A Broken Heart – 46
A Broken Heart – 46
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सोफी की बात सुनकर जिया खामोश हो गयी उसकी आँखों के सामने ईशान का चेहरा घूमने लगा। ईशान के साथ बिताये पल एक एक करके उसकी आँखों के सामने आने लगे। जिया को खामोश देखकर सोफी ने उसकी बाँह छूकर कहा,”जिया तुम ठीक हो ना ?”
“हहहहह हाँ मैं ठीक हूँ चलो चलते है।”,जिया ने उदासी भरे स्वर में कहा और अपनी साइकिल थामे सोफी के साथ चल पड़ी।
सोफी जिया के हालात अच्छे से जानती थी इसलिए उसने साथ चलते हुए कहा,”क्या तुमने ईशान को इस बारे में बताया ?”
“अह्ह्ह किस बारे में ?”,जिया ने अनजान बनते हुए कहा
“यही कि तुम उसे पसंद करती हो , देखो जिया तुम्हे अब देर नहीं करनी चाहिए। तुम्हे उसे बता देना चाहिए कि तुम उसे पसंद करती हो , इस से पहले कि उसकी जिंदगी में कोई और आये,,,,,,,,,,,!”,सोफी ने जिया को समझाते हुए कहा
“हम्म्म्म लेकिन मैं उसे कैसे कह सकती हूँ ? उसके लिए मैं सिर्फ उसकी अच्छी दोस्त हूँ बस,,,,,,,,,,,,,,,,अगर मैंने उसे अपने दिल की बात कही और उसने ना बोल दिया तो सच में मेरा दिल टूट जायेगा।”,जिया ने मायूस होकर कहा
“और उस बेचैनी का क्या जिया जो तुम्हे अब हो रही है , ज़रा देखो खुद को इन दिनों तुम कितनी परेशान लगती हो,,,,,,!”,सोफी ने कहा
“मैं ईशान के लिए परेशान नहीं हूँ सोफी मेरी परेशानी की वजह कुछ और है,,,,,,,,,,!”,जिया ने कहा
“क्या मैं जान सकती हूँ वो परेशानी क्या है ?”,सोफी ने अपनेपन से कहा
“घर चलते है सोफी,,,,,,,,!”,जिया ने कहा और सोफी समझ गयी कि जिया उस से अपनी परेशानी शेयर करना नहीं चाहती है। दोनों घर की तरफ चल पड़ी।
देर रात ईशान की आँख खुली तो उसने खुद को किसी अनजान बिस्तर पर पाया। ईशान उठकर बैठ गया उसने इधर उधर देखा वो कमरा उसे जाना पहचाना लगा। ईशान की नजर सामने दिवार पर लगी माया की तस्वीर पर गयी तो ईशान एकदम से उठा और कमरे से बाहर चला आया। ईशान माया के घर में था और वह यहाँ कैसे आया उसे खुद समझ नहीं आ रहा था।
शाम में ईशान जिया के लिए चीज बन सेंडविच लेकर उस से मिलने जाने वाला था , उसने सेंडविच खरीदा भी था फिर वह जिया के पास ना जाकर माया के घर कैसे आ गया ? ईशान का सर भी बहुत दर्द कर रहा था।
ईशान जैसे ही हॉल में आया उसकी नजर डायनिंग के पास खड़ी माया पर चली गयी वह डायनिंग के पास खड़ी पानी के गिलास में चम्मच घुमा रही थी।
माया को वहा देखकर ईशान को बहुत गुस्सा आया लेकिन उसने वहा से जाना ही ठीक समझा। माया की नजर जब ईशान पर पड़ी तो वह ईशान के पास चली आयी और कहा,”उठ गए तुम , तुम ठीक हो ना ईशान ?”
“मैं यहाँ कैसे आया मैं तो,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,ईशान ने जैसे ही कहा माया ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा,”तुम उस जिया के लिए सेंडविच लेकर उस से मिलने जाने वाले थे यही ना ?”
