Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 15

A Broken Heart – 15

A Broken Heart
A Broken Heart

सुबह से जिया का मूड ऑफ था लेकिन बन सेंडविच मिलने के बाद वह काफी खुश नजर आ रही थी। सेंडविच खाते खाते वह घर पहुंची। घर के बगल वाली गली में ही पंचर वाला था जिया ने साईकिल को वही छोड़ा और घर चली आयी। लिली आंटी ने जिया को देखा तो कहा,”क्या बात है जिया आज तुम बड़ा खुश नजर आ रही हो ?”
“ओह्ह्ह लिली आंटी क्या आप ईश्वर में विश्वास रखती है ?”,जिया ने लिली की तरफ आकर बहुत ही रहस्य्मयी तरीके से पूछा
“ओह्ह जीसस तुम ये कैसी बातें कर रही हो ? हर इंसान को अपने ईश्वर में विश्वास रखना चाहिए”,लिली आंटी ने हैरानी से कहा
“पता है आज क्या हुआ ? आज मैंने बहुत बड़ी गड़बड़ की और मिस्टर दयाल ने मुझे पनिशमेंट दी इसलिए मैं बहुत उदास थी। घर आने से पहले मैं बन सेंडविच खाना चाहती थी पर मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं थे। मैं बहुत उदास हो गयी और मैंने अपने आप से कहा कि काश मैं अमीर होती और बन सेंडविच खा सकती,,,,,,,,,,,,तो पता है क्या हुआ ? कुछ देर बाद मेरे बगल में एक चीज बन सेंडविच रखा था और मैंने उसे खा लिया,,,,,,,,,,,,,,मैंने ईश्वर को थैंक्यू भी कहा”,जिया ने बड़े ही इंट्रेस्टिंग तरीके से अपनी कहानी लिली आंटी को सुनाते हुए कहा।
लिली आंटी ने जिया की बात सुनी और कहा,”ओह्ह्ह लड़की तुम सच में पागल हो,,,,,,,,,,,किसी अनजान आदमी ने तुम्हारे बगल में कुछ खाने का सामान रखा और तुमने खा लिया। बेवकूफ लड़की तुमने ये नहीं सोचा उसमे कुछ गड़बड़ भी सकती है। अगर उसमे जहर होता , नशे की दवा होती , कोई तुम्हे किडनेप भी कर सकता है क्या ये बात जानती हो तुम ?”


“हाहहह क्या ऐसा भी हो सकता है ? ये तो मैंने सोचा ही नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे अगर उस दिन वो हेंडसम लड़का मुझे किडनेप कर लेता तो कितना अच्छा होता”,जिया ने ख्यालों में खोकर कहा
लिली आंटी ने देखा तो उसकी बांह पर मारते हुए कहा,”तुम्हे ऐसे ही किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए,,,,,,,,,तुम बहुत मासूम हो और अभी तुम में बचपना है इसलिए अपनी जिंदगी को थोड़ा सीरियस लेना सीखो”
“मैं कोशिश करुँगी,,,,,,,,,,,,अभी मुझे बहुत नींद आ रही है मैं चलती हूँ,,,,,,,,,,,,,गुड़ नाईट”,जिया ने अपनी बाँह सहलाते हुए कहा


“गुड नाईट और  आगे से ऐसी बेवकूफी मत करना”,लिली आंटी ने कहा और वहा से चली गयी।
जिया ऊपर कमरे में चली आयी। सेंडविच खाकर उसका आधा पेट तो वैसे ही भर चुका था इसलिए उसने अपने लिए खाना नहीं बनाया और सीधा बिस्तर पर आकर गिर गयी। आज दिनभर बर्तन धोकर जिया काफी थक चुकी थी इसलिए उसे बिस्तर पर गिरते ही नींद आ गयी।  

ईशान फ्लेट पर पहुंचा। माया के घर पर हुए सीन से ईशान काफी अपसेट था उस पर माया का फोन ना उठाना उसे और परेशान कर गया। अंदर आकर ईशान ने बोतल उठायी और पानी पीने लगा। उसने एक बार फिर माया का नंबर डॉयल किया लेकिन फोन बंद ही था। ईशान अपने कमरे में चला आया और परेशान सा  बिस्तर पर आकर बैठ गया। उसकी आँखों के सामने अभी भी माया के डेड का चेहरा आ रहा था।

