Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 12

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A Broken Heart
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A Broken Heart – 12

देर रात सोफी घर पहुंची। उसने स्कूटर को साइड लगाया और डुप्लीकेट चाबी से दरवाजा खोलकर अंदर चली आयी। आज घटी घटना से सोफी थोड़ा परेशान थी वह सीढ़ियों से ऊपर चली आयी। अंदर आकर उसने देखा जिया सो चुकी है। सोफी ने अपना बैग रखा , ईशान का जैकेट उतारा और उसे कमरे में लगी रेंक पर टाँग दिया। सोफी ने बाथरूम में आकर हाथ मुँह धोये और बाहर चली आयी। वह काफी थक चुकी थी इसलिए बिस्तर की तरफ चली आयी। उसने नीचे पड़े जिया के कंबल को उठाया और जिया को अच्छे से ओढ़ाकर अपने बिस्तर पर चली आयी। सोफी बिस्तर पर आकर लेट गयी लेकिन नींद आँखों से कोसो दूर थी उसकी आँखों के सामने अब भी कुछ देर पहले घटी घटना आ रही थी। अगली सुबह सोफी जल्दी उठ गयी और नहाने चली गयी। नहाकर सोफी बाहर आयी तो उसने देखा जिया रेंक पर टंगे उस जैकेट के पास खड़ी है और उसे देख रही है। जिया ने पलटकर सोफी को देखा और कहा,”ये किसका है ? ये तुम्हारा तो बिल्कुल नहीं हो सकता क्योकि काफी महंगा लग रहा है।”
जिया की बात सुनकर सोफी ने उसे रात में घटी घटना के बारे में सब बता दिया। जिया हैरानी से सुनते रही और फिर कहा,”तो इसका मतलब ये जैकेट तुम्हे उस लड़के ने दिया जो उस दिन रेस्त्रो आया था ?”


“हाँ और उसने उन लड़को से मेरी जान भी बचाई। वो बहुत अच्छा लड़का है।”,सोफी ने सोचते हुए कहा
“मैंने तो तुम से पहले ही कहा था कि वो बहुत अच्छा है,,,,,,,,,,,,,,,पर कही तुम उसे पसंद करने का तो नहीं सोच रही,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह्ह नहीं सोफी उसे मेरे लिए छोड़ दो प्लीज , तुम ऐसे अपनी इकलौती दोस्त की सौतन नहीं बन सकती,,,,,,,,,,,,प्लीज मुझ पर दया करो”,जिया ने कहा
सोफी ने सूना तो थोड़ा हैरान हुयी और फिर कहा,”तुम जैसा सोच रही हो वैसा कुछ भी नहीं है। उसने मेरी मदद की और वो अच्छा इंसान है,,,,,,,,,,,,,,वो मेरे भाई जैसा है मैं उसके बारे में ऐसा वैसा कुछ नहीं सोच रही”


सोफी की बात सुनकर जिया ने खुश होते हुए कहा,”ओह्ह्ह्ह तुम कितनी अच्छी हो मैं तुम्हे हम दोनों की शादी पर जरूर बुलाऊंगी”
“पागल,,,,,,,,,,,मैं नहा चुकी हूँ तुम भी जाकर नहा लो फिर हमे रेस्त्रो भी जाना है। मैं तब तक हम दोनों के लिए कुछ नाश्ता बना लेती हूँ”,सोफी ने किचन एरिया की तरफ जाते हुए कहा लेकिन जिया के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी वह बस अपने गालों को हाथ लगाए प्यार से उस जैकेट को देख रही थी जो की ईशान का था। कुछ देर बाद जैकेट की जगह उसे ईशान दिखाई देने लगा। जिया हसने लगी , उसकी हंसी सुनकर सोफी ने पलटकर कहा,”जिया जल्दी करो हमे देर हो जाएगी”