ईशान ने सूना तो उसे हैरानी हुई और उसने कहा,”तुम्हे ये सब कैसे पता ? क्या तुम मेरी पीछा कर रही थी ? देखो माया जिया अच्छी लड़की है उस से दूर रहो तुम,,,,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह्ह तुम्हे उस लड़की की बड़ी परवाह हो रही है , कही तुम उसके साथ सोकर तो नहीं आ रहे,,,,,,,,,,,या फिर सोने का मन बना लिया है !”,माया ने बेशर्मी से कहा
माया की बात सुनकर ईशान को बहुत गुस्सा आया और उसने कहा,”सबको अपने जैसा मत समझो माया , जिया मेरी दोस्त है अगर तुमने उसके लिए ऐसे शब्द इस्तेमाल किये तो मैं भूल जाऊंगा मैंने कभी तुम से कभी प्यार किया था।”
“प्यार तो तुम मुझसे अब भी करते हो ईशान,,,,,,,,,,,,,तुम कितना भी छुपा लो लेकिन आज भी तुम मेरे लिए तड़पते हो , मेरा साथ पाने के लिए , मेरे करीब आने के लिए , बोलो बेबी यही सच है ना,,,,,,,,,,,,,!”,माया ने एकदम से ईशान को बाँहो में भरते हुए कहा
ईशान ने माया को खुद से दूर किया और कहा,”बिहेव योर सेल्फ माया,,,,,,,,अब ऐसा कुछ नहीं है।”
“कुछ नहीं बदला है बेबी,,,,,,,,,मेरे पास आओ , मेरे दिल में आज भी तुम्हारे लिए वही फीलिंग्स है वही प्यार है,,,,,,,,,,,जस्ट किस मी ईशान जस्ट किस मी,,,,,,,,,,!”,कहते हुए माया फिर ईशान के करीब आने लगी
ईशान ने माया को खुद से फिर दूर करते हुए कहा,”अपनी हद में रहो माया , तुम्हारी सगाई हो चुकी है और कुछ दिन बाद शादी भी होने वाली है।
मेरे दिल में तुम्हारे लिए अब कोई फीलिंग्स नहीं है,,,,,,,,,,,,,,सो दूर रहो मुझसे।”
“तुम्हे क्या हो गया है बेबी , पहले तो तुम मेरे दीवाने थे , मेरे पास आते ही तुम कैसे खुश हो जाते थे और अब जब मैं खुद तुम्हारे पास आना चाहती हूँ तो तुम मुझसे दूर जा रहे हो। सगाई हुई है तो क्या हुआ हम एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में भी तो रह सकते है ना,,,,,,,,,,,,,,,,,ईशान मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती , तुम्हारी बातें , तुम्हारा वो प्यार मुझे फिर से चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,प्लीज मुझसे दूर मत जाओ , मेरे पास आओ मुझे अपना बना लो
,,,,,,,,,,,,,,,,आज की ये रात हमारे बीच कोई नहीं आएगा , कोई भी नहीं,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए माया एक बार फिर ईशान से चिपक गयी
ईशान ने इस बार गुस्से से माया को साइड किया और जाने के लिए दरवाजे की तरफ बढ़ गया ये देखकर माया गुस्से से चिल्लाई,”तुम मुझे ऐसे ठुकरा कर नहीं जा सकते ईशान,,,,,,,,,,,,,,,,,,आखिर ऐसा क्या है उस लड़की में जो मुझमे नहीं है , ईशान , ईशान वापस आ जाओ , ईशान,,,,,,,,,,,,,,!!”
