A Broken Heart – 54
A Broken Heart – 54
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A Broken Heart – 54
डेस्टिनी मासूम सा चेहरा बनाकर जिया के बगल में बैठा रहा। कुछ देर बाद जिया कहने लगी,”डेस्टिनी क्या तुम्हे ईशान याद है , वही जिस से मैं प्यार करने लगी हूँ। वो जब से बेंगलोर गया है तब से उसने एक बार भी मुझे फोन नहीं किया। मैंने उसके फोन में अपना नंबर भी सेव किया था फिर भी उसने फोन नहीं किया और जब मैंने उसे फोन किया तो उसका नंबर बंद आ रहा था।
क्या वो वहा जाकर मुझे भूल गया है डेस्टिनी ? शायद हो सकता है वो अपनी नयी दुनिया में बिजी हो गया हो या उसे नए दोस्त मिल गए हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह मैं ये सब सोचना नहीं चाहती लेकिन मैं क्या करू मेरा मन बहुत उदास है और ना चाहते हुए भी ये ख्याल बार बार मेरे दिमाग में आ जाते है। वो बड़ा शहर है , दिल्ली से भी बड़ा,,,,,,,,,,,वहा के लोग भी यहाँ से ज्यादा अच्छे होंगे और वहा की आम जिंदगी भी अलग होगी
डेस्टिनी,,,,,,,,,,,,,,,,पर मैं उसे बहुत मिस करती हूँ और ये बात उसे बताना चाहती हूँ लेकिन मैं उसे कैसे बताऊ ? वो मुझसे बहुत दूर है मैं उस से मिलने भी नहीं जा सकती , जब वो यहाँ था तब मैंने उसे बहुत परेशान किया था हो सकता है अब वो मुझे परेशान कर रहा हो ? पर उसे ऐसा नहीं करना चाहिए , उसे समझना चाहिए कि अब मैं उस से प्यार करने लगी हूँ और मैं उसे सच में बहुत मिस करती हूँ।”
कहते हुए जिया की आँखों में ठहरी आँसू की बून्द नीचे आ गिरी। जिया का मन भारी होने लगा था और वह उसे हल्का करना चाहती थी। उसने अपना गाल अपने घुटनो पर टिका लिया और भीगी आँखों से डेस्टिनी का सर सहलाते हुए कहने लगी,”क्या वो सच में मुझे भूल गया है डेस्टिनी ? अगर मैं उसे याद होती तो वो मुझे जरूर फोन करता,,,,,,,,,,,,,,जाने से पहले जो अहसास मुझे दिया वो अब तक महसूस होता है पर जब उसे फोन करती हूँ और उसका नंबर बंद आता है तो वही अहसास मुझे दर्द देता है।
मैं उसके लिए गलत नहीं सोच रही पर जो हो रहा है वो ठीक भी तो नहीं हो रहा है न। बहुत सी बातें है जो मैं सोफी को नहीं बता सकती अगर मैंने उसे बताया तो उसे बहुत दुःख होगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इसलिए मैं ये सब तुम्हारे सामने कह रही हूँ क्योकि तुम मेरे अच्छे दोस्त हो , तुम मुझे कभी जज नहीं करोगे। मैं उस से मिलना चाहती हूँ लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि मैं बंगलौर जा सकू। मेरा मन बहुत उदास है मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा है। सब बेकार लग रहा है , मैं अपनी फीलिंग्स को नहीं समझ पा रही हूँ।”
कहते हुए जिया फफक कर रो पड़ी। हमेशा हसने मुस्कुराने वाली जिया आज पहली बार रोने लगी थी। डेस्टिनी ने देखा तो वह उठा और जिया के सामने चला आया। वह अपने नन्हे नन्हे पैरो से जिया के पैरो को छूने लगा , उसके सामने कूदने लगा , वह बस जिया को चुप करा रहा था।
“हे क्या तुम ठीक हो ?”,पास से गुजरते लड़के ने जब जिया को रोते देखा तो पूछ लिया
“जाओ यहाँ से , मुझे अकेला छोड़ दो,,,,,,,,,!”,जिया ने रोते हुए गुस्से से कहा तो डेस्टिनी लड़के को देखकर भोकने लगा। लड़का आगे बढ़ गया।
कुछ देर रोने के बाद जिया खुद ही चुप हो गयी और अपने आँसू पोछकर एक गहरी साँस लेकर कहा,”हम्म्म्म अब थोड़ा अच्छा लग रहा है। मुझे माफ़ करना मॉम , मुझे ऐसे सबके सामने रोना नहीं चाहिए था।”
डेस्टिनी जिया का हाथ सहलाने लगा तो जिया हल्का सा मुस्कुरा दी और कहा,”मैं अब ठीक हूँ , तुम बहुत अच्छे हो डेस्टिनी मैं जब भी बहुत ज्यादा उदास या खुश होती हूँ तब तुम मेरे साथ होते हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम बहुत प्यारे हो ,, क्या हम नूडल्स खाये ? दरअसल मुझे बहुत भूख लगी है,,,,,,,,,,,,,!”
