मैं तेरी हीर – 9
Main Teri Heer – 9
heart a brokenbroken heart a
Main Teri Heer – 9
अनु से बात करने के बाद मुरारी सड़क पार कर अपनी जीप की तरफ जाने लगा तभी उसका फोन फिर बजा मुरारी को लगा अनु ने फिर से फोन किया है तो वो जेब से फोन निकालते हुए बड़बड़ाया,”यार जे मिश्राइन भी , ज़रा भी चैन नहीं है इनको,,,,,,अब का,,,,,!!”
मुरारी इतना ही बोल पाया की तभी उसके दांयी तरफ से आती बाइक लड़खड़ाई और मुरारी को टक्कर मारकर तेजी से वहा से चली गयी।
बेचारा मुरारी लड़खड़ा कर नीचे आ गिरा जिस से पैर और हाथ पर चोट लग गयी
“अबे ससुरे अंधे हो का ? देख के नाही चला सकते , जे आजकल के लौंडो को बस बाइक दे दो हाथ में खुद को जॉन अब्राहम समझने लगते है।”,मुरारी ने उठने की कोशिश करते हुए कहा लेकिन पैर में लगी चोट के कारण उठ नहीं पाया और अब मुरारी की उम्र भी होने लगी थी। दिल उसका आज भी 22 साल का हो पर उम्र का क्या वो तो 50 पर कर चुकी थी ना।
मुरारी ने देखा हाथ पर लगी चोट से खून भी चिलकने लगा है। उसने मदद के लिये इधर उधर देखा लेकिन इस वक्त उस कौन ही मिलता , तभी लाल रंग वाली वो बला दौड़ते हुए मुरारी के पास आयी और मुरारी के पैर को हाथ लगाते हुए कहा,”अरे आपको तो चोट लगी है,,,,,,,,!!”
मुरारी ने जैसे ही सामने देखा हैरान रह गया ये तो वही महिला थी जिसे उस शाम मुरारी ने मार्किट में देखा था और मुरारी के साथ साथ पुरे बनारस की नजर इस बवाल पर थी।
एक पल को मुरारी भी पिघल गया लेकिन अगले ही पल उसे याद आया वो शादीशुदा है इसलिए महिला के हाथो से अपने पैरो को दूर करते हुए कहा,”अरे अरे जे का कर रही हो , हमारे पैरो को हाथ ना लगाओ,,,,,,,,!!”
“मुझे देखने तो दीजिये , देखिये ना कितना चोट लगा है आपको , खून भी बह रहा है। लाईये दिखाईये”,महिला ने बहुत ही रुमानियत से कहा ये सुनकर मुरारी के मन में एक झुरझुरी सी होने लगी उसने तुरंत खुद को सम्हाला और उठते हुए कहा,”नहीं इसकी कोनो जरूरत नहीं है , हम ठीक है,,,,,,!!”
मुरारी उठा लेकिन पैर में चोट के साथ साथ मोच भी आ गयी थी शायद इसलिए जैसे ही उठा फिर लड़खड़ाया और महिला ने उसे थाम लिया।
“देखा मैं कह रही थी ना चोट लगी है , यही पास में मेरा घर है आप मेरे साथ वहा चलिए मैं आपकी मरहम पट्टी कर देती हूँ।”,महिला ने मुरारी को सहारा देकर आगे बढ़ते हुए कहा
बेचारा मुरारी उसे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था क्या करे और क्या नहीं लेकिन इस वक्त वहा उस महिला और उसके अलावा कोई था भी तो नहीं। मुरारी उसका सहारा लेकर अपनी जीप तक आया और कहा,”बहुते शुक्रिया , जे हमारी जीप है हम इस से घर चले जायेंगे,,,,,,,,,,,,आप परेशान ना हो।”
“अरे लेकिन आप अकेले कैसे जायेंगे और फिर आपके हाथ में भी चोट लगी है , आप हमारे साथ आईये।”,महिला ने मुरारी की बाँह पकड़कर उसे अपने साथ ले जाने की कोशिश करते हुए कहा
हालाँकि महिला काफी खूबसूरत थी मुरारी की जगह कोई और होता तो उसकी बातो में आ भी जाता लेकिन यहाँ मुरारी ने खुद को सम्हाल लिया और धीरे से अपनी बाँह उसके हाथ से छुडाते हुए कहा,”देखिये ऐसा है अभी बज रहे ही रात के 11 और आप है महिला और हम है पुरुष तो इती रात में आपके साथ आपके घर जाना तो हुआ गलत , आपने हमारी मदद की बहुत बहुत सुक्रिया और घर हम खुद चले जायेंगे,,,,,,,,,!!”
