A Broken Heart – 63
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ईशान जिया के बारे में सोचकर परेशान हो रहा था और सोफी उसे हिम्मत रखने को कह रही थी। दोनों ही नहीं समझ पा रहे थे कि इस वक्त क्या किया जाये।
“तुम्हे अफ़सोस करने के बजाय जिया को ढूंढना चाहिए। शायद वो यही कही हो और बस छुपने का नाटक कर रही हो ?”,देवांश ने कहा
“जिया कभी नाटक नहीं करती , अगर उसने ऐसा कहा है तो जरूर वो किसी बात से बहुत ज्यादा हर्ट है और इसी वजह से वो हम सब से दूर जा रही है।”,ईशान ने गुस्से से कहा तो सोफी ने देवांश से कहा,”क्या तुम थोड़ी देर के लिए चुप रह सकते हो प्लीज।”
“ओके ! मैं तो बस तुम लोगो की हेल्प,,,,,,,,,,,,,,,,क्योकि मैं जानता हु जानता इस वक्त जिया कहा हो सकती है।”,देवांश ने कहा तो सोफी और ईशान ने हैरानी से एक साथ देवांश को देखा
“क्या तुम सच में जानते हो वो कहा है ?”,ईशान ने इस बार देवांश के सामने धीमी आवाज में पूछा
“आज शाम मैंने उसे विंग रेस्त्रो के पास देखा था , मैं रूककर उस से उसके वहा होने की वजह पूछना चाहता था लेकिन मैं थोड़ा जल्दी में था इसलिए मुझे जाना पड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे अब अफ़सोस हो रहा है कि मैं वहा क्यों नहीं रुका ?”,देवांश ने उदास होकर कहा
“तुम्हे जिया के अफ़सोस जताने की जरूरत नहीं है , चलो सोफी जिया शायद अब भी वही होगी।”ईशान ने कहा और देवांश को साइड कर आगे बढ़ गया
“अह्ह्ह्ह लेकिन तुम इतना यकीन के साथ कैसे कह सकते हो कि वो वही है ?”,सोफी ने ईशान के साथ आते हुए कहा
“विंग रेस्त्रो दिल्ली का सबसे मशहूर रेस्त्रो है और वहा का खाना लाजवाब है , जिया इतनी बड़ी फूडी है कि खाना देखकर वह एक बार तो रूक ही जाएगी,,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने रुककर सोफी से कहा
“ओह्ह्ह्ह तुम मेरी दोस्त का मजाक बना रहे हो !”,सोफी ने चिढ़ते हुए कहा
“वो मेरी भी तो दोस्त है ना,,,,,,,,,,,,,चलो अब चलते है और उसे ढूंढते है।”,ईशान ने सोफी की कलाई पकड़कर आगे बढ़ते हुए कहा
“हे गाईज अगर तुम दोनों को परेशानी ना हो तो मैं भी साथ चलू ?”,देवांश ने ऊँची आवाज में कहा
ईशान रुक गया और पलटकर देवांश को देखने लगा। सोफी ने देखा देवांश इतना भी बुरा नहीं था। वह स्मार्ट था , उसका फिगर अच्छा था और वह एक अच्छे घर का दिखाई दे रहा था।
“मुझे लगता है उसे साथ आने देना चाहिए। !”,सोफी ने धीरे से कहा
“मुझे ये आदमी बिल्कुल पसंद नहीं है।”,ईशान ने कहा
“पर इसने ऐसा क्या किया है ? एक मिनिट ये तो माया का फियोंसी है ?”,सोफी ने याद करते हुए कहा
“क्या तुम माया को जानती हो ?”,इस बार ईशान ने थोड़ा हैरानी से कहा
“हाँ बहुत पहले से और फिर तुमने भी तो अपनी कहानी में माया का जिक्र किया है,,,,,,,,,,,,,,,,खैर ये सब छोडो हम जिया को ढूंढने वाले थे।”,सोफी ने एकदम से कहा
“लेकिन देवांश,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,ईशान ने उलझन की स्तिथि में कहा
“उसे भी साथ ले चलते है कुछ ना कुछ काम तो आ ही जाएगा वो भी,,,,,,,,,,,,,,हे हेलो तुम्हारे पास गाड़ी होगी ना,,,,,,,,,,,,,!”,सोफी ईशान से कहते कहते एकदम पलट गयी और देवांश से पूछा
“हाँ वो वहा खड़ी है,,,,,,,,,,,,!”,देवांश ने सोफी की तरफ आते हुए कहा
“इसे साथ लेकर जायेंगे तो इसकी गाड़ी से जाने को मिलेगा इस से हमारे ऑटो के पैसे बच जायेंगे,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने फुसफुसाते हुए ईशान से कहा
“अह्ह्ह्ह जिया के साथ रहते रहते तुम सब भी उसके जैसे हो गए हो,,,,,,,,,,,,,,गाड़ी मेरे पास भी थी हम उस से जा सकते थे,,,,,,,,,,,!”,ईशान ने कहा
“अह्ह्ह्ह ये बहस करने का टाइम नहीं है चलो चलते है,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने कहा और ईशान को साथ लेकर देवांश की गाड़ी की तरफ बढ़ गयी।
तीनो गाड़ी के पास आये ईशान जैसे ही आगे बैठने को हुआ देवांश ने कहा,”अहा तुम नहीं तुम पीछे बैठो,,,,,,,,,,!!
