ईशान की तरफ थी और वह उसका चेहरा नहीं देख पाया। वह लड़की पिल्ले के साथ मस्ती कर रही थी और पिल्ला भी खुश होकर उसके आस पास घूम रहा था। ईशान कुछ दूर खड़े होकर उन दोनों को देखने लगा। गाड़ियों के लाइट और आसपास की रौशनी में वह लड़की का चेहरा ठीक से देख भी नहीं पा रहा था और आख़िरकार उस लड़की की नौटंकिया देखकर ईशान के होंठ मुस्कुरा उठे,,,,,,,,,,,!!ईशान वहा से पैदल ही चल पड़ा। चलते चलते उसके जहन में माया के शब्द घूमने लगे “ईशान,,,,,,,,,,,,आई रिस्पेक्ट योर ड्रीम्स बट तुम जो करना चाहते हो उसमे कोई फ्यूचर नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,ना ही कोई लाइफ है। तुम्हे ये सब भूलकर अपने जॉब और करियर पर देना चाहिए”
ईशान का चेहरा उदासी से घिर गया। ईशान के दोस्त , उसके माँ-बाप , उसके रिश्तेदार और यहाँ तक के माया भी उसके सपनो को बेकार और वक्त की बर्बादी समझते थे और हमेशा उसे सलाह देते कि वह सब भूलकर अपनी जॉब और अपने करियर पर ध्यान दे। चलते चलते ईशान उसी फुटपाथ की तरफ चला आया जहा जिया अपने पिल्ले के साथ बैठी थी।
 हल्का अन्धेरा हो चुका था। चलते चलते ईशान की नजर डिवाइडर के पास फुटपाथ पर चलते उस नन्हे पिल्ले पर पड़ी जिस से बीती रात ईशान मिला था। पिल्ले के साथ एक लड़की भी थी जिसकी पीठ ईशान की तरफ थी और वह उसका चेहरा नहीं देख पाया। वह लड़की पिल्ले के साथ मस्ती कर रही थी और पिल्ला भी खुश होकर उसके आस पास घूम रहा था। ईशान कुछ दूर खड़े होकर उन दोनों को देखने लगा। गाड़ियों के लाइट और आसपास की रौशनी में वह लड़की का चेहरा ठीक से देख भी नहीं पा रहा था और आख़िरकार उस लड़की की नौटंकिया देखकर ईशान के होंठ मुस्कुरा उठे,,,,,,,,,,,!!

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