Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 16

A Broken Heart – 16

A Broken Heart
A Broken Heart

ईशान माया से मिलने आया था लेकिन माया उस से काफी नाराज थी। माया ईशान की भावनाओ से खेल रही थी। एक तरफ वह ईशान से प्यार करने का दावा करती और दूसरी तरफ वह देवांश के करीब जा रही थी। माया को गुस्से से देखकर ऑफिस के बाहर खड़े लोग ईशान और माया को देखने लगे। ईशान वहा किसी तरह का सीन क्रिएट करना नहीं चाहता था इसलिए चुपचाप वहा से चला गया। वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर माया उसके साथ इस तरह पेश क्यों आ रही है ? ईशान वापस अपने फ्लेट पर चला आया और आकर बिस्तर पर गिर गया। वह बस माया के बारे में सोच रहा था इसके अलावा उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।

“जिया आज के ऑर्डर्स तो कम्प्लीट हो चुके , अब तुम बिल्कुल फ्री हो”,सोफी ने काउंटर साफ करते हुए कहा
“हाँ शुक्र है ये सब खत्म हुआ,,,,,,,,,,,,,वैसे भी मै आज थोड़ा थक गयी हूँ”,जिया ने पास पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा
“क्या तुम जानती हो वो लड़का कहा रहता है ?”,सोफी ने काउंटर के दूसरी तरफ बैठते हुए कहा
“कौन लड़का ?”,जिया ने हैरानी से कहा


“वही जिसके पीछे तुम पागल हो,,,,,,,,,!”,सोफी ने कहा
“ओह्ह्ह हाँ मैं उसे कैसे भूल सकती हूँ ? लेकिन तुम उसका पता क्यों पूछ रही हो ?”,जिया ने हैरानी से पूछा
“अह्ह्ह वो मुझे उसका कोट वापस लौटाना है और उसका शुक्रिया अदा भी करना है”,सोफी ने मुस्कुरा कर कहा  
सोफी को मुस्कुराते देखकर जिया को मीठी सी जलन होने लगी वह सोफी को घूरने लगी तो सोफी ने हल्के हाथ से उसे मुक्का मारते हुए कहा,”मुझे ऐसे घूरना बंद करो , मैं तुम्हे पहले ही बता चुकी हूँ कि वो मेरे लिए भाई जैसा है और मुझे उस खड़ूस इंसान में कोई इंट्रेस्ट नहीं है”
“तुम्हारा शुक्रिया,,,,,,,,,,,,,,,,,और उसे खड़ूस मत कहो , वो बहुत हेंडसम है और क्यूट भी,,,,,,,,,,,!”,जिया ने ईशान के बारे में सोचते हुए कहा


“तो फिर क्यों ना तुम ही उसका कोट देकर उसे मेरी तरफ से शुक्रिया कह दो”,सोफी ने कहा
सोफी की बात सुनकर जिया नीचे गिरते गिरते बची और खुद को सम्हालकर कहा,”क्या ? क्या तुम सच कह रही हो ? ओह्ह्ह्ह तुम बहुत अच्छी हो बताओ मुझे कब जाना होगा ?”
“अभी चली जाओ , अह्ह्ह्ह एक मिनिट मैं उसके लिए मेरी तरफ से एक सेंडविच भी पैक कर देती हूँ , शुक्रिया के बदले”,सोफी ने वहा से जाते हुए कहा  
“हाँ हाँ तुम चाहो तो उसके लिए कुछ डोनट्स भी रख सकती हो”,जिया ने कहा लेकिन तब तक सोफी जा चुकी थी।

