हाँ ये मोहब्बत है – 4
Haan Ye Mohabbat Hai – 4
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Haan Ye Mohabbat Hai – 4
अक्षत सबको लेकर रेस्टोरेंट पहुंचा जिसका नाम है “लिटिल मोंक फाइन-डाईन”
सभी गाड़ी से नीचे उतरे और अंदर चले आये। अक्षत अपने कॉलेज टाइम में यहाँ आया करता था फिर मीरा से मिलने के बाद उसने पार्टी करना कम कर दिया। “लिटिल मोंक” एक बहुत ही आलिशान रेस्टोरेंट है जिसमे ओपन रेस्त्रो के साथ साथ अंदर सेपरेट रेस्त्रो भी है। इसकी बनावट और आस पास की लोकेशन काफी अच्छी थी।
ओपन एरिया में लगे चेयर और टेबल के साइड में बड़े बड़े पत्थर रखे थे और उनके साइड में कुछ कुर्सियां जहा बैठकर लोग यहाँ वक्त बिताया करते थे। कुछ पत्थरो से बने छोटे छोटे पुतले भी थे और सबसे खुबसुरत था वो लंबा सा रास्ता जो मेंन गेट से अंदर की तरफ जाता था। इस पुरे रास्ते में खूबसूरत लाइट्स की लड़िया लगी थी। नीता और अर्जुन एक दूसरे का हाथ थामे आगे चल रहे थे। सोमित जीजू और तनु उनके कुछ पीछे रेस्टोरेंट के बारे में बातें करते हुए चल रहे थे।
सबसे पीछे चल रहे थे अक्षत और मीरा दोनों खामोश , हमेशा से ही अक्षत को मीरा की ख़ामोशी ज्यादा पसंद थी। चलते चलते अक्षत मुस्कुराने लगा उसे मुस्कुराते देखकर मीरा ने कहा,”क्या हुआ आप ऐसे मुस्कुरा क्यों रहे है ?”
“तुम्हे एक बात बताऊ तो तुम यकीन करोगी ?”,अक्षत ने एकदम से रूककर मीरा की तरफ पलटते हुए कहा
“क्यों नहीं करेंगे ? बताईये आखिर हम भी तो जाने आपकी इस मुस्कराहट के पीछे की वजह”,मीरा ने कहा
अक्षत फिर मुस्कुराया जैसे कोई लड़का अपनी क्रश के सामने ब्लश करता है वैसे ही ,
वह अपने निचले होंठ को दांतो तले दबाकर मीरा को देखने लगा और फिर कहना शुरू किया,”जब मैं कॉलेज में था तब दोस्तों के साथ बहुत पार्टी किया करता था , रात में घर भी देर से जाया करता था। आखरी बार मैं यहाँ अपने किसी दोस्त की बर्थडे पार्टी में आया था। सब दोस्तों ने खूब इंजॉय किया मैं ड्रिंक नहीं करता था लेकिन मेरे सब दोस्तों ने फ़ोर्स किया तो मैंने पीने का सिर्फ नाटक किया और उन लोगो के साथ यहाँ पार्टी की।
बाद में जब मेरे उस दोस्त को पता चला की मैंने उसे झूठ बोला था तो उसने कहा की “जिस दिन तेरी जिंदगी में कोई लड़की आएगी ना ये सब भूल जाएगा तू” उसकी इस बात पर उस वक्त मैं हंसा लेकिन उस कमीने ने जो कहा वो सच था। (कहते हुए अक्षत एक बार फिर मीरा की तरफ देखने लगता है) अक्षत का ऐसे नजर भर देखना मीरा की धड़कने आज भी बढ़ा देता था।
मीरा की ओर देखते हुए अक्षत ने कहा,”उस रात मैं तुमसे पहली बार मिला था”
मीरा ने सूना तो अक्षत की तरफ देखने लगी , अक्षत की आँखे बड़े प्यार से मीरा को देख रही थी मीरा का दिल धड़क उठा और उसकी आँखों के आगे वो पल घूमने लगे जब उसने अक्षत को चोर समझ लिया था। ये बात याद आते ही मीरा मुस्कुराने लगी।