“अरे लेकिन आप अकेले कैसे जायेंगे ? ठीक है मुझे बताईये आपका घर कहा है मैं आपको अपनी गाड़ी से वहा छोड़ देती हूँ।”,महिला ने कहा
“अगर जे हमको घर छोड़ने गयी और मैगी ने हमको इह के साथ देख लिया तो इसका पता नहीं मैगी हमको कही का ना छोड़ेगी,,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं मिश्रा जे रिस्क ना ही लेना अपनी फूलनदेवी के साथ पता चला भैया के घर जाने के बजाय कल भैया ही तुम्हरे अंतिम संस्कार मा पहुंचे,,,,,,,,!!”,मुरारी ने मन ही मन खुद से कहा
मुरारी को सोचते देखकर महिला ने कहा,”क्या हुआ किस सोच में पड़ गए आप ? देखिये आप जैसा सोच रहे है मैं वैसी लड़की नहीं हूँ,,,,,,,,,!!”
“है लड़की ?”,मुरारी ने महिला को ऊपर से नीचे तक देखकर कहा जो कि लड़की तो किसी भी एंगल से नहीं लग रही थी।
मुरारी की बात सुनकर महिला झेंप गयी और कहा,”मेरा मतलब मैं ऐसी औरत नहीं हूँ बस आपको परेशानी में देखा तो कहा”
“लगता है आप बनारस मा नयी आयी है वरना जे ना कहती,,,,,,,,,,,,,आप घर जाईये हम खुद से चले जायेंगे।”,मुरारी ने कहा तो महिला ने कुछ नहीं कहा और कुछ ही दूर खड़ी अपनी गाड़ी की तरफ चली गयी।
मुरारी भी अपनी जीप में आ बैठा और स्टार्ट कर वहा से निकल गया हालाँकि दर्द उसे काफी हो रहा था पर मुरारी ने उसे अपने चेहरे पर आने नहीं दिया। मुरारी ने जीप महिला की गाड़ी के पास रोकी और कहा,”सुनिए ! आईन्दा से इतनी रात में किसी अकेले मर्द की मदद करने का ख्याल ना लाना , का है कि हर कोई मुरारी मिश्रा नहीं न होता है। चलते है हर हर महादेव,,,,,,,!!”
“हर हर,,,,,,,,,,,,,,,,महा देव”,महिला ने कहा लेकिन मुरारी तब तक अपनी जीप लेकर वहा से जा चुका था। महिला ने जाती हुई जीप को देखा और अपने बालों की लट को ऊँगली में घुमाते हुए कहने लगी,”बनारस में नयी हुई तो क्या हुआ मिश्रा जी आप से जान पहचान तो करनी ही पड़ेगी। वैसे भी “उर्वशी” की आँखों को एक बार जो भा जाता है वो उसे अपना बनाकर ही रहती है।”
“मैडम चले ?”,ड्राइवर ने आकर महिला से कहा जिसका नाम उर्वशी था।
उर्वशी गाड़ी की पिछली सीट पर आ बैठी और ड्राइवर से चलने को कहा। अगले ही पल गाड़ी तेजी से वहा से निकल गयी।
शिवम् का घर , रात 10 बजे
पिछले 15 मिनिट से मुन्ना वंश के कमरे में उसके बिस्तर पर बैठा वंश के बाथरूम से बाहर आने का इंतजार कर रहा था। थक कर मुन्ना उठा और कमरे में यहाँ वहा घूमने लगा और अगले ही पल उसके कानों में वंश के गाने की आवाज पड़ी
“मेरे ख्वाबो में जो आये , आके मुझे छेड़ जाए , उस से,,,,,,,,,,,,,कहो कभी सामने तो आये
मेरे ख्वाबों में जो आये,,,,,,,,,,,,,!!”
