A Broken Heart – 5
A Broken Heart – 5
ईशान और माया एक दूसरे को किस करते हुए खो चुके थे। कुछ देर बाद माय ईशान से दूर हटी और कहा,”यू आर स्पेशल फॉर मी क्या ये मुझे हमेशा ये प्रूव करना होगा ?”
ईशान ने गैस बंद किया और माया के पास आकर उसके सर को अपने होंठो से छूकर अपनी सर्द आवाज में कहा,”आई ट्रस्ट यू तुम्हे कुछ भी प्रूव करने की जरूरत नहीं है माया , जब तुम नहीं होती , तुमसे बात नहीं होती तो थोड़ा डर जाता हूँ मैं”
“मैं तुम्हारे साथ हूँ,,,,,,,,,,,,हमेशा , चलो अब एक अच्छी सी कॉफी पिलाओ मुझे , तब तक मैं शॉवर लेकर आती हूँ”,कहकर माया बाथरूम की तरफ चली गयी। ईशान ख़ुशी ख़ुशी उसके लिए कॉफी बनाने लगा साथ ही उसने प्लेटफॉर्म पर गिरे दूध को भी साफ कर दिया। ईशान माया के लिए कॉफी लेकर अपने रूम में आया। उसने कप साइड टेबल पर रखा और खिड़की के पास चला आया और पर्दे साइड कर दिए सामने आसमान में चाँद चमक रहा था और बिल्डिंग के चारो और रौशनी फैली थी। कुछ देर बाद माया बाथरूम से बाहर आयी उसने ईशान की सफ़ेद रंग की शर्ट पहन रखी थी जो की घुटनो से कुछ ऊपर तक आ रही थी। ऊपर के दो बटन खुले थे। गीले बाल कंधो पर थे जिनसे पानी छिटक रहा था। पानी की कुछ बुँदे बालों से होकर उसकी गर्दन को भीगा रही थी। माया बड़ी ही नजाकत से ईशान की तरफ चली आयी। उसने टेबल पर रखा कप उठाया और खिड़की के पास आकर कॉफी पीने लगी। ईशान ने कमरे का हीटर ऑन कर दिया और रेंक पर रखा तौलिया ले आया। वह माया के पीछे आ खड़ा हुआ और तौलिये से उसके गीले बालों को पोछने लगा। माया ख़ामोशी से अपनी कॉफी पी रही थी। ईशान ने उसके बाल पोछे और तौलिये को फिर रेंक पर डाल दिया। वह माया के बगल में आकर खड़ा हो गया। माया ने एक दो घूंठ और पिए और फिर कप को वही खिड़की के पास रख दिया। ईशान के बगल में खड़ी वह एकटक सामने चमकती सड़को और बिल्डिंग्स को देख रही थी और ईशान आसमान में चमकते उस चाँद को,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!
माया ने ईशान को देखा जो की सामने चमकते चाँद को देख रहा था। उनसे अपना हाथ ईशान के हाथ पर रख दिया और उसके करीब आकर एक बार फिर अपने होंठो को उसके होंठो से सटा दिया। ईशान ने अपनी आँखे मूंद ली , माया ने परदे की डोरी खींचकर परदे को गिरा दिया और दोनों एक दूसरे में खो गए।
रोड साइड बने चायनीज रेस्त्रो में बैठी जिया और सोफी अपने आर्डर के आने का इन्तजार कर रही थी। जिया ने देखा आसपास की सभी टेबल्स पर सबके आर्डरस आ चुके है बस उन्ही के आर्डर में देरी हो रही है। वह बच्चो की तरफ बार बार झांक कर देख रही थी आखिर वेटर उनका आर्डर लेकर क्यों नहीं आ रहा ? सोफी ने देखा तो धीरे से कहा,”ये स्टुपिड हरकते करना बंद करो , वो आ जाएगा”
“हाँ लेकिन कब ? वैसे तुमने आज नूडल्स खाने का क्यों सोचा जबकि तुम्हारे पास इतने ज्यादा पैसे भी नहीं है ?”,जिया ने जिज्ञासावश पूछा
“मैंने तुम्हे कल बताया था ओवर टाइम के बारे में , कल से मैं रेस्त्रो में ओवर टाइम करुँगी ये उसी की ट्रीट है”,सोफी ने कहा