ईशान ने माया की एक बात नहीं सुनी और आगे बढ़ गया। चलते चलते उसने घर के डस्टबिन में फेंके गए बन सेंडविच के पैकेट को देखा। ईशान ने उसे उठाया और अपनी जेब से रुमाल निकालकर पैकेट को साफ करने लगा।
माया गुस्से और तकलीफ से उसे देखते रही , ईशान बिना कहे माया के सवाल का जवाब देकर जा चुका था और माया किसी चोट खायी नागिन की तरह फुंफकार कर रह गयी।
ईशान माया के घर से बाहर चला आया। उसे माया पर बहुत गुस्सा आ रहा था साथ ही वह याद करने की कोशिश कर रहा था कि वह माया के घर आया कैसे ? गलियों से निकलकर ईशान सड़क पर चला आया। काफी रात हो चुकी थी ईशान ने कलाई पर बंधी घडी में टाइम देखा और खुद से कहा,”मैंने जिया से किया वादा पूरा नहीं किया , उसे कितना बुरा लगा होगा पर वो इतनी अच्छी है कि जब मैं उसे बताऊंगा मैं किसी परेशानी में था तो वह मुझे माफ़ कर देगी।”
जिया का ख्याल आते ही ईशान मुस्कुरा उठा। वह फुटपाथ पर खड़े होकर ऑटो का इंतजार करने लगा। कुछ देर बाद एक ऑटो वहा से गुजरा ईशान ने उसे लिली आंटी के घर पता बताया और चलने को कहा। ऑटो में बैठा ईशान रास्तेभर माया के बर्ताव के बारे में सोचता रहा उसने अपना सर पीछे लगा लिया और आँखे मूंद ली। आज माया ने जो किया उस से वह ईशान की नजरो में गिर चुकी थी।
ईशान ने उस से प्यार किया था और माया ने उसे सिर्फ शारीरक जरूरत समझा सोचकर ईशान का मन उदास होने लगा।
“भैया पहुचं गए है।”,ऑटोवाले की आवाज से ईशान की तंद्रा टूटी और उसने ऑटो से उतरकर पैसे देते हुए कहा,”थैंक्यू।”
ऑटोवाला वहा से चला गया। ईशान सेंडविच का पैकेट सम्हाले लिली आंटी के घर के दरवाजे की तरफ आया। दरवाजा बंद था ईशान ने बेल बजाने के लिए हाथ बढ़ाया लेकिन बेल न दबाकर हाथ वापस खींच लिया और खुद में बड़बड़ाया,”इतनी रात में किसी के घर की बेल बजाना सही नहीं रहेगा , तो क्या मुझे जिया की खिड़की पर जाना चाहिए शायद कल की तरह वो वहा दिख जाये। हाँ ये ठीक रहेगा,,,,,,,,,,,,,,!”
ईशान दरवाजे से हट कर खिड़की के पास चला गया लेकिन आज जिया के कमरे की खिड़की बंद थी। ईशान उदास हो गया वह कुछ देर वही खड़े होकर खिड़की को देखता रहा और फिर लिली आंटी के घर के बगल में पड़ी बेंच पर आकर बैठ गया। ईशान ने हाथ में पकडे सेंडविच को साइड में रखा और वही बैठकर सुबह होने का इंतजार करने लगा। सुबह होने में अभी काफी वक्त था , ईशान कभी बेंच से उठकर इधर उधर घूमता ,
कभी बेंच पर आकर बैठता , कभी बेंच के हेंडल पर अपनी बाँहे रखकर खड़ा होता तो कभी बेंच पर पसर जाता लेकिन वक्त बहुत धीरे धीरे कट रहा था। थककर ईशान एक बार फिर बेंच पर आ बैठा उसकी नजर अपनी बगल में रखे चीज बन सेंडविच पर गयी तो ईशान ने उसे उठाया और खोलते हुए कहा,”सुबह तक तो ये खराब हो जायेगा एक काम करता हूँ इसे मैं ही खा लेता हूँ , वैसे भी मुझे बहुत भूख लगी है।”
ईशान ने एक टुकड़ा खाया और खुद से कहा,”अहम्म्म्म ये अभी भी तक फ्रेश है इसलिए जिया इसे इतना पसंद करती है। वैसे जैसे की चॉइस बहुत अच्छी है।”
ईशान ने पूरा सेंडविच खाया और कहा,”अहहह्म्म अब थोड़ा अच्छा लग रहा है।”