जिया की बात सुनकर डेस्टिनी हल्का सा भोंका जिया उसे सहमति मानकर उठी और उसे साथ लेकर विंग रेस्त्रो की तरफ बढ़ गयी।
अगले दिन मिस्टर दयाल वापस दिल्ली आ गए और रेस्त्रो भी वापस शुरू हो गया। सोफी और जिया दोनों काम पर जाने लगी। जिया सबके सामने खुश रहने का , हसने मुस्कुराने का दिखावा करती लेकिन अकेले में वह बहुत उदास और निराश नजर आती। दिन में ना जाने कितनी ही बार वह ईशान का नंबर डॉयल करती लेकिन जवाब हमेशा नॉट रिचेबल ही आता
हालाँकि सोफी को यकीन दिलाने के लिए वह कभी कभी झूठ मुठ का फोन पर ईशान से बात करने का दिखावा भी कर लेती थी। वक्त गुजरने लगा लेकिन ना ईशान का फोन आया ना ही उसकी कोई खबर आयी। कई बार जिया का दिल किया कि वह खुद बेंगलोर चली जाये लेकिन इस वक्त उसके पास ना पैसे थे ना ही वह बैंगलोर में किसी को जानती थी।
एक महीना गुजर गया और हालात वही थे। ईशान की कोई जानकारी नहीं , रोज मोहम्मद भाई से कर्ज चुकाने की रिक्वेस्ट , रेस्त्रो में डिलीवरी का काम , खुद के जरुरी खर्चे,,,,,,,,,,,,,,,जिया इन सब चीजों से अंदर ही अंदर अकेले लड़ रही थी। वह इन सब में इतना उलझ चुकी थी कि ना किसी की मदद लेना चाहती थी ना ही किसी से अपनी परेशानी बाटना चाहती थी।
एक शाम जिया रेस्त्रो में ही थी सोफी अपने फोन में कुछ देर रही थी जिसे देखते हुए उसके चेहरे के भाव थोड़े बदल से गए। सोफी ने सामने कुछ ही दूर खड़ी जिया को फोन पर किसी से बात करते देखा। जिया के चेहरे पर परेशानी के भाव थे। सोफी उसकी तरफ चली आयी पर जैसे ही सोफी जिया के पास आयी जिया ने अपने चेहरे के भावो को बदल लिया और ख़ुशी से चहकते हुए कहा,”हाँ हाँ यहाँ सब ठीक है और मैं तुम्हारे लिए बहुत खुश हूँ।
अरे सोफी आ गयी क्या तुम उस से बात करना चाहोगे ? ओह्ह्ह्ह अच्छा तुम स्टूडियो जाना है ठीक है तुम जाओ , सोफी से फिर कभी बात कर लेना,,,,,,,,,,,,,,,,अपना ख्याल,,,,,,,,,,,,!!
जिया आगे कुछ कहती इस से पहले ही सोफी ने उसके हाथ से फोन लिया और कहा,”और कितना झूठ बोलोगी जिया ?”
जिया ने सूना तो उसके चेहरे की ख़ुशी एकदम से गायब हो गयी और उसका गला भर आया।
जिया का झूठ सोफी के सामने आ चूका था। इतने दिनों से जिया सोफी के सामने बस ईशान को लेकर झूठ बोल रही थी और ये जानकर सोफी को बहुत बुरा लगा। सोफी के सामने सच आने से जिया घबरा गयी उसे समझ नहीं आ रहा था वह सोफी से क्या कहे ? वह ख़ामोशी से सोफी को देखने लगी। सोफी ने गुस्से से भरी आँखों से जिया को देखा और कहा,”तो ये था तुम्हारा अब तक का सबसे बड़ा झूठ ,
क्यों जिया आखिर तुमने मुझसे ऐसा झूठ क्यों बोला ? इतने दिनों से तुम मेरे सामने ईशान से बात करने का नाटक करती रही , तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती हो जिया ? हम अच्छे दोस्त है और तुम मुझसे हर बात शेयर करती थी फिर तुमने ये बात क्यों छुपाई ? ऐसा करके क्या तुम उस लड़के को सबकी नजरो में अच्छा साबित करना चाहती हो ? पिछले एक महीने से उसने तुम्हारी कोई खबर तक नहीं ली और ना ही वो तुमसे मिलने आया , अपने अच्छे होने का सबूत वह पहले ही दे चुका है तुम्हे उसके प्यार में इतना अँधा होने की जरुरत नहीं है।”
“ईशान के बारे में ऐसी बातें मत कहो सोफी , वो बुरा लड़का नहीं है हो सकता है ना वो कही बिजी हो,,,,,,,,,,,,,,!”,जिया ने ईशान की साइड लेते हुए कहा
“ओह्ह्ह सीरियसली जिया , तुम सच में इतनी बेवकूफ हो या मेरे सामने बनने का नाटक कर रही हो ?