ईशान को अहसास हुआ कि उसने गुस्से में कुछ ज्यादा ही गलत बिहेव कर दिया उसे माया के पापा पर हाथ नहीं उठाना चाहिए था। परेशान सा ईशान उठकर कमरे में यहाँ वहा घूमने लगा। उसे भूख नहीं थी ना ही खाने का मन था इसलिए वह बिस्तर पर लेट गया। देर रात उसे नींद आ गयी।

सोफी आज वक्त से घर चली आयी उसके पास जिया के लिए कुछ डोनट्स और केक्स थे जो मिस्टर दयाल ने उसके साथ भेजे थे। सोफी कमरे में आयी देखा जिया बिस्तर पर बैठी किसी सोच में गुम है।
“हे जिया तुम अभी तक जाग रही हो ?”,सोफी ने अपने बिस्तर की तरफ आते हुए पूछा
“हाँ मुझे नींद नहीं आ रही , दरअसल मुझे भूख लगी है और मैंने रात का खाना भी नहीं खाया”,जिया ने मासूमियत से कहा
“और तुमने रात का खाना क्यों नहीं खाया ? किचन में तो सब ग्रोसरीज रखा है ना”,सोफी ने अपना कोट और स्कार्फ उतारते हुए कहा


“अगर मैंने सोफी को सच बताया तो लिली आंटी की तरह वो भी मुझ ओर गुस्सा करेगी,,,,,,,,मुझे उसे सेंडविच के बारे में नहीं बताना चाहिए”,जिया ने मन ही मन खुद से कहा और फिर सोफी कि तरफ देखकर कहा,”क्योकि आज मिस्टर दयाल की पनिशमेंट की वजह से मैं बहुत उदास थी”
“तुम्हे उनकी बातो का बुरा नहीं मानना चाहिए जिया,,,,,,,,,,,,,,वैसे मेरे पास तम्हारे लिए कुछ है और तुम्हे जानकर ख़ुशी होगी ये मिस्टर दयाल ने भेजा है , उन्होंने तुम्हे सुबह के लिए सॉरी भी कहा है”,सोफी ने डिब्बा जिया के सामने करके कहा


“क्या तुम सच कह रही हो ? ओह्ह्ह ये तो डोनट्स और केक है,,,,,,,,,,,,मिस्टर दयाल कितने अच्छे है”,जिया ने डोनट उठाकर उसे खाते हुए कहा
“तुम खाओ मैं चेंज करके आती हूँ”,कहते हुए सोफी ने कपडे उठाये और बाथरूम की तरफ चली गयी।
“हम्म्म ये काफी टेस्टी है”,जिया ने खाते हुए कहा।
कुछ देर बाद सोफी वापस चली आयी। जिया ने डिब्बा उसकी तरफ बढाकर कहा,”तुम भी लो,,,,,,,,,,,,,,,ये सब अकेले मेरे लिए ही नहीं हो सकते”


“मैंने डिनर किया था लेकिन मैं फिर भी एक लेना चाहूंगी,,,,,,,,,,,,,,,उम्मम्मम ये काफी सॉफ्ट ही और टेस्टी भी”,सोफी ने केक का एक टुकड़ा खाते हुए कहा
जिया और सोफी ने सब खाया और फिर सोने चली गयी।

ईशान रात भर ठीक से सो नहीं पाया उसके जहन में बस माया और उस से जुड़े ख्याल चलते रहे। सुबह ईशान उठा तो उसके सर में हल्का हल्का दर्द होने लगा। ईशान उठकर किचन में आया और अपने लिए कॉफी बनाने लगा। इन दिनों ईशान काफी उलझा हुआ महसूस कर रहा था। उसके पेरेंट्स चाहते थे कि वह वापस घर आ जाये। माया उसका फोन नहीं उठा रही थी।