वेटर दो बड़े बाउल नूडल्स ले आया साथ में 2 छोटे बाउल सूप भी। उसने सब टेबल पर रखा और चला गया। नूडल्स देखते ही जिया के मुंह में पानी आ गया उसने बिना देरी किये जल्दी से नूडल्स उठाकर मुंह में रखे और कहा,”उम्मम्मम्म ये बहुत टेस्टी है , वैसे इस ट्रीट के लिए शुक्रिया और तुम्हारे ओवर टाइम के लिए बेस्ट ऑफ़ लक ,, मुझे पता है तुम कमाल कर दोगी”
“थैंक्यू लेकिन कल से तुम्हे अकेले घर आना होगा , मेरी ओवरटाइम 9 बजे खत्म होगी”,सोफी ने खाते हुए कहा
“इट्स ओके मैं आ जाउंगी”,जिया ने भी खाते हुए कहा
“कुछ पैसे जुड़ जाए उसके बाद मैं अपना खुद का घर खरीदूंगी और अपने मॉम-डेड को यहाँ बुला लुंगी हमेशा के लिए”,सोफी ने कहा
जिया ने जैसे ही सूना उसकी आँखों के सामने अपने मम्मी पापा का चेहरा आ गया और उनके कहे कड़वे शब्द उसके कानो में गूंजने लगे “तुम मुझे एक बेटा नहीं दे पायी दो लड़किया पैदा की अब जिंदगी भर मैं इन्हे कमाकर खिलाते रहूंगा”
जिया को चुप देखकर सोफी ने कहा,”क्या हुआ तुम चुप क्यों हो गयी ? ओह्ह्ह्ह आई ऍम सॉरी मुझे शायद तुम्हारे सामने ये बात नहीं कहनी चाहिए थी,,,,,,,,,,,मुझे माफ़ कर दो”
“मैं इसलिए उदास हूँ क्योकि मेरे सारे नूडल्स खत्म हो गए”,जिया ने तुरंत अपने भाव चेंज करते हुए कहा।
“तुम कितनी नौटंकी हो ये लो मेरे बचे हुए नूडल्स भी तुम खा लो मैं ये सूप पी लेती हूँ”,सोफी ने कहते हुए अपने आधे बचे नूडल्स जिया की तरफ बढ़ा दिए। जिया ने ख़ुशी ख़ुशी नूडल्स लिए और खाते हुए कहा,”तुम्हारा शुक्रिया , जब भी तुम नया घर लो उसमे मुझे पेइंग गेस्ट रख लेना”
“हम्म्म जरूर”,सोफी ने हँसते हुए कहा तो जिया हंस पड़ी।
नूडल्स खाकर दोनों पैदल ही घर के लिए चल पड़ी , अभी रात के 9 बजे थे और सड़को पर काफी रौनक थी। चमचमाती सड़को के फुटपाथ पर जिया और सोफी साथ साथ चली जा रही थी। ठण्ड बहुत ज्यादा थी इसलिए जिया ने अपनी हुडी का केप सर पर डाल दिया और हाथो की स्लीव्स को भी नीचे कर लिया।
सोफी ने भी अपनी लम्बी जैकेट के जेब में दोनों हाथ डाल लिए और जिया की बातें सुनते हुए उसके साथ चल पड़ी। सोफी के गले में एक मोटा ऊनी मफलर था जो उसने कुछ दिन पहले ही खरीदा था।
चलते हुए जिया की नजर सड़क के बीचों बीच एक छोटे मासूम पिल्ले पर पड़ी , जो की गाड़ियों की आवाज से डरकर वही सहमा हुआ खड़ा था। जिया ने देखा तो दौड़कर उसकी ओर गयी। उसने उसे गोद में उठाया और सोफी के पास ले आयी। ठण्ड की वजह से वो पिल्ला कांप रहा था। जिया ने उसे वही फुटपाथ पर नीचे एक गमले के पास बैठाया और कहा,”हे तूम कितने प्यारे हो , तूम वहा कैसे चले गए थे ? ओह्ह्ह शायद तुम भूखे हो,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरे पास कुछ है”
कहते हुए जिया ने अपने हुडी के जेब से बिस्किट के छोटे पैकेट निकाले। एक पैकेट में बस एक ही बिस्किट था। जिया ने बिस्किट निकाला और पिल्ले को खिला दिया। पिल्ला सच में भूखा था इसलिए उसने तुरंत उसे खा लिया। जिया ने दुसरा बिस्किट निकाला और वो भी पिल्ले के सामने रख दिया।
“ये तुम्हे कहा से मिले ?”,सोफी ने हैरानी से पूछा क्योकि उसने वो पैकेट्स रेस्त्रो के रिसेप्शन पर एक जार में देखे थे।
“ये मुझे रेस्त्रो से मिले है , खाना खाने के बाद हम वहा से एक ले सकते है , क्या तुम अपना मफलर मुझे दोगी ?”,जिया ने पिल्ले का सर सहलाते हुए कहा
“तुम्हे क्यों चाहिए ? यहाँ बहुत ठण्ड है मैं नहीं दे सकती”,सोफी ने कहा