ईशान ने एक बार फिर घडी में टाइम देखा और बेंच पर लेटते हुए कहा,”सुबह होने में बस थोड़ा ही वक्त है क्यों ना मैं जिया से मिलकर ही घर जाया जाये।”
ईशान की आँख लग गयी और ऐसी लगी कि सुबह होने के बाद भी उसकी आँख नहीं खुली।
मिस्टर घोष सुबह सुबह घर का दरवाजा खोलकर बाहर आये उन्होंने ईशान को बेंच पर सोया देखा तो हैरान हुए और बड़बड़ाये,”ये तो सोफी का भाई है , पर ये बाहर क्यों सो रहा है ? शायद रात में देर से घर आया होगा,,,,,,,,,,,,,,,,,अगर लिली ने इसे यहाँ देखा तो गुस्सा होगी , उसके आने से पहले ही मुझे इसे उठाना होगा।”
“हे हेलो , ए लड़के , अह्ह्ह्ह कितना अजीब लड़का है ये तो उठ ही नहीं रहा,,,,,,,,,,,,!”,मिस्टर घोष ने ईशान को धीमी आवाज में उठाते हुए कहा लेकिन मजाल है ईशान उठ जाये।
कुछ देर बाद लिली आंटी वहा आ गयी उन्होंने ईशान को वहा देखा तो उनके चेहरे पर कठोरता के भाव आ गए उन्होंने मिस्टर घोष को देखा और आँखों के इशारो से पूछा , मिस्टर घोष ने भी हवा में अपने हाथ उठा दिए।
“जरूर ये उन दोनों लड़कियों की वजह से है , घोष जिया और सोफी को अभी यहाँ आने को कहो,,,,,,,,,,,,,,!!”,लिली आंटी ने कठोरता से कहा।
मिस्टर घोष भी लिली आंटी के गुस्से से थोड़ा डरते थे इसलिए चुपचाप अंदर गए और जिया सोफी को तुरंत बाहर आने को कहा।
“अब क्या हुआ ? मिस्टर घोष ने एकदम से बाहर आने को क्यों कहा ? जिया क्या कल रात तुमने फिर कोई गड़बड़ की है ?”,सोफी ने जिया के साथ घर से बाहर आते हुए पूछा
जिया ने जल्दी जल्दी में ना में गर्दन हिलायी और सोफी के साथ बाहर चली आयी।
दोनों लिली आंटी और मिस्टर घोष के पास आयी लिली आंटी ने जैसे ही जिया और सोफी को बेंच की तरफ देखने का इशारा किया। ईशान को वहा देखकर दोनों हैरानी से एक दूसरे का मुंह देखने लगी। ना जिया के पास कोई जवाब था ना ही सोफी के पास बस दोनों ईशान को देख रही थी। मिस्टर घोष और लिली आंटी भी ईशान को देखने लगे। चारो एक साथ खड़े थे और ईशान को घूर रहे थे। कुछ देर बाद ईशान उठा और जब उसने चारो को वहा एक साथ देखा तो घबराकर चिल्लाया।
चारो पीछे हट गए ईशान डरा हुआ सा अपने सीने पर हाथ रखे उठकर बेंच पर बैठ गया।
“इतनी सुबह सुबह तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,लिली आंटी ने ईशान को घूरते हुए पूछा
ईशान क्या जवाब देता वह कभी जिया को देखता तो कभी सोफी को,,,,,,,,,,,,,ईशान को उलझन में देखकर जिया ने कहा,”अरे लिली आंटी , मैंने ही इसे यहाँ आने को कहा था वो आज से हम लोग मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले थे ना इसलिए,,,,,,,!”
जिया की बात सुनकर सब उसकी तरफ देखने लगे , ईशान तो खुद हैरान था कि उसने जिया से ये कब कहा ?
“क्या ये सच बोल रही है ?”,लिली आंटी ने जिया की बात पर भरोसा न करके ईशान से पूछा
“अह्ह्ह अब ये कह रही है तो सच ही कह रही होगी,,,,,,,,,!”,ईशान ने झेंपते हुए कहा
लिली आंटी ने जिया की तरफ देखा तो जिया ने बड़ी सी स्माइल के साथ अपने दाँत दिखाए और अपनी आँखे टिमटिमायी।
जिया को देखकर लिली आंटी वहा से चली गयी। कुछ देर बाद मिस्टर घोष और सोफी भी चले गए। जिया ईशान के पास आयी और उसकी बाँह पर मुक्का जड़ते हुए कहा,”तुम इतनी सुबह यहाँ क्या कर रहे हो ?”