वह ऑडिशन के लिए अपने काम पर भी ध्यान नहीं दे पा रहा था। ना उसके पास जॉब थी और धीरे धीरे सब पैसे भी खत्म हो रहे थे। ईशान ने कॉफी बनाई और लेकर बालकनी में चला आया। कॉफी पीते हुए वह बाहर देखने लगा। बाहर आज काफी ठण्ड थी और बारिश का मौसम भी हो रहा था। कॉफी पिने के बाद ईशान नहाने चला गया। नहाकर वह तैयार हुआ और टेबल पर रखा इंटरव्यू कॉल लेटर उठाया और फ्लेट से बाहर निकल गया। ईशान को फ़िलहाल जॉब की काफी ज्यादा जरूरत थी ताकि वह ऑडिशन तक दिल्ली में सर्वाइव कर पाए।

ऐड कम्पनी से कुछ पहले ही ये बिल्डिंग थी जहा ईशान इंटरव्यू देने आया था। ईशान ने इंटरव्यू दिया हालाँकि उसे ये जगह और जॉब पसंद नहीं आयी लेकिन मज़बूरी में उसे हाँ कहना पड़ा। मैनेजर ने उसे 2 दिन बाद ज्वाइन करने को कहा। ईशान मैनेजर को थैंक्यू बोलकर वहा से चला गया। पास ही माया का ऑफिस था इसलिए वह पैदल ही चल पड़ा। कल से माया उस से बात नहीं कर रही थी ना ही उसके फोन और मैसेज का जवाब दे रही थी।

ईशान ऐड कम्पनी में चला आया और रिसेप्शन पर आकर कहा,”मिस माया को बुला देंगे प्लीज”
“माया मेम अभी किसी मीटिंग में है उन्होंने आपको वेट करने को कहा है”,रिसेप्शन पर बैठी लड़की ने कहा
“ओके थैंक्यू”,ईशान ने कहा और वेटिंग एरिया में रखे सोफे पर आकर बैठ गया। बैठा बैठा ईशान बोर होने लगा तो उसने वहा रखे मैगजीन्स में से एक उठाई और उसके पन्ने पलटने लगा।

मीटिंग रूम में बैठी माया किसी सोच में डूबी हुयी थी। मीटिंग खत्म हुए 10 मिनिट हो चुके थे और सब अपने अपने केबिन में जा चुके थे लेकिन माया अभी भी वही बैठी थी। देवांश किसी काम से मीटिंग रूम में आया उसने माया को अकेले बैठे देखा तो उसके पास आया और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”माया आर यू ओके ?”
“ओह्ह्ह तुम , तुम कब आये ?”,माया जैसे नींद से जागी।
“मेरी छोडो तुम बताओ , तुम इतना परेशान क्यों हो ?”,देवांश ने माया के बगल में पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा
देवांश की बात सुनकर माया खामोश हो गयी।

देवांश ने अपना हाथ माया के हाथ पर रखा और बड़े प्यार से कहा,”माया तुम मुझे बता सकती हो , बताओ क्या हुआ ? आज से पहले मैंने तुम्हे कभी इतना परेशान नहीं देखा”
देवांश का अपनापन देखकर माया कहने लगी,”मैं डेड को लेकर थोडा परेशान हूँ। कल ईशान ने उनके साथ जो किया उसके बाद मैं डेड से नजरे भी नहीं मिला पा रही हूँ। मैं चाहती थी बाकी दोस्तों की तरह ईशान भी मॉम-डेड से मिले लेकिन ईशान ने उनके साथ,,,,,,,,,,,,,,,मैंने कभी सोचा नहीं था। डेड मुझसे बहुत नाराज है,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे तो समझ नहीं आ रहा मैं उन्हें कैसे समझाऊ ?”


