Sanjana Kirodiwal

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Who is Next ? – 4

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Who is Next ? – 4


पुलिस स्टेशन आकर राघव शालिनी के बारे में सोचने लगा। राघव ही इन दोनों मर्डर को इन्वेस्टीगेट कर रहा था। कुछ देर बाद राघव का जूनियर आया और कहा,”सर आपको क्या लगता है वह लड़की सच बोल रही थी या फिर झूठ ?”
“कोई भी कातिल आकर सीधा सीधा क्यों कहेगा की खून उसने किया है ? और फिर उस लड़की को देखकर लगता नहीं है की वो किसी का इतनी बेरहमी से खून कर सकती है।

हो ना हो ये लड़की कही ना कही इस केस में इन्वॉल्व है कातिल इसे फसाकर खुद बचना चाहता है। इस लड़की की पूरी डिटेल्स मुझे चाहिए और हां डॉक्टर आशुतोष की भी”,राघव ने कहा और फिर अपने काम गया !
शालिनी घर के अंदर आयी उसे देखते ही निधि ने कहा,”सुबह से कहा गायब है तू शालिनी ? तुझे पता है मैं कितना परेशान हो गयी थी और ये क्या हालत बना रखी है तुमने ? शालिनी हुआ क्या है कुछ तो बताओ ?”


शालिनी फूटफूट कर रोने लगी और जब थोड़ा नार्मल हुई तो निधि को सारी बात बता दी। वे सब बातें सुनते हुए निधि की आँखों में एक अलग ही चमक थी ऐसे लग रहा था जैसे निधि चाहती थी की ये सब हो। शालिनी की बात खत्म होने के बाद निधि ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा,”तुम चिंता मत करो आज मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे रूम में सो जाती हूँ , कल सुबह ही हम पास वाले मंदिर के पंण्डित जी को घर बुलाएँगे और पूछेंगे की ये सब क्यों हो रहा है ?”


शालिनी ने निधि की बात मान ली दोनों ने खाना खाया और शालिनी के कमरे में सोने चली आयी। डर के मारे शालिनी को देर रात तक नींद नहीं आयी और सुबह के 3 बजे तक वह जग रही थी निधि आराम से उसकी बगल में लेटी थी आज घर में कोई ऐसी घटना नहीं घटी जिस से शालिनी डरे , कुछ देर बाद शालिनी को नींद आ गयी आज रात उसे कोई सपना नहीं आया सुबह वह उठी और नहाकर निधि के साथ मंदिर चली आयी उन्होंने पंडित जी से घर चलने की रिक्वेस्ट की।

पंडित जी उनके साथ ही घर चले आये। शालिनी और निधि घर के एक कोने में खड़ी रही पंडित जी ने अपने हाथो में पवित्र जल लिया और पुरे घर का मुआयना करने के बाद आकर दोनों से कहा,”इस घर में एक बुरी आत्मा का साया है ,और वो आत्मा आज या कल से नहीं बल्कि पिछले 2 हफ्तों से तुम्हारे साथ इस घर में है”
शालिनी ने सूना तो डर से उसकी आँखे फ़ैल गयी उसने निधि से कहा,”देखा मैंने कहा था ना इस घर में कुछ है , वो सब मेरा वहम नहीं था सब सच था”


निधि ने पंडित जी से कहा,”अब हम क्या करे पंडित जी ?”
“वह आत्मा बहुत जिद्दी है और तुमसे (शालिनी) कुछ चाहती है ,, बेहतर होगा तुम ये घर छोड़कर कही दूर चली जाओ। तुम्हारी रक्षा के लिए ये धागा तुम्हारे हाथ पर बांध देता हूँ , महादेव तुम्हारी रक्षा करे”,कहते हुए पंडित जी ने एक धागा शालिनी की कलाई पर बांध दिया और वहा से चले गए।

उनके जाते ही निधि के होंठो पर एक रहस्य्मयी मुस्कान तैर गयी और उसने शालिनी से कहा,”शालिनी मेरी मानो तो हम यहाँ से चलते है , तुम भी अपने घर चली जाओ। ये जगह अब हमारे रहने के लिए सही नहीं है।”
“नहीं निधि मैं कही नहीं जाउंगी जब तक मैं इन सब राजो के बारे में पता ना लगा लू मैं यहाँ से नहीं जाउंगी। वो बुरी आत्मा मुझसे क्या चाहती है ? मेरा उस से क्या रिश्ता है ? वो मुझे परेशान क्यों कर रही है ये जाने बिना मैं इस घर से नहीं जाउंगी”,कहते हुए शालिनी अपने कमरे में चली गयी और दरवाजा बंद कर लिया


