Sanjana Kirodiwal

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मेरी आख़री मोहब्बत – 11

Meri Aakhari Mohabbat – 11

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Meri Aakhari Mohabbat – 11

पाखी जाकर पूजा की हेल्प करने लगी , पूजा ने पाखी को अपन मौसी और बाकि रिश्तेदारों से भी मिलवाया ,, दीपक और उसकी पत्नी भी वही मौजूद थे दीपक की पत्नी तो पाखी की फैन ही हो गयी पुरे फंक्शन में बस पाखी के साथ साथ घूमती रही , दोपहर में जब सब खाना खाने लगे तब मनु भीड़ में से आया और पाखी का हाथ पकड़ चुपके से उसे बाहर निकाल लाया पाखी को कुछ समझ नहीं आया

– क्या हुआ ?

मनु – मेरे साथ चलो

– कहा ?

मनु – बस चलो , बताता हु

पाखी मनु के पीछे पीछे चलने लगी घर से बाहर आने पर पाखी ने देखा सामने एक नयी कार खड़ी है

मनु ने गाड़ी का दरवाजा खोला और पाखी से बैठने को कहा , पाखी गाड़ी में बैठ गयी मनु ने गाड़ी मैन सड़क की तरफ मोड़ दी ,

हम कहा जा रहे है ?

मनु – कही नहीं बस ड्राइव पर , इतने सारे लोगो के बिच तुमसे ढंग से बात भी नहीं कर पा रहा हु , इसलिए बाहर चला आया और वैसे पापा ने नयी गाड़ी खरीदी है और मैं चाहता तह इसमें मेरे साथ सबसे पहले तुम बैठो

पाखी मुस्कुरा दी

गाड़ी अपनी रफ़्तार में चली जा रही थी दोनों शहर से कुछ दूर निकल आये थे ,, तभी पाखी ने कहा

मनु !! तुम जो सोच रहे हो वो सब इतना आसान नहीं है , सुमित चाचू की शादी के बाद मुझे विनीत के पास वापस जाना पडेगा घरवालों का फैसला है

अचनाक गाड़ी को ब्रेक लगा ..

मनु ने पाखी की तरफ देखते हुए कहा – तुम कही नहीं जाओगी , और तुम चाहो तो मैं आज ही तुम्हारे घरवालों से बात करने को को तैयार हु, तुम उसके साथ खुश नहीं हो दीखता नहीं तुम्हारे घरवालों को

पाखी – मनु मेरी ख़ुशी कोई मायने नहीं रखती है , घरवालों को इज्जत ख़राब करके कुछ नाह मिलेगा मुझे और मैं तुम्हारी जिंदगी भी ख़राब करना नहीं चाहती

मनु – कोई जिंदगी ख़राब नहीं होगी , सब जानते है तुम्हे मेरी और मुझे तुम्हारी जरुरत है , लोगो के तानो को आजतक सुनता आया हु थोड़े और सुन लूंगा

पाखी – प्लीज़ मनु ,, पाखी की आँखे भर आती है

मनु थोड़ी देर चुप रहता है और फिर पाखी का हाथ अपने हाथो में लेकर कहता है – पाखी मैं तुम्हे खोना नहीं चाहता , प्लीज़ मत जाओ वापस मैं तुम्हे हमेशा खुश रखूंगा प्लीज़ मत जाओ …

पाखी – तुम्ही बताओ मैं क्या करू ?

मनु – कुछ नहीं करना , बस थोड़ी सी हिम्मत करके अपने घरवालों से बोलो की तुम्हे विनीत के घर वापस नहीं जाना , तुम उसके साथ खुश नही हो … उसके बाद मैं घरवालों से बात कर लूंगा,,

पाखी – घरवाले कभी नहीं मानेगे

मनु – अगर नहीं माने तो कोर्ट मैरिज कर लेंगे ,, आज ही कर लेते है उसके बाद कोई कुछ नहीं कर पायेगा …

पाखी – नही मनु अपनी ख़ुशी के लिए मैं तुम्हे लोगो की नजर में नहीं गिरा सकती .. विनीत के साथ मैं खुश नहीं हु कभी रहूंगी भी नहीं ,, लेकिन मैं तुमसे शादी करके तुम्हारी जिंदगी ख़राब करना नहीं चाहती …

मनु पाखी का दर्द समझ सकता था !! लेकिन वो नहीं चाहता था पाखी वापस जाये और हमेशा हमेशा के लिए उस नर्क में बंद होकर रह जाये… पाखी को जरुरत थी बस हिम्मत की और वो ही उसमे थी नहीं अपने घरवालों को कुछ बोलने की …

मनु ने कुछ सोचा और गाड़ी घर की तरफ मोड़ दी , रास्तेभर दोनों चुप रहे ख़ामोशी दोनों पर हावी थी , घर आने पर मनु ने पाखी का हाथ अपने हाथ में लेकर कहां – पाखी , जो भी करो सोच समझकर करना

पाखी गाड़ी से उतरकर सीधा अपने घर चली गयी …..