अक्षत आगे कहने लगा,”वो शायद मेरी जिंदगी की आखरी नाईट पार्टी थी उसके बाद मैं कभी यहाँ नहीं आया , यहाँ क्या कही और भी नहीं गया दोस्त बुलाते रहे और मैं मना करता रहा ,, क्योकि हर शाम खाने की टेबल पर तुम्हे देखने का वो मौका मैं खोना नहीं चाहता था”
अक्षत की बातें सुनकर मीरा का दिल ख़ुशी से भर गया कोई इंसान उस से इतना प्यार कर सकता है सोचकर ही उसे खुद पर फक्र महसूस हो रहा था। वह अक्षत के पास आयी और उसकी शर्ट की सलवट सही करते हुए कहा,”हमसे इतनी मोहब्बत भी मत कीजिये की हमे खुद पर गुरुर हो जाये”
“वो उस शाम क्या कहा था तुमने ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हां कि किस से प्यार करना है ये हम तय कर सकते है लेकिन कितना करना है ये ना हमारे बस में है ना तुम्हारे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सो मिसेज व्यास आपसे मोहब्बत करनी है ये मैं उसी रात तय कर चुका था , हाँ कितनी करनी है ये मैंने अपने दिल पर छोड़ दिया था और नतीजा ये निकला की आज आप हमारे साथ है हमारी अर्धांगिनी बनकर”,अक्षत ने थोड़ा रोमांटिक होते हुए कहा
“आपसे बातो में जितना मुश्किल है”,मीरा ने मुस्कुरा कर कहा
“वो क्या है ना की My wife is a good teacher सो वो सिखाती रहती है”,अक्षत ने भी मुस्कुराते हुए कहा
सोमित जीजू ने आवाज लगाईं तो दोनों साथ साथ चलने लगे। यहाँ आकर अक्षत का मूड काफी अच्छा हो चुका था। मीरा उसके बगल में ही चल रही थी हालाँकि दोनों की शादी हो हुए काफी वक्त हो चुका था लेकिन उन्हें देखकर लगता था जैसे दोनों अभी भी लवर्स हो। चलते चलते अक्षत ने अपनी उंगलिया मीरा की उंगलियों से छुआ दी और सामने देखते हुए चलने लगा जैसे उसे कुछ पता ही ना हो।
मीरा ने उसकी तरफ देखा और मुस्कुराकर उसका हाथ थाम लिया और सामने देखते हुए चलने लगी जो ख़ुशी मीरा के चेहरे पर थी अब अक्षत के चेहरे पर भी दिखाई देने लगी।
दोनों एक दूसरे का हाथ थामे बाकि सबकी तरफ चले आये। अक्षत ने पहले ही एक फॅमिली टेबल बुक करवा दिया था सब आकर बैठ गए। वेटर आया जीजू ने अपनी पसंद का खाना आर्डर किया और बाकि सबके लिए अक्षत ने आर्डर कर दिया। खाना आने में देर थी इसलिए सभी बैठकर बाते करने लगे और पुराने दिनों को याद करने लगे। सोमित जीजू ने देखा की आज अक्षत बहुत खुश था।
उन्होंने अक्षत के साथ दिल्ली में बहुत वक्त बिताया था और ये भी जानते थे की अक्षत जल्दी से किसी के सामने अपने मन की बात नहीं करता पर आज अक्षत भी सबके साथ बाते करते हुए हंस रहा था , मुस्कुरा रहा था और ये देखकर सोमित जीजू को तसल्ली हुई की सब ठीक है।
कुछ देर बाद खाना आया और सब खाना खाने लगे। अर्जुन बीच बीच में नीता को अपने हाथ से खिला रहा था। कैसी भी सिचुएशन हो अर्जुन और नीता हमेशा एक दूसरे का साथ देते थे और घर में उनसे ज्यादा रोमांटिक कोई नहीं था ये बात पूरा घर जानता था।
