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A Broken Heart – 59

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A Broken Heart
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A Broken Heart – 59

जिया ईशान की बाँहो में थी और ईशान मुस्कुराते हुए उसे देखे जा रहा था। जिया को महसूस हुआ वह ईशान के बहुत करीब है तो उसने ईशान को पीछे धकेला और कहा,”चलो कहा जाना है ?”
“ये की ना तुमने जिया वाली बात , लेकिन तुमने ये क्या पहना है क्या तुम्हारे पास कुछ और नहीं है,,,,,,,,!”,ईशान ने जिया को देखते हुए कहा जिसने लूज पेंट और उस पर फुल स्लीव्स स्वीट शर्ट पहना था जिसकी आस्तीन हमेशा की तरह लम्बी थी।


“इसमें क्या बुराई है ? ये अच्छा तो है और वैसे भी मैंने पिछले कुछ महीनो से नए कपडे नहीं खरीदे है।”,जिया ने मायूस होकर कहा
“हम्म्म्म ठीक है , ये इतने बुरे भी नहीं लग रहे है।  अब चलो,,,,,,,,,,,,!”,ईशान ने जिया का हाथ पकड़ा और उसे साथ ले दरवाजे की तरफ जाते हुए कहा
“ए तुम क्या कर रहे हो ? दरवाजे से क्यों जा रहे हो लिली आंटी तुम्हे देखेगी तो प्रॉब्लम हो जाएगी।”,जिया ने ईशान को रोकते हुए कहा


“तुम इतनी डरपोक क्यों हो ? चुपचाप चलो मेरे साथ,,,,,,,,,,,,,,लिली आंटी ने देखा भी तो जवाब मैं दूंगा तुम नहीं।”,ईशान ने जिया को घूरते हुए कहा
बेचारी जिया चुपचाप ईशान के साथ चल पड़ी। ईशान जिया को लेकर नीचे आया गनीमत था लिली आंटी इस वक्त किचन में थी और ईशान जिया के साथ दबे पांव घर से बाहर निकल गया लेकिन सामने से आते घोष अंकल से टकरा गया।


“अह्ह्ह गुड़ मॉर्निंग मिस्टर घोष , वो मैं जिया से मिलने आया था। हम लोग किसी जरुरी काम से बाहर जा रहे है।”,ईशान ने घोष अंकल को सामने देखकर एकदम से कहा
जिया मन ही मन घबरा रही थी कही घोष अंकल ने लिली आंटी को सब बता दिया और उन्होंने उसे घर से निकाल दिया तो उसका क्या होगा सोचकर।


“गुड मॉर्निंग ईशान ! काफी दिनों बाद तुम्हे यहाँ देखकर अच्छा लगा,,,,,,,,,,,,जिया ने तुम्हे बहुत मिस किया।”,मिस्टर घोष ने मुस्कुराते हुए कहा तो ईशान ने हैरानी से जिया की तरफ देखा। जिया दूसरी तरफ देखने लगी।
“इन दिनों मैं बैंगलोर था मिस्टर घोष , एक अवार्ड फंक्शन के लिए दिल्ली आया था सोचा आप सब से मिल लू।”,ईशान ने मुस्कुरा कर कहा


“ओह्ह्ह मतलब तुम्हारा सपना पूरा हो गया , बहुत बहुत बधाई हो और सिर्फ बधाई से काम नहीं चलेगा तुम्हे एक शाम हमारे घर डिनर पर आना है। मैं लिली सोफी जिया तुम हम सब मिलकर साथ में डिनर करेंगे।”,मिस्टर घोष ने उत्साह भरे स्वर में कहा


“हाँ हाँ क्यों नहीं मिस्टर घोष और मजे की बात ये है कि उस शाम डिनर ईशान खुद अपने हाथो से बनाएगा , ये बहुत अच्छा खाना बनाता है मिस्टर घोष,,,,,,,,,,,,,यकीनन।”,इस बार जिया ने कहा और ये सुनकर ईशान जिया को घूरने लगा लेकिन जिया मुस्कुरा दी और उस मुस्कुराहट में प्यार कम खुन्नस ज्यादा दिखाई दे रही थी
“अरे बिल्कुल ! मैं तुम्हे ये मौका जरूर दूंगा और लिली को भी एक दिन के लिए किचन से छुट्टी मिल जाएगी।”,कहते हुए मिस्टर घोष हंस पड़े और उनकी हंसी में जिया ने उनका भरपूर साथ दिया जिसे देखकर ईशान मन ही मन खीजने लगा।