“हाहहहह तुम इतनी सेल्फिश कैसे हो सकती हो ? अपनी दोस्त को कैसे मना कर सकती हो ? मैं इसे क्या समझू की तुमने मुझे एक मफलर के लिए मना कर दिया”,जिया ने अफ़सोस जताते हुए कहा
“ओह्ह्ह्ह इसकी नौटंकी फिर शुरू हो गयी , ये लो रखो”,सोफी ने अपने गले से मफलर निकालते हुए कहा और मफलर जिया को दे दिया। जिया ने मफलर लिया और उस छोटे पिल्ले को उसमे लपेटते हुए कहा,”अब इस से तुम्हे बिल्कुल ठण्ड नहीं लगेगी , ये बहुत गर्म है और महंगा भी,,,,,,,,,,,,,तुम्हे अच्छा लग रहा होगा ना,,,,,,,,,है न”
“ए ये तुम क्या कर रही हो ? तुमने एक कुत्ते को मेरा मफलर ओढ़ा दिया,,,,,,,,,,जानती हो वो कितना महंगा था ?”,सोफी ने जैसे ही पिल्ले की तरफ आना चाहा जिया ने उसे रोक दिया और साइड करके कहा,”वो पुराना हो चुका है इस बार अपनी सेलरी से मैं तुम्हारे लिए नया ले आउंगी”
“प्यारे पिल्ले तुम यही रहना मैं जल्दी तुमसे मिलने आउंगी,,,,,,,,,,,,,,अपना ख्याल रखना”,जिया ने एक बार उसके बालो को सहलाते हुए कहा तो पिल्ला उसे मासूमियत से देखने लगा
जिया सोफी का हाथ पकड़कर उसे खींचते हुए वहा से आगे बढ़ गयी। बेचारी सोफी ने पलटकर अपने मफलर को देखा और कहा,”तुम्हे एक कुत्ते के साथ इतनी हमदर्दी दिखाने की जरूरत नहीं थी जिया”
“आह्ह्ह्ह उसे कुत्ता बुलाना बंद करो प्लीज , वो एक प्यारा और मासूम पिल्ला है चलो हम घर चलकर उसके लिए एक अच्छा सा नाम सोचते है”,जिया ने लगभग उसे खींचते हुए कहा
“तुम सच में पागल हो”,सोफी ने उसके पीछे आते हुए कहा
“हाँ शायद,,,,,,,,,,,,,,,,,पर मैं खुश हूँ”,जिया ने अपने हाथो को हवा में फैलाते हुए कहा और इस वक्त वह बहुत प्यारी लग रही थी।
सुबह के 5 बजे माया की आँख खुली। वह बिस्तर पर ईशान की बांहो में थी। उनके कपडे कमरे में यहाँ वहा बिखरे थे। ईशान गहरी नींद में था और सोते हुए बहुत ही मासूम लग रहा था। माया ने चददर से खुद को कवर किया , अपने कपडे उठाये और बाथरूम की तरफ चली गयी। कुछ देर बाद वह वापस आयी। उसने अपना बैग और फोन लिया। वह ईशान को जगाना नहीं चाहती थी उसे जल्दी यहाँ से निकलना था। उसने एक चिट पर ईशान के लिए एक मैसेज लिखा और उसे टेबल पर रखकर चली गयी। कुछ घंटो बाद ईशान की नींद खुली माया उसके साथ ही है सोचकर उसने बिस्तर पर यहाँ वहा हाथ घुमाया लेकिन माया वहा नहीं थी।
ईशान उठकर बैठ गया घडी की तरफ देखा जिसमे सुबह के 8 बज रहे थे। ईशान उठा और बाथरूम की तरफ बढ़ गया। उसने सिर्फ जींस पहन रखी थी बाकी ऊपर कुछ भी नहीं। दिल्ली की ठण्ड में भी उसे ना जाने क्यों ऐसे घूमना पसदं था। उसने फ्लेट का दरवाजा खोला सुबह का पेपर और दूध का पैकेट लेकर अंदर चला आया। उसने गैस पर कॉफी बनने के लिए रखी और कमरे में चला आया।
ईशान ने टेबल पर रखी चिट उठायी और पढ़ा जिस पर लिखा था “लास्ट नाईट वाज अमेजिंग , तुम गहरी नींद में हो इसलिए मैं तुम्हे बिना बताये जा रही हूँ। जल्दी तुमसे मिलूंगी , लव यू”
ईशान ने चिट को अपने होंठो से छुआ और उसे अपनी डायरी के पन्नो के बीच रख दिया। कॉफी लेकर ईशान बालकनी के पास चला आया उसने एक दो घूंठ ही भरे की उसका फोन बज उठा। ईशान ने फोन उठाया दूसरी तरफ से किसी की सहज आवाज आयी,”हेलो क्या मैं ईशान शर्मा से बात कर रहा हूँ ?”