निधि के होंठो की मुस्कुराहट गायब हो गयी और वह वहा से चली गयी। शालिनी अपने कमरे की खिड़की पर खड़े होकर बुझी आँखों से बाहर देखने लगी , बाहर मौसम खराब था। आसमान में काले बादल छाये हुए थे और शालिनी बस एकटक सामने खाली पड़े मैदान को देखे जा रही थी। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की आखिर वह क्या करे ? उसने ऑफिस से कुछ दिन की छुट्टी ले ली शालिनी को अब इस राज के बारे में जानना था। शाम को निधि अपने कोचिंग से लौटी तो उसने देखा पौधो में पानी दे रही थी। वह शालिनी को देखकर मुस्कुराई और अंदर चली आयी।

शालिनी पोधो में पानी देते रही कुछ ही देर बाद निधि के चिल्लाने की आवाज आयी शीतल जल्दी से अंदर आयी तो देखा निधि अपनी कलाई पकडे चिल्ला रही थी उसके हाथ से खून बह रहा था। शालिनी ने जल्दी से वहा पड़ा कपड़ा निधि के हाथ पर लपेटते हुए कहा,”ये सब कैसे हुआ ?”
“शालिनी ये ये चाकू अपने आप हवा में लहरा रहा था और फिर मेरे हाथ में आ लगा , किसी की आवाज आयी की वो सबको मार देगी”,निधि ने रोते हुए कहा


निधि की बात सुनकर शालिनी अंदर ही अंदर घबरा गयी और निधि को लेकर बाहर आयी। शालिनी ने उसके हाथ की ड्रेसिंग की और फिर अपनी कलाई पर बंधा धागा खोलकर निधि के हाथ पर बांधते हुए कहा,”मुझसे ज्यादा जरूरत इसकी तुम्हे है निधि , मुझे तो इस डर की अब आदत हो चुकी है”


शालिनी निधि के हाथ पर वो धागा बांधकर बाहर चली गयी और निधि एक बार फिर तरह रहस्य्मयी तरीके से मुस्कुराने लगी। रात के खाने के बाद शालिनी अपने कमरे में आयी। उसने अश्विनी को फोन मिलाया लेकिन अश्विनी का फोन बिजी आ रहा था। शालिनी ने फोन रखा और सोने चली गयी। जल्दी ही उसे नींद आ गयी।

रात 3 बजे
एक 26-27 साल का लड़का रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से निचे उतरता है। रात का गहन सन्नाटा और उस पर पूरा स्टेशन खाली बस एक दुकान थी जो की खुली थी और एक आदमी उस पर बैठा ऊंघ रहा था लड़का दुकान पर आया और पानी की बोतल लेकर पीछे मुड़ा तो शालिनी से टकरा गया। खुले बाल , आँखों में गुस्सा और चेहरे पर खौफ लिए शालिनी उस लड़के को खा जाने वाली नजरो से देख रही थी।

एक पल को लड़का भी उसे देखकर डर गया और फिर साइड से निकलकर चला गया। लड़का स्टेशन से बाहर आया तो बाहर कोई ऑटो नहीं मिला। लड़का वहा खड़ा इंतजार कर ही रहा था की शालिनी वहा आई और कहा,”कहा जाओगे ?”
“क्यों तुम क्यों पूछ रही हो ?”,लड़के ने हैरानी से कहा
“इतनी रात में यहाँ कोई ऑटो नहीं मिलेगा , पास ही में मेरा घर है तुम चाहो तो वहा चल सकते हो”,शालिनी ने लड़के को घूरते हुए कहा


लड़के ने शालिनी को देखा वह उसके रूप पर मोहित हुए बिना ना रह सका और कहा,”एक रात का कितना ?”
“अपनों से भी कोई पैसे लेता है क्या ? आओ”,कहकर शालिनी आगे बढ़ गयी और लड़का खुश होकर उसके पीछे चला आया। शालिनी कुछ ही दूर बने कमरे में उसे लेकर आयी और दरवाजा बंद कर दिया। ये देखकर लड़के ने अपना बैग साइड में रखा और जैसे ही शालिनी की और आया