उस लड़के ने अपना सपना पूरा करने के लिए सिर्फ तुम्हे यूज़ किया है और जब उसका सपना पूरा हो गया तो वो तुम्हे छोड़कर चला गया और इसके बाद उसने कभी तुम्हारी खबर तक नहीं ली ,,,,,,,,,,,,,,,,,यकीन नहीं होता तो ये देखो,,,,,,,,,,,,!!”,सोफी ने अपना फोन जिया के सामने करके कहा
जिया ने सोफी के हाथ से फोन लिया और देखने लगी। ईशान एक लाइव चैट में था वह पहले से काफी ज्यादा खुश था और अपनी रिकॉर्डिंग्स के बारे में बात कर रहा था। ईशान को देखकर जिया की आँखों में आँसू भर आये। कितने दिनों बाद उसने ईशान को देखा और वह खुश भी थी कि ईशान ठीक है। जिया नम आँखों के साथ मुस्कुराते हुए ईशान को देखते रही।
सोफी ने उसके हाथ से फोन लिया और कहा,”देख लिया ! ये अपनी दुनिया में खुश है , इसे तुम याद तक नहीं हो जिया। क्या इसने एक बार भी तुम्हारा जिक्र किया ? ये लड़का इतना सेल्फिश निकलेगा मैंने कभी सोचा नहीं था।”
“तो क्या हुआ सोफी वो खुश है ना,,,,,,,,,,,,,,तुमने देखा न वो अपनी स्टोरी के बारे में बात करते हुए कितना कोंफिड्नेट लग रहा था।
मैं खुश हूँ कि उसका सपना पूरा हो गया।”,जिया ने नम आँखों के साथ मुस्कुराते हुए कहा
“ओह्ह्ह्ह जिया तुम आखिर किस मिटटी की बनी हो ? क्या तुम्हारे सीने में दिल नहीं है ? क्या तुम्हे तकलीफ नहीं हो रही ? तुम ईशान से प्यार करती हो और वो वहा तुम्हारे बिना खुश है , उसने एक बार भी तुमसे मिलने और बात करने की कोशिश तक नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,इसके बाद भी तुम उसके लिए ख़ुशी जता रही हो। कैसे जिया और क्यों ?”.सोफी ने तड़पकर कहा
“सोफी ! मैं उस से प्यार करती हूँ ये सच है , पर उसने तो नहीं कहा न कि वो मुझसे प्यार करता है। हो सकता है मैं उसके लिए सिर्फ उसकी दोस्त हूँ और दोस्तों को हर बात नहीं बताई जाती है सोफी,,,,,,,,,,,,,मैं ईशान के लिए खुश हूँ जिस सपने के लिए उसने मेहनत की थी वो अब पूरा होने जा रहा है , मैं इसी में खुश हूँ।”,जिया ने कहा
“नहीं जिया ये सही नहीं है। जिस से हम प्यार करते है उसे इतनी आसानी से जाने देना सही नहीं है।”,सोफी ने कहा
“लेकिन जिस से हम प्यार करते है उसे जबरदस्ती रोककर रखना भी तो प्यार नहीं है ना सोफी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये सब बाते छोडो और मुझे आज के ऑर्डर्स दो , मुझे देर हो रही है।”,जिया ने बहस को ख़त्म करने की कोशिश करते हुए कहा
“क्या तुम्हे इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता जिया ?”,सोफी ने कहा
“सोफी मुझे देर हो रही है प्लीज,,,,,,,,,,,,,,अगर आर्डर देने में देर हुई तो मिस्टर दयाल मुझे फिर से सूना देंगे।”,जिया ने वहा से जाते हुए कहा
जिया की बात सुनकर सोफी को उस पर गुस्सा आने लगा। उसने गुस्से में सब ऑर्डर्स पैक किये और जिया के सामने रख दिये। जिया ने उन्हें अपने बैग में रखा और मुस्कुरा कर कहा,”मैं चलती हूँ अपना ख्याल रखना।”
सोफी ने जिया की बात का कोई जवाब नहीं दिया और वहा से चली गयी। जिया के चेहरे की ख़ुशी एकदम से उदासी में बदल गयी उसने बैग उठाया और रेस्त्रो से बाहर निकल गयी।