सोमित जीजू को शुगर प्रॉब्लम थी लेकिन फिर भी उन्होंने मीठे में अपने लिए रसमलाई मगवा ली। दो खाकर भी उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने दो और मंगवा ली ये देखकर तनु ने उन्हें टोकते हुए कहा,”सोमित ये क्या है ? अभी तुमने दो खाई है और फिर से दो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे पता है ना तुम्हारी शुगर रिपोर्ट्स इस बार सही नहीं थी”
“खाने दो ना तनु घर में तो वैसे भी सब तुम्हारे हिसाब से ही मिलता है”,सोमित जीजू ने खाते हुए कहा
“वो इसलिए ताकि आपकी हेल्थ ठीक रहे , शुगर बढ़ा तो आपको फिर से दवाईया लेनी होगी , वजन देखिये अपना कितना बढ़ गया है”,तनु ने कहा
“कितना भी वजन बढे तुम मुझे फिर भी छोड़कर नहीं जाने वाली”,कहते हुए सोमित जीजू ने अपनी रसमलाई से एक चम्मच तनु को भी खिला दिया। तनु ने देखा सोमित के गाल पर कुछ लगा है तो वह मुस्कुराते हुए प्यार से उसे हटाने लगी।
अक्षत और मीरा बस उन चारो को देख रहे थे। कुछ देर बाद अक्षत ने अर्जुन नीता की तरफ इशारा करके धीमी आवाज में कहना शुरू किया,”देखो मीरा ये वाला प्यार तुम्हे हर जगह देखने को मिल जाएगा , जैसे हर देखने वाले को दो सेकेण्ड में पता चल जायेगा की ये दोनों बहुत अच्छे लवर है और दोनों में बहुत प्यार है , लेकिन वैसा प्यार( सोमित जीजू और तनु की तरफ देखकर आगे कहता है ) होता हर जगह है बस हम देख नहीं पाते , ये वाला प्यार जिंदगीभर चलता है।”
मीरा ने देखा ये सब कहते हुए अक्षत बहुत ही प्यारा लग रहा था कुछ पल के लिए वह उसके चेहरे की तरफ देखने लगी और फिर अपना हाथ धीरे से अक्षत के हाथ पर रख दिया और सामने देखते हुए खाना खाने लगी। अक्षत मुस्कुरा उठा अक्सर ऐसी हरकते मीरा के साथ वो किया करता था पर आज मीरा का यु प्यार जताना उसे अच्छा लग रहा था। सबने खाना खाया उसके बाद सब घूमते हुए उस जगह को देखने लगे।
नीता , तनु दी और मीरा साथ साथ घूम रही थी। सोमित जीजू भी उन तीनो से बाते करते हुए उनके साथ ही चल रहे थे। अर्जुन ने देखा अक्षत का मूड अच्छा है इसलिए वह उसके पास आया और कहा,”आशु तुझसे कुछ बात करनी है”
“हाँ भाई कहिये ना”,अक्षत ने कहा
“कही ओर चले ?”,अर्जुन ने अपने से कुछ आगे चलते बाकी लोगो को देखकर कहा। अक्षत ने महसूस किया की अर्जुन उस से अकेले में बात करना चाहता है इसलिए वह अर्जुन के साथ दूसरी तरफ चला आया।
दोनों लॉन के दूसरी तरफ घूमते हुए बातें करने लगे बातो बातो में अर्जुन ने कहा,”आशु कुछ महीनो पहले अमेरिका की एक कम्पनी में मैंने एक प्रोजेक्ट भेजा था वो सेलेक्ट हो चुका है और वो कम्पनी चाहती है की मैं वहा रहकर उनके साथ उस प्रोजेक्ट पर काम करू। मैंने पापा से इस बारे में बात की लेकिन वो कह रहे है की मैं यही इंदौर में ही रहू,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन”
कहते कहते अर्जुन रुक गया तो अक्षत ने कहा,”लेकिन आप ये मौका गवाना नहीं चाहते,,,,,,राईट ?”