वंश के मुंह से ऐसा गाना सुनकर मुन्ना थोड़ा हैरान हुआ और फिर ऊँची आवाज में कहा,”वंश तुम बाहर आते हो या हम अंदर आ जाये ?”
जवाब में वंश बाथरूम का दरवाजा खोला और बाहर आया। मुन्ना ने देखा वंश ने बस कमर पर सफ़ेद तौलिया लपेट रखा था और अपने गीले बालों को हाथ से झटक रहा था।
“ये क्या हो गया है तुझे ऐसे लड़कियों वाले गाने तू कब से गाने लगा ?”,मुन्ना ने ड्रेसिंग के पास आकर कहा
“क्यों गानों पर क्या सिर्फ लड़कियों का कॉपी राइट है ? और तू इस वक्त यहाँ क्या कर रहा है ? तुम्हारी सगाई हो चुकी है तुम्हे अब मुझसे मिलने का टाइम कहा?”,वंश ने शिकायती लहजे में कहा
“माफ़ करना हम जानते है तुम हम से नाराज हो इसलिए तो तुम्हे मनाने यहाँ आये है।’,मुन्ना ने कहा
“तुम्हे माफ़ी मांगने की जरूरत नहीं है वैसे तुम चाहो तो हम तुम्हे ऐसे ही माफ़ कर देंगे बस तुम्हे एक काम करना होगा।”,वंश ने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहनकर मुन्ना के पास आते हुए कहा
“बताओ क्या करना होगा ?”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“मेरा बैग पैक कर दो प्लीज,,,,,,,,,,!!”,वंश ने मासूम सा मुंह बनाते हुए कहा
मुन्ना समझ गया ये उसके लिए माफ़ी मांगने से भी ज्यादा मुश्किल काम होने वाला था क्योकि पैकिंग के नाम पर वंश अपना पूरा वॉडरोब जो पैक करने वाला था। मुन्ना वंश को हाँ बोल चुका था इसलिए वंश की बात मानने के अलावा उसके पास दुसरा कोई रास्ता भी नहीं था।
“ठीक है हम कर देंगे,,,,,,,,!”,मुन्ना ने वंश की तरफ देखकर कहा लेकिन अगले ही पल उसकी नजर ड्रेसिंग के शीशे पर लिखे शब्दों पर पड़ी। वंश की नजर भी मुन्ना पर ही थी। मुन्ना कही शीशे पर लिखे शब्दों को देख ना ले सोचकर वंश एकदम से शीशे के सामने आया और अपना सर सहलाते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह ठीक है फिर चलो मिल के करते है।”
“एक मिनिट हमे देखने दो वहा कुछ है।”,मुन्ना ने वंश को साइड करने की कोशिश करते हुए कहा लेकिन वंश के कदम तो जैसे वहा हम ही गए थे
वह बिल्कुल नहीं हटा उलटा हाथ में पकड़ा तौलिया ड्रेसिंग पर डालते हुए कहा,”वहा कुछ भी नहीं है गौरी के साथ रहकर तुम भी आजकल खुद को जेम्स बांड समझने लगे हो।”
कहते हुए वंश मुन्ना को बिस्तर की तरफ ले आया जहा उसके कपडे बिखरे हुए थे
“अच्छा ये सब में गौरी बीच में कहा से आ गयी ?”,मुन्ना ने वंश के साथ बिस्तर की तरफ आते हुए कहा
वंश नीचे कालीन पर बैठा और अपना बड़ा सा खाली सूटकेस खोलते हुए कहा,”गौरी मेरी भाभी बाद में है और मेरी दोस्त पहले है समझा और उसे मैं कही भी ला सकता हूँ।”
“ए तमीज से दोस्त पहले थी अब वो सिर्फ तुम्हारी होने वाली भाभी है,,,,,,,,,,,,सो उसे गौरी नहीं गौरी भाभी कहो।”,मुन्ना ने वंश के बिखरे कपडे साइड कर बैठते हुए कहा
“अच्छा बेटा मिस गौरी,,,,,,,,,,,,मेरा मतलब भाभी के लिए अभी से इतना पजेसिव”,वंश ने मुन्ना को ताना मारते हुए कहा