“या ईशानस्पीकिंग”,ईशान ने कहा
“सर पिछले हफ्ते आपने अपना रिज्यूम हमारी कम्पनी में दिया था। आज दोपहर इंटरव्यू है अगर आप इंट्रेस्टेड है प्लीज कम मैं आपको लोकेशन और टाइम सेंड कर देता हूँ”,दूसरी तरफ से लड़के ने कहा
“या स्योर”,ईशान ने कहा और फोन काट दिया। कुछ देर बाद एक मेसेज आया जिसमे कम्पनी का नाम , एड्रेस और टाइम लिखा था।
ईशान ने देखा ये उसके फ्लेट से थोड़ा दूर था लेकिन ईशान वहा जाना चाहता था। अगले महीने उसे ऑडिशन के लिए बेंगलौर जाना था और उसके लिए उसे कुछ पैसो की जरूरत थी। ईशान ने कॉफी खत्म की और फिर आकर अपने लेपटॉप के सामने बैठ गया। आज उसका मूड काफी अच्छा था उसने कुछ ट्रेक्स रिकॉर्ड किये और वो काफी अच्छे थे। लेपटॉप पर कुछ वक्त बिताने के बाद ईशान नहाने चला गया। नाश्ता बनाने का टाइम नहीं था इसलिए उसने ब्रेड पर जेम लगाया और खाने लगा। वह तैयार हुआ और इंटरव्यू के लिए निकल गया।
“जिया ये कुछ ऑर्डर्स है इन्हे इस पते पर पहुँचाना है विथ इन 30 मिनट्स , तुम कर लोगी ना ?”,सोफी ने स्लिप जिया की तरफ बढाकर कहा
“बिल्कुल”,जिया ने स्लिप लेकर अपनी पेण्ट के पॉकेट में रखा और रेस्रो की कैप लगाकर बैग उठाकर बाहर निकल गयी। आज उसने लाइट ब्लू पेंट उस पर ब्लैक टीशर्ट पहनी थी जिस पर दो छोटे छोटे दिल बने हुए थे। साथ में उसने गर्म जैकेट और उस पर रेस्त्रो का जैकेट पहना था। बालों की पोनी टेल बना रखी थी जो की केप के साथ झूल रही थी। अपने चेहरे पर बड़ी सी स्माइल लिए वह कोई इंग्लिश गाना गुनगुनाते हुए अपने स्कूटर की तरफ आयी लेकिन स्कूटर देखते ही उसका मुंह बन गया।
स्कूटर का टायर पंचर था। उसने सामने से आते मिस्टर दयाल को देखा तो कहा,”मिस्टर दयाल स्कूटर का टायर पंचर है अब मैं आर्डर लेकर कैसे जाऊ ?”
“इसे पंचर भी तुमने ही किया है इसलिए आज के सभी आर्डर देने तुम पैदल जाओगी,,,,,,,,,,,,,,,चलो जाओ”,मिस्टर दयाल ने कहा।
“मिस्टर दयाल आप मेरे साथ इतने सख्त कैसे हो सकते है ?”,जिया ने मासूम सा मुंह बनाते हुए कहा लेकिन मिस्टर दयाल पर उसकी मासूमियत का कोई असर नहीं पड़ा और वे अंदर चले गए। जिया वही खड़ी खड़ी झूमती रही। मिस्टर दयाल ने देखा तो अपने केबिन की खिड़की से झांककर तेज आवाज में कहा,”तुम आर्डर देने जाओगी या मैं तुम्हे नौकरी से निकाल दू ?”