शालिनी ने उसे रोकते हुए कहा,”इतनी भी क्या जल्दी है थोड़ी मेहमान नवाजी तो हो जाये” कहते हुए शालिनी ने सामने निचे रखी शराब की बोतल और लड़के के सामने लहरा कर कहा,”शबाब चखने से पहले शराब जरुरी है , और आज तो मैं तुम्हे अपने हाथो से पिलाऊंगी”
शालिनी की ऐसी बाते सुनकर लड़का ख़ुशी से फुला नहीं समाया और तुरंत वहा पड़ी कुर्सी पर बैठ गया। शालिनी आकर उसकी गोद में बैठ गयी और बोतल का ढक्कन हटाकर लड़के के मुंह से लगा दिया

लड़का शालिनी की आँखों में देखते हुए पिने लगा उसने थोड़ा ही पीया था की उसका गला जलने लगा उसने मुंह हटाना चाहा लेकिन तब तक शालिनी बोतल के आगे का खोल उसके मुंह में फंसा चुकी थी साँस के साथ शराब लड़के के गले से निचे उतर रही थी उसका दम घुटने लगा था।

लड़का छटपटाने लगा लेकिन शालिनी ने उस बोतल को नहीं हटाया और कुछ देर बाद साँस ना ले पाने की वजह से लड़का मर गया , उसकी आँखे बाहर आ गयी और जबान बाहर लटकने लगी थी। शालिनी वहा से उठी और बाहर चली आयी और पटरियों पर चलने लगी पटरियों पर चलते हुए सामने से आती ट्रेन से जैसे ही टकराई———————————

शालिनी की आँखे खुल गयी। पसीने से तरबतर वह बिस्तर पर बैठी हाफ़ रही थी। उसने देखा ग्लास में पानी नहीं है वह उठी और किचन में पानी लेने चली आयी पानी लेकर किचन की लाइट बंद की और जाने लगी तो लाइट फिर जल उठी। शालिनी ने लाइट वापस बंद की और इस बार झप झप करके ट्यूब लाइट फट गयी।

शालिनी की आँखों डर समाने लगा वह कदम पीछे बढ़ाने लगी तो किसी ने पीछे से उसकी गर्दन को पकड़ा और जमीन से ऊपर उठा दिया वह चिल्लाना चाहती थी लेकिन उसके हलक से कोई आवाज नहीं निकली। शालिनी के कानो में एक दर्द भरी आवाज पड़ी जो की किसी लड़की की थी – तू किसी को नहीं बचा पायेगी , सबकी मौत तय है।”


शालिनी ने खुद को छुड़ाने की कोशिश की और फिर किसी अदृश्य शक्ति ने उसे सामने दिवार की और फेंका शालिनी का सर दिवार से जा टकराया और उसके सर से खून बहने लगा। खुद को सम्हाले शालिनी अपने कमरे में आयी और दरवाजा बंद कर लिया। अपना सर पकडे वह शीशे के सामने आयी और कॉटन से जख्म साफ करने लगी कुछ देर बाद शालिनी ने शीशे में देखा उसे उसका नजर आ रहा था लेकिन कोई हरकत नहीं।

शालिनी के एक्सप्रेशन भी नजर नहीं आ रहे थे उसका अक्स किसी तस्वीर के जैसे शीशे में दिखाई दे रहा था। शालिनी थोड़ा शीशे के करीब आयी और गौर से देखा इतने में शीशे से निकलकर एक हाथ बाहर आया जिसने शालिनी की गर्दन दबोच ली शालिनी दोनों हाथो से अपना गला छुड़ाने की कोशिश करने लगी। सामने शीशे में दिखता उसी का अक्स उस पर हसने लगा !

शालिनी को अब इस डर की आदत हो चुकी थी। उसने सपने में जिस लड़के को देखा था शालिनी उसे नहीं जानती थी लेकिन उसे बचाना शालिनी को जरुरी लगने लगा था , शायद उसे बचाकर वह इस सच्चाई का पता लगा सके। सुबह होते ही शालिनी पुलिस स्टेशन पहुंची राघव उसे वही मिल गया। शालिनी उसके पास आयी और कहने लगी,”सर सर उसे बचा लीजिये , वो उसे मार देगी सर। मैंने कल रात फिर किसी की मौत देखी है”