मनु कुछ देर गाड़ी में ही बैठा रहा उसे समझ नही आ रहा था कैसे पाखी को समझाए , वो पागल लड़की सबको खुश रखना चाहती थी और ये मुमकिन नहीं था , खुद चाहे जितना दर्द सह लेगी लेकिन सबकी खुशियों का ठेका ले रखा है उसने ,, मनु ने अपनी आँखे बंद कर ली उसे पाखी का मासूम सा चेहरा नजर आया

नहीं वो उसे वापस नहीं जाने देगा ,,, सोचकर मनु घर चला गया …

इधर पाखी घर आकर मनु के बारे में ही सोच रही थी कैसे वो अपनी ख़ुशी के लिए मनु की जिंदगी को नर्क बना सकती है , कोई नही अपनाएगा उसे ना घरवाले न ये समाज ,, ऐसी लड़कियों का कोई घर नहीं होता जो पति के होते हुए किसी और से मोहब्बत कर ले .. पति …….. वो पति जिसने मुझे कभी अपना नहीं समझा जिसे मेरे मान सम्मान की कोई परवाह नहीं थी , वो पति जो मेरे सही होने पर भी मेरे खिलाफ खड़ा था … जिसने नजर भर मुझे कभी देखा नहीं था जिसने मुझे अपनाया तक नहीं !!

आते जाते ख्यालो से पाखी का सर दर्द से फटने लगा … उसने दवा ली और लेट गयी ये कैसी परीक्षा थी कैसे दोराहे पर खड़ी थी वो ना कोई मंजिल थी ना रास्ते … घुटन सी महसूस होने लगी उसे … दवा के असर से आँखे मूंदने लगी

शाम को फोन की रिंग से उसकी आँखे खुली पूजा का फोन था

– हेलो

पूजा – कहा है तू शाम के 7 बज रहे है , आज रात फंक्शन है सुमित के साथ मंदिर भी जाना है जल्दी घर आजा …

पाखी ने फोन रख दिया दिन ढल चूका था हल्का हल्का अँधेरा भी हो चुका था पाखी ने हलके गुलाबी रंग की चमचमाती साडी निकाली और तैयार होकर पूजा के घर पहुंच गयी

आँगन में सुमित और बाकि सब लोग भी मौजूद थे सुमित को शेरवानी पहनकर तैयार किया जा रहा था पाखी पूजा के कमरे में गयी , पूजा भी तैयार होने में लगी थी पाखी ने पूजा की साड़ी सही की , उसका मेकअप किया तभी मनु वहा आ गया उसने पाखी की साड़ी के मैचिंग का शर्ट पहन रखा था ,, मनु ने पाखी से रिंग के बारे में पूछा

पाखी ने जो रिंग खरीदी थी मनु को दे दी .. मनु ने पाखी का हाथ पकड़ा और पूजा के सामने ही उसे रिंग पहना दी

पूजा ने मुस्कुराते हुए दोनों को देखा और फिर काम में लग गयी ..

पाखी मनु को समझ ही नहीं पा रही थी …बस मनु को देखे जा रही थी तभी मनु ने पीछे से एक गुलाब का फूल निकाल कर पाखी की तरफ बढ़ा दिया पाखी ने गुलाब ले लिया ,,,

पहली बारे किसी ने उसके लिए ये सब किया था , पाखी को खुश देख मनु भी खुश हो गया उसने पाखी से कहा

पाखी एक सेल्फी लू हम दोनों की साथ में …

वो फोटो उस फोन की सबसे खूबसूरत फोटो थी …

रात में दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर सब मंदिर के लिए रवाना हो गए , सब नाचते हुए जा रहे थे पाखी भी खुश थी और मनु उसे खुश देख के खुश था ..

तभी पाखी का फोन बजने लगा … पाखी ने देखा फोन विनीत का था

उसने कॉल कट कर दिया ,, एक बार फिर फोन बजने लगा इस बार पूजा की नजर पाखी पर गयी उसे परेशान देख पूजा उसके पास गयी

– क्या हुआ इतनी परेशान क्यों है ?