“हम्म्म लेकिन पापा को अच्छा नहीं लगेगा”,अर्जुन ने थोड़ा उदास होकर कहा
“भाई वैसे पापा अपनी जगह सही है , यहाँ इंदौर में सब कुछ तो है घर , फॅमिली , आपका अपना ऑफिस फिर ये अचानक से अमेरिका जाने का ख्याल”,अक्षत ने कहा
“यहाँ एक ही कम्पनी में काम करते करते बोर सा हो गया हूँ यार , रोज सुबह उठो ऑफिस जाओ शाम को वापस घर ,, लाइफ में कोई एक्साइटमेंट ही नहीं बची है ,, अमेरिका जाऊंगा तो नया देश , नए लोग , नया ऑफिस होगा”,अर्जुन ने कहा
“और भाभी चीकू का क्या ?”,अक्षत ने कहा
“उन्हें साथ लेकर जाऊंगा”,अर्जुन ने कहा तो अक्षत को थोड़ा बुरा लगा की अर्जुन घर छोड़कर जाना चाहता है
लेकिन इस वक्त वह अर्जुन से बहस ना करके उसे ये अहसास दिलाना चाहता था की अमेरिका जाने की वजह सिर्फ और सिर्फ उसकी बोरिंग जिंदगी है। अक्षत ने कुछ सोचा और कहा,”कल से आप ऑफिस एक घंटा लेट जायेंगे , आप जिन डील्स को खुद हेंडल करते है उन्हें अपने मैनेजर से हेंडल करने को कहिये और सबसे पहले अपना मैनेजर बदलिए ,, अपनी उम्र का कोई मैनेजर होगा तो आपकी बॉन्डिंग उस से अच्छी बनेगी ,
ऑफिस के लोगो के साथ थोड़ा वक्त बिताइए हर वक्त उनके सर पर बॉस बनकर सवार मत रहिये बल्कि हफ्ते के 5 दिन बॉस और एक दिन उनके साथ as a friend बनकर रहिये ,, ताकि वो आपके साथ कम्फर्टेबल हो सके। एक हफ्ते के लिए अपना ये रूटीन बदल दीजिये इसके बाद भी अगर आपको लगे की इंदौर में रहना बोर कर रहा है तो आप अमेरिका जा सकते है और इसके लिए पापा को मैं खुद मनाऊंगा”
“ठीक है ये भी करके देख लेते है”,अर्जुन ने हताश होकर कहा
अक्षत किसी भी हाल में इस परिवार को टूटने नहीं दे सकता था एक बार पहले भी उसने ही अपनी सूझ बुझ से इस घर को टूटने से बचाया था और आज अर्जुन जाने की बात कर रहा था। अक्षत को बुरा तो लग रहा था पर उसने अपने चेहरे पर नहीं आने दिया और अर्जुन का मूड बदलने के लिए कहा,”भाई वैसे आपने कभी यहाँ की आइसक्रीम टेस्ट की है , करके देखो बहुत अच्छी है,,,,,,,,,,,एक मिनिट मैं आर्डर कर देता हूँ”
कहकर अक्षत ने वेटर को बुलाया और 6 आईस्क्रीम आर्डर कर दी। घूमते घामते बाकि चारो भी उन दोनों की तरफ चले आये।
“क्या बातें हो रही है दोनों भाईयो में ?”,सोमित जीजू ने अक्षत के कंधे पर अपना हाथ रखते हुए कहा
“भाई कह रहे है की वो भाभी से बोर हो गए है”,अक्षत ने बहुत ही सीरियस फेस बनाकर अर्जुन को फंसाते हुए कहा
“क्या अर्जुन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सच में ?”,नीता ने प्यार से अर्जुन को घूरते हुए कहा
“अबे क्या बोल रहा है ? ये खून कर देगी मेरा अगर मैंने ऐसा कुछ कहा तो”,अर्जुन ने अक्षत से कहा
“भाभी भाई कह रहे है की आपने उन्हें आज तक कभी प्रपोज नहीं किया है”,अक्षत ने कहा
“अच्छा , अपने भैया से पूछो इन्होने कितनी बार किया है ?”,नीता ने कहा
“ए कॉलेज में मैंने ही तुम्हे प्रपोज किया था , भूल गयी”,अर्जुन ने नीता से कहा
“पता है देवर जी कैसे प्रपोज किया था ? एक बड़े से लव लेटर में गुलाब का फूल रखकर मेरी बुक्स के पास रखकर भाग गए थे। इतने डरपोक थे”,नीता ने कहा तो सब हसने लगे। अर्जुन ने सूना तो बच्चो की तरह मुंह बनाकर कहा,”और तुमने क्या किया उस लव लेटर में 150 गलतिया निकालकर भेज दी”
“जीजू हिंदी में लव लेटर लिखा था इन्होने और उसमे भी इतनी स्पेलिंग मिस्टेक थी की पूछिए मत”,नीता ने कहा
“अकाउंट्स पढ़ने वाले बन्दे से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है नीता,,,,,,,,,,,,,,है ना अर्जुन ?”,सोमित जीजू ने अर्जुन की टाँग खींचते हुए कहा और फिर अक्षत की तरफ पलटकर कहा,”प्रपोज करना तो कोई हमारे साले साहब से सीखे , क्यों साले साहब ?”