देवांश ने माया को परेशान देखा तो उसे अच्छा नहीं लगा उसने माया के हाथ को थोड़ा और कसकर पकड़ा और कहने लगा,”माया बुरा मत मानना लेकिन तुम टेलेंटेड , फैशनेबल और वैल्युएबल होकर भी उस ईशान के साथ क्या कर रही हो ? आई मीन ना उसका कोई स्टेंडर्ड है ना ही वो अपनी लाइफ को लेकर सीरियस है,,,,,,,,,,,,मुझे नहीं लगता वो किसी भी एंगल वो तुम्हारे लायक है और शायद तुम्हारे डेड को भी यही लगता है।”
देवांश की बात सुनकर माया उसे देखने लगी और कुछ देर बाद कहा,”मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है

देवांश,,,,,,,,,,,,,,ईशान कुछ सालो से मेरा अच्छा दोस्त है वो इस शहर में अकेले रहता है इसलिए मैं कभी कभार उस से मिलने उसके घर चली जाती हूँ , उसे पैम्पर करती हूँ , उसकी परवाह करती हूँ लेकिन उसे मेरी फीलिंग्स से कोई फर्क नहीं पड़ता”
कहते हुए माया अपनी आँखों के किनारे साफ करने लगी। देवांश ने माया को इमोशनल होते देखा तो आगे बढ़कर उसे गले लगाया और उसकी पीठ सहलाने लगा।    


माया देवांश के गले लगी रही।
“माया मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।  तुम इतना मत सोचो सब ठीक हो जायेगा। अगर तुम कहोगी तो मैं तुम्हारे डेड से बात करूँगा,,,,,,,,,,,,,वो मान जायेंगे , एंड मत भूलो आई ऍम ऑलवेज विथ यू”,देवांश ने माया की गर्दन सहलाते हुए कहा। देवांश की छुअन से माया को एक सिहरन सी होने लगी। वह देवांश से दूर हट गयी लेकिन अभी भी उसके काफी करीब थी। दोनों के चेहरे एक दूसरे के आमने सामने थे। माया को चुप देखकर देवांश ने धीमी आवाज में कहा,”ईशान के पीछे अपनी फीलिंग्स और अपना वक्त बर्बाद मत करो। तुम बहुत खूबसूरत हो , स्टाइलिश हो और टेलेंटेड हो माया एंड यू डिजर्व बेटर,,,,,,,,,,,,यू आर समथिंग”


देवांश की बात सुनकर और उसके करीब आकर माया का दिमाग कुछ पल के लिए ब्लेंक हो गया। उसने अपने होंठो को देवांश के होंठो की तरफ बढ़ाया और उसमे खो गयी।
मीटिंग रूम में इस वक्त बस वो दोनों थे और दोनों एक दूसरे के काफी करीब थे। कुछ देर बाद माया को होश आया वह देवांश से दूर हटी और उठकर जाने लगी। देवांश भी अपनी कुर्सी से उठा और माया का हाथ पकड़कर उसे जाने से रोक लिया।

उसने माया को अपने सामने किया और उसके चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहने लगा,”मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ माया और हमेशा तुम्हारा साथ निभाना चाहता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,आई नो बहुत जल्दी है लेकिन क्या कल शाम हम दोनों मिल सकते है ? तुम्हारे फेवरेट रेस्त्रो में,,,,,,,,,,,,,,मुझे तुम से कुछ जरुरी बात करनी है।”


माया ने देवांश की आँखो में एक अलग ही आकर्षण देखा साथ ही अपने लिए प्यार भी,,,,,,,,,,,माया ने हाँ में गर्दन हिला दी देवांश ने उसे वहा से जाने दिया।

माया मीटिंग रूम से बाहर आयी उसने अपने बालों को सही किया। बैग से छोटा मिरर निकाला खुद को उसमे देखा और अपने होंठो पर लगी लिपस्टिक को सही करने लगी। खुद को तैयार कर वह लिफ्ट में चली। लिफ्ट निचे आकर रुकी , माया अपना बैग लिए वहा से जाने लगी। ईशान ने जैसे ही माया को बाहर जाते देखा तो उठकर उसके पीछे आया। ईशान ऑफिस से बाहर चला आया और देखा माया पार्किंग की तरफ जा रही है।

ईशान माया के पास आया और उसके सामने आकर कहा,”माया,,,,,,,,,,,,,मैं तुमसे मिलने आया था , और पिछले कई घंटो से मैं तुम्हारा वेट कर रहा था ,, तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही हो ? मैं जानता हूँ मुझसे गलती हुई है लेकिन वो सब हीट ऑफ़ द मोमेंट हो गया माया”

