A Broken Heart – 44
A Broken Heart – 44
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लिली आंटी ने दरवाजा बंद किया और मिस्टर घोष के साथ अंदर चली आयी। उन्होंने देखा जिया सीढ़ियों पर खड़ी है और वह काफी थकी हुई और बीमार लग रही है तो लिली आंटी ने कहा,”क्या हुआ जिया ? तुम ठीक हो न बेटा ?”
“लिली आंटी कोई आया था क्या ?”,जिया ने पूछा
“अगर मैंने इसे बताया कि वो लड़का इस से मिलने आया है तो ये उस से मिलने की जिद करेगी और अभी इसकी तबियत ठीक नहीं है।”,लिली आंटी ने मन ही मन खुद से कहा
लिली आंटी को खामोश देखकर जिया नीचे चली आयी और कहा,”बताओ ना लिली आंटी कोई आया था क्या ?”
“अरे जिया वो कोई फ़ूड डिलीवरी गाय था , गलती से हमारे घर आ गया,,,,,,,,,,,,,,अब तुम्हारी तबियत कैसी है ?”,लिली आंटी कुछ कहती इस से पहले ही घोष अंकल ने कहा
“मैं अब ठीक हूँ अंकल , बस मुझे भूख लगी है और किचन में कुछ नहीं पका है। क्या सोफी घर आ गयी है ?”,जिया ने फिर दरवाजे की तरफ देखते हुए पूछा
“सोफी को आने में देर हो जाएगी जाने से पहले उसने बताया था , तुम्हे भूख लगी है ना आओ बैठो आज का डिनर तुम हम लोगो के साथ कर लो।”,लिली आंटी ने कहा
“हाँ लिली ठीक कह रही है , इस हालत में तुमसे खाना नहीं बनेगा। आओ बैठो,,,,,,,,,,,,,लिली तुम जिया के लिए कोई बढ़िया वेजिटेबल सूप बना दो।”,मिस्टर घोष ने कहा और जिया को लेकर डायनिंग टेबल की तरफ चले आये।
लिली आंटी डिनर बनाने किचन की तरफ चली गयी और जिया मिस्टर घोष के साथ बैठकर बातें करने लगी।
जिया ने ना मिल पाने की वजह से ईशान बहुत उदास था। लिली आंटी के घर से निकलकर वह पैदल ही बार के लिए चल पड़ा। चलते चलते ईशान सेंडविच शॉप के सामने से गुजरा तो सहसा ही उसे जिया की याद आ गयी। उस शाम जब वह जिया के साथ था और जिया उसके साथ मस्ती कर रही थी सब कितना अच्छा था। ईशान चलते चलते सेंडविच शॉप के सामने रुक गया और एकटक उसे देखने लगा।
उदासी उसके चेहरे से साफ झलक रही थी। जितना खुश वह बंगलौर जाने के लिए था अब उतना ही उदास वह जिया से ना मिल पाने के कारण था। ईशान जिया को बहुत याद कर रहा था और एकदम से जिया उसे नजर आने लगी।
हंसती मुस्कुराती जिया उसी सड़क पर घूम रही थी। जिया यहाँ सच में नहीं थी वह बस ईशान की कल्पना थी। जैसे ही ईशान उसकी तरफ आया जिया एकदम से गायब हो गयी। ईशान ने इधर उधर देखा लेकिन जिया उसे कही दिखाई नहीं दी। ईशान को अहसास हुआ कि ये सिर्फ उसका भरम था। वह कुछ देर वहा रुका और फिर आगे बढ़ गया। ईशान अपने सपने को लेकर खुश था और उसे जिया के साथ बांटना चाहता था लेकिन आज पहली बार जिया उसके साथ नहीं थी। ईशान का बार जाने का बिल्कुल मन नहीं था इसलिए वह विंग रेस्त्रो की तरफ चला आया।
ईशान रेस्त्रो के अंदर चला आया और अपने लिए एक कॉफी आर्डर की और वापस बाहर चला आया। ईशान रेस्त्रो के बाहर पड़ी बेंच पर आ बैठा और उदास आँखों से सामने सड़क पर गुजरती गाड़ियों को देखने लगा। उसकी आँखों के सामने बस जिया का मासूम और हँसता मुस्कुराता चेहरा आ रहा था। जिया बीमार थी और ईशान उससे मिल नहीं पाया उसे इसी बात का दुःख था।
कुछ देर बाद वेटर कॉफी रखकर चला गया। ईशान ने कॉफी उठाई और पीने लगा। कुछ देर बाद ही ईशान ने देखा की सामने से डेस्टिनी चलते हुए उसी की तरफ आ रहा था।