कुछ देर बाद सोफी ईशान का कोट और एक बॉक्स लेकर आयी जिसमे कुछ सेंडविच रखे थे। सोफी ने बॉक्स जिया को देते हुए कहा,”तुम्हे उस से शुक्रिया कहना है और ये देना है और हाँ तुम उसके सामने ज्यादा ओवरएक्टिंग मत करना। सीधा रेस्त्रो चली आना”
“मैं ये कर लुंगी , अभी मैं चलती हूँ अपना ख्याल रखना”,कहते हुए जिया ने कोट व डिब्बा उठाया और वहा से निकल गयी। जिया की जॉब खत्म होने में अभी एक घंटा बाकि था इसलिए वह स्कूटर लेकर चल पड़ी। ईशान जिस बिल्डिंग में रहता था जिया उसके बारे में जानती थी। जिया ने स्कूटर अपार्टमेंट के बाहर रोका और सामान लेकर अंदर जाने लगी। गार्ड ने जिया को नहीं रोका क्योकि कई बार जिया इस बिल्डिंग में खाने के आर्डर लेकर आया करती थी।

2 दिन से जिया ने ईशान को देखा तक नहीं था और इसलिए वह उस से मिलने के लिए कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड थी। उसके मन में तितलियाँ सी उड़ रही थी और वह मुस्कुराते हुए लिफ्ट से 7th फ्लोर पर चली आयी। ईशान के फ्लेट के सामने आकर जिया ने अपने बालों को सही किया। अपने कपड़ो को सही किया। वह चाहकर भी अपनी ख़ुशी को छुपा नहीं पा रही थी। उसने बेल बजायी और ईशान के आने का इंतजार करने लगी। काफी टाइम हो गया लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो जिया ने एक बार फिर बेल बजा दी। उसने जैसे ही तीसरी बार बेल बजाने के लिए हाथ बढ़ाया ईशान ने दरवाजा खोल दिया।  


जिया को इस वक्त वहा देखकर ईशान थोड़ा हैरान हुआ और कहा,”मैंने कोई खाना आर्डर नहीं किया”
कहते हुए ईशान ने जैसे ही दरवाजा बंद करना चाहा जिया ने उसे रोकते हुए कहा,”अरे नहीं,,,,,,,,,,,,,,,मैं यहाँ तुम्हारा आर्डर लेकर नहीं आयी हूँ मैं तो तुमसे मिलने,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“व्हाट ? तो क्या तुम मेरा पीछा करते हुए यहाँ आयी हूँ”,ईशान ने जिया की बात बीच में काटते हुए कहा  
“ओह्ह्ह नहीं तुम मुझे गलत समझ रहे हो। दरअसल मुझे सोफी ने यहाँ भेजा है”,जिया ने कहा
“सोफी ?”,ईशान ने उलझनभरे स्वर में कहा क्योकि वह किसी सोफी को नहीं जानता था


“सोफी मेरी दोस्त ,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह तुम्हे उस के बारे में कैसे पता होगा ? तुम तो मेरा नाम भी नहीं जानते , मेरा नाम जिया है”,कहते हुए जिया ने जैसे ही ईशान की तरफ हाथ बढ़ाया ईशान ने उसके हाथ को साइड में करके कहा,”मुझे तुम्हारा नाम जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है ये बताओ तुम यहाँ क्यों आयी हो ?”
“हाहहह ये सच में कितना खड़ूस है,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने ईशान को घूरते हुए कहा और फिर हाथ में पकड़ा कोट उसकी तरफ बढ़ाकर कहा,”मैं तुम्हारा कोट लौटाने आयी थी जो उस रात तुमने सोफी को दिया था। सोफी बिजी थी इसलिए उसने कहा मैं ये तुम्हे दे दू”


ईशान ने कोट देखा तो उसे वो रात याद आ गयी जब उसने एक लड़की की मदद की थी। ईशान ने कोट लिया और कहा,”हम्म्म ठीक है”
ईशान ने जैसे ही दरवाजा बंद करना चाहा जिया ने उसे फिर रोकते हुए कहा,”एक मिनिट ये भी तुम्हारे लिए है,,,,,,,,,उसने तुम्हारा शुक्रिया अदा किया है , इसमें सेंडविच और डोनट्स है”
“माफ़ करना मुझे ये नहीं चाहिए,,,,,,,,,तुम इन्हे वापस ले जा सकती हो”,ईशान ने कहा
“लेकिन उसे बुरा लगेगा,,,,,,,,,,,,,मेरे ख्याल से तुम्हे इन्हे रख लेना चाहिए। ये हमारे रेस्त्रो के सबसे फेमस डोनट्स है तुम्हे पसंद आएंगे”,जिया ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा तो ईशान दरवाजे पर खड़ा उसे घूरने लगा।