“ये क्या बकवास है , देखो मुझे जिया को ढूंढना है पता नहीं वो इस वक्त कहा होगी ?”,ईशान ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“जितनी फ़िक्र तुम्हे जिया की है उतनी ही फ़िक्र मुझे भी है,,,,,,,,,,,,,,,,,,और सोफी को भी,,,,,,,,,,,,,वैसे भी तुम मेरे बगल में बैठोगे तो रास्तेभर गुस्से से मुझे घूरते रहोगे और मैं गाड़ी चलाने पर कंसन्ट्रेट नहीं कर पाऊंगा इसलिए बेहतर होगा तुम पीछे ही बैठो,,,,,,,,,,,!!”,देवांश ने कहा
“क्या बकवास है,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए ईशान ने गाड़ी का दरवाजा थोड़ा तेजी से बंद किया और पिछली सीट पर आ बैठा।
देवांश ने सोफी के लिए दरवाजा खोल दिया और फिर खुद ड्राइवर सीट पर आ बैठा और गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ा दी। ईशान ने खिड़की से बाहर देखते हुए अपनी कोहनी खिड़की पर टिका ली और उंगलियों को अपने होंठो पर लगाए कहा,”पता नहीं जिया इस वक्त किस हाल में होगी ?”
“ओह्ह्ह्हह तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो ? तुमने कहा था ये फूल चीजी होगा,,,,,,,,,,,,,,देखो ये यहाँ लिखा भी है लेकिन इसमें बहुत थोड़ा सा चीज है,,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम इसमें थोड़ा और चीज नहीं दे सकते,,,,,,,,,,,,,,?”,जिया ने लगभग रोते हुए कहा
“मैडम 60 रुपिज में इतना ही चीज मिलेगा , वैसे भी ये नार्मल से काफी ज्यादा है,,,,,,,,,,,,,!!”,लड़के ने कहा
“तुम मेरी बात क्यों नहीं समझ रहे ? देखो ये यहाँ लिखा है 60 रुपिज फुल्ली लोडेड चीज बन सेंडविच फिर मुझे ये नार्मल वाला क्यों दिया है ? क्या तुम मुझे ठगना चाहते हो बोलो ?”,जिया ने चिढ़ते हुए कहा
“मेम ! ये ऑफर कल रात ही खत्म हो चूका है आप कल आती तो आपको इसी रेट में ये मिलता लेकिन अब ये ऑफर खत्म हो चुका है इसलिए आपको नार्मल ही मिलेगा।”,लड़के ने जिया को समझाते हुए कहा
“ओह्ह्ह ये हमेशा मेरे साथ ही क्यों होता है ? काश मेरा दिल कल टुटा होता और मैं यहाँ होती तो कम से कम मैं अपना पसंदीदा चीज बन खा सकती,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने रोते हुए कहा
“क्या आपका दिल टूटा है ?”,लड़के ने बहुत ही सहजता से पूछा
“हाँ ! आज शाम ही मेरा दिल टुटा है और मुझे बहुत दुःख भी हो रहा है क्या अब तुम मुझे दुसरा बन दे सकते हो प्लीज,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे मेरे टूटे दिल का वास्ता,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने नौटंकी करते हुए कहा
“माफ़ करना मेम मैं ऐसा नहीं कर सकता , आप चाहे तो ये सेंडविच वापस कर अपने पैसे ले सकती है !”,लड़के ने कहा तो जिया ने जल्दी से अपना हाथ पीछे खींचा और कहा,”ओह्ह्ह नहीं मैं ये रख लेती हूँ , तुम्हारा शुक्रिया,,,,,,,,,,,,!!”
अपने हाथो में सेंडविच पकडे जिया वहा से आगे बढ़ गयी। वह रोड साइड डिवाइडर पर आकर बैठी और चीज बन खाने लगी। खाते खाते जिया को फिर ईशान की याद आ गयी और वह उदास हो गयी। उदास बैठी वह बन खा रही थी। जिया इकलौती ऐसी लड़की थी जो इंसानो के साथ साथ जानवरो और खाने की चीजों से भी बात कर लिया करती थी। खाते खाते वह हाथ में पकडे दूसरे बन से कहने लगी,”पता है ईशान को भी तुम बहुत पसंद हो , हमारी कुछ आदतें कितनी मिलती है ना,,,,,,,,,,,,,,काश हमारी किस्मत भी मिलती , हम साथ होते और तुम्हे साथ साथ खाते तो कितना अच्छा रहता। हम दोनों तुम्हे ब्रेकफास्ट , लंच और डिनर में खाते,,,,,,,,,,,,!!!”