“हम कोई पजेसिव वजेसिव नहीं हो रहे है , वैसे भी कभी कभी वो हमे बहुत ऑक्वर्ड सिचुएशन में डाल देती है।”,मुन्ना ने गौरी की हरकतों को याद करते हुए कहा
“अच्छा क्या किया उसने ? कितनी क्यूट तो है यार वो और प्यारी भी , तू बस जब देखो तब उसकी शिकायते ही करता रहता है।”,वंश ने कहा और फिर मन ही मन खुद से कहा,”उस छिपकली से तो कई गुना ज्यादा अच्छी है वो , हुंह मुंबई की छिपकली”
“अच्छा हम शिकायत करते है , तुम्हे पता है कल शाम उसने क्या किया ?”,मुन्ना ने कहा
“अच्छा बताओ क्या किया ?”,वंश ने पूछा तो मुन्ना ने उसे बीती शाम वाली सारी बातें वंश को बता दी और वंश का हंस हंस कर बुरा हाल हो गया।
हँसते हँसते वह खाँसने लगा मुन्ना ने देखा तो उठा और पानी का ग्लास लेकर उसे पानी पिलाते हुए कहा,”आराम से वंश”
“खौ खौ अरे मैं ठीक हूँ मुन्ना मुझे तो बस मुरारी चाचा का सोचकर हंसी आ रही है , क्या मस्त बहू मिलने वाली है उनको गौरी के रूप में,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए वंश फिर हसने लगा
मुन्ना जमीन से उठकर बिस्तर पर बैठा और कहा,”तुम्हे हंसी आ रही है हम तो ये सोच रहे है शादी के बाद हमारा क्या होगा ?”
“कुछ नहीं होगा मुन्ना तुम और गौरी साथ में बहुत खुश रहने वाले हो , तुम्हारी जिंदगी में ऐसी ही लड़की की जरूरत थी जो तुम्हे हंसा सके और तुम्हारा ख्याल रखे और गौरी ये दोनों कर सकती है , सो चिल,,,,,,!!”,वंश ने अपना एक शर्ट समेटते हुए कहा
मुन्ना ने देखा वंश शर्ट को कैसे भी उलटा सीधा समेट रहा है तो उसने कहा,”तुम रहने दो ये हम कर देंते है तुम से नहीं होगा,,,,,,,,,,,!”
“ओह्ह्ह थैंक्यू”,वंश ने उठते हुए कहा और शर्ट मुन्ना की तरफ फेंक दी और खुद कबर्ड से अपना सामान लेने लगा।
“वैसे तुमने बड़ी माँ से क्यों नहीं कहा पैकिंग के लिये ?”,मुन्ना ने बाकी कपडे तह करते हुए कहा
“अरे नहीं तुम्हे पता भी है वो शाम से बस किचन में लगी हुई है जब उन्हें पता चला कल सुबह मैं जा रहा हूँ तो बस वो मेरे लिए सूखे नाश्ते और ना जाने क्या क्या बनाने लगी।
मैंने उन्हें मना भी किया कहा मुंबई में सब मिलता है पर वो माँ ठहरी मेरी कहा सुनेगी। जाकर देख लो अभी भी कुछ ना कुछ बना ही रही होंगी।”,वंश ने कुछ बैग लेकर मुन्ना की तरफ आते हुए कहा
“वो इसलिए क्योकि बड़ी माँ तुम से बहुत प्यार करती है। तुम से क्या वो तो हर किसी से बहुत प्यार करती है। हर किसी पर अपनी ममता और अपना स्नेह लुटाती है। महादेव उन्हें लम्बी उम्र दे और हमेशा खुश रखे बस”,मुन्ना ने थोड़ा भावुक होते हुए कहा
“अरे अरे अरे बस करो मेरे श्रवण कुमार मैंने माँ क्या नाम क्या लिया तुम तो इमोशनल हो गए। माँ के नाम पर इमोशनल हो रहे हो मैं दूर जा रहा हूँ इसका दुःख नहीं है तुम्हे ?”,वंश ने कहा
वंश की बात सुनकर मुन्ना के हाथ रुक गए। इतने सालो में कभी नहीं हुआ कि वंश मुन्ना से दूर गया हो।
ऑडिशन के लिए भी पहली बार गया था लेकिन तब मुन्ना को उम्मीद थी वंश जल्दी वापस आ जाएगा पर इस बार वंश बहुत लम्बे वक्त के लिए जा रहा था और मुन्ना को ये भी नहीं पता था वापस कब आएगा ?