ईशान उसे देखकर मुस्कुरा उठा , जिया के बाद इस शहर में डेस्टिनी ही तो था जिस के सामने ईशान कभी कभार अपने मन की बात कह देता था। डेस्टिनी ईशान की तरफ आया और उसके बगल से निकलकर आगे बढ़ गया। ईशान हैरान हुआ और उसकी गर्दन भी डेस्टिनी के साथ ही घूम गयी।
ज्यादा हैरानी ईशान को तब हुयी जब उसने देखा कि डेस्टिनी उस से मिलने नहीं बल्कि शीशे के उस पार रेस्त्रो के अंदर बैठी पिल्ली को देखने आया था।
डेस्टिनी उस पिल्ली को और पिल्ली डेस्टिनी को देखकर खुश हो रही थी। दोनों शीशे के आर पार थे और फिर एकदम से ईशान ने देखा कि डेस्टिनी और पिल्ली का मुँह शीशे से चिपका है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इंसानो की भाषा में कहे तो दोनों एक दूसरे को किस करने की कोशिश कर रहे थे। ये देखकर ईशान ने एकदम से अपनी गर्दन घुमा ली और कॉफी का घूंठ भरते हुए खुद से कहा,”आजकल के कुत्ते इंसानो से भी 2 कदम आगे निगल गए है। डेस्टिनी से मुझे ये उम्मीद नहीं थी,,,,,,,,,,!”
ईशान ने एक दो घूंठ और भरे और कॉफी खत्म कर बिल चुकाने अंदर चला आया। ईशान ने बिल चुकाया और डेस्टिनी के लिए जार से 2 बिस्किट लेकर बाहर आगया और बाहर का नजारा देखने लायक था। डेस्टिनी रेस्त्रो के दरबान पर भौंक रहा था और वह उसे वहा से भगाने की नाकाम कोशिश कर रहा था।
दरबान ने जैसे ही डेस्टिनी को मारने के लिए हवा में डंडा उठाया ईशान ने उसे रोकते हुए कहा,”क्या कर रहे हो ? तुम एक बेजुबान पर ऐसे हाथ नहीं उठा सकते।”
“लेकिन सर ये कब से यहाँ खड़े होकर भोंक रहा है अंदर बैठे हमारे कस्टमर्स को परेशानी हो रही है इसलिए मैं इसे यहाँ से भगा रहा हूँ।”,दरबान ने कहा
“तुम रहने दो मैं इसे यहाँ से ले जाता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,डेस्टिनी चलो यहाँ से”,ईशान ने कहा लेकिन डेस्टिनी टस से मस नहीं हुआ वह तो शीशे के उस पार बैठी अपने सपनो की पिल्ली को देख रहा था।
ईशान ने देखा तो डेस्टिनी का पैर पकड़ा और उसे घसीटकर ले जाते हुए कहा,”प्यार में इंसान तो इंसान कुत्ते भी गधे हो जाते है,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारा भी वही हाल है डेस्टिनी , और इंसल्ट हो इस से पहले चलो यहाँ से,,,,,,,,!!”
बेचारा डेस्टिनी अपनी पिल्ली को देखते हुए ईशान के साथ चला गया।
ईशान डेस्टिनी को फुटपाथ पर ले आया और छोड़ते हुए कहा,”हद होती है डेस्टिनी अगर मैं वक्त पर ना आता तो वो डंडा सीधा तुम्हारे सर पर पड़ता”
डेस्टिनी ने सूना तो ईशान पर धीरे से भोंका जिसे देखकर ईशान ने डेस्टिनी को डांटते हुए कहा,”ओह्ह्ह तो अब तुम मुझ पर गुस्सा करोगे ? एक तो तुम किसी अजनबी पिल्ली को देखकर ऐसी हरकते करते हो और मुझ पर भोंकते हो,,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम में जरा भी शर्म नहीं है।”
ईशान की डांट सुनकर डेस्टिनी दुबक कर नीचे बैठ गया। ईशान ने देखा आस पास से गुजरते लोग उसे ही देख रहे है तो वह थोड़ा अनकम्फर्टेबल हो गया और आकर डिवाइडर पर बैठते हुए बड़बड़ाया,”लगता है जिया के साथ रहकर मैं भी जिया के जैसा हो गया हूँ , मैं एक पिल्ले को डांट रहा हूँ वो भी सबके सामने,,,,,,,,,,,,लोग तो मुझे पागल समझेंगे ही , साथ ही साथ ये डेस्टिनी भी,,,,,,,,,,,,!!