सोफी की आवाज सुनकर जिया अपने ख्यालों से बाहर आयी और जल्दी से कपडे लेकर बाथरूम की तरफ भागी। जिया नहाकर आयी और तैयार होने लगी तब तक सोफी ने दोनों के लिए नाश्ता लगा दिया था। दोनों ने नाश्ता किया और फिर अपना अपना बैग लेकर रेस्त्रो के लिए निकल गयी। सोफी ने ईशान के जैकेट को भी ले लिया ताकि उसे लौटा सके।
नीचे आकर जिया जैसे ही अपनी साईकिल की तरफ जाने लगी सोफी ने कहा,”आज हम स्कूटर से चलते है”
“तुम स्कूटर से जाओ मैं अपनी साईकिल से आउंगी , मुझे शाम में वापस भी तो आना होगा और मेरे पास ऑटो या बस के लिए ज्यादा पैसे नहीं है”,जिया ने अपनी साईकिल लेकर वहा से जाते हुए कहा


ईशान अपने बिस्तर पर सो रहा था। डोरबेल से उसकी नींद खुली वह बिस्तर से उठा और आकर दरवाजा खोला सामने माया खड़ी थी। ईशान को तो अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ कि माया सुबह सुबह उसके सामने खड़ी है। माया शायद अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगने आयी है सोचकर ईशान ने उसे अंदर आने को कहा। माया अंदर चली आयी उसने अपना पर्स डायनिंग पर रखा और ईशान के पास आकर कहा,”ये सब क्या है ईशान ?”
“तुम किस बारे में बात कर रही हो ?”,ईशान ने पूछा


“बेबी तुम जानते हो ना ऐड कम्पनी में कितना काम होता है और बचा हुआ काम मुझे घर आकर करना होता है। हफ्ते के 6 दिन इसी में निकल जाते है और ये समझने के बजाय तुम बार बार मुझसे नाराज होते रहते हो। हर वीकेंड मैं तुम्हारे साथ होती हूँ ना अब और क्या चाहिए तुम्हे ?”,माया ने परेशानी भरे स्वर में कहा


“मैं चाहता पूरा वीक हम साथ रहे , तुम अपना काम करो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है बस हर शाम तुम मेरे साथ हो। हम साथ में डिनर करे , अच्छा टाइम स्पेंड करे , सुबह उठने के बाद सबसे पहले मुझे तुम्हारा चेहरा देखने को मिले मैं बस ये चाहता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,माया तुम नहीं जानती तुम मेरे लिए क्या हो ?”,ईशान ने माया के करीब आकर उसे अपने करीब करते हुए कहा और उसकी आँखों में देखने लगा।

कुछ देर के लिए माया भी खामोश हो गयी और ईशान की आँखों में देखने लगी।
माया की आँखों में देखते हुए ईशान ने कहा,”लेटस गेट मैरिड ?”
“व्हाट ? आर यू सीरियस ? ईशान मैंने इस बारे में अभी कुछ सोचा नहीं है”,माया ने एकदम से ईशान से दूर होकर कहा


“इसमें सोचना क्या है माया ? हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते है , शादी क्यों नहीं कर सकते ? वैसे भी मैं यहाँ सिर्फ तुम्हारे लिए हूँ। शादी के बाद हम लोग मॉम डेड के पास चले जायेंगे और उनके साथ रहेंगे”,ईशान ने माया की बाँहे थामकर कहा


“नो ईशान ! हमारी शादी का फैसला करने वाले तुम अकेले कौन होते हो ? मेरे कुछ ड्रीम्स है अम्बिशनस है जिन्हे मुझे पूरा करना है। मैं अभी ये शादी जैसे रिश्ते में बंधना नहीं चाहती”,माया ने सीरियस होकर कहा
माया को सीरियस देखकर ईशान खामोश हो गया।

वह ख़ामोशी से कुछ देर तक एकटक माया को देखता रहा और फिर एकदम से हसने लगा। उसे हसंते देखकर माया हैरानी से उसे देखने लगी वह समझ नहीं पायी की ईशान हंस क्यों रहा है ? ईशान हँसते रहा और फिर माया के कंधो पर हाथ रखकर उसे शीशे के सामने करते हुए कहा,”जरा अपनी शक्ल देखो शादी के नाम से कितना परेशान हो गयी तुम”