मुन्ना वंश की शर्ट को हाथो में लेकर खामोश बैठा था और फिर कुछ देर बाद उस शर्ट को साइड में रखकर कहा,”इसे हम रख लेते है। और हमे तुम्हारे जाने का बिल्कुल दुःख नहीं है और हम तुम्हे बिल्कुल मिस नहीं करने वाले है समझे तुम”
वंश ने सूना तो मुस्कुराया क्योकि वह जानता था मुन्ना झूठ बोल रहा है वह वंश को बहुत मिस करने वाला है। वंश ने कुछ नहीं कहा और मुस्कुराते हुए अपना बैग जमाने लगा।
वंश को मुस्कुराते देखकर मुन्ना ने पास पड़ा कुशन उस पर फेंक कर मारा और कहा,”हंसो मत , हम तुम्हे बहुत मिस करने वाले है,,,,,,,,,,,,,गौरी से भी ज्यादा।”
“हाँ पता है मुझे,,,,,,,,,,,,,मैं तो बस तुझे छेड़ रहा था।”,वंश ने कहा तो मुन्ना प्यार से उसे देखने लगा और बीते वक्त के बारे में सोचने लगा। उसे महसूस हुआ वक्त कितनी जल्दी गुजर गया।
अगले ही पल मुन्ना का फोन बजा वंश ने देखा गौरी का फोन है तो उसने फोन उठाकर स्पीकर पर डाल दिया और कहा,”हेल्लो गौ,,,,,,,,,,,,,,आई मीन गौरी भाभी , मैं और मुन्ना अभी आप की ही बात कर रहे थे।”
“हैं,,,,,,,,,,,,,क्या सच में ? और ये गौरी भाभी क्या है तुम मुझे गौरी बुला सकते हो।”,गौरी ने कहा
“वही तो मैंने भी कहा कुछ देर पहले मुन्ना से कि मैं तुम्हे गौरी बुला सकता हूँ लेकिन आपके मिस्टर हस्बेंड तो गुस्सा हो गए इसलिए मुझे आपको भाभी बुलाना पड़ रहा है ,
कही गुस्से में आकर इसने मेरा सर फोन दिया तो ? अभी मेरी उम्र ही क्या है ?”,वंश ने नौटंकी करते हुए कहा
“क्या ? क्या मुन्ना ने ऐसा कहा ?”,गौरी ने हैरानी से कहा
“गौरी तुमने इस वक्त फोन क्यो किया ?”,मुन्ना ने वंश के बोलने से पहले ही पूछ लिया
“तुम कितने अनरोमांटिक हो मान , क्या मैं तुम्हे फोन भी नहीं कर सकती ?”,गौरी ने तुनक कर कहा
“हाँ हाँ मान तुम कितने अनरोमांटिक हो,,,,,,,,,,,क्या बेचारी गौरी तुम्हे फोन भी नहीं कर सकती हाँ बोलो,,,,,,,,!!”,वंश ने गौरी की नकल करते हुए कहा
बेचारा मुन्ना गौरी और वंश के बीच फंस गया और जैसे ही फोन को लाउडस्पीकर से हटाना चाहा वंश से ना में गर्दन हिलाते हुए उसे घुरा मुन्ना को रुकना पड़ा।
“देखा वंश ये मुझसे बिल्कुल प्यार नहीं करता है इस से अच्छा तो मैंने तुम्हारा प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया होता और तुमसे शादी कर ली होती”,गौरी ने मुन्ना से नाराज होते हुए कहा हालाँकि वंश के साथ मिलकर वह भी बस मुन्ना के मजे ले रही थी
“वैसे अभी भी देर नहीं हुई है तुम चाहो तो मैं तैयार हूँ तुम हाँ बोल सकती हो।”,वंश ने मुन्ना को देखकर कहा
“हाँ क्या सच में ?”,गौरी ने ऐसे खुश होकर कहा जैसे वो वंश के इसी जवाब के इंतजार में हो