“अच्छा मिस्टर घोष अब हमे चलना चाहिए , हम फिर मिलेंगे।”,ईशान ने बात खत्म करने के इरादे से कहा
“हाँ जरूर ! अपना ख्याल रखना और डिनर के लिए जरूर आना,,,,,,,,,,,!”,मिस्टर घोष ने कहा
ईशान जिया का हाथ थामे आगे बढ़ गया और मिस्टर घोष वही खड़े उन्हें जाते हुए देखते रहे। चलते चलते ईशान ने जिया का हाथ खींचकर दबी आवाज में कहा,”मिस्टर घोष से ये कहने की क्या जरूरत थी कि डिनर मैं बनाऊंगा ?”
“तुम्हे खाना बनाने का बड़ा शौक है ना तो अब बनाओ,,,,,,,,,,,!”,जिया ने भी ईशान का हाथ खींचकर कहा


“आह्ह आराम से ! मुझे खाना बनाना पसंद है लेकिन सिर्फ खास लोगो के लिए , और अगर मैंने तुम्हारे लिए बनाया है इसका मतलब तुम मेरे लिए खास हो,,,,,,,,,!”,ईशान ने जिया की तरफ देखते हुए कहा
“हाँ इतनी खास कि यहाँ से जाने एक बाद तुमने मुझे एक बार भी फोन करना जरुरी नहीं समझा और तुम्हे मेरी याद तक नहीं आयी,,,,,,,,!”,जिया ने गुस्से से ईशान का हाथ छोड़कर कहा
मायूसी के साथ ईशान ने पलटकर देखा तो पाया कि मिस्टर घोष अभी भी वही खड़े है और उसे देख रहे है।

ईशान मुस्कुराया तो मिस्टर घोष ने ईशान और जिया की तरफ इशारा किया कि वो दोनों साथ में अच्छे लग रहे है। ईशान ने भी झुककर मिस्टर घोष का अभिवादन किया और फिर जिया के पीछे चला गया। जिया सड़क किनारे आकर खड़े हो गयी। ईशान हाँफते हुए उसके पास आकर खड़ा हुआ और कहा,”तुम बिल्कुल नहीं बदली हो जिया तुम आज भी मुझे उतना ही परेशान करती हो। तुम वहा से ऐसे क्यों चली आयी ?”
“क्योकि मैं तुम से नाराज हूँ,,,,,,,,,,,!”,जिया ने कहा


“ओह्ह्ह्ह जिया ये नाराजगी कब तक चलेगी ? मैं तुम से माफ़ी मांग चुका हूँ ना,,,,,,,,,,,,क्या तुम अपने प्यारे दोस्त को माफ़ नहीं कर सकती ?”,ईशान ने जिया की तरह अपने हाथो को अपनी ठुड्डी से लगाकर क्यूट बनने की कोशिश करते हुए कहा


“तुम मेरी नक़ल करना बंद करो अब,,,,,,,,,,!”,जिया ने खींचकर एक मुक्का ईशान की बांह पर मारते हुए कहा
“और तुम भाव खाना बंद करो , मैं इतने दिनों बाद तुम से मिला हूँ क्या तुम थोड़ी देर के लिए मेरे साथ नार्मल नहीं रह सकती ?,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह तुम से कहना बेकार है तुम कहा सुनने वाली हो , ऑटो , ऑटो,,,,,,,,,!”,ईशान ने मुंह बनाते हुए जिया से कहा और फिर ऑटो रुकवाने लगा।

कुछ देर बाद एक ऑटो आकर रुका ईशान जिया को साथ लेकर उसमे आ बैठा। ऑटो दिल्ली के सबसे महंगे मॉल के सामने आकर रुका। ईशान जिया के साथ नीचे उतरा और ऑटो वाले को किराया देकर मॉल की तरफ जाने लगा। जिया ने देखा ये इस शहर का सबसे बड़ा मॉल था जहा सिर्फ महंगा और ब्रांडेड सामान मिलता है। जिया ईशान के पीछे आयी और कहा,”हम यहाँ क्यों आये है ? तुम्हे शायद पता नहीं पर ये बहुत ही महंगा और ब्रांडेड मॉल है,,,,,,,,,,,,,,!!”


“मुझे मालूम है इसलिए मैं यहाँ आया हूँ , तुम्हारे लिए कुछ शॉपिंग करनी है चलो चलते है।”,ईशान ने कहा और आगे बढ़ गया
“लेकिन यहाँ से क्यों ? हम सेल से भी कपडे ले सकते है वहा काफी अच्छे और सस्ते कपडे मिल जायेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने वापस पलटते हुए कहा तो ईशान ने उसके कंधो पर हाथ रख उसकी गर्दन को हल्का सा दबोचते हुए कहा,”क्या तुम हमेशा सेल वाले कपडे पहनोगी ?”