“ओह्ह्ह नहीं मैं जा रही हूँ,,,,,,,,,,,,,,मैं पैदल चली जाउंगी”,कहते हुए जिया ने बैग पीठ पर टांगा और पैदल ही वहा से निकल गयी। सोफी किसी काम से मिस्टर दयाल के केबिन में आयी थी उसने जब मिस्टर दयाल को जिया पर गुस्सा करते देखा तो उसे अच्छा नहीं लगा।
“सर आपको उस पर इस तरह गुस्सा नहीं करना चाहिए ? उसमे थोड़ा बचपना है पर वो अच्छी लड़की है,,,,,,,,,,,,,,आप हमेशा उसे क्यों डाँटते है ?”,सोफी ने उदास होकर कहा
मिस्टर दयाल ने सूना तो सोफी की तरफ चले आये और सहजता से कहने लगे,”मैं उसे इसलिए नहीं डाटता की वो गलतिया करती है बल्कि इसलिए डाँटता हूँ ताकि वो अपनी गलतियों से सीखे। मैं जानता हूँ वो थोड़ी मासूम और साफ दिल है लेकिन दिल्ली जैसे शहर में रहने के लिए उसका स्ट्रांग और ब्रेव होना बहुत जरुरी है। वो अच्छी लड़की है मैं जानता हूँ मैं बस इस लिए उसके साथ सख्त पेश आता हूँ ताकि वो लाइफ को थोड़ा सीरियस ले”
सोफी ने मिस्टर दयाल की बात सुनी तो उसे अहसास हुआ की दिल्ली जैसे शहर में उसे और जिया को एक बहुत ही अच्छा बॉस मिला है। वह वहा से चली गयी और अपने काम में लग गयी।
क्रमश – A Broken Heart – 6
Read More – A Broken Heart – 4
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संजना किरोड़ीवाल
मिस्टर दयाल ने सूना तो सोफी की तरफ चले आये और सहजता से कहने लगे,”मैं उसे इसलिए नहीं डाटता की वो गलतिया करती है बल्कि इसलिए डाँटता हूँ ताकि वो अपनी गलतियों से सीखे। मैं जानता हूँ वो थोड़ी मासूम और साफ दिल है लेकिन दिल्ली जैसे शहर में रहने के लिए उसका स्ट्रांग और ब्रेव होना बहुत जरुरी है। वो अच्छी लड़की है मैं जानता हूँ मैं बस इस लिए उसके साथ सख्त पेश आता हूँ ताकि वो लाइफ को थोड़ा सीरियस ले”
सोफी ने मिस्टर दयाल की बात सुनी तो उसे अहसास हुआ की दिल्ली जैसे शहर में उसे और जिया को एक बहुत ही अच्छा बॉस मिला है। वह वहा से चली गयी और अपने काम में लग गयी।
मिस्टर दयाल ने सूना तो सोफी की तरफ चले आये और सहजता से कहने लगे,”मैं उसे इसलिए नहीं डाटता की वो गलतिया करती है बल्कि इसलिए डाँटता हूँ ताकि वो अपनी गलतियों से सीखे। मैं जानता हूँ वो थोड़ी मासूम और साफ दिल है लेकिन दिल्ली जैसे शहर में रहने के लिए उसका स्ट्रांग और ब्रेव होना बहुत जरुरी है। वो अच्छी लड़की है मैं जानता हूँ मैं बस इस लिए उसके साथ सख्त पेश आता हूँ ताकि वो लाइफ को थोड़ा सीरियस ले”
सोफी ने मिस्टर दयाल की बात सुनी तो उसे अहसास हुआ की दिल्ली जैसे शहर में उसे और जिया को एक बहुत ही अच्छा बॉस मिला है। वह वहा से चली गयी और अपने काम में लग गयी।
A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5A Broken Heart – 5
Ishaan Interview per janne ke liye tayor hai..aur usne aaj tode track record kiye kyu ki uska mood accha tha.. Jiya us puppy ka kitna acche se khayal rakha.. Aur Sofy overtime kyu karna chahati yeah bi bataya..Mr.Dayal Jiya per gussa isliye hote hai ki Jiya apni life ko serious lele.. interesting Part Maam ♥♥
Pyara story hai jaha par bohot payra payra characters diya gaya hai. Yea part parkar muja lagta ha jiya ki bhi koi dard bhari story hai. Wo masoom aur bholi bhali hai lakin dil ki bohot aatchi hai. Aur Ishan jo Maya se bohot pyaar karta ha lekin sayad Maya……. Baki ma nahi bol sakti wo to kahani ka dura bhag parh kar samaj me ayga. But muja lagta ha Maya unki relationship ko seriously nahi leti. Thank you mam for giving us a lovely story stay healthy and always write story kuki har kahani kuch kahati hai.
Love your reader Raj.
Maya sirf use kr rhi h ishaan ko usse ishaan se kuch pyaar nhi h
Good luck!
Superb ❤️🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Part ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️