“तुमसे तो मैं बाद में बात करूँगा और तुम , क्या कहा तुमने तुम अभी भी तैयार हो , गौरी के मुंह से हाँ सुननी है तुम्हे ,, रुको हम सुनाते है हाँ”,कहते हुए मुन्ना वंश के पीछे भागने लगा। कॉल चालू था और उस भागम भाग को गौरी सुन पा रही थी।
“अरे मुन्ना मैं तो बस मजाक कर रहा था , अरे सच में मुझे गौरी नहीं चाहिए मेरे भाई उस बवाल को मैं सम्हाल भी नहीं पाऊंगा इतना पेशेंस नहीं है मुझमे,,,,,,,,,,,,अच्छा बाबा ठीक है सॉरी,,,,,,,,,,,,गौरी मेरी भाभी है और हमेशा मेरी भाभी ही रहेगी।”,वंश ने मुन्ना के आगे भागते हुए कहा लेकिन अंत में हार मान ही ली।
उसके पीछे भागते हुए मुन्ना ने उसे पकड़कर उसे बिस्तर पर गिराया और कहा,”अगर आईन्दा से तुमने ऐसा कहा ना हम जान ले लेंगे तुम्हारी,,,,,,,,,,,गौरी सिर्फ हमारी है।”
“हाँ बाबा ठीक है गौरी सिर्फ तुम्हारी है। अब छोड़ मुझे साँस नहीं आ रहा है।”,वंश ने कहा तो मुन्ना उसे छोड़कर साइड हो गया वही उसके बगल में लेटकर फोन कान से लगाते हुए कहा,”हेलो , हाँ गौरी शर्मा अब बोलो , क्या कह रही थी तुम ? हम प्यार नहीं करते तुम से”
गौरी को तो जैसे होश ही नहीं था कुछ देर पहले ही मुन्ना के कहे गए शब्द “गौरी सिर्फ हमारी है” अभी तक उसके कानों में गूंज रहे थे वह तो किसी बुत की तरह फोन कान से लगाए बस बैठी थी
“हेलो हम तुम से बात कर रहे है , गौरी , गौरी कुछ बोलोगी भी या नही”,मुन्ना ने कहा
“आई लव यू”,गौरी ने धीमे स्वर में कहा जिसे सुनकर मुन्ना का दिल धड़क उठा और वह कुछ पल के लिए खामोश हो गया।
“फिर से कहो,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“आई लव यू,,,,,,,!!”,गौरी ने इस बार थोड़े ज्यादा प्यार से कहा जिसे सुनकर तो मुन्ना के दिल के तार ही झनझना उठे और उसने एक गहरी साँस लेकर कहा,”हम तुम से बाद में बाद करते है।”
“हम्म्म ठीक है मैं और वंश बस तुम्हे परेशान कर रह रहे थे। गौरी शर्मा सिर्फ मान मिश्रा की है और उसी की रहेगी।”,गौरी ने कहा
“हम्म्म हम जानते है हमे बुरा नहीं लगा , हम तुम से कल बात करे,,,,,,,,,,,,,,,देखो बुरा मत मानना वंश कल मुंबई जा रहा है और हमे बस जाने से पहले उसके साथ थोड़ा वक्त बिताना है,,,,,,,,,,,,आई होप तुम समझ रही हो हम क्या कहना,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने इतना ही कहा कि गौरी ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा,”अरे तुम भी ना मान , मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगेगा आई नो वंश तुम्हारे कितना करीब है और अभी तुम्हे उसके साथ ही रहना चाहिए मेरे साथ तो तुम जिंदगीभर रहने वाले हो। मजे करो,,,,,,,,,,,,!”