पाखी – कुछ नहीं

तभी फोन फिर बजने लगा पाखी ने काट दिया तो थोड़ी देर बाद एक मेसेज आया

“तुम क्या समझती हो मेरा फोन ना उठाने से , और मेरे मेसेज के जवाब न देने से मैं तुम्हे छोड़ दूंगा ,, इतनी आसानी से नहीं छोड़ने वाला तुम्हे ,, तुम्हारा फोन बिजी आना , ऑनलाइन रहना सब समज रह हु मैं”

मेसेज पढ़कर पाखी की आँखों में आंसू आ जाते है ,, पूजा उसके हाथ से फोन लेकर मेसेज पढ़ती है उसे बहुत गुस्सा आता है तभी फोन फिर बजने लगता है पूजा गुस्से में कहती है – कोई जरुरत नही है इस से बात करने की , और ना ही इस से डरने की जरुरत है तुने कुछ गलत नहीं किया है सब सही हो जायेगा …

मनु को पूजा और पाखी जब दिखाई नही दी तो उसने पीछे मुड़कर देखा पूजा पाखी को कुछ समझा रही थी मनु उनके पास गया , फ़ोन अब भी बज रहा था मनु ने पूजा के हाथ से फ़ोन ले लिया विनीत के मेसेज और काल देखकर मनु को गुस्स्सा आया लेकिन चुप रह गया ,, फ़ोन साइलेंट अपने जेब में डाल लिया और दोनों को चलने को कहा

पलटकर एक बार पाखी की तरफ देखा और फिर उनसे थोड़ी दूरी ंबनाकर चलने लगा …

पाखी समझ नहीं प्ा रही थी कौन सही था विनीत जो बार बार उसे तकलीफ पंहुचा रहा था या फिर मनु जो हर बार उसके सामने आ खड़ा होता उसे परेशानी से निकलने के लिए ,, विनीत ने उसे रुलाने में कोइ कसर नहीं छोड़ी और मनु ने हँसाने में

मंदिर आ गया सब दर्शन करने लगे पाखी भी हाथ जोड़े खड़ी थी उसने अपनी आँखे मुंद ली

और ईश्वर से प्राथन करने लगी – हे ! भगवन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है मैं क्या करू , ये कैसी परीक्षा ले रहे है आप मेरी अब आप ही बताईये क्या सही है , अब आप ही कोई रास्ता दिखाईये

प्राथना कर जैसे ही पाखी ने आँखे खोल साइड में देखा उस बराबर में हाथ जोड़े आँखे बंध किये मनु खड़ा था पाखी उसे देखती रही क्या मनु ही था उसकी मंजिल

वो मंदिर से बाहर आ गयी ,, क्यों किस्मत बार बार इसे मेरे सामने लाकर खड़ा कर देती है ,,, पाखी सोच ही रही थी तभी मनु आया और उस से कहा – सब ठीक हो जायेगा , बस तुम सिर्फ अपने दिल की सुनो ..

कहकर वो सीढ़ियों से निचे उतर आया ,.. सारे हसते गाते वापस घर की तरफ आ रहे थे ,,,, मनु ने जेब से पाखी का फोन निकाला तो देखा उस पर विनीत के कई मेसेज थे .. मनु सबको पढता गया लेकिन आखरी मेसेज पर मनु की सांसे थम गयी जिसमे लिखा था

“जितना इग्नोर करना है कर लो 4 दिन बाद लेने आ रहा हु तुझे , उसके बाद बताऊंगा मैं क्या चीज हु”

मनु सब भूल गया

बस उसके दिमाग में 4 दीन वाली बात घूमने लगी , उसे लगा 4 दिन बाद पाखी हमेशा के लिए चली जाएगी उसे विनित के साथ साथ पाखी पर भी गुस्सा आया ,, वो क्यों नहीं बोल रही अपने घरवालो को की उसे नहीं जाना वापस , क्यों चुप है वो ?

सब मनु से आगे निकल गए वो धीरे धीरे चल रहा था एक हारे हुए सिपाही की तरह …

पाखी और पूजा उसके लिए रुक गयी जैसे ही वो उनके करीब आया उसका चेहरा उतरा हुआ था , उसने पाखी को फोन दिया पाखी ने जब मेसेज देखा तो उसके चेहरे से साडी रौनक गायब हो गयी

उसने मनु की तरफ देखा कुछ बोल पाती उस से पहले ही मनु वहा से चला गया , वो कुछ बोल ही नहीं पायी

उस रात को नहीं सोया था , ना पाखी , ना मनु और ना विनीत …

तीनो जल रहे थे एक ऐसी आग में जो सब कुछ तबाह कर देने वाली थी

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