राघव कुछ समझ पाता इस से पहले ही वहा रखा फोन बजा राघव ने साथ वाले इंपेक्टर जतिन से फोन उठाने को कहा। फोन उठाते ही जतिन के चेहरे के भाव बदल गए और उसने फोन राघव की और बढाकर कहा,”सर रेलवे स्टेशन के बदल में बने एक कमरे में किसी लड़के की लाश मिली है”
“व्हाट ?”,कहते हुए राघव ने फोन कान से लगाया उधर से किसी ने कुछ कहा और राघव ने फोन रखते हुये जतिन से कहा,”शहर में ये क्राइम बढ़ता ही जा

रहा है , अब तक ऐसे तीन केस सामने आ चुके है। जतिन गाड़ी निकालो हमे स्टेशन पहुंचना है”
राघव ने एक नजर शालिनी को देखा और जैसे ही आगे बढ़ा शालिनी ने अपनी सर्द आवाज में कहा,”उस लड़के की मौत साँस रुकने से हुयी है , किसी ने उसके मुंह में शराब की बोतल फंसा दी और दम घुटने की वजह से वह मर गया”
राघव ने जैसे ही सूना हैरानी से पलटकर शालिनी को देखा शालिनी उसके पास आयी और कहा,”फोन पर किसी ने आपसे यही कहा है ना ?”


“तुम्हे ये सब कैसे पता ?”,राघव ने कहा
“कल से मैं आपको यही तो समझाने की कोशिश कर रही हूँ सर , इन सब मौतों को मैं अपने सपनो में पहले ही देख चुकी हूँ और ये यही नहीं रुकने वाला है”,शालिनी ने कहा तो राघव सोच में पड़ गया वह शालिनी पर यकीन करे या ना करे। उसे खामोश देखकर शालिनी ने गुस्से से कहा,”आप लोग मेरा यकीन क्यों नहीं कर रहे है ? वो कोई रूह है जो मुझसे ये सब करवा रही है , ये सब मर्डर मैंने अपने सपने में देखे है और कातिल कोई और नहीं मैं खुद हो।

मेरा यकीन करो ,, मेरे साथ ये सब क्यों हो रहा है मुझे जानना है ? मुझे जानना है की वो मुझसे क्या चाहती है ?”
शालिनी कहते कहते रोने लगी राघव से उसका रोना देखा नहीं गया लेकिन वह शालिनी को इन सब में फ़साना भी नहीं चाहता था। राघव ने शालिनी के पास आकर कहा,”अगर यही सच है तो ठीक है , हवलदार बंद कर दो इसे हवालात में यहाँ से बाहर तुम जा नहीं पाओगी और ना ही किसी का खून कर पाओगी। मैं भी जानना चाहता हूँ की आखिर ये राज है क्या ?”


राघव के कहने पर हवलदार उसे हवालात में बंद कर देता है शालिनी को लगता है की यहाँ वह सेफ है। वह एक कोने में दुबक कर बैठ जाती है। राघव वहा से निकल जाता है। रास्ते भर वह शालिनी के बारे में ही सोचता रहता है कही ना कही शालिनी की बातो में उसे सच्चाई नजर आ रही थी। रेलवे स्टेशन आकर राघव ने छानबीन शुरू कर दी लेकिन कोई भी सबूत उनके हाथ नहीं लगा। बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। कमिशनर ने सबके लिए मीटिंग रखी और शहर में हो रही इन हत्याओं के बारे में चर्चा की लेकिन पुलिस के पास ना कोई सबूत ना होने की वजह से केस वही अटके थे।

साथ ही इन तीनो हत्याओं का आपस में भी कोई कनेक्शन नजर नहीं आ रहा था। कमिशनर ने सारी जिम्मेदारी राघव पर डाल दी और जल्द से जल्द इसे सॉल्व करने को कहा। शाम को राघव वापस पुलिस स्टेशन चला आया उसने देखा शालिनी सो रही थी। उसने हवलदार को अपने पास बुलाया और कहा,”ये तबसे यही है ?”
“हां सर।”,हवलदार ने कहा


“इसने कुछ खाया ?”,राघव ने सोई हुई शालिनी को देखकर कहा
“नहीं सर , खाना दिया लेकिन इसने मना कर दिया कहा इसे आपसे बात करनी है लेकिन आप अब आए है और ये सो गयी है”,हवलदार ने कहा
राघव ने हवलदार से कहकर शालिनी को अपने केबिन में लाने को कहा साथ में चाय बिस्किट भी लाने को कहा। शालिनी राघव के केबिन में आयी उस वक्त राघव अकेला था उसने शालिनी को अपने सामने खाली पड़ी कुर्सी पर बैठने को कहा।