“हाँ आज तक याद है”,कहते हुए अक्षत का हाथ अपने गाल पर चला गया मीरा उसके सामने ही खड़ी थी ये देखते ही उसे वो पल याद आ गया जब अक्षत ने पहली बार उसे अपने दिल की बात बताई थी और मीरा ने उसे थप्पड़ मारा था। मीरा का दिल ये सोचकर उदास हो गया की उसने अक्षत पर हाथ उठाया था।
अक्षत ने देखा की मीरा की आँखों में नमी उतर आयी है तो उसने अपना हाथ हटाया और कहा,”लेकिन मीरा से अच्छा प्रपोज कोई कर ही नहीं सकता”
“हाँ भाई तुम्हारी मीरा सबसे अलग जो है”,सोमित जीजू , अर्जुन , नीता और तनु दी ने एक साथ कहा तो मीरा मुस्कुरा उठी और अक्षत शरमा कर अपनी गर्दन सहलाने लगा। ऐसा करते हुए वह कुछ ज्यादा ही क्यूट लग रहा था।
आईस्क्रीम आयी और सब खाने लगे। ठण्ड में आईस्क्रीम खाने का मजा ही कुछ और होता है। सोमित जीजू के तो मजे हो गए क्योकि तनु खुद भी खा रही थी तो सोमित को कैसे रोकती। अर्जुन और नीता साथ खड़े खा रहे थे। अक्षत को आईस्क्रीम शेयर करना बिल्कुल पसंद नहीं था इसलिए अकेले खड़े खा रहा था क्योकि ये बात कोई नहीं जानता था और मीरा भी नहीं। मीरा ने देखा अक्षत ने अपनी खत्म की और दूसरी मंगवा ली तो वह उसके पास आयी और कहा,”अक्षत जी इतनी आईस्क्रीम मत खाइये आपको जुखाम हो जाएगा”
“कुछ नहीं होगा मीरा मैंने बहुत आईस्क्रीम खाई है”,अक्षत ने खाते हुए कहा
“हां लेकिन गर्मियों में ऐसे सर्दियों में नहीं , लाईये इधर दीजिये”,मीरा ने कहा
“क्या मीरा तुम मेरा जूठा खाओगी ?”,अक्षत ने शरारत से मीरा की आँखों में देखते हुए कहा
“नहीं हमे बीमार नहीं होना”,मीरा ने कहा
“अच्छा,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अक्षत ने थोड़ी सी आईस्क्रीम मीरा के गाल पर लगा दी तो मीरा ने अक्षत को घूरते हुए कहा,”ये क्या किया आपने ?”
“ओह्ह सॉरी मैं साफ कर देता हूँ”,कहते हुए अक्षत ने जीजू और अर्जुन की तरफ देखा दोनों बिजी थे ,, अक्षत ने अपने होंठो से मीरा के गाल पर लगी आईस्क्रीम हटा दी। उसकी छुअन से मीरा के जिस्म में एक सिहरन सी उठी और उसने पीछे हटकर कहा,”अक्षत जी क्या है ये सब ? आपको पता है ना ये पब्लिक प्लेस है”
“हां पता है लेकिन मैंने तो कुछ गलत नहीं किया अपनी ही वाइफ को किस करना करना गलत है क्या मीरा ?”,अक्षत ने कहा
“नहीं,,,,,,,,,,,,आपको पूरा हक़ है ,, अब ये आइसक्रीम खाना बंद कीजिये और घर चलिए। हमे घर में ना देखकर अमायरा कही माँ को परेशान ना करने लगे”,मीरा ने अक्षत के हाथ से खाली प्लेट लेकर टेबल पर रखते हुए कहा
“ओह्ह्ह मेरी प्रिंसेज उसे तो मैं भूल ही गया था , चलो चलते है। तुम सब चलकर गाड़ी में बैठो मैं बिल पे करके आता हूँ”,कहकर अक्षत वहा से चला गया।
अक्षत ने बिल पे किया और बाहर चला आया। सभी आकर गाड़ी में बैठ गए। इस बार भी सोमित जीजू आगे वाली सीट पर अक्षत के बगल में ही बैठे थे। अक्षत ने अपना सीट बेल्ट बांधा और देखा जीजू अपना सीट बेल्ट बांधने की जद्दोजदह में लगे है। अक्षत ने देखा तो कहा,”जीजू लाईये मैं करता हूँ”
“थैंक्यू”,जीजू ने कहा अक्षत उनका सीट बेल्ट लगाने लगा। अभी अक्षत ने सीट बेल्ट लगाया ही था की गाडी को जोरदार धक्का लगा और सभी डर गए।
अक्षत ने देखा उनकी गाड़ी के सामने एक बड़ी स्कार्पिओ गाड़ी खड़ी है और उसी ने टक्कर मारी है। अक्षत ने पीछे मुड़कर कहा,”आप सब ठीक हो ना ?”