“मतलब ?”,माया ने उलझनभरे स्वर में पूछा
“अरे मैं बस मजाक कर रहा था”,ईशान ने हँसते हुए कहा। माया ईशान की तरफ पलट गयी तो ईशान उसके थोड़ा करीब आया और कहने लगा,”माया जब तक मैं तुम्हारे लायक नहीं बन जाता , जब तक सेटल नहीं हो जाता मैं तुम्हे शादी के लिए नहीं कहूंगा इसलिए तुम्हे परेशान होने की जरूरत नहीं है।”


“ओह्ह्ह तुमने तो मुझे डरा ही दिया था।”,माया ने गहरी साँस लेते हुए कहा
“बाय द वे आज तुम इतनी सुबह सुबह ?”,ईशान ने पानी का बोतल माया की तरफ बढ़ाते हुए कहा
माया ने पानी पीया और कहा,”एक्चुली मैं तुम्हे लंच के लिए इन्वाइट करने आयी थी”
“ओह्ह्ह लेकिन ये तुम फोन पर भी बता सकती थी”,ईशान ने कहा


“हाँ लेकिन ये थोड़ा स्पेशल लंच है इसलिए मैं पर्सनली इन्वाइट करने आयी हूँ।”,माया ने मुस्कुराकर कहा तो ईशान हैरानी से उसे देखने लगा
माया ईशान के पास आयी और उसकी बाँह थामकर कहा,”आज के लंच पर मॉम डेड तुम से मिलना चाहते है। मेरे कुछ फ्रेंड्स भी आ रहे है तो उन्होंने कहा मैं तुम्हे भी बुला लू ताकि वो तुम से मिल सके।”


ईशान ने सूना तो उसका चेहरा ख़ुशी से खिल उठा।
“ओके बेबी अभी मैं चलती हूँ मुझे ऑफिस जाना है और हाँ तुम टाइम से पहुँच जाना , मैं वेट करुँगी”,कहते हुए माया ने ईशान के गाल पर किस किया और वहा से चली गयी। ईशान माया को छोड़ने गेट तक चला आया।

माया वहा से चली गयी। ईशान ने दरवाजा बंद किया और अंदर चला आया वह आज बहुत खुश था। पहली बार वह माया के घर लंच पर जाने वाला है सोचकर ही ईशान के चेहरे पर स्माइल आ जा रही थी।

सोफी और जिया रेस्त्रो पहुंची और अपने काम में लग गयी। ईशान जिस अपार्टमेंट में रहता था वहा से रेस्त्रो 1 किलोमीटर की दूरी पर ही था। सोफी ने जिया को कुछ ऑर्डर्स दिए के साथ स्लिप देकर कहा,”ये लो आज का पहला ऑर्डर और इसे वक्त से पहुँचाना है”


“ओके मैं ये कर लुंगी”,कहते हुए जिया ने बॉक्स उठाये और वहा से चली गयी। अपनी मंजिल की तरफ जाते हुए जिया की नजर ट्रेफिक पर पड़ी तो उसने अपने स्कूटर को वापस घुमा लिया और वन वे रोड पर चली आयी।

उसे आर्डर समय पर पहुँचाने की जल्दी थी इसलिए उसने स्पीड भी थोड़ी तेज कर ली और यही जिया ने गलती की उसने सामने से आती गाड़ी को नहीं देखा ना ही गाड़ी ने कोई हॉर्न दिया। स्कूटर सीधा उसमे जा लगा। पीछे रखे बॉक्स उछले और यहाँ वह बिखर गए।

जिया ने उन्हें समेटा लेकिन अंदर रखा सब खाना बर्बाद हो चुका था। जिया ने रोनी सी सूरत बना ली।
वो गाड़ी किसी और की नहीं बल्कि माया की थी। माया गाड़ी से उतरकर जिया के पास आयी और अफ़सोस जताते हुए कहा,”चचचचच बेचारी,,,,,,,,,,,तुम्हारा तो काफी नुकसान हो गया , अब तुम इसकी भरपाई कैसे करोगी ?”