चीज बन से बाते करते हुए जैसे ही जिया ने साइड में देखा उसे डेस्टिनी नजर आया। निवाला जिया के मुंह में ही अटक गया और उसने हैरानी से अपनी आँखे बड़ी करके कहा,”डेस्टिनी ! तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? क्या तुम मेरा पीछा कर रहे हो ?”
डेस्टिनी ने सूना तो मासूमियत से अपनी गर्दन झुका ली और जमीन कुचरने लगा। जिया ने देखा तो निराशाभरी एक साँस ली और कहा,”ओह्ह्ह डेस्टिनी तुम्हे मेरे पीछे नहीं आना चाहिए मैंने तुम्हे बताया ना मैं ये शहर छोड़कर जा रही हूँ और मैं तुम्हे अपने साथ लेकर नहीं जा सकती,,,,,,,,,,,,,,,!!”
डेस्टिनी ने जैसे जिया की बात पर ध्यान ही नहीं दिया वह बस सर झुकाये खड़े रहा। जिया ने बचा हुआ बन डेस्टिनी के सामने रख दिया। डेस्टिनी भूखा था इसलिए उसने अगले ही पल वो चीज बन खा लिया और अपनी पूछ हिलाने लगा।
जिया उठी और डेस्टिनी का सर सहलाते हुए कहा,”अब मैं जाती हूँ और तुम मेरे पीछे मत आना,,,,,,,,,,,,,,तुम एक अच्छे पिल्लै हो डेस्टिनी तुम्हे लड़कियों का पीछा नहीं करना चाहिए। चलो जाओ अपने घर वापस जाओ,,,,,,,,,,,,,,,मैं भी अपने घर वापस चली जाती हूँ।”
डेस्टिनी ने सूना तो बड़ी बड़ी आँखों से जिया को देखने लगा , उसकी आँखों में ख़ुशी की चमक के बजाय नमी थी। जिया डेस्टिनी को वही छोड़कर आगे बढ़ गयी। डेस्टिनी जैसे ही उसके पीछे जाने लगा जिया ने पलटकर कहा,”अगर तुम मेरे पीछे आये तो मैं तुम से कभी बात नहीं करुँगी,,,,,,,,,,,,,,,अब तुम जाओ यहाँ से !”
डेस्टिनी ने जिया को गुस्सा होते देखा तो सर झुकाकर वापस पलट गया।
जिया वहा से चली गयी और डेस्टिनी बस उसे जाते हए देखता रहा।
देवांश ईशान और सोफी तीनो गाड़ी में बैठे जिया को ढूंढ रहे थे लेकिन जिया उन्हें कही दिखाई नहीं दी। चलते चलते देवांश ने गाड़ी को एकदम से ब्रेक लगाया जिस से बेचारा ईशान आगे गिरते गिरते बचा। घबराकर सोफी ने भी अपना हाथ अपने सीने से लगा लिया। आँखे फाड़े देवांश ने सोफी को देखा और कहा,”अह्ह्ह्ह लगता है गाड़ी का इंजन गर्म हो गया है। मैं ज़रा चेक करता हूँ।”
ईशान ने सूना तो उसका पहले से खराब मूड और ज्यादा ख़राब हो गया वह गाड़ी से उतरा और सोफी से कहा,”मैं जाकर जिया को ढूंढता हूँ तुम दोनों गाड़ी ठीक करवाकर आ जाना,,,,,,,,,!!”