ईशान को बड़बड़ाते देखकर डेस्टिनी उसके बगल में आकर बैठ गया। ईशान ने देखा तो उसका सर सहलाया और कहा,”मुझे माफ़ करना डेस्टिनी मुझे तुम पर गुस्सा नहीं करना चाहिए था , मुझे बस तुम्हारी चिंता हो रही थी इसलिए मैंने तुम्हे,,,,,,,,,,,,,,,,खैर मुझे ये बताओ वो पिल्ली कौन थी और तुम वहा क्या कर रहे थे ? क्या तुम उसे पसंद करते हो ?”
ईशान की बात सुनकर डेस्टिनी आँखे चमकाते हुए उसे देखने लगा जैसे हामी भर रहा हो। ईशान ने देखा तो मुस्कुराया और फिर सामने देखते हुए कहने लगा,”मैं ये कैसे भूल गया डेस्टिनी कि इंसानो की तरह तुम्हारे पास भी तो दिल है और वो किसी खास पर आ सकता है। वैसे वो पिल्ली बड़ी क्यूट है , तुम दोनों साथ में अच्छे लगोगे,,,,,,,,,,!!”
ईशान की बात सुनकर डेस्टिनी ख़ुशी के मारे गोल गोल घूमने लगा। ईशान ने देखा तो मुस्कुराने लगा और डेस्टिनी के सर पर हाथ फिराते हुए कहा,”जैसे तुम्हारी लाइफ में वो पिल्ली है वैसे मेरी लाइफ में भी एक खास इंसान है , उसका नाम जिया है,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ वही जिया जिसके बारे में मैंने तुम्हे बताया था। पहले पहले वो मुझे अजीब लगती थी पर जब से मैं उसे जानने लगा हूँ वो अजीब से खास होती जा रही है।
आज जब पता चला कि उसकी तबियत खराब है तो मैं उस से मिलने उसके घर गया लेकिन उसकी लैंडलॉर्ड ने मुझे उस से मिलने ही नहीं दिया,,,,,,,,,,,,,क्या वो ठीक होगी ? वो थोड़ी लापरवाह है उसने जरूर अपना ख्याल नहीं रखा होगा या फिर मिस्टर दयाल के रेस्त्रो में ज्यादा काम किया होगा।”
ईशान खोया हुआ सा कहता रहा और डेस्टिनी अपनी छोटी छोटी आँखे टिमटिमाते हुए देखते रहा
“क्या तुम जिया को जानते हो डेस्टिनी ? वो इतनी अच्छी है कि तुम उस से मिलोगे तो तुम भी उसे पसंद करने लगोगे,,,,,,,,,,,,,,,वो सच में बहुत अच्छी है।”,ईशान ने खुश होकर कहा
अब जबकि डेस्टिनी जिया का बहुत अच्छा दोस्त था इसलिए जब उसने ईशान के मुंह से जिया की तारीफ सुनी तो ईशान का हाथ चाटने लगा। ईशान कुछ देर वहा रुका और फिर वहा से घर जाने के लिए निकल गया।
रात के 11 बज रहे थे। घर की तरफ जाते हुए ईशान को फिर जिया का ख्याल आया और वह वह ना चाहते हुए भी एक बार फिर लिली आंटी के घर की तरफ चल पड़ा। ईशान जिया के कमरे की खिड़की के नीचे आया। ईशान की किस्मत अच्छी थी जिया इस वक्त खिड़की पर ही खड़ी थी। ईशान ने आवाज लगायी,”जिया , जिया , जिया सुनो,,,,,,,!”
जिया को ईशान की कोई बात सुनाई नहीं दी क्योकि उसने कानो पर हेड फोन लगाया हुआ था। ईशान ने ध्यान दिया तो झुंझलाया। उसने अपने दोनों हाथो को हिलाया लेकिन जिया ने वो भी नहीं देखा वह किसी और ही दुनिया में खोयी थी।
ईशान को अपने फोन की याद आयी लेकिन उसके पास तो जिया का नंबर भी नहीं था अब तो वह और ज्यादा झुंझला उठा। ईशान जितने इशारे कर सकता था उसने किये लेकिन जिया ने नहीं देखा और खिड़की से हटकर अंदर चली गई।
ईशान हताश हो गया। कुछ देर बाद उसे ख्याल आया और वह खिड़की के नीचे लगे पाइप के पास चला आया और उसे पकड़कर ऊपर चढ़ने लगा। ईशान को खुद पर हैरानी भी हो रही थी क्योकि आज से पहले उसने किसी लड़की के लिए ऐसे काम नहीं किये थे। ईशान पाइप से चढ़कर खिड़की के पास आया और जैसे ही खिड़की के अंदर आने को हुआ जिया एकदम से वहा आ गयी। उसने ईशान को देखा तो हैरानी से कहा,”तुम ?”