“ए उस से बात तो,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने सूना तो कहा उसे मुन्ना का गौरी को इस तरह इग्नोर करना अच्छा नहीं लगा लेकिन मुन्ना ने हाथ आगे कर उसे रोक दिया और गौरी से कहा,”तो हम फोन रख दे।”
“हाँ लेकिन उस से पहले मुझे कुछ चाहिए,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“इस वक्त तुम्हे क्या चाहिए ?”,मुन्ना ने पूछा
“वही,,,,,,,,,,,,अरे समझ जाओ ना अब क्या मुझे तुम्हे हर बात कहकर बतानी पड़ेगी ?”,गौरी ने धीमी आवाज में कुनमुनाते हुए कहा
“हम अभी भी नहीं समझे गौरी तुम्हे क्या चाहिए”,मुन्ना ने असमझ की स्तिथि में कहा लेकिन वंश समझ गया गौरी को मुन्ना से क्या चाहिए था इसलिए वह दबी सी हंसी हंसने लगा।
“वही जो कल मैंने गलती से तुम्हारे पापा को दे दी थी , फोन रखने से पहले हमे एक किस चाहिए।”,गौरी ने बच्चो की तरह मचलते हुए कहा
मुन्ना ने सुना तो खाँसने लगा और कहा,”गौरी हम वंश के साथ है , हम सुबह फोन करते है।”
“नहीं पहले किस दो फिर फोन रखो”,गौरी जिद पर अड़ गयी
बेचारा मुन्ना उसने बेचारगी से वंश को देखा तो वंश ने उठते हुए कहा,”दे दो वैसे भी एक किस बड़ी बात नहीं है,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने सूना तो उसे और ज्यादा शर्म आने लगी अब तो वंश को भी पता था कि गौरी मुन्ना से फोन पर क्या मांग रही है।
मुन्ना को चुप देखकर वंश कमरे की खिड़की के पास चला गया और खिड़की खोलकर बाहर देखते हुए कहा,”दे दो मुन्ना , इतना प्यार करने वाली लड़की किस्मत से मिलती है वरना हमे देख लो ना किस अच्छा मिला न किस्मत,,,,,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने सूना तो उसने धीरे से गौरी को एक किस दिया और फोन काट दिया लेकिन अगले ही पल वंश की कही बात उसके कानों में फिर रिवाईंड हुई और उसने कहा,”अभी क्या कहा तुमने ?”
“मैंने कहा तुम्हारी किस्मत बहुत अच्छी है।”,वंश ने अपने दोनों हाथो को बांधकर खिड़की से पीठ लगाते हुए कहा और मुन्ना बिस्तर पर बैठा बस उसे ही देख रहा था। खिड़की के पास खड़ा वंश आज वंश नहीं लग रहा था उसकी आँखों में खालीपन था।
Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9
Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9
Continue With Part Main Teri Heer – 10
Read Previous Part मैं तेरी हीर – 8
Follow Me On facebook
संजना किरोड़ीवाल
sanjana kirodiwal bookssanjana kirodiwal ranjhana season 2sanjana kirodiwal kitni mohabbat haisanjana kirodiwal manmarjiyan season 3sanjana kirodiwal manmarjiyan season 1
Very nice part
Yr mujhe na Munna aur Gauri ki love story bahut zyada achchi lagti hai aur unn dono ki baate to mazedaar hoti hai…bechra Munna…well dekhna hoga ki Vansh Mumbai m Nishi k sath ikraar krta hai ki nhi….aur Urvashi naam ki kya Bala hai yr
Bahut interesting part aur gauri aur munna ki love story bahut achi hai aur murari ki zindagi mai bawal hone wala hai ab to mahadev he bachaye murari ko urvashi se
😍😍😍
Munna aur gauri ki story bahut amazing 😍 h ek bilkul shant aur dusra hasmukh
Har Har Mahadev 🙏
Very interesting part
Kaash chipkali bhi jldi hi vansh k pyaar ko samajh paaye
Murari k jivan me Urvashi nam ki Bala aa gai h ab dekhte h aage kya hota h Murari ki life me aur bechara Maan gauri ki bato Se Har bar Sharma jata h aur vansh ki life me nishi ke pyar ki entry ho chuki h ab dekhte h aage kya hota h
Yeah urvasi ek irade tikh nahi hai Murari is bach ke rahe toh fayda hai nahi toh yeah uske jeevan baval la degi..Munna aur Gauri ke bich ki conversion mast hai aur Vansh bi maaze le raha hai Munna ko chedne ke..Vansh Munna aur Gauri ko kush dekh kar bahut kush hai aur Munna dekh pa raha hai ki Vansh kitna lonely mehsoos kar raha hai…nice part Maam♥♥