माया ने ईशान की बात सुनी और जाने लगी तो ईशान ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”माया मैं यहाँ तुमसे बात करने आया हूँ , ऐसे इग्नोर तो मत करो,,,,,,,,,,,,,,,तुम कहोगी तो मैं तुम्हारे डेड से माफ़ी मांगने के लिए भी तैयार हूँ लेकिन तुम मुझसे नाराज मत रहो प्लीज,,,,,,,,,,तुम जानती हो मैं तुम्हारी नाराजगी बर्दास्त नहीं कर सकता,,,,,,,,,,,,,,और ये सब छोडो तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठा रही हो ?”,ईशान ने परेशानी भरे स्वर में कहा  


“नहीं उठाया फोन क्योकि मुझे नहीं बात करनी थी तुम से,,,,,,,,,,,,,!!”,माया ने थोड़ा गुस्से से चिल्लाकर कहा तो ईशान ने उसका हाथ छोड़ दिया। माया को गुस्से में देखकर ईशान थोड़ा हैरान भी हुआ। अगले ही पल वह माया के पास आया और उसकी बाँहो को थामकर कहने लगा,”क्यों क्यों बात नहीं करनी मुझसे , आई नो माया मुझसे गलती हुई है और उसके लिए मैं बहुत शर्मिंदा भी हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,पर तुम तो मुझे समझती हो ना माया,,,,,,,!!”


“मुझे इस वक्त तुमसे कोई बात नहीं करनी तुम जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,!!”,माया ने ईशान को पीछे धकेलते हुए कहा और वहा से चली गयी। ईशान वही खड़ा हैरानी  से उसे जाते हुए देखता रहा।  

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संजना किरोड़ीवाल 

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सुबह से जिया का मूड ऑफ था लेकिन बन सेंडविच मिलने के बाद वह काफी खुश नजर आ रही थी। सेंडविच खाते खाते वह घर पहुंची। घर के बगल वाली गली में ही पंचर वाला था जिया ने साईकिल को वही छोड़ा और घर चली आयी। लिली आंटी ने जिया को देखा तो कहा,”क्या बात है जिया आज तुम बड़ा खुश नजर आ रही हो ?”
“ओह्ह्ह लिली आंटी क्या आप ईश्वर में विश्वास रखती है ?”,जिया ने लिली की तरफ आकर बहुत ही रहस्य्मयी तरीके से पूछा
“ओह्ह जीसस तुम ये कैसी बातें कर रही हो ? हर इंसान को अपने ईश्वर में विश्वास रखना चाहिए”,लिली आंटी ने हैरानी से कहा
“पता है आज क्या हुआ ? आज मैंने बहुत बड़ी गड़बड़ की और मिस्टर दयाल ने मुझे पनिशमेंट दी इसलिए मैं बहुत उदास थी। घर आने से पहले मैं बन सेंडविच खाना चाहती थी पर मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं थे। मैं बहुत उदास हो गयी और मैंने अपने आप से कहा कि काश मैं अमीर होती और बन सेंडविच खा सकती,,,,,,,,,,,,तो पता है क्या हुआ ? कुछ देर बाद मेरे बगल में एक चीज बन सेंडविच रखा था और मैंने उसे खा लिया,,,,,,,,,,,,,,मैंने ईश्वर को थैंक्यू भी कहा”,जिया ने बड़े ही इंट्रेस्टिंग तरीके से अपनी कहानी लिली आंटी को सुनाते हुए कहा।
लिली आंटी ने जिया की बात सुनी और कहा,”ओह्ह्ह लड़की तुम सच में पागल हो,,,,,,,,,,,किसी अनजान आदमी ने तुम्हारे बगल में कुछ खाने का सामान रखा और तुमने खा लिया। बेवकूफ लड़की तुमने ये नहीं सोचा उसमे कुछ गड़बड़ भी सकती है। अगर उसमे जहर होता , नशे की दवा होती , कोई तुम्हे किडनेप भी कर सकता है क्या ये बात जानती हो तुम ?”

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