“ईशान,,,,,,,,,,ईशान,,,,,,,,,,,,,,,,ईशान रुको मैं भी आती हूँ।”,सोफी ने आवाज दी लेकिन तब तक ईशान वहा से जा चुका था।
ईशान के जाने के बाद सोफी ने हताश होकर जैसे ही देवांश की तरफ देखा तो उस ने कहा,”ये हमेशा इतने गुस्से में क्यों रहता है ? मुझसे तो ये काफी चिढा हुआ रहता है।”
“अगर कोई तुम्हारी गर्लफ्रेंड से सगाई कर ले तो तुम्हे कैसा लगेगा ?”,सोफी ने देवांश को घूरते हुए कहा
“क्या तुम माया की बात कर रही हो ? देखो मेरे और माया के बीच अब कुछ भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,देवांश कहते हुए जैसे ही सोफी की तरफ आने को हुआ सोफी ने अपना हाथ आगे कर उसे रोकते हुए कहा,”अहा ये सब बाद में पहले इस गाडी का कुछ करो हमे जाना भी है,.,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ मैं पहले ये कर लेता हूँ।”,देवांश ने कहा और वापस गाड़ी की तरफ चला गया।
सोफी कुछ दूर खड़ी इधर उधर इस आस में देख रही थी कि शायद जिया उसे दिख जाये पर जिया उसे नहीं दिखी।
देवांश की गाड़ी से उतरकर ईशान पैदल ही विंग रेस्त्रो जाने वाले रास्ते पर चल पड़ा। लोग उसे पहचान ना ले सोचकर उसने मास्क लगा लिया और जिया को ढूंढने लगी। शाम होते ही विंग रेस्त्रो के सामने भीड़ काफी बढ़ जाती है। ईशान भीड़ में हर चेहरे को देख रहा था और मन ही मन दुआ कर रहा था कि जिया उसे दिख जाये लेकिन जिया नहीं मिली।
थककर ईशान रेस्त्रो के बगल में बने डिवाइडर पर आकर बैठ गया। उसकी आँखों में बेचैनी थी और दिल सामान्य से तेज धड़क रहा था। ईशान ने देखा ये वही डिवाइडर था जहा डेस्टिनी रहता है लेकीन आज डेस्टिनी यहाँ नहीं था। ईशान डेस्टिनी से दिल्ली जाने से पहले मिला था उसके बाद तो वह यहाँ आया ही नहीं।
ईशान एक पल के लिए जिया को भूलकर डेस्टिनी को देखने लगा।
डेस्टिनी भी उसे कही दिखाई नहीं दिया तो ईशान उदास होकर सामने गुजरती गाड़ियों को देखने लगा। वहा बैठकर ईशान को जिया के साथ बिताये पल याद आने लगी , वह जिया की कमी को महसूस कर रहा था। कुछ देर बाद ईशान की नजर दूर से आते डेस्टिनी पर पड़ी। डेस्टिनी धीमी चाल चलते हुए हताश सा डिवाइडर की तरफ ही आ रहा था। उसी डिवाइडर के सामने सड़क पर खड़ी गाड़ी में एक क्यूट सी पिल्ली थी जिसे डेस्टिनी पसंद करता था लेकिन आज डेस्टिनी ने उसे देखा तक नहीं और सर झुकाये अपने डिवाइडर की तरफ चला आया।
डेस्टिनी आकर ईशान के बगल में बैठ गया और नम आँखों से सामने सड़क को देखने लगा। ईशान ने आज से पहले डेस्टिनी को इतना उदास कभी नहीं देखा था उसने डेस्टिनी की पीठ को सहलाया और कहा,”क्या हुआ डेस्टिनी ? तुम आज काफी उदास दिखाई दे रहे हो , सब ठीक है ना।”
डेस्टिनी ने जैसे ही ईशान की आवाज सुनी चौंककर उसे देखा , वह बड़ी बड़ी आँखों से ईशान को देखे जा रहा था। ईशान ने अपना मास्क हटाया और कहा,”ये मैं हूँ डेस्टिनी ईशान,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या मैं तुम्हे याद हूँ ? जब मैं दिल्ली में था तब मैं यहाँ तुमसे मिलने आता था।”
डेस्टिनी ने जब देखा कि वह ईशान है तो उसने अपना पंजा ईशान के हाथ पर रखा और अपना सर झुकाकर ईशान के हाथ पर टिका दिया।
“ओह्ह्ह्ह डेस्टिनी मुझे ख़ुशी हुई कि इस शहर में तुम मुझे पहचानते हो , और तुम्हे इतना उदास देखकर मुझे अच्छा भी नहीं लग रहा। काश तुम बता पाते कि तुम क्यों उदास हो ?”,ईशान ने धीरे धीरे डेस्टिनी का सर सहलाते हुए कहा और डेस्टिनी उदास सा अपना सर उसके हाथ पर टिकाये वैसे ही बैठा रहा। जिया के जाने का दुःख ईशान के साथ साथ डेस्टिनी को भी था।
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क्रमश – A Broken Heart – 64
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संजना किरोड़ीवाल
👌👌👌💜💜💜💜 behtrin 😍😇😇😇😇😇 bhut itnjar k bad milta h but 💜💜💜💜💜 jiya
Kya jiya ko dhund payega Ishan
Jiya milegii Ishaan ko ….
Pta nhi ishaan ziya ko doodh bhi paayega ya nhi
Kya kiya such me chali gyi ❤️❤️❤️❤️
N jaane kb milegi usse wo ❤️❤️❤️❤️❤️
Superb ❤️❤️❤️❤️
Part ❤️❤️❤️❤️
Ishaan ko ab bahut gussa araha hai Jiya ke na milne se aur voh Destiny ke pass agaya usse bi udaas dekhar usse accha nahi lag raha…Ishaan dhoont hi lega Jiya ko