ईशान का सवाल सुनकर जिया उसे एकटक देखने लगी और जैसे ही कुछ कहना चाहा ईशान ने कहा,”शट अप और आज के बाद तुम ये सेल वाले कपडे नहीं पहनोगी , अब चुपचाप मेरे साथ अंदर चलो,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म्म !”,जिया ने बिना किसी बहस के हामी भर दी क्योकि ईशान का ये बदला हुआ रूप वह पहली बार देख रही थी।

ईशान जिया को लेकर एक वुमन शोरूम के अंदर आया। उसने रिसेप्शन पर बैठे स्टाफ से जिया के लिए कपडे दिखाने को कहा और खुद आकर सोफे पर बैठ गया। जिया ने उस शोरूम में लगे एक ड्रेस का प्राइस टैग देखा तो उसकी सांसे ही अटक गयी और उसने पलटकर कहा,”इतने में तो सालभर बन सेंडविच खा सकती हूँ , हम यहाँ सिर्फ पैसे बर्बाद कर रहे है।”
 जिया की बात सुनकर ईशान उसे देखने लगा। ईशान को घूरते पाकर जिया ने धीमे स्वर में कहा,”क्या ये सब लेना जरुरी है ?”


ईशान उठा और कपड़ो के रेंक के पास चला आया उसने बिना जिया से पूछे उसके लिए 8-10 ड्रेस निकाले और स्टाफ को देकर कहा,”इन्हे पैक कर दो।”
“तुम ये क्या कर रहे हो ? ये बहुत महंगे है मेरे पास इतने पैसे,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने कहा लेकिन वह अपनी बात पूरी कर पाती इस से पहले ही ईशान ने उसके करीब आकर उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”क्या मैंने तुम से पैसे माँगे , ये कपडे लो और चलो।”


“सर आपका बिल”,स्टाफ ने कहा तो ईशान ने अपना कार्ड स्वाइप किया और बिल पे करके बैग्स लेकर शोरूम से बाहर चला आया। कुछ बैग अपने पास रखे और कुछ जिया को थमा दिए।
जिया बेचारी परेशान सी उसके पीछे चलते हुए मन ही मन खुद से कहने लगी,”लगता है ये पागल हो गया है , ओह्ह्ह्ह इसने इन कपड़ो में कितने सारे पैसे बर्बाद कर दिए , इतने पैसो में मैं कितना कुछ कर लेती लेकिन इस से बहस कौन करेगा ? पता नहीं इसे क्या हो गया है,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं इसे कैसे समझाऊ ?”


“क्या तुम मुझसे कुछ कह रही हो ?”,ईशान ने पलटकर पूछा।
“अह्ह्ह नहीं नहीं तो मैंने तो कुछ नहीं कहा”,जिया ने चौंकते हुए कहा जैसे ईशान ने उसके मन की बात सुन ली हो।
ईशान जिया के पास आया और उसका हाथ पकड़ते हुए कहा,”तो फिर चलो !”


ईशान जिया के साथ लिफ्ट में चला आया। लिफ्ट में उन दोनों के अलावा और भी बहुत लोग थे इसलिए दोनों को एक दूसरे के पास खड़े होना पड़ा। जिया ईशान के आगे खड़ी थी और चूँकि जिया की हाइट ईशान से कम थी इसलिए ईशान को मस्ती सूझी और उसने अपनी ठुड्डी जिया के सर पर रख दी। जिया के छोटे छोटे बाल बिखर कर माथे पर आ गए जिन्हे जिया ने गुस्से से फूंक मारकर साइड किये और ईशान की तरफ पलटी लेकिन अगले ही पल लिफ्ट रुकी और भीड़ बढ़ने की वजह जिया को धक्का लगा और वह ईशान में आ गिरी।

ईशान मुस्कुराने लगा जिया ने हटने की कोशिश की तो ईशान ने अपना हाथ जिया की पीठ से लगाया और अपने सीने से लगाए रखा। 10 सेकेंड्स तक जिया को खुन्नस होती रही लेकिन उसके बाद वह अपना गुस्सा भूल गयी और ईशान के सीने से लगी रही। उसने अपनी आँखे मूंद ली उसे पता ही नहीं चला कब लिफ्ट ऊपर आकर रुकी।

“जिया , जिया , सब जा चुके है। अगर तुम ऐसे ही रहना चाहती हो तो हम 2 फ्लोर और ऊपर चलते है।”,ईशान ने धीरे से कहा
जिया ने सूना तो जल्दी से पीछे हटी और लिफ्ट से बाहर चली गयी। ईशान भी मुस्कुराते हुए उसके पीछे आया। ईशान से आगे चलते हुए जिया अपना सर पीटते हुए बड़बड़ा रही थी,”ओह्ह्ह्ह ये मुझे क्या हो गया है ? मैं उसके करीब क्यों जा रही हूँ अगर उसे शक हो गया कि मैं उस से प्यार करती हूँ तो मेरे लिए उसे ये सब समझाना मुश्किल हो जाएगा।