जिया ने देखा वह गाड़ी माया की है तो वह उठी और उसके सामने आकर कहा,”तुमने ये ठीक नहीं किया,,,,,,,,,,,,,तुमने सारा खाना बर्बाद कर दिया”


“हाहहहहह उलटा चोर कोतवाल को डांटे , वैसे तुमने कल जो मेरी इमेज ख़राब की उसके सामने ये खाना तो कुछ भी नहीं,,,,,,,,,,,,,,अब हटाओ अपना ये खतरा स्कूटर और मेरी गाड़ी को रास्ता दो”,माया ने अकड़ते हुए कहा और अपनी गाड़ी में जा बैठी

जिया ने अपना गिरा हुआ स्कूटर उठाया और साइड कर लिया। माया अपनी गाड़ी लेकर वहा से चली गयी। जिया को माया पर बहुत गुस्सा आ रहा था उसने अपने हाथ में पकड़ी अपनी कैप गाड़ी के पीछे फेंकते हुए कहा,”तुम बहुत बुरी हो”

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संजना किरोड़ीवाल

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देर रात सोफी घर पहुंची। उसने स्कूटर को साइड लगाया और डुप्लीकेट चाबी से दरवाजा खोलकर अंदर चली आयी। आज घटी घटना से सोफी थोड़ा परेशान थी वह सीढ़ियों से ऊपर चली आयी। अंदर आकर उसने देखा जिया सो चुकी है। सोफी ने अपना बैग रखा , ईशान का जैकेट उतारा और उसे कमरे में लगी रेंक पर टाँग दिया। सोफी ने बाथरूम में आकर हाथ मुँह धोये और बाहर चली आयी। वह काफी थक चुकी थी इसलिए बिस्तर की तरफ चली आयी। उसने नीचे पड़े जिया के कंबल को उठाया और जिया को अच्छे से ओढ़ाकर अपने बिस्तर पर चली आयी। सोफी बिस्तर पर आकर लेट गयी लेकिन नींद आँखों से कोसो दूर थी उसकी आँखों के सामने अब भी कुछ देर पहले घटी घटना आ रही थी। अगली सुबह सोफी जल्दी उठ गयी और नहाने चली गयी। नहाकर सोफी बाहर आयी तो उसने देखा जिया रेंक पर टंगे उस जैकेट के पास खड़ी है और उसे देख रही है। जिया ने पलटकर सोफी को देखा और कहा,”ये किसका है ? ये तुम्हारा तो बिल्कुल नहीं हो सकता क्योकि काफी महंगा लग रहा है।”
जिया की बात सुनकर सोफी ने उसे रात में घटी घटना के बारे में सब बता दिया। जिया हैरानी से सुनते रही और फिर कहा,”तो इसका मतलब ये जैकेट तुम्हे उस लड़के ने दिया जो उस दिन रेस्त्रो आया था ?”देर रात सोफी घर पहुंची। उसने स्कूटर को साइड लगाया और डुप्लीकेट चाबी से दरवाजा खोलकर अंदर चली आयी। आज घटी घटना से सोफी थोड़ा परेशान थी वह सीढ़ियों से ऊपर चली आयी। अंदर आकर उसने देखा जिया सो चुकी है। सोफी ने अपना बैग रखा , ईशान का जैकेट उतारा और उसे कमरे में लगी रेंक पर टाँग दिया। सोफी ने बाथरूम में आकर हाथ मुँह धोये और बाहर चली आयी। वह काफी थक चुकी थी इसलिए बिस्तर की तरफ चली आयी। उसने नीचे पड़े जिया के कंबल को उठाया और जिया को अच्छे से ओढ़ाकर अपने बिस्तर पर चली आयी। सोफी बिस्तर पर आकर लेट गयी लेकिन नींद आँखों से कोसो दूर थी उसकी आँखों के सामने अब भी कुछ देर पहले घटी घटना आ रही थी। अगली सुबह सोफी जल्दी उठ गयी और नहाने चली गयी। नहाकर सोफी बाहर आयी तो उसने देखा जिया रेंक पर टंगे उस जैकेट के पास खड़ी है और उसे देख रही है। जिया ने पलटकर सोफी को देखा और कहा,”ये किसका है ? ये तुम्हारा तो बिल्कुल नहीं हो सकता क्योकि काफी महंगा लग रहा है।”
जिया की बात सुनकर सोफी ने उसे रात में घटी घटना के बारे में सब बता दिया। जिया हैरानी से सुनते रही और फिर कहा,”तो इसका मतलब ये जैकेट तुम्हे उस लड़के ने दिया जो उस दिन रेस्त्रो आया था ?”