जिया के एकदम सामने आ जाने से ईशान का बेलेंस बिगड़ गया और पाइप उसके हाथ से छूट गया। ईशान जैसे ही गिरने को हुआ जिया ने उसकी हुडी पकड़कर उसे गिरने से बचा लिया और अपनी तरफ खींचा। ईशान ने वापस बेलेंस बनाया और खिड़की की रेलिंग को पकड़कर खड़े हो गया
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? वो भी ऐसे ,, क्या तुम कुछ चुराने आये हो ?”,जिया ने धीमी आवाज में कहा
ईशान ने सूना तो जिया के ललाट पर एक थपकी मारी और कहा,”मैं तुम से मिलने आया हूँ पागल लड़की,,,,,,,,,,,,,!”
“उसके लिए तुम दरवाजे आ सकते थे।”,जिया ने कहा
“मैं आया था लेकिन तुम्हारी लैंडलॉर्ड ने मुझे अंदर आने नहीं दिया,,,,,,,,,,,,,,,,वो बहुत खड़ूस है।”,ईशान ने कहा
इस बार जिया ने उसके सर पर मुक्का मारकर कहा,”वो बहुत अच्छी है तुम्हे उनके बारे में ऐसा नहीं बोलना चाहिए।”
“अहह पर तुम मुझे मार क्यों रही हो ?”,ईशान ने भी वापस जिया को मुक्का मारते हुए कहा
“तुम क्या यहाँ मुझसे झगड़ा करने आये हो ?”,जिया ने गुस्से से दबी आवाज में कहा तो ईशान को याद आया कि वह जिया का हाल पूछने आया था।
“सोफी ने बताया कि तुम बीमार हो , तो क्या अब तुम ठीक हो ?”,ईशान ने पूछा
“हाँ मैं अब ठीक हूँ , नींद नहीं आ रही थी इसलिए मैं खिड़की के पास चली आयी और देखा तुम यहाँ हो,,,,,,,,,,,,,तुम्हे मेरे लिए इतना परेशान होना नहीं चाहिए था।”,जिया ने प्यार से ईशान को देखते हुए कहा
“दरअसल मुझे तुम्हे कुछ बताना था,,,,,,,,,,,,,,,,,समझ नहीं आ रहा कैसे कहू बात ही ऐसी है ?”,ईशान ने हिचकिचाते हुए कहा
“ओह्ह्ह्ह क्या ये मुझे प्रपोज करने वाला है ? मैंने फेरी टेल में सूना है प्रिन्स ऐसे ही आधी रात में खिड़की पर चढ़कर प्रिंसेज को प्रपोज करने आता है। ओह्ह्ह्ह मुझे तो सोचकर ही पेट में गुदगुदी हो रही है। नहीं नहीं नहीं मुझे नार्मल रहना होगा वरना इसे पता चल जाएगा मैं इसका सच जानती हूँ।
“जिया , तुम ठीक हो ?”,ईशान ने जिया को खोये हुए देखकर कहा
“हाँ , हाँ तुम कुछ कहने वाले थे ,, तुम बेझिझक मुझसे कह सकते हो,,,,,,,,,,,,,,,बोलो बोलो क्या बात है ?”,जिया ने चहककर कहा।
जिया को खुश देखकर ईशान प्यार से एकटक उसे देखते हुए मन ही मन सोचने लगा,”आज की रात ये कितनी खुश है क्या मुझे इसे अपने बेगलौर जाने के बारे में बताना चाहिए,,,,,,,,,शायद नहीं , आज की रात ये मुस्कान बनी रहनी चाहिए।”
ईशान को खामोश देखकर जिया ने उसका हाथ थपथपाते हुए कहा,”बोलो ना क्या बात है ? देखो अब तुम मुझे परेशान कर रहे हो। बताओ क्या बात है ?”
जिया की आवाज से ईशान की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”क्या तुम मेरे साथ नूडल्स खाने चलोगी ?”
जिया ने सूना तो एकदम से उसका भरम टूट गया और उसने मायूस होकर कहा,”क्या तुम सच में यही कहने वाले थे ?”