हालाँकि जिया बाहर से नार्मल दिखने की कोशिश कर रही थी लेकिन अंदर उथल पुथल मची थी। सोफी ने जो कहा वो सच था और जिया भी जानती थी कि पिछले एक महीने से ईशान ने उस से बात तक नहीं की है और आज ईशान को खुश देखकर जिया को भी अहसास हो गया कि ईशान उसे भूल चुका है लेकिन जिया ने सोफी के सामने इस बात को मानने से इंकार कर दिया। उसकी आँखे जल रही थी और लाल हो चुकी थी।
उसका दिल टूट चुका था और एक अनदेखा दर्द वह महसूस कर रही थी। जिया ने सभी ऑर्डर्स दिए और आखिरी आर्डर देते देते हल्का अंधेरा हो चूका था। जिया रेस्त्रो जाने के लिए निकल गयी। कुछ दूर चलते ही उसे सोफी का ख्याल आया , उसे एक बार फिर सोफी का सामना करना था और साथ ही उसके सवालो का भी,,,,,,,,,,,,,,,,,!
जिया ने फुटपाथ किनारे पड़ी एक खाली बेंच के बगल में अपना स्कूटर रोका और बेंच की तरफ चली आयी।
ये जगह बाकि जगह से थोड़ी खाली थी जिया बेंच पर आ बैठी। उसकी आँखों के सामने ईशान के साथ बिताये पल आने लगे और सहसा ही उसके होंठ मुस्कुरा उठे लेकिन अगले ही पल सोफी की कही बातें उसके कानों में गूंजने लगी
जिया की आँखों में आँसू झिलमिलाने लगे। ईशान ने उसके साथ ऐसा क्यों किया जिया समझ नहीं पा रही थी। अब तक वह खुद को एक झठू तसल्ली दे रही थी लेकिन आज ईशान का सच उसके सामने था।
जिया ने अपना सर झुका लिया उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। वह एक ऐसे दर्द से गुजर रही थी जिसमे उसकी कोई गलती नहीं थी। एक अच्छी दोस्त होने के नाते उसने ईशान की मदद की लेकिन ईशान की मदद करते करते वह कब उस से प्यार करने लगी उसे पता ही नहीं चला। जिया ईशान को ये बात भी नहीं पायी और उस से पहले ईशान ये शहर छोड़कर चला गया पर जाते जाते जो अहसास वह जिया के दिल में छोड़कर गया वही अहसास जिया को एक उम्मीद देते रहे ईशान के लौट आने की।
ईशान को लेकर अपनी ग़लतफ़हमी दूर होने के साथ साथ जिया को सोफी से झूठ बोलने का भी दुःख था। जिया वही बैठे बैठे आँसू बहाती रही लेकिन वो इतनी अकेली थी कि उसके आँसू पोछने वाला भी कोई नहीं था। अगले ही पल जिया के कानों में अफ़सोस से भरी एक जानी पहचानी आवाज पड़ी,”चचचचचच क्या हुआ जिया तुम यहाँ अकेले बैठकर रो रही हो ,
ओह्ह्ह शायद तुम अपने दोस्त ईशान का इंतजार कर रही हो कि वो आकर तुम्हारे आँसू पोछगा पर अफ़सोस तुम्हारा सो कोल्ड बेस्ट फ्रेंड तुम्हे ठेंगा दिखाकर जा चुका है। मैंने आज से पहले इतनी बेवकूफ लड़की नहीं देखी,,,,,,,,,,,,,,,,ईशान से प्यार करके तुमने अपने ही पैरो पर कुल्हाड़ी मारी है जिया अब बैठकर उसकी याद में आँसू बहाओ,,,,,,,,,!!”
जिया ने गर्दन उठाकर देखा सामने माया खड़ी थी। माया को इस वक्त वहा देखकर जिया को अच्छा नहीं लगा। जिया माया को अच्छे से जानती थी और ये भी जानती थी कि माया ईशान को लेकर अब उसे भला बुरा कहेगी। माया की बात सुनकर जिया को गुस्सा आया लेकिन उसका दुःख इस वक्त गुस्से से बढ़कर था। जिया ने माया की तरफ देखा और कहा,”कितनी बुरी हो ना तुम ! क्या तुम्हे दुसरो के दर्द और तकलीफ से कोई फर्क नही पड़ता ? क्या तुम्हे पता है तुम्हारी बातें कितनी जहरीली और बुरी है , तुम्हे किसी को दुःख पहुंचाकर क्या मिलता है माया ?”