देर रात सोफी घर पहुंची। उसने स्कूटर को साइड लगाया और डुप्लीकेट चाबी से दरवाजा खोलकर अंदर चली आयी। आज घटी घटना से सोफी थोड़ा परेशान थी वह सीढ़ियों से ऊपर चली आयी। अंदर आकर उसने देखा जिया सो चुकी है। सोफी ने अपना बैग रखा , ईशान का जैकेट उतारा और उसे कमरे में लगी रेंक पर टाँग दिया। सोफी ने बाथरूम में आकर हाथ मुँह धोये और बाहर चली आयी। वह काफी थक चुकी थी इसलिए बिस्तर की तरफ चली आयी। उसने नीचे पड़े जिया के कंबल को उठाया और जिया को अच्छे से ओढ़ाकर अपने बिस्तर पर चली आयी। सोफी बिस्तर पर आकर लेट गयी लेकिन नींद आँखों से कोसो दूर थी उसकी आँखों के सामने अब भी कुछ देर पहले घटी घटना आ रही थी। अगली सुबह सोफी जल्दी उठ गयी और नहाने चली गयी। नहाकर सोफी बाहर आयी तो उसने देखा जिया रेंक पर टंगे उस जैकेट के पास खड़ी है और उसे देख रही है। जिया ने पलटकर सोफी को देखा और कहा,”ये किसका है ? ये तुम्हारा तो बिल्कुल नहीं हो सकता क्योकि काफी महंगा लग रहा है।”
जिया की बात सुनकर सोफी ने उसे रात में घटी घटना के बारे में सब बता दिया। जिया हैरानी से सुनते रही और फिर कहा,”तो इसका मतलब ये जैकेट तुम्हे उस लड़के ने दिया जो उस दिन रेस्त्रो आया था ?”देर रात सोफी घर पहुंची। उसने स्कूटर को साइड लगाया और डुप्लीकेट चाबी से दरवाजा खोलकर अंदर चली आयी। आज घटी घटना से सोफी थोड़ा परेशान थी वह सीढ़ियों से ऊपर चली आयी। अंदर आकर उसने देखा जिया सो चुकी है। सोफी ने अपना बैग रखा , ईशान का जैकेट उतारा और उसे कमरे में लगी रेंक पर टाँग दिया। सोफी ने बाथरूम में आकर हाथ मुँह धोये और बाहर चली आयी। वह काफी थक चुकी थी इसलिए बिस्तर की तरफ चली आयी। उसने नीचे पड़े जिया के कंबल को उठाया और जिया को अच्छे से ओढ़ाकर अपने बिस्तर पर चली आयी। सोफी बिस्तर पर आकर लेट गयी लेकिन नींद आँखों से कोसो दूर थी उसकी आँखों के सामने अब भी कुछ देर पहले घटी घटना आ रही थी। अगली सुबह सोफी जल्दी उठ गयी और नहाने चली गयी। नहाकर सोफी बाहर आयी तो उसने देखा जिया रेंक पर टंगे उस जैकेट के पास खड़ी है और उसे देख रही है। जिया ने पलटकर सोफी को देखा और कहा,”ये किसका है ? ये तुम्हारा तो बिल्कुल नहीं हो सकता क्योकि काफी महंगा लग रहा है।”
जिया की बात सुनकर सोफी ने उसे रात में घटी घटना के बारे में सब बता दिया। जिया हैरानी से सुनते रही और फिर कहा,”तो इसका मतलब ये जैकेट तुम्हे उस लड़के ने दिया जो उस दिन रेस्त्रो आया था ?”

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