जिया ने देखा तो धीरे से कहा,”मैं इन्हे वापस लेकर नहीं जा सकती। अगर तुम्हे ये नहीं चाहिए तो मैं इन्हे बाहर रख देती हूँ।”
“जैसा तुम्हे ठीक लगे,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए ईशान ने जोर से दरवाजे को जिया के मुंह पर बंद कर दिया
 जितनी ख़ुशी से जिया यहाँ आयी थी अब उतनी ही उदास थी। उसने सेंडविच और डोनट्स के  उस डिब्बे को दरवाजे के सामने रखा और वहा से चली गयी।

अंदर आकर ईशान ने कोट को डायनिंग के पास पड़ी कुर्सी पर डाल दिया और अपने बालों में से हाथो को निकालते हुए खुद से कहा,”अह्ह्ह मुझे उसके साथ इतना बदतमीजी से पेश नहीं आना चाहिए था। मैं माया का गुस्सा किसी और पर कैसे निकाल सकता हूँ ?  
ईशान वापस आया और दरवाजा खोला तो देखा जिया वहा नहीं है बस नीचे जमींन पर डिब्बा रखा है जो जिया अपने साथ लेकर आयी थी। ईशान ने उसे उठाया और खोलकर देखा तो मुस्कुरा उठा। सेंडविच के साथ 2 डोनट्स रखे थे जिन पर स्माइली बना था। ईशान ने देखा तो मुस्कुरा उठा उसने एक डोनट उठाया और जैसे ही एक टुकड़ा खाया।

सीढ़ियों के पास से निकलकर जिया आयी और कहा,”टाडा,,,,,,,,,,मुझे पता था तुम इसे लेने वापस जरूर आओगे”
जिया को वहा देखकर ईशान खासने लगा उसे जिया में बचपना साफ दिखाई दे रहा था। ईशान ने हाथ में पकड़ा डोनट वापस डिब्बे में रखा और धीमे स्वर में कहा,”ये काफी अच्छा है”
“हाँ मैं जानती हूँ , तुम इतने भी खड़ूस नहीं हो जितना सोफी ने बताया था,,,,,,,,,,,,,,मैं चलती हूँ फिर मिलेंगे,,,,,,,,बाय”,कहते हुए जिया लिफ्ट में चली गयी और दरवाजे बंद हो गए। दरवाजे पर खड़ा ईशान बस उसे देखते रहा और फिर अंदर आकर दरवाजा बंद कर लिया।

अंदर आकर ईशान ने डोनट फिर से उठाया और खाने लगा। खाते खाते ईशान को माया का ख्याल आ गया। उसने डायनिंग पर रखा अपना फोन उठाया और देखने लगा। माया का कोई फोन या मैसेज नहीं था ईशान फिर उदास हो गया।

अपना स्कूटर लिए जिया वापस रेस्त्रो चली आयी। ईशान से मिलने के बाद वह काफी खुश थी। उसने स्कूटर साइड में लगाया और चहकते हुए अंदर चली आयी। सोफी उस वक्त किसी कस्टमर का आर्डर तैयार कर रही थी। उसने कस्टमर को सर्व किया और जिया के पास आकर कहा,”तुम काफी खुश नजर आ रही हो , कुछ हुआ है क्या ?”
“ओह्ह्ह्ह मत पूछो क्या हुआ ? मुझे अपने सामने देखकर वह ख़ुशी से फुले नहीं समाया,,,,,,,,,,,,,मैंने जब उसे जब कोट दिया तो उसने मेरे दोनों हाथो को थामकर मुझसे थैंक्यू कहा,,,,,,,,,,,और क्या तुम यकीन करोगी , जब मैंने उसे सेंडविच और डोनट्स दिए तो वो जिद करने लगा मुझे अपने हाथो से खिलाने की,,,,,,,,,,,आह्ह्ह्ह सब कितना खूबसूरत था”,जिया ने अपनी ही तरफ से कोई कहानी सुनाते हुए कहा जिस पर सोफी को बिल्कुल यकीन नहीं हुआ