“किसी का पता नहीं पर तुम्हे तकलीफ देकर मुझे बहुत मजा आता है , क्या कहा था तुमने उस दिन मैं ईशान के लायक नहीं हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,तो फॉर योर काइंड इन्फॉर्मेशन जिया इस शहर में आने के बाद ईशान मेरे पास वापस लौट आएगा। वो मुझसे दूर जा ही नहीं सकता उसने बस तुम्हे यूज़ किया है अपने फायदे के लिए।”,माया ने घमंड भरे स्वर में कहा
“क्या तुम यहाँ से जा सकती हो प्लीज ? मुझे तुमसे इस वक्त कोई बात नहीं करनी है,,,,,,,,,,,,,!!”,जिया ने गुस्से से चिढ़कर कहा
“ओह्ह्ह्ह जिया सच सुनकर तुम्हे बुरा लग रहा है क्या ? वैसे तुम बड़ी डम्ब लड़की हो , आई मीन तुम ईशान जैसे लड़के पर भरोसा कैसे कर सकती हो ? वो लड़का जिसने अपने सपनो के लिए अपने पेरेंट्स तक को छोड़ दिया तुम्हे क्या लगा वो जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहेगा। वो चीजों से बहुत जल्दी बोर हो जाता है और लोगो से भी,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे अभी उसके टेस्ट का पता नहीं है।”,माया ने जिया के जख्मो पर नमक छिड़कते हुए कहा
जिया की आँखों में फिर आँसू भर आये , उसके पास माया की बातो का कोई जवाब नहीं था। ईशान की बेपरवाही देखकर जिया को भी माया की बाते अब चुभन का अहसास करवा रही थी। जिया ने देखा माया तो वहा से जाएगी नहीं इसलिए वह उठी वहा से जाने लगी।
“इन आंसुओ की अब आदत डाल लो जिया , तुम्हारे हिस्से में ये भर भर कर आने वाले है।”,माया ने हँसते हुए कहा और वहा से चली गयी।
जिया अपने स्कूटर के पास चली आयी माया से ज्यादा अब उसे ईशान पर गुस्सा आ रहा था। आज उसके साथ जो कुछ भी हो रहा था उसके पीछे कही ना कही वजह ईशान ही था। जिया झूठ बोलने लगी थी , सोफी से बातें छुपाने लगी थी , उस पर कर्ज भी था और जिसके लिए उसने ये सब किया उसे जिया की परवाह तक ना थी। हमेशा खुद से प्यार जताने वाली जिया को आज पहली बार खुद पर गुस्सा आ रहा था। उसने अपने बाजु से अपनी आँखों को पोछा जो कि रोने की वजह से लाल हो चुकी थी।
उसने एक दो सिसकी ली और फिर स्कूटर पर आ बैठी। ईशान के लिए जिया का प्यार कम नहीं हुआ था पर अब वह उसके लिए कुछ महसूस करना भी नहीं चाहती थी क्योकि जिया जान चुकी थी कि ये अहसास अब उसे सिर्फ तकलीफ और आँसू देंगे।
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क्रमश -A Broken Heart – 55
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संजना किरोड़ीवाल
😢😢😢😢Jiya 💔 ye sach nhi ho skta Ishaan ko wapash aana hoga….
Jiya ko Ishan mil jaye ho skta hai Ishan ka fon kho gaya ho kanhe par Ishan ko jiya se mila do jiya ko uska pyar mil jaye
Yes
Jiya ka dil me bhut dard h please use Ishan se jald se haldi mila do
Sad feel for Jiya
Ishaa itna selfish nhi ho skta
Jaise dekh rha hai hoo sakta aise nhi bhi par Ishaan Khush hai ek baar bhi Jiya ka naam tak nhi liye apne life events mein jiya sacch main bhaut heart Hui hai ishaan ka wajah se.
Ishaan ko kya Ho Gaya hai ❤️👌👌👌👌👌👌❤️❤️🌹
Wo ese kyu kr rha hai ❤️❤️❤️❤️❤️
Kya Ishaan Sach me Jiya ko bhul gaya…Jiya ko bahut bura lag raha ki usne Sofy se jhoot kaha..aur Maya ek bi mauka nahi chodti Jiya ko nicha dikhane ke liye…Jiya ko Yakin nahi ho raha ki Ishaan ne uske saath aisa kiya..aur usper gussa bi bahut araha hai..