“हाँ आशु लेकिन ये कौन गधा है इसे पार्किंग में खड़ी गाडी दिखाई नहीं दे रही”,अर्जुन ने चिढ़ते हुए कहा।
अक्षत ने अपना सीट बेल्ट खोला और गाड़ी का दरवाजा खोलकर बाहर निकला और स्कार्पियो की तरफ बढ़ गया। गुस्सा उसकी आँखों से झलक रहा था। अर्जुन ने देखा तो सबके साथ तुरंत गाड़ी से नीचे उतरा उतर गया।
“बाहर निकलो”,अक्षत ने स्कॉर्पियो की ड्राइवर सीट पर बैठे लड़के से कहा जिसकी उम्र कोई 23-24 साल होगी , जो की दिखने में किसी अच्छे घर का लग रहा था। अक्षत को देखकर उसने गाड़ी का शीशा नीचे किया। शराब की एक भभक अक्षत के नाक को छूकर गुजरी , उसने देखा गाड़ी में 3-4 लड़के और कुछ लड़किया भी थी जो 22-24 की उम्र के ही थे। अक्षत को देखकर लड़के ने कहा,”क्या है बे ?”
“नीचे उतरो बताता हूँ”,अक्षत ने सहजता से कहा
लड़के ने सूना तो गाड़ी का दरवाजा खोला और नीचे उतरते हुए कहा,”ए तू जानता भी है मेरा बाप कौन है ? चल निकल यहाँ से”
अक्षत को बदतमीजी करने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं थे। मीरा के लिए वह हमेशा शांत रहने की कोशिश करता था। लड़के की बात सुनकर अक्षत ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”तुम्हारा बाप जो कोई भी हो उसने अगर तुम्हे गाडी दी है तो ये भी सिखाया होगा की गाडी चलाते कैसे है ?”
“ए आँखे नीची कर तू मुझे जानता नहीं है समझा , जान लेता ना तो यहाँ खड़ा नहीं रहता”,लड़के ने भी गुस्से से कहा तो अक्षत ने उसकी कॉलर पकड़ ली और कहा,”रईस बाप की बिगड़ी हुई औलाद के सिवा कुछ नहीं हो तुम”
लड़के के सब दोस्त गाड़ी से नीचे आ उतरे। अक्षत को लड़के से उलझते देखकर अर्जुन और सोमित जीजू आये और दोनों को दूर किया। मीरा ने देखा अक्षत गुस्से में है तो वह अक्षत के पास आयी और कहा,”अक्षत जी चलिए यहाँ से”
लड़के ने मीरा की ओर देखा और कहा,”ए लेकर जा इसको ,, लगता है बहुत गर्मी है इसमें”
एक अनजान लड़के के मुंह से मीरा के लिए “ए” सुनना अक्षत को कहा गवारा था उसने मीरा को साइड किया और एक घुसा खींच कर लड़के के मुंह पर मारा। लड़का नीचे जमीन पर गिरकर धूल चाटने लगा। अक्षत नीचे बैठा और कहा,”तमीज से she is my wife”
शराब के नशे में चूर लड़का अक्षत की मार से फिर उठा ही नहीं।
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संजना किरोड़ीवाल
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Bhut hi khoobsurat part tha ma’am
Haye….😍😍😍the last line she is my wife….
Butt affsos Aesa real mein kyu nhi hota Sanjana Ma’am..,😢😂😅
Hota hi dear but ham safar akshat ke tarah hona chahiye
Bhut hi khoobsurt part Akshat ka meera k liye pyar 😘😘😘😍😍😍😘😘😘😘❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Very nice part
Akshat bahar akar bahut kush hai per Arjun ne jab bahar janne ki baat kahi toh usse bura laga fir bi usne usse kaha ek bar jo maine kaha hai kar ke dekiye agar work nahi kiya toh voh khud Vijay ji se uske bahar jane ki baat kareka wapas laut se samay Akshat kuch ladko se ulaj gaya kyu ki pehle toh uski gadi ko takar mari aur Meera ke bare me kuch kaha jisse Akshat ko bardash nahi hua aur usne usse ladke ko maara…
Khubsurat part… zindagi ki uljhanon m apne liye waqt hi kaha hota h..aise m ye 3no couple apne liye thoda waqt chura gye.. aashu ko manjur nhi ki ghar bikhre… isliye Arjun ko idea diya…us ladke ne akshat ki zindagi se batmizi ki khamiyaza to bhugtna padega…
Akshat 🫣🫣