“और कितना काल्पनिक भी,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने जिया की तरफ देखते हुए कहा
“हाहहहह हाँ क्या तुम्हे मेरी बात पर विश्वास नहीं है ?”,जिया ने अपनी आँखों को बड़ा करके कहा  
“तुम्हे किसी टीवी या रेडिओ चैनल पर होना चाहिए जहा तुम अपनी ये मनगढ़ंत कहानिया सूना सको। मुझे नहीं लगता उस लड़के ने ऐसा कुछ किया होगा,,,,,,,,मैंने उसे देखा है उस रात उसने मुझसे मेरा नाम तक नहीं पूछा , वो बहुत सख्त है”,सोफी ने कहा और वापस दूसरे कस्टमर की तरफ चली गयी।
“सोफी कितनी चालाक है उसने एक सेकेण्ड में मेरा झूठ पकड़ लिया”,जिया ने बच्चो की तरह मुंह बनाते हुए कहा और फिर अपना बैग लेकर घर जाने के लिए निकल गयी।  

दो दिन बाद ईशान ने नया ऑफिस ज्वाइन कर लिया। माया से उसकी बातचीत बंद थी जिस वजह से वह काफी परेशान था। इन्ही सब में एक हफ्ता गुजर गया  और ईशान की माया से सिर्फ़ 2 बार बात हुयी जिसमे सिर्फ बहस और झगड़ा हुआ। माया एकदम से ईशान को इगनोर करने लगी थी इसी के चलते वह वीकेंड पर ईशान से मिलने भी नहीं आयी। ईशान काफी परेशान रहने लगा। वह दिनभर ऑफिस में रहता और बाकि समय बस माया से बात करने और मिलने की कोशिश करता लेकिन माया ने तो जैसे उस से एकदम से किनारा कर लिया।

एक सुबह ईशान अपने कमरे में सो रहा था। आज ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए वह देर तक सोया रहा। खिड़की से आती धुप उसके चेहरे पर पड़ी तो वह कुनमुनाया और करवट ली। अगले ही पल उसका फोन बजा ईशान ने देखा माया का मैसेज था। ईशान मुस्कुरा उठा लेकिन उसने जैसे ही मैसेज खोलकर देखा उसकी मुस्कराहट गायब हो गयी और वह बैचेन हो गया। उसमे लिखा था “Lets Break-up”