शालिनी बैठ गयी राघव ने शालिनी से सब शुरू से बताने को कहा। शालिनी ने ऑफिस के पहले दिन से लेकर अब तक जो कुछ भी उसके साथ घटा सब राघव को बता दिया इस बिच राघव के चेहरे पर कई भाव आये और गए। सारी बातें बताने के बाद शालिनी ने कहा,”मैंने जो कुछ भी कहा है वो सब सच है सर पिछले एक हफ्ते से मैं इस डर के बीच जी रही हूँ , मैं ज़िंदा रहूंगी भी या नहीं मैं नहीं जानती लेकिन मरने से पहले मैं सच जानना चाहती हूँ सर।”


शालिनी की आँखों में आंसू देखकर राघव का कठोर दिल भी पिघल गया उसने शालिनी के हाथ पर अपना हाथ रखा और कहा,”डोंट वरी पुलिस आपके साथ है”
हवलदार चाय बिस्किट रखकर चला गया राघव ने शालिनी को खाने के लिए कहा। शालिनी ने बिस्किट नहीं खाये बस चाय पि और तब तक राघव उसके चेहरे पर आते जाते भावो को देखता रहा। उसने जतिन से कहकर शालिनी को घर छुड़वा दिया और खुद पुलिस स्टेशन में बैठकर इन तीनो हत्याओं के बारे में शुरू से स्टडी करने लगा। सुबह के 4 बजे तक राघव होने काम में लगा रहा और फिर घर चला गया।


सुबह 10 बजे जब राघव आया तो उसने देखा सारा स्टाफ बाहर खड़ा है। किसी अनहोनी के भय से राघव अंदर आया तो अंदर का नजारा देखकर उसके रोंगटे खड़े हो गए जिस हवलदार को सुबह वह पुलिस स्टेशन छोड़कर गया था उसका खून से सना शरीर बेंच पर बैठा था और उसके दोनों हाथो में उसी का सर था जिसमे से उसकी आँखो की पुतलिया बाहर लटक रही थी।

जैसे ही वह उस लाश के पास आया राघव की आँखे ये देखकर फ़टी की फ़टी रह गयी बेंच पर खून से लिखा हुआ था “Who is Next ?” राघव का सर घूमने लगा वह बाहर आया और उसने जतिन से हवलदार की बॉडी को हॉस्पिटल भेजने को कहा और खुद अकेले ही जीप लेकर वहा से निकल गया।

“शालिनी क्या हो गया है तुम्हे तुम क्यों ऐसी बहकी बहकी बातें कर रही हो ?”,अश्विनी ने रोती हुयी शालिनी को समझाते हुए कहा
“अश्विनी यहाँ कुछ है , कुछ तो है जो मुझसे जुड़ा है”,शालिनी ने रोते हुए कहा
“शालिनी तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है , ओवरथिंकिंग कर कर के तुमने अपने आस पास एक अलग ही दुनिया बना ली है”,अश्विनी ने कहा


“ऐसा नहीं है अश्विनी , मैं सच कह रही हूँ। वो डर मैंने महसूस किया है ,, ये देखो मेरे सर पर चोट का निशान ये उसी रात मेरे सर पर लगा था , उस आत्मा ने मारा है मुझे”,शालिनी ने कहा
“शालिनी इनफ इज इनफ बहुत सुन ली मैंने तुम्हारी बकवास , पागलो जैसे बिहेव करना बंद करो”,अश्विनी ने उसे झकझोड़ कर कहा


“हां हां हो गयी हूँ मैं पागल , रोज रोज मैं जिस नर्क से गुजर रही हूँ उसका अंदाजा नहीं है तुम्हे।”,शालिनी दर्द और गुस्से में चिल्ला उठी तो अश्विनी उसके पास आया और कहा,”तुम चलो यहाँ से मेरे साथ चलो , तुम्हारे घर छोड़कर आता हूँ मैं तुम्हे , तुम्हे अब यहाँ रहने को कोई जरुरत नहीं है”
“हां हां अश्विनी मैंने भी इस से यही कहा है की यहाँ से चलते है , क्योकि यहाँ रहकर पता नहीं ये क्या क्या सोचती रहती है ?”,निधि ने कहा जो काफी देर से उन दोनों की बहस सुन रही थी।