वो मेरे साथ इतने अच्छे से इसलिए पेश आ रहा है क्योकि वो शर्मिंदा है और मैं उसके लिए उसकी अच्छी दोस्त हूँ। इसके आलावा उसके पास और क्या वजह हो सकती है ? मुझे भी उसके साथ एक दोस्त की तरह पेश आना होगा ताकि बाद में मुझे ज्यादा हर्ट ना हो,,,,,,,,,,,,,,,हाँ ये ठीक रहेगा।”
जिया अभी खुद से बातें कर ही रही थी कि तभी ईशान ने उसकी कलाई पकड़ी और उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा,”इधर आओ।”


जिया ने देखा ईशान उसे लेकर जिस शॉप में आया था वो एक डायमंड ज्वेलरी शॉप थी। शॉप की लाइट्स और जगमगाहट देखकर जिया की आँखे चुंधियाने लगी और वह मन ही मन खुद से कहने लगी,”ईशान यहाँ क्यों आया है ? क्या अब ये डायमंड ज्वेलरी खरीदने वाला है ,, इस से तो इसके सारे पैसे खर्च हो जायेंगे ये अभी अभी अमीर बना है इसे पैसे सम्हालने नहीं आते लेकिन अगर मैंने इसे रोका भी तो ये फिर मुझे लेक्चर देना शुरू कर देगा वो भी इतनी महंगी दुकान में सबके सामने,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नहीं मुझे चुप रहकर देखना चाहिए ये यहाँ क्यों आया है ? हाँ ये सही रहेगा !”

ईशान ने जिया को बैठने का इशारा किया और खुद उसके बगल में पड़ी कुर्सी पर आ बैठा। ईशान ने स्टाफ को उस शोरूम की सबसे महंगी डायमंड रिंग दिखाने को कहा। स्टाफ ने साइज का पूछा तो ईशान ने जिया की तरफ पलटकर कहा,”जिया अपना हाथ आगे करना जरा।”
जिया ने सूना तो हैरानी से ईशान की तरफ देखने लगी। ईशान ने जिया का हाथ पकड़ा और टेबल पर रखते हुए कहा,”इस हाथ की रिंग फिंगर के लिए चाहिए।”


“ओहके सर ! क्या आप ये मेम के लिए ले रहे है ?”,स्टाफ ने मुस्कुराते हुए पूछा
ईशान ने जिया को देखा तो जिया का दिल धड़कने लगा। वह कुछ देर जिया को देखता रहा और फिर स्टाफ की तरफ देखकर कहा,”अह्ह्ह ये मुझे अपने किसी ख़ास के लिए चाहिए आप दिखाईये।”
ईशान की बात सुनकर जिया का दिल टूट गया और चेहरे पर मायूसी छा गयी।

अब तक वो समझ रही थी कि ईशान उसके लिए रिंग खरीद रहा है लेकिन ऐसा नहीं था ईशान किसी ख़ास इंसान के लिए रिंग खरीद रहा था। ईशान ने जिया की ऊँगली में आने वाली एक डायमंड रिंग पसंद की और उसे पैक करने को कहा।


“क्या तुम अपने लिए कुछ लेना चाहोगी ?”,ईशान ने जिया की तरफ पलटकर कहा
“अहह नहीं ! तुम्हारा शुक्रिया !”,जिया ने उदासी भरे स्वर में कहा
ईशान ने रिंग ली और जिया के साथ वहा से बाहर चला आया।

दोनों मॉल से बाहर चले आये दोपहर हो चुकी थी। जिया को रेस्त्रो जाना था इसलिए उसने कहा,”अगर तुम्हारा काम खत्म हो गया हो तो अब मैं जाऊ , मुझे रेस्त्रो भी जाना ही अगर मैं नहीं गयी तो मिस्टर दयाल मुझ पर गुस्सा होंगे।”
“तुम पूरा दिन मेरे साथ रहने वाली हो , पूरा दिन जिसमे सुबह , दोपहर और शाम भी शामिल है।”,ईशान ने कहा
“लेकिन,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने जैसे ही कहना चाहा ईशान ने उसके होंठो को पकड़कर बंद करते हुए कहा,”
फ़िलहाल मुझे बहुत भूख लगी है चलो कुछ खाते है।”


“तुम खा लो मुझे भूख नहीं है मुझे मिस्टर दयाल के रेस्त्रो जाना है तुम समझने की कोशिश करो प्लीज।”,जिया ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा
“एक काम करते है , मिस्टर दयाल के रेस्त्रो ही चलते है वहा का खाना इतना भी बेकार नहीं है।”,ईशान ने कहा और जिया का हाथ पकड़कर आगे बढ़ गया।
बेचारी जिया ईशान के साथ चलते हुए बस दुआ कर रही थी कि ईशान अब कोई और गड़बड़ ना करे।

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