“हाँ और तो मैं तुमसे क्या कहूंगा ? हे ! कही तुम ये तो नहीं सोच रही कि मैं तुम्हे पसंद करता हूँ इसलिए तुम्हे प्रपोज करने आया हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,देखो मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है। मैं अकेले नहीं खाना चाहता इसलिए मुझे बस कम्पनी चाहिए थी। अगर सोफी जाना चाहे तो मैं उसे भी लेकर जा सकता हूँ।”,ईशान ने जिया का दिल तोड़ते हुए कहा
जिया ने सूना तो उसे बहुत दुःख हुआ लेकिन उसने अपनी भावनाओ को अपने चेहरे पर नहीं आने दिया और कहा,”तो एक काम करो सोफी के साथ ही चले जाओ।”
कहकर जिया जैसे ही जाने लगी ईशान ने उसका हाथ पकड़ा और रोकते हुए कहा,”अरे जिया मैं मजाक कर रहा था।”
“लेकिन मैं बिल्कुल मजाक नहीं कर रही , मेरी तबियत खराब है और डॉक्टर ने मुझे ये सब खाने से मना किया है। मुझे माफ करना मैं तुम्हे कम्पनी नहीं दे पाऊँगी “,जिया ने उदासी भरे लहजे में कहा
“जिया,,,,,,,,,,,!”,ईशान ने मायूस होकर कहा
“तुम्हे अब जाना चाहिए ईशान,,,,,,,,,,,,,,,हम कल मिलते है।”,जिया ने धीरे से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा और वहा से चली गयी। ईशान उदास हो गया उसने जिया को फिर हर्ट कर दिया और ऐसा क्यों था वह खुद भी नहीं जानता था।
क्रमश – A Broken Heart – 45
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संजना किरोड़ीवाल
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ईशान की बात सुनकर डेस्टिनी ख़ुशी के मारे गोल गोल घूमने लगा। ईशान ने देखा तो मुस्कुराने लगा और डेस्टिनी के सर पर हाथ फिराते हुए कहा,”जैसे तुम्हारी लाइफ में वो पिल्ली है वैसे मेरी लाइफ में भी एक खास इंसान है , उसका नाम जिया है,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ वही जिया जिसके बारे में मैंने तुम्हे बताया था। पहले पहले वो मुझे अजीब लगती थी पर जब से मैं उसे जानने लगा हूँ वो अजीब से खास होती जा रही है।
आज जब पता चला कि उसकी तबियत खराब है तो मैं उस से मिलने उसके घर गया लेकिन उसकी लैंडलॉर्ड ने मुझे उस से मिलने ही नहीं दिया,,,,,,,,,,,,,क्या वो ठीक होगी ? वो थोड़ी लापरवाह है उसने जरूर अपना ख्याल नहीं रखा होगा या फिर मिस्टर दयाल के रेस्त्रो में ज्यादा काम किया होगा।”
ईशान की बात सुनकर डेस्टिनी ख़ुशी के मारे गोल गोल घूमने लगा। ईशान ने देखा तो मुस्कुराने लगा और डेस्टिनी के सर पर हाथ फिराते हुए कहा,”जैसे तुम्हारी लाइफ में वो पिल्ली है वैसे मेरी लाइफ में भी एक खास इंसान है , उसका नाम जिया है,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ वही जिया जिसके बारे में मैंने तुम्हे बताया था।
पहले पहले वो मुझे अजीब लगती थी पर जब से मैं उसे जानने लगा हूँ वो अजीब से खास होती जा रही है। आज जब पता चला कि उसकी तबियत खराब है तो मैं उस से मिलने उसके घर गया लेकिन उसकी लैंडलॉर्ड ने मुझे उस से मिलने ही नहीं दिया,,,,,,,,,,,,,क्या वो ठीक होगी ? वो थोड़ी लापरवाह है उसने जरूर अपना ख्याल नहीं रखा होगा या फिर मिस्टर दयाल के रेस्त्रो में ज्यादा काम किया होगा।”
Ishan ko Kab ahsas hoga ki vo jiya lo pasand karta h
Ishaan ziya ko pasand krne lga h
Ishaan anjana mein he jiya ko heart kar de tha hai bechari yeh baat se khush thi ki wo propose kar na aaya hai. Par aise tha nhi ishaan jiya ko pasand kar na lag par usko abhi tak ahsaas nhi hua hai.♥️💗♥️♥️💗💗💗💗💗💗💗
Ye kya ho gaya…..Ishaan jaldi se samjho warnaa kahin aesa na ho jaye kab tak tmhe realise ho…..wo tm se dur chali jaye…..
Ishaan nahi bata paya ki voh Bangalore ja raha kahi voh udaas na ho jaye soch kar per Anjane ne usne hurt kar hi diya Jiya ko