शालिनी को छोड़कर अश्विनी निधि के पास आया और कहा,”निधि तुम बताओ क्या तुमने कभी कुछ अजीब देखा है यहाँ ?”
“नहीं मैंने तो कुछ भी नहीं देखा , इन्फेक्ट शालिनी ही हर रोज अपने दिमाग में नयी नयी कहानिया बनाकर मुझे सुनाती रहती है”,निधि ने कहा तो शालिनी उसके पास आयी और कहा,”ये क्या कह रही हो तुम ? तुम्हारे सामने पंडित जी ने कहा था की इस घर में आत्मा है , और और तुम्हारा हाथ भी तो काटा था उस दिन उसी आत्मा ने दिखाओ अपना हाथ मैंने ही तुम्हारे हाथ पर पट्टी बाँधी थी”


निधि ने अपने दोनों हाथ आगे कर दिए उन पर कोई चोट का निशान नहीं था न ही कोई पट्टी थी ये देखकर शालिनी हैरान थी उसने अश्विनी की और देखा तो अश्विनी ने कहा,”बस बहुत ही गया तुम्हारा नाटक शालिनी , तुम अभी के अभी अपने घर जाओगी”


“अश्विनी कम से कम तुम तो मेरा भरोसा करो , मैं सच बोल रही हूँ इस घर में रूह है जो मुझसे कुछ कहना चाहती है इन सपनो के जरिये ,, अब तक तीन मौते हो चुकी है और चौथी मौत होने वाली है”,शालिनी ने डरी हुई आवाज में कहा
“होने वाली है नहीं बल्कि हो चुकी है”,दरवाजे से अंदर आते इंस्पेक्टर राघव ने कहा। उन्हें वहा देखकर शालिनी उनके पास आयी और कहने लगी,”सर सर आप तो मुझपर भरोसा करते है ना सर कल रात मेरे सपने में किसी पुलिस वाले की मौत हुई है

, सर मैंने अपने ही हाथो से उसका सर धड़ से अलग कर,,,,,,,,,,,,,,,,,,सर।” कहते हुए शालिनी अपना चेहरा अपने हाथो में छुपाकर रोने लगी !
इंपेक्टर राघव ने उसे सम्हाला तो अश्विनी ने राघव को दूर करते हुए कहा,”डोंट टच हर , तुम सब लोगो ने मिलकर ही इसे ऐसा बना दिया है।”
“आप कौन है ?”,राघव ने अश्विनी से पूछा


“अश्विनी मेहरा शालिनी का बॉयफ्रेंड , देखो इंस्पेक्टर शालिनी बीमार है और डॉक्टर आशुतोष उसका इलाज भी कर रहे है”,अश्विनी ने कहा
“डॉक्टर आशुतोष का कुछ दिन पहले उनके ही क्लिनिक में मर्डर हो चुका है।”,राघव ने कहा
“व्हाट ? लेकिन कैसे ? कुछ दिन पहले ही मैं उनसे शालिनी के साथ मिला था ,, मुझे किसी ने बताया क्यों नहीं ? आशुतोष मेरा बहुत अच्छा दोस्त है और उसके साथ ये सब”,अश्विनी ने कहा
“आपको नहीं पता मतलब आप थे कहा ?”,राघव ने सीधा सवाल किया


“सर मैं बाहर गया हुआ था आज सुबह ही आया हूँ , और सीधा शालिनी से मिलने चला आया”,अश्विनी ने कहा
“मिस्टर अश्विनी आपको हमारे साथ इंक्वायरी के लिए पुलिस स्टेशन चलना होगा और हां मैडम (निधि की और देखकर) आपको भी , चलिए”,राघव ने कहा
“लेकिन हम लोग क्यों ?”,निधि ने कहा


“शालिनी इन चारो मर्डर्स से कही ना कही जुडी हुई है , ऐसे में शालिनी के साथ आप रहती है और मिस्टर अश्विनी आपका डॉक्टर आशुतोष से संबंध था बस इसी सिलसिले में आपसे कुछ सवाल करने है ,, आई हॉप आप दोनों को कोई ऐतराज नहीं होगा ?”,राघव ने शकभरी नजरे दोनों पर डालते हुए कहा
“स्योर सर”,अश्विनी ने कहा


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संजना किरोड़ीवाल

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