“दो घंटे बाद बैंगलोर के लिए मेरी फ्लाइट है , क्या तुम मुझे एयरपोर्ट तक छोड़ने आओगी ?”,ईशान ने एकदम से पूछा
“क्या ? तुम इतनी सुबह ये बोलने आये हो ?”,जिया ने हैरानी से कहा
“तो और मैं क्या करू ना मेरे पास तुम्हारा नंबर है , ना ही तुमसे कॉन्टेक्ट करने का कोई और जरिया है,,,,,,,,,,,,तो बताओ मैं क्या करता ?”,ईशान ने चिढ़ते हुए कहा
“अपना फोन दो,,,,,,,,,,!”,जिया ने कहा
ईशान ने अपनी जेब से फोन निकालकर जिया को दे दिया तो जिया ने उसमे अपने नंबर ऐड किये और फोन ईशान की तरफ बढ़ाकर कहा,”अब तुम जाओ , तुम्हे पैकिंग भी करनी होगी। मैं तुम से एयरपोर्ट पर मिलती हूँ।”
ईशान कुछ कहता इस से पहले ही जिया वहा से चली गयी। ईशान ने जिया का सेव किया नंबर देखा और उसे एडिट करके जिया के नाम के आगे दिल बना दिया और मुस्कुरा कर नंबर सेव करके वहा से चला गया।
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क्रमश : A Broken Heart – 47
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संजना किरोड़ीवाल
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सोफी की बात सुनकर जिया खामोश हो गयी उसकी आँखों के सामने ईशान का चेहरा घूमने लगा। ईशान के साथ बिताये पल एक एक करके उसकी आँखों के सामने आने लगे। जिया को खामोश देखकर सोफी ने उसकी बाँह छूकर कहा,”जिया तुम ठीक हो ना ?”
“हहहहह हाँ मैं ठीक हूँ चलो चलते है।”,जिया ने उदासी भरे स्वर में कहा और अपनी साइकिल थामे सोफी के साथ चल पड़ी।
सोफी की बात सुनकर जिया खामोश हो गयी उसकी आँखों के सामने ईशान का चेहरा घूमने लगा। ईशान के साथ बिताये पल एक एक करके उसकी आँखों के सामने आने लगे। जिया को खामोश देखकर सोफी ने उसकी बाँह छूकर कहा,”जिया तुम ठीक हो ना ?”
“हहहहह हाँ मैं ठीक हूँ चलो चलते है।”,जिया ने उदासी भरे स्वर में कहा और अपनी साइकिल थामे सोफी के साथ चल पड़ी।
सोफी की बात सुनकर जिया खामोश हो गयी उसकी आँखों के सामने ईशान का चेहरा घूमने लगा। ईशान के साथ बिताये पल एक एक करके उसकी आँखों के सामने आने लगे। जिया को खामोश देखकर सोफी ने उसकी बाँह छूकर कहा,”जिया तुम ठीक हो ना ?”
“हहहहह हाँ मैं ठीक हूँ चलो चलते है।”,जिया ने उदासी भरे स्वर में कहा और अपनी साइकिल थामे सोफी के साथ चल पड़ी।
Hope so maya kuch गडबड ना करे इशान माया के यहां कैसे गया🤔 and jiya hmesha bacha hi leti h Ishan ko 💜💜💜💜
Ishaan kitna pyaara h aur woh maya abhi bhi ghatiya chaal chlti rehti h
Oye hoye ye toh mazedar hissa tha…♥️😘😍♥️
Aaj maya ko samjh aa gya ki Ishan ab kabhi uska nhi ho skta
Yeh Maya he kuch kiye hoo gyi tabhi tho Ishaan uska ghar puccho gya . Accha hua ki aaj Maya ko samhja aa gya hoo gya ishaan ka dil mein uska liye koi feelings nhi hai. 💗💗♥️❤️♥️♥️
Maya ki aaj ki harkat ke wajah se voh Ishaan ki nazro me gir gayi, Ishaan ko bahut bura lag raha hai Maya ki wajah se voh Jiya se na mil paya isliye voh ghar na jakr Jiya ke ghar agaya aur bahar bait kar suhab hone ka intazaar karne laga…Aaj firse Jiya ne Ishaan ko bacha liya Lily aunty se..aur kaha ki voh time per paunch jayegi airpot aur apna number bi save kar diya uske ph me..