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संजना किरोड़ीवाल        

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ईशान माया से मिलने आया था लेकिन माया उस से काफी नाराज थी। माया ईशान की भावनाओ से खेल रही थी। एक तरफ वह ईशान से प्यार करने का दावा करती और दूसरी तरफ वह देवांश के करीब जा रही थी। माया को गुस्से से देखकर ऑफिस के बाहर खड़े लोग ईशान और माया को देखने लगे। ईशान वहा किसी तरह का सीन क्रिएट करना नहीं चाहता था इसलिए चुपचाप वहा से चला गया। वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर माया उसके साथ इस तरह पेश क्यों आ रही है ? ईशान वापस अपने फ्लेट पर चला आया और आकर बिस्तर पर गिर गया। वह बस माया के बारे में सोच रहा था इसके अलावा उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।”जिया आज के ऑर्डर्स तो कम्प्लीट हो चुके , अब तुम बिल्कुल फ्री हो”,सोफी ने काउंटर साफ करते हुए कहा
“हाँ शुक्र है ये सब खत्म हुआ,,,,,,,,,,,,,वैसे भी मै आज थोड़ा थक गयी हूँ”,जिया ने पास पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा
“क्या तुम जानती हो वो लड़का कहा रहता है ?”,सोफी ने काउंटर के दूसरी तरफ बैठते हुए कहा
“कौन लड़का ?”,जिया ने हैरानी से कहाईशान माया से मिलने आया था लेकिन माया उस से काफी नाराज थी। माया ईशान की भावनाओ से खेल रही थी। एक तरफ वह ईशान से प्यार करने का दावा करती और दूसरी तरफ वह देवांश के करीब जा रही थी। माया को गुस्से से देखकर ऑफिस के बाहर खड़े लोग ईशान और माया को देखने लगे। ईशान वहा किसी तरह का सीन क्रिएट करना नहीं चाहता था इसलिए चुपचाप वहा से चला गया। वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर माया उसके साथ इस तरह पेश क्यों आ रही है ? ईशान वापस अपने फ्लेट पर चला आया और आकर बिस्तर पर गिर गया। वह बस माया के बारे में सोच रहा था इसके अलावा उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।”जिया आज के ऑर्डर्स तो कम्प्लीट हो चुके , अब तुम बिल्कुल फ्री हो”,सोफी ने काउंटर साफ करते हुए कहा
“हाँ शुक्र है ये सब खत्म हुआ,,,,,,,,,,,,,वैसे भी मै आज थोड़ा थक गयी हूँ”,जिया ने पास पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा
“क्या तुम जानती हो वो लड़का कहा रहता है ?”,सोफी ने काउंटर के दूसरी तरफ बैठते हुए कहा
“कौन लड़का ?”,जिया ने हैरानी से कहाईशान माया से मिलने आया था लेकिन माया उस से काफी नाराज थी। माया ईशान की भावनाओ से खेल रही थी। एक तरफ वह ईशान से प्यार करने का दावा करती और दूसरी तरफ वह देवांश के करीब जा रही थी। माया को गुस्से से देखकर ऑफिस के बाहर खड़े लोग ईशान और माया को देखने लगे। ईशान वहा किसी तरह का सीन क्रिएट करना नहीं चाहता था इसलिए चुपचाप वहा से चला गया। वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर माया उसके साथ इस तरह पेश क्यों आ रही है ? ईशान वापस अपने फ्लेट पर चला आया और आकर बिस्तर पर गिर गया। वह बस माया के बारे में सोच रहा था इसके अलावा उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।”जिया आज के ऑर्डर्स तो कम्प्लीट हो चुके , अब तुम बिल्कुल फ्री हो”,सोफी ने काउंटर साफ करते हुए कहा
“हाँ शुक्र है ये सब खत्म हुआ,,,,,,,,,,,,,वैसे भी मै आज थोड़ा थक गयी हूँ”,जिया ने पास पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा
“क्या तुम जानती हो वो लड़का कहा रहता है ?”,सोफी ने काउंटर के दूसरी तरफ बैठते हुए कहा
“कौन लड़का ?”,जिया ने हैरानी से कहाईशान माया से मिलने आया था लेकिन माया उस से काफी नाराज थी। माया ईशान की भावनाओ से खेल रही थी। एक तरफ वह ईशान से प्यार करने का दावा करती और दूसरी तरफ वह देवांश के करीब जा रही थी। माया को गुस्से से देखकर ऑफिस के बाहर खड़े लोग ईशान और माया को देखने लगे। ईशान वहा किसी तरह का सीन क्रिएट करना नहीं चाहता था इसलिए चुपचाप वहा से चला गया। वह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर माया उसके साथ इस तरह पेश क्यों आ रही है ? ईशान वापस अपने फ्लेट पर चला आया और आकर बिस्तर पर गिर गया। वह बस माया के बारे में सोच रहा था इसके अलावा उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।जिया आज के ऑर्डर्स तो कम्प्लीट हो चुके , अब तुम बिल्कुल फ्री हो”,सोफी ने काउंटर साफ करते हुए कहा
“हाँ शुक्र है ये सब खत्म हुआ,,,,,,,,,,,,,वैसे भी मै आज थोड़ा थक गयी हूँ”,जिया ने पास पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा
“क्या तुम जानती हो वो लड़का कहा रहता है ?”,सोफी ने काउंटर के दूसरी तरफ बैठते हुए कहा
“कौन लड़का ?”,जिया ने हैरानी से कहा

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